Monday, May 5, 2025
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जीएलए के कुलाधिपति ने किया एचडीएफसी बैंक का शुभारंभ

  • एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में खुली एचडीएफसी बैंक की श्रीधाम वृंदावन शाखा

मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में हर दिन-हर समय श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ रहा है। जिस कारण स्थानीयों को भारी जाम का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते एचडीएफसी बैंक ने एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में श्रीधाम वृंदावन शाखा खोली है। शाखा का शुभारंभ जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने किया।

एचडीएफसी बैंक श्रीधाम वृंदावन शाखा का फीता काटकर एवं मंत्रोच्चारण के मध्य शुभारंभ करते हुए जीएलए के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने सर्वप्रथम एचडीएफसी स्टाफ को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बैंक की इस शाखा के खुलने से बैंकिंग प्रक्रिया काफी आसान होगी। आसपास के करीब 10 से 12 किमी. तक के लोगों को सुगमता मिलेगी। भीड़ से अलग हटकर इस बैंक में लेन-देन काफी आसान होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि एचडीएफसी अपने दायरा लगातार बढ़ा रही है। यह लोगों के लिए सुगम है।

एचडीएफसी की जोनल हेड अंजू सूद ने बताया कि मथुरा जिले में लोगों को अधिक से अधिक लोन उपलब्ध कराने में यह बैंक दूसरे स्थान पर है। बाकी भारत सरकार द्वारा बैंक के माध्यम से लोगों दी जाने वाली सेवाओं में भी बैंक ने काफी प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, जिससे ग्राहकों का भरोसा और बढ़ा है। आने वाले समय एचडीएफसी परिवार इस प्रकार कार्य करने में जुटा है कि लोगों को बैंकिग में कोई किसी प्रकार तकलीफ न हो और प्रक्रियाएं कम पढ़े-लिखे व्यक्ति के लिए भी और आसान हो जाऐं।

क्लस्टर हेड गिर्राज अग्रवाल ने सभी लोगों का स्वागत किया तथा उपस्थित सभी लोगों को शाखा की व्यवस्था से अवगत कराया एवं नवीन स्टाफ सदस्यों से भी परिचय कराया। जीएलए के सीएफओ एवं ग्रुप के निदेशक विवेक अग्रवाल ने कहा कि संस्कार सिटी के निवासी तथा रूकमिणी विहार के लोगों के लिए यह शाखा काफी फायदेमंद साबित होगी।

इस अवसर पर एनके ग्रुप के निदेशक कपिल उपाध्याय, श्रीधाम वृंदावन शाखा प्रबंधक देवदत्त उपाध्याय, जितेन्द्र छावड़ा, विपुल मेहरोत्रा, गोविंद शर्मा, गौरव अग्रवाल, राजीव सारस्वत, मनोज मोहन शास्त्री, पद्मनाभ गोस्वामी, शोभित अरोड़ा, गिर्राज फोहिल आदि उपस्थित रहे।

संस्कृति विवि में विद्यार्थियों को बताया उद्यमी बनने का रास्ता

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स के सहयोग से राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के उपलक्ष्य में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरियल क्लब द्वारा आयोजित किया गया।
सेमिनार के विशिष्ट वक्ता, प्रो. (डॉ.) पंकज कुमार गोस्वामी ने छात्रों को उनकी उद्यमशीलता की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से एक प्रेरक उद्बोधन किया। डॉ. गोस्वामी ने छात्रों को अपने सपनों को सफल उद्यमों में बदलने के लिए सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि भारत में बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम में योगदान किया जा सके। उन्होंने स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए उपलब्ध विभिन्न सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला और सरकारी निकायों और कॉर्पोरेट क्षेत्र दोनों से वित्तीय सहायता के लिए इन अवसरों का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। डा. गोस्वामी ने विद्यार्थियों को बड़े सहज ढंग से और विस्तार से अपना स्वयं का उद्यम खड़ा करने की जानकारी दी।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। वक्ताओं ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा किस तरह से विद्यार्थियों को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और विवि के मेंटर उनको किस तरह से सहयोग कर रहे हैं। स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड कामर्स के सहायक प्रोफेसर डा. शांतम बब्बर ने बताया कि संस्कृति यूनिवर्सिटी में विशेषज्ञों की एक बड़ी टीम है जो विद्यार्थियों को उनके विचारों को सफल स्टार्टअप में बदलने के लिए उनका मार्गदर्शन और प्रोत्साहन करती है। विश्वविद्यालय की सोच के अनुरूप यह टीम विद्यार्थियों को खुद का सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करती है।
कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) मनीष अग्रवाल, डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स, प्रो. (डॉ.) धर्मेंद्र सिंह तोमर, डीन, छात्र कल्याण आदि उपस्थित रहे। लगभग 160 छात्रों ने सेमिनार में भाग लिया और संस्कृति यूनिवर्सिटी में उपलब्ध मार्गदर्शन और सलाह के साथ, अपनी आकांक्षाओं को कार्रवाई योग्य स्टार्टअप उपक्रमों में बदलने की प्रतिबद्धता जताई।

मथुरा रिफाइनरी ने करवाया बाद प्राथमिक विद्यालय का निर्माण

  • सी.एस.आर निधि से करवाया नवीन कक्षों का निर्माण

मथुरा l शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रिफाइनरी ने सी एस आर निधि से प्राथमिक विद्यालय, बाद के लिए दो क्लास रूम का निर्माण करवाया है | इन कक्षाओं का उदघाटन आज श्री अजय कुमार तिवारी, कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख ने किया | इसके साथ ही बच्चों के विकास और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो कम्प्युटर भी स्कूल को भेंट किएl
कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमति नीरज मथुरिया ने मथुरा रिफाइनरी की सराहना की और इस कार्य में स्कूल को दिये सहयोग के लिए धन्यवाद दिया | विद्यालय के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी का स्वागत एवं अभिनंदन किया | रिफाइनरी द्वारा प्रदत्त कंप्यूटर पाकर सभी बच्चे बड़े उत्साहित हुए और अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए कटिबद्ध हुए|
मथुरा रिफाइनरी ने हर कदम पर बृजवासियों का साथ दिया है और सदैव ही जिले के विकास कार्यों के लिए रिफाइनरी अग्रणी रही है l रिफाइनरी ने अपनी शुरुआत से ही पर्यावरण प्रबंधन और सामाजिक कल्याण के प्रति संकल्पित है और भविष्य में भी ये प्रयास निरंतर जारी रहेंगे |

307 पदों पर होगी आंगनबाडी कार्यकत्री की सीधी भर्ती

जनपद में माह मार्च 2024 में 315 आंगनबाडी कार्यकत्री के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गयी थी ।जिसमें से बाद में न्यायालय के आदेश के क्रम में 08 पदों पर प्रतिचयन होने के फलस्वरूप 307 पदों पर सीधी भर्ती की कार्यवाही निर्धारित की गयी। माह अप्रैल 2024 में आचार संहित प्रभावी होने के कारण प्राप्त आवेदनों पर चयन की कार्यवाही पर रोक लगा दी गयी थी। गत् माह निदेशालय द्वारा पोर्टल पर प्राप्त हुए आवेदनों पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने हेतु पोर्टल खोला गया। जिसके उपरान्त पोर्टल पर प्राप्त हुए समस्त आवेदनों को डाउनलोड कर सत्यापन करने तथा मेरिट बनाने का कार्य चयन समिति द्वारा प्रारम्भ किया गया है। जिसका प्रथम चरण दिनांक-22.01.2025 को सम्पन्न हुआ था। इसी क्रम में आज दिनांक-29.01.2025 को द्वितीय चरण में 7 परियोजनाओं क्रमशः शहर ,नौहझील ,गोवर्धन ,नंदगांव ,बलदेव ,छाता एवं फरह के कुल 65 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वरीयता सूची में आने वाले 144 आवेदकों के आय, जाति,निवास एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य जनपद स्तरीय चयन समिति एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा राजीव भवन सभागार में किया गया ।समिति ने निर्धारित किया कि-
1- जिन अभ्यार्थियों का चयन बी0पीएल0 श्रेणी में वरीयता के आधार पर हो रहा है, वह 15 दिवस के भीतर स्वंय के नाम का आय प्रमाण पत्र निर्गत कराते हुए प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
2- जिन्होंने अपना ई0डब्ल्यू0एस0 प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया है,वह भी 15 दिवस के भीतर अपना प्रमाण पत्र उपलब्ध करायेंगे।
3- यदि किसी अभ्यर्थी ने आनलाइन आवेदन पत्र में शैक्षणिक प्राप्तांक अलग लिखा है तथा अभिलेखों में अलग हैं, तो गलत सूचना के आधार पर उनका चयन निरस्त माना जायेगा।
आवेदकों द्वारा आवेदन फॉर्म भरते समय जो अभिलेख अपलोड किए गए हैं ,चयन समिति द्वारा केवल उन्हीं का सत्यापन किया जाएगा और निर्णय उसी के आधार पर लिया जाएगा ।किसी भी प्रकार का ऑफलाइन अभिलेख या दस्तावेज अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
उक्त के अतिरिक्त समिति के समक्ष अनुपस्थित रहे अभ्यर्थियों को आगामी दिनांक-27.01.2025 को उपस्थित होने हेतु अवसर प्रदान किया गया है ।
जनपद स्तरीय चयन समिति में जिला विकास अधिकारी श्रीमती गरिमा खरे ,अवर अभियंता ,माइनर इरीगेशन- श्री विकास कुमार ,जिला पंचायत राज अधिकारी किरण चैधरी और सदस्य सचिव- जिला कार्यक्रम अधिकारी ,श्रीमती बुद्धि मिश्रा एवं सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने प्रत्येक अभ्यर्थी के अभिलेखों का बारीकी से सत्यापन किया तथा अगले चरण में पुनः 10-10 केन्द्र प्रति परियोजना के अनुसार दिनांक-05.02.2025 को समिति के समक्ष उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया । आज 36 आवेदक अनुपस्थित रहें ।अनुपस्थित आवेदक यदि आगामी बुधवार को जनपद स्तरीय समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा और द्वितीय वरियता वाले अभ्यर्थी को अवसर दिया जाएगा।

संस्कृति विवि में किया गया सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रूप में अत्यंत उत्साह और देशभक्ति के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मेमोरियल ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने विद्यार्थियों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेकर साहसी बनकर देश हित में जुटने का आह्वान किया गया।
पराक्रम दिवस पर संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने अंदर नेतृत्व क्षमता और कौशल का सृजन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपके अंदर ये गुण आपके सुदृढ़ भविष्य का आधार बनेंगे। इसके लिए विद्यार्थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं जिन्होंने अनेक विपरीत परिस्थियों और बड़ी चुनौतियों का सामना कर देश हित में लंबी लड़ाई लड़ी। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीएम चेट्टी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. रजनीश त्यागी ने नेताजी की उपलब्धियों और राष्ट्र के प्रति उनके बलिदानों पर प्रकाश डाला। विभाग प्रचारक अरुण कुमार ने नेताजी के जीवन से प्रेरणादायक बातें साझा कीं और उनकी अटूट संकल्पशक्ति और देशभक्ति को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में डीन छात्र कल्याण डॉ. डी.एस. तोमर और कुश कुमार, जिला प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कोसी, बीसीए एआईएमएल की सुश्री नंदिनी चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सुश्री ज्योति यादव द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। इसके पश्चात उपस्थित सभी अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में संस्कृति विश्वविद्यालय के स्टूडेंट काउंसिल के पदाधिकारियों अध्यक्ष यश श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष देवांश गुप्ता, अनामका बेनीवाल, महासचिव लव सिकरवार, संयुक्त सचिव महरीन फारुख को बैच लगाकर उन्हें कर्तव्य बोध के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया, जिससे पूरे सभागार में एकता और राष्ट्र प्रेम की भावना व्याप्त हो गई। कार्यक्रम का समापन डीन छात्र कल्याण डॉ. डी.एस. तोमर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. के के पाराशर, रतीश शर्मा, डॉ. रीना रानी, डा गौरव सरवांग, डा अशीष चौहान, डॉ. दुर्गेश वाधवा, डा धीजेन्द, जगदीश और डॉ. मोनिका एवराल, राहुल सिंह, सहित स्टूडेंट काउंसिल, सभी क्लब प्रतिनिधि और शिक्षक-समन्वयक, एनसीसी एवं एनएसएस के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को दी बदलते रिक्रूटमेंट ट्रेंड्स की जानकारी

  • प्रत्येक एक्टिविटी पर फोकस कर बढ़ाएं व्यावहारिक ज्ञानः ऐश्वर्या भाटिया

मथुरा। भारत में तेजी से बदलते टेक्निकल सिनेरिओ के साथ, जॉब मार्केट भी लगातार डेवलप हो रहा है। नौकरी के ट्रेंड तेजी से बदल रहे हैं। कई नई नौकरियां आ रही हैं जबकि कुछ पुरानी नौकरियां धीरे-धीरे कम होती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राएं अपने-अपने प्रोजेक्ट तथा कक्षाध्ययन में मिले कार्य को ध्यानपूर्वक पूर्ण करते हुए प्रत्येक एक्टिविटी पर फोकस कर अपना व्यावहारिक ज्ञान बढ़ाएं ताकि उन्हें जॉब हासिल करने में कोई परेशानी न आए। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित रिक्रूटमेंट ट्रेंड्स शेपिंग इन 2025 विषय पर रिसोर्स परसन ऐश्वर्या भाटिया ने छात्र-छात्राओं बताईं।
रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया ने छात्र-छात्राओं को बताया कि व्यापार जगत तेजी से विकसित हो रहा है लिहाजा हमें कम्पनियों की आवश्यकता के अनुरूप अपने आपको अपडेट रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व जो कार्य अच्छा था वह अब उतना कारगर नहीं रह गया है जिससे कम्पनियों के लिए समय से आगे रहने की दौड़ मुश्किल हो रही है। सुश्री भाटिया ने सभी छात्र-छात्राओं को सावधान करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कारपोरेट जगत में बहुत प्रतिस्पर्धात्मक माहौल है, ऐसे में हमें हर पल चौकस रहने की जरूरत है।
रिसोर्स परसन ने कहा कि अब गिग अर्थव्यवस्था भी प्रचलन में है जिसके अन्तर्गत अधिकांश लोग फ्रीलांसर के रूप में अल्पकालिक अनुबंध पर काम करने को मजबूर हैं। आप गिग अर्थव्यवस्था की अद्वितीय गतिशीलता के साथ भर्ती रणनीतियों का लाभ उठा सकते हैं। आप सही कौशल और प्रशिक्षण प्राप्त करके अपनी प्रतिभा का प्रयोग करके अपने दीर्घकालिक करियर में चार चांद लगा सकते हैं। नौकरी चाहने वालों के लिए आज अनेकों विकल्प उपलब्ध हैं। जॉब मार्केट में कर्मचारी अनुभव शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित करता है और उन्हें जॉब पर बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सुश्री भाटिया ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपको कम्पनी के मूल्य, कार्य व वातावरण आदि पर विशेष ध्यान देना है। इसके अनेक आयाम हैं जो नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए लाभप्रद हैं। मसलन, दिशा और उद्देश्य प्रदान करने के लिए स्पष्ट अपेक्षाएं निर्धारित करना, कर्मचारियों को अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद के लिए विकास के अवसर पैदा करना, उनको मूल्यवान महसूस कराना, टीम-निर्माण को प्रोत्साहित करना, विविधता और समावेशन को बढ़ावा देना आदि आयामों पर ध्यान देकर कम्पनियां ऐसा माहौल बना सकती हैं जो कर्मचारियों को जोड़े रखने में मददगार होगा।
रिसोर्स परसन ने इस संदर्भ में सोशल मीडिया की शक्ति, उम्मीदवार के अनुभव को बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग, अधिक विविध और समावेशी कार्यस्थल, वेतन, एयर स्विफ्ट के जरिए शीर्ष प्रतिभाओं की नियुक्ति आदि को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग ऐसे ट्रेंड हैं जो जॉब मार्केट को शेप देते रहेंगे। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, डेटा साइंटिस्ट और हरित ऊर्जा विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। इतना ही नहीं मैन्युफैक्चरिंग और अधोसंरचना के क्षेत्र में भी कुशल लोगों की बहुत कमी है। अंत में छात्र-छात्राओं ने रिसोर्स परसन से कई सवाल पूछे जिनके उन्होंने विस्तार से जवाब दिये।

लालों के लाल शंकर लाल

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। शंकर लाल खंडेलवाल लालों के भी लाल थे। भले ही उनको गौलोक वासी हुए अरसा हो चुका है किंतु उनके सद्कर्म आज भी उन्हें जीवित रखे हुए हैं।
     शंकर मिठाई वालों के नाम से प्रसिद्ध शंकर लाल जी बड़े ही विनम्र स्वभाव के थे। चहरे पर तेज और सौम्यता देखते ही बनती थी। ऊपर से अच्छा खासा डील डौल सौने में सुगंध का काम करता था।
     इस सबसे हटकर खास बात यह कि वे न सिर्फ अति धार्मिक और पूजा पाठी थे बल्कि सेवा भावी भी थे। गरीबों पर तो वे बेहद मेहरबान रहते थे। सर्दियों में अलाव जलवाना चाय का लंगर चलाना उनका शौक था। इसी प्रकार गर्मियों में शीतल पानी की प्याऊ चलती थी। गायों को हरा चारा खिलवाया जाता।
     इस सबसे अलग एक बात और वह यह कि अपनी मिठाई की दुकान में जो भी मिठाई बच जाती उसे मुफ्त में गरीबों को बटवा देते। वे भोले बाबा के अनन्य भक्त थे। प्रतिदिन रंगेश्वर महादेव की पूजा अर्चना किए बगैर कुछ भी ग्रहण नहीं करते। कोई भी असहाय जरूरतमंद उनके पास आ जाता वह खाली हाथ नहीं लौटता। अनगिनत गरीब कन्याओं की शादी कराने का सौभाग्य उनको मिला। इन सब बातों से भी ऊपर उठकर एक बात यह कि वे कभी अपनी इन सेवाओं का प्रसार प्रचार नहीं करते थे। उनकी इन महानताओं के कारण लोग उन्हें श्रद्धा और सम्मान की नजरों से देखते। अच्छी बात यह है कि शंकर लाल जी की परमार्थ वाली इन परंपराओं को उनके पुत्र गिरधारी लाल व अन्य भाई बखूबी निभा रहे हैं।
     शंकर लाल जी व उनके परिवारीजन समाज के लिए मिसाल हैं। आज के इस दूषित वातावरण में ऐसे परमार्थी लोग कलयुग में भी सतयुग का आभास कराते हैं। हम लोगों को शंकर लाल जी जैसे दुर्लभ व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर चौरासी लाख योनियों के बाद मिले इस मनुष्य जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।

आर्थिक विकास को गति देती है उद्यमिताः प्रो. एस.पी. मिश्रा

  • जी.एल. बजाज में उद्यमिता, स्टार्टअप्स और नवाचार पर हुई मंत्रणा

मथुरा। उद्यमिता नवाचार को बढ़ावा देती है, आर्थिक विकास को गति देती है, रोजगार पैदा करती है तथा नए बाजार खोलती है। यह साहसिक विचारों को वास्तविकता में बदलने तथा लोगों को अपने-अपने समुदायों के लिए बेहतर भविष्य बनाने का सशक्त माध्यम है। यह बातें मुख्य अतिथि ए.के.टी.यू. इनोवेशन हब के सलाहकार प्रो. एस.पी. मिश्रा ने जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के छात्र-छात्राओं को बताईं। उद्यमिता, स्टार्टअप्स और नवाचार पर आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ प्रो. एस.पी. मिश्रा तथा निदेशक प्रो. नीता अवस्थी द्वारा विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यशाला में प्रो. मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि उद्यमी रचनात्मक दिमाग की तरह होते हैं जो बड़े सपने देखते हैं और उन सपनों को हकीकत में बदल देते हैं। वे ऐसे लोग हैं जो अलग तरह से सोचते हैं, ऐसे विचार लेकर आते हैं जो हमारे जीवन को कई तरह से बेहतर बनाते हैं। नई और बेहतर चीजों के लिए यह प्रयास दुनिया को रोमांचित और आगे बढ़ाता रहता है। उन्होंने कहा कि जब उद्यमी नए व्यवसाय शुरू करते हैं, तो वे आर्थिक विकास के चक्र को गति देते हैं जिससे सभी को लाभ होता है। अधिक व्यवसायों का मतलब है अधिक लेन-देन, नौकरियां और अंततः अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलना।
प्रो. नीता अवस्थी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हर बार जब कोई नया व्यवसाय शुरू होता है, तो यह सिर्फ एक सपना ही नहीं होता जो सच होता है बल्कि नए रोजगार के अवसरों का भी जन्म होता है। ये नौकरियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये लोगों को जीविकोपार्जन का एक जरिया प्रदान करती हैं, जिससे बेरोजगारी कम करने और अर्थव्यवस्था को सहारा देने में मदद मिलती है।
यह कार्यशाला संस्थान के इनोवेशन काउंसिल द्वारा आयोजित की गई, जिसमें बीहाइव, संस्थान की इनोवेशन सेल ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। बीहाइव के संयोजक प्रो. बृजेश कुमार उमर और बीहाइव के उपाध्यक्ष एवं एमबीए विभागाध्यक्ष डॉ. शशि शेखर ने इस कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संकाय समन्वयकों विवेक भारद्वाज और राधा रमण ने आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया। छात्र समन्वयकों याज्ञनिक शर्मा, प्रतीक सिंह, रौनक शिवहरे, शिप्रा सिंह, हिमांशु राठौर, अमित सिंह, राधिका मित्तल और समीक्षा ने उत्कृष्ट नेतृत्व और संगठनात्मक कौशल का प्रदर्शन किया।
जी.एल. बजाज, मथुरा के आई.आई.सी. के उपाध्यक्ष डॉ. शशि शेखर ने मुख्य अतिथि प्रो. एस.पी. मिश्रा का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यशाला के समापन अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अतिथि वक्ता प्रो. मिश्रा का स्मृति चिह्न भेंटकर छात्र-छात्राओं को बहुमूल्य समय देने के लिए आभार माना।

संस्कृति विवि में जोश-खरोश के साथ मना 76वां गणतंत्र दिवस

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में पूरे जोश-खरोश के साथ देश का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रो.बीएम चेट्टी ने झंडारोहण किया और शिक्षकों व विद्यार्थियों ने देशभकक्ति के गगनभेदी नारे लगाकर वातावरण गुंजायमान कर दिया।
संस्कृति विवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. बीएम चेट्टी ने कहा कि स्वराज का नारा बाल गंगाधर तिलक ने दिया। उसी स्वराज को पाने के बाद देश को एक मजबूत संविधान मिला। एक लंबी स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद यह सपना साकार हो सका। इस लड़ाई में सभी ने अपने-अपने तरीके से भाग लिया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज हम दुनियां में अपना परचम फहरा रहे हैं। देश प्रगति के मार्ग पर बढ़ रहा है, ऐसे समय आपको अपने देश और और उसके संविधान के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए और गर्व होना चाहिए कि आप एक भारतवासी हैं। गणतंत्र दिवस के दिन हम संकल्प लें कि हम देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करेंगे। आज हम संकल्प लेते हैं कि देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। अपने साथ दूसरे के अधिकारों का भी ध्यान रखेंगे।।
संस्कृति विवि के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा.डीएस तोमर ने गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम देश को आगे ले जाने में जितना सहयोग करेंगे उतना ही हम अपने जीवन से संतुष्ट होंगे। संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य केके पाराशर ने देश पर जान कुर्बान करने वाले क्रांतिकारियों को याद करते हुए उनके बलिदान की सराहना की। संस्कृति विवि के एनसीसी कैडेट ने मार्चपास्ट करते हुए तिरंगे को पूरे जोश के साथ सलामी दी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा देशप्रेम से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सारा माहौल देशभक्ति से परिपूर्ण कर दिया।
इस मौके पर विवि एनसीसी युनिट के सीटीओ अंकित, डीन डा. वेराचेल्ली, डा. मोहनन, डा. पटनायक, रजिस्ट्रार मनीष मिश्रा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार डा. रवि त्रिवेदी के अलावा प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव, सुरक्षा अधिकारी सुबोध आदि भी मौजूद रहे। अंत में संस्कृति विवि के स्टूडेंट वेलफेयर डीन डा. डीएस तौमर ने सबको धन्यवाद दिया।

देवकीनंदन महाराज ने ‘सनातन धर्म संसद’ में संतों को सौंपा ‘सनातन बोर्ड’ का प्रारूप

  • संतों के हस्ताक्षर बाद सरकार तक पहुंचायेंगे, सनातनियों की इच्छा
  • शंकराचार्यों के संरक्षण में, सभी संप्रदाय जगद्गुरू, अखाड़े, धर्माचार्य, हिंदु संगठन, प्रमुख मंदिर ,गौसेवक, गुरूकुल शिक्षा से जुड़े व्यक्ति होंगे शामिल
  • वक्फ बोर्ड रहा तो, एक दिन सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा
  • कुम्भ से सनातनी खाली हाथ न जायें, संतों को दक्षिणा में मिले सनातन बोर्ड – देवकीनंदन

वृंदावन/प्रयागराज। सनातन बोर्ड गठन के लिये प्रयाग महाकुम्भ में धर्मगुरू देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज द्वारा बुलाई गयी सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड का प्रारूप प्रस्तुत किया गया। धर्म संसद में उपस्थित हजारों सनातनियों के बीच देवकीनंदन महाराज ने संत धर्माचार्यों को सनातन बोर्ड का प्रारूप सौंपा। एकमत से सभी ने सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम प्रारूप को धर्म संसद में पारित किया। मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने भी धर्म संसद में बोलते हुये संतों की मांग का समर्थन किया ।
महाकुम्भ के सैक्टर 17 के शांति सेवा शिविर में सनातन बोर्ड की मांग को लेकर सनातन धर्म संसद आयोजित की गयी।आयोजक सनातन न्यास फाउन्डेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज के साथ आनंद विभूषित जगतगुरु निम्बार्कपीठ श्रीजी महाराज एवं आनंद विभूषित जगतगुरु राघवाचार्य महाराज, साध्वी सरस्वती देवी, जगद्गुरु वल्लभाचार्य महाराज, साध्वी प्राची देवी, महामंडलेश्वर अरुण चैतन्यपुरी, अयोध्या छावनी महंत राजू दास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इस धर्म संसद का शुभांरभ किया।
सनातन बोर्ड को आवश्यक बताते हुये संतों ने सरकार से इसे कुम्भ समापन से पूर्व दक्षिणा स्वरूप प्रदान करने की मांग की। हजारों सनातनियों के बीच सनातन बोर्ड का प्रारूप पढ़कर सुनाया गया। सभी संत धर्माचार्यों ने इस पर अपने हस्ताक्षर किये।
सनातन न्यास फाउन्डेशन अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि प्रारूप पर अन्य संतों के भी हस्ताक्षर करवाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचाया जायेगा ।
देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहा कि देश में सनातन बोर्ड का गठन हो, जिसमें चारों शंकराचार्य और वैष्णव आचार्य यह तय करेंगे कि पूजा पद्धति कैसी होनी चाहिए। कहा कि मंदिरों की सुरक्षा, संस्कृति और सनातनियों के धार्मिक अधिकारों के लिये सनातन बोर्ड आवश्यक है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि यदि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड नहीं हैं, तो भारत में वक्फ बोर्ड की आवश्यकता क्यों है
देवकीनंदन महाराज ने किसी पद, प्रतिष्ठा के लिये सनातन बोर्ड की मांग को संकुचित सोच बताते हुये सनातन बोर्ड में कोई भी पद न लेने की घोषणा की। कहा कि मेरे लिये नहीं, सनातनी बच्चों के लिये सनातन बोर्ड मांगिये। सनातन बोर्ड के लिये सामूहिक प्रयास करने की भावुक अपील करते हुये उन्होने संतों को अपना शपथ पत्र दिया। कहा कि वक्फ बोर्ड बना है तो एक दिन सनातन बोर्ड भी बनकर रहेगा ।

सनातन बोर्ड प्रारूप में मथुरा में अतिक्रमण मुक्त श्रीकृष्ण भव्य मंदिर, वैदिक प्रबंधन के अनुसार पूजा और प्रसाद की व्यवस्था, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ती, गुरुकुल, गौशाला और औषधालय की स्थापना एवं असहाय परिवारों के धर्मांतरण को रोकने के लिए आर्थिक सहायता आदि मुद्दों पर चर्चा हुई ।
धर्म संसद में जगद्गुरु बल्लभ दास महाराज, महामंडलेश्वर संत नवल किशोर दास महाराज, हैदराबाद सांसद टी राजा, मेवाड़ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 सुदर्शनाचार्य महाराज, महामडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति महाराज, विकास महाराज (वृंदावन), स्वामी रामदास महाराज (वलसाड), सिख संत बाबा हरजीत सिंह (अयोध्या), अर्पित दास महाराज, जैन आचार्य जितेंद्र जैन मुनि, प्रियांशु महाराज, जगद्गुरु सूर्याचार्य कृष्णदेवानंद गिरि, पूज्य स्वामी कृष्णदेवानंद महाराज, स्वामी बलरामाचार्य महाराज (अक्षरधाम वृंदावन), पूज्य महामंडलेश्वमर संतोष दास महाराज, सतुआ बाबा, बालयोगी महाराज, युवाचार्य अभय दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरी महाराज, पीठाधीश्वर अनल किशोर दास महाराज, स्वामी सत्य प्रकाशानंद सरस्वती महाराज, स्वामी सुरेशानंद दास महाराज (बद्रीनाथ धाम), महेंद्र प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में धर्माचार्य उपस्थित रहे ।

ऐसा है सनातन बोर्ड का प्रारूप:

देवकीनंदन महाराज द्वारा बुलाई गयी सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड प्रारूप में स्पष्ट किया गया है कि सनातन हिंदू बोर्ड को एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा, जो हिंदू मंदिरों, उनकी सम्पत्तियों और निधियों की देखरेख के लिये उत्तरदायी होगा । सनातन बोर्ड मंदिरों में वैदिक सनातन पूजा पद्धिति, सनातनी परंपराओं, सनातनी हिंदूओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा । इसमें वही व्यक्ति सम्मिलित होंगे जो हिंदुत्व में विश्वास रखते हुये सनातनी परंपराओं की सेवा की प्रबल इच्छा रखते होंगे ।

सनातन बोर्ड में इनकी होगी भूमिका –
संरक्षक मंडल:
चारों पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्यों कें संरक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय सनातन बोर्ड का गठन किया जायेगा ।
केन्द्रीय अध्यक्ष मंडल:
11 सदस्यों के साथ सनातन बोर्ड के अध्यक्ष मंडल का गठन होगा । जिसमें निम्न सदस्य होंगे ।
4 सदस्य – चारों संप्रदाय के प्रमुख जगद्गुरु
3 सदस्य – सनातनी अखाड़ों के प्रमुख व्यक्तित्व
1 सदस्य – संरक्षक मंडल द्वारा नामित व्यक्तित्व
3 सदस्य – प्रमुख संतध्कथाकारध्धर्माचार्य

सहयोगी मंडल:
2 सदस्य – देश में हिंदुओं के लिए कार्य करने वाले 2 सबसे बड़े हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि
4 सदस्य – देश के विन्भिन्न भागों से प्रमुख संतध्कथाकारध्धर्माचार्य
3 सदस्य – देश के प्रमुख मंदिरों अथवा मंदिर मामलों से जुड़े प्रमुख व्यक्तित्व
1 सदस्य – गौशालाध्गौसेवा से जुड़े व्यक्ति
1 सदस्य – गुरूकुल शिक्षा पद्धितिध्क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति

सलाहकार मंडल:
2 सदस्य – न्यायपालिका से सेवानिवृत सनातनी जज एवं वकील
2 सदस्य – उच्च पद से सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी
2 सदस्य – मीडिया क्षेत्र से वरिष्ठ सनातनी
1 सदस्य – 1 वरिष्ठ शिक्षाविद्
2 सदस्य – सामाजिक क्षेत्र या संगठन से जुड़े पदेन व्यक्तित्व
2 सदस्य – सामाजिक/धार्मिक कार्यकर्ता

इसके अतिरिक्त अध्यक्ष मंडल द्वारा आवश्यकता अनुसार केन्द्रीय स्तर पर अन्य सदस्य जोड़े या घटाये जा सकेंगे । उनका क्रम या अवधि कम या अधिक की जा सकेगी ।

राज्य स्तर पर सनातन बोर्ड समिति:
संरक्षक मण्डल की सहमती से अध्यक्ष मण्डल देश के विभिन्न राज्यों में सनातन बोर्ड की राज्य स्तरीय समिति का गठन करेगा । जिसका कार्य सनातन बोर्ड के उद्देश्यों को पूर्ण करना होगा ।