Friday, December 19, 2025
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संस्कृति विवि में साइबर सुरक्षा पर वक्ताओं ने दी ज्ञानवर्धक जानकारियां

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित साइबर सुरक्षा कार्यक्रम में भाग लेते संस्कृति विवि के विद्यार्थी।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स ने साइबर डोजो के सहयोग से साइबर सुरक्षा को लेकर “साइबरएक्सप्लोर 2025 – जागरूकता से कार्रवाई” विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा को लेकर ज्ञानवर्धक जानकारियां दीं और आवश्यक डिजिटल माध्यमों के प्रयोग के बारे में बताकर जागरूक किया।
मुख्य वक्ता, साइबरडोजो के सह-संस्थापक और क्षेत्रीय निदेशक हर्ष ए. रावल ने बताया कि साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर, सर्वर, मोबाइल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों, नेटवर्क और डेटा को दुर्भावनापूर्ण हमलों से बचाने की प्रक्रिया है। इसे सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा या इलेक्ट्रॉनिक सूचना सुरक्षा भी कहा जाता है। विभिन्न उद्योगों में बढ़ती संख्या में व्यवसायों के लिए डेटा उल्लंघन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, और उच्च कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की माँग बढ़ रही है। वास्तव में, जैसे-जैसे कई व्यवसाय ऑनलाइन हो रहे हैं और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होते जा रहे हैं, सूचना सुरक्षा का मुद्दा प्राथमिकता में बढ़ता ही जा रहा है और सही साइबर सुरक्षा योग्यता और कौशल वाले व्यक्ति फलने-फूलने के लिए तैयार हैं। वक्ता जय ए रावल ने बताया कि आईटी, कंप्यूटर विज्ञान या साइबर अपराध में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए, साइबर सुरक्षा एक बेहद फलदायी करियर विकल्प हो सकता है। हालाँकि, चूँकि साइबर सुरक्षा एक अत्यंत व्यापक क्षेत्र है और सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों की ज़िम्मेदारियाँ विविध हो सकती हैं, और उन्हें कई उद्योगों में काम करना पड़ता है, इसलिए सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों को व्यापक कौशल और योग्यताओं की आवश्यकता होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसओएमसी के डीन डॉ. राधा कृष्ण शर्मा ने की। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. रोहित
कुमार सिंघल और डॉ. शांतम बब्बर थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अनुष्का वार्ष्णेय और रूपाक्षी खंडेलवाल ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का समापन डा. शांतम बब्बर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम में बी.काम., बीबीए, एमबीए के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

जी.एल. बजाज के ‘दिवाली हाट’ में दिखी सांस्कृतिक विरासत

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मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के प्रबंधन अध्ययन विभाग और ई-सेल द्वारा “दिवाली हाट 2025” का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने उत्साह और उमंग के बीच दीपावली के आध्यात्मिक संदेश “अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और अज्ञान पर ज्ञान की विजय” को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सभी की वाहवाही लूटी। दीपोत्सव भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसी भाव को दिवाली हाट में छात्र-छात्राओं ने अपनी कल्पनाशीलता से चरितार्थ करने का प्रयास किया।
शुक्रवार को जी.एल. बजाज परिसर मनभावन रंगों तथा दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने “रंगीला राजस्थान” कार्यक्रम में राजस्थान की पारम्परिक लोक संगीत, नृत्य प्रस्तुतियों तथा कला-संस्कृति की झलक प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित कलाकृतियों, क्षेत्रीय व्यंजनों एवं पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों से सजे विभिन्न स्टॉल्स ने दिवाली हाट उत्सव का आनंद कई गुना बढ़ा दिया।
छात्र-छात्राओं ने इन स्टॉल्स के माध्यम से अपने साथियों को स्थायित्व और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया। यह आयोजन छात्र-छात्राओं के लिए एक उत्कृष्ट अनुभवात्मक शिक्षण मंच सिद्ध हुआ, जहां उन्होंने अपनी रचनात्मकता, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। इस अवसर ने उन्हें इवेंट मैनेजमेंट, संचार कौशल एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण एवं व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को दीपावली त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत सशक्त होती है बल्कि छात्र-छात्राओं में सामूहिकता, नेतृत्व और आयोजन कौशल का भी विकास होता है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में उद्यमशीलता के गुणों को विकसित करते हैं। इतना ही नहीं उन्हें रचनात्मकता के साथ व्यावहारिक सोच से जोड़ने को भी प्रेरित करते हैं। प्रो. अवस्थी ने कहा कि दिवाली का असली अर्थ प्रत्येक भारतीय के जीवन से अंधेरे को मिटाना है।
विभागाध्यक्ष प्रबंधन अध्ययन डॉ. शशि शेखर ने आयोजन की सराहना की और कहा कि दीपावली का त्योहार परिवार के साथ भारतीय परम्परागत धार्मिक रूप से मनाएं एवं दीपावली पर प्राकृतिक मिट्टी से बने दीयों का ही प्रयोग करें ताकि आसपास के पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सके। उन्होंने प्रदूषण रहित दीपावली मनाने के लिए सभी छात्र-छात्राओं का आह्वान किया।
सोनिया चौधरी, स्तुति गौतम और पारुल जैन (सहायक प्राध्यापक, प्रबंधन अध्ययन विभाग) के मार्गदर्शन में आयोजित दिवाली हाट 2025 भारतीय संस्कृति और परम्परा की समृद्धि का उत्सव साबित हुआ। दिवाली हाट से छात्र-छात्राओं को व्यवसाय, विपणन और उद्यमशीलता के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का संदेश भी मिला।
चित्र कैप्शनः जीएल बजाज के “दिवाली हाट 2025” में अपनी रचनात्मक कल्पनाशीलता दिखाते छात्र-छात्राएं।

परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय के तीन खिलाड़ियों का तीरंदाजी में एसजीएफआई के लिए हुआ चयन

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-अलग-अलग आयु वर्ग में जीते 6 स्वर्ण, 2 रजत तथा 2 कांस्य पदक

-बनारस, इंफाल और रांची में होगी एस.जी.एफ.आई. की खेल प्रतियोगिता

वृंदावन। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अखिल भारतीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्या भारती के विभिन्न प्रान्तों से क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं को जीतकर आने वाले 300 खिलाड़ियों ने प्रतिभागिता किया।
परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के तीरंदाजी कोच हरि शंकर ने बताया कि इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता में विद्यालय की ओर से पांच खिलाड़ियों ने भाग लिया और उन्होंने अलग-अलग आयु वर्ग में 6 स्वर्ण, 2 रजत तथा 2 कांस्य पदक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। अंडर-14 में वैभव शुक्ला व अंडर-19 में यदुवंश नारायण ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि अंडर-17 में विजय चौधरी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। अभिषेक चौधरी और दिव्यांश चौधरी ने टीम इवेंट में क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि अंडर-14 से वैभव शुक्ला, अंडर-19 से यदुवंश नारायण तथा अंडर-17 से भैया विजय चौधरी इस प्रतियोगिता के अखिल भारतीय विजेता होने के नाते निकट भविष्य में बनारस, इंफाल और रांची में होने वाली एस.जी.एफ.आई. की खेल प्रतियोगिताओं में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष पद्मनाभ गोस्वामी, प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन कुमार शर्मा, उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ आचार्य देवेंद्र कुमार गौतम, ललित गौतम, अरूण दीक्षित तथा खेल प्रमुख रविंद्र सिंह ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आशीर्वाद प्रदान किया।

के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल ने बेटियों की मेजबानी पर खुशी जताई

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शैक्षिक भ्रमण में छात्राओं को दी दंत चिकित्सा क्षेत्र की जानकारी
टूंडला की बेटियों ने राजीव एकेडमी फार फार्मेसी की प्रयोगशालाओं को देखा
मथुऱा। चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे बदलावों से रूबरू होने के लिए मंगलवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, टूंडला, फिरोजाबाद की कक्षा 9 से 11 तक की 195 छात्राओं ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल तथा राजीव एकेडमी फार फार्मेसी का शैक्षिक भ्रमण किया। के.डी. डेंटल कॉलेज में छात्राओं को जहां दंत चिकित्सा विज्ञान की विस्तार से जानकारी देने के साथ इस क्षेत्र में करियर सम्भावनाओं की जानकारी दी गई वहीं राजीव एकेडमी फार फॉर्मेसी में विशेषज्ञों ने छात्राओं को दवा निर्माण से जुड़ी विशेष बातें बताईं।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएमश्री (स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) पहल के तहत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, टूंडला, फिरोजाबाद की छात्राओं ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा तथा राजीव एकेडमी फार फार्मेसी का शैक्षिक भ्रमण किया। छात्राओं को इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्स (इंडिया सेक्शन) के सहयोग से के.डी. डेंटल कॉलेज में आयोजित इंटरेक्टिव सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ. नवप्रीत कौर ने दंत चिकित्सा शिक्षा तथा इसके करियर पथों की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. कौर ने छात्राओं को बताया कि दंत चिकित्सा क्षेत्र में शानदार करियर विकल्प हैं। यह किसी मरीज़ की जाँच या फिलिंग करने से कहीं बढ़कर है, इसमें दांतों का निदान और उपचार, मुँह की समस्याओं का निदान और दंत रोगों की रोकथाम तथा मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना शामिल है। डॉ. कौर ने बताया कि दंत चिकित्सा पेशेवरों के पास एक सुरक्षित करियर है। उन्होंने छात्राओं को बताया कि डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आपको नीट परीक्षा देना अनिवार्य है। यह बहुविकल्पीय परीक्षा आपके ज्ञान को चार अलग-अलग खंडों प्राकृतिक विज्ञान सर्वेक्षण, अवधारणात्मक क्षमता, पठन बोध और मात्रात्मक तर्क का मूल्यांकन करती है। परीक्षा पास करने के बाद ही किसी अभ्यर्थी को प्रवेश मिलता है।
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के शैक्षिक भ्रमण के बाद छात्राओं ने राजीव एकेडमी फार फार्मेसी की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का दौरा किया। छात्राओं ने फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री लैब, फार्मास्यूटिक्स लैब, फार्माकोलॉजी लैब तथा फार्मास्युटिकल विश्लेषण प्रयोगशाला देखने के बाद विशेषज्ञों से दवा निर्माण की जानकारी हासिल की। विशेषज्ञों ने छात्राओं को प्रयोगशालाओं के व्यावहारिक अनुभव, दंत चिकित्सा और फार्मेसी शिक्षा में अंतर्दृष्टि आदि पर विस्तार से बताया।
के.डी. डेंटल कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी तथा राजीव एकेडमी फार फार्मेसी के निदेशक डॉ, हिमांशु चोपड़ा ने छात्राओं की मेजबानी पर खुशी जताते हुए कहा कि हम भावी पीढ़ी के ज्ञान और कौशल को निखारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. लाहौरी ने कहा कि डॉक्टर मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप हैं। डॉक्टर केवल जिन्दगी ही नहीं बचाते बल्कि वे रोगी के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करते हैं। शैक्षिक भ्रमण दल की प्रमुख संगीता, डॉ. मनीष भल्ला, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, प्रधानाचार्या मुनिता पांडेय, टूर प्रभारी संगीता तोमर, सह टूर प्रभारी माधुरी गुप्ता तथा सहायक शिक्षिकाएं अर्चना यादव, अनीता सिंह, विनीता त्यागी, नेहा जैन, प्रगति शाक्य आदि ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
चित्र कैप्शनः के.डी. डेंटल कॉलेज का शैक्षिक भ्रमण करती राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, टूंडला, फिरोजाबाद की छात्राएं।

अवैध आतिशबाजी बेचते दुकानदार गिरफ्तार, भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद

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चौमुहां। थाना जैंत पुलिस ने अवैध रूप से आतिशबाजी बेच रहे एक दुकानदार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार की विस्फोटक सामग्री बरामद की है। यह गिरफ्तारी मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर की गई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्राम चंद्र नगर स्थित गणेश जनरल स्टोर पर बिना लाइसेंस के आतिशबाजी की बिक्री की जा रही है। सूचना की गंभीरता को देखते हुए नयति चौकी प्रभारी पवन कुमार के नेतृत्व में कांस्टेबल गौरव कुमार, हेड कांस्टेबल रुकमान और कांस्टेबल प्रदीप कुमार की टीम ने तत्काल स्टोर पर छापा मारा।
पुलिस टीम ने मौके पर चंद्रनगर निवासी ललित पाठक (36) को स्टोर पर सफेद प्लास्टिक के बोरे में आतिशबाजी रखकर बेचते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कुल 120 से अधिक आतिशबाजी के पैकेट जब्त किए। जैंत थाना प्रभारी उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी ललित पाठक द्वारा अवैध रूप से विस्फोटक सामग्री बेची जा रही थी, जिसे जब्त कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ थाना जैंत में विस्फोटक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

अपराध नियंत्रण की दिशा में पहल: चोरी, लूट, डकैती के आरोपियों का पुलिस ने किया सत्यापन

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चौमुहां। अपराधों पर नकेल कसने और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की बड़ी पहल के तहत थाना जैंत पुलिस ने पिछले दस वर्षों में चोरी, लूट और डकैती के मामलों में शामिल रहे आरोपियों का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया है। इस कार्रवाई से अपराधियों में भय का संचार हुआ है और पुलिस को उनका विस्तृत रिकॉर्ड तैयार करने में मदद मिली है।
थाना जैंत पुलिस ने इस विशेष अभियान के तहत चिह्नित किए गए सभी आरोपियों को थाने बुलाया। कुछ मामलों में उन्हें पकड़कर भी लाया गया, जहाँ उनकी वर्तमान स्थिति और गतिविधियों की गहन जांच की गई। सत्यापन की यह प्रक्रिया सिर्फ पूछताछ तक सीमित नहीं रही। पुलिस ने सभी आरोपियों के विस्तृत डोजियर भी तैयार करवाए हैं। इन डोजियर में उनके आपराधिक इतिहास से लेकर व्यक्तिगत जानकारी तक का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है, जो भविष्य में किसी भी आपराधिक घटना के बाद पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
थाना प्रभारी ने दी जानकारी
सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पुलिस ने सभी आरोपियों को अच्छे चाल-चलन की शपथ दिलाई। थाना प्रभारी जैंत उमेश चंद्र त्रिपाठी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि “यह कदम आरोपियों को अपराध की दुनिया से दूर रहने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान अपराधों पर लगाम लगाने और क्षेत्र में शांति-व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जैंत पुलिस की यह कार्रवाई अपराधों की रोकथाम की दिशा में एक अहम और प्रभावी कदम मानी जा रही है।

विशेषज्ञों ने आरआईएस के विद्यार्थियों को बताईं एआई की खूबियां वर्कशाप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और करियर काउंसिलिंग पर दिया मार्गदर्शन

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मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है। एआई ने विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने के साथ ही हमारे रहने और काम करने के तरीके को नया आकार दिया है। मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में प्रगति के साथ, एआई अधिक बुद्धिमान और सक्षम होता जा रहा है, जिससे इसके निहितार्थ और अनुप्रयोगों के बारे में उत्साह और चिंताएं दोनों बढ़ रही हैं। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में बियोंड मार्क्स बिल्डिंग ए लाइफ एण्ड करियर यू लव विषय पर आयोजित वर्कशॉप में विषय विशेषज्ञों ने बताईं।
वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को कीनोट स्पीकर कुणाल चावला सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वोल्वो कार स्वीडन, स्पेशल गेस्ट स्पीकर तुषार शर्मा, डाटा साइंटिस्ट वेस्टर्न डिजिटल इंडिया एवं राहुल शर्मा ब्रांड मैनेजर मार्केटिंग एट जोश एप का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को एआई के माध्यम से करियर की सम्भावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कुणाल चावला ने बताया कि एआई का सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ उद्योगों में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने की इसकी क्षमता है। उन्होंने कहा कि एआई कार्यों को सुव्यवस्थित करता है, जिससे मनुष्य अधिक जटिल और रचनात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
तुषार शर्मा ने बताया कि विनिर्माण से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, एआई ने प्रक्रियाओं में सुधार करने, त्रुटियों को कम करने और समग्र उत्पादकता को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम की मदद से, एआई सिस्टम बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं, पैटर्न की पहचान कर सकते हैं और इंसानों की तुलना में डेटा-संचालित निर्णय तेजी से ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता बेहतर रोगी देखभाल, निदान और उपचार को सक्षम करके स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला रही है। एआई एल्गोरिदम सटीक निदान और उपचार योजना बनाने में डॉक्टरों की सहायता के लिए रोगी रिकॉर्ड, प्रयोगशाला परिणाम और चिकित्सा छवियों जैसे चिकित्सा डेटा का विश्लेषण कर सकता है। उन्होंने बताया कि एआई दवा की खोज और जीनोमिक्स अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे वैज्ञानिकों को दवाओं की पहचान करने तथा जटिल बीमारियों में अंतर्दृष्टि उजागर करने में मदद मिल रही है।
राहुल शर्मा ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में व्यक्तिगत और अनुकूली शिक्षण अनुभव प्रदान करके शिक्षा में क्रांति लाने की क्षमता है। एआई एल्गोरिदम शैक्षिक सामग्री और सिफारिशों को तदनुसार तैयार करने के लिए छात्र-छात्राओं के सीखने के पैटर्न और प्राथमिकताओं का विश्लेषण कर सकता है। इंटेलिजेंट ट्यूशन सिस्टम बेहतर शिक्षण परिणामों को बढ़ावा देते हुए छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञों ने लाइफ स्किल्स, सक्सेस बियोंड मार्क्स, पेशन एण्ड स्ट्रैंथ, करियर ऑप्शन आदि विषयों पर भी अपने अनुभव साझा किए। वक्ताओं ने प्रश्नोत्तर संवाद शैली के माध्यम से विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने करियर की सम्भावनाओं को पंख लगा दिए हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हर तकनीक के जहां फायदे हैं वहीं उनके नकारात्मक पहलुओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने अतिथि वक्ताओं का बुके एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और करियर काउंसलिंग पर अनुभव साझा करते विषय विशेषज्ञ।

संस्कृति विवि में महिला सशक्तिकरण पर हुई चर्चा

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में मिशन शक्ति चरण 5.0 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला रोजगार अधिकारी सुश्री सुगंधा जैन को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित करतीं संस्कृति विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा।


मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय में मिशन शक्ति चरण 5.0 के अंतर्गत, “आत्मनिर्भरता और सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी ने राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर ज़ोर दिया। मुख्य अतिथि, जिला रोजगार अधिकारी, सुश्री सुगंधा जैन ने एक सारगर्भित व्याख्यान के साथ उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए बनाई गई विभिन्न सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण से जुड़े सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर संवेदनशीलता और सरोकार व्यक्त किया जाता है। सशक्तीकरण की प्रक्रिया में समाज को पारंपरिक पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है, जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमतर माना है। वैश्विक स्तर पर नारीवादी आंदोलनों और यूएनडीपी आदि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने महिलाओं के सामाजिक समता, स्वतंत्रता और न्याय के राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। महिला सशक्तीकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारिरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।
उनके सत्र में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में जागरूकता और महिलाओं के विकास और उद्यमिता को समर्थन देने वाले कई प्रोत्साहन-आधारित कार्यक्रम भी शामिल थे। कार्यक्रम का समापन सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा के विशेष संबोधन के साथ हुआ, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और छात्राओं को समाज में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और नेतृत्व को मजबूत करने वाले कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम से प्रतिभागियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए सरकारी योजनाओं और अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरणा मिली। कार्यक्रम की समनव्यक संस्कृति स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एवं आईटी विभाग की डॉ रीना रानी थी।

चित्र परिचयः संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी।

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संस्कृति विवि में प्रतियोगिताओं के साथ मनाया गया आईईईई दिवस
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस मनाया गया। रचनात्मकता, तकनीकि सोच और संचार कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। दोनों ही प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बड़ी रुचि के साथ भाग लिया। प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थी पुरुस्कारों से सम्मानित किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने आईईईई दिवस के अवसर पर छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच नवाचार, अनुसंधान और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने में आईईईई के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. चेट्टी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे इस तरह के आयोजन युवा इंजीनियरों को रचनात्मक सोच विकसित करने और समाज की बेहतरी के लिए तकनीकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी के शिक्षक डॉ. पंकज गोस्वामी ने बताया कि हर साल मनाए जाने वाले इस दिवस पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स संस्थान के सदस्य दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम और संगोष्ठियाँ आयोजित करते हैं, जिनमें सदस्य तकनीकी विचारों पर सहयोग करते हैं। उन्होंने आईईईई दिवस पर अपने विचार साझा किए और विभिन्न तकनीकी गतिविधियों के आयोजन में संस्कृति आईईईई छात्र शाखा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छात्रों को अपने तकनीकी ज्ञान और नेतृत्व कौशल को बढ़ाने के लिए आईईईई के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. गरिमा गोस्वामी ने आईईईई छात्र कोर टीम के बारे में बात की और इस आयोजन को सफल बनाने में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने आईईईई सदस्यता के लाभों का संक्षिप्त परिचय भी दिया और बताया कि कैसे यह छात्रों को कार्यशालाओं, शोध प्रकाशनों और नेटवर्किंग के अवसरों के माध्यम से जुड़ने, सीखने और आगे बढ़ने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं ने प्रतिभागियों को टीम वर्क और विश्लेषणात्मक तर्क को बढ़ावा देते हुए प्रौद्योगिकी, नैतिकता और नवाचार के अंतर्संबंधों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में, क्या मनुष्यों को अन्य ग्रहों पर उपनिवेश स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करना चाहिए?, क्या साइबर सुरक्षा उपायों को व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए?, क्या तकनीकी प्रगति से समझौता किए बिना सतत विकास संभव है? विषयों ने विद्यार्थियों ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। प्रतियोगिताओं के उपरांत निर्णायक मंडल ने बीसीए साइबर सुरक्षा प्रथम वर्ष अनूप दास को प्रथम, बी.टेक. के छात्र यश श्रीवास्तव को द्वितीय व बी.टेक द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रिया देवी को तृतीय स्थान पर चुना। इन तीनों ही विद्यार्थियों को पुरुस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी के दिशा-निर्देश पर डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी और डॉ. गरिमा गोस्वामी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

मथुरा। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के निर्देशन में खाद की कलाबाजरी रोकने के लिए प्रसाशनिक अफसरों की जिम्मेदारी सौंपी है।जो जगह जगह संचालित दुकानों पर पहुँच उर्वरकों की

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मथुरा। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के निर्देशन में खाद की कलाबाजरी रोकने के लिए प्रसाशनिक अफसरों की जिम्मेदारी सौंपी है।जो जगह जगह संचालित दुकानों पर पहुँच उर्वरकों की बिक्री की हक़ीक़त जान रहे हैं।इसी क्रम में डीएम ने पंडित जी खाद बीज भंडार तारसी, मथुरा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान भंडार के रजिस्टरों में कमियां और खाद की ओवररेटिंग पाई गई।
जिलाधिकारी ने भंडार के रजिस्टरों, भंडारण प्रणाली और गोदाम संचालन की विस्तृत जांच की। उन्होंने ई-पोस मशीन के माध्यम से डिजिटल अभिलेखों की भी पड़ताल की, जिसमें खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के आधार पर खाद वितरण की स्थिति जांची गई।
निरीक्षण में मिली खामियों के बाद जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने जिला कृषि अधिकारी और जिला सहायक निबंधक सहकारी समिति को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसे निरीक्षणों का उद्देश्य केवल कमियों का पता लगाना नहीं, बल्कि समितियों के संचालन को अधिक दक्ष, पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना है। ओवररेटिंग पाए जाने पर उन्होंने पंडित जी खाद बीज भंडार तारसी का लाइसेंस रद्द करने तथा अन्य खाद बीज भंडारों की भी जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।