Sunday, August 3, 2025
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एक्सीडेंट शिल्डर प्रोजेक्ट के लिए वीपीएस के विक्रम जाना को मिला इस्पायर अवार्ड

-भारत सरकार के विज्ञान व तकनीकी विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में वृंदावन पब्लिक स्कूल का श्रेष्ठ प्रदर्शन

-भारत सरकार से मिली 10,000 रुपए की अनुदान राशि

वृंदावन। जब युवा मन राष्ट्र निर्माण व नवनिर्माण में तकनीक की चिंगारी लेकर आगे बढ़ते हैं तब नवाचार जन्म लेता है। वृंदावन पब्लिक स्कूल के ऐसे ही होनहार छात्र ने अपनी कल्पना शक्ति, परिश्रम व विज्ञान के प्रति जुनून से विद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है।
इसी क्रम में डीएवी इण्टर कालेज मथुरा में आयोजित की गयी। इस प्रदर्शनी मे वृंदावन पब्लिक स्कूल से इस्पायर अवार्ड योजना में वर्ष 2023-24 मे 38 व वर्ष 2024-25 में चयनित 108 छात्र छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। वीपीएस स्टूडेंट प्रोजेक्ट एक्सीडेंट शील्डर को भी इसके लिए चुना गया।
संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा मुकेश कुमार ने कार्यक्रम की अतिथि के रूप में शामिल हुए।
गौरतलब है कि मथुरा मार्ग स्थित वीपीएस के कक्षा दसवीं के सत्र 2023- 24 के छात्र मास्टर विक्रम जाना ने ‘इंस्पायर अवार्ड – मानक’ में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे विद्यालय का नाम रोशन किया। सरकार द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में विक्रम ने अपने अद्भुत प्रोजेक्ट’ एक्सीडेंट शिल्डर ‘के लिए भारत सरकार से 10,000 रुपए की अनुदान राशि प्राप्त की है। यह मौलिक व अद्भुत प्रोजेक्ट ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने हेतु तकनीक पर आधारित है। यह सम्मान भारत सरकार के विज्ञान व तकनीकी विभाग द्द्वारा उन छात्रों को दिया जाता है जिनके विचार समाज के लिए नवाचार ला सकते हैं।
इस पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान और तकनीकी में रुचि रखने वाले बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करना है । छात्र की इस सफलता पर प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार राष्ट्रीय सेवा के प्रति विक्रम की सफलता के पीछे उनके विज्ञान शिक्षकों का मार्गदर्शन और उनकी मेहनत लगन, प्रतिभा का बड़ा योगदान है। संपूर्ण वी पी एस परिवार ने छात्र को उसकी इस अभूतपूर्व सफलता पर बधाई दी।

चित्र परिचयःडा. गजेंद्र सिंह

संस्कृति विश्वविद्यालय ने 10 स्टार्टअप्स को दी 10 लाख की ग्रांट
अब एग्रीटेक और बायोटेक स्टार्टअप्स को लगेंगे पंख
मथुरा। भारत में स्टार्टअप संस्कृति को सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत में नवाचार को जमीनी स्तर तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, संस्कृति विश्वविद्यालय ने डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी-इन्क्लुसिव टेक्नलाजी बिजनेस इंक्युबेटर(डीएसटी-आईटीबी) योजना के तहत 10 नवोन्मेषी स्टार्टअप्स को चयनित किया है। प्रत्येक स्टार्टअप को ₹10 लाख की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। यह पहल न केवल एग्रीटेक और बायोटेक क्षेत्रों में नवाचार को गति प्रदान करेगी, बल्कि यह कृषि, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।
संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डा.गजेंद्र सिंह ने बताया कि चयन समिति के समक्ष चयन के लिए 27 इनोवेटिव आइडिया प्रस्तुत किए गए। चयन प्रक्रिया 17 जुलाई को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की गई, जिसमें दो स्लॉट्स में इनोवेटिव आइडियाज प्रस्तुत किए गए। पहले स्लॉट में 10 स्टार्टअप ने प्रस्तुति दी, जिनमें से चार स्टार्टअप्स चयनित हुए। दूसरे स्लॉट में 17 स्टार्टअप ने भाग लिया, जिनमें से 6 स्टार्टअप्स का चयन किया गया। इस चयन प्रक्रिया का मूल्यांकन डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी की टीम और एक विशिष्ट विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया, जिसमें तकनीकी दक्षता, नवाचार की प्रासंगिकता, व्यावसायिक मॉडल की व्यवहार्यता और सामाजिक प्रभाव जैसे मानदंडों को प्रमुखता दी गई।
स्टार्टअप के लिए बनी चयन समिति में संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. (डॉ.) एम. बी. चेट्टी, आईसीएआर के पूर्व कुलपति डॉ. पी. जी. चेंगप्पा, DST, नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. सी. एस. यादव, वैज्ञानिक, हीथा एग्री फिनटेक प्रा.लि. के संस्थापक एवं सीईओ डॉ. जगदीश सुंकड़, सीटीआई, केएलई टेक युनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. विनायक, सस्कृति विवि स्कूल आफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. कंचन के. सिंह, शारदा लांचपैड शारदा विवि के सीईओ अनुराग पांडे, पीसीआईटी कानपुर के सीईओ अनुराग धवन, संस्कृति विवि के इंक्युबेटर सेंटर के सीईओ डॉ. गजेन्द्र सिंह शामिल थे।
चयन प्रक्रिया के दौरान गायोनिज, इको विबीज, ग्रीन शिफ्ट, एसएम एंटरप्राइज, घाड नेचुरल प्रा.लि., महक, टेकनाइट एजुटेक प्रा.लि., जीएस एंटरप्राइज(भूमि भूम एआई), एग्रीनिरी एवरग्रीन प्राइवेट लि. के इनोटिव आईडियाज का स्टार्टअप के लिए चयन किया गया।
डा. गजेंद्र सिंह ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा चयनित स्टार्टअप्स न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के ग्रामीण इलाकों में तकनीकी बदलाव की अग्रदूत बन सकते हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय का यह प्रयास राष्ट्रीय स्टार्टअप मिशन, आत्मनिर्भर भारत, और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों के अनुकूल है। विश्वविद्यालय एक कृषि क्षेत्र में एक बड़े तकनीकि सेंटर के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है, जो छात्रों, शोधकर्ताओं और युवा उद्यमियों को एक उपयोगी प्लेटफार्म प्रदान करता है।

शीतल पेय पदार्थों की निर्माण प्रक्रिया से रूबरू हुए आरआईएस के विद्यार्थीनोएडा स्थित कोका-कोला हैप्पीनेस फैक्ट्री का किया शैक्षिक भ्रमण


मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ ही सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के लिए विगत दिनों वाणिज्य संकाय के कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं को नोएडा स्थित कोका-कोला हैप्पीनेस फैक्ट्री तथा कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं को वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा.लि. छाता शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने दोनों ही कम्पनियों के कामकाज की विस्तार से जानकारी हासिल की।
स्कूल की प्रधानाचार्या प्रिया मदान ने कहा कि छात्र-छात्राओं के लिए जितना महत्व किताबी ज्ञान का है, उससे कहीं अधिक जरूरी व्यावहारिक ज्ञान है। व्यावहारिक ज्ञान शैक्षिक भ्रमण से ही सम्भव है। उन्होंने बताया कि विगत दिवस राजीव इंटरनेशनल स्कूल के वाणिज्य संकाय के कक्षा 12 के विद्यार्थियों ने शिक्षकद्वय सनी सोलंकी और श्वेता गौर के मार्गदर्शन में नोएडा स्थित कोका-कोला हैप्पीनेस फैक्ट्री का भ्रमण किया। वहां विद्यार्थियों ने कोका-कोला, माजा, फेंटा, स्प्राइट आदि की ऑपरेशन यूनिट के विषय में विस्तार से जानकारी हासिल की। इसी तरह वाणिज्य संकाय के कक्षा 11 के छात्र-छात्राओं ने वोमेश यादव और एकता सिंह के मार्गदर्शन में वृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड छाता, मथुरा का इंडस्ट्रियल विजिट किया।
दोनों ही कम्पनियों में विद्यार्थियों ने शीतल पेय निर्माण की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की। साथ ही यह भी जाना कि जिस पेय पदार्थ को वे इतने चाव से पीते हैं उसे कितनी शुद्धता और मानकों का पालन करते हुए बनाया जाता है। कम्पनी के अधिकारियों ने विद्यार्थियों को पैकेजिंग,फीलिंग, लेबलिंग, ट्रांसपोर्टेशन, रॉ मैटेरियल, कंस्ट्रक्शन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस भ्रमण में विद्यार्थियों ने उत्पादन इकाइयों की स्थापना, मानव संसाधन का प्रयोग, लागत, प्रबंधन और बाजार की आवश्यकताओं पर भी अपनी जिज्ञासा का समाधान किया। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकों ने दोनों ही कम्पनियों के पदाधिकारियों का छात्र-छात्राओं को तकनीकी और व्यावहारिक जानकारी देने के लिए आभार माना।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने शिक्षा में शैक्षिक भ्रमण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे औद्योगिक भ्रमण विद्यार्थियों के करियर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र जीवन में केवल किताबी ज्ञान से कार्य नहीं चलता, जब तक कि हम उसे वास्तविक दुनिया के अनुभव से न जोड़ें। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं को उत्पादन प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, सप्लाई चेन और कॉर्पोरेट संरचना की जो वास्तविक समझ प्राप्त हुई, उसका उन्हें भविष्य में जरूर लाभ मिलेगा।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने जाना कि कैसे एक बड़ी कम्पनी उत्पादन से लेकर अंतिम वितरण तक के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करती है। इस विजिट से छात्र-छात्राओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक अनुभव से जोड़ने का सुअवसर मिला बल्कि उन्हें करियर की सम्भावनाओं को भी समझने में मदद मिली है।
चित्र कैप्शनः शीतल पेय कम्पनियों का शैक्षिक भ्रमण करते राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं।

राजीव एकेडमी के चार एमबीए विद्यार्थियों का उच्च पैकेज पर चयनदेश की अग्रणी ऑनलाइन बी2बी कम्पनी इंडिया मार्ट में देंगे सेवाएं


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के चार एमबीए के विद्यार्थियों ने देश की अग्रणी ऑनलाइन बी2बी कम्पनी इंडिया मार्ट में उच्च पैकेज पर प्लेसमेंट प्राप्त कर संस्थान का गौरव बढ़ाया है। चयनित छात्र-छात्राओं ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्थान की प्रभावी ट्रेनिंग, मार्गदर्शन और इंडस्ट्री एक्सपोजर को देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी ने उन्हें कॉर्पोरेट जगत के लिए पूरी तरह तैयार किया, जिससे वे आत्मविश्वास से साक्षात्कार में शामिल हो सके और सफलता प्राप्त कर सके।
संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन का कहना है कि राजीव एकेडमी का सदैव यह प्रयास रहा है कि उसके विद्यार्थी केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें बल्कि उन्हें औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावहारिक ज्ञान और आवश्यक कौशल भी प्रदान किया जाए। डॉ. जैन ने कहा कि अर्चित अग्रवाल, मानवी चौधरी, शिवानी यादव और सोमी वार्ष्णेय का चयन इंडिया मार्ट जैसी प्रतिष्ठित और अग्रणी कम्पनी में होना इस बात का प्रमाण है कि राजीव एकेडमी प्रत्येक विद्यार्थी के समग्र विकास पर ध्यान देते हुए उन्हें कॉर्पोरेट व्यवहार और इंडस्ट्री एक्सपोजर से सुसज्जित कर रही है ताकि वे भविष्य की प्रतिस्पर्धा में पूरी तरह सक्षम होकर उतर सकें।
डॉ. जैन ने बताया कि इंडिया मार्ट भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन बी2बी मार्केटप्लेस है, जो खरीददारों को विभिन्न उद्योगों के आपूर्तिकर्ताओं से जोड़ता है। कम्पनी का उद्देश्य व्यापार को आसान बनाना तथा लाखों उत्पादों और आपूर्तिकर्ताओं को एक मंच उपलब्ध कराना है। यह प्लेटफॉर्म इंटरनेट, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मार्केटप्लेस, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, सोर्सिंग, ऑनलाइन क्लासीफाइड्स, खरीददार और आपूर्तिकर्ता, ऑनलाइन मीडिया, भारतीय आपूर्तिकर्ता, बी2बी विज्ञापन, बी2बी सोर्सिंग, डिजिटल और ऑनलाइन व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है। प्रौद्योगिकी, सूचना और इंटरनेट क्षेत्र में अग्रणी यह कम्पनी आज देशभर में पांच हजार से अधिक पेशेवरों की टीम के साथ कार्यरत है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल एवं संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल शिक्षित करना है बल्कि उन्हें इंडस्ट्री के काबिल बनाना है ताकि वे देश की अर्थव्यवस्था में अपना अमूल्य योगदान दे सकें। डॉ. भदौरिया ने कहा कि चारों विद्यार्थियों के इंडिया मार्ट में चयन ने हमारी प्रतिबद्धता को और भी मजबूती दी है। राजीव एकेडमी का यह प्लेसमेंट रिकॉर्ड सिद्ध करता है कि संस्थान न केवल शिक्षा बल्कि करियर निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
चित्र कैप्शनः ऑनलाइन बी2बी कम्पनी इंडिया मार्ट में चयनित राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

इथियोपिया के उप मिशन प्रमुख मोलालिन अस्फाव से भी मुलाकात करते संस्कृति विवि के प्रो.रतीश कुमार।

‘हील इन इंडिया समिट 2025’ में साझा किया संस्कृति वेलनेस का योगदान
मथुरा। देशभर से चिकित्सा और वेलनेस टूरिज्म के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और वैश्विक प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित होटल ‘द ललित’ में ‘हील इन इंडिया– मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म समिट 2025’ का आयोजन किया गया। इस भव्य समिट का आयोजन फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) द्वारा भारत सरकार के सहयोग से किया गया था। इस समिट के माध्यम से भारत को एक वैश्विक मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म हब के रूप में सशक्त बनाने का उद्देश्य है।
संस्कृति विवि के प्रतिनिधि के रूप में समिट में भाग लेने वाले प्रोफेसर रतीश कुमार ने बताया कि समिट में चार प्रमुख सत्र आयोजित किए गए, जिनमें चिकित्सा पर्यटन, वेलनेस थैरेपी, वैश्विक सहयोग और नीति निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा हुई। विभिन्न देशों के राजनयिकों और भारत के शीर्ष चिकित्सा व वेलनेस विशेषज्ञों ने इन सत्रों में अपने विचार साझा किए। एफएचआरएआई के अध्यक्ष के. श्यामा राजू ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और भारत की पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डाला।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में शिक्षा जगत से संस्कृति विश्वविद्यालय को आमंत्रित किया गया था। विवि की ओर से प्रोफेसर रतीश कुमार समिट में वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के योगदान को साझा किया। एक मुलाकात में प्रो. रतीश कुमार ने सुरिनाम के राजदूत अरुन्कुमार हार्दिएन को संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा और वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों, विशेष रूप से संस्कृति वेलनेस सेंटर की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने राजदूत को विश्वविद्यालय आने का औपचारिक आमंत्रण भी दिया। साथ ही उन्होंने इथियोपिया के उप मिशन प्रमुख मोलालिन अस्फाव से भी मुलाकात की। दोनों अधिकारियों ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच वेलनेस टूरिज्म और शैक्षणिक सहयोग के विस्तार की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
प्रो. रतीश ने बताया कि भारत में मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। 2023 में भारत ने मेडिकल टूरिज्म से सात अरब डॉलर से अधिक का राजस्व प्राप्त किया और 2025 तक यह आंकड़ा 13 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे आयुष आधारित उपचार वैश्विक पर्यटकों को भारत की ओर आकर्षित कर रहे हैं। भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक देश का पर्यटन क्षेत्र तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने, जिसमें मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
प्रो. रतीश कुमार ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय न केवल गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि वेलनेस टूरिज्म को शैक्षणिक, अनुसंधान और व्यावसायिक सेवा के स्तर पर भी मजबूती से बढ़ावा दे रहा है। इस समिट में उनकी उपस्थिति विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को नई दिशा देती है और भारत के वेलनेस विज़न को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करती है।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के मेधावी छात्र-छात्राएं सम्मानितस्कॉलर बैज प्राप्त करते ही मेधावियों के खिले चेहरे

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के मेधावी छात्र-छात्राएं सम्मानित
स्कॉलर बैज प्राप्त करते ही मेधावियों के खिले चेहरे
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को स्कॉलर बैज सेरमनी का आयोजन अत्यंत गरिमामय एवं उत्साहपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। यह समारोह उन मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान में आयोजित किया गया, जिन्होंने पूरे वर्ष कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन कर विद्यालय का गौरव बढ़ाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की वंदना तथा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
स्कॉलर बैज सेरमनी के शुभारम्भ पश्चात विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। आरआईएस के छात्र-छात्राएं वर्षभर हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम फहरा रहे हैं। विद्यालय प्रबंधन भी विद्यार्थियों के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं छोड़ता। इसी कड़ी में शनिवार को पिछले तीन वर्षों में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को स्कॉलर बैज देकर सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं पूरे वर्ष शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवाने वाले एवं विभिन्न विषयों के ओलम्पियाड में पदक जीतने वाले विद्यार्थियों को भी मेडल, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। मेधावी छात्र-छात्राओं को जैसे ही मेडल, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र मिले उनके चेहरे खिल उठे। खुशी से झूमते विद्यार्थी कहीं सेल्फी लेते तो कहीं विक्ट्री साइन बनाते नजर आए।
प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने अपने प्रेरणादायक सम्बोधन में छात्र-छात्राओं को सफलता के सूत्र बताए। उन्होंने कड़ी मेहनत, ध्यानपूर्वक कार्य करने तथा नियमितता को जीवन में सफलता प्राप्त करने का आवश्यक गुण बताया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान रहने का आह्वान किया। प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने सभी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं लिहाजा हमेशा पूरी लगन और तन्मयता से पढ़ाई करें।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी मेधावियों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थी जीवन में परिवर्तन और आत्मसुधार की प्रक्रिया आवश्यक होती है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत सफलता की चाबी है। प्रत्येक माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को निरंतर प्रोत्साहित करते रहें। बच्चों के मन में यह बात डालें कि वह किसी से कम नहीं हैं।
विद्यालय के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह सम्मान एक पड़ाव है, अगला कदम इससे भी ऊंचा हो, यही हमारी कामना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सफलता उन्हें ही मिलती है, जो कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और अनुशासन के मार्ग पर अडिग रहते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता की कुंजी ज्ञान है। ज्ञान की ज्योति न केवल आपके जीवन को आलोकित करती है बल्कि पूरे समाज को रोशनी देती है। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह न केवल किताबी ज्ञान हासिल करें बल्कि तकनीकी एक्सपर्ट भी बनें ताकि उन्हें जॉब के लिए चक्कर न काटने पड़ें।
चित्र कैप्शनः स्कॉलर बैज सेरमनी में सम्मानित राजीव इंटरनेशनल स्कूल के मेधावी छात्र-छात्राएं।

वृक्षः कबहु फल न भकै नदी न सींचै नीर

 मथुरा। पुरानी कहावत है कि "वृक्ष कबहु फल न भकै नदी न सींचै नीर परमारथ के काज ही साधुल धरौ शरीर" हम मनुष्य अपने फल और जल रूपी धन का उपयोग तो करते ही हैं किंतु दूसरे के धन को भी भसकने में पीछे नहीं रहते। जो इंसान दूसरों के हक को मारते हैं, वे इंसान के रूप में शैतान हैं। ऐसे लोग भले ही आज खुश होलें किंतु आगे इन्हें अपनी करनी का फल किस रूप में भुगतना पड़ेगा क्या उनकी गति होगी और क्या-क्या दुर्गति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अगर हम इंसान वृक्ष और नदी के स्वभाव का आंशिक असर भी अपने जीवन में उतार लें यानी अपनी धन संपदा को अपने लिए केवल आवश्यकतानुसार उपयोग में लाऐं और बाकी को परमार्थ में लगा दें तो चौरासी लाख योनियों के बाद मिला यह जीवन सार्थक हो जाय।
 परमार्थ का भी एक नशा होता है। यदि यह नशा चरम पर पहुंच जाए तो स्वयं को बर्बाद कर औरों को आबाद करने जैसी नौबत आ जाती है।जिसको यह चस्का लग गया फिर तो वह न आगा देखता है और न पीछा। बस एक ही धुन सवार हो जाती है कि कैसे दूसरों का दुख दर्द बांटू। वह तो बस उसी पिन्नक में जीता है।
 कोई माने या ना माने लेकिन यह अकाट्य सत्य है कि घर फूंक तमाशा देखने वाली बिरादरी के ऐसे लोगों का आगा और पीछा सब कुछ दैवीय शक्तियां देखती हैं। वे उसके लिए कहीं कोई बड़ी परेशानी नहीं आने देतीं। सब कुछ ऑटोमेटिक रूप से यानी स्वतः ही संचालित होता है। यह सब जो मैं लिख रहा हूं वह कोरी गप शप नहीं बल्कि कसौटी पर परखा हुआ यथार्थ है। अगर अपनी जिंदगी की बगिया महकवानी है तो वृक्ष और नदी बन जाओ और फिर ऐसे सुख के सागर में गोते लगाओ जिसका न कोई ओर है न छोर।

वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने जिला स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में जीते 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल, लहराया परचम

वृंदावन। गणेशरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में वृंदावन पब्लिक स्कूल के आठ छात्रों ने भाग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन जिला खेल कार्यालय द्वारा किया गया। जिसमें विभिन्न स्कूलों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। विद्यालय के छात्रों में रितिक राठौर, कुश शर्मा, अर्पित ने गोल्ड मेडल, वेदांत शर्मा, राघव, रवि अहिरवार ने सिल्वर तथा यथार्थ गोस्वामी तथा देवांश निषाद ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर विद्यालय का नाम रोशन किया। जिसका विद्यालय की खेल उपलब्धियों में एक नया नाम जुड़ गया। विद्यालय के प्रबंधक डॉ ओम जी ने इस उपलब्धि पर छात्रों और उनकी कोच शिवानी वर्मा को हार्दिक बधाई दी व विद्यार्थियों की मेहनत अनुशासन और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

प्रचेता गोस्वामी प्रधानमंत्री, विधि राजावत न्यायाधीश और कविता बनी नेता विपक्ष

-हनुमान प्रसाद धानुका नुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में संपन्न हुए छात्र संसद चुनाव 2025 26

-श्रेया संसद प्रमुख और वंशिका बनी अनुशासन प्रमुख

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में सत्र 2025-26 के छात्रा संसद के चुनाव लोकतांत्रिक विधि से संपन्न हुए। यह चुनाव प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न कराई गई। जिसमें छात्राओं ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग द्वारा संसद प्रमुख प्रधानमंत्री, न्यायाधीश व अनुशासन प्रमुख पद हेतु खड़े उम्मीदवारों को अपना अमूल्य मत देकर मतदान प्रक्रिया संपन्न की। प्रथम चरण के चुनाव में कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं ने कक्षा स्तर पर सांसद के रूप में अपना नामांकन भरा, जिसमें से कक्षा 6 से 12वीं तक तीन-तीन प्रतिनिधि छात्रा निर्वाचित हुई व एक छात्रा को कक्षा आचार्य द्वारा मनोनीत किया गया। निर्वाचित सदस्यों ने उपरोक्त पदों की उम्मीदवारों में से योग्य पदाधिकारी का चुनाव विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनकी तार्किक क्षमता, बुद्धिमता आदि से संबंधित प्रत्यक्ष प्रश्न पूछ कर वह उनकी समस्याओं को हल करने के तरीके व कार्य नीति के बारे में जानकर ही अपना वोट दिया व विजयी बनाया।
संसद प्रमुख पद पर श्रेया को 66 वोट अनुशासन प्रमुख वंशिका को 121 वोट प्रधानमंत्री प्रचेता गोस्वामी 112 वोट न्यायाधीश के पद पर विधि राजावत 151 वोट के साथ विजयी रही। कविता गौतम को नेता विपक्ष चुना गया। विभिन्न पदाधिकारी ने अपने विद्यालय शिक्षा प्रशासन के सुव्यवस्थित कार्यान्वयन हेतु प्रतिज्ञा ली। छात्रा संसद विभाग प्रमुख नीलम शर्मा, मुरारी लाल शर्मा ने इस प्रक्रिया को संपन्न कराने में अपना योगदान दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने विजयी पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि सत्य निष्ठा ईमानदारी व कुशल नेतृत्व के साथ अपने पद पर रहकर विद्यालय व छात्राओं के हित में कार्य करें।
इस अवसर पर पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ गुप्ता ,कमल खंडेलवाल, उमेश शर्मा, भरत शर्मा आदि ने विजयी छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

डॉ सचिन गुप्ता

विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य और व्यक्तित्व के निर्माण में जुटा संस्कृति विवि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही संस्कारयुक्त, विश्वस्तरीय शिक्षा विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौतियों का सामना का साहस प्रदान करती है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्र और विभिन्न एमओयू ने छात्रों को सफलता के उच्च पायदानों पर पहुंचने में मदद की है।
विवि के कुलाधिपति डा सचिन गुप्ता बताते हैं, संस्कृति विश्वविद्यालय उन कुछ विश्वविद्यालयों में से एक है, जिन्हें राज्य सरकार से 1 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की मंजूरी मिली है। संस्कृति विश्वविद्यालय ने बौद्धिक पूंजी संरक्षण के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करने के साथ अपनी अलग पहचान बनाई है, जिसे अत्यधिक योग्य, अनुभवी, भावुक, गतिशील वातावरण के प्रति भविष्यवादी दृष्टिकोण के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
विवि शिक्षकों द्वारा विद्वान कुलपति के निर्देशन में छात्रों को सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए अपनी योग्यता, विशेषज्ञता और अनुभव का सर्वश्रेष्ठ दिया है और दे रहे हैं। विश्वविद्यालय की सोच है कि विद्यार्थियों को मूल्य-आधारित शिक्षा दी जाए। विवि अपनी इसी सोच के साथ विश्व के गिने-चुने शिक्षण संस्थानों के मध्य अपना नाम दर्ज करना चाहता है। विवि के अत्याधुनिक कैरिकुलम के अंतर्गत छात्र विभिन्न प्रकार के परंपरागत और इंडस्ट्रीज की मांग के अनुसार तैयार नवीनतम पाठ्यक्रमों में से अपनी रुचि के अनुरूप चुनाव कर सकते हैं, चाहे वह प्रबंधन, वाणिज्य, इंजीनियरिंग, शिक्षा, विज्ञान, भारतीय चिकित्सा, पैरा-मेडिकल, कृषि या कला आदि हो।
संस्कृति विश्वविद्यालय को शिक्षा, शोध और संस्कृति के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रशंसा पत्र और कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, बौद्धिक संपदा भारत द्वारा सबसे अधिक पेटेंट आवेदनों के साथ विश्वविद्यालय भारत में सातवें स्थान पर है। इसने नवाचार उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए), 2021 में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 30 ‘बैंड संस्थानों’ की सूची में स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय को एसोचैम द्वारा वर्ष के उभरते विश्वविद्यालय का पुरस्कार भी मिला है।
इसकी छात्र विविधता के लिए सराहना की गई है और इसे हिंदुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान द्वारा बुनियादी ढांचे और अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ युवा विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। हाल ही में, चांसलर सचिन गुप्ता को उभरते और शोध विश्वविद्यालय के रूप में शैक्षिक उत्कृष्टता और बुनियादी ढाँचा सुविधाओं के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया से पुरस्कार मिला। संस्कृति विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक ज्ञान और कौशल से सामंजस्य बिठाने के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, यूएसए, ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय प्रबंधन और प्रौद्योगिकी संस्थान, ऑस्ट्रेलिया, यूनिवर्सिडैड विला मारिया, अर्जेंटीना, काकेशस अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, जॉर्जिया, फ्रेडेरिक्टन विश्वविद्यालय, कनाडा और कई अन्य के साथ हाथ मिलाया (एमओयू) है। विश्वविद्यालय में अन्य सार्क देशों के छात्र भी हैं। छात्र और संकाय विनिमय कार्यक्रमों के लिए विश्विद्यालय ने 25 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय देशों के साथ गठजोड़ किया है।
संस्कृति विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक मानक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र (नवाचार, इनक्यूबेशन, बौद्धिक संपदा अधिकार, उद्यमिता, जिसे आईआईआईइ प्रणाली के रूप में जाना जाता है, अपनाई है।
संस्कृति विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल की ट्रेनिंग कोर के प्रयासों के परिणामस्वरूप विवि के विद्यार्थी ख्यातिप्रात कंपनियों में प्लेसमेंट हासिल कर रहे हैं। इतना ही नहीं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और मनोरंजन का भी विश्वविद्यालय द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए मैदान, शारीरिक सौष्ठव के लिए अत्याधुनिक जिम है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए अनेक कार्यक्रम जिनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकार और खिलाड़ी आते हैं और अपनी प्रस्तुति देते हैं।