संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को जेबीएम कंपनी में मिली नौकरी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर कैंपस प्लेसमेंट में देश की प्रतिष्ठित कंपनी जेबीएम में नौकरी हासिल की है। विवि प्रशासन ने इन सभी विद्यार्थियों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय के बी टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रविकांत, सत्यम, आकाश, अमित कुमार सिंह और दिलीप शर्मा ने चयन प्रक्रिया में लगातार सफलता हासिल करते हुए उच्च वेतनमान पर नौकरी हासिल की है। संस्कृति विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल के वरिष्ठ अधिकारी आनंद कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जेबीएम समूह की कंपनी (एफजेएम सिलेंडर प्राइवेट लिमिटेड) और जेबीएम समूह द्वारा ऑटो कंपोनेंट और सिस्टम, बसें, इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी एग्रीगेट्स, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय, अपशिष्ट से धन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सीएनजी सिलेंडर के विनिर्माण किया जाता है। कंपनी मेसर्स मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और अन्य ओईएम को अपने उत्पादों की आपूर्ति करती है। विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्विद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि विवि के विद्यार्थियों की सफलता का श्रेय विद्यार्थियों के माता पिता और विश्विद्यालय के शिक्षकों की उस टीम को जाता है जिसने अपने अथक परिश्रम से विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया। ये सभी विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं।
आयुष बने मिस्टर फेयरवेल तो खुशी गोयल मिस फेयरवेल चुनी गईं मथुरा। ब्रज मण्डल के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में मंगलवार की शाम को हर तरफ मस्ती और उल्लास का माहौल रहा। मौका था फेयरवेल पार्टी का, जिसमें बीफार्मा तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपने सीनियर्स को विदाई दी। फेयरवेल पार्टी का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। मंगलवार की शाम राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के सभागार में बीफार्मा के छात्र-छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रमों के नाम रही। लगभग तीन घंटे चली फेयरवेल पार्टी में बीफार्मा तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने अपने सीनियर्स के सम्मान में एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किए। इस अवसर पर जूनियर छात्र-छात्राओं ने जहां अपने भावुक भाषणों, गीत, नृत्य और मनोरंजक स्क्रिप्ट के माध्यम से अपनी कृतज्ञता तथा प्रशंसा व्यक्त की वहीं सीनियर छात्र-छात्राओं ने अपने जूनियर साथियों से मिले प्यार और स्नेह को दिल से सराहा। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बजती तालियां दर्शा रही थीं कि इस फेयरवेल पार्टी की यादें इनके दिलोदिमाग में लम्बे समय तक बनी रहेंगी। छात्र-छात्राओं के ग्रुप डांस ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक खास ऊंचाई प्रदान की। तत्पश्चात कार्यक्रम के अगले चरण में बीफार्मा अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने संस्थान में अपने अध्ययनकाल के दौरान हासिल अनुभव जूनियर साथियों के साथ साझा किए। इतना ही नहीं सीनियर्स ने संस्थान में मिले परिवार जैसे माहौल तथा प्राध्यापकों के मार्गदर्शन की जमकर सराहना की। कार्यक्रम के अन्तिम चरण में सभी सीनियर्स को जूनियर्स द्वारा स्मृति चिह्न भेंटकर उनके सुनहरे भविष्य की कामना की गई। अंत में निर्णायकों द्वारा सीनियर छात्र-छात्राओं के परफॉर्मेंस एवं एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर आयुष वर्मा को मिस्टर फेयरवेल तथा खुशी गोयल को मिस फेयरवेल चुना गया। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने विदा ले रहे बीफार्मा के छात्र-छात्राओं को कॉलेज का एम्बेसडर मानते हुए हमेशा लगन और मेहनत से अपने लक्ष्य को हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत महत्व है लिहाजा सभी छात्र-छात्राओं को समय का सदुपयोग करते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने चाहिए। उन्होंने कहा कि फेयरवेल जैसी प्रथाएं छात्र-छात्राओं को आपस में जोड़े रखती हैं तथा सीनियर का जूनियर छात्र-छात्राओं से प्रेम बना रहता है। इस तरह के आयोजन से एक सकारात्मक माहौल भी बनता है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने बीफार्मा अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे जहां भी रहें अपनी लगन और मेहनत से लोगों का दिल जीतें तथा अपना करियर बनाएं। इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापकों बृजनंदन दुबे, सुनम साहा, विभा, प्रतीक्षा राजौरिया, मनु शर्मा, सोनल बंसल, शिवेन्द्र कुमार, पवन पांडेय, कुलदीप सिंह,ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, अविनाश कुमार मिश्रा, बृजेश शर्मा, आशीष चतुर्वेदी आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर आकाश गर्ग ने किया। चित्र कैप्शनः प्राध्यापकों के साथ मिस और मिस्टर चुने गए विद्यार्थी।
केडी डेंटल कॉलेज में आरआईएस के विद्यार्थियों देखी चिकित्सकीय कार्यप्रणाली वाणिज्य संकाय के छात्र-छात्राओं ने सीए कुलदीप अरोड़ा से जाना वित्तीय प्रबंधन मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा चिकित्सक दिवस पर शैक्षिक भ्रमण कर दोनों ही व्यवसायों की जानकारी विशेषज्ञों से हासिल की। विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को बताया कि इन दोनों ही व्यवसायों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। सीए जहां देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूती देते हैं वहीं चिकित्सक हमारे जीवन के अनदेखे रक्षक हैं। मंगलवार को देशभर में सीए तथा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया गया। इस दिवस की गूढ़तम जानकारी हासिल करने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल के वाणिज्य संकाय के छात्र-छात्राओं ने मथुरा वृंदावन स्थित कुलदीप अरोड़ा एण्ड एसोसिएट्स चार्टेड अकाउंटेंट फर्म का भ्रमण किया। छात्र-छात्राओं ने वहां सीए कुलदीप अरोड़ा से ऑडिटिंग, कराधान, वित्तीय प्रबंधन तथा फॉरेंसिक अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों के विषय में जानकारी हासिल की। सीए कुलदीप अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एक जुलाई 1949 को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की स्थापना हुई, तब से लेकर प्रतिवर्ष एक जुलाई को सीए दिवस मनाया जाता है। सीए श्री अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को बैंकों, उद्योगों, व्यापारिक इकाइयों, सरकारी संगठनों तथा धार्मिक संस्थाओं आदि के ऑडिट की जानकारी दी। इसी कड़ी में विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल जाकर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की बधाई देते हुए उनसे चिकित्सकीय कार्यप्रणाली की विस्तार से जानकारी हासिल की। डॉ. लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि डॉक्टर्स डे एक ऐसा दिन है जो हमें याद दिलाता है कि डॉक्टर्स हमारे जीवन के अनदेखे रक्षक हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर केवल एक पेशा नहीं बल्कि इंसानियत की सबसे बड़ी सेवा है। हर साल डॉक्टर्स के समर्पण और योगदान को सम्मान देने के लिए ही डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हर दिवस का अपना महत्व है लिहाजा प्रत्येक विद्यार्थी को इन दिवसों की महत्ता को समझना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे भारत के महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में डॉक्टरों को समर्पित है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हर पेशे का अपना महत्व है। डॉक्टर बनना केवल लम्बे समय तक काम करना भर नहीं है। यह भावनात्मक रूप से थका देने वाला भी है। हर दिन वे मानवीय पीड़ा से निपटते हैं। वे प्रतिदिन ऐसी चीजें देखते हैं जिनके बारे में अधिकांश लोग सोचना तक नहीं चाहते। स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा चिकित्सक दिवस पर विशेषज्ञों से जो जानकारी हासिल की है, वह उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। चित्र कैप्शनः के.डी. डेंटल कॉलेज में चिकित्सक दिवस मनाते राजीव इंटरनेशनल के नन्हें-मुन्ने।
मथुरा। शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों तथा तकनीक से अवगत कराने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मैकमिलन पब्लिशर्स द्वारा मॉडर्न एज्यूकेटर (आधुनिक शिक्षक) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एमिनेंट स्पीकर तथा रिनाउंड एज्यूकेशनिस्ट बिन्दु सहदेव ने टीचर्स को मॉडर्न एज्यूकेशनल, मल्टिपल इटेंलीजेंस, करिकुलम डिजाइनिंग एण्ड माइंड मैपिंग, कोर टीचिंग स्किल्स एण्ड क्लास-रूम मैनेजमेंट आदि की विस्तार से जानकारी दी। शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए बिन्दु सहदेव ने कहा कि शिक्षण का तात्पर्य मनुष्य के ज्ञानात्मक, भावनात्मक एवं क्रियात्मक संस्कारों का समन्वय एवं विकास करना है तथा उसके व्यवहार में परिवर्तन और परिमार्जन लाना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान से इच्छा का जागरण होता है तथा इच्छा मनुष्य को क्रियाशील बनाती है। उन्होंने कहा कि व्यवहार में परिवर्तन लाने को ही सीखना या अधिगम कहते हैं। सीखना और सिखाना ही सही मायने में शिक्षण संस्कार है। बिन्दु सहदेव ने फंडामेंटल लेवल से स्टार्ट करते हुए किस तरह से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की तरफ आगे बढ़ा जाए इसके बारे में शिक्षकों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से इंक्वायरी बेस्ट लर्निंग पर फोकस किया। इतना ही नहीं उन्होंने क्लास रूम को कैसे इफेक्टिव बनाया जाए, कैसे सिलेबस मैनेज किया जाए तथा लेशन प्लान को और प्रभावशाली कैसे बनाया जाए, इन सभी विषयों पर शिक्षकों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के अन्तर्मन में समस्त ज्ञान अवस्थित है। आवश्यकता उसे जागृत करने तथा उपयुक्त वातावरण निर्मित करने की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ऐसा मार्गदर्शक, सहायक और उससे बढ़कर अनुभवी मित्र होता है जिससे विद्यार्थी हर मुश्किल समय में मार्गदर्शन प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की भूमिका आज्ञा देने वाले की अपेक्षा सलाहकार और प्रस्तोता जैसी होनी चाहिए। उसे छात्र-छात्राओं को यह बताना चाहिए कि वे विभिन्न विषयों का मनन किस प्रकार करें। उन्होंने कहा कि शिक्षण का दूसरा सिद्धान्त यह है कि मन के विकास में स्वयं उसकी सलाह ली जाए। उन्होंने बताया कि हमें छात्र-छात्राओं को यह प्रेरणा देनी चाहिए कि वह अपनी प्रकृति के अनुसार अपना विकास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक छात्र-छात्रा को पढ़ा या सिखा नहीं सकता। पढ़ने या सीखने की प्रक्रिया तो छात्र-छात्राओं को स्वयं करनी होती है। शिक्षक उसकी सहायता तथा उपयुक्त अवसर एवं वातावरण का निर्माण कर सकता है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले इस तरह की वर्कशॉप को उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अन्तरात्मा की इस बात में सहायता करना कि वह अपने अन्तर्मन की अच्छी से अच्छी बात को बाहर लाए तथा उसे किसी उदात्त उपयोग के लिएं पूर्ण बनाए। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि समय-समय पर ऐसी वर्कशॉप आयोजित करने से शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों से सभी टीचर्स अवगत होते हैं, जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिलता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने ट्रेनर बिन्दु सहदेव को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका बहुमूल्य समय और ज्ञान देने के लिए आभार माना। चित्र कैप्शनः शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों की जानकारी देते हुए ट्रेनर बिन्दु सहदेव।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हाल ही में अपनी प्रतिभा के दम पर देश और दुनियां की प्रसिद्ध कंपनियों में नौकरियां हासिल की हैं। विवि प्रशासन ने इन सभी विद्यार्थियों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय के बी टेक मैकेनिकल डिप्लोमा के छात्र आयुष कुमार ने कठिन चयन प्रक्रिया में लगातार सफलता हासिल करते हुए गुजरात के जामनगर स्थित जेकोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में उच्च वेतनमान पर नौकरी हासिल की है। इसी प्रकार सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र मोहम्मद अकरम का सऊदी अरेबिया स्थित एआई राशिद ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी में उच्च वेतनमान पर चयन हुआ है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र कासिम का कुवैत स्थित सीजर अल्बाहर अल्मूतवेस्ट होल्डिंग कंपनी ने अपने यहां उच्च वेतनमान पर नौकरी दी है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र अरुण सिंह का चयन जिंदल एल्यूमीनियम लिमिटेड में उच्च वेतनमान पर हुआ है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र अंकित तामरकर को कटारिया ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज,अहमदाबाद ने अपनी कंपनी में उच्च वेतनमान पर नौकरी दी है। संस्कृति विश्वविद्यालय के मैकेनिकल डिप्लोमा के छात्र अभिषेक प्रताप रुडी का चयन आर्दी इंजीनियरिंग लिमिटेड किरंदुल, छत्तीसगढ़ में हुआ है। विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्विद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि विवि के विद्यार्थियों की सफलता का श्रेय विद्यार्थियों के माता पिता और विश्विद्यालय के शिक्षकों की उस टीम को जाता है जिसने अपने अथक परिश्रम से विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया। ये सभी विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ने इस बार अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अभूतपूर्व तैयारियों के साथ मनाया। इसके लिए विवि के विद्यार्थी और शिक्षक पिछले कई दिनों से तैयारियां कर रहे थे। देश की प्रमुख हस्तियों ने विश्विद्यालय के इस ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विवि के विद्यार्थियों, दिव्यांग बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सम्मिलित रूप से योग गुरुओं के निर्देशन में योगाभ्यास किया। इस मौके पर योग प्रशिक्षकों ने योगाभ्यास करने के लाभ बताए और यह भी बताया कि योगाभ्यास करने से कैसे अपने शरीर को निरोग रखा जा सकता है। विवि प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, संस्कृति नर्सिंग स्कूल के विद्यार्थियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर योग करने के लिए प्रेरित किया। लोगों को जागरूक करने के लिए नारे लिखी तख्तियां लेकर रैलियां निकलीं। योग को घर घर पहुंचने के संस्कृति विश्विद्यालय के संकल्प के साथ किए गए इस प्रयास कि सभी ने खूब प्रशंसा की। अनन्तश्री विभूषित सदगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को राष्ट्र निर्माण की दिव्य साधना का आरंभ बताते हुए प्रशंसा की और कहा कि दिव्यांगो का इस महोत्सव में भाग लेना सिद्ध करता है कि योग सबके लिए है। पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ, जागरूक और संस्कारित करने का भी काम कर रहा है। मथुरा की सांसद डॉ श्रीमती हेमा मालिनी संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए सभी विद्यार्थियों, आचार्यों और नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि योग को दिवस के रूप में न लें बल्कि इसे अपने नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं क्योंकि नियमित योग ही आपके निरोगी जीवन की आधारशिला है। श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज ने संस्कृति विश्वविद्यालय के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को योग करना चाहिए। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने संस्कृति विश्विद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी जनकल्याणकारी योजना उनके द्वारा ही बनाई जा सकती है, जिसमें दिव्यागों का भाग लिया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि योग सबके लिए है।
योग और संस्कार संस्कृति विवि की सोच का अभिन्न अंग: डॉ सचिन गुप्ता मथुरा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयासों की सराहना करने वाली मशहूर हस्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विवि के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता ने कहा कि योग भारत की वो अमूल्य निधि है जिसने की सारे विश्व को स्वास्थ्य और संतुलन की राह दिखाई है। योग के नियमित अभ्यास से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। आज की भागमभाग वाली जिंदगी में योग की आवश्यकता और बढ़ जाती है। संस्कृति विश्वविद्यालय में योग पर विशेष ध्यान दिया जाता। इसके अभ्यास से विद्यार्थी अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ रहे हैं और पढ़ाई, खेलकूद और प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय सफलता पा रहे हैं। यही संस्कृति विश्विद्यालय की विशेषता है। आज के दिन हम सबको संकल्प लेना चाहिए और योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
मथुरा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर भारत में तेजी से आगे बढ़ता संस्कृति विश्विद्यालय विद्यार्थियों के लिए नए नए कोर्सों को अपने पाठ्यक्रमों में शामिल कर रहा है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विवि प्रशासन ने बीबीए और एमबीबीए इन इंटरैक्टिव एंड रियल टाइम 3 डी टेक्नोलॉजी में भी कराने का निर्णय लिया है। संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी ने बताया कि डिजिटल बिजनेस (टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) प्रोग्राम में बीबीए प्रमुख परियोजनाओं, ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप और कंपनियों के साथ लाइव प्रोजेक्ट के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव पर जोर देता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव मिलता है। यह प्रोग्राम डिजिटल बिजनेस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से डिज़ाइन किया गया है, जो छात्रों को उभरते हुए व्यावसायिक परिदृश्य में गतिशील भूमिकाओं के लिए तैयार करता है। एक समग्र दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हुए, पाठ्यक्रम अनुसंधान परियोजनाओं, सेमिनारों, सम्मेलनों और इंटर्नशिप को बढ़ावा देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्र डिजिटल बिजनेस डोमेन में एक व्यापक कौशल सेट विकसित करें। छात्रों को वास्तविक दुनिया के केस स्टडीज़, उद्योग के दौरे और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक अतिथि व्याख्यानों से लाभ मिलता है, जिससे व्यावहारिक चुनौतियों और समाधानों की उनकी समझ समृद्ध होती है। संस्कृति स्कूल ऑफ बिजनेस में आधुनिक स्मार्ट क्लासरूम, एक अच्छी तरह से सुसज्जित एनालिटिक्स लैब, एक व्यापक पुस्तकालय और उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों सहित अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं, जो अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं। डिजिटल बिजनेस (टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) में बीबीए कार्यक्रम छात्र विनिमय, विदेश में अध्ययन और सेमेस्टर एक्सचेंज कार्यक्रमों के अवसरों के साथ एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है, जो दुनिया भर में यूपीईएस से संबद्ध अग्रणी वैश्विक साझेदार प्रबंधन संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा देता है। प्रोफेसर चेट्टी ने बताया कि इसी प्रकार एमबीए कोर्स में छात्रों को एनीमेशन के विभिन्न रूपों से परिचित कराया जाएगा, प्राथमिक परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को एनीमेशन के विभिन्न रूपों और तकनीकों के उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। उद्योग से कई प्रमुख वक्ता इंटरैक्टिव कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करने और छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए संस्थान का दौरा करते हैं। मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स जो 3D टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है, छात्रों को इस क्षेत्र में प्रबंधन और व्यावसायिक कौशल विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. संक्षेप में, यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो: 3 डी टेक्नोलॉजी के व्यावसायिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है: इसमें 3 डी एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेम प्रोडक्शन और 3 डी प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में प्रबंधन, उत्पादन और रणनीति शामिल हो सकती है। उन्होंने बताया कि यह कोर्स विद्यार्थियों में प्रबंधन कौशल विकसित करता है। छात्र नेतृत्व, टीम प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन और व्यावसायिक निर्णय लेने जैसी चीजें सीखते हैं, जो 3 डी टेक्नोलॉजी उद्योग में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस कोर्स में सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक परियोजनाओं का संयोजन हो सकता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुभव प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए कुछ एमबीए कार्यक्रम 3 डी एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स और गेम प्रोडक्शन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो छात्रों को इन उद्योगों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों के लिए तैयार करते हैं। कुछ एमबीए कोर्स 3 डी प्रिंटिंग के उदय और इसके व्यावसायिक अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो छात्रों को इस क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए तैयार करते हैं. कुल मिलाकर, 3 डी टेक्नोलॉजी में एमबीए उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो 3 डी टेक्नोलॉजी उद्योग में प्रबंधन की भूमिका निभाना चाहते हैं और तकनीकी ज्ञान को व्यावसायिक कौशल के साथ जोड़ना चाहते हैं
मथुरा। ब्रज मण्डल के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के पांच विद्यार्थियों ने अपनी बौद्धिक क्षमता तथा प्राध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन में उच्च पैकेज पर बड़ी सफलता हासिल की है। संस्थान के एम.फॉर्मा अंतिम वर्ष के छात्र अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा का चयन क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है वहीं बी.फार्मा अंतिम वर्ष के छात्र पवन वशिष्ठ का चयन श्रीराम हेल्थ केयर कम्पनी बद्दी हिमाचल तथा विशाल कुमार का चयन प्रोस्पेरिटी हेल्थ केयर कम्पनी बद्दी हिमाचल में हुआ है। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में हुई प्लेसमेंट प्रक्रिया में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने न केवल हिस्सा बल्कि कम्पनी पदाधिकारियों को ग्रुप डिस्कशन, टेक्निकल असेसमेंट एवं साक्षात्कार में प्रभावित करते हुए शानदार सेवा का अवसर हासिल किया। एम.फॉर्मा अंतिम वर्ष के छात्र अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में जहां असिस्टेंट प्रोफेसर बने वहीं बी.फार्मा अंतिम वर्ष के छात्र पवन वशिष्ठ ने श्रीराम हेल्थ केयर कम्पनी तथा विशाल कुमार ने प्रोस्पेरिटी हेल्थ केयर कम्पनी में सेवा का अवसर हासिल किया। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्थान की बेहतर शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को दिया। कम्पनी पदाधिकारी आनंद शर्मा तथा चंद्र किशोर ने पवन वशिष्ठ तथा विशाल कुमार के बौद्धिक क्षमता की जमकर प्रशंसा की। संस्थान के निदेशक प्रो. चोपड़ा ने कहा यह राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के लिए गर्व का क्षण है। इन विद्यार्थियों ने लगातार कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। प्रो. चोपड़ा ने बताया कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड है। यहां अध्ययन करने वाले कई विद्यार्थी जहां राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में सेवारत हैं वहीं दर्जनों पूर्व छात्र-छात्राएं सरकारी पदों पर आसीन हैं। उन्होंने बताया कि कई पूर्व विद्यार्थी प्रदेश के कई जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर पद पर सेवाएं दे रहे हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा, शिक्षक डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, आर.के. चौधरी, सुनम साहा, विभा, प्रतीक्षा राजौरिया, बृजनंदन दुबे, आकाश गर्ग, सोनल बंसल, ऋतिक वर्मा, कुलदीप सिंह, बृजेश शर्मा आदि ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी 1999 से संचालित है। यहां का ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग छात्र-छात्राओं को बदलती शिक्षा प्रणाली के अनुरूप न केवल ढालता है बल्कि रोजगार विकल्पों के लिए हर समय तत्पर रहता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यहां अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं निजी कम्पनियों ही नहीं प्रदेशस्तर पर ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में सेवाएं देकर संस्थान का गौरव बढ़ा रहे हैं। चित्र कैप्शनः क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में असिस्टेंट प्रोफेसर बने अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा।
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए पाठ्यक्रम ने एक बार फिर उत्कृष्ट शिक्षा तथा प्रभावशाली प्लेसमेंट का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस साल यहां के 105 एमबीए छात्र-छात्राओं ने संस्थान के शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता के बलबूते राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल कर करियर की शानदार शुरुआत की है। संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी प्लेसमेंट के मामले में राजीव एकेडमी की उबलब्धियां शानदार रहीं। इस साल संस्थान के 105 एमबीए विद्यार्थियों का चयन, 194 ऑफर्स, 68 प्रतिष्ठित कम्पनियों का विजिट तथा रुपये ₹10.5 लाख प्रतिवर्ष का पैकेज इस बात का सूचक है कि संस्थान विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में किस हद तक प्रतिबद्ध है। एमबीए विद्यार्थियों को इस वर्ष आईटी, डिजिटल मार्केटिंग, एचआर (मानव संसाधन), फाइनेंस, सेल्स, क्लाउड कम्प्यूटिंग और मार्केट रिसर्च जैसे उभरते क्षेत्रों में शानदार जॉब ऑफर्स मिले। डॉ. जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान देना नहीं बल्कि उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि यहां छात्र-छात्राओं को लाइव प्रोजेक्ट्स, केस स्टडीज़, इंटर्नशिप्स और रियल टाइम बिजनेस एक्सपोजर के जरिए तैयार किया जाता है। यही कारण है कि हमारे विद्यार्थी कॉर्पोरेट जगत में आत्मविश्वास के साथ कदम रखते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चयनित विद्यार्थियों में कई ऐसे नाम हैं जिन्हें एक से अधिक प्रतिष्ठित कम्पनियों से ऑफर मिले। इन भाग्यशाली छात्र-छात्राओं में दिव्या शर्मा (फ्रेश दुनिया), अर्शिता चौधरी (कैब बाजार, एमपी रिसर्च), गरिमा चोपड़ा (बनाओ, समता रिसर्च), गौरी शर्मा (रिलायबल एलाइड सर्विसेस, रियल्टी स्मार्ट्ज), हिमांशी अग्रवाल (संजय गुप्ता एंड एसोसिएट्स, कैब बाजार), काजल शर्मा (इंडियन बीपीओ सर्विसेस, रीफिट ग्लोबल), मानवी चौधरी (इंडिया मार्ट, कोरिज़ो), नंदिनी खंडेलवाल (एमपी रिसर्च वर्क), प्रिया चौधरी (इन्फिनिटी एजुकेशन, जारो एजुकेशन, समता एक्सप्रेस), प्रियांशु अग्रवाल (कैब बाजार, एएनएम मीडिया प्रा.लि.), राधा चौधरी (कैब बाजार, वेंडर्ड), रोहित सिंह बिष्ट (आईसीआईसीआई बैंक, वेंडर्ड), तुषिका अग्रवाल (कैब बाजार, कैब बाजार इंडस्ट्रीज), वीनू शर्मा (कैब बाजार, एमपी रिसर्च), याशिका सिंह (बायोहोमिक्स रियल एस्टेट प्रा.लि., कैब बाजार) शामिल हैं। इनमें से कई विद्यार्थियों को मानव संसाधन (एचआर), डिजिटल मार्केटिंग, सेल्स एण्ड प्रमोशन, ब्रांड कम्युनिकेशन, क्लाइंट सर्विसिंग, कंटेंट क्रिएशन और बिजनेस डेवलपमेंट जैसे प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स में नियुक्त किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि मार्केटिंग और एचआर जैसे कोर एमबीए क्षेत्रों में राजीव एकेडमी की गुणवत्ता और प्रशिक्षित प्रतिभा की मांग निरंतर बनी हुई है। चयनित विद्यार्थियों ने संस्थान को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी से पढ़ाई करना हमारे जीवन का सबसे अच्छा निर्णय साबित हुआ। यहां हमें समय पर मार्गदर्शन, तकनीकी ज्ञान और इंडस्ट्री की मांग के अनुसार अवसर प्रदान किए गए, जिससे हम लोग आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने विभिन्न कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी की स्थापना का उद्देश्य ही यह था कि शिक्षा को केवल किताबी दायरे में सीमित न रखा जाए बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और स्किल्ड प्रोफेशनल बनाया जाए, जो समाज में बदलाव ला सकें। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी की सफलता की नींव हमारे समर्पित शिक्षकगण, इंडस्ट्रीज से तालमेल और विद्यार्थियों की मेहनत पर टिकी है। हम हर विद्यार्थी को उनके सपनों की उड़ान भरने के लिए आधुनिक संसाधन और प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं। राजीव एकेडमी का यह प्लेसमेंट रिकॉर्ड यह सिद्ध करता है कि यह न केवल प्रदेश बल्कि देश के अग्रणी मैनेजमेंट शिक्षण संस्थानों में से एक है। यहां का एमबीए पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को सिर्फ नौकरियां ही नहीं देता बल्कि उन्हें नेतृत्व, नवाचार और प्रोफेशनल ग्रोथ का मंच भी प्रदान करता है। चित्र कैप्शनः विभिन्न कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल करने वाले राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थी।
जीएलए विश्वविद्यालय के बीएससी और एमएससी गणित कोर्स देते हैं रोजगार का एक नया अवसर डेटा साइंस तेजी से बढ़ रहा है, जो स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों तक के लिए विविध अवसर पैदा कर रहा है। मल्टी नेशनल कम्पनियों में भी इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को रोजगार के अपार अवसर मिल रहे हैं। रोजगार के अपार अवसरों को देखते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में बीएससी और एमएससी गणित के डेटा साइंस में विद्यार्थियों का प्रवेश हेतु अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है
जीएलए विश्वविद्यालय ने गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान की मजबूत समझ के साथ छात्रों के भविष्य के निर्माण हेतु इन पाठ्यक्रमों को मल्टी नेशनल कंपनियों की आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों द्वारा सावधानी पूर्वक तैयार किया गया है। पायथन और आर जैसी महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाओं में महारत हासिल करने से लेकर तर्क कौशल और मात्रात्मक योग्यता को निखारने तक, ये कोर्स डेटा साइंस के लगातार विकसित होते क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक समग्र कौशल सेट का पोषण करते हैं।
पाठ्यक्रम कोऑर्डिनेटर डा. अमित कुमार सारस्वत एवं डा. स्वेता शुक्ला के अनुसार इन कोर्सो का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा देकर उनके जीवन को उन्नत बनाना है। इस पाठ्यक्रम के द्वारा विद्यार्थियों को फेयरलैब्स, इनोडाटा, एनपीसीआइ, एचसीएल टेक्नोलॉजी, डिलॉइट आदि में अच्छे पैकेज के साथ रोजगार की असीम संभावनाएं बनेंगी। इसमें न केवल विद्यार्थियों को एकेडमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है, बल्कि सीएसइआईआर, नेट, गेट तथा जैम जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी लगातार सामने आ रहे हैं।
गणित विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष गोयल के अनुसार यह पाठ्यक्रम डेटा साइंस में वैकल्पिक विशेज्ञता प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि छात्र उद्योग के रुझानों और प्रौद्योगिकियों में सबसे आगे रहें। समर्पित संकाय सदस्यों की एक टीम के नेतृत्व में प्रत्येक पाठ्यक्रम एकेडमिक उत्कृष्टता और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।
प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा, इंडस्ट्रियल विजिट और एनईपी-2020 के साथ संरेखित बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से यह प्रोग्राम कौशल विकास और प्रदर्शन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। कॅरियर की तत्परता पर गहन ध्यान देने के साथ, छात्रों को पर्याप्त प्लेसमेंट अवसरों का लाभ मिलता है, जो उन्हें एक सफल और संतुष्टिदायक पेशेवर यात्रा के मार्ग पर ले जाता है। बीते वर्ष 2024-25 में एमएससी गणित के 3 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट मिला है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हुआ है। बीएससी गणित द्वितीय वर्ष के छात्रों को बैंगलुरु में स्थित कंपनी से इंटर्नशिप के ऑफर मिले हैं जो उनको प्लेसमेंट में सहायक होंगे।
एडमिशन कोऑर्डिनेटर डॉ. विपिन चंद्र दुबे के अनुसार पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी ये प्रोग्राम विद्यार्थियों की पहली पसंद है। अधिक जानकारी के लिए छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर प्रवेश ले सकते हैं।