Wednesday, December 31, 2025
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03 बाल श्रमिक खतरनाक प्रक्रिया में काम करते हुए पाए गए।

सेवायोजकों के विरुद्ध मौके पर ही नोटिस जारी किया गया।

मथुरा 26 जून/ शासन तथा एनसीपीसीआर के निर्देश पर जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह एवं मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना के निर्देशन में सहायक श्रमायुक्त एम.एल.पाल के निर्देश पर कलेक्ट्रेट से औरंगाबाद रोड टाउनशिप पर दिनांक 26/06/2024 को बाल श्रम उन्मूलन अभियान चलाया गया, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें 03 बाल श्रमिक खतरनाक प्रक्रिया में काम करते हुए पाए गए। इनके सेवायोजकों के विरुद्ध मौके पर ही नोटिस जारी किया गया। मौके पर बच्चो का वैध आयु प्रमाण पत्र न होने पर आयु निर्धारण हेतु सी.एम.ओ के सामने प्रस्तुत किया गया। आयु निर्धारण के उपरांत उन्हें सुरक्षा व संरक्षा हेतु सी.डबल्यू.सी के अध्यक्ष श्री राजेश दीक्षित जी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। टीम में प्रमुख रूप से श्रम प्रवर्तन अधिकारी एस.पी. पांडेय, श्रीमती नीलम, प्रभारी एएचटीयू कर्मवीर सिंह, चाइल्ड लाइन से विरेंद्र, कांस्टेबल योगेश एवं महिला कांस्टेबल प्रियंका एवं नेहा तथा स्थानीय पुलिस फोर्स उपस्थिति रही।14 वर्ष से कम उम्र के बच्चो से कार्य करने पर कानून रुपए 50000 तक जुर्माने अथवा 3 साल तक जेल अथवा दोनो सजा का प्राविधान है।

राजीव एकेडमी के एमसीए विद्याथियों को मिला उच्च पैकेज पर जॉब, प्रसिद्ध वेब डिजाइन कम्पनी में मिले अवसर से खुशी की लहर

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के मेधावी छात्र-छात्राएं लगातार राष्ट्रीय तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में अपनी बौद्धिक क्षमता से उच्च पैकेज पर जॉब हासिल कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। हाल ही में यहां के तीन एमसीए के विद्यार्थियों को प्रसिद्ध वेब डिजाइन कम्पनी ने उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर प्रदान किया है। प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कम्पनी में मिले जॉब से तीनों विद्यार्थी खुश हैं।
ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि विगत दिवस वेब डिजाइन कम्पनी एक्सीलेंस टेक्नोलॉजीज के पदाधिकारियों ने राजीव एकेडमी के एमसीए छात्र-छात्राओं का आईक्यू टेस्ट लेने के बाद उनका साक्षात्कार लिया, उसके बाद मेरिट के आधार पर शेख साहिल, सुरभि अग्रवाल तथा शिकांतो मण्डल को उच्च पैकेज पर आफर लेटर प्रदान किए गए।
चयनित विद्यार्थियों को आफर लेटर देने से पहले कम्पनी पदाधिकारियों ने वेब डिजाइन कम्पनी एक्सीलेंस टेक्नोलॉजीज के कामकाज से अवगत कराया। अधिकारियों ने विद्यार्थियों को बताया कि यह सर्वश्रेष्ठ मोबाइल और वेब एप्लिकेशन डेवलपमेंट कम्पनी है। यह दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ ई-कॉमर्स वेबसाइटों और मोबाइल ऐप विकास के लिए जानी जाती है। यह कम्पनी आईफोन और एण्ड्रायड फोन ऐप भी प्रदान करती है। कम्पनी में पी.एच.पी. डिवेलपर, एम.वाई.एस.क्यू.एल., सी.एस.एस., एच.टी.एम.एल. और जे-क्वैरी के जानकारों को उच्च पैकेज पर जॉब प्रदान किया जाता है। कम्पनी का संचालन 2009 से जारी है तथा इसका मुख्यालय नोएडा में है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में सॉफ्टवेयर कम्पनियों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है, यह लगभग ऐसा है जैसे सॉफ्टवेयर व्यवसाय में क्रांति आ गई हो। सच तो यह है कि भारत दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर स्टार्टअप इकोसिस्टम है। इस क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान रखने वाले युवाओं को जॉब के अवसरों की कोई कमी नहीं है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने चयनित विद्याथियों को बधाई देते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर कम्पनी से करियर की शुरुआत अच्छा प्लेटफार्म कहा जा सकता है। डॉ. सक्सेना ने कहा कि आज के समय में हर व्यवसाय तकनीक और उसकी सेवाओं से जुड़ा हुआ है लिहाजा इस क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे लगन और मेहनत से इस क्षेत्र में बहुत आगे पहुंच सकते हैं।

भारतीय श्रीविद्या परिषद के बैनर तले प्रधानाचार्य बैठक का हुआ आयोजन

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में भारतीय श्री विद्या परिषद उत्तर प्रदेश के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक 26 से 27 जून 2024 तक आयोजित की जा रही है।
इस शिविर में प्रांतीय संगठन मंत्री हरिशंकर, श्री विद्या परिषद मंत्री डॉ विद्योत्तमा सिंह, विद्या भारती परिषद की अध्यक्ष कविता त्यागी व विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर अंजू सूद ने मां सरस्वती के चित्रपट के समक्ष की दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन सत्र का प्रारंभ किया।
जिसमें विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराते हुए प्रधानाचार्य योजना बैठक के मूल उद्देश्य के बारे में बताया। उद्घाटन सत्र में हरिशंकर ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध श्री विद्या परिषद के कार्यरत प्रधानाचार्यों को उनके दायित्व से अवगत कराया व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वन, सत्र 2024 – 25 की आगामी कार्य योजना पर विचार विमर्श किया। साथ ही तकनीकि विषय की पढ़ाई नवाचार से, अभिभावक वृंद को विद्या भारती की कार्य योजना व उसका सार समझाना। सभी प्रधानाचार्यों को वर्तमान तथा भविष्य की चुनौतियों के लिए मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार करने का मूल मंत्र प्रदान किया। इसमें अलग-अलग स्कूलों के नवनियुक्त प्रधानाचार्यों का परिचय कराया गया।
इस शिविर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबद्ध श्री विद्या परिषद उत्तर प्रदेश के ब्रज प्रांत, मेरठ प्रांत के प्रधानाचार्य शामिल हुए।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, उमेश चंद्र शर्मा, बाँके बिहारी शर्मा, महेश अग्रवाल, मयंक मृणाल आदि ने इस बैठक की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के अंतर्गत थाना वृन्दावन पुलिस टीम ने परमेश्वरी देवी धानिका सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल में चौपाल लगाकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया

अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन, आगरा महोदया द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के अंतर्गत श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा के निर्देंशन में आज दिनांक 26.06.2024 को थाना वृन्दावन पुलिस टीम द्वारा परमेश्वरी देवी धानिका सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल में चौपाल लगाकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया जा रहा है तथा शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है।

☑️ पुलिस टीम द्वारा गाँव-गाँव जाकर महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा हेतु चौपाल लगाकर महिलाओं/बालिकाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों एवं उनके उत्पीड़न की रोकथाम हेतु समस्त थानों पर ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के तहत थानों पर गठित महिला सुरक्षा दल व ऑपरेशन जागृति टीम द्वारा थाना क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों यथा- प्रमुख चौराहों/कस्बों/प्रमुख बाजारों/मन्दिरों/शिवालयों/शॉपिंग मॉल आदि के आस-पास गश्त/चेकिंग करते हुए महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा के लिये जागरुक किया जा रहा है ।
☑️ महिला बीट पुलिस अधिकारी द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र अन्तर्गत गांवों, कस्बों एवं सार्वजनिक स्थानों तथा मिशन शक्ति कक्ष में चौपाल लगाकर बालिकाओं/महिलाओं को उच्चाधिकारियों के नम्बर्स व नारी सुरक्षा/मिशन शक्ति अभियान के तहत हेल्प लाइन नम्बर वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, पुलिस आपातकालीन सेवा 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, स्वास्थ्य सेवा 102, एम्बुलेंस सेवा 108 व साइबर हेल्पलाइन 1930 आदि के बारें में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है।
☑️ महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व झूठे मुकदमे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया ।

जब जिला जज ने मुझे जेल भिजवाने की ठानीं

मथुरा। बात सन १९८६ की है। उन दिनों मैं दैनिक विकासशील भारत का मथुरा संवाददाता था। मैंने एक समाचार छापा जिसका शीर्षक था “साक्षात्कार में हेरा फेरी” यह समाचार जिला न्यायालय में चतुर्थ श्रेणीं कर्मचारियों की भर्ती से सम्बंधित था। उक्त साक्षात्कार स्वयं जिला जज की मौजूदगी में हुआ। समाचार में लिखा था कि न्यायालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पन्द्रह सोलह  पोस्टों के लिए पन्द्रह सौ आवेदकों को बुलाया गया। साक्षात्कार एवं लिखित परीक्षा के मध्य चहेतों के प्रति नरमी एवं अलग से बुलाकर बन्द कमरे में बातचीत व गुप्त लेनदेन का समझौता किया गया तथा योग्य व्यक्तियों की उपेक्षा की गई।
     इस समाचार के छपते ही तत्कालीन जिला जज श्री बी.एन. पांडे भड़क उठे और उन्होंने मुझे पत्र लिखकर कहा कि यह समाचार गैर जिम्मेदाराना आधारहीन व न्यायालय की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने वाला है। उन्होंने लिखा कि समाचार की सत्यता से सम्बंधित यदि कोई साक्ष्य हो तो उसे दिनांक २३-६-८६ को प्रातः १० बजे मेरे विश्राम कक्ष में अवश्य प्रस्तुत करने का कष्ट करें यानीं कि उन्होंने मुझे तलब कर लिया।
     मैं निर्धारित दिवस पर ठीक १० बजे उनके विश्राम कक्ष में पहुंच गया। वहां पर पहुंचते ही जज साहब मुझसे बोले कि “अच्छा आप ही हैं विजय कुमार गुप्ता” मैंने कहा “हां जज साहब मैं ही हूं”। इसके पश्चात जज साहब ने पुनः कहा कि “विजय कुमार जी आजकल तो पत्रकारिता बड़ी पीली हो गई है” मैंने कहा “हां जज साहब आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं पूरा का पूरा वायु मण्डल ही पीला हो चुका है और इस पीलेपन से आपकी न्यायपालिका भी अछूती नहीं है। मेरा इतना कहते ही जज साहब जो क्षण भर पूर्व वे तकल्लुफ होकर बड़े इत्मीनान से बोल रहे थे, उनके चेहरे के भाव बदल गए और बात चली थी सिर्फ पीलेपन की किंतु स्वयं जज साहब तो पीले के साथ लाल और हो गए यानीं कि लाल पीले हो उठे। उनकी भृकुटी तन गई और चेहरा क्रोध से तमतमाने लगा।
     इसके पश्चात मैंने उनसे कहा कि आपने मुझे बुलाया बताइये क्या आदेश है? उन्होंने कहा कि यह समाचार आपने छापा? मैंने कहा कि हां जज साहब। इस पर वे बोले कि न्यायपालिका पर आपने जो गंभीर आरोप लगाए हैं उनका कोई प्रमाण है? मैंने कहा कि बगैर पुष्टि किए हमने समाचार नहीं छापा है। तो वे बोले कि क्या प्रमाण है? जो भी प्रमाण हो उसे मेरे समक्ष प्रस्तुत करो। मैंने कहा कि जज साहब मैं समाचार का स्रोत बताने को बाध्य नहीं हूं। यह हमारी पत्रकारिता का नियम है। हां आप मुझे लिखकर दे दीजिए इसका खंडन, में उसे छाप दूंगा। इस पर उन्होंने दो टूक मना कर दिया। फिर मैंने कहा कि चलो लिखित मत दो मुंह जवानी ही बता दीजिए मैं उसे ही छाप दूंगा।
     जज साहब बहुत गुस्से में थे, उन्होंने मुझसे कहा कि न मुझे लिखकर कुछ देना और ना ही मुंह जवानी कुछ कहना अब मुझे कुछ नहीं छपवाना, मैंने कहा ठीक है जज साहब अब मैं इजाजत लेता हूं। इसके पश्चात मैं वहां से चला आया। एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि उस समय जज साहब वी.एन. पांडे जी के पास निर्विकार गुप्ता एडवोकेट भी बैठे थे। निर्विकार गुप्ता का उसके एक-दो दिन पहले ही जिला जज के लिए सलेक्शन हुआ था। निर्विकार जी मंडी रामदास वाले श्री जगदीश प्रसाद गर्ग एडवोकेट जो सरकारी वकील माधव शरण अग्रवाल के पिताजी थे, के जूनियर थे और हमारे पिताजी के सभी जमीन जायदादों के मुकदमे बाबू जगदीश प्रसाद ही देखते थे। जगदीश बाबू ने हमारे पिताजी की जमीन जायदादों के मुकदमों की पैरवी के लिए निर्विकार जी को नियुक्त कर रखा था यानीं कि निर्विकार जी से पिताजी का अच्छा संपर्क था और वे भी पिताजी को बहुत मानते थे।
     मैंने घर आकर पिताजी को सारा किस्सा बताया। इसके पश्चात पिताजी ने हमारे सबसे बड़े भाई साहब प्रमोद कुमार जी को सांय काल निर्विकार गुप्ता के घर भेजा। भाई साहब जब लौट कर आये तो वे बहुत घबराए हुए थे। उन्होंने साइकिल को घर की देहरी पर फाटक से टिकाया। संयोग से मैं भी दरवाजे पर ही खड़ा था। मैंने उनसे पूंछा कि क्या बात हुई? उन्होंने बेहद घबराई हुई आवाज में कहा कि जिला जज तेरे ऊपर बहुत क्रोधित हैं और वह तुझे जेल भिजवाये बगैर नहीं छोड़ेंगे। मैं एकदम हक्का-बक्का सा रह गया और मेरे मुंह से निकला कि ऐसी की तैसी मुझे जेल भिजवाने वाले की। मैं भी देखता हूं कि कौन मुझे जेल भिजवाता है? अर्थात मेरे ऊपर भी लाल पीलेपन का असर आ गया।
     भाई साहब ने पिताजी को बताया कि निर्विकार गुप्ता को भी इसका यानी मेरा व्यवहार ठीक नहीं लगा। उन्होंने कहा कि तुम्हारे भाई ने जज साहब की मर्यादा और बुजुर्गियत का भी ध्यान नहीं रखा और जिस प्रकार का जवाब दिया वह बहुत अनुचित और जिला जज की गरिमा के प्रतिकूल था। अतः जज साहब का कुपित होना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि यह कोई प्रमाण दे नहीं पायेगा और जज साहब अब इसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर जेल भिजवाऐ बगैर छोड़ेंगे नहीं तथा यहां से वह इसकी जमानत भी नहीं लेंगे और हाईकोर्ट में लम्बी हड़ताल चल रही है अतः अब फिर यह आसानी से बाहर भी नहीं आ सकेगा। हालांकि निर्विकार जी की बात तो सही थी कि मुझे जज साहब की गरिमा और उम्र का भी ध्यान रखना चाहिए था किंतु नई-नई पत्रकारिता का नशा और जवानी के जोश में स्वत: ही मेरे मुंह से ऐसे शब्द निकल गये जो अमर्यादित थे।  
     इसके पश्चात मैंने इस सब प्रकरण को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के साथी मूर्धन्य पत्रकार श्री नरेन्द्र मित्र जी को बताया जो हर समय मेरे कवच बनकर रहते थे तथा मुझे जबरदस्ती पत्रकार बनाने में भी उन्हीं की भूमिका थी। मित्र जी की सलाह पर सबसे पहले मैंने जिला जज की ओर से (अपने कानूनी बचाव हेतु) एक छोटा सा खंडन छापा कि जिला जज ने “साक्षात्कार में हेराफेरी” समाचार का प्रतिवाद करते हुए कहा कि यह समाचार गलत है। साक्षात्कार में कोई हेराफेरी नहीं हुई है। सारी प्रक्रियाएं नियमानुसार हुई हैं। दूसरे दिन इस खंडन के छपते ही उसकी एक प्रति जिला जज की अदालत में पेशकार के पास जमा भी करा दी।
     इसके दूसरे दिन मुझे जिला जज का एक और कठोर पत्र मिला जिसमें उन्होंने लिखा कि आप मुझसे मिले। मैं आपकी बात से संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने मुझे चेतावनी देते हुए लिखा कि आप तत्काल अपनी ओर से समाचार का खंडन प्रकाशित करते हुए खेद प्रकाश करें। उन्होंने आगे लिखा कि अन्तत: आपको कानूनी कार्यवाही के दौरान समाचार का प्रमाण देना ही होगा। जज साहब ने मुझे अपनी ओर से समाचार का खंडन व क्षमा याचना छापने हेतु मात्र तीन दिन का समय दिया।
     अब फिर इसके बाद तो मेरे ऊपर पागलपन का भूत सवार हो गया। मैंने अभ्यर्थियों के घर जा जाकर उनसे लिखित शिकायतें लीं तथा उन्हें रोजाना छापना शुरू कर दिया। कुछ वकीलों राजनैतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों को भी साथ लिया तथा एक दिन न्यायाधिकारियों के विरुद्ध कचहरी पर प्रदर्शन करा दिया। उस प्रदर्शन में श्री नरेन्द्र मित्र जी के अलावा वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी आचार्य वनमाली भारद्वाज हर स्वरूप त्रिपाठी एडवोकेट पत्रकार मदन मोहन मानव कवि एवं साहित्यकार उमराव विवेक निधि आदि काफी लोग मौजूद थे।
     प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां लगी हुई थी जिनमें कुछ नारे लिखे हुए थे “भोजन दो और काम कराओ, अधिकारों से मत इतराओ, नौकरी के लिए शर्त गटर में पानीं डाल सकते हो, मीट बना सकते हो, बच्चे खिला सकते हो तथा कपड़े धो सकते हो, न्याय नहीं तो अपराध बढ़ेगा, छोटा बड़ा इंसान लड़ेगा व जिसका पैसा उसका काम वर्ना होगी नींद हराम आदि आदि। दरअसल बात यह थी कि अभ्यर्थियों से जो प्रश्न पूछे गए थे उनमें अधिकांश यह भी थे जो तख्तियों पर लिखे नारों में थे।
     जब हम सभी लोग प्रदर्शन को जा रहे थे तो कचहरी पर तत्कालीन विधायक सरदार सिंह मिल गये उन्होंने पूंछा कि क्या मामला है भाई? इस पर हम लोगों ने पूरी बात बताई तथा कहा कि जजों के विरुद्ध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इस पर वे हक्के बक्के से रह गए तथा अपना माथा ठोकते हुए बोले कि “पागल तो नहीं हो गए कहीं जजों के विरुद्ध प्रदर्शन होता है क्या? सच बात यह थी कि हम लोगों पर तो उस समय पागलपन का ही जुनून सवार था।
     इसके बाद हम सभी जिला जज वी.एन. पांडे से मिलने गये उनके न मिलने पर उस ज्ञापन को जिलाधिकारी को देकर चले आऐ बात यहीं समाप्त नहीं हुई। अब तो मेरे ऊपर पागलपन का दौरा पड़ने लगा। यानीं कि रोजाना न्यायाधिकारीयों के खिलाफ समाचार छापने और उस अखबार की प्रति हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजनीं। यही नहीं अपने फोटोग्राफर विशन कान्त मिलिन्द को लेकर अदालतों की खाक छानता फिरता था। एक दिन एक जोरदार मामला हाथ में आ गया यानीं कि एक व्यक्ति की जमानत हुई किंतु रिहाई बजाय उसके उसी नाम के दूसरे व्यक्ति की हो गई।
     बस फिर क्या था दूसरे दिन ही २९ जून ८६ के विकासशील भारत में मेरे नाम से समाचार छपा कि “किसी की जमानत किसी की रिहाई” और उस समाचार में पूरा ब्यौरा देते हुए लिखा कि जिला जज की अदालत से जिस इलियास नामक व्यक्ति की जमानत हुई थी वह तो अभी भी जेल में है और उसी नाम के दूसरे व्यक्ति की रिहाई कर दी गई। समाचार में लिखा कि जहां दफा ३०७ जैसे संगीन मामले में ऐसी लापरवाहियां बरती जा रही हों तो फिर छोटे-मोटे मामलों में क्या होता होगा?
     यह सब सिलसिला चल ही रहा था कि एक दिन बिल्ली के भागों छींका टूट पड़ा अर्थात मेरी लॉटरी फल गई और एक ऐसा जबरदस्त मामला हाथ में आ गया कि भूतो न भविष्यति यानीं कि पूरे जनपद न्यायालय में भूचाल आ गया न सिर्फ न्यायालयों बल्कि इस कांड की पूरे जनपद भर बल्कि हाई कोर्ट तक में जबरदस्त गूंज रही। दरअसल बात यह हुई कि देवी मैया के परम भक्त लाला बालमुकुंद कसेरे के आमंत्रण पर जिले भर के लगभग सभी न्यायाधिकारी कैला देवी के दर्शनार्थ करौली जाने की तैयारी में थे। सभी को करौली ले जाने की वाहन व्यवस्था भी बालमुकुंद जी के द्वारा की गई। इसकी भनक मुझे लग गई और मैं अपने छायाकार विशन कान्त मिलिन्द को स्कूटर पर बैठा कर जा पहुंचा जिला जजी में। वहां जिला जज की कोठी के आगे एक बस तथा आसमानी रंग की एक मारुति वैन खड़ी हुई थी।
     मारुति वैन जिला जज बी. एन. पांडे और उनके परिवार के लिए तथा बस अन्य सभी जजों के लिए थी। बस पर सामान लादा जा रहा था और सी.जे.एम. जिनका नाम मुझे याद नहीं मारुति वैन तथा बस के मध्य खड़े होकर सामान को लदते हुए देख रहे थे। इसी दौरान मैंने मिलिन्द से कहा कि तू झट से फोटो खींच ले पोज अच्छा है। मिलिन्द ने फोटो खींच लिया। फोटो बड़ा शानदार आया उसमें सोने में सुगंध वाली बात यह रही कि जिला जज की कोठी के गेट पर लगी नेम प्लेट भी आ गई। मैं तुरंत मिलिन्द को लेकर उसकी दुकान पर आया और रील धुलवा कर फोटो निकलवाया तो मेरी बाछें खिल उठीं फोटो बड़ा लाजवाब था शायद थोड़ी देर बाद बस और वैन करौली के लिए रवाना हो गईं होंगी।
     दूसरे दिन फोटो के साथ जोरदार समाचार चार काॅलम में छपा कि ये जज लोग एक ऐसे बहुचर्चित व्यक्ति के आमंत्रण पर बगैर परमीशन के उन्हीं के व्यय पर करौली चले गए, जिनके विभिन्न न्यायालयों में अनेक मामले विचाराधीन हैं। इसके अलावा और भी ऊल जलूल क्या-क्या लिख दिया। समाचार में लिखा कि ऐसे में इन न्यायाधीशों से न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है? तीसरे दिन जब जज लोग वापस मथुरा आऐ तो जजी में भगदड़ सी मच गई क्योंकि ये सभी बगैर परमीशन लिए गए थे। उस समय लगातार दो दिन का अवकाश था जजों ने सोचा कि चलो देवी मैया के दर्शन भी कर आयेंगे और छुट्टियों में पिकनिक भी मन जायगी।
     इसके पश्चात यह हुआ कि आनन फानन में कुछ जज इलाहाबाद हाई कोर्ट गये तथा मामले को जैसे तैसे निपटवाया और बैक डेट में परमीशन भी ली गई। एक बात और बता दूं कि जिस मारुति वैन से जिला जज गए थे उसका ड्राइवर हरदेव सिंह जो अंतापाड़ा का रहने वाला था और मेरे साथ का पढ़ा हुआ था, उसने मुझे लौटने के बाद घर आकर बताया कि जब आप लोग फोटो खिंचवा रहे थे तो मैंने देख लिया और जिला जज से कहा कि सर कुछ पत्रकार और फोटोग्राफर खड़े हैं तथा फोटो वगैरा खींच रहे हैं। इस पर जज साहब ने कहा कि खींच रहे होंगे किसी और मामले में हमसे कोई मतलब नहीं। शायद जज साहब को यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि यह पागल तो हाथ धोकर उनके पीछे पड़ा हुआ है।
     इस प्रकरण के बाद मामला एकदम शान्त हो गया। मैं अपने विरुद्ध “साक्षात्कार में हेरा फेरी” वाले मामले में जिस कानूनी कार्रवाई की उम्मीद किए बैठा था, उसका कोई अता पता नहीं चला। सम्भवतः जज साहब ने सोचा होगा कि यह तो पागल नहीं विकट पागल है इसके मुंह क्या लगना। इसीलिए उन्होंने “नींच की गारी हंस कर टारी” वाला रास्ता अपना लिया। मैं सबसे पहले देवी मैया से क्षमा मांगता हूं जिनके दर्शनार्थ जाने वाले भक्तों को भी नहीं छोड़ा और उनके ऊपर मैंने छींटाकशी की, दूसरे नंबर पर जज साहब जो अब नहीं हैं की आत्मा से भी क्षमा मांगता हूं कि मैंने उनकी बुजुर्गियत और पद की गरिमा को नजर अंदाज कर छोटे मुंह बड़ी बात कही तथा अन्त में स्वर्गीय लाला बालमुकुंद जी की आत्मा से क्षमा मांगता हूं कि मैंने उनको भी नहीं छोड़ा और क्या क्या ऊल जलूल भी लिख डाला। बालमुकुंद जी ने मुझे कभी उलाहना तक नहीं दिया बल्कि मुझे एक नहीं दो बार अपने साथ सपरिवार करौली ले जाकर देवी मैया का आशीर्वाद दिलवाया यह उनका बड़प्पन था। आशा है इस विकट पागल को सभी की ओर से क्षमादान मिल गया होगा।

रेल संरक्षा आयुक्त ने बाद–मथुरा जं. स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन का किया निरीक्षण

  • संरक्षा सम्बंधित सभी बिन्दुओं का लिया जायजा

उत्तर मध्य रेलवे ,आगरा मण्डल द्वारा यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता हेतु मूलभूत ढ़ांचे में विस्तार के क्रम के अंतर्गत, आज बाद – मथुरा जं. स्टेशनों के मध्य लगभग 5.60 किलोमीटर नवनिर्मित तीसरी लाइन का संरक्षा परीक्षण पूर्वोत्तर परिक्षेत्र के रेल संरक्षा आयुक्त श्री प्रणजीव सक्सेना द्वारा किया गया | निरीक्षण के दौरान मंडल रेल प्रबंधक श्री तेज प्रकाश अग्रवाल समेत मंडल व निर्माण संगठन के अधिकारी उपस्थिति रहे |
रेल संरक्षा आयुक्त श्री प्रणजीव सक्सेना द्वारा सर्वप्रथम मंडल एवं निर्माण संगठन के अधिकारियों के साथ मोटर ट्राली के माध्यम से बाद – मथुरा जं. स्टेशनों के मध्य नव निर्मित अप तीसरी लाइन 5.60 किलोमीटर का संरक्षा से सम्बंधित निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उक्त रेल खंड के अंतर्गत आने वाले ट्रैक्शन, सिग्नल, गेट, ब्रिज, ट्रैक, ट्रैक-पॉइंट्स आदि सभी इंस्टालेशन तथा उनकी कार्य क्षमता का गहनता से निरीक्षण किया गया I इस दौरान खंड में पड़ने वाले आरयूबी नंबर 526, कर्व संख्या 89 व 04 माइनर ब्रिज का रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा गहन निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के उपरांत नवनिर्मित लगभग 5.60 कि.मी. ब्राड गेज लाइन पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन का स्पीड ट्रायल भी किया गया | ज्ञात हो कि इस रूट की रेल संरक्षा आयुक्त को अनुमति के पश्चात रेल प्रशासन द्वारा ट्रेन संचालन किया जाएगा । जिससे इस क्षेत्र में यातायात ज्यादा तेज और सुगम होगा |निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त के साथ मुख्यालय से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री विपिन कुमार, मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल सहित मंडल के अधिकारी भी उपस्थित रहे|

उच्च पैकेज पर चयनित हुए राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र

  • एमपी रिसर्च वर्क कम्पनी में मिला सेवा का अवसर

मथुरा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप का शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी अपनी विशिष्ट शिक्षा तथा शत-प्रतिशत प्लेसमेंट के लिए जाना जाता है। यहां के मेधावी छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष प्रतिष्ठित कम्पनियों तथा शासकीय सेवाओं में अपनी जगह बना रहे हैं। हाल ही में यहां के दो बी.फार्मा छात्रों राजबंधु गौतम तथा स्पर्श गोयल को एमपी रिसर्च वर्क कम्पनी ने उच्च पैकेज पर जॉब आफर किया है।
संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख असिस्टेंट प्रोफेसर पवन पांडेय के अनुसार विगत दिवस एमपी रिसर्च वर्क कम्पनी के पदाधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं की लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार लेने के बाद उनकी मेरिट तैयार की गई जिसमें बी. फार्मा के छात्र राजबंधु गौतम तथा स्पर्श गोयल को सेवा का अवसर मिला है। प्रो. पांडेय ने बताया कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्रों की इस सफलता का श्रेय उनकी बौद्धिक क्षमता तथा संस्थान द्वारा दी जा रही उच्चस्तरीय शिक्षा व्यवस्था को जाता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने दोनों छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि पढ़ाई करते हुए जॉब मिलना बड़ी बात होती है। इस सफलता का श्रेय संस्थान के शिक्षकों के मार्गदर्शन तथा छात्रों की मेहनत को जाता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक छात्र-छात्रा को अनुशासन में रहते हुए शिक्षा हासिल करनी चाहिए। इतना ही नहीं गुरुजन जो कुछ बताएं उसका अक्षरशः पालन हो।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने राजबंधु गौतम तथा स्पर्श गोयल को बहुराष्ट्रीय कम्पनी में चयनित होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान के लिए गौरव की बात है। श्री अग्रवाल ने अन्य छात्र-छात्राओं से भी लगन और मेहनत से अपने लक्ष्य हासिल करने का आह्वान किया।
छात्रों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) देवेंद्र पाठक ने कहा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में सभी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा और रोजगार के सुअवसर प्रदान किए जाते हैं। प्रो. पाठक ने कहा कि यहां के सैकड़ों छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय तथा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में रिसर्च उत्पादन एवं फार्मा मार्केटिंग के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतना ही दर्जनों विद्यार्थी शासकीय सेवा में प्रमुख पदों पर रहते हुए संस्थान का गौरव बढ़ा रहे हैं।
विभागाध्यक्ष बी. फार्मा प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने कहा छात्रों को संस्थान में रोजगार परक शिक्षा प्रदान की जाती है यही वजह है कि यहां से प्रतिवर्ष सर्वाधिक छात्र-छात्राएं रोजगार प्राप्त करते हैं। दोनों छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय संस्थान की बेहतर शिक्षा प्रणाली को दिया है।

ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के अंतर्गत थाना सुरीर पुलिस टीम द्वारा ग्राम डडीसरा में चौपाल लगाकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया गया

अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन, आगरा महोदया द्वारा चलाये जा रहे ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के अंतर्गत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा के निर्देंशन में दिनांक 25.06.2024 को थाना सुरीर पुलिस टीम द्वारा ग्राम डडीसरा में चौपाल लगाकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया जा रहा है तथा शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है।

☑️ पुलिस टीम द्वारा गाँव-गाँव जाकर महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा हेतु चौपाल लगाकर महिलाओं/बालिकाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों एवं उनके उत्पीड़न की रोकथाम हेतु समस्त थानों पर ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के तहत थानों पर गठित महिला सुरक्षा दल व ऑपरेशन जागृति टीम द्वारा थाना क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों यथा- प्रमुख चौराहों/कस्बों/प्रमुख बाजारों/मन्दिरों/शिवालयों/शॉपिंग मॉल आदि के आस-पास गश्त/चेकिंग करते हुए महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा के लिये जागरुक किया जा रहा है ।
☑️ महिला बीट पुलिस अधिकारी द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र अन्तर्गत गांवों, कस्बों एवं सार्वजनिक स्थानों तथा मिशन शक्ति कक्ष में चौपाल लगाकर बालिकाओं/महिलाओं को उच्चाधिकारियों के नम्बर्स व नारी सुरक्षा/मिशन शक्ति अभियान के तहत हेल्प लाइन नम्बर वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, पुलिस आपातकालीन सेवा 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, स्वास्थ्य सेवा 102, एम्बुलेंस सेवा 108 व साइबर हेल्पलाइन 1930 आदि के बारें में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है।
☑️ महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व झूठे मुकदमे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया ।
☑️ लव रिलेशन के प्रति परिवारों, किशोर व किशोरियों को सचेत किया जा रहा है ।

मथुरा रिफाइनरी में हुआ आपातकालीन पूर्वाभ्यास

मथुरा। मथुरा रिफाइनरी अपने कर्मियों, प्लांट और रिफाइनरी परिधि मे आने वाले सभी गांवों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सजग रहती है| रिफाइनरी में संभावित खतरों से निपटने के लिए समय- समय पर आपातकालीन पूर्वाभ्यास किए जाते हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में गत दिवस रात्रि में ऑन साइट डिजास्टर पूर्वाभ्यास किया गया, जो गैंट्री मे आग लगने से उत्पन्न आपदा से संबन्धित था।


गैंट्री में आग की सूचना मिलते ही रिफाइनरी का अग्नि शमन दस्ता तुरंत घटना स्थल पर पहुंचा और फायर टेंडर से आग बुझाने का काम शुरू किया, घटना की गंभीरता को देखते हुए इसे डिजास्टर घोषित किया गया। ड्रिल के दौरान सभी पर्यवेक्षकों ने अपनी भूमिका निभाई और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।
आपातकाल पूर्वाभ्यास के पश्चात हुई बैठक के दौरान पूर्वाभ्यास की गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया। इस पूर्वाभ्यास के दौरान की गई विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा उच्च स्तरीय प्रबंधमंडल द्वारा की गईl बैठक की अध्यक्षता श्री अजय कुमार तिवारी, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख ने की। इस अवसर पर रिफाइनरी प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान पर्यवेक्षकों ने पूर्वाभ्यास के समय की गई विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रबंधमंडल को दी।

ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के अंतर्गत थाना बलदेव पुलिस टीम ने गाँव-गाँव चौपाल लगाकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया

☑️ पुलिस टीम द्वारा गाँव-गाँव जाकर महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा हेतु चौपाल लगाकर महिलाओं/बालिकाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों एवं उनके उत्पीड़न की रोकथाम हेतु समस्त थानों पर ऑपरेशन जागृति (फेज-02) अभियान के तहत थानों पर गठित महिला सुरक्षा दल व ऑपरेशन जागृति टीम द्वारा थाना क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों यथा- प्रमुख चौराहों/कस्बों/प्रमुख बाजारों/मन्दिरों/शिवालयों/शॉपिंग मॉल आदि के आस-पास गश्त/चेकिंग करते हुए महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा के लिये जागरुक किया जा रहा है ।
☑️ महिला बीट पुलिस अधिकारी द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र अन्तर्गत गांवों, कस्बों एवं सार्वजनिक स्थानों तथा मिशन शक्ति कक्ष में चौपाल लगाकर बालिकाओं/महिलाओं को उच्चाधिकारियों के नम्बर्स व नारी सुरक्षा/मिशन शक्ति अभियान के तहत हेल्प लाइन नम्बर वीमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, पुलिस आपातकालीन सेवा 112, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, स्वास्थ्य सेवा 102, एम्बुलेंस सेवा 108 व साइबर हेल्पलाइन 1930 आदि के बारें में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है।
☑️ महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाए गए कानूनों के दुरूपयोग व झूठे मुकदमे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया ।
☑️ लव रिलेशन के प्रति परिवारों, किशोर व किशोरियों को सचेत किया जा रहा है ।