Tuesday, December 30, 2025
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सांसद हेमामालिनी ने किया एक हजार दर्शक क्षमता का निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का निरीक्षण

वृंदावन। पानी गांव पुल संपर्क मार्ग स्थित गीता शोध संस्थान परिसर में बन रहे 1000 दर्शकों की क्षमता के ऑडिटोरियम का सासंद हेमामालिनी ने निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि ऑडिटोरियम जल्द ही बनकर तैयार होगा जिसमें देश-विदेश के जाने माने कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
ऑडिटोरियम स्टेज विशेषज्ञ धीरेन मर्चेन्ट द्वारा सर्वप्रथम ऑडिटोरियम की स्टेज का निरीक्षण किया गया। कार्यदायी संस्था द्वारा स्टेज हेतु प्राविधानित डिजाइन एवं ड्रांइग का अवलोकन कराया गया। जिसमें उनके द्वारा स्टेज सम्बन्धी प्राविधानित कार्य जैसे पोरसेनियम, करटेन, स्टेज तथा एसी विंग आदि को व्यवस्थित रूप से लगाये जाने हेतु आवश्यक सुझाव दिये गये।

ऑडिटोरियम तैयार होते ही देश भर के कलाकार मंचन करने वृंदावन में करेंगे कला का प्रदर्शन


उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ एसबी सिंह द्वारा कार्यदायी संस्था को धीरेन मर्चेन्ट, ऑडिटोरियम स्टेज विशेषज्ञ (लाइट इम्प्रैशन एण्ड प्रोडक्शन), मुम्बई के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यों को पूर्ण कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये।
साथ ही सांसद हेमामालिनी द्वारा कार्यदायी संस्था से कार्य पूर्ण करने के सम्बन्ध में जानकारी ली गई। जिसके उपरान्त परियोजना प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि परियोजना का पुनः पुनरीक्षित आगणन शासन में स्वीकृति हेतु प्रेषित कर दिया है।
शासन से स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् 6 से 7 माह का समय लगने की सम्भावना है।
सांसद हेमामालिनी द्वारा मथुरा में मुक्ताकाशीय मंच तथा वृन्दावन में निर्माणाधीन ऑडिटोरियम के निर्माण कार्य पर हर्ष व्यक्त किया गया। साथ ही निरीक्षण कि दौरान कहा कि मथुरा नगर मुक्ताकाशीय मंच तथा वृन्दावन नगर में ऑडिटोरियम तैयार होते ही देशभर के कलाकारों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन व मंचन किया जायेगा। जो मथुरा के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी तथा जनपद में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

के.डी. हॉस्पिटल में पहली बार प्लास्टी सर्जरी कर बनाई मूत्र नली, यूरोलॉजिस्ट डॉ. वसीम असरफ के प्रयासों से महावीर के चेहरे पर लौटी खुशी

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट डॉ. वसीम असरफ (एमसीएच यूरोलॉजी) और उनकी टीम ने लगभग दो माह से पेशाब रुकावट की परेशानी से जूझ रहे छाता निवासी महावीर (40) को प्लास्टी सर्जरी के माध्यम से दूसरी पेशाब नली तैयार कर नया जीवन दिया है। महावीर को गम्भीर स्थिति में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था।
जानकारी के अनुसार छाता निवासी महावीर को दो माह पहले पेशाब में रुकावट की परेशानी हुई और उसे मथुरा के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया। वहां के चिकित्सकों द्वारा मरीज की पेशाब की नली की सिकुड़न को सही करने की बजाय पेशाब बाहर निकालने के लिए पेट से बायपास कर दिया गया। महावीर की समस्या कम होने की बजाय और बढ़ गई। आखिरकार एक दिन परिजन उसे के.डी. हॉस्पिटल लाकर विशेषज्ञ यूरोलॉजिस्ट डॉ. वसीम असरफ से मिले।
यूरोलॉजिस्ट डॉ. असरफ ने मरीज की विभिन्न जांचों को देखने के बाद उसकी परेशानी को हमेशा के लिए दूर करने यूरीथ्रा प्लास्टी सर्जरी का निर्णय लिया। डॉ. वसीम असरफ की अगुआई में डॉ. उमेश रावत, डॉ. अंकित सचान, डॉ. वेंकट तेजा गुदाटी, डॉ. धीरज सेहरावत, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. कौस्तुक, डॉ. प्रियंका तथा टेक्नीशियन योगेश कुमार के सहयोग से कोई तीन घंटे की अथक कोशिशों के बाद महावीर की प्लास्टी सर्जरी कर नई पेशाब की नली बनाई गई। डॉ. असरफ का कहना है कि नई मूत्र नली मुंह के अंदर की चमड़ी लेकर बनाई गई है। सर्जरी सफल रही तथा महावीर भी पूरी तरह से स्वस्थ है।
डॉ. असरफ का कहना है कि इस सफल सर्जरी के बाद भविष्य में के.डी. हॉस्पिटल में इस प्रकार के और भी ऑपरेशन सम्भव हो सकेंगे। मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. असरफ का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में गुर्दे, मूत्र-पथ, मूत्राशय तथा मूत्रमार्ग के विकार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति की चिकित्सा तथा शल्य चिकित्सा सम्भव है। यहां किडनी, मूत्राशय, प्रोस्टेट और पुरुष प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं के निदान के साथ ही कैंसर, किडनी में पथरी, संक्रमण, असंयम, यौन रोग आदि की समस्याओं की जांच और उपचार बहुत कम पैसे में किया जाता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने यूरोलॉजिस्ट डॉ. वसीम असरफ तथा उनकी टीम को सफल सर्जरी के लिए बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हास्पिटल का उद्देश्य प्रत्येक मरीज को कम से कम पैसे में अच्छा से अच्छा उपचार प्रदान करना है। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि ब्रज के लोगों को उपचार के लिए महानगरों की तरफ न भागना पड़े इसके लिए के.डी. हॉस्पिटल की सुविधाओं में लगातार इजाफा किया जा रहा है तथा यहां लगभग हर रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं।

मथुरा जनपद में पहली बार हुआ मुश्किल ऑपरेशन

रेल प्रशासन द्वारा मथुरा में आयोजित गोवर्धन मेले के दौरान श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए मथुरा से अलवर के मध्य गाड़ी संचालन निम्नानुसार किया जा रहा है ।

रेल प्रशासन द्वारा मथुरा में आयोजित गोवर्धन मेले के दौरान श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए मथुरा से अलवर के मध्य दिनांक 18.07.2024 से 23.07.2024 तक गाड़ी संख्या 01975/01976 का संचालन निम्नानुसार किया जा रहा है ।

गाड़ी संख्या 01975 मथुरा से प्लेटफार्म संख्या- 05 से समय 03.50 बजे प्रस्थान कर भूतेश्वर 03:57- 03:59 बजे, मोरा 04:09- 04:11बजे, राधा कुंड 04:22-04:24 बजे, गोवर्धन 04:30- 05:00 बजे, बेहज 05:16- 05:18 बजे, डीग 05:26- 05:28 बजे, बेडम 05:42-05:44, ब्रिजनगर 06:02-06:04, झरेड़ा 06:14-06:16, गोविंद गढ़,06:25-06:27, जाडोली का बास 06:38-06:40, रामगढ़ 06:50-06:52, ऊटवाड़ 07:03-07:05, गाजिका 07:15-0716, अलवर 07:30 बजे पहुंचेगी ।
वापसी में गाड़ी संख्या 01976 अलवर स्टेशन से प्रातः 08:00 बजे प्रस्थान कर, गाजिका 08:15-08:17, ऊटवाड 08:26-08:27, रामगढ़ 08:34-08:40, जाडोलि का बास 08:49-08:50, गोविंदगढ़ 09:00-09:05, झरेड़ा 09:13-09:14, ब्रिजनगर 09:22-09:24, बेडम 09:41-09:42, डीग 09:53-09:55, बेहज़ 10:05-10:06, गोवर्धन 10:15-10-30, राधा कुंड 10:38-10:40, मोरा 10:48-10:50, भूतेश्वर 11:01-1103, ठहराव लेते हुए अपने गंतव्य मथुरा स्टेशन पर समय 11:15 बजे पहुंचेगी।

पिछले सात वर्षों में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ‘नन्हे फरिश्ते’ नामक एक ऑपरेशन में अग्रणी रहा

यह एक मिशन जो विभिन्न भारतीय रेलवे जोनों में पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए समर्पित है। पिछले सात वर्षों (2018-मई 2024) के दौरान, आरपीएफ ने स्टेशनों और ट्रेनों में खतरे में पड़े या खतरे में पड़ने से 84,119 बच्चों को बचाया है।

‘नन्हे फरिश्ते’ सिर्फ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक है; यह उन हजारों बच्चों के लिए एक जीवन रेखा है जो खुद को अनिश्चित परिस्थितियों में पाते हैं। 2018 से 2024 तक का डेटा, अटूट समर्पण, अनुकूलनशीलता और संघर्ष क्षमता की कहानी दर्शाता है। प्रत्येक बचाव समाज के सबसे असुरक्षित सदस्यों की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।

वर्ष 2018 में ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ की महत्वपूर्ण शुरुआत हुई। इस वर्ष, आरपीएफ ने कुल 17,112 पीड़ित बच्चों को बचाया, जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। बचाए गए 17,112 बच्चों में से 13,187 बच्चों की पहचान भागे हुए बच्चों के रूप में की गई, 2105 लापता पाए गए, 1091 बच्चे बिछड़े हुए, 400 बच्चे निराश्रित, 87 अपहृत, 78 मानसिक रूप से विक्षिप्त और 131 बेघर बच्चे पाए गए। वर्ष 2018 में इस तरह की पहल की तत्काल आवश्यकता को उजागर करते हुए ऑपरेशन के लिए एक मजबूत नींव रखी गई।

वर्ष 2019 के दौरान, आरपीएफ के प्रयास लगातार सफल रहे और लड़कों और लड़कियों दोनों सहित कुल 15,932 बच्चों को बचाया गया। बचाए गए 15,932 बच्चों में से 12,708 भागे हुए, 1454 लापता, 1036 बिछड़े हुए, 350 निराश्रित, 56 अपहृत, 123 मानसिक रूप से विक्षिप्त और 171 बेघर बच्चों के रूप में पहचाने गए।

वर्ष 2020 कोविड महामारी के कारण चुनौतीपूर्ण था, जिसने सामान्य जीवन को बाधित किया और परिचालन पर काफी प्रभाव डाला। इन चुनौतियों के बावजूद, आरपीएफ 5,011 बच्चों को बचाने में कामयाब रही।

वर्ष 2021 के दौरान, आरपीएफ ने अपने बचाव कार्यों में पुनरुत्थान देखा, जिससे 11,907 बच्चों को बचाया गया। इस वर्ष पाए गए और संरक्षित किए गए बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 9601 बच्चों की पहचान भागे हुए के रूप में, 961 लापता के रूप में, 648 बिछड़े हुए, 370 निराश्रित, 78 अपहृत, 82 मानसिक रूप से विकलांग और 123 बेघर बच्चों के रूप में पहचाने गए।

वर्ष 2023 के दौरान, आरपीएफ 11,794 बच्चों को बचाने में सफल रही। इनमें से 8916 बच्चे घर से भागे हुए थे, 986 लापता थे, 1055 बिछड़े हुए थे, 236 निराश्रित थे, 156 अपहृत थे, 112 मानसिक रूप से विकलांग थे, और 237 बेघर बच्चे थे। आरपीएफ ने इन असुरक्षित बच्चों की सुरक्षा और उनकी अच्छी देखभाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2024 के पहले पांच महीनों में, आरपीएफ ने 4,607 बच्चों को बचाया है। जिसमे 3430 घर से भागे हुए बच्चों को बचाया गया है, शुरुआती रुझान ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण देते हैं। ये संख्या बच्चों के भागने की लगातार जारी समस्या तथा उन्हें अपने माता पिता के पास सुरक्षित पहुंचने के लिए आरपीएफ के किए गए प्रयासों दोनों को दर्शाती हैं।

आरपीएफ ने अपने प्रयासों से, न केवल बच्चों को बचाया है, बल्कि घर से भागे हुए और लापता बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता भी बढ़ाई है, जिसमे आगे की कार्रवाई और विभिन्न हितधारकों से समर्थन मिला। आरपीएफ का ऑपरेशन का दयारा लगतार बढ़ रहा है, रोज नई चुनौतियों का सामना कर भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क में बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास कर रहा है।

ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बच्चों की पूरी जानकारी उपलब्ध रहती है। 135 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्पडेस्क उपलब्ध है।आरपीएफ मुक्त कराए गए बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप देती है । जिला बाल कल्याण समिति बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप देती है।

जीएलए के कृषि विज्ञान के 8 विद्यार्थी चयनित

कृशि क्षेत्र में हर दिन उत्पन्न हो रहे नए अवसर, कंपनी पदाधिकारियों ने विद्यार्थियों को तैयार रहने की दी सलाह

मथुरा। पिछले कुछ वर्शों में कृशि क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर पैदा हुए हैं। केन्द्र और प्रदेष की सरकारों ने भी किसानो के हित में कई कल्याणकारी बिल पेष किए हैं। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों ने कृशि क्षेत्र के लिए अपने द्वार खोले हैं। यही कारण है कि जीएलए विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय के 8 छात्रों को प्लेसमेंट में बड़ी सफलता हासिल हुई है।
जीएलए यूनिवर्सिटी में कृषि विज्ञान संकाय ने शिक्षा एवं प्लेसमेंट के क्षेत्र में अपनी उच्च गुणवत्ता को साबित किया है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में कृषि छात्रों को उच्चतम पैकेज के साथ-साथ अनेक बड़ी कंपनियों में नौकरियों का अवसर मिला है। प्रमुख कंपनियों के पदाधिकारियों ने छात्रों की शिक्षा एवं योग्यता की सराहना की है। इसके अलावा वेद प्रभा एयरोस्पेस कंपनी के पदाधिकारियों ने किसानों के हित में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए सुझाव दिया कि ड्रोन तकनीक का उपयोग कृशि क्षेत्र में आधुनिकता का प्रमाण एवं इसका उपयोग सटीक खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जैव प्रौद्योगिकी और टिकाऊ कृषि व्यवसाय क्षेत्र में काम करने वाली 6 प्रतिष्ठित कंपनियों ने विभाग से 8 छात्रों का चयन किया। इसमें फार्मरफेस ऑर्गेनिक टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, शील बायोटेक, पैरीवर्ल्ड होमडेकोर, वेद प्रभा एयरोस्पेस, अरुति एग्रीटेक इंडिया एवं एलो ई सेल्स हैं। चयनित छात्रा रागिनी गुप्ता को एलो ई सेल ने अनुसंधान और विकास विभाग के लिए चुना है। छात्रों ने अपने चयन पर हर्श व्यक्त करते हुए कहा कि कृशि क्षेत्र में नए अनुसंधान किसानों के हित में लाभकारी सिद्ध होंगे।
कृषि विज्ञान संकाय के डीन डॉ. सुरेंद्र सिंह सिवाच और प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि संकाय ने कॉर्पोरेट सेक्टर के मापदंडों एवं कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा रचित पाठ्यक्रम के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को तैयार किया है। उन्होंने छात्रों को सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में रोजगार के कई नए अवसरों के बारे में भी सूचित किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों कि इस सफलता में जीएलए विश्वविद्यालय के प्रबंधन एवं उच्च अधिकारियों का भी असीम सहयोग रहा है। इस सफलता के साथ, जीएलए विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय के छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक नया सफर और नए संभावनाओं का दरवाजा खुल चुका है।

जीआरपी मथुरा जंक्शन द्वारा घटना घटित करने वाले अपराधियों का पर्दाफाश, 1 अभियुक्त गिरफ्तार, जिसके कब्जे से 1 मोबाइल फोन बरामद

पुलिस अधीक्षक, रेलवे / उपाधीक्षक रेलवे, सर्किल आगरा के निकट पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष जीआरपी मथुरा जंक्शन के कुशल नेतृत्व में गठित टीम द्वारा ट्रेनों व स्टेशनों पर आपराधिक घटनाओं की रोकथाम एवं अवैध तस्करी की रोकथाम हेतु सघन चैकिंग अभियान के दौरान मुखबिर खास की सूचना पर दिनांक 16.07.2024 समय 07.35 बजे प्लेटफार्म नम्बर 8 पर बने शौचालय के पास, रेलवे स्टेशन मथुरा जं० वहद थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन पर घटना घटित करने वाला 01 नफर अभियुक्त गिरफ्तार किया गया, जिसके कब्जे से 01 अदद मोबाइल फोन बरामद किया गया।

नाम व पता गिरफ्तार अभियुक्त

राघवेन्द्र सिंह उर्फ राज उर्फ डाक्टर पुत्र स्व० श्री राजा सिंह निवासी ग्राम लोधीपुरा थाना कदौरा जिला जालौन उम्र करीब 19 वर्ष।

बरामदगी का विवरण

अभियुक्त के कब्जे से एक अदद मो० फोन वीवो वी-17 बिना सिम व चिप के जिसका आईएमईआई नम्बर चैक किया तो आईएमईआई नम्बर 863264043992757.863264043992740 बरामद होना। जिसकी कीमत करीब 25000/-रू0 है।

अनावरित अभियोग

मु0अ0सं0 12/2024 धारा 379,411 भादवि थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन।

पूँछताछ विवरण

पूछताछ करने पर गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा बताया कि रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन पर यात्रियों का मोबाइल फोन व सामान चोरी कर, अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए बेच देता हूँ।

आपराधिक इतिहास

अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी प्राप्त की जा रही है।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम

1- उ0नि0 श्री शिवपाल सिंह थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन।

2- है0का0 782 अनिल कुमार थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन।

3- का0 सोनू कुमार थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन ।

मीडिया सैल
जीआरपी अनुभाग आगरा

आगरा मंडल में लगातार अवैध वेंडिंग के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है | जिसमे अनाधिकृत/अनब्रांडेड पानी या खाने की पैक्ड वस्तुए पकड़ी जा रही है

मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आगरा श्री अमित आनन्द के निर्देशन में आगरा मंडल में लगातार अवैध वेंडिंग के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है | जिसमे अनाधिकृत/अनब्रांडेड पानी या खाने की पैक्ड वस्तुए पकड़ी जा रही है| दिनांक 15.07.2024 को मंडल के अवैध वेंडिंग रोकथाम स्क्वाड टीम द्वारा गाड़ी संख्या 20404 प्रयागराज एक्सप्रेस में अनाधिकृत पानी की बोतले जब्त की गयी | इसका मुख्य उद्देश्य खराब गुणवता की ख़ाद्य सामग्री,ओवर चार्जिंग पर रोक लगाना है इसके तहत स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए खानपान इकाईयों पर उचित मूल्यों पर पानी एवं खाद्य सामग्री उपलब्ध हो l जिससे यात्रियों के साथ ओवर चार्जिंग जैसी घटनाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सके।
जनसंपर्क अधिकारी कु.प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया की अवैध वेंडरों के खिलाफ स्पेशल ड्राइव चलाई जा रही हैं जिससे की खराब गुणवता की ख़ाद्य सामग्री,ओवर चार्जिंग पर रोक लगायी जा सके, रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों से अपील की जाती है कि वे अधिकृत वेंडर एवं हॉकर्स से ही खाने-पीने की वस्तुएं खरीदें।

के.डी. हॉस्पिटल में हुई एक माह की बच्ची के गुर्दे की सर्जरी, विशेषज्ञ शिशु शल्य डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का प्रयास सफल

मथुरा। विशेषज्ञ शिशु शल्य डॉ. श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में एक ऐसी बच्ची को नवजीवन मिला है, जिसके जन्म से पहले ही गुर्दे में सूजन थी। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा एक माह की बच्ची के गुर्दे की मुश्किल सर्जरी कर निराश माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी गई है। अब बच्ची स्वस्थ है तथा मां का दूध भी पीने लगी है।
जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले पुन्हाना जमालगढ़ रोड जिला नूंह (हरियाणा) निवासी अनिल कुमार अपनी गर्भवती पत्नी ज्योति के बारे में सलाह लेने के.डी. हॉस्पिटल आया था। कारण ज्योति के गर्भस्थ शिशु के गुर्दे में सूजन थी। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने ज्योति की जांच रिपोर्टों को देखा और अनिल को सलाह दी कि शिशु के जन्म के उपरान्त ही उसका आपरेशन से इलाज हो सकता है। डॉ. शर्मा की सलाह मानते हुए अनिल सपत्नीक घर लौट गया। कुछ दिन बाद ज्योति ने बच्ची को जन्म दिया।
जब बच्ची एक माह की हो गई तब अनिल कुमार सपत्नीक फिर से के.डी. हॉस्पिटल आया और डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला। डॉ. शर्मा ने नवजात बच्ची की सोनोग्राफी करवाई, जिसमें बच्ची के गुर्दे में सूजन पाई गई। इसे मेडिकल भाषा में जन्मजात हाइड्रोनेफरोसिस कहते हैं। बच्ची की क्रमवार सोनोग्राफी से पता चला कि यह सूजन बढ़ती ही जा रही है, जिसका समय से आपरेशन जरूरी है। परिजनों की स्वीकृति के बाद चार जुलाई को डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा एक माह की बच्ची के गुर्दे की सर्जरी की गई तथा गुर्दे को नष्ट होने से बचा लिया गया। सर्जरी के दौरान सूजन वाला हिस्सा काट कर अलग कर दिया गया और जहां पर यूरिन पाइप संकरी थी, उसे हटाकर नॉर्मल हिस्से को जोड़ दिया गया। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. समर्थ, डॉ. शफक, इंटर्न डॉ. साहिल श्रीवास्तव तथा डॉ. हिमांशु गर्ग ने किया।
इस सर्जरी पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि इतने कम उम्र के बच्चे की सर्जरी करने पर कई तरह से तैयारी करनी पड़ती है, ऐसे मामलों में बेहोशी के चिकित्सक भी रुकावट पैदा करते हैं। डॉ. शर्मा का कहना है कि सर्जरी के बाद बच्ची की परेशानी पूरी तरह से दूर हो गई है। डॉ. शर्मा का कहना है कि यह परेशानी जन्मजात होती है लेकिन पता लगने के बाद जितनी जल्दी सर्जरी करा ली जाए, उतना सही रहता है। डॉ. शर्मा बताते हैं कि यह बच्ची जब गर्भ में थी तभी पता चल गया था कि उसके किडनी में सूजन है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका तथा उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने नवजात बच्ची की सफल सर्जरी करने वाले चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए बच्ची के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा और “गुरु पूर्णिमा” मेला के अवसर पर तीर्थ यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से कुछ मेला विशेष गाड़ी, कुछ गाड़ियों का विस्तार किया जा रहा है | जिसका विवरण निम्नवत है –

रेल प्रशासन द्वारा सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि दिनांक 16.07.2024 से 23.07.2024 को मथुरा में गोवर्धन परिक्रमा और “गुरु पूर्णिमा” मेला के अवसर पर तीर्थ यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से कुछ मेला विशेष गाड़ी, कुछ गाड़ियों का विस्तार किया जा रहा है | जिसका विवरण निम्नवत है –

  1. गाड़ियों का विस्तार
    A -गाडी संख्या 11901/11902 आगरा छावनी –वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी – आगरा छावनी को मथुरा जं. स्टेशन तक विस्तार किया गया है |
    गाडी संख्या-11901 आगरा छावनी से मथुरा जं. दिनांक-17.07.2024,18.07.2024,21.07.2024 (03 दिन)
    गाडी संख्या-11902 मथुरा जं. से आगरा छावनी दिनांक-18.07.2024,19.07.2024,22.07.2024 (03 दिन)
    समय एवं ठहराव-
    गाडी संख्या 11901 स्टेशन गाडी संख्या 11902
    आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान
  • 16.05 वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी 11.20 –
    21.05 22.00 आगरा छावनी 05.50 06.10
    22.09 22.11 राजा की मंडी 05.35 05.37
    22.15 22.17 बिलोचपुरा 05.28 05.30
    22.24 22.25 रुनकता 05.18 05.20
    22.33 22.34 कीथम 05.08 05.10
    22.42 22.43 दींन दयाल धाम 04.59 05.00
    22.49 22.50 फ़रह 04.51 04.53
    22.58 22.59 बाद 04.41 04.43
    23.25 – मथुरा जं. – 04.30

B.- गाडी संख्या 14212/14211 नई दिल्ली – आगरा छावनी– नई दिल्ली इंटर सिटी एक्सप्रेस को ग्वालियर स्टेशन तक विस्तार किया गया है |
गाडी संख्या-14212 नई दिल्ली – ग्वालियर दिनांक-16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन)
गाडी संख्या-14211 ग्वालियर से नई दिल्ली दिनांक-17.07.2024 से 24.07.2024 (08 दिन)
समय एवं ठहराव-
गाडी संख्या 14212 स्टेशन गाडी संख्या 14211
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान
— 17.40 नई दिल्ली 10.00 —
21.30 21.35 आगरा छावनी 03.40 05.45
22.23 22.25 धौलपुर 02.10 02.12
23.03 23.05 मुरेना 01.30 01.32
23.45 — ग्वालियर — 01.00

C.आगरा छावनी–मथुरा–आगरा छावनी मेला विशेष गाडी का संचालन दिनांक- 16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन) तक किया जायेगा |
04163 इटावा – आगरा छावनी मेमो को मथुरा जं. तक विस्तार किया जायेगा |
11808 आगरा छावनी– वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी मेमो को मथुरा जं. स्टेशन से संचालित किया जायेगा

समय एवं ठहराव-
आगरा छावनी– मथुरा जं. मेमो विशेष स्टेशन मथुरा जं. –आगरा छावनी मेमो विशेष
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

10.00 10.35 आगरा छावनी 14.00 14.40
10.44 10.46 राजा की मंडी 13.45 13.47
10.50 10.51 बिलोचपुरा 13.39 13.40
10.59 11.00 रुनकता 13.30 13.31
11.08 11.09 कीथम 13.21 13.22
11.17 11.18 दींन दयाल धाम 13.12 13.13
11.24 11.25 फ़रह 13.05 13.06
11.33 11.34 बाद 12.56 12.57
12.15 – मथुरा जं. 12.45

D .आगरा छावनी–मथुरा जं.–आगरा छावनी मेला विशेष गाडी का संचालन दिनांक- 16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन) तक किया जायेगा |
11807 वीरांगना लक्ष्मी बाई झाँसी – आगरा छावनी मेमो को मथुरा जं. तक विस्तार किया जायेगा |
01909 आगरा छावनी– मैनपुरी मेमो को मथुरा जं. स्टेशन से संचालित किया जायेगा

समय एवं ठहराव-
आगरा छावनी– मथुरा जं. मेमो विशेष स्टेशन मथुरा जं. –आगरा छावनी मेमो विशेष
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

11.05 11.30 आगरा छावनी 15.30 16.10
11.39 11.41 राजा की मंडी 15.18 15.20
11.45 11.46 बिलोचपुरा 14.59 15.00
11.54 11.55 रुनकता 14.50 14.51
12.03 12.04 कीथम 14.41 14.42
12.12 12.13 दींन दयाल धाम 14.32 14.33
12.19 12.20 फ़रह 14.25 14.26
12.28 12.29 बाद 14.16 14.17
13.10 – मथुरा जं. 14.05

E. आगरा छावनी–मथुरा जं.–आगरा छावनी मेला विशेष गाडी का संचालन दिनांक- 16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन) तक किया जायेगा |
01910 मैनपुरी – आगरा छावनी मेमो को मथुरा जं. तक विस्तार किया जायेगा |
04164 आगरा छावनी– इटावा मेमो को मथुरा जं. स्टेशन से संचालित किया जायेगा

समय एवं ठहराव-
आगरा छावनी– मथुरा जं. मेमो विशेष स्टेशन मथुरा जं. –आगरा छावनीमेमो विशेष
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

09.45 10.45 आगरा छावनी 16.00 16.15
10.54 10.56 राजा की मंडी 15.43 15.45
11.01 11.02 बिलोचपुरा 15.37 15.38
11.10 11.11 रुनकता 15.28 15.29
11.19 11.20 कीथम 15.05 15.06
11.28 11.29 दींन दयाल धाम 14.56 14.57
11.35 11.36 फ़रह 14.50 14.51
12.03 12.04 बाद 14.41 14.42
12.25 – मथुरा जं. – 14.30

  1. मेला विशेष गाडी
    A- गाडी संख्या -01971/01971 मथुरा जं. –आगरा छावनी–मथुरा जं. मेला विशेष गाडी
    गाडी संख्या-01971 मथुरा जं. से–दिनांक-16.07.2024,19.07.2024,20.07.2024,22.07.2024 (04 ) दिन
    गाडी संख्या-01972 आगरा छावनी से-दिनांक- 17.07.2024,20.07.2024,21.07.2024,23.07.2024 (04 ) दिन

समय एवं ठहराव-
गाडी संख्या -01971
मथुरा जं.–आगरा छावनी मेला विशेष स्टेशन गाडी संख्या -01972 आगरा छावनी – मथुरा जं. मेला विशेष
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

— 18.30 मथुरा जं. 06.55 —
18.41 18.42 बाद 05.37 05.38
18.51 18.52 फ़रह 05.28 05.29
18.59 19.00 दींन दयाल धाम 05.21 05.22
19.08 19.09 कीथम 05.12 05.13
19.18 19.19 रुनकता 05.03 05.04
19.28 19.29 बिलोचपुरा 04.54 04.55
19.35 19.36 राजा की मंडी 04.49 04.50
19.50 — आगरा छावनी — 04.40

B. गाडी संख्या 05314/05313 मथुरा जं. -कासगंज-मथुरा जं. मेला विशेष गाडी –
गाडी संख्या 05314, मथुरा जं. से दिनांक 16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन)
गाडी संख्या 05313, कासगंज से दिनांक 16.07.2024 से 23.07.2024 (08 दिन)

समय एवं ठहराव-

गाडी संख्या 05314
मथुरा जं.–कासगंज मेला विशेष स्टेशन गाडी संख्या 05313
कासगंज – मथुरा जं. मेला विशेष
आगमन प्रस्थान आगमन प्रस्थान

  • 14.20 मथुरा जं. 19.35 –
    14.30 14.35 मथुरा छावनी 18.45 18.50
    15.11 15.13 हाथरस सिटी 17.50 17.52
    15.38 15.40 सिकन्दरा राव 17.20 17.22
    15.56 15.58 मारहरा 17.02 17.04
    16.30 – कासगंज – 16.50

बंदर पुराण भाग – 2

मथुरा। पिछले दिनों मैंने एक ऐसे बंदर के बारे में फेसबुक पर लिखा था जिसने पूरे शहर में ऐसा आतंक मचाया कि लोगों की जान आफत में आ गई यानीं कि दिन का चैन और रातों की नींद हराम हो गई थी। इस लेख के बारे में कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और कुछ विशेष जानकारियां देते हुए बताया कि यह बंदर जादुई था। सबसे अधिक खास जानकारी जो कई लोगों द्वारा बताई गई उसकी चर्चा आप सभी के साथ कर रहा हूं। यह ज्ञात नहीं कि इसमें सच्चाई कितनी है।
     एक युवक जिसकी शादी नई नई हुई थी। वह बंगाल से जादू सीख कर आया उसने अपनीं पत्नी से कहा कि मैं बड़े दुर्लभ जादू सीख कर आया हूं। इस पर पत्नी ने कहा कि मुझे भी तो दिखाओ अपना कोई बढ़िया सा जादू। नई दुल्हनियां को खुश करने के लिए पति ने मंत्रों से दो गिलासों में पानीं अलग अलग सिद्द कर लिया और पत्नी से एक गिलास की ओर इशारा करके कहा कि पहले इस गिलास के पानीं को मेरे ऊपर डालना तो मैं बंदर बन जाऊंगा और फिर बाद में दूसरे वाले गिलास को डाल देना तब मैं पुनः इंसानी रूप में परिवर्तित हो जाऊंगा।
     पत्नी ने ऐसा ही किया यानीं कि पहले बताए गए गिलास के पानीं को उसके ऊपर डाल दिया और देखते ही देखते युवक बंदर बन गया। इस पर पत्नी बड़ी आश्चर्यचकित हुई और पति के जादू को देखकर गदगद हो गई। पत्नी को यह तो मालूम ही था कि मेरा बंदर पति मुझे कोई क्षति तो पहुंचाएगा नहीं अत: उससे वह छेड़खानी यानीं कि मजाक बाजी करने लगी क्योंकि पति को वापस इंसान बनने की जल्दी पढ़ रही थी और उसे पत्नी द्वारा कभी पूंछ पकड़ना कभी धौल जमाना अच्छा नहीं लग रहा था।
     अतः बंदर पति ने उसे घुड़की मारी यानीं कि दूसरा गिलास पानीं मेरे ऊपर जल्दी डाल क्योंकि वह इंसान की भाषा बोल कर तो उससे कुछ कह नहीं सकता था अतः उसने बंदर की भाषा में घुड़की देकर संकेत दिया होगा कि अरी ओ चुड़ैल क्यों मुझे परेशान कर रही है जल्दी से दूसरे गिलास का पानीं भी मेरे ऊपर डाल। उस नव विवाहित महिला ने अपने पति परमेश्वर का संकेत तो समझा नहीं और उसकी घुड़की से एकदम डर गई तथा उसी हड़बड़ाहट में दूसरे गिलास का पानीं और फैल गया इसके बाद वह युवक हमेशा के लिए बंदर ही बना रहा। उस आक्रोशित बंदर ने पहले तो अपनी पत्नी को ही सबक सिखा कर बुरी तरह बेहाल किया और फिर अन्य इंसानों व उनकी पत्नियों को सबक सिखाया यानीं कि उसे इंसानों से ही चिढ़ हो गई।
     इस बात की जानकारी तो किसी ने नहीं दी कि वह युवक कौन था तथा कौन उसकी पत्नी थी किस मुहल्ले या गली का मामला था लेकिन यह बात कई लोगों के मुंह से सुनी। हो सकता है यह बात चन्डू खाने की हो किंतु यह भी पक्का सच है कि वह बंदर सामान्य नहीं वह तो कोई जादूई या करिश्माई बंदर था। यह भी पक्का सच है कि बंगाल का जादू विश्व विख्यात है वहां का काला जादू तो जगजाहिर है। मैं बचपन में अपनी बड़ी बहन के यहां कलकत्ता बहुत जाता था और कई कई महीनों तक रहता था। हमारी बहन का घर कलकत्ते के बालीगंज में था उनके घर के पास ही विश्व विख्यात जादूगर पीसी सरकार का भी घर था। पीसी सरकार का बंगला बड़ा आलीशान तो था ही साथ ही उसके अंदर भी बड़ी बड़ी जादुई बातें थीं। हालांकि मैंने वे जादूई बातें तो घर के अंदर जाकर नहीं देखी किंतु सुना था। पीसी सरकार तो ऐसे जादूगर थे कि एक से बढ़कर एक असंभव चीजों को संभव कर के दिखा देते थे।
     अब बात जादू की चल रही है तो इस बारे में एक जोरदार बात करीब बीस वर्ष पूर्व पत्रकार दिलीप चतुर्वेदी ने मुझे उस समय बताई जब वे आज अखबार में मेरे सहयोगी थे। दिलीप जी आजकल दैनिक हिंदुस्तान के जिला प्रतिनिधि है उन्होंने बताया कि बंगाल की कुछ जादूगरनियां अपनीं जादू की कला में इतनी सिद्धहस्त होती हैं कि वह युवकों को बंधक बना लेती है और अपनी जादू की कला से उन्हें दिन में मैंड़ा बना कर रखती हैं और रात्रि में पुनः इंसानी रूप में परिवर्तित कर लेती है। मुझे उनकी इस बात पर भरोसा कम हुआ क्योंकि मैं भी बचपन में कलकत्ता बहुत गया था पर मैंने तो यह बात कभी किसी से नहीं सुनी किंतु दिलीप दावे से इस बात को कह रहे थे क्योंकि वे भी कलकत्ता कई बार गये हैं। फर्क इतना है कि मैं बचपन में जाता था और वे बड़े पन में गए हैं। मैं उस समय नासमझ था अतः हो सकता है उस समय मेरा ध्यान इस ओर नहीं गया हो।
     इस संबंध में मैंने विगत दो दिन पूर्व दिलीप जी से फोन करके पूछा कि तुमने लगभग बीस वर्ष पूर्व जादूगरनियों द्वारा मैड़ा बनाने वाली जो बात बताई थी क्या वह सही है? इस पर उन्होंने तपाक से कहा कि एकदम सही है। तब मुझे कुछ कुछ विश्वास सा होने लगा क्योंकि जादूगरी में तो सब कुछ संभव है। जादू तो जादू ही होता है और बंगाल तो जादू टोने में बादशाहत रखता है। दिलीप जी द्वारा इसकी पुष्टि में जो तीव्रता थी उससे मुझे पक्का विश्वास होने लगा। तभी मेरे दिमाग में एक भ्रम हुआ और मैंने उनसे पूंछा कि क्या कहीं तुम्हें भी ऐसा कोई अनुभव तो नहीं हुआ? इस दिलीप जी ने उसी तीव्रता से इस बात का खंडन किया जिस तीव्रता से वे इसकी पुष्टि कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नहीं नहीं मेरा कोई मतलब नहीं है अनुभव वनुभव से मैंने तो गुप्ता जी आपको सिर्फ सुनी सुनाई बात बताई है। यानीं कि क्षण भर में वे यू टर्न ले गये। जब मैंने उनसे पूंछा कि फिर तुम इतनी जोरदारी से इस बात की पुष्टि क्यों कर रहे थे? इस पर उन्होंने कहा कि कलकत्ते में यह बात बहुत ज्यादा चर्चित है इसीलिए मैंने भी आपसे कह दी थी। इसके बाद उन्होंने मुझसे पीछा छुड़ाते हुए कहा कि गुप्ता जी मैं स्नान करके चुका हूं और मुझे अब पूजा ईत्यादि करनीं है तथा बाद में बात कर लूंगा किंतु फिर उनका कोई फोन नहीं आया शायद वे मैड़ा वाली बात का बतंगड़ बनने से बच रहे थे।