Monday, December 15, 2025
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संस्कृति विवि में ओपेरा के मंचन पर पूर्व मंत्री ने दिया समरसता का संदेश

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चित्र परिचय, संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मेमोरियल ऑडिटोरियम में पूर्व मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी को स्मृतिचिह्न भेंट करते संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता। साथ में है संस्कृति विश्वविद्यालय की सीईओ डॉक्टर श्रीमती मीनाक्षी शर्मा

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में जार्जिया के एक नाटक की संगीतमय प्रस्तुति(ओपेरा) के दौरान मुख्य अतिथि भारत सरकार की पूर्व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि हमें विरासत और विकास के लिए हमें जड़ों को संरक्षित रखना होगा तभी हम मजबूत होंगे। युवा छात्रों को यह जानना होगा कि हम जो सीखते हैं उससे समाज को क्या दे सकते हैं।
मुख्य अतिथि श्रीमती लेखी ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को बताया कि आज आपको एक अद्भुत अनुभव होने जा रहा है। जार्जिया का यह ओपेरा, मशहूर सोप्रानो मारिया कैलस की विरासत को सम्मान देने के लिए जार्जिया के प्रसिद्ध डायरेक्टर राबर्ट स्टुरुआ द्वारा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी में हम भिन्नता खोजेंगे तो हमें भिन्नता नजर आएगी और समानता खोजेंगे तो समानता नजर आएगी। सत्य तो सत्य होता है और वो एक ही है। उन्होंने बताया कि जार्जिया समुद्र के किनारे एक सुंदर देश है। यहां की विरासत बहुत समृद्ध है। मैंने वहां जाकर बहुत सुंदर प्राकृतिक स्थान देखे और उनकी परंपराओं को देखा। थियेटर की दुनिया में राबर्ट स्टुअरा एक बहुत सम्मानित नाम है आज आपको उनका काम देखने का मौका मिल रहा है। उन्होंने संस्कृति विवि को विज्ञान और तकनीकि की शिक्षा का एक उत्कृष्ट केंद्र बताते हुए यहां के वातावरण की जमकर तारीफ की।
जार्जिया के 90 वर्षीय मशहूर ओपेरा डाइरेक्टर राबर्ट स्टुअरा ने बड़े निराले अंदाज में कहा कि भारत के बारे में बहुत सारी बातें पहले से पता थीं, लेकिन यहां आकर महसूस हुआ कि वो सब जानकारी बहुत कम थीं। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मेरी नातिनी का जिससे विवाह होने जा रहा है उसका नाम कृष्ण है और आज मैं उस कृष्ण की जन्मभूमि पर अपना काम दिखाने आया हूं। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है मैं लगातार यहां के लोगों और यहां की तस्वीरें अपनी नातिनी को भेज रहा हूं। इस दौरान भारत और जार्जिया के बारे में उल्टा-सीधा बताने और दिखाने के लिए बीबीसी की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं किया। उन्होंने बड़े सरल अंदाज में कहा कि मैं कैसा हूं ये आपको मेरा नाटक देखकर ही तय करना होगा।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने जार्जिया से आए निर्देशक राबर्ट स्टुअरा और अन्य सभी कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि आज हम पूर्व मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी का यहां आने पर आभार व्यक्त करते हैं। आपने दिल्ली में महिलाओं के लिए उल्लेखनीय कार्य कर अपनी एक अलग छवि बनाई। हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी और श्रीमती लेखी ने विदेशों में भारत की जो सम्मानजनक छवि बनाई है वो अतुलनीय है। डा. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों से आज के इस अनूठे आयोजन का भरपूर आनंद लेने को कहा। उन्होंने जार्जिया के रुस्तावेली नेशनल थिएटर की भी प्रशंसा की जिसने संस्कृति विवि में अपने ओपेरा को प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। एनजीओ कल्चरल डाइवर्सिटी फॉर पीसफुल फ्यूचर के चेयरमैन और प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, ने भारत और जॉर्जिया के बीच आपसी समझ और लंबे समय तक लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व के बारे में बात की।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृति विवि के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री श्रीमती लेखी का पटुका ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता द्वारा राबर्ट स्टुअरा और सभी कलाकारों का गर्मजोशी के साथ सम्मान किया गया। अंत में संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम का समग्र समन्वय और प्रबंधन संस्कृति यूनिवर्सिटी के इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. गजेंद्र सिंह ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम का संचालन संस्कृति विवि की ज्योति यादव ने किया।

चित्र परिचय, संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मेमोरियल ऑडिटोरियम में जॉर्जिया के कलाकार ओपेरा की प्रस्तुति देने के बाद दर्शकों का अभिवादन करते हुए।

संस्कृति विवि में जार्जिया के मशहूर ओपेरा मारिया कैलस मास्टरक्लास का मंचन

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में जार्जिया के जार्जिया के रुस्तावेली नेशनल थिएटर द्वारा रॉबर्ट स्टुरुआ के निर्देशन में मारिया कैलस मास्टर क्लास नाटक की संगीतमय प्रस्तुति(ओपेरा) ने सभी का दिल जीत लिया। जबर्दस्त अभिनय, डायलॉद डिलीवरी और मंच सज्जा का अद्भुत सम्मिश्रण देखने को मिला। संस्कृति विवि के विद्यार्थियों के लिए यह एक अनूठा यादगार अनुभव रहा।
यह अनूठा आयोजन जॉर्जिया की मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर और रुस्तवेली नेशनल थिएटर के बीच एक कोलेबोरेशन के अंतर्गत हुआ है। इसमें मशहूर सोप्रानो मारिया कैलस की विरासत को सम्मान देने के लिए डिज़ाइन किया गया एक प्रभावशाली अनुभव है। जॉर्जिया के एक मशहूर डायरेक्टर राबर्ट स्टुअरा, मारिया कैलस मास्टरक्लास नाम के एक “मशहूर” ओपेरा(संगीतमय नाटक) शोकेस से जुड़े हैं। रॉबर्ट स्टुरुआ को हालांकि उन्हें मुख्य रूप से थिएटर में एक महान हस्ती के रूप में जाना जाता है, खासकर रुस्तवेली नेशनल थिएटर के साथ उनके काम के लिए, स्टुरुआ का इस ओपेरा-थीम वाले मास्टरक्लास का डायरेक्शन उनके क्रॉस-डिसिप्लिनरी प्रभाव को दिखाता है। ओपेरा में, स्टेज डायरेक्टर किरदारों की हरकतों और पूरी स्टेजिंग को राबर्ट सुटुअरा ने बखूबी अंजाम दिया। रॉबर्ट स्टुरुआ विलियम शेक्सपियर के कामों के अपने उलटे-सीधे और मेटाफरिकल मतलब निकालने के लिए जाने जाते हैं।
जॉर्जियाई भाषा में होने के बावजूद, नाटक ने अपने दमदार प्रस्तुतिकरण और सार्वभौमिक भावनात्मक अपील के ज़रिए दर्शकों के साथ गहरा जुड़ाव बनाया। यह कार्यक्रम जॉर्जिया के संस्कृति मंत्रालय और एनजीओ कल्चरल डाइवर्सिटी फॉर पीसफुल फ्यूचर के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमें जाने-माने जॉर्जियाई कलाकारों को संस्कृति यूनिवर्सिटी के मंच पर लाया गया। जॉर्जियाई भाषा में होने के बावजूद, नाटक ने अपने दमदार परफॉर्मेंस और सार्वभौमिक भावनात्मक अपील के ज़रिए दर्शकों के साथ गहरा जुड़ाव बनाया। यह सांस्कृतिक शाम इस बात का एक उल्लेखनीय उदाहरण थी कि कैसे थिएटर सीमाओं, भाषाओं और संस्कृतियों से परे होता है, जो भारत और जॉर्जिया के साझा मूल्यों और समृद्ध कलात्मक विरासत को मज़बूत करता है।

राजीव एकेडमी के नौ एमबीए छात्र-छात्राओं की ऊंची उड़ान

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के-12 टेक्नो सर्विसेज प्रा.लि. में 6 लाख सालाना पैकेज पर चयन
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए (बैच 2024–2026) के विद्यार्थियों ने एक बार फिर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए संस्थान को गौरवान्वित किया है। हाल ही में प्रतिष्ठित शिक्षा सेवा प्रदाता कम्पनी के-12 टेक्नो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित कैम्पस प्लेसमेंट में एमबीए के नौ विद्यार्थियों का 6 लाख रुपये सालाना पैकेज पर चयन हुआ है। यह उपलब्धि विद्यार्थियों की शैक्षणिक दक्षता, व्यावसायिक कौशल और संस्थान की उद्योग-उन्मुख शिक्षण प्रणाली को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि के-12 टेक्नो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भारत की अग्रणी और तेजी से विकसित हो रही शिक्षा सेवा प्रदाता कम्पनी है। वर्ष 2010 में स्थापित कम्पनी का मुख्यालय बेंगलुरु में है। यह कम्पनी देशभर के के-12 स्कूलों को अकादमिक, प्रशासनिक, तकनीकी एवं संचालन से जुड़े व्यापक समाधान प्रदान करती है। यह कम्पनी हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम, कोलकाता, पुणे जैसे प्रमुख महानगरों में 110 से अधिक स्कूलों के नेटवर्क के साथ शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रही है।
डॉ. जैन ने बताया कि चयनित विद्यार्थियों में अनुपम चतुर्वेदी (एमबीए), आशीष सिंह (एमबीए), लवली कुशवाह (एमबीए), लवली शर्मा (एमबीए), माधव माहेश्वरी (एमबीए), राघव गुप्ता (एमबीए), शिवम (एमबीए), वरुण सोलंकी (एमबीए) एवं योगेश कुमार (एमबीए) शामिल हैं। डॉ. विकास जैन ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि संस्थान की सुदृढ़ ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रक्रिया का परिणाम है। उन्होंने कहा कि एमबीए विद्यार्थियों को नियमित रूप से इंडस्ट्री-रेडी स्किल्स, सॉफ्ट स्किल्स, केस स्टडीज़, मॉक इंटरव्यू और कॉर्पोरेट एक्सपोज़र प्रदान किया जाता है, ताकि वे वास्तविक व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि संस्थान का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित न रखते हुए उन्हें व्यावहारिक, आत्मविश्वासी और उद्योग-उन्मुख पेशेवर बनाना है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के प्लेसमेंट विद्यार्थियों को अपने करियर के प्रति स्पष्ट दृष्टि प्रदान करते हैं और उन्हें भविष्य की जिम्मेदारियों के लिए तैयार करते हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि 6 लाख रुपये सालाना के आकर्षक पैकेज पर के-12 टेक्नो सर्विसेज जैसी प्रतिष्ठित कम्पनी में चयनित होना विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, अनुशासन और संस्थान की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था का प्रमाण है। उन्होंने यह भी कहा कि राजीव एकेडमी निरंतर उद्योग के साथ मजबूत संबंध स्थापित कर विद्यार्थियों के लिए श्रेष्ठ प्लेसमेंट अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्लेसमेंट उपलब्धि न केवल चयनित विद्यार्थियों के लिए बल्कि पूरे संस्थान के लिए प्रेरणास्पद है।
चित्र कैप्शनः के-12 टेक्नो सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के कैम्पस प्लेसमेंट में शामिल छात्र-छात्राएं।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल की बेटियों ने फहराया अपनी मेधा का परचम

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अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड में रौनिका नागपाल का जलवा
इंटरनेशनल कम्प्यूटर साइंस ओलम्पियाड में विवान सारस्वत का कमाल
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं हर क्षेत्र में कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं। हाल ही में राजीव इंटरनेशनल स्कूल की बेटियों रौनिका नागपाल, जिनीषा जुरैल तथा विवान सारस्वत ने अपनी मेधा और बौद्धिक कौशल से अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड तथा इंटरनेशनल कम्प्यूटर साइंस ओलम्पियाड में शानदार सफलता हासिल कर समूचे ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।
विद्यालय की प्राचार्या प्रिया मदान ने बताया कि हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड और इंटरनेशनल कम्प्यूटर साइंस ओलम्पियाड में आरआईएस की छात्राओं ने शानदार सफलता हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड में विद्यालय की छात्रा रौनिका नागपाल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छठी तो जोनल स्तर पर चौथी रैंक हासिल की। इसी तरह जिनीषा जुरैल ने जोनल स्तर पर चौथी रैंक हासिल कर अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा मनवाया। सफलता की इसी कड़ी में विवान सारस्वत ने इंटरनेशनल कम्प्यूटर साइंस ओलम्पियाड में नेशनल स्तर पर 48वीं तथा जोनल स्तर पर 10वीं रैंक हासिल कर विद्यालय का नाम रोशन किया।
प्राचार्या प्रिया मदान ने बताया कि इन तीनों छात्राओं को शानदार सफलता के लिए आयोजकों की तरफ से सर्टिफिकेट, मेडल और कैश प्राइज प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रौनिका नागपाल को रुपये 500 का गिफ्ट वाउचर तथा रुपये 1637 का चैक एवं जिनीषा जुरैल को रुपये 1637 रुपए का चैक देकर सम्मानित किया गया। प्राचार्या प्रिया मदान ने छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय हिन्दी और इंटरनेशनल कम्प्यूटर साइंस ओलम्पियाड में शानदार सफलता हासिल करने वाली छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्कूल-कॉलेजों का उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान देना ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा कोई भी हो जो बच्चा ईमानदारी से मेहनत करेगा, सफलता उसी के कदम चूमेगी।
स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां हर समस्या का समाधान है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे की सीखने की क्षमता को लेकर चिंतित रहते हैं। राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रत्येक बच्चे को जल्दी और प्रभावी ढंग से सीखने, कल्पना करने, ध्यान केंद्रित करने के लिए लगातार प्रशिक्षित करता है ताकि वह अपने मस्तिष्क को पहले से कहीं अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग में ला सकें। श्री अग्रवाल ने कहा कि आरआईएस का उद्देश्य छात्र-छात्राओं के ज्ञान और कौशल में इजाफा करना है ताकि वे प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की नई इबारत लिख सकें।
चित्र कैप्शनः अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ओलम्पियाड में सफलता हासिल करने वाली छात्राएं।

मथुरा रिफाइनरी में भारतीय सेना की 801 इंजीनियरिंग रेजीमेंट (रिफाइनरी एवं पाइपलाइन )का तकनीकी अभ्यास!

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मथुरा। भारतीय सेना की इंजीनियर्स रेजिमेंट (आर एंड पी) 8 से 13 दिसंबर 2025 के बीच इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की मथुरा रिफाइनरी में एक व्यापक और उन्नत तकनीकी अभ्यास कर रही है। इस संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना के जवानों को देश की महत्वपूर्ण ऊर्जा अवसंरचना के संचालन, सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन तंत्र से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराना है।

अभ्यास के दौरान सेना के अधिकारी और जवान रिफाइनरी की प्रमुख प्रक्रिया इकाइयों—क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट, हाइड्रोजन जनरेशन यूनिट, ऊर्जा संरक्षण प्रणाली, टैंक फार्म क्षेत्र तथा पाइपलाइन इनपुट/आउटपुट सुविधाओं का गहन अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञों की अगुवाई में विस्तृत तकनीकी प्रस्तुतीकरण, फील्ड विज़िट और प्रायोगिक सत्र आयोजित हो रहे हैं, जिनसे सैनिकों को कच्चे तेल के प्रसंस्करण, ऊर्जा प्रबंधन तथा जोखिम नियंत्रण प्रक्रियाओं की गहरी समझ विकसित हो रही है।

आईओसीएल मथुरा रिफाइनरी के तकनीकी सेवाओं, उत्पादन, पाइपलाइन तथा अग्नि एवं सुरक्षा विभाग अभ्यास में भाग लेने वाली टुकड़ी को सतत सहयोग प्रदान कर रहे हैं। अधिकारी रिफाइनरी की उन्नत सुरक्षा प्रणाली, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल और संचालन प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी साझा कर रहे हैं।

इंजीनियर्स रेजिमेंट (आर एंड पी) भारतीय सेना की उन चुनिंदा इकाइयों में शामिल है, जिसे ऊर्जा एवं पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़े संचालन, रखरखाव और संकट प्रबंधन में विशेष दक्षता प्राप्त है। युद्धकालीन परिस्थितियों या राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान पेट्रोलियम आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता बनाए रखने में यह रेजिमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आईओसीएल और भारतीय सेना के बीच इस तरह के नियमित संयुक्त अभ्यास ऊर्जा अवसंरचना की सुरक्षा, तकनीकी समन्वय, परस्पर सहयोग और आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बदलते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में इस तरह की साझा तैयारी देश के सामरिक हितों के लिए आज अत्यावश्यक हो गई है।

संस्कृति विवि में संभाषण प्रतियोगिताओं में जमकर बोले विद्यार्थी

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित संभाषण प्रतियोगिता में विकसित भारत पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते छात्र।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन द्वारा “विकसित भारत @2047” विषय पर विवि के विभिन्न स्कूलों के मध्य भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें छात्रों ने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में भाषण दिए। विद्यार्थियों में विकसित भारत के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने, सार्वजनिक मंच पर अपने विचारों को प्रस्तुत करने के कौशल, युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय प्रगति के बारे में आलोचनात्मक और रचनात्मक रूप से सोचने के लिए प्रेरित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री रिया वर्धन सक्सेना के स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने प्रतियोगिता और उसके उद्देश्यों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। प्रतिभागियों ने भारत के विकास पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए, जिसमें शिक्षा, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामाजिक सद्भाव जैसे क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया। अंग्रेजी में हुई भाषण प्रतियोगिता में तृप्ति (बी.ए. मनोविज्ञान), शिवा (बी.ए. बी.एड.), कृष (बी.ए. बी.एड.) विजेता घोषित किए गए। वहीं हिंदी संभाषण प्रतियोगिता में आशिका (बी.ए. मनोविज्ञान), सौरभ ( बीएमएस), अग्रज (बी.ए. बी.एड.) और संस्कृत संभाषण प्रतियोगिता में खुशी (बीएमएस),विजय (बीएमएस), अभिनव (बीएमएस) विजेता घोषित किए गए। विजयी सभी 9 विद्यार्थी गोरखपुर में होने वाली अंतर-राज्य प्रतियोगिता में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व करेंगे। निर्णायक सुश्री पूजा सहगल ने प्रतिभागियों का मूल्यांकन कंटेंट, स्पष्टता, आत्मविश्वास और ओवरऑल प्रेजेंटेशन के आधार पर किया। छात्रों ने बेहतरीन बोलने की कला, क्रिएटिविटी और ज्ञान का प्रदर्शन किया, जो 2047 तक एक प्रगतिशील भारत के लिए उनके विजन को दिखाता है। इस इवेंट ने बौद्धिक जुड़ाव और प्रेरणा का माहौल बनाया, जिससे सभी प्रतिभागियों को भारत के भविष्य के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया गया। विजेताओं को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट और पुरस्कार दिए गए, और सभी प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की गई। कार्यक्रम के समन्वयक सुश्री रिया वर्धन सक्सैना और देवांशु सिंह थे।

मेडिकल छात्र-छात्राओं ने लिया राष्ट्र निर्माण का संकल्पकेडी मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुआ एनएमओ का अभ्यास वर्गछात्र-छात्राओं को दी बेसिक लाइफ सपोर्ट और तनाव प्रबंधन की जानकारी

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मेडिकल छात्र-छात्राओं ने लिया राष्ट्र निर्माण का संकल्प
छात्र-छात्राओं को दी बेसिक लाइफ सपोर्ट और तनाव प्रबंधन की जानकारी
मथुरा। नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) मथुरा द्वारा के.डी. मेडिकल कॉलेज में आयोजित ब्रज प्रांत के अभ्यास वर्ग में ब्रज प्रांत अध्यक्ष डॉ. प्रशांत गुप्ता के मार्गदर्शन में 15 मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्र निर्माण और देशभक्ति के लिए प्रेरित किया गया। अभ्यास वर्ग को चार प्रमुख भागों में विभाजित किया गया जिसमें मेडिकल छात्र-छात्राओं को बेसिक लाइफ सपोर्ट और तनाव प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया।
अभ्यास वर्ग का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और एनएमओ मंत्र के साथ हुआ। कुल सचिव केडी विश्वविद्यालय डॉ. विकास अग्रवाल ने मुख्य अतिथि संत प्रवर स्वामी अनंतवीर्य दास (अक्षय पात्र फाउंडेशन), राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत महापात्रा, केशव माधव चिकित्सालय के संचालक डॉ. संदीप बंसल, एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के प्राचार्य और अध्यक्ष एनएमओ ब्रज प्रांत डॉ. प्रशांत गुप्ता, प्रसिद्ध कैंसर रोग विशेषज्ञ और उपाध्यक्ष एनएमओ ब्रज प्रांत डॉ. मनीष पांडेय, सचिव एनएमओ ब्रज प्रांत डॉ. अंकुर गोयल, डॉ. पवन गुप्ता एनएमओ मार्गदर्शक मंडल, डॉ. विवेक मिश्रा प्रांत उपाध्यक्ष तथा जाने-माने मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंह आदि का स्वागत किया।
अभ्यास वर्ग के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि अजीत महापात्रा ने छात्र-छात्राओं को आध्यात्मिक ज्ञान, मूल्य आधारित जीवनशैली और आत्मबोध से संबंधित महत्वपूर्ण संदेश दिए। उनके विचारों ने छात्र-छात्राओं को गहराई से प्रभावित किया। द्वितीय सत्र में डॉ. अंकुर गोयल ने एनएमओ के पिछले वर्षों के कार्यों, संगठन के सिद्धांतों तथा समाजसेवा में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे चिकित्सक केवल इलाज ही नहीं बल्कि एक उत्कृष्ट मानव के रूप में भी समाज में योगदान दे सकते हैं।
तृतीय सत्र में डॉ. शिवांगी अग्रवाल, डॉ. जयेश शाकिर और डॉ. गौरव जिंदल द्वारा छात्र-छात्राओं को बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) पर प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र में छात्र-छात्राओं को न केवल सैद्धांतिक जानकारी दी गई बल्कि प्रायोगिक अनुभव भी कराया गया। चिकित्सकों ने बताया कि बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) केवल आपातकालीन कौशलों का एक समूह नहीं है बल्कि यह जीवनरक्षक अभ्यास है जो हमें संकट के समय आत्मविश्वास से कार्य करने के लिए सशक्त बनाता है। इस सत्र में विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और आपातकालीन स्थितियों में सही कदम उठाने की तकनीकें सीखीं।
अभ्यास वर्ग के अंतिम सत्र में जाने-माने मनोचिकित्सा रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंह ने भारतीय प्राचीन चिकित्सा एवं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के समन्वय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आध्यात्मिक ज्ञान के महत्व पर भी अपने अनुभव साझा किए। इस सत्र में छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गये सवालों से संवादात्मक वातावरण बना रहा। अंत में डॉ. मनीष पांडेय ने एनएमओ की चल रही गतिविधियों और भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। डॉ. पांडेय के सत्र में छात्र-छात्राओं ने खुलकर अपने विचार साझा किए।
डॉ. पवन गुप्ता ने अपने प्रेरणादायक सम्बोधन में छात्र-छात्राओं को राष्ट्र निर्माण और देशभक्ति के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन द्वारा भविष्य में किए जाने वाले कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी देते हुए उसमें सहभागिता का आह्वान किया। समापन अवसर पर डॉ. अंकुर गोयल और डॉ. गौरव सिंह ने अभ्यास वर्ग में शामिल अतिथियों, शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।
चित्र कैप्शनः नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन के प्रांतीय अभ्यास वर्ग में शामिल अतिथि वक्ता।

अलीगढ़ की किशोरी के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सक बने भगवान

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सर्जरी के माध्यम से भोजन करने में असमर्थ बुशरा की आहार नली बनाई
डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम को सर्जरी में लगे लगभग नौ घंटे
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम गांव चंडौस, तहसील गभाना, जिला अलीगढ़ निवासी किशोरी बुशरा (18) पुत्री इलियास के लिए भगवान साबित हुई। चिकित्सकों ने लगभग नौ घंटे के अथक प्रयासों के बाद सर्जरी के माध्यम से पिछले आठ महीने से भोजन करने में असमर्थ बुशरा को नई आहार नली बनाकर नवजीवन दिया है। अब बुशरा पूरी तरह से स्वस्थ है तथा सामान्य तरीके से भोजन करने लगी है। उसका वजन भी बढ़ने लगा है।
जानकारी के अनुसार लगभग आठ महीने पहले चंडौस, तहसील गभाना, जिला अलीगढ़ निवासी बुशरा पुत्री इलियास ने आंखों से न दिखाई देने के चलते एसिड पी लिया था। एसिड के चलते उसकी आहार नली सिकुड़ गई थी तथा वह कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ हो गई। किशोरी का जीवन बचाने उसे अस्थायी नली से भोजन दिया जा रहा था। बुशरा की परेशानी को देखते हुए परिजन उसे अलीगढ़ के साथ आगरा के चिकित्सालयों में भी ले गए लेकिन चूंकि आहार नली का ऊपरी हिस्सा ही सिकुड़ गया था लिहाजा हर चिकित्सक ने सर्जरी करने से मना कर दिया। आखिरकार लोगों की सलाह पर किशोरी को 11 नवम्बर, 2025 को के.डी. हॉस्पिटल लाया गया।
विशेषज्ञ गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने पुराने पर्चे और जांच रिपोर्ट देखने के बाद किशोरी बुशरा का रंगीन एक्सरे तथा एंडोस्कोपी कराई, जिससे पता चला कि एसिड की वजह से उसकी आहार नली ऊपर से नीचे तक सिकुड़ गई है। डॉ. मूंदड़ा ने परिजनों को सर्जरी की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 12 नवम्बर को डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम द्वारा किशोरी की आंतों को आठ जगह से काटकर नई आहार नली (इसोफेगस) बनाई गई। बेहद जोखिम भरी इस सर्जरी में चिकित्सकों को लगभग नौ घंटे का समय लगा। सर्जरी पूरी तरह सफल रही। डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि इस सर्जरी की सबसे बड़ी चुनौती आहार नली के पास स्थित वायस बाक्स को सुरक्षित रखना था। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का सहयोग डॉ. यतीश, डॉ. अपूर्वा, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. निशांत, डॉ. शिवांगी अग्रवाल, टेक्नीशियन शिवम और नीरज ने किया।
12 नवम्बर को सर्जरी के बाद किशोरी बुशरा को 15 दिनों तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया। जब उसने स्वयं से भोजन करना शुरू कर दिया, तब उसे छुट्टी दे दी गई। चिकित्सक नियमित तौर पर फोन या फालोअप के लिए के.डी. हॉस्पिटल बुलाकर उसके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि के.डी. हॉस्पिटल में सर्जरी के माध्यम से आहार नली बनाने का यह 12वां सफल केस है। उन्होंने बताया कि बुशरा की सर्जरी दिल्ली के मुकाबले के.डी. हॉस्पिटल में 10 गुना कम पैसे में हुई है। किशोरी के पूरी तरह से स्वस्थ होने पर परिजनों ने चिकित्सकों का आभार माना है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह ने सफल सर्जरी के लिए डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम को बधाई देते हुए किशोरी बुशरा के स्वस्थ, सुखद जीवन की कामना की है।

चित्र कैप्शनः बुशरा और उसकी सर्जरी करने वाली के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम।

संस्कृति विवि की एनएसएस यूनिट ने संविधान के प्रति किया जागरूक

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में एक कार्यक्रम के दौरान संविधान की रक्षा करने की शपथ लेते विद्यार्थी।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) यूनिट ने संविधान दिवस पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया। इस मौके पर वक्ताओं ने संविधान में वर्णित कर्त्तव्यों का पालन करने और समाज के हितों में कार्य करने पर जोर दिया।
विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित संविधान दिवस पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नीलम कुमारी ने विशेष रूप से युवाओं की भूमिका पर जोर दिया, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निबाहते हैं। उन्होंने बताया कि एनएसएस स्वयंसेवक संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करके समाज में सार्थक योगदान दे सकते हैं। डॉ. आदित्य ओझा, सहायक प्रोफेसर, विधि विभाग ने संविधान संविधान निर्माण की प्रक्रिया, डॉ. भीमराव अम्बेडकर की भूमिका, मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य, लोकतांत्रिक भागीदारी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान के ऐतिहासिक महत्व से विद्यार्थियों को अवगत कराया।
इस अवसर छात्रों की रचनात्मक और बौद्धिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए क्विज़,निबंध और पोस्टर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी एनएसएस स्वयंसेवकों, फैकल्टी सदस्यों और कर्मचारियों द्वारा संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से हुई। कुल 29 एनएसएस स्वयंसेवकों और 6 फैकल्टी सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उनकी सक्रिय सहभागिता ने लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक जिम्मेदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाया। विभिन्न कार्यक्रमों का समन्वयक संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉ. के. के. पराशर ने किया, जिन्होंने दैनिक जीवन में संवैधानिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान में निहित मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और मार्गदर्शक मूल्यों के बारे में विद्यार्थियों को बताया और सक्रिय नागरिकता, उत्तरदायित्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित किया। अंत में सभी प्रतिभागियों ने संविधान की रक्षा करने और राष्ट्र-निर्माण में योगदान देने की राष्ट्रीय प्रतिज्ञा ली।

के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में हैंड्स-ऑन वर्कशॉप आयोजित

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बच्चों के दांतों के गलत संरेखण को न करें नजरंदाजः डॉ. दीपेश प्रजापति
मथुरा। बच्चों में दांतों का गलत संरेखण (टेढ़े-मेढ़े दांत) एक आम समस्या है, जो आनुवांशिकी, अंगूठा चूसना, मुंह से सांस लेना या दूध के दांतों के जल्दी गिरने जैसे कारकों से होती है। यह अक्सर बड़े होने पर अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में ऑर्थोडोंटिक उपचार (ब्रेसेस या अलाइनर्स) की आवश्यकता होती है, इसलिए दंत चिकित्सक से नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य की समस्याओं से बचा जा सके। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा में आयोजित हैंड्स-ऑन वर्कशॉप में मुख्य वक्ता डॉ. दीपेश प्रजापति ने भावी दंत चिकित्सकों और फैकल्टी सदस्यों को बताईं।
डॉ. दीपेश प्रजापति ने “फ़्यूचर रेडी पीडियाट्रिक प्रैक्टिस-अनलॉकिंग अलाइनर थेरेपी फॉर किड्स” विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बच्चों में दांतों के संरेखण की समस्याएं आम हैं। ये उनके दांतों के आपस में जुड़ने और उनके मुंह के विकास को प्रभावित कर सकती हैं। संरेखण की कुछ सबसे आम समस्याओं में टेढ़े-मेढ़े दांत, उनके बीच गैप और काटते समय दांतों का ठीक से न मिलना शामिल हैं। ये समस्याएं, जिन्हें मैलोक्लुजन कहा जाता है, आनुवंशिकी, दंत रोगों और अंगूठा चूसने जैसी मौखिक आदतों के कारण हो सकती हैं।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि बचपन में ही ऑर्थोडोंटिक उपचार शुरू करने के कई लाभ हैं। इससे बच्चे की मुस्कान और चेहरे की बनावट में सुधार आ सकता है, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। शुरुआती उपचार में अक्सर सरल तरीकों का इस्तेमाल होता है और बाद में जटिल प्रक्रियाओं की ज़रूरत कम हो जाती है। इस अवस्था में बच्चे आमतौर पर बेहतर सहयोग करते हैं, जिससे प्रक्रिया आसान हो जाती है। साथ ही समस्याओं का जल्दी समाधान करने से आगे चलकर दांत निकालने या जबड़े की सर्जरी जैसी गम्भीर समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। कुल मिलाकर, जल्दी उपचार शुरू करने से बच्चे के मौखिक स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक परिणाम बेहतर होते हैं।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि पारम्परिक ब्रेसेस वर्षों से पसंदीदा समाधान रहे हैं, लेकिन आधुनिक दंत चिकित्सा ने एलाइनर्स को अधिक आरामदायक और विवेकपूर्ण विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है लिहाजा बच्चों की प्रभावी मौखिक देखभाल के लिए सही एलाइनर चुनना बेहद जरूरी है। यह व्याख्यान आधुनिक क्लीनिकल प्रैक्टिस से जुड़ी नवीनतम जानकारियों, स्पष्ट अवधारणाओं और आवश्यक व्यावहारिक सुझावों से परिपूर्ण रहा। हैंड्स-ऑन सत्र ने प्रतिभागियों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन में सीखे गए तकनीकी कौशलों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया, जिससे सीखने की प्रक्रिया और सशक्त हुई।
सीडीई की सफलता में कमेटी सदस्य डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज गौड़, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. राजीव एवं डॉ. जूही का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सीडीई में विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल गुप्ता, डॉ. अजय नागपाल एवं डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने रिसोर्स परसन डॉ. दीपेश प्रजापति का आभार मानते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विकास, कौशल वृद्धि और व्यावसायिक उत्कृष्टता को नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करते हैं।
चित्र कैप्शनः रिसोर्स परसन डॉ. दीपेश प्रजापति के साथ संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने फहराया अपनी मेधा का परचम

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एमबीबीएस 2023 की सेकेंड प्रोफेशनल परीक्षा में शत-प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण
35 छात्र-छात्राओं ने पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी में हासिल की विशेष योग्यता
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज मथुरा ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एमबीबीएस 2023 सत्र के छात्र-छात्राओं ने अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा आयोजित सेकेंड प्रोफेशनल परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता हासिल कर अपनी मेधा का परचम फहराया है। एमबीबीएस परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता हासिल करने वाले 35 छात्र-छात्राओं ने पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में विशेष योग्यता हासिल कर ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।
एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की इस शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने इसे बड़ी उपलब्धि मानते हुए सभी विभागाध्यक्षों और प्राध्यापकों को हार्दिक बधाई दी तथा सफलता के इस क्रम को निरंतर बनाए रखने का आह्वान किया। प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं की इस सफलता पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
सम्मान समारोह में सभी विभागाध्यक्षों ने जहां केक काटकर खुशी का इजहार किया वहीं प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. परिणीता सिंह, विभागाध्यक्ष फार्माकोलॉजी डॉ. आशुतोष सिंह तथा विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. वरुणा गुप्ता का पुष्प-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। प्राचार्य डॉ. अशोका ने प्राध्यापकों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सफलता छात्र-छात्राओं की लगन और मेहनत के साथ ही आप लोगों के कुशल मार्गदर्शन से ही मिली है। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस 2023 सत्र के छात्र-छात्राओं ने प्रथम प्रोफेशनल परीक्षा में भी शत-प्रतिशत सफलता हासिल की थी।
डॉ. अशोका ने कहा कि एक दशक में ही प्रदेश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में के.डी. मेडिकल कॉलेज का शुमार होना हम सबके लिए गौरव की बात है। डॉ. अशोका ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज का परीक्षा परिणाम जहां शत-प्रतिशत रहा वहीं पैथोलॉजी में 13, फार्माकोलॉजी में 17 तथा माइक्रोबायोलॉजी में पांच छात्र-छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल कर इस खुशी में चार चांद लगा दिए। यशी अग्रवाल ने पैथोलॉजी में 82.67 प्रतिशत, जतिन अग्रवाल ने फार्माकोलॉजी में 81 प्रतिशत तथा राजीव सिंह ने माइक्रोबायोलॉजी में 79.33 प्रतिशत अंकों के साथ अंकतालिका में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने सभी प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल चाहते हैं कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को क्वालिटी की शिक्षा मिले। के.डी. मेडिकल कॉलेज से छात्र-छात्राएं सिर्फ डिग्री लेकर नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक बनकर निकलें। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक सफलता खुशी देती है लेकिन हमें निरंतर कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह ने कहा कि मेडिकल शिक्षा पास करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी एक अच्छा चिकित्सक बनना भी है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं शिक्षा को बोझ न समझें बल्कि कक्षा में नियमित जाएं तथा प्राध्यापकों के बताए रास्ते पर चलकर अपने सपनों को साकार करें। सम्मान समारोह में सभी विभागाध्यक्षों ने छात्र-छात्राओं की सफलता पर अपने-अपने अनुभव साझा किए।
चित्र कैप्शनः केक काटते हुए विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. परिणीता सिंह साथ में हैं प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल। दूसरे चित्र में प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह के साथ प्राध्यापकगण।