वृंदावन। मथुरा मार्ग धोरैरा स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कक्षा नर्सरी से यू के जी के बच्चों ने एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की। जिसमें सर्वप्रथम माँ सरस्वती की वंदना जय-जय सरस्वती माता भजन के साथ की गई। नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा माँ सरस्वती को समर्पित एक मनमोहक नृत्य की विशेष प्रस्तुति दी गई। जिसमें एल के जी कक्षा की भक्ति ने माँ सरस्वती का रूप धारण कर सबको लाभान्वित किया। सभी बच्चे पीले रंग के वस्त्र पहन कर आए।
कक्षा चतुर्थ के बच्चों द्वारा एक सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। कक्षा चार की वैष्णवी ने बसंत पंचमी का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था वह विद्या व बुद्धि की देवी है। इसलिए इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है । इन्हें बागेश्वरी देवी भी कहा जाता है। कक्षा तीन से पाँच के बच्चों द्वारा (चिपको आन्दोलन) पर आधारित एक लघु नाटिका की प्रस्तुत की। जिसमें पर्यावरण बचाओ का महत्व दर्शाया गया।सभी शिक्षिकाओं ने मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किए ।
वी पी एस में हर्षोल्लास के साथ मनाया बसंत पंचमी पर्व
गीता शोध संस्थान की संगोष्ठी में ‘ब्रज में श्रीराम’ पर मंथन
- राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजन
वृंदावन। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा संचालित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन में अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में “ब्रज में श्री राम” विषय पर एक विद्वत संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में वृंदावन एवं मथुरा से अनेक विद्वतजनों ने भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
अकादमी के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना ने बताया कि श्री राम का ब्रज से बहुत ही गहरा संबंध है। ब्रज में रासलीला के साथ रामलीला का विशेष स्थान है। ब्रज में अनेक रामलीला मंडली हैं जो पूरे वर्ष संपूर्ण भारत में विभिन्न स्थानों पर अपनी गहरी छाप बनाए हुए हैं। शीघ्र ही अकादमी तुलसीदास जी रचित विनय पत्रिका विषय पर मंचन करने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं।
ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि श्री राम के भाई शत्रुघ्न द्वारा मधु के पुत्र पापात्मा लवणासुर का संघार कर मधुपुरी की स्थापना की। उन्होंने बताया 1000 वर्ष की अवधि के बाद जिस प्रकार नदियां अपना स्थान बदल देती हैं उसी प्रकार नगर भी अपना मूल स्थान छोड़ देते हैं । मथुरा भी पूर्व में मधुपुरी के नाम से महोली स्थान पर विद्यमान था। उन्होंने बताया कि श्री राम ने ब्रज के सनाढ्य ब्राह्मणों को 56 गांव दिए।
गोपाल शरण शर्मा ने ब्रजभूमि में राम पर चर्चा पर बताया कि श्री राम सर्वत्र हैं। तुलसीदास जी वृंदावन में आए थे नाभादास जी से मिले थे। तुलसीदास जी की मनोकामना पर श्री राम ने उन्हें दर्शन दिए। वृंदावन की सुप्रसिद्ध रामलीला का इतिहास 200 वर्ष पुराना है रंग जी का कटरा, बिहारी जी, कलाधारी, सुदामा कुटी, राधावल्लभ घेरा आदि रामलीला स्रोत के प्रमुख स्थान हैं।
साहित्यकार कपिल देव उपाध्याय ब्रज पुरोहित ने कहा राम शब्द प्रत्येक कण कण में और प्रत्येक आत्मा में रमण करता है । आज सर्वत्र श्री राम और श्री कृष्णा में कोई अंतर नहीं माना जाता दोनों एक ही हैं।
वृंदावन शोध संस्थान के निदेशक डॉ राजीव द्विवेदी ने बताया कि पुरातात्विक साक्ष्य के आधार पर श्री राम जन्मभूमि को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका से वह स्वयं को धन्य मानते हैं। पुरातात्विक विभाग के द्वारा विभिन्न स्थानों पर श्री राम, नंद बाबा, यशोदा मैया, शेषशाई विष्णु भगवान की मूर्तियां विभिन्न स्थानों पर मिली हैं।
मथुरा श्री महेश पांडेय ने बृज और राम को अध्यात्मिक विषय बताया । मथुरा में रामदास की मंडी, रामघाट तुलसी पीठ, सभी प्रमाणिक स्थान हैं। मथुरा में पूर्व में 48 मंडललियां थीः। संपूर्ण भारत में रामलीला का प्रचार करने में मथुरा का स्थान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा हमें तीर्थ के प्रति जागरूक रहना चाहिए कहीं ऐसा न हो कि कॉरिडोर बनते चले जाएं और हमारा तीर्थ मर जाए। मानसिक प्रदूषण को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के संगीत प्रशिक्षकों द्वारा श्री राम की स्तुति का गायन किया। गीता मर्मज्ञ श्री महेश शर्मा ने श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक द्वारा प्रमाणित किया कि श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि मैं राम हूं। उन्होंने कहा हमें अपने शास्त्रों पर ध्यान देना चाहिए। बज के लोकगीतों में राम आज भी जीवंत हैं।
किशोरी रमण कॉलेज मथुरा के संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ रादत्त मिश्रा ने कहा कि श्री राम के बिना भारत में उच्च आदर्श होना संभव नहीं है । ब्रज संस्कृति में राम उपस्थित हैं उन्होंने कहा श्री राम कृष्ण दोनों एक हैं।
शिक्षाविद डा ज्योत्सना शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिसके अंदर राम नहीं है वह मनुष्य कहलाने का अधिकारी नहीं।
शिक्षिका डॉ संध्या मिश्रा ने मधुर गायन के द्वारा अपनी भावना व्यक्त की और ह जताया कि आज हमारे राम टेंट को छोड़कर एक भव्य मंदिर में विराजमान हैं।
पूर्व प्राचार्य डॉ विनोद बनर्जी ने बताया कि श्री राम तो रोम रोम में है संपूर्ण ब्रज में श्री राम का विशेष स्थान है।
डॉ के के शर्मा ने कहा कि वह रासलीला एवं रामलीला को यूनेस्को से जोड़ने का प्रयास पिछले कुछ वर्षों से कर रहे हैं। अब तक वह यूनेस्को, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री सभी के साथ मेरा पत्राचार चल रहा है। अभी तक लगभग 20 पत्र लिखे जा चुके हैं।
संगोष्ठी का संचालन अकादमी के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने किया और सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया । जगदीश पथसारिया, घनश्याम भारद्वाज आकाश शर्मा मनमोहन कौशिक, सुनील पाठक, दीपक शर्मा आदि का सहयोग रहा।
के.डी. हॉस्पिटल में हुई पित्ताशय कैंसर की जटिल सर्जरी
- महिला मरीज के लीवर का 70 फीसदी हिस्सा था संक्रमित
- लगभग सात घंटे तक चली राइट एक्सटेंडेड हेपेटेक्टोमी सर्जरी
मथुरा। जिन्दगी की आस छोड़ चुकी कमलेश पत्नी पोहाप सिंह को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर तथा जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा की जोड़ी ने लगभग सात घंटे चली राइट एक्सटेंडेड हेपेटेक्टोमी सर्जरी के जरिए नया जीवन दिया। मरीज में पित्ताशय का कैंसर डायफ्राम (फेफड़ों के नीचे की मसल्स) तक फैल गया था। यही नहीं लीवर का 70 प्रतिशत हिस्सा भी संक्रमित था। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में लगातार सुधार देखा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार कमलेश (56) पत्नी पोहाप सिंह निवासी सुरवाई, मथुरा लम्बे समय से पेट में दर्द से परेशान थी तथा उसका पथरी का उपचार किसी हॉस्पिटल में चल रहा था। लगभग एक माह तक चले उपचार से जब कोई फायदा नहीं हुआ तब उसे 17 जनवरी को के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने मरीज का अल्ट्रासाउण्ड कराया जिसमें पित्त की थैली में पथरी के साथ ही गांठ पाई गई। उसके बाद सीटी स्कैन कराने पर पता चला कि गांठ लीवर में भी फैली हुई है। इतना ही नहीं मरीज को काला पीलिया भी था। मरीज की गम्भीर स्थिति को देखते हुए डॉ. मूंदड़ा ने कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से परामर्श लिया, उन्होंने सर्जरी की सलाह दी।
परिजनों की स्वीकृति के बाद 22 जनवरी को कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर तथा गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा की टीम द्वारा मरीज की सर्जरी की गई। सर्जरी लगभग सात घंटे चली। महिला की सर्जरी में पाया गया कि लीवर का आधे से ज्यादा हिस्सा कैंसर से ग्रस्त है। ऐसी स्थिति में प्रायः चिकित्सक मरीज की सर्जरी करने की बजाय उसे यथास्थिति छोड़ देते हैं। ऐसी नाजुक स्थिति में भी डॉ. माथुर और डॉ. मूंदड़ा ने रिस्क लिया और सर्जरी कर महिला को नया जीवन दिया।
यह पहली बार है जब के.डी. हॉस्पिटल में राइट एक्सटेंडेड हेपेटेक्टोमी सर्जरी की गई है। यह सर्जरी बेहद जटिल होती है। इसमें मरीज के लीवर को बचाने के साथ फेफड़ों और दिल को सुरक्षित रखना भी एक चुनौती रहती है। इस सर्जरी में डॉ. माथुर और डॉ. मूंदड़ा का सहयोग डॉ. अपूर्वा, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. निश्चय, डॉ. प्रदीप, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. जगत, डॉ. शिवांगी अग्रवाल तथा ओटी टेक्नीशियन रवि, बालकिशन, शिवम ने किया।
कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर का कहना है कि ऐसी सर्जरी बहुत ही कम चिकित्सालयों में होती है। दिल्ली जैसे महानगर में भी एक-दो बड़े हॉस्पिटलों में ही यह सुविधा है। डॉ. माथुर का कहना है कि ऐसी सर्जरी की सफलता के लिए मरीज में 30 प्रतिशत लीवर को छोड़ना बेहद जरूरी होता है। इस मरीज में सिर्फ इतना ही हिस्सा संक्रमण से बचा हुआ था। ऐसे में बेहद सावधानी से लीवर के संक्रमित 70 प्रतिशत हिस्से को निकाला गया। इसके अलावा डायफ्राम का संक्रमित हिस्सा भी हटाया गया। डॉ. माथुर का कहना है कि यह जटिल प्रक्रिया आमतौर पर लीवर कैंसर या अन्य गम्भीर हेपेटिक रोगों के लिए की जाती है।
डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का कहना है कि राइट एक्सटेंडेड हेपेटेक्टोमी सर्जरी एक अत्यधिक जटिल तकनीकी प्रक्रिया है। जिसके लिए सटीकता, अनुभव और उन्नत सर्जिकल तकनीक की आवश्यकता होती है। कमलेश का पित्ताशय कैंसर डायफ्राम तक फैला था। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है तथा चिकित्सीय निगरानी में है। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि ऐसी सर्जरी बड़े चिकित्सालयों में लगभग सात लाख रुपये में होती है लेकिन मरीज की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन ने उसका उपचार बहुत कम पैसे में करने का फैसला लिया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों को बधाई देते हुए मरीज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। प्रबंध निदेशक श्री अग्रवाल ने कहा कि के.डी. हॉस्पिटल में पहली बार सफलतापूर्वक राइट एक्सटेंडेड हेपेटेक्टोमी सर्जरी की गई। यह लीवर कैंसर से जूझ रहे रोगियों के उपचार के नए विकल्प के रूप में सामने आई है। इससे न केवल मथुरा बल्कि पूरे प्रदेश के मरीजों को लाभ मिलेगा। उन्हें इसके लिए दूसरे राज्यों तथा महानगरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा।
जीएलए के कुलाधिपति ने किया एचडीएफसी बैंक का शुभारंभ
- एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में खुली एचडीएफसी बैंक की श्रीधाम वृंदावन शाखा
मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में हर दिन-हर समय श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ रहा है। जिस कारण स्थानीयों को भारी जाम का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते एचडीएफसी बैंक ने एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में श्रीधाम वृंदावन शाखा खोली है। शाखा का शुभारंभ जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने किया।
एचडीएफसी बैंक श्रीधाम वृंदावन शाखा का फीता काटकर एवं मंत्रोच्चारण के मध्य शुभारंभ करते हुए जीएलए के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने सर्वप्रथम एचडीएफसी स्टाफ को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बैंक की इस शाखा के खुलने से बैंकिंग प्रक्रिया काफी आसान होगी। आसपास के करीब 10 से 12 किमी. तक के लोगों को सुगमता मिलेगी। भीड़ से अलग हटकर इस बैंक में लेन-देन काफी आसान होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि एचडीएफसी अपने दायरा लगातार बढ़ा रही है। यह लोगों के लिए सुगम है।
एचडीएफसी की जोनल हेड अंजू सूद ने बताया कि मथुरा जिले में लोगों को अधिक से अधिक लोन उपलब्ध कराने में यह बैंक दूसरे स्थान पर है। बाकी भारत सरकार द्वारा बैंक के माध्यम से लोगों दी जाने वाली सेवाओं में भी बैंक ने काफी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, जिससे ग्राहकों का भरोसा और बढ़ा है। आने वाले समय एचडीएफसी परिवार इस प्रकार कार्य करने में जुटा है कि लोगों को बैंकिग में कोई किसी प्रकार तकलीफ न हो और प्रक्रियाएं कम पढ़े-लिखे व्यक्ति के लिए भी और आसान हो जाऐं।
क्लस्टर हेड गिर्राज अग्रवाल ने सभी लोगों का स्वागत किया तथा उपस्थित सभी लोगों को शाखा की व्यवस्था से अवगत कराया एवं नवीन स्टाफ सदस्यों से भी परिचय कराया। जीएलए के सीएफओ एवं ग्रुप के निदेशक विवेक अग्रवाल ने कहा कि संस्कार सिटी के निवासी तथा रूकमिणी विहार के लोगों के लिए यह शाखा काफी फायदेमंद साबित होगी।
इस अवसर पर एनके ग्रुप के निदेशक कपिल उपाध्याय, श्रीधाम वृंदावन शाखा प्रबंधक देवदत्त उपाध्याय, जितेन्द्र छावड़ा, विपुल मेहरोत्रा, गोविंद शर्मा, गौरव अग्रवाल, राजीव सारस्वत, मनोज मोहन शास्त्री, पद्मनाभ गोस्वामी, शोभित अरोड़ा, गिर्राज फोहिल आदि उपस्थित रहे।
संस्कृति विवि में विद्यार्थियों को बताया उद्यमी बनने का रास्ता
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स के सहयोग से राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के उपलक्ष्य में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरियल क्लब द्वारा आयोजित किया गया।
सेमिनार के विशिष्ट वक्ता, प्रो. (डॉ.) पंकज कुमार गोस्वामी ने छात्रों को उनकी उद्यमशीलता की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक प्रेरक उद्बोधन किया। डॉ. गोस्वामी ने छात्रों को अपने सपनों को सफल उद्यमों में बदलने के लिए सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि भारत में बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान किया जा सके। उन्होंने स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला और सरकारी निकायों और कॉर्पोरेट क्षेत्र दोनों से वित्तीय सहायता के लिए इन अवसरों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। डा. गोस्वामी ने विद्यार्थियों को बड़े सहज ढंग से और विस्तार से अपना स्वयं का उद्यम खड़ा करने की जानकारी दी।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। वक्ताओं ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा किस तरह से विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और विवि के मेंटर उनको किस तरह से सहयोग कर रहे हैं। स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स के सहायक प्रोफेसर डा. शांतम बब्बर ने बताया कि संस्कृति यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम है जो विद्यार्थियों को उनके विचारों को सफल स्टार्टअप में बदलने के लिए उनका मार्गदर्शन और प्रोत्साहन करती है। विश्वविद्यालय की सोच के अनुरूप यह टीम विद्यार्थियों को खुद का सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करती है।
कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) मनीष अग्रवाल, डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स, प्रो. (डॉ.) धर्मेंद्र सिंह तोमर, डीन, छात्र कल्याण आदि उपस्थित रहे। लगभग 160 छात्रों ने सेमिनार में भाग लिया और संस्कृति यूनिवर्सिटी में उपलब्ध मार्गदर्शन और सलाह के साथ, अपनी आकांक्षाओं को कार्रवाई योग्य स्टार्टअप उपक्रमों में बदलने की प्रतिबद्धता जताई।
मथुरा रिफाइनरी ने करवाया बाद प्राथमिक विद्यालय का निर्माण
- सी.एस.आर निधि से करवाया नवीन कक्षों का निर्माण
मथुरा l शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रिफाइनरी ने सी एस आर निधि से प्राथमिक विद्यालय, बाद के लिए दो क्लास रूम का निर्माण करवाया है | इन कक्षाओं का उदघाटन आज श्री अजय कुमार तिवारी, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख ने किया | इसके साथ ही बच्चों के विकास और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो कम्प्युटर भी स्कूल को भेंट किएl
कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमति नीरज मथुरिया ने मथुरा रिफाइनरी की सराहना की और इस कार्य में स्कूल को दिये सहयोग के लिए धन्यवाद दिया | विद्यालय के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया | रिफाइनरी द्वारा प्रदत्त कंप्यूटर पाकर सभी बच्चे बड़े उत्साहित हुए और अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए कटिबद्ध हुए|
मथुरा रिफाइनरी ने हर कदम पर बृजवासियों का साथ दिया है और सदैव ही जिले के विकास कार्यों के लिए रिफाइनरी अग्रणी रही है l रिफाइनरी ने अपनी शुरुआत से ही पर्यावरण प्रबंधन और सामाजिक कल्याण के प्रति संकल्पित है और भविष्य में भी ये प्रयास निरंतर जारी रहेंगे |
307 पदों पर होगी आंगनबाडी कार्यकत्री की सीधी भर्ती
जनपद में माह मार्च 2024 में 315 आंगनबाडी कार्यकत्री के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गयी थी ।जिसमें से बाद में न्यायालय के आदेश के क्रम में 08 पदों पर प्रतिचयन होने के फलस्वरूप 307 पदों पर सीधी भर्ती की कार्यवाही निर्धारित की गयी। माह अप्रैल 2024 में आचार संहित प्रभावी होने के कारण प्राप्त आवेदनों पर चयन की कार्यवाही पर रोक लगा दी गयी थी। गत् माह निदेशालय द्वारा पोर्टल पर प्राप्त हुए आवेदनों पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने हेतु पोर्टल खोला गया। जिसके उपरान्त पोर्टल पर प्राप्त हुए समस्त आवेदनों को डाउनलोड कर सत्यापन करने तथा मेरिट बनाने का कार्य चयन समिति द्वारा प्रारम्भ किया गया है। जिसका प्रथम चरण दिनांक-22.01.2025 को सम्पन्न हुआ था। इसी क्रम में आज दिनांक-29.01.2025 को द्वितीय चरण में 7 परियोजनाओं क्रमशः शहर ,नौहझील ,गोवर्धन ,नंदगांव ,बलदेव ,छाता एवं फरह के कुल 65 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वरीयता सूची में आने वाले 144 आवेदकों के आय, जाति,निवास एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य जनपद स्तरीय चयन समिति एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा राजीव भवन सभागार में किया गया ।समिति ने निर्धारित किया कि-
1- जिन अभ्यार्थियों का चयन बी0पीएल0 श्रेणी में वरीयता के आधार पर हो रहा है, वह 15 दिवस के भीतर स्वंय के नाम का आय प्रमाण पत्र निर्गत कराते हुए प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
2- जिन्होंने अपना ई0डब्ल्यू0एस0 प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है,वह भी 15 दिवस के भीतर अपना प्रमाण पत्र उपलब्ध करायेंगे।
3- यदि किसी अभ्यर्थी ने आनलाइन आवेदन पत्र में शैक्षणिक प्राप्तांक अलग लिखा है तथा अभिलेखों में अलग हैं, तो गलत सूचना के आधार पर उनका चयन निरस्त माना जायेगा।
आवेदकों द्वारा आवेदन फॉर्म भरते समय जो अभिलेख अपलोड किए गए हैं ,चयन समिति द्वारा केवल उन्हीं का सत्यापन किया जाएगा और निर्णय उसी के आधार पर लिया जाएगा ।किसी भी प्रकार का ऑफलाइन अभिलेख या दस्तावेज अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
उक्त के अतिरिक्त समिति के समक्ष अनुपस्थित रहे अभ्यर्थियों को आगामी दिनांक-27.01.2025 को उपस्थित होने हेतु अवसर प्रदान किया गया है ।
जनपद स्तरीय चयन समिति में जिला विकास अधिकारी श्रीमती गरिमा खरे ,अवर अभियंता ,माइनर इरीगेशन- श्री विकास कुमार ,जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चैधरी और सदस्य सचिव- जिला कार्यक्रम अधिकारी ,श्रीमती बुद्धि मिश्रा एवं सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने प्रत्येक अभ्यर्थी के अभिलेखों का बारीकी से सत्यापन किया तथा अगले चरण में पुनः 10-10 केन्द्र प्रति परियोजना के अनुसार दिनांक-05.02.2025 को समिति के समक्ष उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया । आज 36 आवेदक अनुपस्थित रहें ।अनुपस्थित आवेदक यदि आगामी बुधवार को जनपद स्तरीय समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा और द्वितीय वरियता वाले अभ्यर्थी को अवसर दिया जाएगा।
संस्कृति विवि में किया गया सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रूप में अत्यंत उत्साह और देशभक्ति के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मेमोरियल ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने विद्यार्थियों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेकर साहसी बनकर देश हित में जुटने का आह्वान किया गया।
पराक्रम दिवस पर संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अंदर नेतृत्व क्षमता और कौशल का सृजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके अंदर ये गुण आपके सुदृढ़ भविष्य का आधार बनेंगे। इसके लिए विद्यार्थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने अनेक विपरीत परिस्थियों और बड़ी चुनौतियों का सामना कर देश हित में लंबी लड़ाई लड़ी। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीएम चेट्टी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. रजनीश त्यागी ने नेताजी की उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदानों पर प्रकाश डाला। विभाग प्रचारक अरुण कुमार ने नेताजी के जीवन से प्रेरणादायक बातें साझा कीं और उनकी अटूट संकल्पशक्ति और देशभक्ति को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में डीन छात्र कल्याण डॉ. डी.एस. तोमर और कुश कुमार, जिला प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कोसी, बीसीए एआईएमएल की सुश्री नंदिनी चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सुश्री ज्योति यादव द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। इसके पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में संस्कृति विश्वविद्यालय के स्टूडेंट काउंसिल के पदाधिकारियों अध्यक्ष यश श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष देवांश गुप्ता, अनामका बेनीवाल, महासचिव लव सिकरवार, संयुक्त सचिव महरीन फारुख को बैच लगाकर उन्हें कर्तव्य बोध के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया, जिससे पूरे सभागार में एकता और राष्ट्र प्रेम की भावना व्याप्त हो गई। कार्यक्रम का समापन डीन छात्र कल्याण डॉ. डी.एस. तोमर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. के के पाराशर, रतीश शर्मा, डॉ. रीना रानी, डा गौरव सरवांग, डा अशीष चौहान, डॉ. दुर्गेश वाधवा, डा धीजेन्द, जगदीश और डॉ. मोनिका एवराल, राहुल सिंह, सहित स्टूडेंट काउंसिल, सभी क्लब प्रतिनिधि और शिक्षक-समन्वयक, एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को दी बदलते रिक्रूटमेंट ट्रेंड्स की जानकारी
- प्रत्येक एक्टिविटी पर फोकस कर बढ़ाएं व्यावहारिक ज्ञानः ऐश्वर्या भाटिया
मथुरा। भारत में तेजी से बदलते टेक्निकल सिनेरिओ के साथ, जॉब मार्केट भी लगातार डेवलप हो रहा है। नौकरी के ट्रेंड तेजी से बदल रहे हैं। कई नई नौकरियां आ रही हैं जबकि कुछ पुरानी नौकरियां धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राएं अपने-अपने प्रोजेक्ट तथा कक्षाध्ययन में मिले कार्य को ध्यानपूर्वक पूर्ण करते हुए प्रत्येक एक्टिविटी पर फोकस कर अपना व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाएं ताकि उन्हें जॉब हासिल करने में कोई परेशानी न आए। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित रिक्रूटमेंट ट्रेंड्स शेपिंग इन 2025 विषय पर रिसोर्स परसन ऐश्वर्या भाटिया ने छात्र-छात्राओं बताईं।
रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया ने छात्र-छात्राओं को बताया कि व्यापार जगत तेजी से विकसित हो रहा है लिहाजा हमें कम्पनियों की आवश्यकता के अनुरूप अपने आपको अपडेट रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व जो कार्य अच्छा था वह अब उतना कारगर नहीं रह गया है जिससे कम्पनियों के लिए समय से आगे रहने की दौड़ मुश्किल हो रही है। सुश्री भाटिया ने सभी छात्र-छात्राओं को सावधान करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कारपोरेट जगत में बहुत प्रतिस्पर्धात्मक माहौल है, ऐसे में हमें हर पल चौकस रहने की जरूरत है।
रिसोर्स परसन ने कहा कि अब गिग अर्थव्यवस्था भी प्रचलन में है जिसके अन्तर्गत अधिकांश लोग फ्रीलांसर के रूप में अल्पकालिक अनुबंध पर काम करने को मजबूर हैं। आप गिग अर्थव्यवस्था की अद्वितीय गतिशीलता के साथ भर्ती रणनीतियों का लाभ उठा सकते हैं। आप सही कौशल और प्रशिक्षण प्राप्त करके अपनी प्रतिभा का प्रयोग करके अपने दीर्घकालिक करियर में चार चांद लगा सकते हैं। नौकरी चाहने वालों के लिए आज अनेकों विकल्प उपलब्ध हैं। जॉब मार्केट में कर्मचारी अनुभव शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करता है और उन्हें जॉब पर बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सुश्री भाटिया ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको कम्पनी के मूल्य, कार्य व वातावरण आदि पर विशेष ध्यान देना है। इसके अनेक आयाम हैं जो नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए लाभप्रद हैं। मसलन, दिशा और उद्देश्य प्रदान करने के लिए स्पष्ट अपेक्षाएं निर्धारित करना, कर्मचारियों को अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद के लिए विकास के अवसर पैदा करना, उनको मूल्यवान महसूस कराना, टीम-निर्माण को प्रोत्साहित करना, विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना आदि आयामों पर ध्यान देकर कम्पनियां ऐसा माहौल बना सकती हैं जो कर्मचारियों को जोड़े रखने में मददगार होगा।
रिसोर्स परसन ने इस संदर्भ में सोशल मीडिया की शक्ति, उम्मीदवार के अनुभव को बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग, अधिक विविध और समावेशी कार्यस्थल, वेतन, एयर स्विफ्ट के जरिए शीर्ष प्रतिभाओं की नियुक्ति आदि को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ऐसे ट्रेंड हैं जो जॉब मार्केट को शेप देते रहेंगे। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और हरित ऊर्जा विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। इतना ही नहीं मैन्युफैक्चरिंग और अधोसंरचना के क्षेत्र में भी कुशल लोगों की बहुत कमी है। अंत में छात्र-छात्राओं ने रिसोर्स परसन से कई सवाल पूछे जिनके उन्होंने विस्तार से जवाब दिये।
लालों के लाल शंकर लाल
विजय गुप्ता की कलम से
मथुरा। शंकर लाल खंडेलवाल लालों के भी लाल थे। भले ही उनको गौलोक वासी हुए अरसा हो चुका है किंतु उनके सद्कर्म आज भी उन्हें जीवित रखे हुए हैं।
शंकर मिठाई वालों के नाम से प्रसिद्ध शंकर लाल जी बड़े ही विनम्र स्वभाव के थे। चहरे पर तेज और सौम्यता देखते ही बनती थी। ऊपर से अच्छा खासा डील डौल सौने में सुगंध का काम करता था।
इस सबसे हटकर खास बात यह कि वे न सिर्फ अति धार्मिक और पूजा पाठी थे बल्कि सेवा भावी भी थे। गरीबों पर तो वे बेहद मेहरबान रहते थे। सर्दियों में अलाव जलवाना चाय का लंगर चलाना उनका शौक था। इसी प्रकार गर्मियों में शीतल पानी की प्याऊ चलती थी। गायों को हरा चारा खिलवाया जाता।
इस सबसे अलग एक बात और वह यह कि अपनी मिठाई की दुकान में जो भी मिठाई बच जाती उसे मुफ्त में गरीबों को बटवा देते। वे भोले बाबा के अनन्य भक्त थे। प्रतिदिन रंगेश्वर महादेव की पूजा अर्चना किए बगैर कुछ भी ग्रहण नहीं करते। कोई भी असहाय जरूरतमंद उनके पास आ जाता वह खाली हाथ नहीं लौटता। अनगिनत गरीब कन्याओं की शादी कराने का सौभाग्य उनको मिला। इन सब बातों से भी ऊपर उठकर एक बात यह कि वे कभी अपनी इन सेवाओं का प्रसार प्रचार नहीं करते थे। उनकी इन महानताओं के कारण लोग उन्हें श्रद्धा और सम्मान की नजरों से देखते। अच्छी बात यह है कि शंकर लाल जी की परमार्थ वाली इन परंपराओं को उनके पुत्र गिरधारी लाल व अन्य भाई बखूबी निभा रहे हैं।
शंकर लाल जी व उनके परिवारीजन समाज के लिए मिसाल हैं। आज के इस दूषित वातावरण में ऐसे परमार्थी लोग कलयुग में भी सतयुग का आभास कराते हैं। हम लोगों को शंकर लाल जी जैसे दुर्लभ व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर चौरासी लाख योनियों के बाद मिले इस मनुष्य जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।