Sunday, May 4, 2025
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के.डी. डेंटल कॉलेज को मिले दो राष्ट्रीय अवॉर्ड

  • डॉ. मनेष लाहौरी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार से सम्मानित
  • के.डी. डेंटल कॉलेज को मिला इनोवेशन एक्जिबिट पुरस्कार

मथुरा। दंत चिकित्सा क्षेत्र के अग्रणी संस्थानों में शुमार के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल को 15 और 16 फरवरी को इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा देश की राजधानी नई दिल्ली में दो राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया। संस्थान के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी को ओरल हेल्थ एज्यूकेशन, आउटरीच एण्ड अवेयरनेस में अग्रणी भूमिका के लिए जहां डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड प्रदान किया गया वहीं ओरल हेल्थकेयर में सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक आउटरीच श्रेणी में संस्थान को इनोवेशन एक्जिबिट पुरस्कार मिला।
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में आयोजित गरिमामय समारोह में के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी को मौखिक स्वास्थ्य सामुदायिक सेवाओं और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने वाले बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से मौखिक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड से नवाजा गया। सांसद डॉ. राजेश मिश्रा के करकमलों से वितरित हुए पुरस्कारों में डॉ. लाहौरी की अस्वस्थता के चलते उनका पुरस्कार संस्थान की संकाय सदस्य डॉ. नवप्रीत कौर ने ग्रहण किया। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड मिलने पर डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि प्रत्येक पुरस्कार से खुशी के साथ ही जवाबदेही का संदेश मिलता है।
इसी कड़ी में 15-16 फरवरी को इंडियन डेंटल एसोसिएशन की पहल पर “ओरल हेल्थ इनोवेशन एण्ड रिसर्च पर ग्लोबल कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। दो दिन चले ग्लोबल कॉनक्लेव के समापन अवसर पर 16 फरवरी को के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल को इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुभ्रा नंदी, महासचिव डॉ. अशोक धोबले, कॉनक्लेव के अध्यक्ष डॉ. राजीव चुघ, आयोजन सचिव डॉ. शरद कपूर, स्वागताध्यक्ष डॉ. ओ.पी. खरबंदा आदि ने इनोवेशन एक्जिबिट अवार्ड्स की श्रेणी में “ओरल हेल्थकेयर अवॉर्ड के साथ सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक आउटरीच” से सम्मानित किया गया।
पुरस्कारों की इसी कड़ी में डॉ. अकील (बाल चिकित्सा और निवारक दंत चिकित्सा विभाग) ने पेपर प्रस्तुति में दूसरा पुरस्कार जीता, जबकि डॉ. प्रगति, डॉ. निशा और डॉ. आतशी (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) ने टेबल क्लीनिक में तीसरा पुरस्कार हासिल किया। कॉनक्लेव में के.डी. डेंटल कॉलेज की संकाय सदस्य डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. विवेक, डॉ. मनीष और डॉ. यशी आदि की भूमिका सराहनीय रही। कॉनक्लेव में के.डी. डेंटल कॉलेज के डॉ. श्रेय श्रीवास्तव (ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग) मुख्य वक्ता तथा डॉ. अभिषेक शर्मा (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) पैनल चर्चा का हिस्सा थे। ग्लोबल कॉनक्लेव में संस्थान के स्नातकोत्तर छात्रों (प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग) ने भी भाग लिया। डॉ. शिखा, डॉ. संस्कृति, डॉ. यामिनी, डॉ. यश, डॉ. प्राची, डॉ. रज़ौसिनुओ, डॉ. पूजा, डॉ. शुभम, डॉ. अपूर्वा, डॉ. शुभांगी आदि ने ग्लोबल कॉनक्लेव की प्रशंसा करते हुए इसे काफी ज्ञानवर्धक माना।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने के.डी. डेंटल कॉलेज को मिले दो राष्ट्रीय पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते उन्हें बधाई दी और कहा कि इन पुरस्कारों से कॉलेज का सम्मान देशभर में बढ़ा है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ये उपलब्धियां शिक्षा और सामुदायिक सेवा दोनों में हमारी संस्था के समर्पण और उत्कृष्टता को उजागर करती हैं।

साधु और बिच्छू की कहानी

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। साधु और बिच्छू की वह कहानी तो सभी ने सुन रखी होगी, जिसमें साधु डंक मारने वाले बिच्छू की रक्षा करता है। कुछ इसी प्रकार की एक कहानी जो मुझसे जुड़ी हुई है आपको बताता हूं।
     बात बहुत पुरानी है उस समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में  नौसिखिया था। अपने पराये और भले बुरे का ज्ञान तो था नहीं, जो जैसे बहका देता बहक जाता है जो जैसे उकसा देता उकस जाता यानी अपनी गांठ की बुद्धि का इस्तेमाल करने की जरूरत भी नहीं समझता।
     एक दिन की बात है एक महान?व्यक्ति ने मुझे श्रद्धेय देशभक्त वाजपेई जी जो उस समय वरिष्ठ पत्रकार होने के अलावा अमरनाथ विद्या आश्रम के प्रधानाचार्य भी थे, के खिलाफ मुझे उकसाया उनके उकसावे के बाद मैंने कहा कि ठीक है, जब कभी मौका मिलेगा तो देशभक्त जी और अमरनाथ दोनों की अच्छी खासी खबर ले डालूंगा।
     पर उन महान विभूति? ने कहा कि “जब कभी मौका मिलेगा इसका क्या मतलब? आज ही क्यों नहीं, और अभी क्यों नहीं? चूंकि उन महापुरुष? से मेरी उस समय खूब अच्छी घुटती थी इसी वजह से मैंने आव देखा न ताव तुरंत अपने फोटोग्राफर को स्कूटर पर बैठाया और जा पहुंचा अमरनाथ विद्या आश्रम तथा मेन गेट का फोटो कराया और अगले दिन ही “आज” अखबार में फोटो के साथ लंबी चौड़ी खबर जिसमें वेवजह खूब नमक मिर्च डाला हुआ था छाप मारी।
     इस खबर के बाद शहर में हड़कंप सा मच गया क्योंकि उस समय आज अखबार का डंका बजता था। सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह कि न तो देशभक्त जी ने मुझे कोई उलाहना दिया और जब कभी आमने-सामने मिलने पर वही सौहार्दपूर्ण तरीके से व्यवहार किया।
     बात आई गई हो गई। समय ने पलटा खाया और जिन महान विभूति? ने मुझे उकसाया वे मेरी छोटी सी मजाक से ऐसे आग बबूला हो गए कि पूंछो मत। बात दिनों दिन बढ़ती चली गई और वह मेरे खून के ऐसे प्यास हुए कि उचित अनुचित कोई भी हथकंडा अपनाने से पीछे नहीं हटे। सब लोग जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम को।
     मजेदार बात तो यह है कि जो महान विभूति? मेरे खून के प्यासे तक हो गए थे के लिए मैं इतना किया कि शायद उनके घर वालों तक ने नहीं किया होगा। हर संकट में परछाईं की तरह उनके साथ रहा। खैर इस बात को और लंबा खींचने से कोई फायदा नहीं क्योंकि आगे चलकर मैंने भी कोई कसर बाकी नहीं रखी उनके कपड़े फाड़ने में। यहां तक कि लंगोटी भी नहीं छोड़ी अर्थात हिसाब किताब चुकता करके ही माना।
     मैं तो प्रसंग से भी भटके जा रहा हूं। अब आता हूं असली मुद्दे पर। जिन देशभक्त जी को मुझ बिच्छू ने डंक मारा था उन्होंने ही कदम-कदम पर मेरी रक्षा की और हर संकट में मेरे कवच बने। जबकि वे उन दिनों पावर में थे यदि मन में खुन्नस मानते तो मेरा किसी न किसी प्रकार अनिष्ट भी कर सकते थे। लेकिन उन्होंने बदी का बदला नेकी में दिया। धन्य हैं देशभक्त जी और धिक्कार है विजय गुप्ता को।
     मैं देशभक्त जी के इस दुर्लभ संत्तव के प्रति नत मस्तक हूं और ताजिंदगी उनके एहसान को नहीं भूलूंगा। देशभक्ति की गिरिराज जी के परम भक्त हैं इस समय उनकी उम्र 85 वर्ष है। कुछ वर्षों पूर्व तक वे अक्सर गिर्राज जी की सपत्नीक दंडवती परिक्रमा भी करते रहते थे उसके बाद पैदल। अब तो पैदल भी नहीं कर पाते तथा कुछ समय पूर्व बैटरी रिक्शा से परिक्रमा करते हुए मंडलायुक्त श्री शैलेंद्र कुमार सिंह ने देखा था। इस समय देशभक्त जी बहुत अस्वस्थ हैं। गिर्राज महाराज ऐसी कृपा करें कि वे पूर्ण स्वस्थ होकर फिर से परिक्रमा लगना शुरू कर दें। जय गिर्राज बाबा की।
देशभक्त जी के संपर्क नंबर 9412279199
9149256570

राजीव एकेडमी में महिला उद्यमिता कौशल विकास प्रशिक्षण का समापन

  • 24 दिवसीय उद्यमिता प्रशिक्षण में छात्राओं ने सीखे आत्मनिर्भरता के गुर

मथुरा। राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान, भारत सरकार द्वारा राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में आयोजित 24 दिवसीय महिला उद्यमिता कौशल विकास प्रशिक्षण का शनिवार को प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर समापन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान के पदाधिकारी शिवम दुआ ने कहा कि महिलाओं के सहयोग बिना राष्ट्र का विकास सम्भव नहीं इसीलिए उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
श्री दुआ ने कहा कि राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान महिला उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान आदि कार्यों में संलग्न है। 24 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर उन्होंने कहा कि महिला उद्यमी नवाचार और सुदृढ़ता की उज्ज्वल किरण बनकर उभर रही हैं, उद्योगों को बदल रही हैं और अपने दूरदर्शी नेतृत्व से कठिन से कठिन बाधाओं को पार कर रही हैं। उनके उद्यम केवल व्यवसाय नहीं हैं, वे दृढ़ संकल्प, रचनात्मकता और सशक्तीकरण की शक्तिशाली कहानियां हैं, जो अनगिनत लोगों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करती हैं।
श्री दुआ ने कहा कि देश में संतुलित विकास के लिए महिला उद्यमियों के सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टार्टअप इंडिया पहलों, योजनाओं, सक्षम नेटवर्क और समुदायों के निर्माण और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में विविध हितधारकों के बीच भागीदारी को सक्रिय करने के माध्यम से भारत में महिला उद्यमिता को मजबूत करने को प्रतिबद्ध है। 24 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भारत सरकार की ओर से विशेषज्ञों ने छात्राओं को नवीन उद्योग और इण्डस्ट्री लगाने के आवश्यक टिप्स प्रदान किए। भारत सरकार की ओर से आए विशेषज्ञों ने बताया कि महिला उद्यमिता कौशल विकास प्रशिक्षण से देश के विभिन्न क्षेत्रों की छात्राएं और महिलाएं स्वयं का उद्यम खड़ा करने के लिए प्रेरित हो रही हैं।
एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी में चले प्रशिक्षण के बाद राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान के अधिकारियों द्वारा दो दर्जन से अधिक ऊर्जावान प्रतिभाशाली छात्राओं का चयन किया गया है। इन चयनित छात्राओं को निर्धारित पाठ्यक्रम के अंतर्गत चार सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी जोकि ऑनलाइन होगी। उक्त ऑनलाइन पैडागोजी ट्रेनिंग में चयनित महिलाओं तथा छात्राओं को सैद्धांतिक, प्रायोगिक और केस बेस्ड डिस्कशन के माध्यम से उद्यमिता के क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जाएगा। समापन अवसर पर छात्राओं ने रिसोर्स परसन से कई प्रकार के प्रश्नों के उत्तर और कई समस्याओं के समाधान प्राप्त किए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्राओं और महिलाओं के लिए भारत सरकार के स्किल मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए उक्त प्रोग्राम को देश की महिलाओं के उत्थान में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे आज की महिला या आज की छात्रा कल की सफल उद्योगपति होगी तथा राष्ट्र के विकास में अपना अमूल्य योगदान देगी। उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने महिला उद्यमिता कौशल विकास प्रशिक्षण की तारीफ करते हुए कहा कि इससे छात्राएं स्वावलम्बी होंगी तथा राष्ट्र तेजी से विकास करेगा। राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान के अधिकारियों का स्वागत निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने किया। उन्होंने छात्राओं से ऐसे प्रोग्रामों में अधिक से अधिक सहभागिता का आह्वान किया। अंत में एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

एआई का अनियंत्रित विकास मानवता के लिए खतराः प्रो. एस.के. काक

  • जी.एल. बजाज में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन

मथुरा। आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता का है लेकिन इसका अनियंत्रित विकास मानवता के लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में एआई विकास में पारदर्शिता व नियमन के अंतरराष्ट्रीय मानक बनाने भी जरूरी हैं। जरूरी है कि हम एआई की वैश्विक चुनौती के बीच अपने इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की मेधा का बेहतर उपयोग करके नई खोजों का मार्ग प्रशस्त करें अन्यथा भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नई खोजों की दौड़ में पिछड़ जाएगा। यह बातें मुख्य अतिथि प्रो. एस.के. काक (सीईई के एक्जीक्यूटिव बोर्ड सदस्य) ने जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इंटेलिजेंट कंट्रोल, कम्प्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन (आईसी3-2025) के समापन अवसर पर शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को बताईं।
प्रो. काक ने अपने सम्बोधन में कहा कि डिजिटल विभाजन को कम करने के लिये एआई पहुंच को बढ़ावा देने, इसे खुला, समावेशी, पारदर्शी, नैतिक, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता इस सदी में मानवता के लिये नया कोड लिख रही है लेकिन वैश्विक भलाई के लिए इसे तरीके से विकसित किया जाना जरूरी है। प्रो. काक ने कहा कि एआई नवाचार को बढ़ावा तो दिया जाना चाहिए लेकिन इसके नियमन को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। निश्चित रूप से एआई के इस्तेमाल से बेहतर कार्य संस्कृति पैदा होगी लेकिन हमें कृत्रिम मेधा के नियमन और नवाचार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाने होंगे। इतना ही नहीं भारतीय युवाओं को भी खुद को इस नई चुनौती के अनुरूप तैयार करना होगा। प्रो. काक ने अपने सम्बोधन में बहु-विषयक अनुसंधान के महत्व को रेखांकित करने के साथ इसे तकनीकी प्रगति के लिए अनिवार्य बताया।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने इनोवेशन को अपनाना: अत्याधुनिक विकास की खोज विषय पर 230 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए। यह शोध पांच प्रमुख ट्रैकों को कवर कर रहे थे। सम्मेलन के दौरान 10 विभिन्न हॉलों में सत्र आयोजित किए गए, जिससे शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को अपने विचार साझा करने और ज्ञान विनिमय का अवसर मिला। सम्मेलन में शैक्षणिक और उद्योग क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों तथा शोधकर्ताओं ने एआई-संचालित नियंत्रण प्रणालियों, अगली पीढ़ी की कम्प्यूटिंग तकनीकों और उन्नत संचार प्रणालियों पर गहन चर्चाएं कीं। यह सम्मेलन न केवल अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का मंच बना बल्कि इससे भविष्य में शैक्षिक और उद्योग क्षेत्र के बीच सहयोग की बुनियाद भी मजबूत होगी।
सम्मेलन के समापन अवसर पर जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने सभी प्रतिभागियों, सत्र अध्यक्षों और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार माना। अपने समापन भाषण में प्रो. अवस्थी ने इस सम्मेलन को तकनीकी नवाचारों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया और शोधकर्ताओं को भविष्य में और अधिक खोजपरक अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. वी.के. सिंह ने आईसी3- 2025 की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे नवाचार और वैश्विक स्तर पर ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि आईसी-3 का अगला संस्करण 2026 में आयोजित किया जाएगा, जिसमें और भी व्यापक विषयों पर चर्चा होगी। प्रो. वी.के. सिंह ने आयोजन समिति पदाधिकारियों, सत्र अध्यक्षों, मुख्य वक्ताओं तथा प्रायोजकों के अमूल्य योगदान की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए सभी का आभार माना। इस दौरान श्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अनुसंधानकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने एमएसएमई आगरा का किया भ्रमण

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी के विद्यार्थियों का एक दल उद्यम प्रशिक्षण के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग केंद्र आगरा पहुंचा। शिक्षकों के साथ पहुंचे विद्यार्थियों के इस दल ने वहां औद्योगिक प्रशिक्षण के अलावा प्रयोगशालाओं को भी देखा और मशीनों के कार्य करने के तरीकों के बारे में भी अध्ययन किया।
संस्कृति इंजीनियरिंग स्कूल की शिक्षिका डा. रीना रानी ने बताया कि इस औद्योगिक प्रशिक्षण का आयोजन संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी विभाग के द्वारा किया गया था। विद्यार्थियों ने इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान औद्योगिक इकाई के कार्य करने के तरीकों के बारे में व्यवहारिक जानकारी प्राप्त की। साथ ही विद्यार्थियों ने आईओटी लैब, आगमेंटेड रियल्टी लैब, वर्चुअल लैब, फाउंड्री लैब और सीएनसी न्यूमेरिक कंट्रोल लैब का भी अवलोकन किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने लैब टेक्नीशियन से मशीनों और वहां उपस्थित उपकरणों के बारे में अनेक सवाल कर उनके काम करने के तरीकों जाना और अपने ज्ञान में वृद्धि की। डा. रीना रानी बताया कि विद्यार्थियों के ऐसे भ्रमण में उनको प्रत्यक्षतः वे जानकारियां हासिल होतीं हैं जो सिर्फ किताबों से हासिल नहीं हो पातीं। इसके अलावा वे हर प्रणाली को अपने सामने कार्य करते देख पाते हैं और इस तरह वे अपनी स्मृति में सहेज कर ज्ञान में आसान वृद्धि कर लेते हैं।
इस भ्रमण के दौरान संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग के 72 विद्यार्थी इस दल में शामिल थे। इन विद्यार्थियों के साथ सात शिक्षकों का दल भी साथ में था जो विद्यार्थियों के इस भ्रमण को सहज बना रहा था और उनके सवालों का जवाब देकर उनको संतुष्ट कर रहा था।

विश्व रेडियो दिवस पर आकाशवाणी में हुई किसान गोष्ठी

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  • कृषि से आय दोगुनी करने की चुनौती पर चिंतन
  • बदलती परिस्थितियों में किसानों को ट्रेनिंग की जरूरत

मथुरा। विश्व रेडियो दिवस पर आकाशवाणी स्टूडियो में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। किसानों की आय दोगुनी करने की वचनबद्धता एवं कृषि क्षेत्र की चुनौती विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में निष्कर्ष निकाला कि तकनीक, प्रजातियां, पर्यावरणीय परिस्थितियों के बदलाव के चलते हर स्तर पर किसानों को ट्रेन्ड करने के लिए स्कूल खोलने की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि बगैर ट्रेनिंग के पुराने तरीकों से खेती लाभकारी नहीं होगी। आधुनिक मशीनें, रसायन, बीज किस्मों से अच्छा उत्पादन भी ट्रेन्ड किसान ही ले सकते हैं। सरकार का मुंह ताकने से ही काम नहीं चलेगा। किसानों को ताश-पत्ता खेलने में समय को जाया करने से बचना होगा। प्रसंस्करण की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
प्रगतिशील किसान सुधीर अग्रवाल ने कहा कि खेती की जमीन बेचने की किसानों की आदत उन्हें सड़क पर ला रही है। जमीनें करोड़ों बिकती हैं लेकिन किसान व्यापार करना नहीं जानते लिहाजा जमीन और करोड़ दोनों से हाथ धो बैठते हैं।
जीएलए विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डाक्टर विकास राणा ने कहा कि सरकार को देशों की मांग के अनुसार निर्यात होने और अच्छी कीमत मिल सकने वाली जिंस लगाने की नीति पर काम करना चाहिए। एम एस पी पर सरकार समूचे अनाज नहीं खरीद सकती। किसानों को बहुत अधिक गंभीर होकर खेती करनी होगी। खेती के उत्पादन का प्रसंस्करण और मार्केटिंग में भी हाथ-पैर चलाने होंगे। प्रगतिशील किसान संजय गुप्ता ने सब्जी उत्पादन, विजय सिंह ने पशुपालन व शिवराम सिंह ने समूह बनाकर मार्केटिंग आदि से सतत आय की संभावनाओं पर विचार रखे। गोष्ठी का संचालन वीरेंद्र व दिलीप कुमार यादव ने किया। कार्यक्रम प्रमुख विजय सिंह नौलखा ने विशेषज्ञ व किसानों का स्वागत किया।

जीएलए बीटेक बायोटेक के छात्रों ने किया औद्योगिक भ्रमण

  • जीएलए बीटेक बायोटेक के छात्रों ने याकुल्ट कंपनी का किया भ्रमण

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीटेक बायोटेक प्री फाइनल ईयर के छात्रों ने प्रोबायोटिक बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी याकुल्ट, सोनीपत का भ्रमण किया।

याकुल्ट कंपनी के पदाधिकारी मेघा गर्ग एवं स्वाति यादव ने छात्रों को उत्पाद के निर्माण प्रक्रिया से सम्बन्धित कार्यशैली, गुणवत्ता, पैकिंग, विपणन इत्यादि के बारे में बताया, साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता को बढ़ाए जाने के सभी मानदंडों की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को प्लांट का भ्रमण कराते हुए बताया कि प्लान्ट पूर्णतः स्वचालित है, ताकि किसी भी प्रकार से उत्पाद में बाहर से कोई भी जीवाणु न आ सके। इतनी सावधानी बरतने के बाद भी फाइनल प्रोडक्ट को मार्केट में भेजने से पहले माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना पड़ता है जिसके लिए तैयार प्रोडक्ट को 24 घण्टे के लिए कोल्ड स्टोरेज रूम में रखा जाता है और परीक्षण के परिणाम आने के बाद ही इसे बाजार में उतारा जाता है।

उन्होंने छात्रों को बताया कि याकुल्ट एक प्रोबायोटिक ड्रिंक है और उसे बनाने में लैक्टोबेसिलस कैसियाई स्ट्रेन शिरोटा नामक जीवित जीवाणु प्रयोग में लाया जाता है। यह जीवाणु हमारे पाचनतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। इस दौरान छात्रों ने कम्पनी के सीड रूम, कल्चर रूम, क्वालिटी कंट्रोल रूम, मोल्डिंग रूम, मैन्यूफैक्चरिंग रूम एवं फिलिंग रूम का अवलोकन किया एवं जाना कि पहले फरमेन्टेशन द्वारा सीड्स तैयार की जाती है। याकुल्ट भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी विभिन्न प्रकार के फ्लेवरों में उपलब्ध है, साथ ही मधुमेह रोग के मरीजों के लिए शुगर फ्री याकुल्ट भी उपलब्ध है।

विभागध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह ने बताया जैव प्रौद्योगिकी के छात्रों के लिए इस प्रकार का शैक्षिक भ्रमण बहुत ही लाभदायक है। जो भविष्य में उनके प्लेसमेंट में सहायक होगा।
इस भ्रमण में विद्यार्थियों के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्राध्यापक डा. प्रदीप कुमार चौधरी, डा. सौरव गुप्ता एवं शोध छात्रा समीक्षा अग्रवाल ने मार्गदर्शन प्रदान किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने इस भ्रमण को उपयोगी बताया एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के छात्रों को शुभकामनाएं दी।

एस के एस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में मनाया हर्षोल्लास के साथ मनाया स्पेरेजा 2025

  • एसकेएस इंटरनेशनल यूनीवर्सिटी के आयुर्वेद मेडीकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में फेयरवेल का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें छात्रों ने मनोहरी धो पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखकर सभी के मन को गदगद कर दिया
  • सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ फिल्मी धुनों पर थ बीएएमएस के छात्र एवं छात्राएं झूमे

एस के एस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 2025 का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें छात्रों ने मनोहारी दोनों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी के मन को गदगद कर दिया इस दौरान बीएएमएस के छात्र एवं छात्राओं ने गीत संगीत की धो पर समा बांध दिया कार्यक्रम में फ्रेशर 2024 बैच में छात्र फिल्मी धो के गानों पर जमकर नृत्य किया इस दौरान उन्होंने सभी छात्रों एवं दर्शकों को खूब रिझाया

होली के गीतों पर भी छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सबको खूब आकर्षित किया कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं गणेश वंदना से हुआ कार्यक्रम में महाराष्ट्र नृत्य ,राजधानी नृत्य ,रैंप वॉक आदि की धूम से समूचा यूनिवर्सिटी परिसर आनंदित होता ढोल नगाड़ों के साथ फ्रेशर्स बैच के छात्रों ने मुख्य पंडाल तक जोश और उत्सवर्धन दिखाया समारोह के मुख्य अतिथि बरेली राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के प्रोफेसर एस बी सिंह ने कार्यक्रम में शामिल होकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के दौर में काफी चुनौतियां हैं लेकिन आयुर्वेद ही ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से गंभीर रोगों का सामना करते हुए पीड़ित मानवता को स्वस्थ बनाया जा सकता है और देश को भी सशक्त किया जा सकता है इस मौके पर एस के एस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपति मयंक गौतम ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम जीवन को शिक्षा देते हैं आनंदित करते हैं और सार्वभौम विकास के लिए भी जरूरी है चांसलर मयंक गौतम ने कहा कि किसी भी उद्देश्य का लक्ष्य बनाकर काम करना चाहिए तभी सफलता मिलती है इस मौके पर बरेली के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज की प्रोफेसर रीता सिंह ने छात्रों द्वारा दी गई संस्कृत परिस्थितियों की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की कार्यक्रम में भूपेश शर्मा ने अतिथि परिचय दिया इस दौरान एसकेएस हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के डीएमएस प्रोफेसर गुलशन कुमार ओएसडी आर.एस जायसवाल आदि मौजूद रहे

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग में सावधानी बहुत जरूरीः प्रो. डी.एस. चौहान

  • जीएल बजाज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ

मथुरा। हमारा समाज सूचना समाज से अब बुद्धिमान समाज की ओर बढ़ रहा है। समाज के विकास को बढ़ावा देने में कम्प्यूटिंग एक महत्वपूर्ण तत्व बन गया है। हाल के वर्षों में हमने बुद्धिमान कम्प्यूटिंग के उद्भव को देखा है, एक नया कम्प्यूटिंग प्रतिमान पारम्परिक कम्प्यूटिंग को नया रूप दे रहा है। नए कम्प्यूटिंग सिद्धांतों, विधियों, प्रणालियों और अनुप्रयोगों से देश-दुनिया को बेशक लाभ मिल रहा हो लेकिन हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग में हमेशा सावधानी रखने की जरूरत है। यह बातें मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) डी.एस. चौहान (पूर्व कुलपति यूपीटीयू) ने जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इंटेलिजेंट कंट्रोल, कम्प्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन (आईसी3-2025) के शुभारम्भ अवसर पर शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं को बताईं। सम्मेलन का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की थीम ” इनोवेशन को अपनाना: अत्याधुनिक विकास की खोज” है। सम्मेलन के पहले दिन शोधकर्ताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, उन्नत कम्प्यूटिंग और संचार प्रणालियों में नवीनतम प्रगति पर केन्द्रित अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. डीएस चौहान, संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, जर्मनी के एचएलआरएस लैब के निदेशक प्रो. माइकल एम. रेश, आईईईई यूपी सेक्शन के चेयर स्टूडेंट ब्रांच एक्टिविटी प्रो. प्रभाकर तिवारी, पूर्व चेयर आईईईई यूपी सेक्शन प्रो. आशीष पांडेय, न्यूजलेटर और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन कमेटी के चेयर प्रो. एस. विक्रम सिंह और डॉ. वी.के. सिंह ने संयुक्त रूप से कॉन्फ्रेंस सोवेनियर का अनावरण किया। अपने उद्घाटन सम्बोधन में प्रो. डीएस चौहान ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस सोवेनियर सम्मेलन की उपलब्धियों को संजोने का एक अनूठा प्रयास है और इससे शोध एवं इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रो. माइकल एम. रेश ने अपने सम्बोधन में कहा कि बुद्धिमान कम्प्यूटिंग ने कम्प्यूटिंग के दायरे को बहुत व्यापक बना दिया है। उन्होंने कहा कि बुद्धिमत्ता और कम्प्यूटिंग लम्बे समय से अलग-अलग विकास पथों से गुजरे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में वे तेजी से एक-दूसरे से जुड़ गए हैं। बुद्धिमान कम्प्यूटिंग न केवल बुद्धिमत्ता उन्मुख है बल्कि बुद्धिमत्ता संचालित भी है। बुद्धिमान कम्प्यूटिंग अभी भी अपनी प्रारम्भिक अवस्था में है लिहाजा बहुत सारे इनोवेशन होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बुद्धिमान कम्प्यूटिंग मानव उन्मुख है और उच्च कम्प्यूटिंग क्षमता, ऊर्जा दक्षता, बुद्धिमत्ता और सुरक्षा का अनुसरण करती है। इसका लक्ष्य बड़े पैमाने पर जटिल कम्प्यूटेशनल कार्यों का समर्थन करने के लिए सार्वभौमिक, कुशल, सुरक्षित, स्वायत्त, विश्वसनीय और पारदर्शी कम्प्यूटिंग सेवाएं प्रदान करना है।
इस अवसर निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने जीएल बजाज संस्थान की शैक्षिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनोवेशन संस्कृति वह आधारशिला है जिस पर संगठन स्थायी प्रतिस्पर्धी लाभ का निर्माण कर सकते हैं। यह सामूहिक मानसिकता है जो रचनात्मक सोच और नए समाधानों की खोज को महत्व देती है। इनोवेशन संस्कृति साझा विश्वासों, मूल्यों और प्रथाओं का एक समूह है जो संगठन के भीतर व्यक्तियों को परिवर्तन के अनुकूल होने की प्रतीक्षा करने के बजाय सक्रिय रूप से परिवर्तन की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह एक ऐसा वातावरण है जो समस्या-समाधान के लिए एक खुले दिमाग वाले दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, जहां नए विचारों को महत्व दिया जाता है और उनका पोषण किया जाता है।
सम्मेलन के संयोजक डॉ. वी.के. सिंह ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में नई दिशाएं प्रदान करेगा बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा। सम्मेलन का संचालन डॉ. शिखा गोविल, डॉ. शाम्भवी कात्यायन मिश्र और इंजीनियर मेधा खेनवार ने किया। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना गया। इस अवसर पर डॉ. रामवीर सिंह सेंगर, डॉ. भोले सिंह, डॉ. शशि शेखर, डॉ. नवनीत पांडेय, डॉ. उदयवीर सिंह, डॉ. राजीव कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, रजिस्ट्रार विपिन धीमान, प्रशासनिक अधिकारी आशीष कुमार और रविंद्र जायसवाल आदि मौजूद रहे।

वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्र ने जे ई ई( मुख्य) परीक्षा में 99.64% हासिल कर प्राप्त की सफलता

वृंदावन। किसी भी सफलता के लिए कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन बहुत मायने रखता है जिससे कोई भी व्यक्ति अपने मुकाम को हासिल कर लेता है | इसी विचार को साकार रूप प्रदान करते हुए वीपीएस के पूर्व कक्षा 12 वीं के छात्र रहे गोविन्द गुप्ता ने
जे •ई ई (मुख्य) परीक्षा उत्तीर्ण कर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। इस परीक्षा के परिणाम से छात्र गोविंद गुप्ता ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से 99.64 प्रतिशत अंक लाकर विद्यालय ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मथुरा जनपद को गौरवान्वित किया। विद्यालय के निदेशक डॉ. ओमजी व वी पी एस परिवार ने छात्र को उसकी शानदार सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। साथ ही उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना की।
छात्र ने अपनी इस सफलता के लिए विद्यालय प्रबंधन व समस्त विद्यालय परिवार को श्रेय देते हुए कहा कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा वृंदावन पब्लिक स्कूल से ही हुई है और गुरुओं ने मेरा जो मार्गदर्शन किया आज उसी के फलस्वरूप मैंने यह सफलता प्राप्त की है। गौरतलब है कि छात्र गोविंद गुप्ता ने कक्षा 10 व कक्षा 12 की बोर्ड परिक्षाओं में विद्यालय में प्रथम स्थान व जनपद की योग्यता सूची में टॉप पाँच में भी अपनी उत्कृष्टता प्रदर्शित की थी।