Tuesday, December 30, 2025
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मथुरा रिफाइनरी में हुआ आपातकालीन पूर्वाभ्यास

मथुरा । मथुरा रिफाइनरी अपने कर्मियों, प्लांट और रिफाइनरी परिधि मे आने वाले सभी गांवों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग रहती है| रिफाइनरी में संभावित खतरों से निपटने के लिए समय- समय पर आपातकालीन पूर्वाभ्यास किए जाते हैं । इसी परिप्रेक्ष्य में दिनांक 30.07.2024 को ऑन साइट कम ऑफ साइट डिजास्टर पूर्वाभ्यास किया गया, जो एस.आर. यू यूनिट में H2S गैस रिसाव व आस-पास के गावों में इसके प्रभाव से संबन्धित था ।

एस.आर. यू में H2S गैस रिसाव की सूचना मिलते ही रिफाइनरी का अग्नि शमन दस्ता तुरंत घटना स्थल पर पहुंचा और पानी का फवारा (वाटर कर्टेन) प्रदान किया । प्रभावित क्षेत्र की बैरिकेडिंग की गई तथा हताहतों को बचा लिया गया , घटना की गंभीरता को देखते हुए इसे डिजास्टर घोषित किया गया । H2S गैस का प्रभाव छड़गाँव, भैंसा व धाना तेजा में होने के कारण इसे ऑन साइट कम ऑफ साइट ड्रिल घोषित किया गया और ज़िला प्रशासन, एन डी आर एफ, पुलिस आदि के प्रतिनिधि भी इस ड्रिल में शामिल हुए | इस पूर्वाभ्यास के दौरान रिफाइनरी के सभी पर्यवेक्षकों ने अपनी भूमिका निभाई और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया |

आपातकाल पूर्वाभ्यास के पश्चात हुई बैठक के दौरान पूर्वाभ्यास की गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया । इस पूर्वाभ्यास के दौरान की गई विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा उच्च स्तरीय प्रबंधमंडल द्वारा की गई l बैठक की अध्यक्षता श्री अजय कुमार तिवारी, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख ने की । इस अवसर पर ज़िला प्रशासन व रिफाइनरी प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । बैठक के दौरान पर्यवेक्षकों ने पूर्वाभ्यास के समय की गई विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रबंधमंडल को दी ।

संस्कृति विवि दीक्षांत समारोह में बांटी गईं 1448 उपाधियां

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में डिग्रियां पाकर विद्यार्थियों के चेहरे चमक उठे। ये डिग्रियां उनके अथक परिश्रम का परिणाम थीं, जो उनके भविष्य का निर्माण करेंगी। समारोह में विभिन्न विषयों में कुल 1448 उपाधियां वितरित की गईं।
विभिन्न विषयों में एक वर्षीय डिप्लोमा पूर्ण करने वाले 339 विद्यार्थियों को जिनमें दो वर्षीय डिप्लोमा पूर्ण करने वाले 10, तीन वर्षीय डिप्लोमा पूर्ण करने वाले 44, तीन वर्षीय डिप्लोमा(लेटरल ऐंट्री) पूर्ण करने वाले 64, स्पेशल एजूकेशन पूर्ण करने वाले 46, फार्मेसी डिप्लोमा उत्तीर्ण करने वाले 113 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।
182 विद्यार्थियों को पोस्ट ग्रेजुएट की उपाधि प्रदान की गई जिनमें मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की उपाधि से 22, मास्टर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की उपाधि से 23, मास्टर आफ एजूकेशन की उपाधि से 24, मास्टर आफ फिजियोथैरेपी की उपाधि से 52, मास्टर आफ साइंस की उपाधि से 11, मास्टर आफ साइंस की उपाधि से 14, मास्टर आफ साइंस एग्रीकल्चर की उपाधि से 12, मास्टर आफ टेक्नोलाजी की उपाधि से 23, मास्टर आफ टेक्नोलाजी(पार्ट टाइम) की उपाधि से एक विद्यार्थी को सम्मानित किया गया।
य़ूजी(अंडर ग्रेजुएट) की उपाधि पाने वाले 927 विद्यार्थी सम्मानित हुए। इनमें बैचलर आफ आर्ट की उपाधि से 10, बैचलर आफ आर्ट(आनर्स) 5, बैचलर आफ आर्ट एजूकेशन(इंटीग्रेटेड) की उपाधि से 38, बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की उपाधि से 45, बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन-मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की उपाधि से 5, बैचलर आफ कामर्स की उपाधि से 24, बैचलर आफ कामर्स (आनर्स) की उपाधि से 29, बैचलर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन की उपाधि से 43, बैचलर आफ एजूकेशन की उपाधि से 171, बैचलर आफ एजूकेशन(स्पेशल एजूकेशन) की उपाधि से 56, बैचलर आफ एलीमेंट्री एजूकेशन की उपाधि से 28, बैचलर आफ लॉ(आनर्स) की उपाधि से 52, बैचलर आफ आप्टोमैट्री की उपाधि से 14, बैचलर आफ आप्टोमैट्री(लेटरल एंट्री) की उपाधि से 11, बैचलर आफ फार्मेसी 93, बैचलर आफ फार्मेसी(लेटरल एंट्री) की उपाधि से तीन, बैचलर आफ फिजियोथैरेपी की उपाधि से 54, बैचलर आफ फिजयोथैरेपी(लेटरल एंट्री)की उपाधि से 2, बैचलर आफ साइंस की उपाधि से 43, बैचलर आफ साइंस –बैचलर आफ एजूकेशन(इंटीग्रेटेड) 53, बैचलर आफ टेक्नोलाजी की उपाधि से 31, बैचलर आफ टेक्नोलाजी-मास्टर आफ टेक्नोलाजी(इंटीग्रेटेड) की उपाधि से एक, बैचलर आफ टेक्नोलाजी(लेटरल एंट्री) की उपाधि से 3 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

संस्कृति विवि का नाम दुनिया के शीर्ष सौ विवि में होगाःकुलपति

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में विवि के कुलपति डा. एमबी चेट्टी ने पूर्व राष्ट्रपति और मानद् उपाधि से सम्मानित सभी छह विश्वविख्यात हस्तियों, विवि के प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता जी का स्वागत करते हुए विवि की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने कहा कि संस्कृति खुद को दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए जीवन में उत्कृष्टता के लिए जाना जाने वाला संस्कृति विश्वविद्यालय वैश्विक शिक्षा और भारतीय लोकाचार प्रदान करने का पर्याय बन गया है। कॉस्मोपॉलिटन संस्कृति उन छात्रों के लिए एक और बड़ा आकर्षण है जो 22 विभिन्न राज्यों के साथ-साथ 25 देशों से आते हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय को समाज की सर्वोत्तम सेवा करने और शिक्षा, अनुसंधान और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रतिष्ठित संगठन से कई मान्यताएं, पुरस्कार और प्रशंसाएं मिली हैं। बौद्धिक संपदा भारत, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय को “सबसे अधिक पेटेंट आवेदनों के साथ भारत में प्रथम स्थान” दिया गया है और इसमें भाग लेने वाले 1494 विश्वविद्यालयों, संस्थानों के बीच एनआईआरएफ इनोवेशन रैंकिंग 2023 फॉर्म के शीर्ष 101-150 बैंड में भी स्थान दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एक इन्क्यूबेशन सेंटर है, जो ज्ञान-आधारित नवीन उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। उद्यमिता विकास, कौशल-विकास और मेक इन इंडिया कार्यक्रमों को उत्प्रेरक बढ़ावा देने के लिए हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कल्पित लक्ष्यों को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय उद्यमिता विकास के क्षेत्र में संवेदीकरण कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है।
प्रोफेसर चेट्टी ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, श्रीलंका, सिंगापुर में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन हैं, इसके अलावा संकाय और छात्रों के आदान-प्रदान के लिए कई भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन हैं। वर्तमान दीक्षांत समारोह के दौरान, कुल 1448 छात्र डिग्री ले रहे हैं, जिनमें से 339 डिप्लोमा, 927 यूजी, 182 पीजी और 34 पीएचडी हैं। हम कुल 109 पदक प्रदान कर रहे हैं जिनमें 37 स्वर्ण, 36 रजत और 36 कांस्य पदक शामिल हैं। वर्तमान में 7094 छात्र अध्ययनरत हैं, जिनमें से 1534 डिप्लोमा, 4844 यूजी, 482 पीजी और 234 पीएचडी में हैं।
विश्वविद्यालय ने अपने अधिदेश को उचित ठहराने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त प्रयास किए हैं। हालाँकि, मैं वादा करता हूँ कि आत्मसंतुष्टि के लिए कोई जगह नहीं होगी और हम टीम संस्कृति आने वाले दिनों में शैक्षणिक और सर्वांगीण उत्कृष्टता हासिल करने का संकल्प लेंगे।

पूर्व राष्ट्रपति ने किया स्वामी विविकेनंद की प्रतिमा का अनावरण

मथुरा। संस्कृति विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित की गई स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा एक भव्यता के साथ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदजी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया और अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इस मौके पर उन्होंने फोटो कराने के लिए विवि के अधिकारियों, विद्यार्थियों को भी आमंत्रित कर अपने व्यक्तित्व का एक विशेष प्रभाव भी प्रदर्शित किया।

मन्दिर सेवायत के साथ मारपीट व तमंचे से फायर करने वाले नाबालिग सहित 6 अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार

रिपोर्ट – राजेश लवानिया

थाना गोवर्धन कस्बे में कुछ दिन पूर्व पत्रकार के भाई एवं दानघाटी मंदिर के सेवायत पवन कौशिक पर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बरसाना बाईपास राधाकुण्ड मिर्ची बगीची कट से 06 अभियुक्त गोपाल पुत्र पूरन सिह निवासी थोक दाऊद चौमुहा थाना जैत जिला मथुरा उम्र करीब 24 वर्ष सुनील पुत्र सुभाष निवासी अमर कालोनी थाना हाइवे जिला मथुरा उम्र करीब 22 वर्ष शिवम पुत्र लक्ष्मण निवासी मकान LIG 54 महा विद्या कालोनी थाना गोविन्दनगर जिला मथुरा उम्र करीब 25 वर्ष. मोहित पुत्र संतोष निवासी रामलीला मैदान के पीछे चक्की वाली गली मकान न0 59 महाविधा कालोनी थाना गोविन्दनगर जिला मथुरा उम्र करीब 21 वर्ष विशाल पुत्र करन सिह निवासी विकाश नगर कालोनी थाना गोविन्द नगर जिला मथुरा उम्र करीब 19 वर्ष धर्मेन्द्र पुत्र पूरन सिह निवासी विकाश नगर कालोनी थाना गोविन्द नगर जिला मथुरा उम्र करीब 23 वर्ष व एक बाल अपचारी को 03 अवैध तंमचा 315 बोर, 07 अवैध जिंदा कारतूस 315 बोर 3500/- रुपये 05 मोबाइल फोन एन्ड्राइड 01 रोड पाईप एक डड़ा बेसवाल दो मोटर साइकिल तथा एक एक्टिवा के साथ गिरफ्तार किया है।हम आपको बताते चलें अभी हाल कुछ दिन पूर्व पूर्व मंदिर दानघाटी सेवायत और पत्रकार परीक्षित कौशिक के भाई पवन कौशिक एडवोकेट पर अज्ञात युवकों द्वारा लाठी डंडों लोहे की रोड इत्यादि से जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था।इस मामले में फरार चल रहे अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया है।

जीएलए में आयोजित बृज मंथन में पांडुलिपियों को संरक्षित रखने पर हुई चर्चा- जीएलए के ब्रज मंथन कार्यक्रम में पहुंचे ब्रज साहित्य विषेशज्ञ

मथुरा। ब्रज रज को मस्तक से लगाने के बाद भक्त अपने आप को धन्य महसूस करता है। इस बृज का साहित्य, संस्कृति एवं ज्ञान को देश-दुनियां में पहुंचाने के प्रयास में जीएलए विश्वविद्यालय, डा. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा और मेरो बृज ज्ञान परिषद ने मिलकर राष्ट्रीय संगोष्ठी ’बृज मंथन 2024’ का आयोजन किया।
“बृज साहित्य संरक्षण में पुस्तकालयों की भूमिका“ विशय पर आयोजित संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य बृज साहित्य, जो पांडुलिपियों एवं अन्य स्रोतों में हमारे घरों, मंदिरों, मठों एवं स्थानीय पुस्तकालयों में पारंपरिक संरक्षण के तहत रखा गया है, उसको सामाजिक पटल पर लाना, इसका आधुनिक भाषा में अनुवादित करना, उसे डिजिटाइज़ करना, उसे एकीकृत कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सभी समाज के वर्गों मुख्यतः शोधार्थी एवं अन्य ज्ञान के इच्छुक व्यक्तियों के लिए सुलभ कराना है।
समारोह के मुख्य अतिथि जीएलए के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कहा कि साहित्य संरक्षण में पुस्तकालयों की अहम भूमिका रही है और बृज ज्ञान साहित्य को सुलभ कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मुख्य वक्ता कलानिधि प्रभाग आईजीएनसीए नई दिल्ली के निदेषक प्रो. रमेश चंद्र गौड ने कहा कि बृज साहित्य बहुत प्राचीन और वृहद है और यहां यह घर-घर में फैला हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस ज्ञान को डिजिटाइज़ करने और सुरक्षित रखने के लिए हम राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन के अंतर्गत इसे संरक्षित कर सकते हैं।
संगोश्ठी के आयोजक डॉ. राजेश कुमार भारद्वाज ने कहा कि बृज में ज्ञान हर घर में है। हर घर का मतलब विशेषकर गोस्वामी समाज, हमारे मंदिर और मठ ज्ञान के भंडार हैं, जिन्हें सर्व समाज के लिए सुलभ कराना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने आगे कहा कि घरों में रखी पांडुलिपियों या पोथियों, जो सदियों से रखे हुए है, उनके जीर्ण-शीर्ण होने का खतरा बना हुआ है। अगर इन ज्ञान के स्रोतों को सुरक्षित नहीं किया गया तो, यह हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ा बौद्धिक नुकसान होगा। क्योंकि हर पाण्डुलिपि की निश्चित आयु होती है और अगर हमने उसे संरक्षित नहीं किया तो, वह ज्ञान विलुप्त हो जाएगा और अगर ऐसा होता है तो, यह हमारे लिए नालंदा विश्वविद्यालय के जलने के बराबर त्रास्दी होगी। इसलिए इस ज्ञान को बचाने के लिए यथाशीघ्र प्रयास जरूरी हैं।
बृज साहित्य एवं इसके संरक्षण के लिए प्रमुख व्यक्तियों को प्रोत्साहन दिया गया। संगोष्ठी में बृज साहित्य के चिंतक, लेखक एवं प्रख्यात विद्वान श्री वृन्दावन बिहारी जी को ’मेरो बृज ज्ञान शिरोमणि सम्मान’ से अलंकृत किया गया और युवा पीढ़ी के उभरते हुए विख्यात बृज लेखक डॉ. राजेश कुमार शर्मा को ’मेरो बृज ज्ञान गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
समापन सत्र में मुख्य अतिथि वीआरआई के निदेषक डॉ. राजीव द्विवेदी ने संगोष्ठी की सार्थकता पर प्रकाश डाला और विशिष्ट अतिथि गीता षोध संस्थान के ब्रज संस्कृति विषेशज्ञ डॉ. उमेश चंद्र शर्मा एवं वरिश्ठ पत्रकार चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने बृज संस्कृति और ज्ञान की व्यापकता और महत्ता पर प्रकाश डाला।
जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने इस संगोष्ठी में अपना सम्पूर्ण सहयोग दिया और कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय बृज साहित्य, संस्कृति, ज्ञान संरक्षण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों एवं संस्थानों से आये 110 प्रतिनिधियों ने भाग लिया एवं 15 शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए।
जीएलए विष्वविद्यालय के प्रो. आशीष शुक्ला, डॉ. सुनीता पचार, सुशील कुमार सिंह एवं समस्त पुस्तकालय स्टाफ और डा. भीमराव अम्बेडकर विष्वविद्यालय के प्रो. उमेष चंद्र षर्मा एवं अभय वषिश्ठ, डा. किरण चौधरी, राम कुमार शर्मा एवं मेरो ब्रज ज्ञान परिशद का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उल्लेखनीय योगदान रहा। उपपुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. शिव सिंह ने संगोष्ठी का संचालन किया और बृज साहित्य संरक्षण में जीएलए पुस्तकालय के प्रयासों के बारे में बताया।

जहां जरूरत वहां नहीं बदले जा रहे पोल, मनमर्जी जगह लगाए जा रहे पोल

बलदेव कस्बा में विद्युत व्यवस्था ‘राम भरोसे‘ जर्जर पोल को बदलवाने की शिकायत कई दिन पहले लोगों ने की
-जहां जरूरत वहां नहीं बदले जा रहे पोल, मनमर्जी जगह लगाए जा रहे पोल, अधिकारी निरीक्षण करने से बच रहे
बलदेव : नगर की विद्युत व्यवस्था वर्तमान एसडीओ की निगरानी में चरमरा गई है। हालात ये हैं कि जहां पोल बदलने और लगने की जरूरत है वहां पोल लगाए नहीं जा रहे मनमाफिक पोल गाढ़े जा रहे हैं। जिस कारण नगर की जनता में भारी रोष व्याप्त है। हालत ये हैं कि कोई विद्युत उच्चाधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।

कस्बा में नीवरी रोड़ पर लगा विद्युत पोल नीचे से बिल्कुल जर्जर हालात में पहुंच गया है। स्थिति ये है कि एसडीओ से 20 दिन पहले की शिकायत के बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि एसडीओ नगर चल रहे आरडीएसएस योजना के काम के निरीक्षण को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि आये दिन फॉल्ट और जर्जर लाइन हादसे को न्यौता दे रही हैं।

नीवरी रोड़ निवासी सुजीत वर्मा कहते हैं कि यहां लगे हुए जर्जर पोल की शिकायत करने के लिए वह कई लोगों के साथ गए तो, एसडीओ ने पहले तो अनसुना कर दिया कि आप शाम को आये हो और यह ऑफिस टाइम नहीं है। इसके बाद जब शिकायत अगले दिन की तो, आज तक जर्जर पोल पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यह जर्जर पोल किसी हादसे को न्यौता देने से कम नहीं है।

स्थानीय भानू शर्मा कहते हैं कि नगर आरडीएसएस का जो कार्य चल रहा है कि मनमर्जी तरीके से किया जा रहा है। हालात ये हैं कि कार्य को देखने तक कोई अधिकारी आज तक नहीं आया। करोड़ों की लाइनें खंभों पर झूल रही हैं। बीच सड़कों खंभे लगाए जा रहे हैं। जहां जरूरत नहीं हैं वहां अधिकतर खंभे लगाए हैं, जिससे नगर का स्वरूप बदल गया है। जरूरत के अनुसार खंभे नहीं लगाए जा रहे हैं। नीवरी रोड़ पर जर्जर खंभा हो चुका, लेकिन शिकायत के बाद कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

नगर के शैलेन्द्र अग्रवाल, पंकज चौधरी, बुद्ध सेन चौधरी, भानू शर्मा, अनिल गोयल, पुष्पेन्द्र पांडेय, श्रीकांत पांडेय, मोहित गोयल आदि ने एमडी से एसडीओ एवं उच्चाधिकारियों द्वारा अनसुना करने पर कार्यवाही करने तथा निरीक्षण करने को लिखा है तथा नगर के जर्जर खंभों को बदलवाने की मांग की है।

जीआरपी मथुरा जंक्शन द्वारा रेल एवं प्लेटफार्म पर यात्रियों के सामान व मोबाइल की चोरी करने वाले 01 अभियुक्त को किया गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक, रेलवे के निर्देशन में उपाधीक्षक रेलवे, आगरा के निकट पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष जीआरपी मथुरा जंक्शन नेतृत्व में गठित टीम द्वारा ट्रेनों व स्टेशनों पर आपराधिक घटनाओं एवं अवैध तस्करी की रोकथाम हेतु सघन चैकिंग अभियान के दौरान प्राप्त सूचना के आधार पर आज दिनांक 29.07.2024 को प्लेटफार्म से 01 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के कब्जे से 01 मोबाइल फोन बरामद हुआ।

नाम व पता गिरफ्तार अभियुक्त
राहुल उर्फ छंगा पुत्र महतबुआ उर्फ महताब निवासी भगत सिंह कालोनी सादाबाद थाना कोतवाली सादाबाद जिला हाथरस उ0प्र0।

बरामदगी का विवरण
01 अदद मोबाइल बिना सिम व चिप
सम्बन्धित मु0अ0सं0 91/2024 धारा 379/411 भादवि थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन ।

पूछताछ विवरण
पूछताछ करने पर गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन पर यात्रियों के मोबाइल फोन व सामान चोरी कर उन्हें राहगीरों को बेच देता हूँ एवं अपनी जरूरतें व शौक पूरे करता हूँ।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम एवं विशेष सहयोग करने वाली टीम

  1. उ0नि0 अमित कुमार सिंहथाना जीआरपी मथुरा जंक्शन ।
  2. है0का0 रविशंकर थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन ।
  3. है0का0 धर्मेन्द्र तोमर थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन ।

देश की छह दिग्गज हस्तियों को संस्कृति विवि ने दी ‘मानद उपाधि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की छह दिग्गज हस्तियों को मानद् उपाधि प्रदान की गई। ये हस्तियां दीक्षांत समारोह में व्यक्तिगत रूप से विशिष्ठ अतिथि के रूप में सम्मलित हुईं और इन्होंने विद्यार्थियों के साथ अपने काम का अनुभव साझा किया।
अरुण योगी राज


अरुण योगीराज (जन्म 1983) मैसूर , कर्नाटक के एक भारतीय मूर्तिकार हैं। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति बनाई है, जिसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती से पहले नई दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे छत्र में स्थापित किया गया था। भगवान राम के बाल रूप राम लला की उनकी मूर्ति अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित है। आप कर्नाटक के मैसूरु के मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों के परिवार से हैं। अरुण के पिता, योगीराज और दादा बसवन्ना शिल्पी भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे।
रोशेल पोटकर


रोशेल पोटकर मुंबई में रहने वाली एक भारतीय कथा लेखिका और कवि हैं। उनके काम में लघु कथा संग्रह ‘द एरिथमेटिक ऑफ़ ब्रेस्ट्स एंड अदर स्टोरीज़’ और ‘बॉम्बे हैंगओवर’ , साथ ही कविता संग्रह ‘फोर डिग्रीज़ ऑफ़ सेपरेशन’ , ‘पेपर असाइलम’ और ‘कॉइन्स इन रिवर्स’ शामिल हैं। आप यूनिवर्सिटी ऑफ़ आयोवा के इंटरनेशनल राइटिंग प्रोग्राम में 2015 फॉल रेजीडेंसी में राइटर-इन-रेजीडेंस थीं और 2016-17 में स्कॉटलैंड के स्टर्लिंग विश्वविद्यालय में चार्ल्स वालेस राइटर फेलो थीं। आप आर्क-ऑफ़-ए-सर्किल आर्टिस्ट्स रेजीडेंसी प्रोग्राम की संस्थापक हैं।
राहुल शर्मा


राहुल शर्मा संतूर वादक हैं। आप प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के पुत्र हैं। राहुल शर्मा का जन्म 25 सितंबर 1972 को विश्वविख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा और मनोरमा के परिवार में हुआ, जो जम्मू और कश्मीर की परंपरा से जुड़ा हुआ परिवार है । आपके दादा उमा दत्त शर्मा एक संतूर वादक थे। आप एक भारतीय संगीत निर्देशक और भारतीय शास्त्रीय संतूर वादक हैं। संतूर एक लोक वाद्य यंत्र है।
सत्या हिंदुजा


सत्या हिंदुजा एक संगीतकार, ध्वनि कलाकार, निर्माता और डीजे हैं जो विभिन्न प्रकार के संगीत वाद्ययंत्रों, आवाज और प्रयोगात्मक इलेक्ट्रॉनिक के साथ काम करती हैं। 34 वर्षीय सत्या अशोक हिंदुजा की बेटी हैं। वे इन दिनों न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक फेमस डीजे हैं। दुनिया के रईसों में शुमार होने वाले हिंदुजा परिवार की यह लड़की अपने संगीत में और गहनता लाने के लिए योग और ध्यान पर भी विशेष ध्यान देती हैं। संगीत की उनकी शैली भी बहुत शांत धीर-गंभीर है। बर्कली कॉलेज से संगीत सीखने वाली सत्या योग में भी चक्र आधारित संगीत पर काम कर रही हैं। डीजे अकिल के साथ काम कर चुकी सत्या पहली ने बार अपने संगीत की धार को मुकुल देवड़ा और निताशा के विवाह पर जाहिर किया था, जिसमें श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए थे। सूफीवाद, वेदांतिक शिक्षाओं और पश्चिमी इलेक्ट्रॉनिक संगीत के मिश्रण से सत्या ने ‘अल्केमिक इलेक्ट्रॉनिक’ नाम की संगीत पद्धति इजाद किया है।
उदयराज गणनिस


महान विचारक, आध्यात्मिक गुरु और कलाकार उदयराज ख्यातिप्राप्त चित्रकार हैं। भारतीय कला और कलाकृतियों के लिए आपने बहुत काम किया है।
कृष्णा मेहता


कृष्णा मेहता एक स्वयं साध्य डिजाइनर हैं और भारत के मेट्रो शहर मुंबई से हैं। उन्होंने अपने पति की कंपनी के साथ एक डिजाइनर के रूप में काम करना शुरू किया और बाद में खुद की शाखा खोलने और भारत की पहली मेन्सवियर डिजाइनर बनने का फैसला किया। कृष्णा मेहता ने एक एनजीओ पलक (पालनपुर हस्तकला प्राइवेट लिमिटेड) की भी स्थापना की है जो दिव्यांग पुरुषों और महिलाओं को हाथ से छपाई, रंगाई, कढ़ाई आदि से संबंधित विशिष्ट कौशल में प्रशिक्षण और रोजगार प्रदान करता है।

लक्ष्य पाने के लिए विद्यार्थी कड़ी मेहनत करेः कोविंद, संस्कृति विवि दीक्षांत समारोह

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के विद्यार्थियों को नसीहत देते हुए कहा कि लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कठिनाइयां आने पर रास्ता छोड़ें नहीं। चुने हुए मार्ग पर आगे बढ़ते रहेंगे तो मंजिल जरूर मिलेगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को से कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि हम लक्ष्य के करीब पहुंचकर भ्रम की स्थिति में आ जाते हैं, ऐसा होना स्वभाविक है। ऐसी स्थिति में अपने आप की ताकत को पहचानें, यही ताकत आपके आत्म विश्वास को बढ़ाएगी और भ्रमित होने से बचाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा काम प्रयास और मेहनत करना होता है, कठिनाई आने पर एक कदम पीछे हटकर फिर से सभी प्रयासों पर गौर करना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अपने वक्तव्य में उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अच्छा इंसान बनना चाहिए। आपके लिए ये सौभाग्य की बात है कि आप संस्कृति विवि में पढ़ रहे हैं, जिसका लक्ष्य ही शिक्षा के साथ-साथ आपको अच्छा इंसान बनाना है। जब लोग अच्छे होते हैं तो परिवार में भी सद्भाव होता है। परिवारों के बीच और अंदर सद्भाव होता है तो अच्छा समाज बनता है। समाज अच्छा होता है तो देश अच्छा होता है आगे बढ़ता है।

संस्कृति विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ करते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। साथ में हैं विवि के कुलाधिपति डा.सचिन गुप्ता एवं कुलपति डा. एमबी चेट्टी।
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद जी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के लोगों के स्वास्थ्य में बड़ी गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। एक स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ शरीर और बेहतर शिक्षा आवश्यक है। स्वस्थ रहने के लिए योग करें और रोगों से दूर रहें। अपने जीवन पर दृष्टि डालते हुए उन्होंने कहा कि मैंन बड़ी कठिनाइयों में रहते हुए अपना जीवन किया मैं यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि मैं एक दिन दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश का राष्ट्रपति पद संभालूंगा। उन्होंने कहा कि आप आगे बढ़ें तो उनका भी ध्यान रखें जिनको आप पीछे छोड़ आए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा एक कभी खत्म न होने वाली प्रक्रिया। आप सभी डिग्री पाकर अपने नए चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। आपका उद्देश्य राष्ट्रनिर्माण में सहयोग करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारी बेटियों की संख्या तेजी से आगे बढ़ रही है। यहां संस्कृति विवि में भी मैं यह देख रहा हूं कि छात्राओं ने छात्रों से बाजी मारी है।

संस्कृति विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वविद्यालय में बरगद के पौधे का रोपण किया।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार व्यक्त करते हुए उनके सरल और विनम्र स्वभाव की प्रशंसा की। डा. गुप्ता ने विद्यार्थियों से कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं हम कहां से आते हैं महत्वपूर्ण यह है कि हम समाज को क्या देते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता का सीना गर्व से तब चौड़ा हो जाता है जब वे अपने बच्चों के नाम से जाने जाते हैं। जब आप देश-विदेश में जाकर संस्कृति विश्वविद्यालय का नाम रौशन करें तो संस्कृति विश्वविद्यालय भी अपने आप पर गर्व कर सकेगा। विश्वविद्यालय की सोच है कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में तो नाम रौशन करें ही साथ ही समाज में एक अच्छे इंसान के रूप में अपनी पहचान बनाएं। दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विशिष्ठ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वल से हुआ।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण भी पूर्व राष्ट्रपति द्वारा किया गया । इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति संस्कृति विवि में एक बरगद का पौधा भी लगाया। समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों की अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त छह हस्तियों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानद् उपाधि प्रदान कीं।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने उद्यमिता पर दिखाया कौशल, वास्तुकार टीम ने जीती यंग एंटरप्रेन्योर्स प्रतियोगिता

मथुरा। बचपन से ही छात्र-छात्राओं का रुझान उद्यमिता कौशल की तरफ बढ़ाने के लिए सोमवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में यंग एंटरप्रेन्योर्स प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में कक्षा 11 तथा 12 के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट तैयार कर अपने उद्यमिता कौशल की बानगी पेश की। अतिथियों द्वारा अच्छे प्रोडक्ट तैयार करने वाली विजेता तथा उप-विजेता टीमों के छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल में छात्र-छात्राओं को न केवल किताबी ज्ञान दिया जाता है बल्कि उनकी छिपी प्रतिभा की पहचान करने के लिए समय-समय पर विविध प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में सोमवार को कक्षा 11 एवं 12 के विद्यार्थियों के लिए यंग एंटरप्रेन्योर्स प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता के लिए विद्यार्थियों ने अपने-अपने ग्रुप बनाए तथा अपने उत्पादों के अनुसार उसे अलग-अलग नाम दिए। प्रतियोगिता में न्यूट्री बस्ट, क्विक बाइट्स, लेदर लीफ, फेयर फ्यूम्स, हैप्पी हॉपर्स, इकाइवा एवं वास्तुकार नामक सात टीमों ने हिस्सा लिया तथा एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट बनाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।
यंग एंटरप्रेन्योर्स प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने वेबसाइट के माध्यम से तरह-तरह के प्रोडक्ट बनाए। इसमें प्लास्टिक की जगह गन्ने के पल्प से बोतल बनाना, हेल्दी स्नैक्स एवं फलाहारी खाद्य सामग्री, हानिरहित परफ्यूम, जानवरों को नुकसान पहुंचाए बिना आर्टिफिशियल लेदर प्रोडक्ट, पैकेज्ड फूड उपलब्ध करवाना एवं विभिन्न प्रकार के खिलौने आदि शामिल हैं। प्रतियोगिता में वास्तुकार टीम ने घर बनाने की आसान सर्विस सभी को उपलब्ध करवाई।
अंत में निर्णायक मंडल में शामिल अतिथियों नितीश बंसल एवं डॉ. प्रेरणा बंसल ऑनर एण्ड फाउंडर माय स्काई एण्ड 736 एडी दिल्ली, अंकित गर्ग ऑनर एण्ड फाउंडर टेरा ग्रुप मथुरा तथा विद्यालय के शिक्षकों उपासना अग्रवाल एवं सनी सोलंकी द्वारा छात्र-छात्राओं के वर्क ऑफ रिसर्च एवं प्रजेंटेशन स्किल का मूल्यांकन करते हुए विजेता तथा उप-विजेता टीमों की घोषणा की गई। प्रतियोगिता में वास्तुकार टीम विजेता तथा लेदर लीफ टीम उप विजेता रही। टीम क्विक बाइट्स को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। अंत में विजेता विद्यार्थियों को ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता की सफलता में शिक्षिका उपासना अग्रवाल, सनी सोलंकी एवं श्वेता गौर का विशेष योगदान रहा। अंत में निर्णायकों ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जो विद्यार्थी पीछे रह गए हैं उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आपने अपना शत-प्रतिशत ज्ञान और कौशल दिखाया यही सबसे बड़ी जीत है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विजेता तथा उप-विजेता टीमों के छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा कहा कि उद्यमिता की सोच के बीज बच्चों में बचपन से ही डालना बहुत जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बचपन में व्यवसाय कौशल केवल पैसा कमाने या उद्यम शुरू करने के बारे में नहीं है बल्कि रचनात्मकता, समस्या-समाधान, सहयोग और लचीलेपन को महत्व देने वाली मानसिकता विकसित करने के बारे में भी है। यह कौशल बच्चों को 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों से निपटने में मदद कर सकता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने विजेता टीमों के छात्र-छात्राओं ही नहीं प्रतिभागी विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहित किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि हार-जीत तो सिक्के के दो पहलू हैं परंतु आप विजेता तभी बन जाते हैं जब बेहतरीन प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे में विकास की मानसिकता होती है, जरूरत उसे समय से पहचान कर प्रोत्साहित किया जाना है। अंत में विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।