Wednesday, December 31, 2025
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UPSC, UPPSC, NEET, NDA, CDS इत्यादि की तैयारी कर रहे प्रतियोगी अभ्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण / कोचिंग में ऑफलाइन प्रवेश हेतु सत्र 2024-25 से शैक्षिक वर्ष 1 जुलाई से 30 अप्रैल के मध्य निर्धारित किया गया

मथुरा 07 जून/ जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजनान्तर्गत परीक्षा पूर्व प्रतियोगी परीक्षा जैसे यू०पी०एस०सी० / यू०पी०पी०सी०एस० / नीट / जे०ई०ई०/एन०डी०ए०/सी०डी०एस० इत्यादि की तैयारी कर रहे प्रतियोगी अभ्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण / कोचिंग में ऑफलाइन प्रवेश हेतु सत्र 2024-25 से शैक्षिक वर्ष 1 जुलाई से 30 अप्रैल के मध्य निर्धारित किया गया है के लिये आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। इच्छुक अभ्यर्थी कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी मथुरा कक्ष सं० 05 से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं तथा आवेदन पत्र में दी गयी सभी प्रतिष्टियाँ सही-सही भरकर समस्त संलग्नकों (शैक्षिक योग्यता, आय, जाति, एवं निवास) संबंधी प्रमाण पत्रों सहित कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी कक्ष सं0 01 में जमा करने की अन्तिम तिथि 15.06.24 तक है। पीयुष पाण्डेय मो0 9807524558, व कार्यालय दूरभाष 7417667589, 9761669948 पर उक्त योजना से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते है।

नोट- कोर्सवार पात्रता की अर्हता एवं शर्तें निम्न प्रकार हैं:-

1- यू०पी०एस०सी० / यूपी०पी०सी०एस० – इच्छुक अभ्यर्थी स्नातक अन्तिम वर्ष में अध्ययनरत अथवा

उत्तीर्ण होना चाहिए। आयु सीमा इनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछाड़ा वर्ग के लिये संघ

लोक सेवा आयोग / उ०प्र० शासन द्वारा निर्धारित आयु व छूट मान्य होगी।

2- नीट- विज्ञान वर्ग में जीव विज्ञान से इण्टरमीडिएट कक्षा-12 में अध्ययनरत अथवा उत्तीर्ण होना चाहिए। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (यू०जी०) द्वारा निर्धारित आयु सीमा व छूट मान्य होगी।

3- जे०ई०ई०- विज्ञान वर्ग में गणित से इण्टरमीडिएट कक्षा-12 में अध्ययनरत अथवा उत्तीर्ण होना चाहिए। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (यू०जी०) द्वारा निर्धारित आयु सीमा व छूट मान्य होगी।

  • एन०डी०ए०- विज्ञान वर्ग में गणित से इण्टरमीडिएट कक्षा-12 में अध्ययनरत अथवा उत्तीर्ण होना 4 चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित आयु सीमा व छूट मान्य होगी।

5- सी०डी०एस०- (क) थल सेना एवं ऑफिसर्स ट्रैनिंग अकादमी- स्नातक अन्तिम वर्ष में अध्ययनरत अथवा परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित आयु सीमा व छूट मान्य होगी। (ख) जल सेना इन्जीनियरिंग से स्नातक अन्तिम वर्ष में अध्ययनरत (विज्ञान वर्ग में भौतिक विज्ञान व

गणित से इण्टरमीडिएट कक्षा-12) अथवा इन्जीनियरिंग उत्तीर्ण होना चाहिए। (ग) वायु सेना- स्नातक अन्तिम वर्ष अध्ययनरत अथवा परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। (कक्षा-12 गणित एवं विज्ञान विषय से उत्तीर्ण)

6- अन्य प्रतियोगी परीक्षा- शिक्षा विभाग / उ०प्र० शासन, आयोग आदि द्वारा निर्धारित शैक्षिक योग्यता व आयु सीमा मान्य होगा।

रेल प्रशासन द्वारा गाड़ी सं. 04324 बरेली जं.ताम्बरम आरक्षित वन वे विशेष गाड़ी का संचालन करने का निर्णय लिया गया है

रेल प्रशासन द्वारा गाड़ी सं. 04324 बरेली जं.-ताम्बरम आरक्षित वन वे विशेष गाड़ी का संचालन करने का निर्णय लिया गया है, जिसका विस्तृत विवरण निम्नवत है –

बरेली जं. गाड़ी स. – 04324, दिनांक 08.06.2024 (शनिवार)= 01 फेरे
गाड़ी संरचना : तृतीय श्रेणी वातानुकूलित -14 एसएलआर/डी -01, एलडब्लूएलआरआरएम -01= 16 डिब्बे

ठहराव एवं समय
स्टेशन 04324 बरेली जं. – ताम्बरम
आगमन प्रस्थान
बरेली जं. — 22:00
कासगंज जं. 00:28 00:30
हाथरस रोड 01:13 01:15
मथुरा जं. 03:00 03:10
आगरा छावनी 03:58 04:00
ग्वालियर जं. 05:58 06.00
झाँसी 07:45 07:55
बीना जं. 09:58 10:00
भोपाल जं. 11:50 12:00
इटारसी जं. 13:48 13:50
नागपुर 18:50 19:00
वारांगल 02:45 02:55
विजयवाड़ा जं. 06:33 06:35
नेल्लूर 10:18 10:20
गूडूर जं. 11:00 11:10
चेन्नई एषुबूर 14:10 14:15
ताम्बरम 15:00 —

सर्व साधारण को सूचित किया जता है कि यार्ड रीमॉडलिंग कार्य के कारण रेलवे द्वारा कुछ गाड़ियों का मार्ग परवर्तित, नरस्तीकरण व शॉर्ट टर्मिनेशन ओरिजिनेट करने का निर्णय लिया गया है

रेल प्रशासन द्वारा सर्व साधारण को सूचित किया जता है कि लखनऊ जं. – मानक नगर व ऐशबाग जं. – मानक नगर के मध्य एनआई/ यार्ड रीमॉडलिंग कार्य के कारण रेलवे द्वारा कुछ गाड़ियों का मार्ग परवर्तित/ निरस्तीकरण व शॉर्ट टर्मिनेशन/ ओरिजिनेट करने का निर्णय लिया गया है | जिसका विवरण निम्न प्रकार है-

(i) मार्ग परिवर्तित गाड़िया -:
क्र.सं. गाड़ी संख्या से तक अधिसूचित मार्ग परिवर्तित मार्ग प्रारंभिक स्टेशन से प्रभावी तिथि
1 22531 छपरा मथुरा जं. मल्हौर – ऐशबाग – मानक नगर मल्हौर – लखनऊ चारबाग़ – मानक नगर 10.06.2024 , 12.06.2024 व 14.06.2024
2 22532 मथुरा जं. छपरा मानक नगर- ऐशबाग – मल्हौर मानक नगर – लखनऊ चारबाग़ – मल्हौर 12.06.2024

(ii) निरस्तीकरण –
क्र.सं. गाड़ी संख्या से -तक प्रारंभिक स्टेशन से प्रभावी तिथि
1 12180/12179 आगरा किला- लखनऊ जं. – आगरा किला 09.06.2024 से 14.06.2024

(iii) शोर्ट टर्मिनेट /ओरिजिनेट –
क्र.सं. गाड़ी संख्या से तक प्रारंभिक स्टेशन से प्रभावी तिथि शोर्ट टर्मिनेट शोर्ट ओरिजिनेट
1 19715 जयपुर गोमती नगर 09.06.2024 व 11.06.2024 कानपुर सेंट्रल पर (कानपुर सेंट्रल से गोमती नगर के मध्य निरस्त रहेगी ) —-
2 19716 गोमती नगर जयपुर 10.06.2024 व 12.06.2024 —- कानपुर सेंट्रल से (गोमती नगर से कानपुर सेंट्रल के मध्य निरस्त रहेगी)

रेल प्रशासन द्वारा सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि रेल प्रशासन द्वारा निम्न गाड़ियों का नियमित नंबर के साथ संचालन करने का निर्णय लिया गया है

रेल प्रशासन द्वारा सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि रेल प्रशासन द्वारा निम्न गाड़ियों का नियमित नंबर के साथ (मौजूदा ‘0’ नंबरिंग प्रणाली के बजाय) संचालन करने का निर्णय लिया गया है, जिसका विवरण निम्नवत है- दिनांक 01.07.2024. से प्रभावी-

  1. गाडी संख्या 01913/01914 आगरा किला –एटा – आगरा किला स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या
    51901/51902, आगरा किला –एटा – आगरा किला रेलसेवा से संचालित होगी|
  2. गाडी संख्या 01901/01902, ईदगाह –भरतपुर –ईदगाह स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या
    51907/51908, ईदगाह –भरतपुर –ईदगाह रेलसेवा से संचालित होगी।
  3. गाडी संख्या 01907/01908, ईदगाह –भरतपुर –ईदगाह स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या
    51909/51910, ईदगाह –भरतपुर –ईदगाह रेलसेवा से संचालित होगी।
  4. गाडी संख्या 04171/04172, मथुरा जं. – अलवर – मथुरा जं. स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या
    51971/51972, मथुरा जं. – अलवर – मथुरा जं. रेलसेवा से संचालित होगी।
  5. गाडी संख्या 04173/04174, मथुरा जं. – जयपुर – मथुरा जं. स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या 51973/ 51974, मथुरा जं. – जयपुर – मथुरा जं. रेलसेवा से संचालित होगी।
  6. गाडी संख्या 01911/01912, ईदगाह –बांदीकुई –ईदगाह स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या
    64619/64620, ईदगाह – बांदीकुई –ईदगाह रेलसेवा से संचालित होगी।
  7. गाडी संख्या 01903/01904, ईदगाह – बांदीकुई –ईदगाह स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या 64621/64622, ईदगाह – बांदीकुई –ईदगाह रेलसेवा से संचालित होगी।
  8. गाडी संख्या 01909/01910, आगरा छावनी – मैनपुरी – आगरा छावनी स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या 64623/64624, आगरा छावनी – मैनपुरी – आगरा छावनी रेलसेवा से संचालित होगी।
  9. गाडी संख्या 04163/04164, इटावा –आगरा छावनी – इटावा स्पेशल रेलसेवा अब नियमित गाडी संख्या 64625/64626, इटावा –आगरा छावनी – इटावा रेलसेवा से संचालित होगी।

दुबई में पहली बार आयोजित हुई भारतीय देवी देवताओं के चित्रों की ऐसी प्रदर्शनी

दुबई के कोंसुल जनरल सतीश कुमार सिवान ने किया प्रदर्शिनी का उद्घाटन

वृंदावन। देश के जाने-माने चित्रकार पद्मश्री कृष्ण कन्हाई द्वारा अपने द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रदर्शिनी दुबई में आयोजित की गई। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यह उनकी 5 वीं तथा UAE में पहली प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया।

भगवान श्री कृष्ण के चित्रों पर आधारित इस भव्य प्रदर्शिनी का उद्घाटन सतीश कुमार सिवान, कोंसुल जनरल, दुबई ने दीप जलाकर किया। होटल ताज बिजनेस बे के बालरूम में इस प्रदर्शिनी में 66 चित्रों को प्रदर्शित किया गया था।
उद्घाटन के अवसर पर सैकडों कि संख्या में हिन्दू समाज व अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।
प्रदर्शिनी में लागे चित्रों की सुदंरता एवं भावभंगिमा देखकर सभी आश्चर्य चकित थे। इस तरह की भारत की कला संस्कृति को दुबई निवासियों ने पहली बार देखा था तथा सभी लागों ने चित्रकार एवं उनकी कला की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

दुबई के इतिहास में हिन्दू भगवान और देवी देवताओं की ऐसी प्रदर्शिनी पहली बार आयोजित कि गई थी । इसके आयोजन के लिये दुबई के सैंकडों लोगों ने सहयोग किया तथा विशेष रूप से मथुरा के रोहित पाल शर्मां, मेरठ के बंजुल बादिल एवं दुबई के विक्रांत निगम ने सहयोग किया।
31 मई से 2 जून तक चली तीन दिवसीय प्रदर्शिनी में अबू धाबी के नवनिर्मित अक्षरधाम मन्दिर जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 14 फरवरी को किया था, वहां के स्वामी ब्रह्मविहारी दास ने विशेष रूप से अबू धाबी से दुबई आ कर इस कला प्रदर्शिनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर चित्रकार की पत्नी कुसुम कन्हाई, पुत्र एवं पुत्रवधु अर्जुन और मेघा कन्हाई, आराध्य डांवर आदि लोग उपस्थित थे। इस प्रदर्शिनी के सफल आयोजन के लिये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल 2024 को पत्र के माध्यम से पद्मश्री कृष्ण कन्हाई को शुभकामना संदेश भेंजा था।

के.डी. हॉस्पिटल में हुई एक साल के बच्चे की मुश्किल सर्जरी, महाधमनी तथा रक्तवाहिनियों से निकाली 800 ग्राम की गांठ, लगभग पांच लाख बच्चों में किसी एक को होती है ऐसी समस्या

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने सर्जरी के माध्यम से गांव कैथोरा, तहसील पहाड़ी, जिला भरतपुर (राजस्थान) निवासी भीम सिंह के एक साल के पुत्र मयंक की महाधमनी तथा रक्तवाहिनियों से चिपकी लगभग 800 ग्राम की एक गांठ निकालने में सफलता हासिल की है। इस मुश्किल ऑपरेशन पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि इस तरह की समस्या लगभग पांच लाख बच्चों में किसी एक को होती है।
जानकारी के अनुसार कुछ समय से गांव कैथोरा, तहसील पहाड़ी, जिला भरतपुर (राजस्थान) निवासी भीम सिंह के पुत्र मयंक को पेट में दर्द रहता था तथा वह खाना भी नहीं खाता था। मां ने दर्द से कराहते बच्चे के पेट में गांठ महसूस की तथा पड़ोसियों से परामर्श लिया कि इसका सही उपचार कहां हो सकता है। उन्हीं में से एक पड़ोसी जिसके बच्चे की के.डी. हॉस्पिटल में ही सर्जरी हुई थी, उसने मयंक को के.डी. हॉस्पिटल मथुरा में दिखाने की सलाह दी। पड़ोसी की सलाह पर भीम सिंह और उसकी पत्नी बच्चे को लेकर के.डी. हॉस्पिटल आए और शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा से मिले। डॉ. शर्मा ने बच्चे के पेट की सोनोग्राफी तथा सीटी स्कैन कराई जिससे पता चला कि उसके बाएं गुर्दे के ऊपर एक गांठ है तथा उसमें दांत भी पता चल रहा है।
डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने परिजनों को बताया कि गांठ को निकाले बिना बच्चे का पेट दर्द कम नहीं होगा। परिजनों की सहमति के बाद 31 मई को डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा बच्चे का काफी मुश्किल ऑपरेशन किया गया। चिकित्सकों की टीम ने ऑपरेशन के माध्यम से महाधमनी तथा रक्तवाहिनियों से चिपकी गांठ को सावधानीपूर्वक निकाल दिया गया। गांठ का वजन 800 ग्राम था तथा गांठ को काटकर देखने से पता चला कि उसमें बाल, दांत तथा मस्तिष्क का कुछ हिस्सा भी है। मेडिकल भाषा में इसे मैच्योर टैराटोमा कहा जाता है। इस ऑपरेशन में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. समर्थ, डॉ. आशीष, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. शालिनी, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह ने किया।
बच्चा मयंक अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा वह खाना भी खा रहा है और अब उसे पेट दर्द भी नहीं हो रहा। पूर्ण स्वस्थ होने के बाद बच्चे को छुट्टी दे दी गई है। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि इस तरह की परेशानी लगभग पांच लाख बच्चों में एकाध बच्चे को ही होती है। उन्होंने कहा कि यह कैंसर नहीं होता तथा इसका पूर्ण रूप से उपचार सम्भव है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका तथा उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्चे के सफल ऑपरेशन के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मयंक के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

सफ़ाई कर्मचारियों को निर्मल इनिशिएटिव संस्था द्वारा नगर निगम वृंदावन में पानी की बोतल, सूती गमछा एवं ORS वितरित किया गया

आज दिनांक 6 जून 2024 को वृंदावन क्षेत्र के सभी सफ़ाई कर्मचारियों को निर्मल इनिशिएटिव संस्था द्वारा नगर निगम वृंदावन में पानी की बोतल, सूती गमछा एवं ORS वितरित किया गया। इस कार्यक्रम में नगर अपर आयुक्त श्री सी.पी. पाठक एवं सहायक नगर आयुक्त श्री अनुज कौशिक भी मौजूद थे। नगर अपर आयुक्त ने निर्मल इनिशिएटिव के इस कार्य की सराहना की और कहा कि इस बढ़ती धूप का सबसे ज़्यादा प्रभाव हमारे सफ़ाई कर्मचारियों की सेहत पर पढ़ता है। ऐसी स्तिथि में निर्मल इनिशिएटिव की यह पहल सफ़ाई कर्मचारियों के इस गर्मी में रोज़मर्रा के जीवन को आसान बनाने में मदद करेगी। निर्मल इनिशिएटिव की निदेशिका श्वेता गोस्वामी ने सफ़ाई कर्मचारियों को इस बढ़ती हुई धूप से बचने एवं अपने स्वास्थ का ध्यान रखने के लिए उपाय भी बताए। उन्होंने, अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीने का सुझाव दिया एवं समय समय पर ors का घोल पीने के लिए भी कहा। इसके अलावा, उन्होंने धूप के प्रभाव को कम करने के लिए, पतले कपड़े पहनने की राय दी।

श्वेता गोस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस बढ़ती धूप एयर गर्मी से राहत पहुँचाने का कार्य mutual aid को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। हमे अपने सफ़ाई कर्मचारियों के स्वास्थ को बेहतर रखने के लिए एक साथ आगे आना चाहिए। कार्यक्रम में चीफ सेनिटेशन इंस्पेक्टर श्री सुरेश चंद , सब इंस्पेक्टर श्री सुभाष , सफाई कर्मचारी वार्ड सुपरवाइजर्स कुशाग्र गोस्वामी, रुवीन, बलराम उपस्थित रहे।

संस्कृति विश्वविद्यालय में पर्यावरण दिवस पर लगाए सैंकड़ों पौधे

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस पर फलदार व छायादार पौधा का वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को धरा को हरा-भरा बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करने की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं। पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। कुलपति प्रो एम बी चेट्टी की अगुवाई में विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर में अनेक पौधों का रोपण किया। कुलपति ने कहा कि ये पौधे बड़े होकर एक दिन हमको जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करेंगे। धरती पर बढ़ती गर्मी से तभी निजात मिलेगी जब पृथ्वी पर हरियाली होगी। इस दिशा में हमारा छोटा सा प्रयास बहुत बहुमूल्य है। उन्होंने कहा कि हमारे कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता की बड़ी सोच के कारण ही आज हमारा विवि इतना हरा-भरा है। हमें अपने आसपास के पर्यावरण को और सुदंर बनाना है।
विश्वविद्यालय की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रकृति जीवों को जीवन जीने के लिए हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण के लिए सार्थक पहल करनी होगी। संस्कृति विवि के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डी.एस.तोमर ने बताया कि पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 को आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में सम्मेलन हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर सम्मेलन के पहले दिन को इंगित करते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर पर नामित कर लिया। कार्यक्रम का संयोजन असिस्टेंट डीएसडब्लू गौरव सरवांग ने किया। विश्वविद्यालय के छात्र, छात्राओं सहित एनसीसी कैंडिडेट्स ने अनेक फलदार व छायादार पौधों को रोपित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, पवन कुमार शर्मा, अंकित शर्मा, प्रांशु चौहान, पूनम, हर्षिता सैनी, मोहित नंदन, सचित पाल, सूर्य प्रताप, अमित, संजना आदि छात्र, छात्राओं सहित शिक्षक गण उपस्थित रहे।

महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे ने अंतर्राष्ट्रीय रेल समपार जागरूकता दिवस के अवसर पर संरक्षा जागरूकता के लिए रवाना की मोबाइल वीडियो वैन

अंतर्राष्ट्रीय रेल समपार जागरूकता दिवस (ILCAD) के उपलक्ष्य पर, महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री रविन्द्र गोयल ने प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी तथा अन्य विभागाध्यक्षों के साथ समपारों के बारे में संरक्षा जागरूकता प्रसारित करने के लिए एक मोबाइल वीडियो वैन को हरी झंडी दिखाकर उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय से रवाना किया।
इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री गोयल ने कहा कि मोबाइल वीडियो वैन के माध्यम से सड़क उपयोगकर्ताओं को लेवल क्रॉसिंगों की महत्ता एवं सुरक्षा सावधानियों के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंद रेल फाटकों को पार करते समय सभी को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि एक छोटी सी चूक कभी-कभी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। उन्होंने इसी क्रम में रेल समपारों के उन्मूलन, गेटों की इंटरलॉकिंग, तथा आरओबी/आरयूबी के निर्माण पर भी बल दिया।
अगले 45 दिनों के दौरान, यह मोबाइल वैन सड़क उपयोगकर्ताओं को समपार संबंधी सुरक्षा सावधानियों के बारे में शिक्षित करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करेगी। टीवी और ऑडियो विजुअल सिस्टम वाली यह मोबाइल वैन स्कूलों, लेवल क्रॉसिंगों , गांवों, पंचायतों, तहसीलों, आसपास के बाजारों आदि को कवर करेगी। वैन में जागरूकता प्रसारण के लिए कई लघु फिल्में बनाई गई हैं जिनमें ‘लेवल क्रॉसिंगों को सावधानी से कैसे पास करें’ ‘ट्रैक पर मवेशियों को ना ले जाने’, ‘ट्रेन की छत और फुट बोर्ड पर यात्रा ना करें’, ‘यात्रा के दौरान कभी भी अजनबी से खाने-पीने की चीजें स्वीकार नहीं करना’, ‘ट्रेन में ज्वलनशील सामग्री नहीं ले जाना’ आदि जैसे विषयों को शामिल किया गया है।


वैन की पूरी यात्रा के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के सेफ्टी काउंसलर साथ रहेंगे और विषय की बेहतर समझ प्रसारित करने के लिए सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच पैम्फलेट पोस्टर और स्टिकर वितरित करेंगे।
इसके अतिरिक्त उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी एवं संरक्षा कर्मी स्कूलों/कॉलेजों/ग्राम पंचायतों का भी दौरा कर रहे हैं। सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, ट्विटर, एसएमएस, रेडियो, टेलीविजन आदि के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, रेल कर्मियों में संरक्षा की आदत डालने के लिए पूरे जोन के स्टेशनों, प्रशिक्षण केंद्रों पर संरक्षा सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि ‘अंतर्राष्ट्रीय रेल समपार जागरूकता दिवस’ लेवल क्रॉसिंग पर सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने की एक पहल है। यह अभियान 2009 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) द्वारा शुरू किया गया था। यूआईसी एक अंतरराष्ट्रीय रेलवे संगठन है जो दुनिया भर के रेल संगठनों द्वारा समर्थित है।प्रति वर्ष, लगभग 50 देश इस आयोजन में भाग लेते हैं, इसमें विभिन्न प्रकार की समपार संरक्षा प्रयासों और व्यवस्थाओं को दुनिया भर में समपारों पर दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से साझा किया जाता है।
इस अवसर पर समस्त प्रमुख विभागाध्यक्ष, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा स्टाफ उपस्थित थे।

जीएल बजाज में कैंसर जागरूकता पर कार्यक्रम आयोजित, गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने बताए कैंसर से बचने के उपाय

मथुरा। कैंसर एक गैरसंचारी रोग है। हमारे देश में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण यही रोग है। कैंसर के दो तिहाई मामलों में इसकी वजह तम्बाकू, शराब, खराब जीवन शैली तथा खानपान है। कैंसर लाइलाज नहीं है। हम अपनी जीवन शैली और खानपान में सावधानी बरत कर इस बीमारी से बच सकते हैं। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा आयोजित कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव है। कैंसर विकासशील और विकसित दोनों ही देशों में काफी आम है, लेकिन आम लोगों में इसके बारे में जागरूकता अभी भी बहुत कम है। कम जागरूकता के कारण जहां मरीज की समय से स्क्रीनिंग नहीं हो पाती वहीं उसके इलाज में होने वाली देरी जीवन को संकट में डाल देती है। उन्होंने कहा कि इस रोग के शुरुआती लक्षणों में वजन कम होना, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी तथा मुंह से खून आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं, यदि किसी को भी ऐसे लक्ष्ण दिखते हैं तो उसे तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि कैंसर पैदा करने वाले रसायनों को कार्सिनोजेन्स कहा जाता है। कार्सिनोजेन्स औद्योगिक क्लीनर से लेकर खरपतवार नाशकों तक में शामिल हो सकते हैं। वे कैंसर का कारण बनेंगे या नहीं, यह रसायन पर निर्भर करता है और इस बात पर भी कि आप कितने समय तक और कितनी मात्रा में उसके सम्पर्क में रहे हैं। उन्होंने तम्बाकू उत्पादों के उपयोग के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी तथा कहा कि कैंसर का मुख्य कारण यही है। इसके अलावा उन्होंने कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए शराब से बचने की भी सलाह दी। उन्होंने सलाह दी कि खानपान में सबसे हल्के और सबसे सुरक्षित रसायन का उपयोग करें।
डॉ. मुंदड़ा ने कैंसर के बारे में फैले कई मिथकों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह आम धारणा है कि चीनी खाने से कैंसर होता है। उन्होंने कहा, हमें ऐसे मिथकों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न प्रकार के कैंसर की जानकारी देते हुए प्रारम्भिक पहचान के महत्व पर जोर दिया। डॉ. मुंदड़ा ने कहा कि हम कैंसर के प्रारम्भिक चरणों को पहचान कर अपनी जान बचा सकते हैं। इसलिए, हमें लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने नियमित चिकित्सा जांच की भी सिफारिश की ताकि प्रारम्भिक पहचान में मदद मिल सके।
डॉ. मूंदड़ा ने कहा कि फिलवक्त दुनिया भर की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली इस समस्या से निपटने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने डॉ. मुकुंद मूंदड़ा से कैंसर बीमारी से जुड़े कई सवाल पूछे जिनका उन्होंने विस्तार से समाधान किया। संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अतिथि वक्ता डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का बेशकीमती समय और सुझाव देने के लिए आभार माना। समापन पर धन्यवाद ज्ञापन आशीष प्रताप सिंह ने प्रस्तुत किया।