Tuesday, December 30, 2025
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मुड़िया पूर्णिमा मेला को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट, अपने अपने डयूटी पॉइंट पर डयूटी करते नजर आए डाक्टर

गिरिराज तलहटी गोवर्धन में मुड़िया पूर्णिमा मेला का आगाज सोमवार से शुरू हो चुका है।जिसको लेकर विभाग अपनी अपनी डयूटी पर कार्य करते हुए नजर आए।तो वहीं बिजली विभाग अभी केबिलो को सही करते हुए नजर आए।वहीं लोगो का कहना है कि मेला शुरू होने को है।लेकिन बिजली विभाग का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है।पता नहीं कार्य पूरा हो पाएगा भी या नहीं।वहीं मुड़िया मेला को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नजर आया।मेला के दौरान बनाए गए 17 बूथों पर सभी डाक्टर वार्ड वाय व एंबुलेंस खड़े नजर आए।गोवर्धन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मेला को लेकर आगरा फिरोजाबाद व अन्य जगहों से डाक्टर डयूटी के लिए पहुंचे है।वहीं सप्तकोसीय परिक्रमा मार्ग में गिरिराज महाराज की परिक्रमा करने आने वाले श्रद्धालु भक्तो के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी न हो उसको लेकर समूचे परिक्रमा मार्ग में स्वास्थ्य विभाग जगह जगह पर दवाई और अन्य मेडिशयन के साथ डयूटी पर तेनात है।वहीं डयूटी को लेकर सभी को निर्देश दिया गया है कि मेले के दौरान डयूटी को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।वहीं सभी की डयूटी पॉइंट पर शिफ्ट वाई शिफ्ट डयूटी लगाई गई है।जिससे किसी को डयूटी के दौरान कोई परेशानी न हो।वहीं गोवर्धन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ नेहा चोधरी द्वारा सभी बूथों पर जाकर बूथों को चेक किया गया।

एजाइल कैपिटल सर्विसेज में ट्रेनिंग लेंगे राजीव एकेडमी के विद्यार्थी, एमबीए के 26 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण के साथ मिलेगी स्टाइफण्ड राशि

मथुरा। शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है, यदि छात्र-छात्राओं को अध्ययन काल में ही कॉर्पोरेट जगत की अच्छी कम्पनियों में प्रशिक्षण का अवसर भी मिल जाए तो उससे उनके करियर को नई दिशा मिल जाती है। राजीव एकेडमी में छात्र-छात्राओं की बौद्धिक जिज्ञासा को बढ़ाने, उनकी समझ का विस्तार करने तथा भविष्य की सफलता के मद्देनजर उनका महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने को कठोर प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इसी कड़ी में यहां अध्ययनरत एमबीए के 26 छात्र-छात्राओं को नोएडा स्थित एजाइल कैपिटल सर्विसेज कम्पनी में दो माह के प्रशिक्षण का अवसर मिला है।
ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन का कहना है कि छात्र-छात्राओं को योग्यता और रुचि के आधार पर प्रगतिशील निर्णय लेने के लिए सही दिशा, सलाह और सहायता प्रदान करना ही राजीव एकेडमी का एकमात्र उद्देश्य है। डॉ. जैन ने बताया कि हाल ही में नोएडा स्थित एजाइल कैपिटल सर्विसेज कम्पनी ने यहां के एमबीए में अध्ययनरत 26 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए चयनित किया है। प्रशिक्षण के दौरान कम्पनी द्वारा चयनित छात्र-छात्राओं को प्रतिमाह रुपये 20 हजार स्टाइफण्ड राशि भी प्रदान की जाएगी।
डॉ. जैन का कहना है कि इस इण्टर्नशिप (ट्रेनिंग) में विद्यार्थियों को दोहरा लाभ प्राप्त होगा। छात्र-छात्राएं जहां बिजनेस के टिप्स (गुर) सीखेंगे वहीं प्रशिक्षण में सफलता के उपरान्त कम्पनी जॉब के लिए अनुशंसा करेगी। इस प्रकार राजीव एकेडमी में एमबीए के प्रथम वर्ष के अध्ययन के बाद ही विद्यार्थियों को जॉब प्राप्त होगा। हालांकि अन्य कॉलेजों के विद्यार्थी दो वर्ष की एमबीए करने के बाद भी जॉब के लिए भटकते रहते हैं।
डॉ. विकास जैन का कहना है कि एजाइल कैपिटल सर्विसेज कम्पनी द्वारा प्रशिक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली रुपये 20 हजार की स्टाइफण्ड राशि की घोषणा से विद्यार्थी ही नहीं उनके माता-पिता भी खुश हैं। इस अवसर से जहां एमबीए के विद्यार्थियों में नया उत्साह नजर आ रहा है वहीं प्रबंधन की अण्डर ग्रेजुएट डिग्री यानी बीबीए में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में भी उल्लास का वातावरण है। छात्र-छात्राओं का कहना कि वे भी एमबीए राजीव एकेडमी से ही करेंगे ताकि ट्रेनिंग काल में स्टाइफण्ड राशि मिले और वे अपने करियर को नई दिशा दे सकें।
डॉ. जैन ने बताया है कि निकट भविष्य में एमबीए द्वितीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सम्पन्न हो जाने के उपरांत 26 विद्यार्थियों को ट्रेनिंग के लिए नोएडा स्थित एजाइल कैपिटल सर्विसेज कम्पनी में भेजा जाएगा। जिन छात्र-छात्राओं का कम्पनी में प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ है उनमें आरुषी शर्मा, आकाश, अमन शर्मा, अंजली गौतम, दीक्षा गर्ग, दिव्या राजपूत, दिव्यांशु पाठक, एकता अग्रवाल, गौरी गोयल, गोविन्द जोशी, कोमल सिंह, लक्ष्मी गोस्वामी, मानवी चौधरी, मोहित के.एम. लोहकाना, नीरज कुमार, नीतू कुमारी, निकिता पाराशर, पुनीत सारस्वत, पुनीत कुमार, रेखा पाल, रूबी रावत, शिवानी यादव, सोमी वार्ष्णेय, तेजपाल सिंह, विधि शर्मा, विकेश चौधरी आदि शामिल हैं। यह ट्रेनिंग दो माह की होगी।
चयनित एचआर, फाइनेंस आदि के छात्र-छात्राएं अपनी-अपनी स्ट्रीम के अनुसार प्रशिक्षण हासिल कर अपने बौद्धिक कौशल में इजाफा करेंगे। 1970 से संचालित इस कम्पनी की जहां तक बात है यह इनवेस्टमेंट बैंकिंग कम्पनी है जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। मार्केटिंग के हर क्षेत्र में कम्पनी की अच्छी साख और पहचान है। उम्मीद है कि राजीव एकेडमी के विद्यार्थी कम्पनी की कार्यप्रणाली और डीलिंग का अध्ययन कर जरूर लाभान्वित होंगे।

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुंबई में 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री ने ठाणे बोरीवली ट्विन टनल परियोजना और गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड परियोजना में सुरंग कार्य का शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री ने नवी मुंबई में कल्याण यार्ड रीमॉडलिंग और गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल का शिलान्यास किया

उन्होंने लोकमान्य तिलक टर्मिनस में नए प्लेटफॉर्म और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 10 और 11 का विस्तार राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने लगभग 5600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना का शुभारंभ किया

“निवेशकों ने सरकार के तीसरे कार्यकाल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया है”

“मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र की शक्ति का उपयोग करके इसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति में बदलना है; मुंबई को दुनिया की फिनटेक राजधानी बनाएं”

“देश की जनता लगातार तेज विकास चाहती है, अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित बनाना चाहती है”

“बड़ी संख्या में कौशल विकास और रोजगार भारत की समय की मांग है”

“एनडीए सरकार के विकास का मॉडल वंचितों को वरीयता देने का रहा है”

“महाराष्ट्र ने भारत में सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रचार-प्रसार किया है”
Posted On: 13 JUL 2024 7:21PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के मुंबई में सड़क, रेलवे और बंदरगाह क्षेत्र से जुड़ी 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुंबई और आस-पास के क्षेत्रों के बीच सड़क और रेल संपर्क को बेहतर बनाने के लिए 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उन्हें समर्पित करने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाराष्ट्र के युवाओं के लिए एक बड़ी कौशल विकास परियोजना के बारे में भी बात की, जिससे राज्य में रोजगार के अवसरों को और बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने वधावन बंदरगाह के बारे में चर्चा की, जिसे हाल ही में केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा, “76,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना 10 लाख से अधिक रोजगार का सृजन करेगी।”

पिछले एक महीने में मुंबई में निवेशकों के मूड को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे और बड़े दोनों निवेशकों ने सरकार के तीसरे कार्यकाल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि स्थिर सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में तिगुनी गति से काम करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के पास एक गौरवशाली इतिहास, एक सशक्त वर्तमान और एक समृद्ध भविष्य के सपने हैं। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महाराष्ट्र राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उद्योग, कृषि और वित्त क्षेत्र की शक्ति के बारे में बताया, जिसने मुंबई को देश का वित्तीय केंद्र बनाया है। श्री मोदी ने कहा, “मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र की शक्ति का उपयोग करके इसे दुनिया की आर्थिक महाशक्ति में बदलना है; मुंबई को दुनिया की फिनटेक राजधानी बनाना है।” श्री मोदी ने महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज के शानदार किलों, कोंकण तटरेखा और सह्याद्री पर्वत श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए महाराष्ट्र के पर्यटन में शीर्ष स्थान हासिल करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने चिकित्सा पर्यटन और सम्मेलन पर्यटन में राज्य की क्षमता के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र भारत में विकास का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है और हम इसके सहयात्री हैं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि आज का कार्यक्रम ऐसे संकल्पों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता है।

21वीं सदी में भारतीय नागरिकों की उच्च आकांक्षाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगले 25 वर्षों में विकसित भारत के राष्ट्रीय संकल्प को दोहराया। उन्होंने इस यात्रा में मुंबई और महाराष्ट्र की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि मुंबई और महाराष्ट्र में सभी के लिए जीवन की गुणवत्ता बढ़े। हम मुंबई के आस-पास के इलाकों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने तटीय सड़क और अटल सेतु के पूरा होने का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लगभग 20 हजार वाहन रोजाना अटल सेतु का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे अनुमानित 20-25 लाख रुपये का ईंधन बच रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई में मेट्रो प्रणाली तेजी से विकसित हो रही है, क्योंकि मेट्रो लाइन की लंबाई एक दशक पहले के 8 किलोमीटर से बढ़कर आज 80 किलोमीटर हो गई है और 200 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क पर काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नागपुर स्टेशन के पुनर्विकास का जिक्र करते हुए कहा, “भारतीय रेलवे के बदलाव से मुंबई और महाराष्ट्र को बड़ा फायदा हो रहा है।” उन्होंने कहा, “आज छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और लोकमान्य तिलक स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म राष्ट्र को समर्पित किए गए, जिससे 24 कोच लंबी ट्रेनें वहां से चल सकेंगी।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई तीन गुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना प्रकृति और प्रगति का एक बेहतरीन उदाहरण है। ठाणे बोरीवली ट्विन टनल परियोजना से ठाणे और बोरीवली के बीच की दूरी कुछ मिनटों तक सीमित हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश के तीर्थ स्थलों को विकसित करने के साथ-साथ यात्रा को आसान बनाने और तीर्थयात्रियों के लिए सेवाओं का विस्तार करने के सरकार के प्रयास को दोहराया। उन्होंने कहा कि पंढरपुर वारी में लाखों तीर्थयात्री भाग ले रहे हैं और तीर्थयात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए लगभग 200 किलोमीटर लंबे संत ज्ञानेश्वर पालकी मार्ग और लगभग 110 किलोमीटर लंबे संत तुकाराम पालकी मार्ग के निर्माण के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि ये दोनों सड़कें जल्द ही चालू हो जाएंगी।

श्री मोदी ने कहा कि यह कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर्यटन, कृषि और उद्योग में मदद कर रहा है, रोजगार में सुधार कर रहा है और महिलाओं के लिए आराम की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार के ये कार्य गरीबों, किसानों, महिला शक्ति और युवा शक्ति को सशक्त बना रहे हैं।” उन्होंने 10 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने और मुख्यमंत्री युवा कार्यक्रम प्रशिक्षण योजना के तहत छात्रवृत्ति जैसी पहलों के लिए डबल इंजन सरकार की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कौशल विकास और बड़ी संख्या में रोजगार भारत में समय की जरूरत है।” उन्होंने कोविड महामारी के बावजूद पिछले 4-5 वर्षों में भारत में रिकॉर्ड रोजगार सृजन पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रोजगार पर हाल ही में जारी विस्तृत रिपोर्ट पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले 3-4 वर्षों में लगभग 8 करोड़ रोजगार के अवसर तैयार हुए हैं, जिससे आलोचकों का मुंह बंद हो गया है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से भारत के विकास के खिलाफ फैलाई जा रही झूठी कहानियों से सतर्क रहने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जब पुल बनते हैं, रेलवे ट्रैक बिछाए जाते हैं, सड़कें बनती हैं और लोकल ट्रेनें बनती हैं तो रोजगार पैदा होता है। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार की दर सीधे बुनियादी ढांचे के विकास के समानुपाती है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “एनडीए सरकार के विकास का मॉडल वंचितों को वरीयता देने का रहा है।” उन्होंने नई सरकार के पहले फैसले का जिक्र किया जिसमें गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने का फैसला किया गया। 4 करोड़ परिवारों को पहले ही घर मिल चुके हैं। महाराष्ट्र में लाखों दलितों और वंचितों को भी आवास योजना का लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “हम शहरों में रहने वाले गरीबों और मध्यम वर्ग दोनों के लिए घर के मालिक होने के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने रेहड़ी-पटरी वालों के जीवन में गरिमा बहाल करने में स्वनिधि योजना की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत लगभग 90 लाख ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें महाराष्ट्र में 13 लाख और मुंबई में 1.5 लाख शामिल हैं। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि इस योजना के परिणामस्वरूप इन विक्रेताओं की आय में 2 हजार रुपये मासिक की वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना की एक विशेषता पर प्रकाश डाला और देश के गरीबों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी वालों के आत्मसम्मान और शक्ति के बारे में बताया, जिन्होंने इस योजना के तहत बैंक ऋण लिया और समय पर उसका भुगतान भी किया। उन्होंने बताया कि स्वनिधि योजना के लाभार्थियों ने अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन किया है।

प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, अन्नाभाऊ साठे, लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर की विरासत के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “महाराष्ट्र ने भारत में सांस्कृतिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना का प्रचार-प्रसार किया है।” प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आगे बढ़ने और सामंजस्यपूर्ण समाज और मजबूत राष्ट्र के उनके दृष्टिकोण को पूरा करने का आह्वान किया। संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से यह ध्यान रखने का आग्रह किया कि समृद्धि का मार्ग सद्भाव और सौहार्द से ही निकलता है।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस और श्री अजीत पवार, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले के साथ-साथ अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने 16,600 करोड़ रुपये की लागत वाली ठाणे बोरीवली सुरंग परियोजना की आधारशिला रखी। ठाणे और बोरीवली के बीच यह ट्विन ट्यूब सुरंग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से गुजरेगी, जिससे बोरीवली की तरफ वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ठाणे की तरफ ठाणे घोड़बंदर रोड के बीच सीधा संपर्क कायम होगा। परियोजना की कुल लंबाई 11.8 किमी है। इससे ठाणे से बोरीवली की यात्रा 12 किमी कम हो जाएगी और यात्रा में लगने वाले समय में लगभग 1 घंटे की बचत होगी।

प्रधानमंत्री ने गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (जीएमएलआर) परियोजना में सुरंग निर्माण कार्य की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 6300 करोड़ रुपये से अधिक है। जीएमएलआर में गोरेगांव में पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे से मुलुंड में पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे तक सड़क संपर्क की परिकल्पना की गई है। जीएमएलआर की कुल लंबाई लगभग 6.65 किलोमीटर है और यह नवी मुंबई में नए प्रस्तावित हवाई अड्डे और पुणे मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ पश्चिमी उपनगरों के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने नवी मुंबई के तुर्भे में कल्याण यार्ड रीमॉडलिंग और गति शक्ति मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल की आधारशिला भी रखी। कल्याण यार्ड लंबी दूरी और उपनगरीय यातायात को अलग करने में मदद करेगा। रीमॉडलिंग से अधिक ट्रेनों को संभालने के लिए यार्ड की क्षमता बढ़ेगी, भीड़भाड़ कम होगी और ट्रेन संचालन की दक्षता में सुधार होगा। नवी मुंबई में गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल 32600 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनाया जाएगा। यह स्थानीय लोगों को रोजगार के अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा और सीमेंट और अन्य वस्तुओं को संभालने के लिए एक अतिरिक्त टर्मिनल के रूप में काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक टर्मिनस के नए प्लेटफॉर्म और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 और 11 के विस्तार को राष्ट्र को समर्पित किया। लोकमान्य तिलक टर्मिनस के नए लंबे प्लेटफॉर्म लंबी ट्रेनों को समायोजित कर सकते हैं, प्रति ट्रेन अधिक यात्रियों के लिए रास्ता बना सकते हैं और बढ़ते यातायात को संभालने के लिए स्टेशन की क्षमता में सुधार कर सकते हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 और 11 को कवर शेड और वॉशेबल एप्रन के साथ 382 मीटर तक बढ़ाया गया है। इससे ट्रेनों की संख्या 24 कोच तक बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने लगभग 5600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना का शुभारंभ किया। यह एक परिवर्तनकारी इंटर्नशिप कार्यक्रम है, जो 18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को कौशल संवर्धन और उद्योग में अनुभव के अवसर प्रदान करके युवाओं के बीच बेरोजगारी की समस्या का समाधान करता है।

ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भूमाफियाओं से जमीन बचाने की गुहार लगाई

ललिता कृष्ण के ब्याहबला लीला की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे को लेकर पंचायत हुई।

पंचायत के दौरान ग्रामीणों ने एकजुट होकर भूमाफियाओं के खिलाफ लामबंद हुए।

बरसाना नगर पंचायत सीमा क्षेत्र में स्थित ऊंचागांव में सुनहरा रोड के समीप ललिता कृष्ण ब्याहबला लीला स्थल है। भाद्रपद सुदी द्वादशी के दिन इस स्थान पर ब्याहबला लीला का आयोजन होता है। उक्त लीला स्थल के समीप फिसलनी शिला, छप्पन कटोरा, चित्र विचित्र शिला मौजूद है। ब्याहबला लीला स्थल के समीप खसरा नंबर 512 की तीन से चार बीघा बेशकीमती खाली जमीन पड़ी है। जिस पर प्राचीन पेड़ भी लगे हुए है। उक्त खाली जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा बाउंड्री वॉल किया जा रहा था। जिसकी सूचना ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने नगर पंचायत से शिकायत की। शुक्रवार को नगर पंचायत की टीम ने पुलिस बल के साथ अवैध निर्माण के कार्य को रूकवाया। शनिवार को ब्याहबला लीला स्थल पर पंचायत का आयोजन हुआ। पंचायत के दौरान ग्रामीण लीला स्थल की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर लामबंद नजर आए। पंचायत में बोलते हुए मान मंदिर के सचिव सुनील सिंह ने कहा कि बरसाना क्षेत्र में बढ़ती जमीनों की बेशकीमती के चलते भूमाफियाओं की निगाहें अब राधाकृष्ण के लीला स्थलों पर है। जो बर्दाश्त के बाहर है। उक्त प्रकरण को लेकर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र को अवगत करा दिया गया है। चेयरमैन प्रतिनिधि पदम फौजी ने कहा कि नगर पंचायत द्वारा एसडीएम गोवर्धन को उक्त जमीन की पेमाइस के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही उक्त जमीन पर तार फेंसिग कर उस जगह नगर पंचायत अपना बोर्ड लगा देंगी। पूर्व प्रधान जसराम ने कहा कि वर्षो से यह भूमि गांव समाज की थी। जिस पर कोई निर्माण नहीं हुआ। यह भूमि ब्याहबला लीला की भूमि है। पंचायत में ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्याम राज भट्ट, दिलीप महाराज, पूर्व प्रधान मान सिंह, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष रणवीर ठाकुर, सभासद विष्णु गुर्जर, राम सिंह, ग्यासी मास्टर, मनका पंडित, शिव चरन पंडित, किशन चौधरी, भीमा दादा, प्रभु राठिया, खेमा, चंदी, बल्ली, गुपाल, कुंभो, रमेश, हरदयाल, रामप्रसाद, सिया, सुंदर, लच्छी, मान सिंह, गुल्ली, रामधन, सीताराम रेवाड़ी, मुकेश, तिवारी, दीनू, राजेंद्र आदि मौजूद थे।

कोसीकलां स्टेशन पर बिना टिकट/अनाधिकृत यात्रा तथा ट्रेन में गंदगी फैलाने/धूम्रपान करने वालों के विरूद्ध चलाया गया विशेष किलाबंदी चेकिंग अभियान

मंडल रेल प्रबंधक आगरा  तेज प्रकाश अग्रवाल के निर्देशानुसार व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आगरा श्री अमित आनन्द के निर्देशन मे सहायक वाणिज्य प्रबंधक कोचिंग श्री वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में बिना टिकट यात्रियों की रोकथाम हेतु आज दिनांक-13.07.2024 को कोसीकलां स्टेशन से गुजरने वाली 12964, 04967, 04419, 14211, 18238, 12138, 11906 & 11841 गाड़ियों में में बिना टिकट यात्रा, अनियमित यात्रा, बिना बुक लगेज, गंदगी फ़ैलाने वालों के विरुद्ध कोसीकलां स्टेशन पर किलाबंदी जाँच की गई । जिसके परिणामस्वरूप जांच के दौरान 124 बिना टिकट यात्रियों से रु-41,170/-, अनाधिकृत यात्रा करने वाले 100 यात्रियों से रु0-37,790/- तथा 32 यात्रियों से गंदगी फैलाने/धूम्रपान करने के फलस्वरूप रु0- 3400/- सहित कुल 256 यात्रियों से रु0- 82,360/- का जुर्माना वसूल किया गया । 

जांच में श्री भूलेश पाण्डे मंडल वाणिज्य निरीक्षक/कोसीकलां, श्री रघुबर दयाल मुख्य टिकट निरीक्षक/सामान्य/मथुरा, श्री हेमंत अग्रवाल मुख्य टिकट निरीक्षक/मथुरा, श्री बलजीत सिंह मुख्य टिकट निरीक्षक एसटीएफ एवम अन्य टिकट जांच कर्मचारी मौजूद रहे ।
जनसंपर्क अधिकारी कु. प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की जांच मंडल में निरंतर कराई जा रही हैं। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि वह उचित यात्रा टिकट लेकर एवम निर्धारित सीमा से अधिक सामान को बुक कराकर ही यात्रा करे तथा रेल परिसर में गंदगी न फैलाए |

वीपीएस के बच्चों ने किया डाकघर का शैक्षिक भ्रमण

छात्र छात्राओं को दी डाकघर होने वाले कार्यों की जानकारी

-आधार कार्ड बनवाने व खाता खोलने के नियमों से भी कराया अवगत

वृंदावन। वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं को नगर निगम चौराहा स्थित मुख्य डाकघर का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। जहां पोस्ट मास्टर अश्वनी अग्रवाल व कैशियर पवन गौतम द्वारा बच्चों को पार्सल, पोस्ट कार्ड, डाक स्टाम्प, मनी आर्डर सभी सेवाओं की जानकारी दी व उपयोग का तरीका भी बताया। साथ ही टिकट संग्रह के बारे में भी बताया गया।
डाक सेवाओं की जानकारी के साथ बच्चों को आधार कार्ड बनवाने व खाता खोलने के नियमों से भी अवगत कराया गया। बच्चों ने अपने माता-पिता के नाम का संदेश लिखकर पोस्ट बॉक्स में डाला। पोस्ट ऑफिस की जानकारियों से अवगत होकर बच्चे बहुत खुश हुए।
इस मौके पर सपना शर्मा, शिवानी गोयल , शालू शर्मा, दिनेश प्याकुरेल मौजूद रहे।

के.डी. हॉस्पिटल में महिला ने दिया एक साथ तीनों बच्चों को जन्म, एनआईसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सक कर रहे नवजात शिशुओं की निगरानी

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में शुक्रवार का दिन कथियारा डींग रोड भरतपुर निवासी रामानंद के घर खुशियों की सौगात लेकर आया। महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल गर्ग की सूझबूझ से नि:संतानता का दंश झेल रही दुर्गेश (27) पत्नी रामानंद ने सामान्य तरीके से तीन नवजात शिशुओं (दो बेटे और एक बेटी) को जन्म दिया। समय से पहले सात माह में जन्मे तीनों शिशुओं को बचाने के लिए उन्हें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश जोशी की निगरानी में एनआईसीयू में रखा गया है।
चिकित्सकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम लगभग चार बजे कथियारा डींग रोड भरतपुर निवासी रामानंद अपनी पत्नी दुर्गेश को लेकर के.डी. हॉस्पिटल आया। महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल गर्ग की निगरानी में दुर्गेश ने लगभग पांच बजे सामान्य तरीके से तीन शिशुओं को जन्म दिया। ट्रिपलेट प्रेग्नेंसी में चूंकि एक शिशु की जान को हमेशा खतरा रहता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए तीनों शिशुओं को अत्याधुनिक एनआईसीयू यानि नवजात शिशु सघन चिकित्सा कक्ष में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।
महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल गर्ग ने बताया कि शुक्रवार को दुर्गेश ने तीन बच्चों को एक साथ जन्म दिया जिसमें दो बेटे और एक बेटी है। उनका कहना है कि लगभग 10 हजार प्रसव मामलों में किसी एक महिला को ट्रिपलेट प्रेग्नेंसी होती है। डॉ. गर्ग के मुताबिक सामान्य तरीके से हुए प्रसव के बाद मां दुर्गेश पूरी तरह स्वस्थ है लेकिन तीनों शिशुओं का वजन काफी कम होने के चलते उन्हें एनआईसीयू यानि नवजात शिशु सघन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। इन बच्चों की देखभाल विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लगातार कर रही है।
आपको बता दें कि एक ओर जहां प्रायः चिकित्सकों द्वारा महिलाओं का सीजर प्रसव कराना एक रिवाज बन गया है वहीं डॉ. पारुल गर्ग के प्रयासों से दुर्गेश ने बिना चीर-फाड़ के एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा तो पूरी तरह स्वस्थ है लेकिन बच्चों का वजन बहुत कम होने के चलते उन्हें वेंटीलेटर में रखा गया है। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा सुयोग्य टेक्नीशियनों के होने के चलते यहां हर तरह का उपचार सम्भव है। डॉ. दत्ता का कहना है कि फिलवक्त वेंटीलेटर और आर्टीफिशियल सर्फ़ेक्टेंट आदि की सहायता से तीनों नवजात शिशुओं की जीवन रक्षा की जा रही है।
एक साथ तीन बच्चों के पिता बनने पर खुशी जताते हुए रामानंद कहते हैं कि के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों के प्रयासों और सूझबूझ से जहां उनकी पत्नी की जान बची वहीं बच्चों की जिस तरह से देखरेख हो रही है, उससे वे भी शीघ्र स्वस्थ होंगे, इसमें संदेह नहीं। रामानंद ने हॉस्पिटल प्रबंधन तथा चिकित्सकों का आभार माना है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने चिकित्सकों की टीम को अच्छे सेवाभाव के लिए बधाई देते हुए कहा कि नवजात शिशुओं की पूरी तरह से निगरानी रखना तथा उनकी जीवन रक्षा बहुत जरूरी है।

आगरा कमिश्नर और डीएम का चेयरमैन प्रतिनिधि मनीष लंबरदार,सभासद अमित गोस्वामी ने किया गया स्वागत सम्मान

गोवर्धन मुड़िया पूर्णिमा मेला की तैयारियों को लेकर आगरा कमिश्नर और डीएम द्वारा सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।जिसमें गोवर्धन चेयरमैन प्रतिनिधि मनीष लंबरदार भी शामिल हुए।जिसमें मुड़िया पूर्णिमा मेला को लेकर नगर पंचायत द्वारा की गई तेयारियो को लेकर जानकारी दी गई।तो वहीं गोवर्धन चेयरमैन प्रतिनिधि मनीष लंबरदार और सभासद अमित गोस्वामी द्वारा आगरा कमिश्नर ऋतु माहेश्वरी और डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह को गिरिराज महाराज की छवि देकर स्वागत सम्मान किया गया। वही मौजूद सभासद,ब्रजों मेम्बर,धर्मेंद्र सभासद,माधव सभासद,अमित गोस्वामी,संजय लवानिया,रिंकू ठाकुर,चंद्रभान चौधरी आदि मौजूद रहे

रिपोर्टर,राजेश लवानिया

सिर्फ एक बंदर ने पूरे शहर का जीना हराम कर दिया

मथुरा। बात लगभग साढ़े चार दशक पुरानीं है जब मात्र एक बंदर ने पूरे शहर के लोगों की रातों की नींद और दिन का चैन छीन लिया। इस खतरनाक बंदर के उपद्रव से न सिर्फ यहां के वासिन्दों का जीना हराम हो गया बल्कि पूरी पुलिस और प्रशासन की नाक में दम हो गई। सारे राज काज प्रभावित होने लगे तथा पुलिस वाले इस बंदर के चक्कर में चारों और लाठियां फटकारते फिरते थे। इस शैतान बंदर का आतंक शायद एक महीने से भी ज्यादा चला।
     ऐसा लगता था कि वह बंदर सामान्य बंदर न होकर अद्भुत आसुरी शक्ति धारण किए हुए कोई बबाल था। उस बंदर का रंग सामान्य बंदरों की अपेक्षा कुछ कालेपन पर था और आकार भी थोड़ा बड़ा था। वह दिन के बजाय रात में लोगों पर हमला करके बुरी तरह काट खाता था। वह धूर्त बंदर अक्सर कर महिलाओं को अपना शिकार अधिक बनाता था। महिलाओं के साथ अभद्रता करने की काफी शिकायतें भी प्रकाश में आई।
     बंदर का आतंक पूरे शहर में ऐसा जबरदस्त था कि लोग रात्रि में घरों के अंदर दुबके रहते और भयंकर गर्मी होते हुए भी छतों के बजाय अंदर सोते तथा जो लोग छतों पर सोते भी थे वह बड़े-बड़े बल्ब जलाकर सोते या पास में लालटेन अथवा टॉर्च व लाठी रखे रहते थे।
     जैसे ही बंदर के आने की आहट होती तुरंत छतों पर हल्ला मच जाता कि आयौ बंदर आयौ बंदर और यह आवाज एक छत से दूसरी और दूसरी से अन्य छतों से होती हुई पूरे मुहल्ले और फिर मुहल्ले से शहर भर में पूरी रात गूंजने लगती। आगे चलकर आयौ बंदर आयौ बंदर की आवाज ने शार्ट रूप ले लिया तथा आयौ आयौ का हल्ला मचने लगा। कुछ शरारती तत्वों को इसमें खूब मजा आता कभी-कभी वह बगैर बंदर के आये ही हल्ला मचाने लगते और फिर छतों पर सोने वाले अपने कमरों में भागते या फिर लाठी डंडे फटकारते। फिर तो अब आयौ आयौ का ऐसा फैशन चल निकला कि दिन में भी छतों या गलियों में यह आवाजें गूंजती रहती।
     पुलिस बाजारों गलियों और मुहल्लों में आयौ आयौ की आवाज लगाने वाले उत्पाती तत्वों पर लाठियां भांजने लगी। बहुत से लोग छतों पर पहुंचकर पुलिस वालों को चिढ़ाने के लिए और भी अधिक जोर से आवाजें लगाते थे। यह ऊधम चौबिया पाड़ा क्षेत्र में कुछ अधिक होता था। संपूर्ण शहर में चारों ओर यही चर्चा होती रहती थी। एक नहीं दो नहीं दर्जन दो दर्जन नहीं बल्कि सैकड़ों महिलाएं व पुरुष उस बंदर ने बुरी तरह घायल कर डाले। इस शैतान ने कभी-कभी तो लोगों को ठौर कुठौर भी काट खाया।
     जैसे जैसे समय निकलता गया वैसे वैसे इस आतंकवादी बंदर का खौफ बढ़ता गया पहले शहर में और फिर धीरे धीरे अन्य शहरों में भी यह बात फैल गई तथा स्थानींय समाचार पत्रों के अलावा राष्ट्रीय स्तर तक के अखबारों में यह खबर रोचकता के साथ छपने लगी। इसके बाद शासन द्वारा प्रशासन को इस बंदर को पकड़वाने के लिए निर्देश दिए प्रशासन ने भी बंदर पकड़ने वालों को बुलवाया किंतु हाथ खाली क्योंकि बंदर हाथ नहीं आता और उसके चक्कर में साधारण बंदर पकड़े जाते। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि दिन हो या रात किसी को भी कोई बंदर दिखाई दे जाय तो तुरंत ईट पत्थरों की वर्षा होने लगती। परिणाम स्वरूप साधारण बंदरों का जीना भी हराम हो गया।
     उन दिनों मेरी पत्रकारिता का शुरुआती दौर था। उस समय लोकल में नंबर एक पर अमर उजाला ही चलता था तथा दूसरे नंबर पर सैनिक था। सैनिक की प्रसार संख्या अमर उजाला की तुलना में काफी कम थी। क्योंकि रेल के पुल पर गैलरी बनवाने की मुहिम के चक्कर में मेरी अखबार वालों से अच्छी रैट पैट हो चुकी थी। मैं अमर उजाला के जिला प्रतिनिधि श्री कांति चंद्र अग्रवाल तथा सैनिक के जिला प्रतिनिधि श्री नरेंद्र मित्र जी का समाचार संकलन में शौकिया सहयोग करता था वह भी मेरी लगन से बड़े प्रभावित रहते और जो कुछ मैटर में लाकर देता उसे तुरंत छाप देते थे।
     मुझे जैसे ही भनक मिलती कि फलां जगह फलां व्यक्ति को बंदर ने काट लिया है मैं तुरंत साइकिल से वहां पहुंच जाता व समाचार संकलित करके कांति चंद्र जी व मित्र जी को दे देता और वे प्रमुखता से छाप देते लेकिन लोकल अखबारों की देखा देखी राष्ट्रीय अखबारों में भी बंदर की खबरें छपने लगीं। पुलिस बजाय रूटीन के कामों को देखने के बंदर के चक्कर में भागी दौड़ी फिरती थी। अंत में पुलिस ने कह दिया कि कोई बंदर नहीं है यह तो सिर्फ अफवाह है। उस समय जिलाधिकारी बीडी माहेश्वरी थे उन्होंने अखबार वालों से संपर्क किया तथा बंदर की खबरों को न छापने का अनुरोध किया किंतु मैंने तो बंदर डिपार्टमेंट पूरी तरह संभाल रखा था भला मैं कहां मानने वाला था। अतः मैंने अपनी सक्रियता में कोई कमी नहीं आने दी तथा नाम पते व कहां इलाज चल रहा है यानी कि कौन से अस्पताल में भर्ती है या किस डॉक्टर से उपचार कराया यह सब विवरण एकत्र करके देता रहा और अमर उजाला व सैनिक में समाचार छपते रहे।
     इससे पूरा प्रशासन व पुलिस वाले और भी अधिक परेशान होने लगे अतः जिला अधिकारी बीडी महेश्वर ने पत्रकार वार्ता बुलाई और बुरी तरह झल्लाये। उन्होंने कांति चंद जी को अप्रत्यक्ष रूप से एक इंगित करते हुए कटाक्ष किया कि जो बंदर की खबरें छापते हैं वे खुद ही बंदर होते हैं। पत्रकार वार्ता से लौटकर कांति चंद्र जी ने मुझे यह बात बताई फिर तो मुझे बड़ा क्रोध आया क्योंकि कांति चंद्र जी बहुत ही सज्जन और देव तुल्य व्यक्ति थे तथा मित्र जी और कांति चंद्र जी पत्रकारिता के मेरे गुरु भी थे।
     उसी दिन बिल्ली के भागों छींका टूटा यानीं कि सदर बाजार क्षेत्र के एक दरोगा की पत्नी को बंदर ने बुरी तरह घायल कर दिया। जैसे ही मुझे भनक लगी तुरंत साइकिल लेकर भागा तथा दरोगा की पत्नी किस अस्पताल में किस बैड पर भर्ती हैं और दरोगा व उनकी पत्नी द्वारा दिए गये बयान के साथ पूरा समाचार बड़ी रोचकता के साथ अमर उजाला व सैनिक में छपवा दिया। इसके बाद तो फिर दो बंदरों का आतंक मच गया एक बंदर पूंछ वाला था और दूसरा बगैर पूंछ का।
     पूंछ वाला बंदर वारदातों को अंजाम देता और बगैर पूंछ वाला बंदर इन वारदातों को हाईलाइट करता था। अब तो और भी हड़कंप मच गया। उस समय सीओ सिटी केडी दीक्षित तथा कोतवाल व्यास देव श्रोत्रिय थे। ये लोग मुझसे बड़ा स्नेह मानते थे क्योंकि इन्होंने पुल पर पैदल रास्ता बनवाने के दौरान मेरी लगन या यौं कहिए कि सनक देखी थी। केडी दीक्षित और व्यास देव श्रोत्रिय हमारे घर पर आए तथा बोले कि विजय बाबू अब इस तमाशे को कैसे भी खत्म कराओ क्योंकि इस बंदर के चक्कर में हम लोगों की नाक में दम हो रही है।
     मैंने केडी दीक्षित से कहा कि अंकल आप के डीएम साहब दो कांति चंद्र जी के लिए इस प्रकार की भाषा बोल रहे थे क्या ये उचित है? इस पर वे बोले कि भाई वे दोनों तो बड़े हैं और तुम बच्चे हो तुम तो बच्चे ही बने रहो क्योंकि बच्चों को बड़ों की बातों में नहीं पड़ना चाहिए आदि आदि कहकर हुए मुझे बैलाने व पुचकारने लगे। बंदर का यह प्रकरण कुछ ही दिन और चला उसके बाद कृष्णापुरी स्थित ब्लैक स्टोन स्कूल में वह बंदर गोली से मारा गया।
     बंदर के मरने की सूचना कांति चंद्र जी को जैसे ही मिली उन्होंने मुझे वहां भेजा। मैंने देखा कि वह बंदर सामान्य बंदरों से कुछ अधिक बड़े आकार का था तथा उसका रंग कुछ कालेपन पर था। वह बंदर स्कूल के हॉस्टल के अंदर घुस कर रात्रि में शिक्षिकाओं पर हमला कर रहा था तभी एक कर्मचारी ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से उस पर गोली मार दी। जब मैं ब्लैक स्टोन स्कूल पहुंचा तो वहां के इंचार्ज ने सभी शिक्षिकाओं व स्टाफ को बुलवाकर उनकी आपबीती सुनवाई जो हैरान करने वाली थी उनके द्वारा दबी जुबान से बताई गई बातों से ऐसा महसूस हुआ कि वह हनुमान जी की सेना वाला सामान्य बंदर न होकर राक्षसी प्रवृत्ति का कोई अद्भुत बंदर था।

विजय गुप्ता की कलम से

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को कॉन्टिनुआ कंपनी ने दी नौकरी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज में बैचलर आफ फिजियोथैरिपी के विद्यार्थियों का कॉन्टिनुआ कंपनी (बच्चों का न्यूरोथैरेपी सेंटर) ने अपने यहां नौकरी के लिए चयन किया है। संस्कृति विवि प्रशासन ने विद्यार्थियों के इस चयन पर उन्हें बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
संस्कृति विवि के प्लेसमेंट सेल ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉन्टिनुआ (विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों में न्यूरो थेरेपी का केंद्र)_ बहु-विषयक दृष्टिकोण वाला एक केंद्र है जिसमें विभिन्न प्रकार की न्यूरोलॉजिकल समस्याओं वाले रोगियों के प्रबंधन के लिए आवश्यक सभी उप-विशिष्टताएं हैं। कान्टिनुआ सेंटर में सेरेब्रल पाल्सी, ऑटिज़्म, ध्यान घाटे की सक्रियता विकार, सीखने की अक्षमता, डाउन सिंड्रोम, विभिन्न न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी, विकासात्मक देरी सहित दिक्कतों का निदान किया जाता है। कंपनी का उद्देश्य किफायती लागत पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक अधिक पहुंच प्रदान करना है जिसके लिए प्रभावी ढंग से काम किया जाता है। यह केंद्र अंतर्राष्ट्रीय रोगी प्रोटोकॉल के अनुरूप रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करता है, जिससे सेवा और देखभाल के नए मानक स्थापित होते हैं। कंपनी की टैगलाइन है “सोशल इक्वलाइज़र” जिसके तहत कंपनी का मानना है एक ही ईश्वर के सभी बच्चे अपनी सर्वश्रेष्ठ अद्वितीय क्षमताओं के साथ प्रदर्शन करें। वर्तमान में उत्तर भारत में हमारे 22 केंद्र हैं।
कंपनी द्वारा संस्कृति विश्वविद्यालय के बीपीटी के छात्र विकास कुमार, छात्रा सिद्धी कुमारी, ज्योति परिहार, सिमरन गुप्ता और श्वेता कौशिक को अपने यहां नौकरी दी गई है। विद्यार्थियो के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें बधाई देते हुए पूरे मनोयोग से काम करने की सलाह दी गई है।