Wednesday, August 6, 2025
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और ये मारा_सत्ता

 मथुरा। उम्र को गच्चा देने की बाजीगरी में महारत रखने वाले महेश पाठक उर्फ नानू का जन्मोत्सव 6 जुलाई इतवार को प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी द्वारकाधीश मंदिर में सांयकाल विशाल फूल बंगले के साथ मनाया जा रहा है।
 महेश पाठक कौन हैं? क्या हैं? यह सब बताना जताना मूर्खता होगी क्योंकि सारी दुनियां जानती है कि महेश पाठक क्या चीज है? "नानू खड़ा बाजार में काऊ सै मानें दोस्ती काऊ सै मानैं बैर, जासै माने दोस्ती बाकी मांगै खैर, जासै से बाकी दुश्मनीं बाकी नाऐं खैर"।
 राजाधिराज और जमुना मैया से प्रार्थना है कि सत्तरवें वर्ष में प्रवेश इनके लिए मंगलकारी हो और ये सेंचुरी बनाकर ही दम लें। बधाई हो.. बधाई हो.. बधाई हो..

संपर्क नंबर महेश पाठक
9711210465
09821210465

के.डी. मेडिकल कॉलेज में पौधरोपण कर लिया संरक्षण का संकल्पपर्यावरण रहेगा स्वच्छ तभी होगा जीवन स्वस्थः डॉ. आर.के. अशोका


मथुरा। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधे बहुत जरूरी हैं। पेड़ हमें आक्सीजन, खाने के लिए फल तथा गर्मी में छांव देते हैं। धरा को हरा-भरा करने एवं जीवन को बचाने के लिए सबको पौधरोपण का संकल्प लेने की जरूरत है। पौधरोपण सबकी जिम्मेदारी है लिहाजा हम सबको अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनका संरक्षण करना चाहिए। यदि पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तभी जीवन स्वस्थ रहेगा। यह बातें मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान एक पेड़ मां के नाम के तहत के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में हुए पौधरोपण के बाद डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बताईं।
डॉ. अशोका ने कहा कि पर्यावरण और जीवन का अटूट सम्बन्ध है। पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। हमारे आस-पास हरियाली होगी, अच्छा वातावरण होगा तभी हम खुशहाल जीवन जी सकेंगे। जीवनदायी आक्सीजन का एकमात्र स्रोत पेड़-पौधे ही हैं। अगर पौधे नहीं रहेंगे तो हमें आक्सीजन की दिक्कत हो जाएगी। चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के अनमोल रत्न हैं। शुद्ध पर्यावरण के लिए हमें अपने जीवन से ज्यादा इनकी देखभाल की जरूरत है।
पेड़-पौधों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। आज पेड़ों की कटाई होने से हमें कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इस बात की जानकारी होने के बावजूद लोग प्रकृति और पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ही आज दुनिया विनाश की ओर जा रही है। यदि जनजीवन को बचाना है तो हर व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण को अपना कर्तव्य मानना होगा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल तथा ने अपने संदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण को जरूरी बताया। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं बल्कि हमारी प्रकृति के लिए भी खतरनाक है। चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति जीवन में एक पेड़ लगाकर उसका संरक्षण कर ले तो बिगड़ते पर्यावरण को सुधारा जा सकता है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कटाई ही बढ़ते प्रदूषण की मुख्य वजह है। यदि हम सभी पर्यावरण संरक्षण को अपना कर्तव्य समझ लें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने सभी चिकित्सकों तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि यदि बिगड़ते पर्यावरण को बचाना है तो हम सभी को अपने जन्मदिन या शुभ अवसरों पर पौधरोपण कर उनके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल के मार्गदर्शन में मंगलवार को संस्थान के क्रीड़ांगन में प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. वी.पी. पाण्डेय, डॉ. मंजू पाण्डेय, डॉ. अमित कुमार जैन, डॉ. विक्रम शर्मा, डॉ. अभिभूषण मिश्रा, डॉ. राहुल गोयल, निदेशक नर्सिंग शीला, लेखाधिकारी लव अग्रवाल, एओ अमित शर्मा, पवन कुमार, आदि ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
चित्र कैप्शनः पौधरोपण के बाद पानी डालते प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, डॉ. मंजू पाण्डेय तथा डॉ. अमित जैन।

वियतनाम के ह्यूटेक विश्वविद्यालय में संस्कृति विश्विद्यालय के प्रतिनिधि डॉ रतीश शर्मा का स्वागत करतीं ह्यूटेक विवि की प्रतिनिधि।

मथुरा। वियतनाम के ह्यूटेक सायगॉन कैंपस में भारत के संस्कृति विश्वविद्यालय और वियतनाम के ह्यूटेक विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण अकादमिक बैठक आयोजित की गई। यह बैठक वैश्विक शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ह्यूटेक विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. ली थिएन ट्रांग (उपाध्यक्ष), सुश्री गुयेन लान हुअंग (डिप्टी हेड, इंटरनेशनल रिलेशन व प्रोजेक्ट मैनेजमेंट विभाग), और सुश्री डाओ गुयेन डोंग थाओ (अंतरराष्ट्रीय संबंध अधिकारी) ने भाग लिया।
वहीं संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर रतीश कुमार, हेड ऑफ ग्लोबल पार्टनरशिप्स, बैठक में शामिल हुए।
बैठक में मुख्य रूप से दोनों के मध्य संयुक्त अकादमिक कार्यक्रम की शुरुआत करने पर सहमति, विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक संयुक्त कार्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। दोनों विश्वविद्यालयों ने पाठ्यक्रम समन्वयन और ड्यूल डिग्री विकल्पों की संभावनाएं तलाशने पर सहमति जताई।साथ ही इंटर्नशिप के दौरान संस्कृति विश्विद्यालय में छात्रों को आवास, भोजन और वजीफा प्रदान करने पर सहमति जताई गई। वहीं वियतनाम में इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को भोजन और वजीफा देने की बात ही।
डॉ रतीश ने बताया कि
दोनों विश्वविद्यालयों के पास पहले से ही इनक्यूबेशन सेंटर हैं। ऐसे में छात्रों को संयुक्त स्टार्टअप परियोजनाओं और नवाचार आधारित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये कार्यक्रम भारत या वियतनाम, दोनों में आयोजित किए जा सकते हैं। दोनों पक्षों ने एक दो सप्ताह का ऑनलाइन एक्सचेंज प्रोग्राम मिलकर आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे छात्रों के बीच सांस्कृतिक संवाद और शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
डॉ रतीश के अनुसार यह बैठक भारत-वियतनाम शैक्षणिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक अहम पहल है। आने वाले शैक्षणिक सत्र में इन प्रस्तावों को

राजीव एकेडमी के पांच एमबीए विद्यार्थी ट्रैवियो कम्पनी में करेंगे पेड इंटर्नशिपचयनित छात्र-छात्राओं का कहना- ट्रैवल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के पांच एमबीए विद्यार्थियों का चयन भारत की अग्रणी ट्रैवल टेक्नोलॉजी कम्पनी ट्रैवियो में तीन महीने की पेड समर इंटर्नशिप के लिए हुआ है। इंटर्नशिप के दौरान छात्र-छात्राओं को 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह का स्टाइपेंड मिलेगा। यह इंटर्नशिप न केवल उन्हें वास्तविक उद्योग अनुभव प्रदान करेगी बल्कि उनके उज्ज्वल करियर की आधारशिला भी रखेगी। चयनित छात्र-छात्राओं ने कहा कि हम लोग इस अवसर का लाभ सीखने और आगे बढ़ने के लिए करेंगे।
ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि चयनित विद्यार्थियों में हिमांशु जाहिर, रोहित शर्मा, संध्या चौधरी, सिमरन और वीनू कुन्तल शामिल हैं। अब ये सभी विद्यार्थी ट्रैवियो कम्पनी में ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म संचालन, वेबसाइट एवं पोर्टल विकास, क्लाइंट सर्विस मैनेजमेंट और कस्टमर रिलेशनशिप सॉफ्टवेयर जैसे तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। डॉ. जैन ने इसे संस्थान के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि “आज का युग प्रतिस्पर्धा का है और इसमें केवल किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं होता। राजीव एकेडमी का प्रयास है कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक, तकनीकी और औद्योगिक ज्ञान से भी सशक्त बनाया जाए।” उन्होंने कहा, “ट्रैवियो जैसी कम्पनी में चयन विद्यार्थियों की काबिलियत का प्रमाण है और यह इंटर्नशिप उनके लिए सशक्त करियर निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।”
डॉ. जैन ने बताया कि ट्रैवल और टूरिज्म उद्योग भारत में बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है। डिजिटल युग में इस क्षेत्र में आईटी और मैनेजमेंट स्किल्स की भारी मांग है। ऐसे में ट्रैवियो जैसी तकनीक-प्रधान कम्पनी के साथ काम करना विद्यार्थियों को रियल टाइम बिजनेस एनवायरनमेंट का अनुभव देगा, जो आगे चलकर उन्हें कॉर्पोरेट वर्ल्ड में उत्कृष्ट बनाने में मदद करेगा। डॉ. जैन ने बताया कि चयनित विद्यार्थी परीक्षा समाप्ति के बाद इंटर्नशिप शुरू करेंगे। तीन महीने की इस अवधि में उन्हें नियमित मार्गदर्शन, परफॉर्मेंस असेसमेंट और फाइनल इवेल्यूएशन के आधार पर प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “राजीव एकेडमी की नींव ही इस सोच पर रखी गई थी कि शिक्षा को केवल किताबी दायरे में सीमित न रखकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और रोजगारोन्मुख बनाया जाए।” उन्होंने कहा कि ट्रैवियो जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर काम करना विद्यार्थियों को ट्रैवल एजेंसी संचालन, डिजिटल मार्केटिंग और क्लाइंट हैंडलिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मूल्यवान अनुभव प्रदान करेगा। इसी क्रम में संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने विद्यार्थियों की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि यह चयन विद्यार्थियों के लिए क्लासरूम से कॉर्पोरेट की दिशा में बढ़ता एक मजबूत कदम है। उन्होंने कहा, “आज के दौर में केवल डिग्री से कुछ नहीं होता, जब तक उसमें इंडस्ट्री एक्सपोजर और स्किल-बेस्ड लर्निंग न जोड़ी जाए। हम राजीव एकेडमी में विद्यार्थियों को इसी सोच के साथ तैयार करते हैं, जिससे वे किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर पूरे आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन कर सकें।”
डॉ. भदौरिया ने कहा कि ट्रैवल इंडस्ट्री साल भर सक्रिय रहने वाला क्षेत्र है और ट्रैवियो जैसी कम्पनियां इस क्षेत्र में डिजिटल नवाचार और तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों को जटिल परियोजनाओं पर काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें क्लाइंट मैनेजमेंट, डेटा एनालिटिक्स, ट्रैवल सॉफ्टवेयर हैंडलिंग और प्रोजेक्ट डिलिवरी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रशिक्षण मिलेगा। कम्पनी अधिकारियों के अनुसार, ट्रैवियो वर्तमान में ट्रैवल वेबसाइट डेवलपमेंट, ट्रैवल सीआरएम सॉफ्टवेयर, पोर्टल इंटीग्रेशन, यूआई/यूएक्स डिज़ाइन और मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। कम्पनी का मुख्यालय नोएडा में है और यह भारत की अग्रणी ट्रैवल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में से एक है।
चित्र कैप्शनः ट्रैवियो कम्पनी में तीन महीने की पेड इंटर्नशिप के लिए चयनित राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थी।

विद्यार्थी तकनीकी कौशल विकसित करने टैबलेट का करें सदुपयोगविधायक श्रीकांत शर्मा ने जीएल बजाज के 240 छात्र-छात्राओं को बांटे टैबलेट


मथुरा। आज की शिक्षा पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी पर निर्भर है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जो टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उनका इस्तेमाल ज्ञानार्जन के लिए करना आप लोगों के लिए हितकर होगा। आप लोग इन टैबलेटों के माध्यम से अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। शिक्षकों के साथ संवाद करने के साथ नई तकनीकों से परिचित हो सकते हैं। उक्त उद्गार पूर्व मंत्री और विधायक मथुरा श्रीकांत शर्मा ने जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में शनिवार को छात्र-छात्राओं को भारत सरकार की डीजी शक्ति स्कीम के तहत टैबलेट प्रदान करने के अवसर पर व्यक्त किए।
इस समय भारत सरकार की डीजी शक्ति स्कीम के तहत छात्र-छात्राओं को टैबलेट प्रदान कर उन्हें डिजिटल शिक्षा की तरफ प्रेरित किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरण से पहले संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने विधायक श्रीकांत शर्मा का स्वागत किया। 240 छात्र-छात्राओं को टैबलेट प्रदान करने के बाद विधायक श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के लिए यह टैबलेट बहुत उपयोगी साबित होंगे। इनकी सहायता से छात्र-छात्राओं को डिजिटल इंडिया अभियान से जुड़ने में मदद मिलेगी। विधायक श्री शर्मा ने छात्र-छात्राओं को टैबलेट का उपयोग शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने, तकनीकी कौशल विकसित करने तथा विभिन्न विषयों को सीखने में करने की सलाह दी।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि भारत सरकार की डीजी शक्ति योजना का उद्देश्य युवाओं को ऑफलाइन से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है, क्योंकि आज के समय में अधिकांश उद्योग-व्यापार ऑनलाइन स्तर पर ही चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकार युवाओं को उच्च शिक्षित करने ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चला रही है, निश्चित रूप से इससे देश की युवा शक्ति अपने स्किल और ज्ञान की शक्ति में इजाफा कर एक दिन विश्व में भारत को शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाला देश बना देगी। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से प्राप्त डिजिटल उपकरण का सही उपयोग करते हुए अपना ऑनलाइन ज्ञान-स्तर बढ़ाने का आह्वान किया।
प्रो. अवस्थी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द यूथ इम्पावरमेंट स्कीम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक अभिनव योजना है, इसका उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना है। यह योजना युवाओं को कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें सक्षम बनाने के लिए केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि इन टैबलेटों के माध्यम से छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई सुचारु रूप से सम्पन्न कर सकेंगे। प्रो. अवस्थी ने कहा कि सरकार द्वारा इस प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का मूल उद्देश्य युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराना है। टैबलेट वितरण कार्यक्रम में डॉ. वीके सिंह, डॉ. भोले सिंह, इंजीनियर संजीव सिंह, इंजीनियर रिचा मिश्रा, रजिस्ट्रार विपिन धीमान, आशीष सिंह आदि ने सहयोग किया।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्रा को टैबलेट प्रदान करते विधायक श्रीकांत शर्मा, साथ में निदेशक प्रो. नीता अवस्थी एवं रजिस्ट्रार विपिन धीमान।

जागरूक बन, सावधान रह उठाएं डिजिटल दुनिया का लाभः प्रो. नीता अवस्थीआईईटी लखनऊ के वेबिनार में जीएल बजाज की निदेशक ने साझा किए अनुभव


मथुरा। आज हम डिजिटल दुनिया के आगोश में हैं। डिजिटल दुनिया ने हमारे जीवन को कई तरह से बदल दिया है। यह शक्तिशाली उपकरण हमारे लिए कई अवसर प्रदान करता है लेकिन इसके साथ ही इसके नुकसान भी हैं। हमें डिजिटल तकनीक का उपयोग करते समय जागरूक और जिम्मेदार होना चाहिए ताकि हम इसके लाभों का आनंद ले सकें और इसके नुकसानों को कम कर सकें। यह बातें जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बताईं।
‘आई-ट्रिपल-ई’ के महिला इंजीनियरिंग दिवस पर आयोजित वेबिनार में कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ प्रो. नीता अवस्थी ने “सुरक्षित साइबर स्पेस का नेतृत्व: तकनीक और सुरक्षा के लिए प्रकाश का सेतु बनती महिलाएं” विषय पर प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने डिजिटल जागरूकता की आवश्यकता और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि डिजिटल दुनिया जहां एक ओर अपार अवसर प्रदान करती है वहीं यह जिम्मेदार और सतर्क उपयोग की भी मांग करती है, खासकर युवाओं और महिला पेशेवरों के लिए।
प्रो. अवस्थी ने श्रोताओं को उनके डिजिटल अधिकारों तथा जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक और सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक की बदौलत दुनिया छोटी हो गई है और अब किसी अन्य स्थान पर स्थित व्यक्ति से संवाद करना सरल है। डेटा के केंद्रीकरण और पहुंच के कारण, डिजिटल युग ने आपके मोबाइल फोन पर एक बटन के स्पर्श पर कई तरह की जानकारियां उपलब्ध करा दी हैं। प्रो. अवस्थी ने बताया कि डिजिटल दुनिया के कई लाभ और नुकसान हैं। लाभों में त्वरित, आसान संचार, सूचना तक पहुंच, शिक्षा एवं मनोरंजन के नए अवसर तथा व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि शामिल हैं तो नुकसानों में गोपनीयता संबंधी चिंताएं, साइबरबुलिंग, व्यसन तथा सामाजिक अलगाव शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मिलेनियल पीढ़ी के पास अब हर दिन, हर पल कुछ नया सीखने का विकल्प है। पहले, सीखने के लिए प्रासंगिक जानकारी की खोज करना, यदि वांछित हो तो पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करना, निर्दिष्ट स्थान पर यात्रा करना तथा एक निश्चित समय पर उसे समर्पित करना आवश्यक था। प्रो. अवस्थी ने अपने सत्र का समापन एक भावनात्मक कविता के साथ किया, जिसमें महिला सशक्तीकरण, तकनीक और आत्म-जागरूकता की भावनाओं को खूबसूरती से जोड़ा गया।
यह कार्यक्रम आईईटी लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव का हिस्सा था, जिसमें पहले दिन रंगोली और मेहंदी जैसी पारम्परिक सांस्कृतिक गतिविधियां हुईं, दूसरे दिन कविता पाठ तथा तीसरे दिन अतिथि व्याख्यान के साथ समापन हुआ। ‘आई-ट्रिपल-ई’ की ब्रांच काउंसलर प्रो. नीलम श्रीवास्तव ने सत्र का समापन करते हुए मुख्य वक्ता के प्रति आभार व्यक्त किया और तीनों दिनों की गतिविधियों का सारांश प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में लगभग 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें छात्र, संकाय सदस्य और ‘आई-ट्रिपल-ई’ के सदस्य शामिल थे। यह आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ तथा सभी के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ।
चित्र कैप्शनः इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार में अनुभव साझा करते हुए जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी।

राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थियों ने की इंडस्ट्रियल विजिटबहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट की कार्यप्रणाली समझी


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर (बैच 2024-26) के विद्यार्थियों ने हाल ही में अपने शैक्षिक औद्योगिक भ्रमण में बहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट (वरुण बेवरेजेज लिमिटेड) की कार्यप्रणाली की गहन जानकारी हासिल की। ए नॉलेज शेयरिंग ट्रिप से लौटे छात्र-छात्राओं ने अपने इस शैक्षिक भ्रमण को करियर के लिए उपयोगी बताया।
इंडस्ट्रियल विजिट के दौरान विद्यार्थियों ने वरुण बेवरेजेज लिमिटेड की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा। वीबीएल पेप्सिको का भारत में प्रमुख फ्रैंचाइजी पार्टनर है, जो पेप्सी, सेवन अप, मिरिंडा, माउंटेन ड्यू जैसे पेय उत्पादों का उत्पादन, बॉटलिंग और वितरण करता है। विद्यार्थियों को इस दौरान पेप्सिको उत्पादों की उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण, मशीनरी संचालन, पैकेजिंग सिस्टम तथा लॉजिस्टिक्स से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुईं।
पेप्सी प्लांट, वीबीएल की भारत में स्थित कई निर्माण इकाइयों में से एक है, जो तकनीकी दक्षता और संचालन प्रबंधन के लिए जाना जाता है। यह प्लांट विशेष रूप से पेप्सिको ब्रांड के बॉटलिंग संचालन के लिए स्थापित किया गया है और यहां अत्याधुनिक तकनीकों द्वारा उत्पादन कार्य किया जाता है। छात्र-छात्राओं ने वीबीएल की उत्पादन इकाइयों, स्वचालित बॉटलिंग लाइनों, पानी की शुद्धिकरण प्रक्रिया, बोतलों की सफाई, भरने और सीलिंग की प्रक्रिया को करीब से देखा और समझा।
विजिट के दौरान विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि वरुण बेवरेजेज लिमिटेड का कार्य केवल बॉटलिंग तक सीमित नहीं है बल्कि यह कम्पनी मार्केटिंग, वितरण नेटवर्क के प्रबंधन और पूरे पेय व्यापार संचालन में भी सक्रिय रूप से कार्य करती है। विद्यार्थियों ने यह भी जाना कि कैसे वरुण बेवरेजेज लिमिटेड ने भारत और अन्य देशों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया है तथा कैसे इसने हाल के वर्षों में निरंतर वृद्धि और लाभप्रदता हासिल की।
इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने बॉटलिंग इंडस्ट्री का व्यावहारिक ज्ञान अर्जित किया। उन्हें यह अनुभव हुआ कि कैसे एक बड़ी कम्पनी उत्पादन से लेकर अंतिम वितरण तक के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करती है। इस विजिट से छात्र-छात्राओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक अनुभव से जोड़ने का सुअवसर मिला बल्कि उन्हें करियर की सम्भावनाओं को भी समझने में मदद मिली। ब्रज क्षेत्र की वृन्दावन एग्रो इंडस्ट्रीज भी कोका-कोला जैसी कम्पनियों के लिए फ्रैंचाइज़ी बॉटलिंग का कार्य करती है, जिससे यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण बॉटलिंग हब बन चुका है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि ऐसे औद्योगिक भ्रमण विद्यार्थियों के करियर निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र जीवन में केवल किताबी ज्ञान से कार्य नहीं चलता, जब तक हम उसे वास्तविक दुनिया के अनुभव से न जोड़ें। उन्होंने कहा कि वरुण बेवरेजेज जैसे प्रतिष्ठित प्लांट की विजिट से विद्यार्थियों को उत्पादन प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, सप्लाई चेन और कॉर्पोरेट संरचना की जो वास्तविक समझ प्राप्त हुई, उसका उन्हें भविष्य में जरूर लाभ मिलेगा।
चित्र कैप्शनः बहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट को देखने गए राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन ने समाज के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का किया सम्मान-यूपीएससी क्लियर करने वाले प्रियांशु अग्रवाल एवं सत्यम चतुर्वेदी का भी सम्मान


मथुरा : अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन, मथुरा द्वारा वैश्य समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया, जिसमें 137 प्रतिभाशालियों का सम्मान किया गया।

एक होटल में आयोजित भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भवन भूषण कमल, अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय संरक्षक अजयकांत गर्ग, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य पदाधिकारी द्वारा महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत दुपट्टा उड़ाकर चौधरी साकेत गर्ग एवं निखिल जैन द्वारा किया गया।

इस अवसर पर कक्षा 10 एवं 12 के साथ ही इस वर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा पास करने वाले, नीट परीक्षा पास करने वाले, विद्यार्थियों के साथ इस वर्ष यूपीएससी परीक्षा क्लियर कर मथुरा का नाम रोशन करने वाले राजीव अग्रवाल के पुत्र प्रियांशु अग्रवाल एवं राकेश चतुर्वेदी के पुत्र सत्यम चतुर्वेदी का भी विशेष स्वागत किया गया।

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि भवन भूषण कमल सदस्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बच्चों से सम्मान के मोह में ना पड़कर अपने भविष्य को बहुत आगे ले जाने का आवाहन किया।
राष्ट्रीय संरक्षक एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अजयकांत गर्ग ने नौजवान पीढ़ी को देश का आने वाला भविष्य बताते हुए सभी से अपने सुनहरे भविष्य के मिशन में जुट जाने का आह्वान किया।

राकेश चतुर्वेदी ने अपने 40 साल के शिक्षक काल का संस्मरण सुनाते हुए बच्चों को और अधिक मेहनत करने की शिक्षा दी।
इस वर्ष यूपीएससी क्लियर करने वाले प्रियांशु अग्रवाल ने बच्चों को बताया कि किस तरह वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने उसके लिए सभी से कठोर मेहनत करने का आह्वान किया।
इससे पूर्व मंचासीन अतिथियों एवं पदाधिकारियों का स्वागत महानगर महामंत्री राजकुमार अग्रवाल जिला महामंत्री अनुराग मित्तल द्वारा दुपट्टा ओढ़ाकर किया।

महिला शक्ति की सदस्यों का भी स्वागत किया गया एवं कार्यक्रम के लिए उनकी मेहनत को देखते हुए उनको भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सभी बच्चों को माला पहनाकर, सम्मान पत्र देकर एवं उपहार स्वरूप ऑफिस बैग देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों का सम्मान स्मृति चिन्ह देकर जिला अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, जिला महामंत्री अनुराग मित्तल, महानगर अध्यक्ष अखिल अग्रवाल, महानगर महामंत्री राजकुमार अग्रवाल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्रसिद्ध भजन गायक मनोज शर्मा द्वारा अपने प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम का समापन सह भोज के साथ हुआ। मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह के विशेष सहयोगी जीएलए यूनिवर्सिटी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर एनके गु्रप के निदेशक विवेक अग्रवाल का भी इस अवसर पर स्वागत कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला प्रभारी धीरज गोयल, माधव अग्रवाल, समीक्षा अग्रवाल, गौरव अग्रवाल डिब्बा वाले, राहुल अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, जिला कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, राजकुमार गर्ग, विवेक गर्ग, वैभव गर्ग सौंख, सुधीर गोयल, विनीत गुप्ता, अंकिता गोयल, बबीता अग्रवाल, इशिका गर्ग, मान्यता अग्रवाल, राधा अग्रवाल, लक्ष्मी गर्ग, अंजना अग्रवाल, सीमा गोयल, अनुराधा मित्तल, शिखा बंसल आदि उपस्थित रहे।

यज्ञों में विघ्न डालने का सिलसिला प्राचीन काल से चला आ रहा है

विजय गुप्ता की कलम से

 मथुरा। प्राचीन काल में जब ऋषि मुनि यज्ञ किया करते थे, तब अक्सर असुर उसमें तरह-तरह से विघ्न डालकर अपना धर्म निभाया करते थे। ये कभी-कभी हवन कुंड में धूल मिट्टी कंकड़ पत्थर फेंक जाते, कभी हवन सामग्री को उलट कर बिखेर देते, कभी-कभी तो हवन करने वाले ऋषि मुनि व साधु संतों से भिड़कर उनके साथ धक्का मुक्की और हाथापाई तक कर जाते।
 कहने का मतलब है कि हर अच्छे कार्य में विघ्न डालने का सिलसिला आदिकाल से चला आ रहा है और अनादिकाल तक रहेगा। आसुरी स्वभाव के लोग हर काल में अपना कर्तव्य पूरा करते हैं। आज भी जो कुछ दृष्टिगोचर हो रहा है उससे स्पष्ट है कि देवासुर संग्राम जारी है।
 यह भी सुनिश्चित है कि विजय का सेहरा सुर पक्ष के माथे पर ही बंधेगा और असुर पक्ष हाथ मलता रह जाएगा। मेरा कहने का मतलब तो सिर्फ यह है कि "अभी भी बेटी बाप की है" यज्ञ में बाधक बनने के बजाय आहुतियां डालो और पुण्य के भागी बनो। इसी में तुम्हारी भलाई है। बोल बांके बिहारी लाल की जय

कॉरिडोर का विरोध देवराहा बाबा का विरोध

विजय गुप्ता की कलम से

 मथुरा। बिहारी जी मंदिर के लिए वृंदावन में कॉरिडोर बनाए जाने का विरोध महान संत देवराहा बाबा का विरोध करने के समान है। यह सब घटनाक्रम देवराहा बाबा महाराज की आज्ञानुसार हो रहा है। जिस प्रकार भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के बारे में बाबा ने काफी समय पूर्व कह दिया था कि मंदिर बनेगा और बगैर किसी विघ्न बाधा के सभी की सहमति और भाईचारे के साथ बनेगा तथा हुआ भी ऐसा ही। भले ही उस समय बाबा की इस बात पर किसी को विश्वास नहीं होता था। ठीक उसी प्रकार बाबा ने बहुत पहले ही अपने परम प्रिय शिष्य संत शैलजा कांत को बता दिया था कि रिटायर होने के बाद तुमको पुनः ब्रजभूमि में आकर यहां की मिट्टी में लोटपोट होते हुए भगवान श्री कृष्ण की इस पावन भूमि की सेवा करनी है।
 इस सबसे स्पष्ट होता है कि जो घटनाक्रम हो रहे हैं, वह सभी बाबा की इच्छा और आज्ञानुसार हो रहे हैं। वृंदावन का कॉरिडोर भी उसी का एक भाग है। कोई माने या न माने किंतु यह अकाट्य सत्य है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण की पूरी पटकथा बाबा के दिशा निर्देशन में तय हुई थी तथा केंद्र और प्रदेश की हस्तियां गोपनीय रूप से बाबा के आश्रम पर आकर दिशा निर्देश लेती रहती थीं। आज देवराहा बाबा भले ही सशरीर हमारे मध्य नहीं हैं किंतु उनकी दिव्यात्मा मौजूद है और इस ब्रजभूमि को सजाने संवारने का कार्य अपनी देखरेख में करा रही है। ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। 
 पहले जो विरोध हो रहा था वह अब धीरे-धीरे ठंडा होने लगा है तथा समर्थकों का पलड़ा भारी है। विरोध करने वाले कौन हैं? और उनका क्या उद्देश्य है? इस बारे में टीका टिप्पणी करना उचित नहीं। सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरें सब कुछ कह रही हैं। सवाल यह है कि बिहारी जी को कभी जींस पहनना, कभी उनके हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा देना तथा अन्य कई तरह की ऊटपटांग हरकतें करने वाले ही उनके ठेकेदार बन गए हैं क्या?
 धन बल के आधार पर विरोध कराने वालों को यह बात अब अच्छी तरह समझ लेनीं चाहिए कि उनकी भलाई इसी में है कि अब वे शांत होकर वृंदावन धाम की इस पावन भूमि के उत्थान में सहयोगी की भूमिका निभाते हुए बांके बिहारी और देवराहा बाबा की कृपा और आशीर्वाद के भागी बनें। मेरा यह दावा है कि कॉरिडोर तो हर कीमत और हर सूरत में बनेगा, इसे कोई माई का लाल रोक नहीं पाएगा। दैवीय शक्तियों की इच्छानुसार ही सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी विघ्न बाधाओं को दूर करते हुए कॉरिडोर के पक्ष में निर्णय देकर पहले ही रास्ता साफ कर रखा है। समझदार को इशारा काफी है। "ना समझे वो अनाड़ी है"।