Saturday, December 20, 2025
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चित्र परिचय: संस्कृति विश्वविद्यालय के 9वें स्थापना दिवस समारोह का दीप जलाकर उद्घाटन करते मुख्य अतिथि प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक और कलाकार विवेक अग्निहोत्री साथ में हैं विश्वविद्यालय के कुल अधिपति डॉ सचिन गुप्ता प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता, सीईओ डॉक्टर श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रोफेसर एबी चेट्टी, कैप्स के निदेशक डॉक्टर रजनीश त्यागी।

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संस्कृति विवि इनोवेशन का जब: विवेक अग्निहोत्री

स्थापना दिवस समारोह

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के 9वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ करते हुए प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक और कलाकार मुख्य अतिथि विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि प्रगति एक आईडिया से होती है, दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसके पास कोई आईडिया ना हो। यह सच है कि आइडिया को सार्थक करने वाले बहुत कम होते हैं।
उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हम हम सभी को सोचने की शक्ति दी है। इसी शक्ति से हमारे सब के अंदर क्रिएटिविटी आती है। यह समझना कि सिर्फ डॉक्टर इंजीनियर और टेक्नीशियन ही क्रिएटिव हो सकते हैं जरूरी नहीं है। बहुत सारे लोग बल्कि हम सभी क्रिएटिविटी अपने अंदर छुपाए रखते हैं। हमको यह सोचना होगा कि हम सभी क्रिएटिव हैं। अब बात आती है कि हम अपने टैलेंट को एक्सप्रेस कैसे करें। तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम अपने टैलेंट को कैसे बनाए रखें, इसी का नाम होता है कमिटमेंट। यह भी सोचना चाहिए कि हमारे इस कमिटमेंट से हम समाज को क्या दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य करने के लिए हमारे अंदर हिम्मत होनी चाहिए बहुत सी बार ऐसा होता है कि हम असफल हो जाने पर या चुनौतियों का सामना करने पर हिम्मत हार जाते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।
प्रसिद्ध निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि हमको भारत को इन्नोवेशन हब बनाने के बारे में सोचना चाहिए। यह एक ऐसा सपना है जो हम सभी भारतवासियों का होना चाहिए। हम अपने देश को इनोवेशन का कैपिटल बनाएं। आप सभी विद्यार्थियों के पास सुनहरा अवसर है कि आप एक ऐसे विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं जो इनोवेशन पर बहुत काम कर रहा है उन्होंने कहा कि आप अपनी क्रिएटिविटी से खुद का ऐसा अंपायर खड़ा करें जिससे नौकरी देने वाले बन सकें। हमेशा सपना बड़ा देखना चाहिए मैं बहुत खुश हूं ऐसे विश्वविद्यालय में आकर जो कि इनोवेशन के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम कर रहा है। हमेशा मुस्कुराते रहने के संदेश के साथ उन्होंने अपनी बात को विराम दिया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सचिन गुप्ता ने इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पेटेंट दाखिल करने के क्षेत्र में और स्टार्टअप शुरू करने के क्षेत्र में किस तरह से विश्वविद्यालय नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान विवेक अग्निहोत्री से बच्चों द्वारा किए गए सवालों पर बातचीत भी की। डॉ सचिन गुप्ता ने निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से बच्चों का सवाल करते हुए पूछा कि मैं स्टार कैसे बनूं , विवेक अग्निहोत्री ने जवाब देते हुए कहा कि स्टार तो सभी पैदा होते हैं। सच्चाई यह है कि आपको ही अपनी कहानी की स्क्रिप्ट लिखनी होती है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि सचिन जी आप तो खुद एक स्टार हैं और मैं आपको अपनी फिल्म में रोल देना चाहूंगा। एक अन्य सवाल पर फिल्म निर्देशक और कलाकार विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि हमारा बहुत सारा इतिहास हमको उल्टा सीधा पढ़ाया गया ऐसा बताया गया कि भारत रूढ़िवादी है जबकि भारत ऐसा नहीं है इसीलिए मैंने निश्चित किया कि भारत के इतिहास को जो सच है उसको दिखाया जाए विशेष कर उसे वर्ग को जिसे हम जैन जी कहते हैं। कश्मीर फाइल पर पूछे गए एक सवाल के उत्तर में का उन्होंने कहा कि इसकी स्क्रिप्ट चार साल तक रिसर्च कर तैयार की गई। यह एक बहुत परिश्रम का काम था और हम इसमें काफी हद तक सफल भी हुए। सिनेमा को सिर्फ इंटरटेनमेंट कहने की बात पर उन्होंने कहा कि सिनेमा सिर्फ ऐनटरटेनमेंट नहीं है यह सोशल मूवमेंट भी है।
उन्होंने कहा कि हर काम में मेहनत करनी पड़ती है तभी काम नजर आता है हिम्मत करोगे तो सफलता मिल जाएगी। लोग क्या सोचते हैं इस पर नहीं मैं क्या सोचता हूं वह लोगों को सोचने पर मजबूर कर दूं ,इस पर काम करता हूं ।
संस्कृति विवि के 9वें दीक्षांत समारोह के दौरान उनकी, द ब्लड रिपब्लिक ऑफ बंगाल, पुस्तक का भी विमोचन किया गया और उन्होंने अपनी इस पुस्तक की प्रतियां विद्यार्थियों को हस्ताक्षर कर वितरित की।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय की परंपराओं के अनुसार मुख्य अतिथि विवेक अतिथि विवेक अग्निहोत्री द्वारा किए गए दीप प्रज्वलन से हुआ। उनके बाद संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर सचिन गुप्ता, प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता, सीईओ डॉक्टर श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो बीएम चेट्टी ने दीप प्रज्वलन किया। दीप प्रज्वलन के बाद संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉक्टर सचिन गुप्ता ने प्रसिद्ध निर्देशक और कलाकार विवेक अग्निहोत्री को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया।

मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर लगाए शेरावाली के जयकारे के.डी. मेडिकल कॉलेज के भण्डारे में भक्तगणों ने ग्रहण की प्रसादी

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मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में बुधवार को सैकड़ों भक्तगणों ने मां सिद्धि दात्री की पूजा अर्चना कर जयकारे लगाए। पूजा-पाठ और आरती के बाद कन्या भोज का आयोजन किया गया। कन्या भोज के बाद आयोजित भण्डारे में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
केडी मेडिकल कॉलेज में सातवीं बार शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा मां की प्राण-प्रतिष्ठा भक्तों द्वारा कराई गई थी। बुधवार को मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजा-अर्चना कर कन्या भोज कराया गया।
आचार्य विकास मिश्रा द्वारा पूजा-अर्चना और आरती के बाद नवरात्रि के पावन अवसर पर सक्रिय रूप से प्रतिदिन माता रानी के सेवाभाव में लगे बच्चों तथा पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। भण्डारा शाम तक चला। आचार्य मिश्रा ने बताया कि मातारानी का विधि-विधान से विसर्जन गुरुवार को किया जाएगा। 22 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ होने के बाद से ही के.डी. मेडिकल कॉलेज परिसर भक्तिभाव में डूबा रहा।
मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए कुछ भक्तगणों ने पूरे नौ दिन उपवास रखा। आचार्य विकास मिश्रा ने बताया कि नवरात्रि की पूजा में अष्टमी और नवमी का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन से कन्या भोजन भी शुरू होता है। बहुत से लोग अष्टमी का व्रत रखते हैं, जिसका पारण नवमी को किया जाता है।
बुधवार को आचार्य मिश्रा ने मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना कराई। आचार्य ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं में छोटी-छोटी बच्चियों को देवी मां का रूप माना जाता है, इसीलिए नवरात्रि में कन्या पूजा जरूर करना चाहिए। कन्या पूजन में 10 साल तक की बच्चियों को आमंत्रित करना श्रेष्ठतम होता है।
नवरात्र के अंतिम दिन प्रियाकांत यादव, अखिलेश शुक्ला, महेन्द्र सिंह चौधरी, दीपक सारस्वत, यतेन्द्र शर्मा, सचिन गुप्ता, वी.पी. सिंह पूनिया, ओमवीर चौहान, गोविंद सिंह, आकाश चौहान, शक्ति सिंह, सतपाल सिंह, मोहम्मद आसिफ, पुष्पेन्द्र सिंह, आनंद, शैलव चौबे, हेमंत शर्मा, गजेन्द्र, मनोज तोमर, अजीत यादव आदि ने पूजा पाठ के बाद भण्डारे की व्यवस्थाएं संभाली। आयोजकों ने सफल आयोजन के लिए सभी का आभार माना।
चित्र कैप्शनः के.डी. मेडिकल कॉलेज में मां सिद्धिदात्री की पूजा और आरती के बाद उपस्थित भक्तगण।

भारतीय मानक ब्यूरो ने किया स्टेकहोल्डर कॉन्क्लेव का आयोजन

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जनसाझेदारी से गुणवत्ता सुनिश्चित करना समाज का दायित्व : विनोद अग्रवाल

वृंदावन। नगर के होटल में भारतीय मानक ब्यूरो के नोएडा शाखा कार्यालय की ओर से एक स्टेकहोल्डर कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर निगम के महापौर विनोद अग्रवाल, भारतीय मानक ब्यूरो नोएडा शाखा कार्यालय के निदेशक एवं प्रमुख विक्रांत एवं सांसद प्रतिनिधि के तौर पर जनार्दन शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। इस समारोह में क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों, गैर सरकारी सामाजिक संगठनों, उपभोक्ता संगठनो, शिक्षण संस्थान एवं सामाजिक कार्यकर्ता भारी संख्या में शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा कि गुणवत्ता को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो की भूमिका सराहनीय है लेकिन इस गुणवत्ता को जनसाझेदारी से सुनिश्चित करना समाज का दायित्व है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो की कार्यप्रणाली की मुक्त कंठ से सराहना की। साथी बीआईएस केयर एप के माध्यम से वस्तु की गुणवत्ता जांचने की सुविधा को जनोउपयोगी बताया। समारोह को विशेषज्ञ वक्ताओं के रूप में सीमा छपारिया ने एक जनपद एक उत्पाद विषय पर ठाकुर की पोशाक उद्योग की प्रगति की जानकारी दी, भावना कस्तूरिया ने सतत विकास के लक्ष्य 2030 पर प्रकाश डाला, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से सहायक प्रबंधक मानसी अरोड़ा ने गुणवत्ता के संबंध में अपनी आगामी योजनाओं की जानकारी दी। इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से नुक्कड़ नाटिका प्रस्तुत कराकर बीआईएस केयर एप तथा गुणवत्ता उत्पादों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो के साथ अच्छा कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठन, रिसोर्स परसंस, औद्योगिक इकाइयों तथा मानक क्लबों के मेंटर्स को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एवं प्रमुख विक्रांत ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो की नीति एवं कार्य प्रणाली आमजन के लिए उपयोगी है, उन्होंने कहा कि सटक और समृद्ध भविष्य केवल सहयोग और साझेदारी के माध्यम से ही संभव है और बीस इसी साझा प्रयास में देश को नेतृत्व प्रदान करता है। अंत में निदेशक वीरेंद्र रावत ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। समारोह में उपनिदेशक अफसर इमाम और विष्णु दयाल जट, अमरदीप जायसवाल, दीपक कुमार आदि उपस्थित रहे। समारोह का संचालन आकाश यादव एवं प्रियंका गोयल ने संयुक्त रूप से किया।

मां शेरावाली के जयकारों से गूंज रहा के.डी. मेडिकल कॉलेज

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एक अक्टूबर को भण्डारे के बाद होगा मां दुर्गा का विसर्जन
मथुरा। समूचा देश इस समय मां दुर्गा की उपासना में लीन है। घर-मंदिर ही नहीं शैक्षिक संस्थानों में भी मातारानी की प्रतिष्ठा कर सुबह-शाम भक्तगण पूजा-अर्चना कर मां शेरावाली के जयकारे लग रहे हैं। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में सातवीं बार शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा मां की प्राण-प्रतिष्ठा भक्तों द्वारा कराई गई है। मंगलवार को महाष्टमी पर विशेष पूजा-अर्चना कर कन्या भोज कराया गया।
सुबह-शाम आचार्य विकास मिश्रा द्वारा पूजा-अर्चना और आरती कराई जा रही है। एक अक्टूबर को कन्या भोज तथा भण्डारे के बाद मातारानी का विधि-विधान से विसर्जन किया जाएगा। 22 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ होने के बाद से ही के.डी. मेडिकल कॉलेज परिसर भक्तिभाव में डूबा हुआ है। सुबह हो या शाम मातारानी के जयकारों की गूंज तथा भजन सुनाई देते हैं।
मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए महिला-पुरुष भक्तगणों के साथ ही कुछ मेडिकल छात्र-छात्राएं पूरे नौ दिनों का उपवास रखे हैं। यहां शाम को आरती के समय का नजारा कुछ अलग ही छटा बिखेरता दिखता है। आचार्य विकास मिश्रा का कहना है कि इस बार नवरात्रि का समापन एक अक्टूबर को होगा। उन्होंने बताया कि नवरात्रि की पूजा में अष्टमी और नवमी का दिन विशेष महत्व रखता है। इसी दिन से कन्या भोजन भी शुरू होता है। बहुत से लोग अष्टमी का व्रत रखते हैं, जिसका पारण नवमी को किया जाता है।
मंगलवार को आचार्य मिश्रा ने मां महागौरी की पूजा-अर्चना कराई। आचार्य ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अष्टमी के दिन माता गौरी की उपासना करने से निःसंतान दम्पतियों को गुणवान और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। जिन महिलाओं की गोद सूनी है उन्हें महाष्टमी के दिन कन्या पूजन जरूर करना चाहिए। आचार्य मिश्रा का कहना है कि नवरात्रि में कन्याओं को भोजन कराना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। दरअसल, छोटी-छोटी बच्चियों को देवी मां का रूप माना जाता है, इसीलिए नवरात्रि में कन्या पूजा जरूर करना चाहिए। कन्या पूजन में 10 साल तक की बच्चियों को आमंत्रित करना श्रेष्ठतम होता है। कन्या पूजा से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।
सुबह-शाम मातारानी की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तगणों में अमित शर्मा, वेद प्रकाश, प्रियकांत यादव, अखिलेश शुक्ला, महेन्द्र सिंह चौधरी, यतेन्द्र शर्मा, सचिन गुप्ता, वी.पी. सिंह पूनिया, ओमवीर चौहान, गोविंद सिंह, आकाश चौहान, शक्ति सिंह, सतपाल सिंह, मोहम्मद आसिफ, पुष्पेन्द्र सिंह, आनंद, शैलव चौबे, हेमंत शर्मा, गजेन्द्र, मनोज तोमर, अजीत यादव आदि के साथ चिकित्सक और छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं।
चित्र कैप्शनः के.डी. मेडिकल कॉलेज में प्रतिष्ठापित देवी दुर्गा मां तथा भक्तगण।

संस्कृति के विद्यार्थियों को वीआईपी ने हंसा-हंसाकर किया फ्रेशर

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के फ्रेशर फिएस्टा 2025 का दीप जलाकर शुभारंभ करते संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता। साथ में हैं विवि की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी।
चित्र परिचयः संस्कृति विवि के फ्रेशर फिएस्टा 2025 में अपनी बहुमुखी कला का प्रदर्शन करते हास्य कलाकार वीआईपी।
चित्र परिचयः संस्कृति विवि के फ्रेशर फिएस्टा में जबर्दस्त अंदाज में गीत सुनाता संस्कृति विवि का छात्र।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के फ्रेशर फिएस्टा 2025 में हास्य कलाकार वीआईपी (विजय ईश्वर पवार) ने अपनी मिमिक्री से विवि के विद्यार्थियों को ऐसा फ्रेश किया कि वे अपनी सारी थकान भूल गए। बहुमुखी कलाकार वीआईपी ने न केवल प्रसिद्ध गायकों के गीतों को उन्हीं की आवाज बनाकर प्रभावशाली ढंग से गाया वरन एक बार में 52 कलाकारों की आवाज की नकल कर सबको दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।
फ्रेशर फिएस्टा में विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों के बीच जैसे ही सुखविंदर सिंह का प्रसिद्ध गीत चल छैंया, छैंया गूंजा तो सारा पंडाल ये सोचकर छात्र-छात्राओं की हूटिंग से गूंज उठा लेकिन ये सुखविंदर सिंह नहीं थे उनकी आवाज की हूबहू नकल कर गीत गाते हुए वीआईपी मंच पर आए तो सब चौंक गए। वीआईपी ने पूरा मजा लेते हुए कहा कि सिंगर बनना बहुत आसान है। इसके बाद उन्होंने बड़े-बड़े गायकों हेमंत कुमार, आरडी बर्मने, कैलाश खेर, अंकित तिवारी, अरिजीत सिंह के प्रसिध्द गीतों की उन्ही की आवाज निकालकर झड़ी लगा दी। कमाल तो तब हो गया जब वीआईपी ने एक छात्रा को बुलाकर उसके पैरों में आभासी घुंघरू पहना दिए और घुंघरुओं की आवाज निकाली। एक भारतीय स्टैंडअप कॉमेडियन और टीवी अभिनेता वीआईपी के इस प्रदर्शन पर जहां छात्र-छात्राएं हंस-हंस कर दोहरे हो रहे थे वहीं दातों तले अंगुली भी दबा रहे थे।
वीआईपी एक स्टार कॉमेडियन और अद्भुत अभिनेता हैं जो अपने अद्भुत और गुदगुदाने वाले अभिनय के लिए जाने जाते हैं। वीआईपी आज संस्कृति विवि में अपनी टाइमिंग वाली कामिक से सभी को गुदगुदा रहे थे। उनके पंचों ने छात्र-छात्राओं को हँसी के ज़ोरदार और तेज़ डोज़ से भर दिया। वीआईपी के अभिनय में एक और चीज़ जो चार चाँद लगा देती है, वह है उनकी मिमिक्री। वह 150 से ज़्यादा बॉलीवुड अभिनेताओं की नकल कर सकते हैं और इससे दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता है। संस्कृति के मंच पर उन्होंने 52 कलाकारों की मिमिक्री कर सभी को चौंका दिया। संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने इस बहुमुखी कलाकार को मंच पर सम्मानित किया।

संस्कृति फ्रेशर फिएस्टा में विद्यार्थियों ने नृत्य और संगीत विवि किया झंकृत
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने फ्रेशर फिएस्टा 2025 में गीत, संगीत और नृत्य की एक ऐसी त्रिवेणी बहाई कि पूरा विवि एक मस्ती के माहौल में रम गया। कई दिन से फ्रैशर फिएस्टा की तैयारियों में जुटे छात्र-छात्राएं आज मंच पर अपने कौशल और परिश्रम का परिचय दे रहे थे।
फ्रेशर फिएस्टा की शुरुआत विवि की परंपराओं के अनुसार दीप प्रज्ज्वलन से हुई। संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति एमबी चेट्टी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के तुरंत बाद विवि की छात्राओं ने गणेश वंदना पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। छात्र अंकित और उनके साथियों ने पंजाब के प्रसिद्ध लोकगीत पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। नए प्रयोग के तहत छात्र-छात्राओं ने कई सारे भजनों को पिरोकर एक सामूहिक गायन किया, जिसकी श्रोताओं ने दिल से ताली बजाकर प्रशंसा की। छात्रा लवली ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा नेहा वीनू और कृतिका ने अपने नृत्य से पार्टी में हरियाणवी मिट्टी की सुगंध बिखेरी। पंडाल में उपस्थित हजारों छात्र-छात्राओं का जोश देखते ही बनता था। इसी तालियों के शोर के मध्य छात्र हिमांशु के एकल नृत्य ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। एक छात्रा ने हरायणवी गीत सुनाया। छात्रा श्रुति और उनके साथियों ने राजस्थानी परंपराओं से ओतप्रोत एक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा तनु और प्रभि ने लावनी नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम की विविधता को ऊंचाइयां दीं।
फ्रेशर फिएस्टा 2025 में विद्यार्थियों ने देश के हर रंग को मंच पर प्रदर्शित करने की जो तैयारी की थी उससे हर कोई बहुत प्रभावित था। मंच पर अर्पिता, अनुष्का और वैष्णवी ने जब बालीवुड के गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया तो विद्यार्थियों का जोश और उमंग देखने को बनती थी। छात्रा उर्वशी और अमन के युगल नृत्य, छात्रा रागिनी और छात्र पार्थ का युगल रैप, छात्राओं का दक्षिण भारतीय शैली में नृत्य देखते ही बनता था। छात्रा तनिष्का और उनके साथी ने बालीवुड गीत, इसी तरह छात्र-छात्राओं के समूह द्वारा बालीवुड के गीतों का मिश्रित गायन सभी के दिलों को छू गया। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति स्कूल आफ फैशन डिजाइनिंग के निर्देशन में छात्र-छात्राओं की रैंप वाल्क हुई तो पंडाल में बैठे विद्यार्थियों का शोर और तेज आवाजों से की गई प्रशंसा ने पूरे विश्वविद्यालय को गुंजा दिया। इसके बाद छात्र अश्वनी और छात्रा सोनिया ने युगल गायन प्रस्तुत किया। छात्रा प्रीति और उनके साथियों ने भोजपुरी गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रा मनीषा, राज लक्ष्मी ने गीत, छात्र सोमनाथ ने जबर्दस्त नृत्य प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। छात्र श्रेयांस ने शानदार शास्त्रीय नृत्य कर सभी का दिल जीत लिया। नृत्य, संगीत का यह क्रम देर तक चला और विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और तैयारियों से परिचित कराते रहे। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति एमबी चेट्टी. कैप्स के निदेशक डा. रजनीश त्यागी, स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा. डीएस तोमर को छात्रों की ओर से सम्मानित किया गया। अंत में छात्र रसिक दुबे ने सभी का धन्यवाद प्रेषित किया।

राजीव एकेडमी की फ्रेशर्स पार्टी में छात्र-छात्राओं ने जमाया रंग

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एमबीए के नवागंतुकों को सीनियरों ने दिलाया आत्मीयता का अहसास
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट मथुरा के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित फ्रेशर्स पार्टी में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों के माध्यम से उपस्थित दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। फ्रेशर्स पार्टी का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। आयोजन का उद्देश्य नवागंतुक छात्र-छात्राओं को आत्मीयता और अपनेपन का अनुभव कराना था ताकि वे सहज होकर संस्थान की शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक यात्रा की शुरुआत कर सकें।
एमबीए के नवागंतुकों की फ्रेशर्स पार्टी में छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण को उल्लास और उमंग से भर दिया। विद्यार्थियों ने नृत्य, गायन, कविता-पाठ और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। सभी प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता, आत्मविश्वास और मंच संचालन कौशल से यह साबित किया कि राजीव एकेडमी केवल शिक्षा का नहीं बल्कि बहुआयामी व्यक्तित्व विकास का भी केंद्र है। सीनियरों ने नए विद्यार्थियों के लिए विभिन्न खेल और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया। नए विद्यार्थियों ने अपने आत्म-परिचय और प्रस्तुतियों से सीनियर्स का दिल जीत लिया। माहौल में भाईचारे और दोस्ती की झलक साफ दिखाई दे रही थी।
एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फ्रेशर्स पार्टी केवल मनोरंजन का मंच नहीं बल्कि यह आत्मविश्वास और आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ाने का एक अवसर है। यह नए और पुराने विद्यार्थियों के बीच आपसी सौहार्द्र, सहयोग और भाईचारे की भावना को मजबूत करती है। डॉ. जैन ने कहा कि एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स में नेतृत्व क्षमता, टीमवर्क और पब्लिक स्पीकिंग का बहुत महत्व है। ऐसे आयोजन इन कौशलों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होते हैं। हमें गर्व है कि हमारे नए विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और उत्साह से आने वाले वर्षों में संस्थान का गौरव बढ़ाएँगे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि फ्रेशर्स पार्टी जैसे आयोजन न केवल नए विद्यार्थियों को आत्मीय वातावरण देते हैं बल्कि यह उन्हें संस्थान की संस्कृति और मूल्यों से भी जोड़ते हैं। छात्र-छात्राओं का यही संतुलन उन्हें भविष्य का सफल प्रबंधक और जिम्मेदार नागरिक बनाएगा।
राजीव एकेडमी के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि फ्रेशर्स पार्टी हमारे विद्यार्थियों के लिए केवल एक उत्सव नहीं बल्कि यह उनके जीवन की नई यात्रा का आरम्भ है। इस आयोजन से विद्यार्थियों को यह संदेश मिलता है कि शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित नहीं बल्कि यह जीवन कौशल और व्यक्तित्व निर्माण से भी जुड़ी है। आज के दौर में प्रोफेशनल सफलता के लिए आत्मविश्वास, संचार कौशल, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता अत्यंत आवश्यक हैं। रंगारंग प्रस्तुतियों, हँसी-खुशी और उमंग से भरपूर यह फ्रेशर्स पार्टी सभी विद्यार्थियों के लिए अविस्मरणीय यादें छोड़ गई। राजीव एकेडमी ने एक बार फिर साबित किया कि यह शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व, संस्कृति और करियर निर्माण का सशक्त मंच है।
चित्र कैप्शनः फ्रेशर्स पार्टी में प्राध्यापकों के साथ एमबीए के नवागंतुक छात्र-छात्राएं।

निराश रेनू को के.डी. हॉस्पिटल में मिली जीने की आस रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से का सफल ऑपरेशनन्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले ने की सर्जरी

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मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले ने चलने-फिरने में असमर्थ होडल निवासी रेनू (19) पुत्री शोभाराम की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से का सफल ऑपरेशन कर उसके चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। अब रेनू न केवल सामान्य तरीके से चल-फिर पा रही है बल्कि उसके निराश जीवन में फिर बहार आ गई है।
जानकारी के अनुसार चलने-फिरने में असमर्थ होडल (हरियाणा) निवासी रेनू को 20 अगस्त को के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी को परिजनों ने बताया कि वह तीन-चार महीने से अस्वस्थ है तथा चल-फिर नहीं पा रही है। स्थानीय चिकित्सकों से भी खूब उपचार कराया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। डॉ. चौधरी ने मरीज के स्पाइन की एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसे रीढ़ की हड्डी की टीबी है तथा उसकी एल-1 की हड्डी गल जाने से पैरों की नस दब गई है।
डॉ. चौधरी ने रेनू की स्थिति को देखते हुए परिजनों को ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की स्वीकृति के बाद 30 अगस्त को डॉ. दीपक चौधरी और डॉ. राहुल एम. ढोले द्वारा मरीज की रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की सर्जरी की गई। सर्जरी में एल-1 हड्डी के गले हिस्से को निकाल दिया गया। सर्जरी के बाद मरीज की टीबी की दवाएं शुरू कर दी गईं। इस सर्जरी में न्यूरो सर्जनों का सहयोग निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी अग्रवाल, डॉ. बेंकटा तेजा गुडाटी, डॉ. सदाशिव बाली, डॉ. रत्ना श्री, डॉ. प्रभात यादव, टेक्नीशियन देवेन्द्र, संदीप और राजवीर ने किया। सर्जरी के दूसरे ही दिन मरीज अपने पैरों पर खड़ी हो गई।
न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी ने बताया कि इस तरह की बीमारी में यदि शुरुआती दौर में ही टीबी की दवाइयां ली जाएं तो मरीज को ऑपरेशन और अन्य अंगों की कमजोरी से बचाया जा सकता है। डॉ. चौधरी ने कहा कि इस ऑपरेशन से न सिर्फ मरीज को नई जिन्दगी मिली बल्कि उसे आम लोगों की तरह हर काम करने में भी सक्षम बना दिया। डॉ. चौधरी का कहना है कि रेनू को जब यहां लाया गया, तब वह खड़ी नहीं हो पा रही थी, ऐसे में उन्होंने संकल्प लिया कि हर हाल में इसे खड़ा करना है। यह खुशी की बात है कि अब वह होडल से बिना किसी की मदद से के.डी. हॉस्पिटल आ जाती है।
बेटी को फिर से अपने पैरों पर खड़ा देख माता–पिता भी खुश हैं। परिजन बताते हैं कि रेनू ऑपरेशन के बाद आराम से उठ-बैठ रही है। बिना किसी सहारे के चल-फिर रही है। सीढ़ियां भी चढ़ लेती है। अब उसकी जिन्दगी नॉर्मल है। यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं। डॉक्टर साहब ने हमें हिम्मत और भरोसा दिया। उन्होंने मेरी बच्ची को दूसरा जीवन दिया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने आदि ने सफल सर्जरी के लिए डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राहुल एम. ढोले तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।
चित्र कैप्शनः रेनू के साथ विशेषज्ञ न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राहुल एम. ढोले और उनकी सहयोगी टीम।

एक तारा जो छिटक कर अंतरिक्ष में विलीन हो गया

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 मथुरा। डी.एन. साहब के नाम से प्रसिद्ध श्रद्धेय दीनानाथ चतुर्वेदी के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है कि रिलायंस समूह के असली जन्मदाता ये ही थे। धीरूभाई अंबानी की भूमिका तो सिर्फ नाम मात्र की थी। जड़ में तो डी.एन. साहब का ही सारा खेल था। वे बम्बई के नंबर वन चार्टेड अकाउंटेंट थे तथा अल्प शिक्षित धीरूभाई से उनकी निकटता या यौं कहें कि मित्रता ऐसी रंग लाई कि आज पूरी दुनियां में रिलायंस की धाक है।
 चली बात पर यह भी बता दूं कि धीरुभाई व डी.एन. साहब की सांठ गांठ कैसे हुई? दरअसल गिरधर मुरारी परिवार अंबानी परिवार का पुरोहित है। पुरोहित और यजमान का रिश्ता एक प्रकार से साझेदारी में बदल गया। शुरू से ही उन्होंने रिलायंस का फाइनेंस का पूरा काम स्वयं देखा तथा रिलायंस के डायरेक्टर रहे। धीरूभाई और डी.एन. साहब की प्रगाढ़ता मैंने स्वयं अपनी आंखों से देखी है। लगभग चार दशक पूर्व धीरूभाई ने हमारे घर के बराबर स्थित गिरधर मुरारी गेस्ट हाउस जो दीनानाथ जी का है, मैं एक विशाल नेत्र शिविर लगवाया था। उस दौरान धीरूभाई ने एक पत्रकार वार्ता भी की जिसमें में स्वयं भी था। उस समय कुछ दिन धीरूभाई इसी गेस्ट हाउस में रुके तथा एक दिन गेस्ट हाउस के आगे सड़क पर बने पत्थर के चबूतरे पर दीवाल से तकिया लगाकर धीरुभाई को विश्राम करते हुए मैंने देखा था।
 उन दिनों धीरूभाई बम्बई की सबसे ऊंची बिल्डिंग "ऊषा किरन" में रहते थे जिसे सेठ राम प्रसाद खंडेलवाल ने बनवाया था। मथुरा में चमेली देवी खंडेलवाल और अनार देवी खंडेलवाल महिला पॉलिटेक्निक भी राम प्रसाद खंडेलवाल की ही देन है। बाद में धीरूभाई ने अपना एक बड़ा बंगला बनवा लिया और ऊषा किरन बिल्डिंग में डी.एन. साहब और उनका परिवार रहने लगा। डी.एन. साहब तीन भाई थे। सबसे बड़े जमुना दास जी, उनसे छोटे दीनानाथ जी और सबसे छोटे बाल किशन जी। तीनों ही भाई बड़े सज्जन और विनम्र थे। इनके पिताजी चौगानी भाई तो एक तरह से देवता समान थे। इनके यहां गिरधर मुरारी धर्मशाला में एक छोटा सा मंदिर है वहां बड़े मनोयोग से ठाकुर जी की पूजा होती मैं बचपन से ही देखता आया हूं। जब तक जमुना दास जी बालकिशन जी जिंदा थे, वे स्वयं ही ठाकुर जी का श्रृंगार व सेवा करते थे। इस परिवार में दान पुण्य, धरम करम बहुत होता है। ईश्वर सेवा और दान पुण्य का ही परिणाम है कि आज गिरधर मुरारी परिवार को बड़ी श्रद्धा व सम्मान के साथ देखा जाता है। यह एक ऐसा पवित्र नाम है कि मथुरा से लेकर बम्बई तक इसकी अनूठी सुगंध है। यह मेरा सौभाग्य है कि श्रद्धेय डी.एन. साहब की मेरे ऊपर बड़ी कृपा थी। जब भी मैं उनसे मिलता तो वे बड़े खुश होते और खूब आशीर्वाद देते। एक दो बार तो हमारे नलकूप की सेवा में अपनीं ओर से आर्थिक मदद की पेशकश तक की। 
 एक बात जो इस परिवार की खास है तथा लीक से हटकर भी। वह यह कि ये लोग कभी उनसे भी नहीं उलझते जो इनसे विरोध मानते हैं। इनका सबसे बड़ा हथियार या यौं कहें कि अच्छी जिंदगी जीने का फॉर्मूला बड़े अजब गजब का है। इस फाॅर्मूले का सार एक मंत्र है जिसे इन्होंने सिद्ध कर रखा है। उस सिद्ध मंत्र का जाप ये जुबान से या मन ही मन नहीं करते बल्कि अपनीं जीवन पद्धति में उतार कर करते हैं। यह मंत्र है कि "नींच की गारी हंसकर टारी" इस बात का अनुभवी मैं स्वयं भी हूं। यदि हम लोग भी गिरधर मुरारी परिवार के इस मंत्र को अपने जीवन में उतार लें तो जीवन की बगिया महक उठेगी। आज मैं अपने अंतर्मन से न सिर्फ डी.एन. साहब बल्कि उनके सभी पूर्वजों को भी नमन करता हूं जिन्होंने अपने वंशजों को इतने अच्छे संस्कार दिए।

संस्कृति विवि में रक्तदान कर प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर लिया संकल्प किया पूरा

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चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में हुए रक्तदान कार्यक्रम का फीता काटकर शुभारंभ करतीं विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा। साथ में हैं विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी और डा. रजनीश त्यागी।


मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ नर्सिंग और सद्भावना चेरीटेबल ब्लड बैंक के सहयोग से संस्कृति विवि में एक रक्तदान शिविर लगाया गया। रक्तदान शिविर में विवि की एनएसएस विंग के कैडेटों, विवि के शिक्षकों ने 147 यूनिट ब्लड दान किया।
इस मौके पर संस्कृति स्कूल नर्सिंग के प्राचार्य केके पाराशर ने कहा कि रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और रक्त-आधान (ट्रांसफ्यूजन) के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनायी जाती है। विकसित देशों में, अधिकांश रक्तदाता अवैतनिक स्वयंसेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्त दान करते हैं। एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति एक बार में आमतौर पर 350 से 450 मिलीलीटर (ml) रक्त दान कर सकता है, जो शरीर में मौजूद कुल रक्त का लगभग 8% से 12% होता है. पुरुषों के लिए यह अंतराल 12 सप्ताह और महिलाओं के लिए 16 सप्ताह होता है, जबकि भारत में आमतौर पर 450 मिलीलीटर रक्त दान किया जाता है, जिसे शरीर 48 से 72 घंटों में फिर से भर लेता है.
डा. रजनीश त्यागी ने कहा कि जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है। दुर्घटना, रक्‍तस्‍त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि के दौरान अत्‍यधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्‍यकता पडती है। थेलेसिमिया, ल्‍यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्‍यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्‍त की आवश्‍यकता रहती है अन्‍यथा उनका जीवन खतरे में रहता है। जिसके कारण उनको खून चढाना अनिवार्य हो जाता है। इस जीवनदायी रक्‍त को एकत्रित करने का एकमात्र् उपाय है रक्‍तदान। स्‍वस्‍थ लोगों द्वारा किये गये रक्‍तदान का उपयोग जरूरतमंद लोगों को खून चढानें के लिये किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा दान है जो किसी का जीवन बचाने के काम आ सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के जन्मदिवस पर लिए संकल्प को पूरा करने के लिए संस्कृति विवि में हुए रक्तदान के अवसर पर सद्भावना ब्लड बैंक टीम की तरफ से मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रदीप पाराशर, डायरेक्टर संजीव सारस्वत , मोहित सारस्वत ,तरुण, सुशील राहुल, सौरभ, नितिन, धर्मेंद्र नीरज आदि का सहयोग रहा। वहीं संस्कृति विवि की ओर से सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने आयोजन का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, राहुल और एनएसएस विंग के कैडेट्स भी मौजूद रहे।

जीएलए विश्वविद्यालय में टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड का भव्य आयोजन

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जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड का सफल आयोजन हुआ। लगातार तीन दिन एवं ५४ घंटे का मैराथन इवेंट छात्रों की रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर अनूप गुप्ता ने अथितियों राजीव बनर्जी, (सर्टिफाइड सीएमए और एमएनए (ऑपरेशंस), राहुल लखमानी- (स्कीफाई सॉल्यूशंस के संस्थापक एवं सीईओ), देवांश एस भट्ट – (अर्बनट्रैक्ट प्रा.लि. के संस्थापक और पूरणताह एजुकेशन के सीईओ), हिमांशु सिंगला- (साइबरोइज़्म प्रा.लि. के संस्थापक एवं सीईओ) के साथ दीप प्रज्वलित किया एवं टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में पाँच सदस्यों की ज्यूरी टीमों का गठन किया गया, जिसके उपरांत छात्रों ने अपने-अपने स्टार्टअप विचार प्रस्तुत किए। सभी टीमों ने अपने विचारों को परियोजना के रूप में विकसित करने की शुरुआत की। इस दौरान टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड टीम से आए फैसिलिटेटर श्रेयश कुशवाहाने पूरे आयोजन को और अधिक सुचारू बनाने में योगदान दिया।

दूसरे दिन प्रतिभागियों को मार्गदर्शन देने के लिए अनुभवी वक्ताओं इनमें राजीव बनर्जी, हिमांशु सिंगला, देवांश भट्ट और राहुल लखमानी ने सेशन लिए। वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को यह समझाया कि किस प्रकार एक विचार को सफल स्टार्टअप में बदला जा सकता है। कार्यक्रम के दूसरे दिवस रात्रि में मनोंरजन से सम्बंधित कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ जिसमे भावी उद्यमियों को गिटार नाइट के माध्यम से रिफ्रेश किया गया जिसके उपरान्त नये जोश के साथ वे कार्यक्रम में बने रहे।

तीसरे दिन सभी टीमों ने अपने प्रोजेक्ट और विचार प्रस्तुत किए। मूल्यांकन के बाद 10 स्टार्टअप्स का चयन किया गया एवं बेस्ट तीन स्टार्टअप को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया चयनित स्टार्टअप्स को लॉन्चपैड में शामिल किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्री-इन्क्यूबेशन सपोर्ट, मेंटरशिप और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा ताकि छात्र अपने विचारों को वास्तविक व्यवसाय में बदल सकें। टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर के प्रबंधक दीपक शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में छात्र छात्राओं को लाभान्वित करने के लिए ज्यूरी टीमों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया एवं विश्वविद्यालय के सीएफओ डा. विवेक अग्रवाल और वाइस चांसलर प्रोफेसर अनूप गुप्ता का मार्ग दर्शन एवं सहयोग के लिए आभार प्रकट किया I

प्रोग्राम मैनेजर टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर अभिषेक गौतम एवं कोऑर्डिनेटर जितेन्द्र कुमार ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि टेकस्टार का आयोजन स्पार्कल टीबीआई और ई-सेल के बैनर तले किया गया, यह एक अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड का सफल आयोजन हुआ। लगातार तीन दिन एवं 54 घंटे का मैराथन इवेंट छात्रों की रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर अनूप गुप्ता ने अथितियों राजीव बनर्जी, (सर्टिफाइड सीएमए और एमएनए (ऑपरेशंस), राहुल लखमानी- (स्कीफाई सॉल्यूशंस के संस्थापक एवं सीईओ), देवांश एस भट्ट – (अर्बनट्रैक्ट प्रा.लि. के संस्थापक और पूरणताह एजुकेशन के सीईओ), हिमांशु सिंगला- (साइबरोइज़्म प्रा.लि. के संस्थापक एवं सीईओ) के साथ दीप प्रज्वलित किया एवं टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में पाँच सदस्यों की ज्यूरी टीमों का गठन किया गया, जिसके उपरांत छात्रों ने अपने-अपने स्टार्टअप विचार प्रस्तुत किए। सभी टीमों ने अपने विचारों को परियोजना के रूप में विकसित करने की शुरुआत की। इस दौरान टेकस्टार स्टार्टअप वीकेंड टीम से आए फैसिलिटेटर श्रेयश कुशवाहाने पूरे आयोजन को और अधिक सुचारू बनाने में योगदान दिया।

दूसरे दिन प्रतिभागियों को मार्गदर्शन देने के लिए अनुभवी वक्ताओं इनमें राजीव बनर्जी, हिमांशु सिंगला, देवांश भट्ट और राहुल लखमानी ने सेशन लिए। वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को यह समझाया कि किस प्रकार एक विचार को सफल स्टार्टअप में बदला जा सकता है। कार्यक्रम के दूसरे दिवस रात्रि में मनोंरजन से सम्बंधित कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ जिसमे भावी उद्यमियों को गिटार नाइट के माध्यम से रिफ्रेश किया गया जिसके उपरान्त नये जोश के साथ वे कार्यक्रम में बने रहे।

तीसरे दिन सभी टीमों ने अपने प्रोजेक्ट और विचार प्रस्तुत किए। मूल्यांकन के बाद 10 स्टार्टअप्स का चयन किया गया एवं बेस्ट तीन स्टार्टअप को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया चयनित स्टार्टअप्स को लॉन्चपैड में शामिल किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्री-इन्क्यूबेशन सपोर्ट, मेंटरशिप और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा ताकि छात्र अपने विचारों को वास्तविक व्यवसाय में बदल सकें। टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर के प्रबंधक दीपक शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में छात्र छात्राओं को लाभान्वित करने के लिए ज्यूरी टीमों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया एवं विश्वविद्यालय के सीएफओ डा. विवेक अग्रवाल और वाइस चांसलर प्रोफेसर अनूप गुप्ता का मार्ग दर्शन एवं सहयोग के लिए आभार प्रकट किया I

प्रोग्राम मैनेजर टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर अभिषेक गौतम एवं कोऑर्डिनेटर जितेन्द्र कुमार ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि टेकस्टार का आयोजन स्पार्कल टीबीआई और ई-सेल के बैनर तले किया गया, यह एक अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका 54 घण्टे नॉनस्टॉप आयोजन होता है कार्यक्रम के प्रथम दिवस प्रतिभागिओं को ब्राजील में चल रहे कार्यक्रम के मेंटर और प्रतिभागिओं से ऑनलाइन विचारों का आदान-प्रदान भी कराया गया।

टेकस्टार के शानदार आयोजन ने युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपने कदम मजबूत करने की दिशा में नई ऊर्जा प्रदान की। यह आयोजन युवाओं के लिए एक अनमोल अवसर था, जिसने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।

टेकस्टार में 120 प्रतिभागियों के साथ-साथ ई-सेल की समस्त टीम उपस्थिति रही, ई-सेल हेड कृष्णा मित्तल एवं उनकी टीम एवं टेक्नोलॉजी बिज़नेस इनक्यूबेटर के प्रबंधक दीपक शर्मा के मार्गदर्शन एवं अथक प्रयास ने सफल आयोजन में बड़ी भूमिका का निर्वहन कियाI