Wednesday, August 27, 2025
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दंत चिकित्सा में 2डी और 3डी इमेजिंग से आया क्रांतिकारी बदलावः डॉ. अमर शोलापुरकर

  • के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के भावी दंत चिकित्सकों को मिली बहुमूल्य जानकारी

मथुरा। पिछले दो-तीन दशक में दंत चिकित्सा ने अपनी सभी शाखाओं में जबरदस्त प्रगति की है। आज के समय में 2डी और 3डी इमेजिंग विधियों से दंत चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। सरल इंट्रा-ओरल पेरियापिकल एक्स-रे से कम्प्यूटेड टोमोग्राफी, कोन बीम कम्प्यूटेड टोमोग्राफी, मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग और अल्ट्रासाउंड जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीक ने आधुनिक दंत चिकित्सा को काफी सरल और लाभकारी बना दिया है। यह बातें बुधवार को के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित सीडीई कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय अतिथि वक्ता डॉ. अमर शोलापुरकर, क्लीनिकल डेंटिस्ट्री एण्ड ओरल रेडियोलॉजी संकाय, कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्री, जेम्स कुक यूनिवर्सिटी, स्मिथफील्ड, केर्न्स, ऑस्ट्रेलिया ने यूजी, इंटर्न और पीजी छात्र-छात्राओं तथा संकाय सदस्यों को बताईं।
के.डी. डेंटल कॉलेज के ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित सीडीई कार्यक्रम में अतिथि वक्ता डॉ. अमर शोलापुरकर ने कहा कि एनालॉग से डिजिटल रेडियोग्राफी में बदलाव ने दंत चिकित्सा प्रक्रिया को सरल बनाया है। त्रि-आयामी इमेजिंग ने जटिल कपाल-चेहरे की संरचनाओं को जांच और गहरे बैठे घावों के शुरुआती तथा सटीक निदान के लिए अधिक सुलभ बना दिया है। डॉ. शोलापुरकर ने छात्र-छात्राओं तथा संकाय सदस्यों को जटिल मौखिक और मैक्सिलोफेशियल रोगों के निदान में 2डी और 3डी इमेजिंग की वर्तमान प्रगति तथा अनुप्रयोगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. शोलापुरकर ने कहा कि रेडियोग्राफ एक मूल्यवान निदान उपकरण है, जो दंत रोगों के निदान में नैदानिक परीक्षण के सहायक के रूप में काम करता है। दंत चिकित्सा पद्धति में दो आयामी पेरियापिकल और पैनोरमिक रेडियोग्राफ का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है। हालाँकि, दो आयामी रेडियोग्राफ की कुछ सीमाएं हैं, जिन्हें कोन बीम कम्प्यूटेड टोमोग्राफी, चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग और अल्ट्रासाउंड जैसी त्रि-आयामी इमेजिंग तकनीकों द्वारा दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2-डी पारम्परिक रेडियोग्राफ अधिकांश दंत रेडियोग्राफिक आवश्यकताओं के लिए उत्कृष्ट चित्र प्रदान करते हैं। उनका प्राथमिक उपयोग दांतों और सहायक हड्डी की आंतरिक संरचना में अंतर्दृष्टि प्रदान करके नैदानिक परीक्षण को पूरक बनाना है ताकि क्षय, पीरियोडोंटल और पेरियापिकल रोग तथा अन्य अस्थि संबंधी स्थितियों का पता लगाया जा सके।
उन्होंने बताया कि पारम्परिक रेडियोग्राफी की एक महत्वपूर्ण बाधा ऊपरी संरचनाओं का सुपरइम्पोजिशन है, जो रुचि की वस्तु को अस्पष्ट करता है। अंततः इसका परिणाम 3-डी संरचनात्मक जानकारी को 2-डी छवि पर ढहने में होता है, जिससे तीसरे आयाम में स्थानिक जानकारी का नुकसान होता है। फिल्म-आधारित रेडियोग्राफी के लिए डार्करूम की उपस्थिति और रखरखाव, रासायनिक हैंडलिंग की आवश्यकता होती है और यह प्रसंस्करण त्रुटियों से परे नहीं है। डिजिटल रेडियोग्राफी के आगमन के साथ ये सभी नुकसान दूर हो जाते हैं। यह क्रांति छवि अधिग्रहण प्रक्रियाओं में तकनीकी नवाचार और छवि पुनर्प्राप्ति तथा संचरण के लिए नेटवर्क कम्प्यूटिंग सिस्टम के विकास दोनों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि 3डी प्रिंटिंग और वर्चुअल सर्जिकल प्लानिंग (वीएसपी) का एकीकरण ऑर्थोगैथिक और ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में उन्नत रोगी देखभाल का मार्ग प्रशस्त करता है।
सीडीई कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों के लिए क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा अंत में उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा इससे छात्र-छात्राओं तथा संकाय सदस्यों को दंत चिकित्सा के क्षेत्र काफी मदद मिलेगी। प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी ने डॉ. अमर शोलापुरकर का आभार मानते हुए कहा कि उन्होंने जो बहुमूल्य जानकारी दी उसका लाभ भावी दंत चिकित्सकों को जरूर मिलेगा। इस अवसर पर ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. विनय मोहन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में वर्तमान प्रगति के बारे में जागरूक और अद्यतन रहने में काफी मददगार साबित होंगे। कार्यक्रम का संचालन ओरल मेडिसिन एवं रेडियोलॉजी विभाग के पीजी छात्र डॉ. पीयूष रावत एवं डॉ. अंकिता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुज गौड़ ने किया।

जीएलए के सीसीआइएस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे कई क्षेत्रों के विषय-विशेषज्ञ

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग में 6 और 7 दिसंबर को संचार नियंत्रण और इंटेलिजेंट सिस्टम (सीसीआईएस 24) पर तीसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक शोधकर्ताओं, चिकित्सकों, डेवलपर्स और शिक्षकों को एकजुट करके भविष्य की चुनौतियों के लिए नवीन समाधानों को बढ़ावा देना है।

सम्मेलन विभिन्न विषयों में ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करते हुए संचार नियंत्रण और इंटेलिजेंट सिस्टम के उभरते क्षेत्र में जटिल चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग, विचारों के आदान-प्रदान और नवीन समाधानों, वैज्ञानिक निष्कर्षों और कार्यप्रणाली पर चर्चा करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में काम करेगा। इसके अलावा “वास्तविक दुनियां के अनुप्रयोगों के लिए नवाचार और प्रेरक अनुसंधान“ विषय के साथ सीसीआईएस-2024 शोधकर्ताओं के अत्याधुनिक निष्कर्षों को समाधानों में बदलने में भूमिका निभाएगा।

दो दिवसीय सम्मेलन, सीसीआईएस-2024 का शुभारंभ मुख्य अतिथि आईआईटी जम्मू के निदेशक प्रो. मनोज सिंह गौर और विशिष्ट अतिथि राजेश गुप्ता की सम्मानित उपस्थिति में किया जाएगा। एम्स एजी में कंट्री हेड और स्टर्लिंग जीटेक ई-मोबिलिटी के एचआर प्रमुख विक्रम बिश्नोई इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। सम्मेलन में मुख्य भाषण, व्यावहारिक ट्यूटोरियल, आकर्षक पैनल चर्चाएं और व्यावहारिक कार्यशालाएं शामिल होंगी, जो अत्यधिक समृद्ध और शैक्षिक अनुभव सुनिश्चित करेंगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार देवलिया एवं एसोसिएट विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में चीन, रूस, मलेशिया, साउथ कोरिया दुनियां भर से आये 900 से अधिक शोध पत्रों में से 200 से अधिक उच्च-गुणवत्ता वाले शोध पत्र स्वीकार किए गए हैं।

एसोसिएट डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शुक्ला एवं एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनीष कुमार ने बताया कि सम्मेलन के दौरान आये हुए अतिथियों को ब्रज की सांस्कृतिक झलक दिखाने के लिए सायं सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को दिखाने के उद्देश्य से भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा।

दसवीं व बारहवीं की छात्राओं ने किया लक्ष्य निर्धारण

  • हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में आयोजित हुआ लक्ष्य निर्धारण सम्मेलन

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में लक्ष्य निर्धारण सम्मेलन सत्र 2024-25 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 350 अभिभावकों ने सहभागिता की। मुख्य अतिथि जी एल ए विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ अनूप गुप्ता, परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्याम प्रकाश पाण्डेय ने छात्राओं को सफलता के टिप्स दिए। साथ ही लक्ष्य को पाने के लिए योजना बनाने पर बल दिया।
डॉ अनूप गुप्ता ने बताया कि जिस समय जिस काम को करना चाहिए वही जीवन है, हमें लक्ष्य प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाने चाहिए। दिमाग को अभ्यास से तेज करें जितना अधिक अभ्यास होगा उतना ही आपका दिमाग पुष्ट होगा जो कि आपको सफलता प्राप्त करने के लिए अग्रसर करेगा। श्याम प्रकाश पांडे ने छात्राओं को समझाते हुए कहा कि हमें अपनी कमियों, एवं चुनौतियों से लड़कर सफलता प्राप्त करने के अवसरों से लाभ प्राप्त कर आगे बढ़ना चाहिए। अभिभावक वृंद ने भी अपनी पाल्या से जुड़े हुए विभिन्न समस्याओं को सामने रखा साथ ही उनके समाधान से अपनी जिज्ञासा को शांत किया।

विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने कहा कि बालिकाओं में अपार क्षमता है, आवश्यकता है उसकी क्षमता को उचित दिशा निर्देश देने की। जीवन में सफलता उसे मिलती है जो पहले से ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं। सभी छात्राएँ अपनी बोर्ड परीक्षाओं में अधिकतम अंक लाने का विशेष लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़े।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ अग्रवाल, उमेश चंद शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि मौजूद रहे।

संस्कृति विवि के छात्र ने साई की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में जीता सिल्वर मेडल

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के बीए साइक्लाजी के छात्र मोहित कुंतल ने आल इंडिया स्पोर्ट्स अथारिटी(साई) द्वारा पटियाला में आयोजित कराई गई राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 102 भार वर्ग में सिल्वर मेडल हासिल कर विश्वविद्यालय का नाम रौशन किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मोहित की इस उपलब्धि पर छात्र को बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किया है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स इंचार्ज फहीम अख्तर ने बताया कि संस्कृति विवि के बीए मनोविज्ञान के द्वितीय वर्ष के छात्र मोहित कुंतल ने इस उपलब्धि को हासिल कर विवि का नाम रौशन किया है। उन्होंने बताया कि पटियाल में स्पोर्ट्स अथारिटी द्वारा आयोजित की गई वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मोहित ने 102 किलो भार वर्ग में भाग लेकर 163 किलो वजन उठाया। इस प्रदर्शन पर उन्हें अपने भार वर्ग में द्वितीय स्थान हासिल हुआ। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में 35 विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। उनके भार वर्ग में 28 प्रतियोगी थे।
छात्र मोहित ने बताया कि वो लगातार मेहनत कर रहा है और प्रशिक्षण ले रहा है। उसका प्रयास है राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले युनिवर्सिटी खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो। मोहित ने कहा कि विवि और परिवार की ओर से उसे पूरा सहयोग मिल रहा है जिसके कारण वो अपने खेल की तरफ अच्छी तरह से ध्यान दे पा रहा है। मोहित के इस प्रदर्शन पर विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी, स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डीएस तोमर आदि ने बधाई दी है।

ऑपरेशन मुस्कान अभियान के अन्तर्गत जीआरपी मथुरा जंक्शन पुलिस द्वारा 14 वर्षीय गुम बालक को सकुशल बरामद कर परिजनों को सुपुर्द किया गया

अपर पुलिस महानिदेशक, रेलवे लखनऊ उ0प्र0 के निर्देशन में, पुलिस उपमहानिरीक्षक, रेलवे लखनऊ/प्रयागराज एवं पुलिस अधीक्षक रेलवे, आगरा के पर्यवेक्षण में, पुलिस उपाधीक्षक, रेलवे आगरा की देखरेख में ऑपरेशन मुस्कान अभियान के अन्तर्गत गुम बच्चों को तलाश करने एवं परिजनों से मिलाने व रेल/प्लेटफार्म्स पर आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के क्रम में दिनांक 01.12.2024 को मध्य प्रदेश निवासी राकेश द्वारा थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन पर सूचना दी कि मेरा लगभग 14 वर्षीय बेटा दिनांक 29.11.2024 से घर से गायब है, जिसके गुमशुदा होने के संबंध मेरे द्वारा थाना छपारा जिला सिवनी मध्य प्रदेश में मु0अ0सं0 0522/24 धारा 137(2) बीएनएस 2023 पंजीकृत कराया गया है। बच्चे के ट्रेन द्वारा रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन पहुँचने के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है, जिसको ढूंढते हुये परिवारीजन रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन पर आये हैं।
सूचना पर प्रभारी निरीक्षक थाना मथुरा जंक्शन द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुये टीम गठित कर परिवारीजनों के साथ नाबालिग बच्चे की तलाश में जुट गए। उ0नि0 दुष्यन्त कुमार मय क्यूआरटी टीम ने रेलवे स्टेशन पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरा, सभी प्लेटफोर्म गेट, सर्कुलेटिंग एरिया में बच्चे की काफी तलाश की गयी। इस दौरान बच्चा रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन के प्लेटफोर्म नम्बर 4/5 पर आगरा साइड पर लगे साइन बोर्ड के पास बैठा दिखाई दिया, जिसे परिजनों द्वारा पहचान लिया गया। बच्चे उपरोक्त को मय टीम व परिजनों के थाना कार्यालय लाकर प्रभारी निरीक्षक द्वारा पूछताछ की गयी तो बच्चे ने बताया कि माता-पिता द्वारा पढाई-लिखाई को लेकर डाटने पर वह घर से बिना बताये नाराज होकर मथुरा चला आया है।
वही मुकदमा के संबंध में प्रभारी निरीक्षक द्वारा सम्बन्धित मुकदमा के विवेचक उ0नि0 वसरू प्रसाद बघेल से बात कर नाबालिग बच्चे को उसके पिता राकेश व चचेरे भाई गगन साहू के सुपुर्द किया गया।
बालक को सकुशल पाकर परिजनों द्वारा पुलिस टीम का धन्यवाद देते हुए आभार जताया।

जीएलए में एमपी की एकल महिला साइकिलिस्ट का हुआ भव्य स्वागत

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  • एमपी की महिला साइकिलिस्ट ने कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में शुरू की साइकिल यात्रा दिल्ली से मथुरा जीएलए पहुंची

मथुरा : जिंदगी में बहुत परेशानियां सामने आती हैं। यह परेशानियां ऐसी होती हैं कि कभी-कभी तो व्यक्ति बिल्कुल अपाहिज हो जाता है, यानि कुछ करने लायक भी नहीं रहता। ऐसे में यही कमजोरी उसको आगे बढ़ने से रोकती है, लेकिन इन परेशानियों से बिल्कुल भी घबराना नहीं है।

यह प्रेरणादायक बातें जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में साइकिल यात्रा शुरू करने वाली एमपी की महिला साइकिलिस्ट आशा मालवीय ने विद्यार्थियों के साथ साझा कीं। साइकिलिस्ट ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 से 2023 तक संपूर्ण भारत में 26 हजार कि.मी. एकल महिला साइकिल यात्रा महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पूर्ण की थी। इसके बावजूद सुकुन नहीं मिला और फिर से ’कारगिल विजय दिवस कि रजत जयंती’ के अवसर पर यात्रा ’कन्याकुमारी से शुरू कर कारगिल पहुंच कर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये सशक्त सेना तथा समृद्ध भारत का संदेश पूरे विश्व को देने की ठानी। यात्रा के दौरान 15 अगस्त को हिम अच्छादित सियाचिन पहुंची तथा भारत के वीर सपूतों को नमन किया। उसके पश्चात 06 सितंबर, 2024 को दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मोटरेबल रोड से होकर वर्तमान में दिल्ली से होते हुए मथुरा पहुंची।

ब्रज की धरा पर पहुंचकर आशा ने यहां माटी को मस्तक से लगाया और जीएलए पहुंचकर विद्यार्थियों से रूबरू हुईं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जीवन में बहुत कठिनाईयां सामने आईं। असफलता भी कई बार हाथ लगी, लेकिन इस दौर में जिद्दी होना जरूरी था। लक्ष्य निर्धारित किया और चल पड़ी। उन्होंने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य तय होना जरूरी है। क्योंकि मन संतुलित नहीं रहता, इसे करना पड़ता है।

इस दौरान कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता से भी आशा मालवीय की मुलाकात हुई। कुलपति ने कहा कि इस दौर में साइकिल से इतनी लंबी यात्रा करना एक कठिन संघर्ष है। यह हमारे वीर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।

इस अवसर पर एसपी सरुक्षा बीबी चौरसिया, जीएलए के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, डा. रोहित अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा, डा. नेहा कुमारी, निहारिका सिंह, छात्रों में माधव, सौभाग्य ने साइकिलिस्ट का स्वागत किया।

के.डी. हॉस्पिटल में हुई बच्चे के जन्मजात विकृति की सफल सर्जरी

  • शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों से मयंक को मिला नवजीवन

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने बरसाना, मथुरा निवासी दिनेश के 10 माह के पुत्र मयंक की जन्मजात विकृति को सर्जरी के माध्यम से ठीक कर उसे नई जिन्दगी दी है। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसे छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार कोई 10 माह पहले बरसाना, मथुरा निवासी दिनेश को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। बच्चे के मलद्वार यथास्थान नहीं था, इससे वह परेशान था। दिनेश जन्मजात विकृति से परेशान पुत्र मयंक को लेकर के.डी. हॉस्पिटल के शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला। डॉ. शर्मा ने बच्चे को देखा, जिसका मलद्वार यथास्थान नहीं था। बच्चे का मलद्वार मूत्र मार्ग से जुड़ा होने के कारण बच्चे की सर्जरी कराने का परामर्श दिया गया। दिनेश की स्वीकृति के बाद पहले तो डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा पेट पर मलद्वार बनाकर उसे नया जीवन प्रदान किया गया।
इस प्रक्रिया के लगभग 10 माह बाद डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा बच्चे मयंक की कुछ जांचें तथा एक्सरा कराने के बाद उसका मलद्वार यथास्थान बनाने के लिए सर्जरी की गई। डॉ. शर्मा ने सावधानीपूर्वक रैक्टम को मूत्र मार्ग से अलग कर दोनों मार्ग यथास्थान बनाए। मेडिकल भाषा में इसे रैक्टो यूरेथ्रल फिस्टुला कहते हैं और आपरेशन का नाम पोस्टीरियर सेजाइटल एनो रेक्टोप्लास्टी कहते हैं।
इस सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग सर्जरी रेजीडेंट डॉ. अनुराग ने किया। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा मल-मूत्र की सारी क्रियाएं सामान्य रूप से यथास्थान कर रहा है। बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ होने पर परिजनों ने डॉ. श्याम बिहारी शर्मा और के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार माना। इस सर्जरी पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि ऐसे बहुत कम मामले सामने आते हैं। हजारों बच्चों में एकाध बच्चे को इस तरह की परेशानी होती है, जिसका एकमात्र समाधान सर्जरी ही है। डॉ. शर्मा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में आधुनिकतम सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन होने से मुश्किल से मुश्किल आपरेशन सहजता से हो पाते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्चे की सफल सर्जरी के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मयंक के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने अपने रचनात्मक कौशल से किया प्रभावित

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की रचनात्मकता, आत्मअभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठे कार्यक्रम पोएट्री स्लैम: ‘वॉयस ऑफ यूथ’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने अपने साहित्यिक कौशल, कविता, विविध दृष्टिकोण और सार्थक कलात्मक संचार की क्षमता का प्रदर्शन कर पुरुस्कार जीते।
कार्यक्रम की शुरुआत एंकर आध्या और अभिषेक द्वारा किए गए गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही विश्वविद्यालय के सभागार में सजे मंच पर विद्यार्थियों ने कविताओं और भावपूर्ण प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। प्रतिभागियों के काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन के साथ ही माहौल कल्पना और भावनाओं की दुनिया में बदल गया, डॉ. डी.एस. तोमर ने कविता के वास्तविक सार को उजागर करते हुए, इसकी सर्वग्राही विशेषता बताई। जयशंकर पांडे ने मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए वास्तविक और रील कविता के बीच अंतर पर विस्तार से प्रकाश डाला। एंकर आध्या और अभिषेक ने पूरे कार्यक्रम में एक आकर्षक और जीवंत प्रवाह बनाए रखते हुए, अपने विचारों को साझा करके माहौल को और समृद्ध किया। संस्कृति विवि के छायाकार निखिल शर्मा ने अपने लेखन से सभी को प्रभावित किया। विशेष आकर्षण साजिद का सहज प्रदर्शन था, जो कविता और स्टैंड-अप कॉमेडी के अपने अनूठे मिश्रण के साथ दर्शकों का दिल जीतने के लिए पर्याप्त साबित हुआ। फ़ोटोग्राफ़ी क्लब ने चित्रांकन के माध्यम से कार्यक्रम को खूबसूरती से कैद करके और इस अवसर पर एक कलात्मक स्पर्श के साथ कार्यक्रम में एक रचनात्मक आयाम जोड़ा। संस्कृति होटल एंड टूरिज्म विभाग के डीन रतीश शर्मा द्वारा परिणाम घोषित किए गए। उन्होंने प्रतिभागियों की असाधारण प्रतिभा की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान ‘आज के कवि’ के रूप में गौरव कुमार, दिन की आवाज़ बने देवांश और आशु, वाइब मेकर के रूप में विनीत पचौरी को चुना गया। प्रस्तुतियों के अनुसार प्रथम स्थान छात्रा भूमिका, द्वितीय प्रियांशु कुमारी और तीसरे स्थान पर छात्र प्रिंस राज कौशिक और श्रद्धा गुप्ता ने कब्जा किया। निर्णायक मंडल में विवि के जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी, डॉ. डी.एस. तोमर (डीन छात्र कल्याण), जयशंकर पांडे, रतीश शर्मा, सुश्री विधि सिंह और निखिल शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक क्लब की उपाध्यक्ष वैष्णवी राणा द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
कार्यक्रम संकाय समन्वयक डॉ. एकता कपूर के साथ इस आयोजन में सांस्कृति क्लब के पदाधिकारी पूर्वा गौतम, वैष्णवी राणा, लव सिकरवार, संजना सोलंकी, दिव्या सिंह, मो.कैफ इरशाद, स्वास्तिका सिंह आदि ने प्रमुख रूप से योगदान दिया।

चिन्मय कृष्ण का संबंध इस्कॉन से हो न हो, सनातन से अवश्य है, हम सनातनी उनके साथ खड़े : देवकीनंदन महाराज

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  • सनातन संत सम्मेलन में गरजे संत ‘ सनातन बोर्ड ‘ लेकर रहेंगे
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर कार्यवाही करे सरकार
  • संत सम्मेलन में हिंदू एकता पर जोर, भविष्य के खतरों पर मंथन

वृंदावन/कानपुर। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार ने अरेस्ट करके जेल में डाल दिया । इस्कॉन संस्था ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया । हम बांग्लादेश सरकार को बता देना चाहते हैं कि चिन्मय कृष्णदास का चाहे इस्कॉन से संबंध हो या न हो लेकिन सनातन से उनका संबंध है। भारतीय सनातनी हिंदुओं की लड़ाई में उनको अकेले नहीं छोड़ेंगे। यह विचार व्यक्त करते हुए धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने सनातन के लिए हिंदू एकता को जरूरी बताया। वे कानपुर में आयोजित सनातन संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे ।
गुरुवार को सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा मोतीझील स्थित कथा प्रांगण में सनातन बोर्ड के लिए संत सम्मेलन आयोजित किया गया। हजारों श्रोताओं से भरे पंडाल में संत, धर्माचार्यों ने सनातनी हिंदुओं के धार्मिक , सामाजिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता को भविष्य में सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर सनातन बोर्ड के गठन को जरूरी बताया।
सनातन न्यास के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि किसी भी देश में हिंदुओं के लिए बोलने वाले व्यक्ति का संबंध भारत के सौ करोड़ हिंदुओं से है। भारत को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर कार्यवाही करनी चाहिए । मंदिर मस्जिद विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुगल आक्रांताओं ने जान बूझकर हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़कर उसी स्थान पर मस्जिदें बनाईं। नहीं तो पुराने समय में जगह की कोई कमी नहीं थीं । कहा कि सनातनी स्थलों की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड बनवाकर रहेंगे ।
सम्मेलन में दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद में रखे गए तीन बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्ति, सनातन बोर्ड का निर्माण, ओर तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट के दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई। वहीं संतों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर चेताते हुए भारत में इस स्थिति से पहले ही संभल जाने का आव्हान किया।
संत सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे पूज्य जगत गुरू मुनीषा आक्षम सहित महामंडलेश्वर उदितानंद , महामंडलेश्वर अरुण पुरी, साध्वी वैदिक शरण, आनंद भारती, साध्वी शतरूपा, स्वामी रामानंद, स्वामी चंद्रानंद, स्वामी मयंक दास, महामंडलेश्वर कृष्ण दास, मधुर महाराज, गोविंद दास महाराज, महामंडलेश्वर गोविंद दास, महामंडलेश्वर देवाचरण देवाचार्य, देवशरण दास महाराज ने अपने विचार रखे ।
मंच संचालन सनातन न्यास फाउंडेशन सचिव विजय शर्मा ने किया।

बर्ड सेंचुरी की तर्ज पर विकसित हो रही जोधपुर झाल

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  • उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा, आगरा और भरतपुर के मध्य 64 हेक्टेयर में कर रहा विकास
  • प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली जोधपुर झाल पर स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की 192 प्रजातियां रिकार्ड
  • संकटग्रस्त सारस क्रेन सहित 30 से ज्यादा प्रजातियों की प्रजनन स्थली, प्रवासी पक्षियों के अनुकूल हेविटाट विकसित

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा, आगरा और भरतपुर के मध्य जोधपुर झाल को बर्ड सेंचुरी के रूप में विकसित करने जा रहा है। फरह के निकट 64 हेक्टेयर् में फैली जोधपुर झाल पिछले कुछ सालों के दौरान देशी विदेशी पक्षियों की पसंद बन गई है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा धर्म नगरी मथुरा और ताज नगरी आगरा आने वाले पर्यटकों के लिए फरह के निकट जोधपुर झाल वेटलैंड विकसित किया जा रहा है। टर्मिनल नहर और सिकंदरा राजवाह के मध्य करीब चार किलोमीटर की परिधि में फैले जोधपुर झाल वेटलैंड के प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित किया जा रहा है। इसके लिए ईको-सिस्टम विकसित किया गया है। प्रवासी पक्षियों के अनुकूल हेविटाट विकसित किए जा रहे है। आवासीय पक्षियों के प्रजनन को बढाने और सुरक्षित करने के लिए लिए झाल में घना जंगल भी तैयार होगा। यहाँ सिविल कार्य फ़रवरी तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद हरित पट्टी विकसित की जाएगी। वहाँ 7 वाटर बॉडी, 13 आइसलेंड और 13 हट के साथ 2200 रनिंग मीटर नेचर वॉक भी विकसित होगी।
शुक्रवार को जोधपुर झाल का निरीक्षण उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास् परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने किया। उन्होंने यहाँ निर्माण कार्य सहित अन्य व्यवस्थाओं को देखा। पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश कुमार शर्मा और पक्षी विशेषज्ञ डा केपी सिंह के सुझाव पर कुछ सुधारात्मक आवश्यक दिशा निर्देश भी कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को दिए। इस मौके पर विकास प्राधिकरण के अभियंतागण भी मौजूद रहे।

पर्यटको के लिए तैयार हो रही सुविधाए…
पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा ने बताया कि जोधपुर झाल पर पर्यटको के लिए प्राथमिक सुविधाए तैयार की जा रही हैँ।
इसमें वाॅच टावर, जैवविविधता के अध्ययन केंद्र , ईको टूरिज्म के लिए स्थानीय युवको को नेचर गाइड की प्रशिक्षण की सुविधा, सेमिनार हॉल, पार्किंग, कैन्टीन और टायलेट आदि शामिल है। इस पर करीब 8.66 करोड़ की लागत आ रही है।

जोधपुर झाल में आने वाले प्रवासी पक्षी
बायोडायवर्सिटो रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डॉ के पी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल वेटलैंड पर स्थलीय व जलीय प्रवासी पक्षी आते हैं। प्रमुख रूप से ग्रेटर फ्लेमिंगो, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉटन पिग्मी गूज, बार-हेडेड गूज, पाइड एवोसेट , नॉर्दर्न शॉवेलर, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट, टफ्टिड डक, ब्लूथ्रोट, कॉमन टील, नॉर्दर्न पिंटेल, ग्रेलैग गूज, रूडी शेल्डक, मल्लार्ड, यूरेशियन कूट, यूरेशियन विजन, सिट्रिन वेगटेल , जैकोबिन कूको , यूरेशियन स्पूनबिल, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ब्लिथ रीड वार्बलर, पेंटेड स्टॉर्क, रायनेक आदि प्रमुख हैं।

जोधपुर् झाल् पर् 184 प्रजातियां रिकॉर्ड…
जोधपुर झाल पर 184 प्रजातियों के पक्षियों को किया गया है रिकार्ड जिनमें 142 आवासीय प्रजातियां एवं 50 प्रवासी प्रजातियां दिखती हैं सालभर । जोधपुर झाल पर आईयूसीएन की रेड डेटा सूची के अनुसार लुप्तप्राय और निकट संकटग्रस्त पक्षियों की 15 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें 50 से अधिक प्रजातियाँ जोधपुर झाल पर प्रजनन करती हैं। जिनमें सारस क्रेन, ब्लैक-ब्रेस्टेड वीवर, स्ट्रीक्ड वीवर, बाया वीवर, गोल्डन ओरिओल, वूली-नेक्ड स्टॉर्क, स्ट्रॉबेरी फिंच, सिल्वरबिल, स्कैली ब्रेस्टेड मुनिया, तिरंगी मुनिया, ग्रीन बी-ईटर , इंडियन रोलर, ग्रे हॉर्नबिल, कॉपर स्मिथ बारबेट, ब्लैक फ्रैंकलिन, लेशर विशलिंग डक , पिजेन्ट टेल्ड जैकाना, ब्रोंज बिंग्ड जैकाना, स्पॉट-बिल बतख, ग्रेटर पेंटेड स्नाइप, ग्रे-हेडेड स्वैम्पेन, लिटिल ग्रीव शामिल हैँ।