Monday, December 29, 2025
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जश्ने आजादी या जश्ने बर्बादी?

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। 15 अगस्त आया और आजादी का जश्न खूब जोर-शोर से मना। चारों तरफ तिरंगे की धूम रही। ऐसा लग रहा था कि यह आजादी हमारे लिए स्वर्ग से भी बड़ी खुशी का तोहफा लेकर आई थी और हम सब रामराज में जी रहे हैं।
     लेकिन वास्तविकता क्या है? जिसे हम सभी जानते हैं। पहले तो हमारा देश विदेशियों के अत्याचारों से त्रस्त था किंतु अब तो स्वदेशियों के अत्याचार इतने भयंकर हो रहे हैं कि अंग्रेजो के अत्याचार भी फीके पड़ गए। मैं सोचता हूं कि इससे अच्छा तो यह रहता कि हम लोग अंग्रेजों की दासता में ही बने रहते।
     चारों तरफ हत्या, लूट, डकैती, व्यभिचार, बेईमानी आदि का तांडव मच रहा है। अन्याय और अत्याचार पूरे चरम पर हैं। ऐसा लगता है कि हम आजादी का नहीं बल्कि अपने देश और देशवासियों की दुर्गति यानी बर्बादी का जश्न 15 अगस्त और 26 जनवरी को मानते हैं। आजादी के इन उत्सवों के नाम पर देशभक्ति के जो ढोंग पाखंड होते हैं उनसे तो मेरा मन और भी जल भुन जाता है। देशभक्ति का क्या मतलब होता है? शायद यह कि तिरंगे झंडे को सलाम करें, उसे खूब ऊंचा करके फहराएं कार्यक्रमों में देशभक्ति के लंबे-लंबे भाषण और गीतों को प्रमुखता से स्थान मिले। प्रभात फेरियां निकलें, भारत माता की जय के उद्घोष हों आदि आदि।
     नहीं नहीं यह सब ढकोसले बाजी है। मेरी नजर में देशभक्ति का मतलब है कि हम सभी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ बनें, सच्चाई और परोपकार की जिंदगी जिएं। जीवन के हर एंगल को नैतिकता की कसौटी पर खरा उतरने वाला बनाएं। एक दूसरे की मदद करें, किसी भी दुखिया को देख उसके दुःख में शामिल हों। पशु पक्षी आदि हर जीव जंतु के प्रति दयावान बनें। यदि हम सब अच्छे संस्कारवान बनकर रहें तो हमारा देश निश्चित रूप से तरक्की करेगा।
     मेरा मानना तो यह है कि पूरी पृथ्वी अपनी है। इस पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी अपने परिवारी जन हैं। ईश्वर सभी का कल्याण करें। हमारी माता जी और पिताजी ने बचपन में हमें सिखाया था कि सुबह-सुबह चारपाई से उतरने से पहले धरती का स्पर्श कर अपने मस्तक से लगाकर कहना चाहिए कि “पृथ्वी माता तू बड़ी तो से बड़ौ न कोय, सवेरे उठकर पग धरूं बैकुंठ बसेरो होय”।
     कहने का मतलब है कि देश से भी बड़ा दर्जा हमारी पृथ्वी का है। देश की बात तो यह है कि कभी हमारा देश अरब देशों तक फैला हुआ था। बाद में एक-एक करके कई टुकड़े होते गए। अब सोचने की बात यह है कि देशभक्ति का क्या पैमाना रह गया? अजीब विडंबना यह है कि पहले मानसरोवर आदि हमारे देश में ही थे किंतु बाद में चीन ने उन पर कब्जा कर लिया तो क्या हम मानसरोवर जैसे अपने पवित्र तीर्थ स्थल के प्रति अश्रद्धा कर लेंगे? इसी प्रकार पाकिस्तान में भी हमारे कई तीर्थ स्थान हैं हमारे कुलदेव श्री नृसिंह भगवान का जन्म स्थान मुल्तान है। यदि मुझसे कोई पूछे कि यदि तुम्हें कभी विदेश जाने का मौका मिलेगा तो कौन से देश में जाना पसंद करोगे? तो मैं कहूंगा कि पाकिस्तान। पाकिस्तान में जाकर सबसे पहले मुल्तान जाऊंगा और वहां की मिट्टी को मस्तक से लगाकर अपने आप को धन्य करूंगा। देखा जाए तो देशों का आकार तो बनता बिगड़ता रहता है।
     बात वही लौट कर आती है कि हम सदाचारी बनाकर अपनी जिंदगी जिएं तो न सिर्फ यह जन्म बल्कि अगला जन्म भी सुखद होगा। साथ ही हमारी अगली पीढ़ी भी इसी दिशा में अग्रसर होगी। यदि हम इसी प्रकार पापा चारी जिंदगी जीते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब फिर से गुलाम बन जाएंगे। ऐसा ना हो कि पहले मुसलमानों की गुलामी की, फिर अंग्रेजों की और अब कहीं चीनियों के गुलाम न बन जाएं।
     प्रसंग से हटकर एक बात और कहता हूं वह यह कि हमारे देश का मटिया मेट करने के सबसे बड़े दो कारण हैं। पहला तथा कथित लोकतंत्र यानी वोट की राजनीति और दूसरा आरक्षण। इन दोनों ने समूचे देश को कोढ़ी जैसी स्थिति में ला दिया है। जब तक यह दोनों राक्षस नहीं मरेंगे तब तक हम सुखी नहीं रह सकते। आओ सदाचारी बनने के साथ-साथ इन दोनों राक्षसों का अंत करने की और अग्रसर हों।

पुलिस मॉडर्न सीनियर सेकंडरी विद्यालय में मनाया गया 78वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शैलेश कुमार पांडे ,एसपी क्राइम श्री अवनीश कुमार मिश्रा,एसपी सिटी डॉ, श्री अरविंद कुमार ,एसपी सिक्योरिटी श्री बजरंगबली सिसोदिया, एसपी देहात श्री त्रिगुण विषेन, एसपी ट्रैफिक श्री देवेश कुमार शर्मा तथा पुलिस विभाग के अन्य अफसर सपरिवार शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शैलेश कुमार कुमार पांडे द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके पश्चात विद्यालय की नन्ही- मुन्नी छात्राओं के द्वारा गणेश वंदना एवं जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा गीत पर बड़ी ही मनमोहक प्रस्तुति दी गई तत्पश्चात शिवाजी टैगोर अशोका तथा रमन चारों सदनों के द्वारा देशभक्ति गीत गीतों पर गायन तथा नृत्य प्रस्तुत किए गए।

इसके बाद विद्यालय में इन्वेस्टीचर सेरेमनी (मान-प्रदान समारोह) का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अफसरों द्वारा बैजेज लगाकर उनको अपना-अपना पद संभालने की जिम्मेदारी दी गई। इन सभी कार्यक्रमों को देखकर उपस्थित सभी अफसर तथा अभिभावकगण बहुत प्रसन्न हुए तथा सभी बच्चों की भूरी भूरी प्रशंसा की। अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती ऋचा वशिष्ठ के द्वारा अतिथियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए धन्यवाद दिया गया। इस तरह यह संपूर्ण कार्यक्रम बहुत ही प्रसन्नता एवं सफलता के साथ संपन्न हुआ।

रमनलाल शोरावाला पब्लिक स्कूल में विकसित भारत प्रतिज्ञा के साथ मना स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस पावन अवसर पर रमनलाल शोरावाला पब्लिक स्कूल में ध्वजारोहण के पश्चात सांस्कृतिक व देशभक्ति के कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया। ध्वजारोहण विद्यालय के चेयरमैन श्री वीरेन्द्र गोयल जी के द्वारा किया गया। तदोपरान्त वन्देमातरम् और जय हिन्द के नारों से विद्यालय प्रांगण गुंजायमान हुआ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य रूप से ‘‘विकसित भारत-2047’’ थीम पर आधरित था जिसको वि़द्यालय की नृत्य प्रशिक्षक मीनू शर्मा के निर्देशन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा बड़े ही मनोहारी रूप से प्रस्तुत किया गया। छात्र-छात्राओं ने देश के अमर जवानों पर आधरित कार्यक्रम के माध्यम से अत्यन्त ही प्रेरणाप्रद संदेश समस्त देशवासियों को दिया।
इस पुनीत अवसर पर विद्यालय की निदेशिका श्रीमती लता गोयल ने विकसित भारत-2047 पर प्रकाश डालते हुए उसके महत्व को अभिव्यक्त किया और राष्ट्रीय व आध्यात्मिक नायकों के जीवन परिचय से सभी छात्र-छात्राओं अवगत कराते हुए एवं स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री आर0के0 शर्मा जी ने भी समस्त छात्र-छात्राओं से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को समझ कर देश को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।
विद्यालय के मीडिया प्रभारी श्री उमाशंकर गौतम ने विकसित भारत-2047 की प्रतिज्ञा समस्त विद्यालय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं को दिलवाई एवं देश को विकसित बनाने में अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के उपप्रधानाचार्य श्री प्रभात सिंह जी ने अमर शहीदों के बलिदान का पुण्य स्मरण किया। इस विशिष्ट व पुनीत अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर श्री अभिषेक गोयल, श्री हिमांशू गोयल, श्रीमती ममता शर्मा, सुचित्रा प्रधान, हेमेन्द्र प्रताप सिंह, तरुण शर्मा श्री श्यामाषीश रॉय एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन संदीप चौधरी, आर्यन अग्रवाल, मुस्कान सिंह और नेहा ने किया।

आजादी के जश्न में झूमा वी पी एस

  • देश की आजादी के लिए सब कुछ न्योछावर करने वाले महापुरुषों एवं वीर शहीदों को अर्पित किए श्रद्धा सुमन
  • बच्चों ने प्रस्तुत किए एक से बढ़कर एक देशभक्ति परक सांस्कृतिक कार्यक्रम

वृंदावन। आजाद हिंद का 78वां स्वतंत्रता दिवस लोकतांत्रिक भारत के हर नागरिक के लिए गौरव का विषय होता है। देश की धरती पर जन्म लेकर देश के लिए मर मिटने की भावना को जगाने वाला यह दिवस हर बालक, हर युवा, हर वृद्ध के हृदय में देशभक्ति का जोश भर देता है। ऐसे ही देशभक्ति का बिगुल मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में गुंजायमान हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ
वी. पी. एस के निदेशक
शिक्षाविद् डॉ ओमजी द्वारा ध्वजारोहण करके राष्ट्रगान द्वारा किया गया । भारत माता की जय और वंदे मातरम जय घोष के साथ अपने देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले महापुरुषों एवं वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर देश में सद्भावना सौहार्द ,एकता और भाईचारे की प्रार्थना की प्रार्थना की। इस राष्ट्रीय पर्व पर विद्यालय में अनेक सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रम हुए जिसमें देशभक्ति कविता, गीत ,अभिनय प्रभात फेरी ,नाटक व शास्त्रीय नृत्य आदि सम्मिलित रहे।
छात्रों ने तिरंगा के तीन रंगों का महत्व बताते हुए विभिन्न वेशभूषा में सजकर भारत की अखंडता को प्रस्तुत किया और स्वतंत्र भारत की 2024 तक की प्रत्येक क्षेत्र विज्ञान चिकित्सा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, खेल आदि उपलब्धियां की झलकियां को प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम ने समस्त परिकर में देश के प्रति प्रेम की भावना उद्वेदित कर सबकी रगों में देशभक्ति को जगाया। संगीत विभाग के निर्देशन में देशभक्ति गीतों की माला को सुंदर स्वरों में सजाया गया जिसमें ‘वंदे मातृभूमि वंदे ‘ गीत ने सबको देशभक्ति के रंगों में रंग दिया। कक्षा 12 के छात्र मोहन नेपाल ने कविता ‘दुनिया में सबसे अच्छे सबसे हिंदुस्तानी हैं’ से सबको भारतीय होने की गौरवानुभूति कराई। इसी क्रम में छात्रों ने सावरकर बंधुओं को सेल्यूलर जेल में दी जाने वाली यातनाओं को अभिनय द्वारा ब्रिटिश शासन की क्रूरता को सहते हुए देश के लिए शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का मार्मिक चित्रण नाटक द्वारा प्रस्तुत कर सभी को द्रवित कर दिया। ओलंपिक में पदक जीतने वाले मनु भाकर ,नीरज चोपड़ा , भारतीय हॉकी टीम, स्वप्निल कुसल ,अमन शेरावत ,लक्ष्य ,विनेश फोगाट आदि खिलाड़ियों का अभिनय द्वारा चित्रण किया गया। जिसे देखकर समस्त वी पी एस परिवार भारतीय होने का गौरव दिलाया। छात्रों द्वारा ‘नमामि शमीशान रुद्राष्टकम ‘आकर्षक शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति से सबको मोहित कर दिया। कार्यक्रम में श्याम सदन से जूही मिश्रा, शालू अग्रवाल, बलराम सदन से रिचा दुबे, पागल वासुदेव के आपसी सहयोग ने कार्यक्रम को सफलता के सोपान पर पहुंचा। अंजना शर्मा ,वंदना कौशिक ,शिवानी ,निधि गौड़, सत्येंद्र सिंह ,बृजनंदनी आदि के निर्देशन ने कार्यक्रम की प्रस्तुतियों में चार चांद लगाए। संचालन नव्या अग्रवाल व कृतिका अग्रवाल ने किया।
विद्यालय के निदेशक शिक्षा में डॉ . ओम जी ने कहा कि आजादी का यह पर्व हमें गौरवान्वित करने वाला है। साथ ही हमें हमारे कर्तव्यों का भी स्मरण कराता है कि परिवार, विद्यालय, समाज व देश के लिए हम अपने विचारों से, कार्यों से, गतिविधियों से भारत का नाम रोशन कर एक अच्छे नागरिक होने का अनुभव करें। प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने भी सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। अशोक सैनी, सीमा पाहुजा, दीपाली शर्मा दिव्या शर्मा, स्वेका राज, सपना शर्मा, देवांश सिंह, ज्योति कौशिक मनोज सारथी ,पार्वती शर्मा आदि मौजूद रहे।

मथुरा – जैन इंटर कॉलेज चौरासी में मनाया गया आजादी का महापर्व

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देशभर में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर राष्ट्रीय पर्व मनाया गया। इसी श्रृंखला में मथुरा शहर के कृष्णा नगर स्थित जैन इंटर कॉलेज चौरासी में 78वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वहीं उप जिलाधिकारी प्रीति जैन इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रही।

अतिथियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण के उपरांत छात्र-छात्राओं के द्वारा सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों की मनभावन प्रस्तुतियां दी गई। छात्र-छात्राओं के द्वारा देश प्रेम से ओतप्रोत विभिन्न प्रस्तुतियों को देखकर उपस्थित अतिथि एवं विद्यार्थी तालियां बजाने पर मजबूर हो गए।


वहीं इस मौके पर विद्यालय में विभिन्न परीक्षाओं में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने पर छात्र-छात्राओं को अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वही अवसर पर समाज के वरिष्ठ नागरिकों का भी अभिनंदन किया गया।

इस मौके पर एक पेड़ मां के नाम पर विद्यालय प्रांगण में एसडीएम प्रीति जैन एवं स्कूल के अन्य शिक्षकों द्वारा पौधारोपण भी किया गया।

आगरा मण्डल के मथुरा जंक्शन पर चलाया गया रेलवे मजिस्ट्रेट जांच अभियान

मंडल रेल प्रबंधक आगरा श्री तेज प्रकाश अग्रवाल के निर्देशानुसार व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आगरा श्री अमित आनन्द के निर्देशन मे एवं अपर न्यायिक रेलवे मजिस्ट्रेट/ मथुरा और सहायक वाणिज्य प्रबंधक (फ्रेट) श्री संजीव कुमार की उपस्थिति में आज दिनांक-14.08.2024 को मथुरा जंक्शन पर बिना टिकट/अनियमित यात्रा, बिना बुक लगेज, गंदगी फ़ैलाने वालों के विरुद्ध मथुरा जंक्शन स्टेशन पर रेलवे मजिस्ट्रेट जाँच की गई । जिसके परिणाम स्वरूप जांच के दौरान 93 यात्रियों को बिना टिकट/अनियमित यात्रा करते पकड़ा गया । जिनसे रेलवे कोर्ट द्वारा कुल 71 यात्रियों से रु-16740/- रेलवे राजस्व और रु-40240/ न्यायालय दण्ड सहित कुल रु-56980/- वसूले गए । शेष 22 यात्रियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट/मथुरा द्वारा उन्हे निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है जिनका ट्रायल 22 सितंबर को लोक अदालत के दिन किया जाएगा ।
उपरोक्त जांच में श्री रघुवर दयाल मुख्य टिकट निरीक्षक/ मथुरा, श्री पिंकू गौतम मंडल वाणिज्य निरीक्षक/ मथुरा , श्री शैलेश मिश्र मुख्य टिकट निरीक्षक /मथुरा सहित 10 अन्य टिकट जांच कर्मचारी मौजूद रहे । इसके अतिरिक्त 07 रेल सुरक्षा बल एवं 06 राजकीय रेलवे पुलिस भी मौजूद रहे ।
जनसंपर्क अधिकारी कु. प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की जांच मंडल में निरंतर कराई जा रही हैं। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि वह उचित यात्रा टिकट लेकर एवम निर्धारित सीमा से अधिक सामान को बुक कराकर ही यात्रा करे तथा रेल परिसर में गंदगी न फैलाए |

आगरा किला रेलवे स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृती दिवस पर चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन मण्डल रेल प्रबंधक द्वारा किया गया

उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल पर आजादी का अमृत महोत्सव “हर घर तिरंगा” अभियान के तहत आगरा किला, आगरा छावनी, मथुरा जंक्शन, कोसीकलां और धौलपुर जंक्शन स्टेशन पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया गया l इस उपलक्ष्य में अपने प्राण गंवाने वाले तथा विस्थापन का दर्द झेलने वाले लाखों भारतीयों से संबंधित चित्रों का प्रदर्शन आगरा किला, आगरा छावनी, कोसीकलां, मथुरा जंक्शन और धौलपुर जंक्शन स्टेशन पर किया गया | इस चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन मण्डल रेल प्रबंधक श्री तेज प्रकाश अग्रवाल के द्वारा किया गया | इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन श्री दिलीप मित्तल पौत्र स्वर्गीय मूली श्री बाबूलाल मित्तल जी, श्री राजकुमार गर्ग पौत्र स्वर्गीय श्री भोरे गौरी शंकर गर्ग, सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों का स्वागत पुष्प की माला पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर किया गया | आगरा किला रेलवे स्टेशन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं राष्ट्रगान से इस कार्यक्रम का समापन किया गया |
इस अवसर पर आगरा किला स्टेशन पर वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री सनत जैन, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री अमित आनन्द, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त श्री अनुभव जैन, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक / फ्रेट(गति शक्ति) श्री कुलदीप मीना, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/समन्वय भुवनेश सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/सामान्य श्री रघुनाथ सिंह, मंडल वाणिज्य प्रबंधक कु. प्रशस्ति श्रीवास्तव, मंडल कार्मिक अधिकारी श्री वैभव कुमार सहित मंडल के अन्य शाखा अधिकारी तथा अन्य कर्मचारी शामिल हुए।

अनजान की जान बचाकर के.डी. हॉस्पिटल ने पेश की मानवता की मिसाल

  • बेसुध युवक का 20 जुलाई से चल रहा निःशुल्क उपचार

मथुरा। मरीजों के प्रति संवेदनशीलता व हमदर्दी की सोच ही चिकित्सक को भगवान का दर्जा देती है। चिकित्सा के क्षेत्र में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर लगातार समाज के सामने सेवाभाव और मानवता की मिसाल पेश कर रहा है। 20 जुलाई को के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने एक ऐसे अनजान युवक की जान बचाई जिसका कोई अता-पता ही नहीं है। युवक का अभी भी इलाज चल रहा है लेकिन वह बेसुध है।
चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार युवक को 20 जुलाई को नेशनल हाईवे की एम्बुलेंस से मरणासन्न स्थिति में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था। सम्भवतः इसे किसी वाहन ने टक्कर मार दी हो। न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि दुर्घटना से युवक का काफी खून निकल चुका था तथा वह होश में नहीं था। उसके मस्तिष्क ने भी पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया था। इस नाजुक स्थिति में हमारा पहला प्रयास युवक की जान बचाना था। डॉ. अवतार सिंह बताते हैं कि कई घंटे की मेहनत के बाद युवक की जान बचाई जा सकी। यदि उसे यहां लाने में और विलम्ब हो जाता तो उसकी जान बचाना मुश्किल था।
न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह का कहना कि युवक के मस्तिष्क का उपचार करने के बाद अब उसके सीने में आई गम्भीर चोटों तथा अन्य दिक्कतों का उपचार डॉ. एस.के. बंसल की निगरानी में किया जा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि अब युवक खतरे से बाहर है तथा वह बोल पाएगा लेकिन कब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। एक अनजान युवक की जान बचाने तथा उपचार करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने तो सिर्फ अपने चिकित्सकीय धर्म का पालन किया है, इस युवक की जीवन रक्षा का महती दायित्व तो आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने निभाया है। के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन ने एक अनजान युवक का निःशुल्क उपचार कर समाज के सामने एक नजीर पेश की है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने युवक की जान बचाने वाले चिकित्सकों तथा टेक्नीशियनों को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। हमें अपने आसपास, समाज, गली-मोहल्ले, कस्बे में हर जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। अपने आपको सौभाग्यशाली समझना चाहिए कि भगवान ने हमें इस लायक समझा है कि हम किसी जरूरतमंद की मदद कर सकते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य जीवन को सही ढंग से वही इंसान जीता है, जो दूसरों में खुशियां बिखेरता है। ऐसा करने से आत्मा भी खुश रहती है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल का उद्देश्य धानार्जन नहीं बल्कि पीड़ित मानवता की सेवा करना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मरीजों को स्वस्थ करना उनका कर्म है लेकिन सामाजिक सेवा उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। के.डी. हॉस्पिटल के सेवा कार्यों का उद्देश्य समाज में अलग पहचान बनाना या नाम कमाना नहीं बल्कि लोगों की हरसम्भव मदद करना है। श्री अग्रवाल ने चिकित्सा के पेशे में आने वाले युवा चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे मरीजों के साथ स्नेह का रिश्ता बनाएं ताकि वे अपनी परेशानी खुलकर बता सकें। अंत में श्री अग्रवाल ने आमजन से विनम्र अपील की है कि यह युवक अभी होश में नहीं है, उसके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। यदि किसी को इस युवक की जानकारी हो तो तुरंत इसके घर वालों को सूचित करें ताकि वे इससे के.डी. हॉस्पिटल, मथुरा में सम्पर्क कर सकें।

भाजपा के शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ ने चलाया हर घर तिरंगा अभियान

मथुरा। भाजपा शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ की जिला संयोजक डा. मीनाक्षी शर्मा के नेतृत्व में संस्कृति विश्वविद्यालय में हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत तिरंगा झंडा वितरण का शिविर लगाया गया। शिविर में में हजारों छात्रों, शिक्षक व गणमान्य नागरिकों को हर घर तिरंगा लगाने के लिए प्रेरित किया गया। इस अवसर पर लगभग 1050 झंडे वितरित किए गए।
इस अभियान के दौरान एनसीसी कैंडेट्स ने विश्वविद्यालय के हर विभाग, स्कूल व कालेज में जाकर झंडे वितरित किए। हर घर तिरंगा अभियान व काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के अंतर्गत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षक व गणमान्य नागरिकों ने एक जनजागरण रैली निकाली। भाजपा के शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ के जिला संयोजक डा. मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि भारतीय नागरिकों में राष्ट्रीय भावना को जाग्रत करने के लिए इस प्रकार के अभियान आवश्यक हैं। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा व सद्भावना के साथ- साथ नागरिकों में परस्पर समरसता का भाव जाग्रत होता है।
भाजपा के बृज प्रांत के मंत्री डा. रजनीश त्यागी ने कहा कि भारत ने सन् 1947 में स्वाधीनता जरूर प्राप्त कर ली थी किन्तु आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व स्वतंत्रता स्थापित करने के लिए जन- जन में राष्ट्रीयता का बोध होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण डा डी एस तोमर, उपकुलसचिव मनीष मिश्रा, विवेक श्रीवास्तव, डा. विधि सिंह, जयवर्धन नगायच, रतीश शर्मा, डा. श्वेता तिवारी आदि सहित छात्र, छात्राओं व गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति सराहनीय रही।

जब मैंने नटवर सिंह की ओर से 5000 रुपए रिश्वत के लिये

विजय गुप्ता की कलम से

    मथुरा। बात लगभग 4 दशक पुरानी है। एक बार कुंवर नटवर सिंह जो इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थे, मथुरा से लोकसभा का चुनाव लड़े, पर भी जीते नहीं हार गए। उस दौरान में “आज” अखबार को देखता था। उन दिनों “आज” की बड़ी धमक थी। हुआ यह कि चुनाव के दौरान मैं अपने स्वभाव के अनुसार ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ता जब कुंवर नटवर सिंह को नश्तर लगाया जा सके।
     मेरी इस हरकत से नटवर सिंह के खेमे में बेचैनी बढ़ने लगी। नटवर सिंह के चुनाव प्रभारी थे स्व० श्री मदन लाल अग्रवाल भट्टे वाले। वे भरतपुर में नटवर सिंह के साथ पढ़े हुए थे। उनकी लड़की रीता मेरे साथ पढ़ी थी। मदन लाल जी का मेरे पास फोन आया कि “बेटा विजय बहुत दिन से मिलना नहीं हुआ है, मेरी तुमसे मिलने की इच्छा है। मैंने कहा ठीक है आता हूं आपसे मिलने और फिर मैं अगले दिन उनके घर जा पहुंचा।
     जिस समय मैं डैंपियर नगर स्थित उनके घर पहुंचा संयोग से नटवर सिंह जो उस समय भी विदेश मंत्री थे, की पत्नी श्रीमती हेमेंद्र कौर जो पटियाला के महाराजा की बेटी थीं तथा राजकुमारी के नाम से विख्यात थीं, भी अंदर मौजूद थीं। मेरे आने की सूचना जैसे ही अंदर पहुंची, राजकुमारी जी तेजी से बाहर आईं और बगैर मुझसे नजरें मिलाये यानी अनभिज्ञता का नाटक करते हुए गाड़ी में बैठीं और फुर्र हो गईं। आगे का हाल बताने से पहले बता दूं कि राजकुमारी जी बड़े अच्छे डीलडोल की तेज तर्रार और धाकड़ जाटनी थीं। थीं तो वे औरत पर उनके सामने अच्छे-अच्छे मर्दों की भी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती थी। एक बार तो उन्होंने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष गिरिराज तिवारी में भी सार्वजनिक रूप से झापड़ जड़ दिया था और वे गाल सहलाते रह गए। यह मामला अखबारों की सुर्खी भी बना।
     अब आगे का हाल बताता हूं, जो बड़ा रोचक है। नटवर सिंह जी की धर्मपत्नी के जाने के बाद जब मैं अंदर पहुंचा तो मदनलाल जी व उनकी धर्मपत्नी ने मुझे बड़ा स्नेह दिया। कुछ इधर-उधर की बातें और चुनावी चर्चा के बाद मदन लाल जी ने मेरे हाथ में लगा बैग जिसमें मेरी डायरी व अन्य कागजात रहते थे, जबरदस्ती ले लिया और उसमें 100-100 के नोटों की आधी गड्डी यानी 5000 रुपए रखकर बोले कि हमारी तरफ से आशीर्वाद स्वरुप रख लो। मैं भौंचक्का सा रह गया तथा पूंछा कि ये किस बात के? इस पर उन्होंने कहा कि “ज्यादा सवाल जवाब मत कर, बस रख ले तू मेरी बेटी रीता के साथ पढ़ा हुआ है। अतः मेरे बेटे के समान है, मैं तेरा गार्जियन जैसा हूं। तेरे भले की बात सोच रहा हूं।
     मैंने दो टूक मना करते हुए कहा कि मैं नहीं लूंगा, इस पर वे जिद पड़ गए और फिर अपनीं कसम दिलाकर बोले कि तुझे मेरी सौगंध है। यदि अब भी नहीं लेगा तो समझूंगा कि तू मेरी सौगंध की भी कोई अहमियत नहीं समझता। उन्होंने यह भी कहा कि ये तो तेरे लिए अलग से हैं तथा अखबार को विज्ञापन भी खूब दिलवाऊंगा क्योंकि मैं तेरा गार्जियन जो हूं और तेरे भले की ही सोचता हूं। खैर अंत में हार झक मारकर मुझे 5000 रुपए लेने ही पड़े। फिर थोड़ी बहुत देर बाद जब मैं चलने को हुआ तब मैंने मदन लाल जी से कहा कि अब तो आप की कसम पूरी हो गई? इस पर वे बोले कि बिल्कुल हो गई।
     फिर मैंने उनसे कहा कि अब मैं आपको अपनी कसम दिलाकर कह रहा हूं कि अब आप इन्हें वापस रख लो। वे बोले कि फिर क्या फायदा हुआ? इस पर मैंने उनसे कहा कि आपकी कसम पूरी करने को मैंने रुपए कुछ देर को रख लिए थे, पर अब आप भी मेरी कसम पूरी कर दो। इस पर वे बोले कि यह भी कोई बात हुई? जब वे ज्यादा आनाकानी करने लगे तो मैंने उनसे कहा कि आप मेरे कैसे गार्जियन हो? यदी मैं कोई गलत काम करता हूं तो गार्जियन होने के नाते आपको मुझे रोकना और टोकना चाहिए लेकिन जब मैं सही बात कह रहा हूं तो आप उल्टे मुझे ही गलत काम के लिए मजबूर कर रहे हैं। क्या यह उचित है?
     इस पर वे निरुत्तर हो गए और उन्होंने केवल यही कहा कि मैडम ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है। जब उन्हें यह पता चलेगा तो बुरा मानेंगी। मैंने कहा कि मैडम से मैं निपट लूंगा। इसके बाद तो मैंने नटवर सिंह को नश्तर लगाना छोड़ इंजेक्शन देने शुरू कर दिए। एक-दो दिन ही हुए होंगे की रात्रि के लगभग 8-9 बजे के करीब सफेद रंग की एक एंबेसडर कार हमारे घर के आगे रुकी और ऊपर मेरे पास सूचना आई कि मैडम यानी नटवर सिंह की पत्नी आपसे मिलने आईं हैं। अब तो मेरी हवा खराब हुई और सोचा कि लो बच्चू अब तुम्हारी शामत आई। गिर्राज तिवारी मैं तो एक झापड़ पड़ा था और अब पता नहीं मुझे कितने पड़ेंगे?
     खैर में तरह तरह की शंकाएं मन में लिए नींचे पहुंचा और बड़े सम्मान के साथ हाथ जोड़े तथा अच्छी तरह झुक कर उन्हें नमस्कार किया। राजकुमारी जी की रुख रंगत उग्र न होकर शांत और सौम्य थी। उन्होंने कहा कि आपसे मिलने की इच्छा हुई इसलिए आई हूं। उनके साथ उस जमाने के वरिष्ठ अधिवक्ता स्व० श्री बाल कृष्ण शर्मा जो बाढ़पुरा में रहते थे तथा उस समय के जिला जज श्री गंगा शरण शर्मा के पुत्र अमित शर्मा तथा राजकुमारी जी के निजी सहायक भी थे। मैं उन सभी को बड़े सम्मान के साथ घर में ऊपर लाया तथा बातचीत हुईं।
     मैडम जी ने बड़े स्नेह और आत्मीयता से कहा कि अब जो कुछ अतीत में हुआ उसे भूल जाओ व नाराजी दूर करो, यह बात तो सही है कि हम लोगों ने आप को पहचानने में भूल की किंतु अब आगे ऐसी कोई गलती नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अब आप हमारा सहयोग करो। इसी आशा के साथ आई हूं। उनके इस व्यवहार से मैं पानीं पानीं हो गया और इंजेक्शन लगाना बंद कर दिया। फिर उसके बाद यह हुआ कि नटवर सिंह की ओर से मुझे आज अखबार के लिए भरपूर विज्ञापन मिले। यानीं अमर उजाला से भी ज्यादा।
     मेरे लिए यह सौदा बहुत बढ़िया रहा क्योंकि 5000 से कई गुना ज्यादा तो मेरा कमीशन बना तथा ऊपर से ईमानदारी का चोला भी धारण किए रहा। हर्द लगै ना फिटकरी रंग चोखौ ही चोखौ। यानी आम के आम और गुठलियों के दाम।