Friday, April 19, 2024
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डा.निर्विकल्प अग्रवाल अपहरण कांड का क्राइम सीन पढ़िए

मथुरा। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. निर्विकल्प अग्रवाल का अपहरण, फिरौती की वसूली और पुलिस की कार्यशैली सब कुछ हिंदी फिल्मों जैसा है। डाक्टर अपनी नेकनीयत की वजह से अपहर्ताओं के कब्जे में आए, फिल्मी अंदाज में उनकी पत्नी फिरौती की रकम डाक्टर की गाड़ी में रखकर आयीं। उसके तकरीबन 1.30 घंटे बाद चिकित्सक की रिहाई हो सकी।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार घटना के दिन चिकित्सक अपने हाॅस्पीटल से आम दिनों के मुकाबले करीब एक घंटे पहले निकले। इसकी वजह उस दिन मरीजों का कम आना था। एक क्रेटा गाड़ी महोली रोड पर ही उनका इंतजार कर रही थी। ये गाड़ी यहीं से उनके पीछे लग गई। इस बात की पुष्टि यहीं के एक अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज में हुई।
हाइवे पर ये गाड़ी डाक्टर की गाड़ी का पीछा कर रही थी। गोवर्धन चौराहे के ओवरब्रिज पर बदमाशों की गाड़ी डाक्टर की गाड़ी के आगे आई और उसकी कुछ गति धीमी हो गई, इसी दौरान डाक्टर की गाड़ी बदमाशों की क्रेटा से टकराई। ब्रिज से उतरने के बाद चिकित्सक ने नेकनीयत दिखाते हुए गाड़ी रोककर साॅरी बोलना चाहा लेकिन यहां तो पहले से ही उनके अपहरण की पटकथा लिखी जा चुकी थी। बदमाशों ने उनकी गाड़ी की चाबी निकाल ली और धकेल कर पीछे सीट पर कर दिया। इसके बाद ये गाड़ी हाइवे पर दौड़ती रही।
गाड़ी के अंदर डाक्टर ने एक बार बदमाशों से जूझकर कूदने की कोशिश भी की लेकिन बदमाश पूरी तरह से हावी थे, चिकित्सक को टाॅर्चर करने लगे। उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई। इस पर डाक्टर घबरा गया और पूरी तरह सरेंडर कर दिया। फिरौती के लिए एक करोड़ की मांग की गई। डाक्टर के फोन से ही पत्नी भावना को फोन किया गया। आखिरकार बात 55 लाख पर टिक गई। बदमाश डाक्टर की गाड़ी को उनके घर के पास ले गए और पत्नी एक बैग में रखकर ये रूपए लायीं और गाड़ी की सीट पर रखकर चलीं गई। इसके करीब 1.30 घंटे बाद डाक्टर की रिहाई हो सकी।

आईएमए के पदाधिकारी ने कराई पुलिस से मुलाकात

इस मामले में चिकित्सक की पुलिस से मुलाकात आईएमए के पदाधिकारी ने कराई। पुलिस ने डाक्टर को समझाया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बेवजह का हल्ला होगा, आप हमें शिकायत दे दें हम पूरे मामले का वर्क आउट करने के बाद गुडवर्क दिखा देंगे। ये बाद डाक्टर की समझ में आ गई। पुलिस की स्पेशल टीम के तेज तर्रार अधिकारियों ने हाइवे के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें बदमाशों की क्रेटा गाड़ी मिल गई। इसी मास्टर चाबी से पुलिस ने पूरा मामला खोल दिया। अब पुलिस ने डाक्टर को बरामद रकम को थोड़ा सा हिस्सा दिया और उन्हें रिपोर्ट दर्ज न कराने के लिए मना लिया। डाक्टर के मानने के बाद पुलिस ने डबल गेम खेला, एक तरह बरामद रकम और दूसरी ओर बदमाशों को छोड़ने के लिए मोटी रकम की वसूली। इस पूरे मामले में चिकित्सक ने पुलिस के आला अधिकारी को बताने की कई बार कोशिश की लेकिन अधिकारी ने उन्हें मिलने का समय ही नहीं दिया। ये सोची समझी स्कीम भी हो सकती है और सामान्य घटनाक्रम भी। बहरहाल अब एडीजी अजय आनंद ने एसएसपी शलभ माथुर, एसपी सिटी, सीओ रिफाइनरी, थाना हाइवे एसएचओ सहित दस लोगों को तलब कर लिया। अब खाकी को पसीने छूट रहे है।

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