Monday, August 25, 2025
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ऑपरेशन यात्री सुरक्षा के तहत यात्री सामान की चोरी करने वाले 02 महिला एवं 01 पुरुष को 10 लाख कीमत के आभूषण के साथ किया गिरफ्तार

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दिनांक 16.12.2024 को गाड़ी सं. 22222 निजामुद्दीन- मुंबई राजधानी एक्सप्रेस से आगरा छावनी पर हुई यात्री सामान चोरी में क्राइम विंग(D&I)आगरा द्वारा सीसीटीवी सर्विलांस कर संदिग्धों को चिन्हित कर जीआरपी आगरा छावनी के साथ सुरागसी कर अपराधियों के ठिकानों का पता लगाया गया |
दिनांक 19.12.2024 को रे.सु.ब.क्राइम विंग (D&I) आगरा, जी.आर.पी. आगरा छाबनी एवं रे.सु.ब. आगरा छाबनी स्टाफ के साथ संयुक्त रूम से टीम बनाकर सूचना पर 01पुरुष एवं 02 महिला शातिर चोरों को ग्यासपुरा आगरा अभियुक्तगणों का निवास शशिकांत का किराया का मकान से समय चोरी के आभूषणो के साथ गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से बरामद आभूषणों को राजधानी एक्सप्रेस एवं पूर्व मे अन्य ट्रेनों से आगरा छावनी स्टेशन पर यात्रियों से चोरी करना स्वीकार किया गया |
इस मामले में टीम ने चंदन उर्फ चंदू पुत्र नंदलाल उम्र 36 वर्ष निवासी ए-394/एच 312 टी हट्स कठपुतली कॉलोनी न्यू पटेल नगर दिल्ली हाल पता ग्यासपुर मराठा बस्ती थाना शाहगंज जिला आगरा,वंदना पत्नी चंदन उर्फ चंदू उपाध्याय उम्र 33 वर्ष और करिश्मा पत्नी महिपाल उम्र 26 वर्ष को पकड़ा गया है।
पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से सोने के एक जोड़ी टॉप,सोने की एक चैन में खुशी लिखा लॉकेट ,सोने की एक चैन,सोने की अंगूठी,सोने की एक चैन में S लिखा लॉकेट,सोने की एक अंगूठी पट्टी के आकार, सोने का एक पेंडल मय काले मोतियों की माला, सोने के कान के झाले,सोने का एक कंगन,सोने का एक मंगलसूत्र,सोने की दो अंगूठी,सोने का एक पेंडल में मोतियों की माला,चांदी की एक जोड़ी पायल सहित नकद 1700/- रूपये बरामद किये गए है।वहीं बरामद आभूषणों की कीमत करीब 10 लाख रुपए आंकी गयी है।

जीएलए के छात्रों ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में लहराया परचम

  • जीएलए इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन और कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के छात्रों ने दिखाया तकनीकी शिक्षा का कमाल

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के विद्यार्थी केन्द्र सरकार के विजन स्मार्ट इंडिया और नवाचार में जुटे हुए हैं। हर दिन विजन और मिशन को लेकर स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में नवाचार करने में जुटे हुए हैं और बडे़-बडे़ पुरस्कार हासिल कर जीएलए की उत्कृष्ट शिक्षा का परचम लहरा रहे हैं।

जयपुर में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 24 के ग्रैंड फिनाले में जीएलए विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की टीम “इलेक्ट्रोविज़न“ ने “डिलीवरी वर्कफोर्स के लिए समाधान“ प्रस्तुत करते हुए “प्रगति एक्स“ नामक प्रोजेक्ट तैयार किया। यह प्रोजेक्ट डिलीवरी कर्मियों की सुरक्षा, दक्षता, स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन के लिए एक समग्र समाधान है, जिसमें वाहन दुर्घटना पहचान प्रणाली और एंटी-स्लीप अलर्ट सिस्टम जैसे फीचर्स शामिल हैं। छात्रों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। टीम का नेतृत्व अभिषेक शर्मा ने किया, जिनके साथ धीरज राजपूत, बृजेश मौर्य, आदित्य कुमार, निकुंज अग्रवाल और शुभी गर्ग शामिल थे।

विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार देवलिया ने बताया कि यह 5 दिनों तक चलने वाला 120 घंटे का हैकथॉन था, जिसे आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा हैकथॉन माना जाता है। इस दौरान टीम ने दिन-रात मेहनत की। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता ने उन्हें सफलता दिलाई। सफलता के बाद छात्रों को 1 लाख रूपए की पुरस्कार राशि तथा उत्कृष्टता प्रमाण वहां की निर्णायक टीम ने दिया।

एसोसिएट डीन एकेडमिक डा. आशीष शुक्ला एवं एसोसिएट विभागाध्यक्ष डा. मनीष गुप्ता टीम को तकनीकी और मानसिक समर्थन प्रदान किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन, “युवा शक्ति के माध्यम से विकसित भारत के समाधान प्रस्तुत करने“ को साकार करते हुए, स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2024 ने देशभर के 8 हजार 52 छात्रों और एक हजार 342 टीमों को नवाचार के इस महायज्ञ में भाग लेने का मौका दिया। जीएलए विश्वविद्यालय की टीम ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक चुनौतियों पर आधारित समस्या विवरण का अभिनव समाधान प्रस्तुत कर यह उपलब्धि प्राप्त की।

टीम इलेक्ट्रोविज़न की यह जीत न केवल उनके नवाचार और मेहनत का प्रमाण है, बल्कि जीएलए विश्वविद्यालय के शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। यह सफलता पूरे विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करती है।
कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, चीफ फाइनेंस ऑफीसर विवेक अग्रवाल, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

इंसेट

ग्वालियर हैकथॉन में हासिल किया प्रथम स्थान

मथुरा : ग्वालियर स्थित ’अटल बिहारी वाजपेयी- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान में आयोजित प्रतिष्ठित हैकथॉन में जीएलए विश्वविद्यालय की टीम ’टेकअमिड’ ने अपनी असाधारण प्रतिभा और मेहनत से पहला स्थान प्राप्त किया। टीम के तीन मेधावी बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग छात्र आयुषी कतरौलिया, आर्यन शर्मा और रुद्र गुप्ता ने मिलकर एक ऐसा प्रोजेक्ट बनाया, जो लोगों की बोलने और अपनी बात बेहतर तरीके से समझाने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इस प्रोजेक्ट में नई तकनीकों और कंप्यूटर की समझ का उपयोग किया गया है।

सीईए विभाग के डीन प्रो. अशांक भसाली एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस हैकथॉन में पूरे देश से चयनित 65 टीमों ने भाग लिया, जिनमें ’टेकअमिड’ टीम ने अपनी अनोखी सोच और बेहतरीन मॉडल से निर्णायकों को प्रभावित किया। निर्णायक टीम जीएलए के छात्रों को 75 हजार का प्राइज पूल प्रदान किया।

भगवान श्रीकृष्ण विश्व के सर्वोच्च मैनेजमेंट गुरु

  • प्रबन्धन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विद्वतजनों का मंथन
  • राजीव एकेडमी के निदेशक व विभागाध्यक्ष ने भी साझा किए विचार

मथुरा। नई दिल्ली स्थित इग्नू यूनिवर्सिटी कैम्पस में प्रबन्धन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में देशभर के विद्वतजनों ने अपने-अपने विचार साझा किए। विद्वानों ने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वे विदेशों की तरफ भागने की बजाय भारतीय शिक्षा पद्धति को अपनाएं। नई शिक्षा नीति पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में राजीव एकेडमी के निदेशक प्रो. अभिषेक कुमार सिंह तथा विभागाध्यक्ष प्रबंधन डॉ. विकास जैन ने भी अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए।
प्रबन्धन एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 विषय पर हुई राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में विद्वतजनों ने कहा कि अब शिक्षा में ऐसी नई चीजें लाई जाएं जिससे सम्पूर्ण शिक्षा तंत्र में पूर्ण सुधार हो सके। इस अवसर पर एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. टी.जी. सीतारमण ने बताया कि नई शिक्षा नीति से हमने अब तक क्या क्या उपलब्धियां हासिल कीं तथा आगे क्या-क्या सुधार करने हैं। डॉ. अतुल कोठारी (राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली) ने कहा कि आज का युवा नित नई ऊंचाईयों पर पहुंच रहा है। हमें अब युवाओं की शिक्षा के साथ भारत को विश्वस्तर पर स्थापित करना है।
प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति, गुरुघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा में हमें नए आयाम जोड़ने होंगे। हमें युवाओं को बुलंदियों पर ले जाना है। प्रो. अभिषेक कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करके रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने होंगे। डॉ. जयेन्द्र सिंह जाधव (राष्ट्रीय संयोजक प्रबन्धन शिक्षा, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास) ने कहा कि हम कक्षाओं में छात्र-छात्राओं के सामने पश्चिमी सभ्यता के उदाहरण देने से बचें। हम अपनी कक्षाओं में छात्र-छात्राओं को भारतीय मूल से जुड़े उद्योगपतियों के उदाहरण दें।
डॉ. जाधव ने भगवान श्रीकृष्ण को विश्व का सर्वोच्च मैनेजमेंट गुरु बताते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता के वे सर्वोच्च प्रबंधन के ज्ञाता थे। हमें श्रीकृष्ण के उदाहरण कक्षाओं में देने चाहिए। डॉ. आलोक चौबे (कुल सचिव इग्नू) ने कहा कि हमारा युवा विदेश खासकर पश्चिमी देशों की ओर भाग रहा है जबकि हमारी पद्धति और गुरुकुलों का प्रबंधन आज भी सबसे उत्तम है।
उन्होंने कहा कि तक्षशिला और नालन्दा विश्वविद्यालय विश्व के प्रथम विश्वविद्यालय थे जहाँ विदेशों से कई हजार विद्यार्थी अध्ययन करने आया करते थे तथा उन्हें कई प्रकार के विषयों की शिक्षा दी जाती थी। युवा पीढ़ी को आज पश्चिम की ओर भागने की बजाय उसे अपने अतीत को देखकर कार्य करना चाहिए। राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में न्यू एज्यूकेशन पॉलिसी-2020 पर कई अन्य विद्वानों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में प्रो. उमा कांजीलाल (कुलपति इग्नू) ने देशभर से आए सभी विद्वतजनों का आभार माना।

संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की राष्ट्रीय सेमिनार में गंभीर मुद्दों पर हुई चर्चा

मथुरा। संस्कृति आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के द्रव्यगुण विज्ञान विभाग व रस शास्त्र भैषज्य कल्पना विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘फार्माकोविजिलेंस, एडवर्स ड्रग रिएक्शंस व ड्रग आईडेंटिफिकेशन'(“औषधियम -2024”) विषय पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ता प्रो. रवि नारायण आचार्य डायरेक्टर जनरल, सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा बताया गया कि फार्माकोविजिलेंस का मुख्य उद्देश्य सभी प्रकार की औषधियां का सुरक्षित व उचित उपयोग करना है| उन्होंने बताया कि औषधि लेने के बाद किसी भी तरह के होने वाले अवांछित दुष्प्रभाव की पहचान कर, उनका विश्लेषण व मानकीकरण करना, रिपोर्टिंग करना तथा भविष्य मैं औषधीयों का प्रतिकूल प्रभाव नहीं हो उसके लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।
प्रो. सुदीप्त कुमार रथ डीन, इंट्रडिसीप्लिनरी स्टडीज व विभागाध्यक्ष द्रव्य गुण विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर ने कहा कि दवाओं के दुष्प्रभाव की किस तरह से रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग करना चाहिए, इसको अच्छी तरह से समझना होगा। उन्होंने आयुर्वेद में फार्माकोविजिलेंस की आवश्यकता, जड़ी-बूटियों के बढ़ते वैश्विक उपयोग, सुरक्षा संबंधी चिंताओं, औषध गुणवत्ता की समस्याओं, नियामक आवश्यकताओं और प्रभावशीलता व सुरक्षा जैसे विषयों पर बारीक जानकारी देते हुए कहा कि इसको सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की जरूरत है। साथ ही औषधीयों के परस्पर प्रभाव व प्रतिकूल दुष्प्रभावों की निगरानी व मानकीकरण सुनिश्चित करना आदि विषयों पर भी उन्होंने विस्तार से चर्चा ।
अतिथि वक्ता डॉ. अजयन सदानंदन प्रेसिडेंट, इंडियन मेडिकल हेरिटेज, कांजीकोडे, पलक्कड़, केरल द्वारा फील्ड विजिट में औषधीयों की सटीक पहचान व उनकी चिकित्सकीय उपयोगिता के बारे में व्यवहारिक जानकारी दी। साथ ही वृक्षायुर्वेद व ऑर्गेनिक फार्मिंग पर विस्तार से बताया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का मूल उद्देश्य आयुर्वेदिक औषधियां की पहचान में ज्ञान वृद्धि, वैज्ञानिक प्रमाणीकरण को बढ़ावा देना, फार्माकोविजिलेंस की आवश्यकता, उद्देश्य, औषधीय के प्रतिकूल व अवांछित दुष्प्रभाव की पहचान, विश्लेषण, मॉनिटरिंग व रिपोर्टिंग करना आदि विषयों पर विद्यार्थियों को बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराना था। इस दृष्टि से सेमिनार अपने उद्देश्यों में काफी हद तक सफल रही।
संगोष्ठी में भाग लेने वाले यूजी, पीजी पीएचडी स्कॉलर्स व अन्य प्रतिभागियों ने विशेष वक्ताओं के व्याख्यानों के माध्यम से उपयोगी जानकारी प्राप्त की तथा इन महत्वपूर्ण जानकारी को लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सेमिनार का शुभारंभ संस्कृति यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता द्वारा, कुलपति डॉ. एमबी चेट्टी व सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन के दौरान संस्कृति आयुर्वेद मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल के प्राचार्य डॉ. एम. मोहनन (ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन) व विभागाध्यक्ष डॉ. वी वी रामा राव (आर्गैनाइजिंग सेक्रेटरी) व अन्य संकाय सदस्य डॉ. दिलीप पात्ति, डॉ. इ वी रेड्डी, डॉ. प्रतिभा, डॉ. लक्ष्मी, डॉ. अनीश, डॉ. अनिला, डॉ. सुरभि आदि उपस्थित रहे। सेमिनार में लगभग 350 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया ।

बीएसए डिग्री कॉलेज प्रबंधन समिति के पदाधिकारी द्वारा अवैध रूप से धन निकासी को लेकर एसटीएफ की आर्थिक अपराध शाखा करेगी जांच

मथुरा। बी एस ए कॉलेज मथुरा के खातों से गैरकानूनी ढंग से श्री अग्रवाल शिक्षा मंडल के मंत्री द्वारा धनराशि अन्य संस्थाओं के खातों में हस्तांतरित करने की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश ने जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स आगरा को नियुक्त किया है। एस टी एफ ने जांच प्रारंभ करते हुए मंत्री किशोर कुमार अग्रवाल एवं शिवम अग्रवाल को तीन दिन के अंदर आगरा पुलिस लाइन में सभी कागजात के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है इस मामले की शीघ्र जांच आर्थिक अपराध शाखा उत्तर प्रदेश द्वारा भी की जाएगी। इस कार्यवाही से कालेज के कथित प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। टीचर्स एसोसिएशन बी.एस.ए.कॉलेज, मथुरा के अध्यक्ष, महामंत्री द्वारा गृह सचिव एवं पुलिस महानिदेशक लखनऊ को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था कि महाविद्यालय में कुलपति डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा अस्वीकृत/अनानुमोदित प्रबन्ध तन्त्र द्वारा बीएसए कॉलेज के खातों से अनाधिकृत रूप से श्री अग्रवाल शिक्षा मण्डल (रजि.) मथुरा जिसके कि मंत्री किशोर कुमार अग्रवाल (कोयला वाले) है के खातों में एवं उनकी अन्य संस्थाओं के खार्तों में हस्तानांतरित की गई करोड़ों रूपये की धनराशि गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टचार की श्रेणी में आता है। टीचर्स एसोसिएशन की शिकायत का संज्ञान लेकर पुलिस महानिदेशक ने उक्त प्रकरण की जांच हेतु स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) फोल्ड यूनिट आगरा को नामित किया है। स्पेशल टास्क फोर्स मधुरा ने अपने पत्र 12 दिसम्बर 2024 को किशोर कुमार अग्रवाल एवं शिवम अग्रवाल पुत्र किशोर कुमार अग्रवाल को पत्र प्रेषित करते हुए उन्हें तीन दिवस के अन्दर स्पेशल टास्क फोर्स पुलिस लाइन आगरा पर प्रातः 11:00 बजे उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया है। विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उक्त प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध शाखा उ.प्र.द्वारा भी निकट भविष्य में की जायेगी। संज्ञान में यह भी आया है कि किशोर कुमार अग्रवाल एवं शिवम अग्रवाल के अतिरिक्त विनोद गर्ग एवं उनके अन्य सहयोगियों को भी एसटीएफ फील्ड यूनिट आगरा द्वारा उपस्थित होने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं। अब यह निश्चित है कि महाविद्यालय में की गई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की वास्तविक जांच एसटीएफ द्वारा की जायेगी और दोषियों के विरूद्ध संगीन धाराओं में कड़ी कार्यवाही होगी जिससे कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।

जीएलए विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न

  • दीक्षांत समारोह में 4039 उपाधियां एवं 19 गोल्ड और 19 सिल्वर मेडल प्रदान किए

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा (उ.प्र.) के 13वां दीक्षांत समारोह अत्यन्त गरिमा एवं उल्लास के साथ मंगलवार को सम्पन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की कुल 19 गोल्ड और 19 सिल्वर मेडलिस्ट के साथ 4039 उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलावा 24 छात्रों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ), कार्यकारी समिति राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल के अलावा बतौर विशिष्ट अतिथि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला एवं कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने मां सरस्वती एवं प्रेरणास्त्रोत श्री गणेशीलाल अग्रवाल जी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत शैक्षिक शोभायात्रा के आगमन से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि, कुलाधिपति, कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव एवं डीन एकेडमिक, मुख्य परीक्षा नियंत्रक डॉ. अतुल बंसल के साथ विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी, एग्जीक्यूटिव काउंसिल एवं एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों की अगवानी मुख्य सभागार में हुई। तत्पश्चात् कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ की उद्घोषणा की।

समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने दीक्षांत संबोधन की शुरुआत सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन, सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को बधाई देते हुए की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिनेश कुमार शुक्ला को जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने सभी का स्वागत किया। प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया।

विशिष्ट अतिथि ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए आनंद का विषय है। मैं यहां खुद को नई ऊर्जा से ओत-प्रोत का अनुभव कर रहा हूं। इन युवा प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के बीच उनके उत्साह को देखकर मुझे पूर्व के अनुभव की स्मृति हो रही कि जब मैं इन्हीं भावनाओं के समुद्र से गुजरा था। इसलिए मैं आप सभी की भावनाओं को समझ रहा हूं। उन पुरानी स्मृतियों को दोबारा याद कराने के लिए मैं जीएलए विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करता हूं।

कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय ने पिछले वर्षों कई उपलब्धियां हासिल की हैं। विश्वविद्यालय को मिली यह उपलब्धियां भी छात्रों को बेहतर शिक्षकों द्वारा दी जा रही प्रदत्त शिक्षा का प्रमाण है। विश्वविद्यालय जिस प्रकार हमेशां छात्रों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर चलता है, ठीक उसी प्रकार असहायों की मदद के लिए आगे रहता है। पिछले वर्षों में एक से बढ़कर एक कंपनी ने जीएलए के छात्रों को रोजगार प्रदान किया है, लेकिन यह तभी संभव हो पाया है जब विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने रोजगार पाने के लायक छात्रों को तैयार किया। इसके अलावा ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग की टीम ने कंपनियों में जाकर संपर्क साधा। आगे भी विश्वविद्यालय अपने छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने की तैयारी में जुटा हुआ है। नैक ‘ए‘ श्रेणी को पीछे छोड़कर अब दूसरी बार में नैक से सर्वोच्च 3.46 स्कोर के साथ नैक से ‘ए प्लस‘ ग्रेड हासिल किया है। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में शिक्षकों ने 2 हजार 559 रिसर्च पेपर प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित कराने में सफलता हासिल की। इसके अलावा 1740 पेपर एससीआई स्कोपस जर्नल्स में तथा 194 पेटेंट पब्लिश हुए और 80 पेटेंट ग्रांट हुए। इसके अलावा रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 3 करोड 56 लाख रूपए की स्वीकृति मिली। साथ ही साथ करीब 30 लाख रूपए के कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है।

कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल ने मुख्य अतिथि प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे को स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया। विशिष्ट अतिथि दिनेश कुमार शुक्ला को प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने स्मृति चिन्ह् भेंट किया। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कुलाधिपति श्री नारायणदास अग्रवाल को स्मृति चिन्ह् भेंट किया। तत्पश्चात् कुलाधिपति द्वारा दीक्षांत समारोह के सम्पन्न होने की उद्घोषणा की गयी एवं शैक्षिक शोभायात्रा के प्रस्थान से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डा. विवेक मेहरोत्रा ने किया।

इस अवसर पर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर नीरज अग्रवाल, चीफ फाइनेंस ऑफीसर विवेक अग्रवाल, जीएलए के सीओई डा. अतुल बंसल, डीन एकेडमिक प्रो. अशीष शर्मा, गवर्निंग बॉडी के सदस्य राजेश गर्ग, कार्यपरिषद के सदस्य नरेन्द्र अग्रवाल, जीएलए बजाज गु्रप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष सहित आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

भारत 2047 तक होगा दुनियां का सबसे बड़ा ताकतवर देश : सहस्रबुद्धे

-हमारे श्रेष्ठ और नौजवान छात्रों की मेहनत के बल पर भारत देश बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा
-जीएलए विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में बोले समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के 13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ), कार्यकारी समिति राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि भारत देश की अर्थव्यवस्था दसवें स्थान से पांचवें स्थान तक पहुंच गई है और चौथे तथा तीसरे स्थान पर धीरे-धीरे जाने वाली है। 2047 तक भारत देश दुनियां की सबसे बड़ी ताकत और बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर आयेगा। इसके लिए भी यही छात्र हैं जो आज दीक्षांत समारोह में डिग्री लेकर बाहर किसी न किसी सेक्टर में जिम्मेदारी निभाएंगे और 2047 तक भारत को उच्च स्तर पहुंचाने में अपनी अह्म भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि आज से दस वर्ष पहले देश में सिर्फ चार सौ स्टार्टअप पंजीकृत थे, लेकिन आज एक लाख 50 हजार से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं, जो कि पिछले 10 वर्षों से करीब 400 गुना से भी कहीं अधिक है। इन सभी स्टार्टअप की वेल्यूएशन करीब 1 बिलियन डॉलर से अधिक हैं। अभी जो स्टार्टअप आ रहे हैं यह स्टार्टअप सिर्फ आइआइटी और एनआइआइटी से नहीं है, बल्कि अन्य प्रदेश और शहर तथा गांव से भी आ रहे हैं। यानि हमारे में गांव के युवा छात्र समृद्ध हो रहे हैं।

इसी राह में आगे बढ़ते रहने के लिए विद्यार्थी जो लक्ष्य साधकर आगे बढ़ रहे हैं क्या उसे फॉलो कर रहे हैं या नहीं। उसका अपने आपको अवलोकन करने की अतिआवश्यकता है। हमेशां सत्य बोलिए किसी के प्रभाव में आकर सत्य को न भूलें। क्योंकि एक झूठ को छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पडते हैं, जो भी आपका प्रोफेशन हैं जैसे कोई एमबीए है, फार्मासिस्ट है, इंजीनियर है यहां से बाहर जाने के बाद कोई नौकरी करेगा तो कोई स्टार्टअप खोलेगा। कुछ सरकारी सर्विस करेंगे कोई भावा परमाणु में भी वैज्ञानिक बतौर जाएगा। यानि जहां भी जाएं वहां अपना प्रोफेशनलिज्म न भूलें। सत्य के साथ प्रोफेशनलिज्म बहुत महत्वपूर्ण है। यही धर्म है।

स्वाध्याय के बारे में उन्होंने कहा कि अगर कोई यह सोचे की आज डिग्री मिल गयी और आज से पढ़ना लिखना सब बंद। अगर ऐसे कोई समझ रहा है तो वह बहुत बड़ी गलतफहमी है। क्योंकि एजुकेशन सेक्टर, टेक्नोलॉजी सेक्टर और दूसरे सेक्टरों में बहुत बदलाव हुए हैं और हर दो से तीन सालों में और अधिक बदलाव देखने को मिलेंगे। इसलिए डिग्री लेकर यहां से बाहर जाने के बाद आत्मसात नहीं करेंगे और पढ़ेंगे नहीं तो आगे बढ़ने के रास्ते भी बंद हो जायेंगे। इसलिए हमेशां स्वयं करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पहले ऐसी व्यवस्थाएं नहीं थी कि कोई भी घर बैठकर कुछ नई चीज सीख सके। क्योंकि पहले कुछ नई चीज सीखने के लिए शिक्षक के पास, लाइब्रेरी, लैब तथा किसी अन्य व्यक्ति के पास भागना पड़ता था, लेकिन आज टेक्नोलॉजी के जो नए-नए अविष्कार हुए उसकी वजह से इंटरनेट के माध्यम से और यूट्यूब, ऑनलाइन कोर्सेस, जिसको हम बुक्स कहते हैं के माध्यम से बहुत कुछ सीख सकते हैं। हमारा देश ही स्वदेशी मुल्क है जहां स्वयं प्लेटफार्म इसके जरिए घर में बैठकर नई चीजें जो भी आ रही हैं वह पढ़ सकते हैं, लिख सकते हैं, जान सकते हैं और उसका प्रयोग कर सकते हैं। उसके ऊपर अपनी टेक्नोलॉजी भी आप खुद तैयार कर सकते हैं और इसलिए कई बार ऐसा होता है।

एआई बहुत शक्तिशाली इसके प्रयोग के लिए समझदारी जरूरी

आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस बहुत शक्तिशाली है, लेकिन इसके सही उपयोग को समझना बहुत जरूरी है। अगर यही नहीं समझ सके तो एआई का सही प्रयोग नहीं हो पायेगा और अगर कोई यह कहे कि मेरे पास अपना अनुभव है वह एआई का प्रयोग नहीं करेगा, तो यह भी गलत होगा। क्योंकि इतनी अधिक जानकारी जो लाखों, करोड़ों किताबों में छुपी हुई हुई है। उस जानकारी को छानकर उसका निचोड अगर निकालना है तो मशीन लर्निंग और एआई की सहायता से आपको तुरंत बहुत बड़ी उपलब्धि मिल सकती है, लेकिन उसका प्रयोग कैसे करना है यह भी सोचने की जरूरत है। उसकी मर्यादा क्या है वह भी समझने की जरूरत है और इसलिए हमारे देश में जल्द ही नए विषयों के इंजीनियर आ रहे हैं। यानि आप एआई और मशीन से क्या प्रश्न पूछेंगे उसी हिसाब से उत्तर मिलेगा।
गलत प्रश्न पूछेंगे तो गलत उत्तर मिलेगा। इसलिए कैसे और कौन से प्रश्न कब पूछने हैं इसकी पढ़ाई लिखाई भी हमारे एआई के जो शिक्षक हैं वह छात्रों को जानकारी दें, जिससे तर्क संगत उपयोग हो सके।

एआई के बेहतर उपयोग को खुले तीन केन्द्र

सबसे महत्वपूर्ण तीन जगहों में उसका उपयोग करने के लिए भारत सरकार ने 3 सेंटर पिछले माह ही शुरू किए हैं। आईआईटी दिल्ली और एम्स दिल्ली के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा पर एआई उत्कृष्टता केंद्र का उद्देश्य प्रारंभिक रोग की भविष्यवाणी, निदान और महामारी ट्रैकिंग पर ध्यान केंद्रित करना है। यह आयुष दवाओं सहित स्वास्थ्य सेवा के लिए परीक्षणों और डेटा संग्रह सपोर्ट करेगा, जबकि वहनीयता, गुणवत्ता और पहुंच से संबंधित चुनौतियों का समाधान करेगा।

आईआईटी रोपड़ के नेतृत्व में कृषि पर केंद्र का उद्देश्य फसल की पैदावार, मौसम और स्थानीय परिस्थितियों पर डेटा का लाभ उठाकर खेती के तरीकों को बदलना है। पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि के साथ एकीकृत करके, यह बुवाई, कटाई और फसल स्वास्थ्य पर एआई-संचालित, वास्तविक समय मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह इसलिए है कि बहुत किसान लोग पीड़ित हैं। कई जगह आत्महत्याएं हो रही हैं तो उनको सही दिशा दिखाने के लिए

आईआईटी कानपुर के नेतृत्व में संधारणीय शहरों पर केंद्र स्मार्ट सिटी नियोजन, यातायात प्रबंधन और कुशल संसाधन वितरण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाएगा। सेंसर, जीआईएस मानचित्रों और उपग्रह फ़ीड से डेटा को एकीकृत करके, यह संसाधन की जरूरतों का अनुमान लगाएगा और सार्वजनिक स्थान के डिजाइन को बेहतर बनाएगा।

संस्थान केन्द्रों से करें एमओयू साइन

उन्होंने कहा कि जब यह तीन एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से सहायता मिलना शुरू होगी तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह तीन ही इंस्टीट्यूट के लिए ही हैं। हमें ऐसे ही उनके साथ एमओयू कर उनसे जुड़कर रिसर्च कर सकते हैं। इसके बाद स्टूडेंट को वहां इंटर्नशिप के रूप में भेजकर उसकी भी पढ़ाई कैसे करवा सकते हैं, इसके लिए हर यूनिवर्सिटी के हर कॉलेज के प्राध्यापकों को कोशिश करनी पड़ेगी। इसके लिए जीएलए विश्वविद्यालय को भी प्लानिंग करने की जरूरत है।

प्रदूषण से मुक्ति हेतु पाठ्यक्रमों की आवश्यकता
हमें यही भी सोचने की जरूरत है कि हमारा गांव, शहर और राज्य की प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इस समस्या के कहीं हद समाधान हेतु ऐसी व्यवस्थाएं की जाएं और यूनिवर्सिटी द्वारा सतत विकास पाठ्यक्रम चलाये जायें, जिससे विद्यार्थियों का इस ओर ध्यान आकर्षित हो और छात्र जब इंटर्नशिप पर जायें अथवा जॉब पर जायें तो वह अपनी कार्यशैली में प्रदूषण रहित विकास की भावना के साथ कार्य करे यह बहुत महत्वपूर्ण है।

हैकाथॉन से बढ़ रही भारत की ताकत

इसके अलावा आप सभी लोग यानि इनोवेटर हो। भारत की इनोवेटिव ताकत कितनी है यह हम नहीं जानते थे। यह एआईसीटीई ने जो स्मार्ट इंडिया हेकाथॉन शुरू किया। इसमें जीएलए के भी कई छात्रों ने प्रतिभाग किया होगा। इसका हाल ही में सातवां एडीशन पूरा हुआ है। अभी आठवां चल रहा है। इसके तहत सरकारी विभागों की समस्या, कंपनियों की समस्या, ऑटोमेटिक एनर्जी की समस्या, स्पेस साइंस की समस्या, रेलवे की समस्या, स्वास्थ्य मंत्रालय की समस्या या किसी एनजीओ की समस्या को छात्रों के सामने पेश करने के बाद जो समाधान निकल रहे हैं। उस समाधान से देश को आगे बढ़ने में काफी मदद मिल रही है। अनेक स्टार्टअप संचालित हो रहे हैं। पिछले नौ वर्ष पहले की बात की जाय तो ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर भारत था, लेकिन पहली ही बार में पिछले वर्ष जब यह इंडेक्स जारी हुई तो भारत 39वें स्थान पर पहुंचा। इसी तरह आधा रास्ता तय हो चुका है और आधा करना बाकी है। भारत की 140 करोड से अधिक आबादी है। आगे भी लोकतंत्र के हिसाब से आगे बढ़ना है।

भारत के डीएनए में है उद्यमिता और इनोवेशन

भारत की आत्मा, भारत का डीएनए वह उद्यमिता और इनोवेशन का है, तो इसलिए हमारे जो अनपढ़ लोग हैं वह जो भी इनोवेशन/नवाचार करते है, भले ही उसको जुगाड़ कहा जाता है। वह किसी से कम नहीं है। ऐसे लोगों को भी आगे लाने के लिए राष्ट्रीय इनोवेशन फाउंडेशन जो कि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है। वहां धूल के पेटेंट किए जा रहे हैं और जो कॉलेज और यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करते हैं उनमें तो कहीं अधिक ज्यादा सामर्थ्य होना चाहिए।

दीक्षांत समारोह कभी न भूलने वाला पल : दिनेश कुमार शुक्ला

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के 13वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला ने अपने चार दशकों के अनुभव को विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए उनसे अपने मूल स्वरूप में रहने की बात की।

उन्होंने कहा दीक्षा एक प्रकिया है, जिसमें गुरु अपने शिष्य को व्यवहारिक शिक्षा, ज्ञान, तकनीकी एवं मूल्यों की शिक्षा देता है। बेहतर इंसान बनाना शिक्षा का मूल उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने नवीन शिक्षा नीति पर बात करते हुए बेहतर नतीजों की उम्मीद जताई।

उन्होंने मानव संसाधन के विकास पर चर्चा की और कहा कि विकसित भारत के मिशन को उचित शिक्षा एवं मानव संसाधन के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने तकनीकी विकास पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि तकनीक कभी अच्छी-बुरी नहीं होती, बल्कि नियत के अनुसार उसका प्रयोग इसे अच्छा-बुरा बनाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास के द्वारा आ रहे बदलावों के साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि इसके बदले में क्या-कुछ खोया अथवा छोड़ा जा रहा है।

उन्होंने एआई के माध्यम से संभावित बदलावों पर चर्चा करते हुए कहा कि कृतिम बुद्धिमत्ता मानव की वास्तविक बुद्धिमत्ता पर हावी ना हो, इसका ध्यान रखने की ज़रूरत है। उन्होंने सभी को प्रासंगिक रहने की सलाह दी एवं कहा कि अपने स्वप्नों को पूरा करने के लिए क्या-“कब-कहां जैसे तत्वों पर ध्यान देने की बात कही।

राज्य स्तरीय जूडो चैंपियनशिप में वी पी एस के छात्रों ने हासिल किये स्वर्ण पदक

वृंदावन। शैक्षिक व सह शैक्षिक क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयों को छूते हुए वृंदावन पब्लिक स्कूल ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया।
उल्लेखनीय है कि जू जित्सु एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित’ यूपी स्टेट जू जित्सु चैंपियनशिप 2024 नामक राज्य स्तरीय प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में विद्यालय के दो छात्रों ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया। उक्त प्रतियोगिता 14 से 15 दिसंबर को ग़ज़ियाबाद में आयोजित की गई थी। भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त जू जित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। जू जित्सु, एक गतिशील खेल है, जिसमें दो तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं ने-वाजा और फाइटिंग सिस्टम।
वीपी एस के छात्रों ने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी अमिट छाप छोड़ी और राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर के लिए उत्तरप्रदेश से चयनित हुए। पदक विजेता छात्र कुश शर्मा (स्वर्ण) प्रथम स्थान ने-वाजा, फाइटिंग सिस्टम, रितिक राठौर स्वस्थ स्वर्ण प्रथम स्थान ने-वाजा फाइटिंग सिस्टम ने अपनी इस सफलता का श्रेय विद्यालय प्रबंधन व प्रशिक्षिका शिवानी वर्मा को दिया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने छात्रों को बधाई दी व उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना की।

जीएल बजाज के छात्र-छात्राओं ने जीती राष्ट्रीय कोडिंग प्रतियोगिता

  • विजेता टीम को 50 हजार रुपये का मिला नगद पारितोषिक

मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के बीटेक के छात्र-छात्राओं ने अपनी बौद्धिक क्षमता का नायाब उदाहरण पेश करते हुए राष्ट्रीय कोडिंग प्रतियोगिता जीत ली। तमिलनाडु के एरोड स्थित एक्सेल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय कोडिंग प्रतियोगिता में जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं ने देश में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने से सम्बिन्धित मॉडल पेश किया जिसे निर्णायकों ने प्रथम स्थान प्रदान किया। आयोजकों ने जी.एल. बजाज की विजेता टीम को प्रशस्ति पत्र के साथ ही 50 हजार रुपये का नगद पारितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया।
जीएल बजाज के कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रो. इंजीनियर संतोष कुमार चौहान ने बताया कि तमिलनाडु के एरोड स्थित एक्सेल इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय कोडिंग प्रतियोगिता में जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं ने देश में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने से सम्बिन्धित मॉडल प्रस्तुत किया। यह मॉडल हर भारतीय और विदेशी पर्यटक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। इसमें भीड़ का पता लगाने, भुगतान विकल्प और पर्यटक की पसंद के अनुसार सर्वोत्तम स्थान चुनने जैसी सुविधाएं शामिल थीं।
प्रो. चौहान का कहना है कि यह प्रतियोगिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल तथा एआईसीटीई और शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के संयुक्त प्रयासों से आयोजित की गई। प्रतियोगिता में देश के 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें से 13 सौ छात्र-छात्राओं को ग्रैंड फिनाले के लिए चुना गया, जो देशभर के 15 नोडल केंद्रों पर आयोजित हुआ। जी.एल. बजाज टीम का मार्गदर्शन करने वाले सहायक प्रो. चौहान ने बताया कि टीम का नेतृत्व बी.टेक. तृतीय वर्ष के छात्र शिवम सोनी ने किया। टीम के अन्य सदस्यों में दक्ष धनगर, अजय कुमार, आकांक्षा मिश्रा, डिम्पल उपाध्याय (सभी तृतीय वर्ष) तथा याज्ञनिक शर्मा (बी.टेक. द्वितीय वर्ष) शामिल थे।
तमिलनाडु से लौटे जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्रतियोगिता में शिरकत करना रोमांचक अनुभव है। इस प्रतियोगिता ने हमारी कोडिंग क्षमताओं को नए स्तर तक पहुंचा दिया है। प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों कॉलेजों के हजारों प्रतिभागियों ने उत्साह और उमंग से अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाई। विशाल भागीदारी ने इस आयोजन में प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ा दिया। प्रतियोगिता में तीन राउंड शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक में कोडिंग कौशल के विभिन्न स्तरों का परीक्षण किया गया। छात्र-छात्राओं का कहना है कि इस प्रतियोगिता ने सीमित समय में गंभीरता से, तेजी से सोचने और कुशलता से काम करने की चुनौती दी। इस प्रतियोगिता में भाग लेना और प्रथम पुरस्कार प्राप्त करना हम लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं की इस शानदार उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों को बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राष्ट्रीय कोडिंग प्रतियोगिता में शिरकत करना ही बड़ी बात है, जी.एल. बजाज के मेधावी छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता जीतकर समूचे ब्रज को गौरवान्वित किया है।

वी पी एस के छात्रों ने चंद्रोदय गीता फेस्ट में लहराया अपनी प्रतिभा का परचम

वृंदावन। वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने फिर अपनी प्रतिभा, दक्षता, योग्यता का परचम लहरा कर स्वयं की उत्कृष्टता सिद्ध की।
गौरतलब है कि गीता जयंती पर छटीकरा स्थित वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में गीता फेस्ट नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गीता श्लोक वाचन, गीता क्विज, गीता एकालाप, गीता कॉलाज आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिसमें वी पी एस के 30 छात्रों ने प्रथम, द्वितीय ,तृतीय व सांत्वना पुरस्कार जीतकर विद्यालय को गौरवान्वित किया।
जिसमें वृंदावन नर्सरी स्कूल से श्लोक वाचन में नव्या चुघ ने प्रथम व युक्ति शुक्ला ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। वहीं कक्षा चार से छ: तक की श्रेणी में कोलाज मेकिंग में राधिका गौर और शिवांगी शुक्ला के निर्देशन में विमल ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया और कक्षा सात से नवमी तक की श्रेणी में जेसिका ने प्रथम स्थान, पर रिचा राघव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
गीता श्लोक वाचन में कक्षा 6 से 9 तक की श्रेणी में विधि शुक्ला ने प्रथम व घनश्याम मुद्गल ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया तथा कक्षा 10 से 12 की श्रेणी में मोहन नेपाल ने प्रथम व पलक मुद्गल ने तृतीय स्थान तथा दिव्यांशु चतुर्वेदी और पूनम धाकड़ ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
अंग्रेजी एकालाप में कक्षा 9 से कामिनी सैनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
वही हिंदी एकालाप ( मोनोलॉग) कक्षा 9 से 12 की श्रेणी में कामिनी सैनी और खुशी अग्रवाल ने प्रथम स्थान ,साक्षी झा ने द्वितीय स्थान, कनक फौजदार ने तृतीय स्थान तथा पायल सैनी, मनु शर्मा और सृष्टि गौतम ने सान्त्वना पुरस्कार प्राप्त किये।
हिंदी एक्टेंपोर में कक्षा 11 से मानसी भारद्वाज ने अपनी वाचन क्षमता व गीता संबंधी ज्ञानवर्धक विषय सामग्री से सभी निर्णायकों को अचंभित कर उनका शुभाशीष ले प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गीता के 13 में व 14 में अध्याय से संबंधित क्विज में तनिष्क फौजदार भूमि शर्मा, रानी तोमर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। निमिषा अग्रवाल, नेहा गौतम व कंचन कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा प्रशांत कुमार, वर्षा कुशवाह व शशांक दीक्षित ने सांत्वना पुरस्कार कर विद्यालय का नाम रोशन किया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्रों ने अपनी इस सफलता का श्रेय निदेशक डॉ ओम जी, निर्देशिका डॉ निधि शर्मा व प्रधानाचार्य कृति शर्मा को देते हुए अपने शिक्षकगण प्रियदर्शनी आचार्य ,मनोज सारथी, अंजना शर्मा ,वंदना कौशिक ,यश शर्मा ,शिवांगी शुक्ला व राधिका गौर आदि को दिया। प्रधानाचार्य ने समस्त विजयी छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

जीएलए का 13वां दीक्षांत समारोह 17 को

  • जीएलए के 13वें दीक्षांत समारोह में 4039 विद्यार्थियों को प्रदान की जाएंगी उपाधियां
  • जीएलए के 13वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि एनईटीएफ, एनएएसी, एनबीए के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे व विशिष्ट अतिथि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला होंगे
  • जीएलए विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में 19 गोल्ड और 19 सिल्वर मेडलिस्ट छात्र होंगे सम्मानित

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) का 13वां दीक्षांत समारोह 17 दिसंबर मंगलवार को मनाया जाएगा। समारोह में वर्ष 2024 में विभिन्न पाठ्यक्रमों की शिक्षा प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएंगी।

कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय स्थित विशाल ऑडीटोरियम में होने वाले इस समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ), कार्यकारी समिति राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे द्वारा वर्ष 2024 में आयोजित विभिन्न पाठ्यक्रमों के सफल विद्यार्थियों को 19 गोल्ड मेडल, 19 सिल्वर मेडल और 4039 उपाधियां प्रदान करेंगे। साथ ही बीएससी ऑनर्स बायोटेक, बीएससी ऑनर्स केमिस्ट्री, बीए ऑनर्स अंग्रेजी, बीबीए फैमिली बिजनेस, बीकॉम ऑनर्स ग्लोबल एकाउंटिंग, बीटेक बायोटेक, बीटेक बायोटेक, बीटेक सीएस सीसीवी, डीए, सीएसएफ, आइआइओटी, बीसीए ऑनर्स, बीकॉम ऑनर्स एलएलबी, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, एमएससी केमिस्ट्री, एमफार्म फार्माकोलॉजी, डिप्लोमा फार्मेसी सहित पॉलीटेक्निक (डिप्लोमा) के 24 विद्यार्थियों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने आगे बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) से वर्ष 2024 में पीएचडी के 85, बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर 105, बीएससी ऑनर्स बायोटेक के 31, बीएससी ऑनर्स कैमिस्ट्री के 18, बीएससी ऑनर्स फिजिक्स के 9, बीए ऑनर्स इकॉनोमिक्स के 5, बीए ऑनर्स अंग्रेजी के 20, बीबीए के 175, बीबीए ऑनर्स 123, बीबीए फैमिली बिजनेस 23, बीकॉम ऑनर्स ग्लोबल एकाउंटिंग 19, बीकॉम ऑनर्स 92, बीटेक बायोटेक्नोलॉजी 18, बीटेक सिविल इंजीनियरिंग 32, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 29, इलेक्ट्रॉनिक्स 5, मैकेनिकल इंजीनियरिंग 52, बीटेक एमई एसएम 6, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजी. 40, कम्प्यूटर साइंस के 794, बीटेक सीएस एआईएमएल 140, बीटेक सीएस सीसीवी 24, बीटेक सीएस डीए 24, बीटेक सीएस सीएसएफ 24, बीटेक सीएस आइओटी 12, बीसीए 277, बीफार्म 81, बीएड 30, बीए एलएलबी ऑनर्स 32, बीकॉम एलएलबी ऑनर्स 14, एमएससी एग्रीकल्चर एग्रोनॉमी 4, एमएससी एग्रीकल्चर जीपीबी 1, एमएससी बायोटेक 14, एमएससी माइक्रो एंड इम्यूनोलॉजी 14, एमएससी कैमिस्ट्री 11, एमएससी फिजिक्स 6, एमटेक सीई ट्रांसपोर्टेशन 1, एमटेक सीई स्ट्रक्चरल 3, एमटेक सीएस 5, एमटेक ईई 1, एमटेक ईसी 2, एमटेक एमई प्रोडक्शन 1, एमबीए 539, एमबीए ऑनर्स 38, एमबीए कंस्ट्रक्शन 4, एमबीए एफएमबी 54, एमबीए इंटेग्रेटेड 5, एमबीए एलएससीएम 20, एमसीए 239, एमफार्म फार्माकोलॉजी 13, एमफार्म फार्मास्यूटिक्स 15, एलएलएम सीडीपीएल के 7 विद्यार्थियों की उपाधि अनुमोदित की गई है। इसके अलावा डिप्लोमा कैमिकल के 13, डिप्लोमा सिविल इंजी. के 28, डिप्लोमा सीएस के 76, डिप्लोमा ईई 59, डिप्लोमा ईसी के 13, डिप्लोमा एमई के 97, पीजीडीएम के 24 तथा डिप्लोमा इन फार्मेसी के 54 विद्यार्थियों को डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।

कुलपति ने बताया कि उपाधियों और स्वर्ण पदक प्रदान करने के बाद विशिष्ट अतिथि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला संबोधन देंगे। तत्पश्चात मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ), कार्यकारी समिति राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) एवं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे दीक्षांत भाषण देंगे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल करेंगे।

शैक्षिक शोभायात्रा से होगी दीक्षांत समारोह की शुरूआत

दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत शैक्षिक शोभायात्रा के आगमन, दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना से होगी। तत्पश्चात् कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल द्वारा दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ की उद्घोषणा, कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति प्रतिवेदन, मानद उपाधि प्रदान करना, उपाधि प्रमाण पत्र वितरण, शपथ ग्रहण, पदक वितरण, मुख्य अतिथि द्वारा दीक्षांत सम्बोधन, धन्यवाद ज्ञापन, कुलाधिपति महोदय द्वारा दीक्षांत समारोह के समापन की उद्घोषणा, राष्ट्रीयगान एवं शैक्षिक शोभायात्रा का प्रस्थान होगा।