Wednesday, May 7, 2025
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चंद्रप्रकाश सिंह मथुरा के नए जिलाधिकारी होंगे

जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का तबादला हुआ
शैलेंद्र कुमार सिंह कमिश्नर आगरा बनाए गए

कराटे खेल प्रतियोगिताओं से विद्यार्थी सीखते हैं आत्मरक्षा के गुर : विवेक

  • एमडीयू रोहतक में आयोजित ऑल इंडिया कराटे प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोले जीएलए के विवेक

मथुरा : महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, हरियाणा में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कराटे स्पर्धा का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के सीएफओ विवेक अग्रवाल ने किया।

शुभारंभ के दौरान विवेक अग्रवाल ने कहा कि आत्मरक्षा के गुर सीखना एक महत्वपूर्ण कौशल है जो कराटे या अन्य मार्शल आर्ट सीखने से विकसित होता है। जब विद्यार्थियों का असमाजिक तत्वों से होता है, तो कराटे में सीखी गई तकनीकें उन्हें खुद का बचाव करने की क्षमता प्रदान करती हैं। इसके अलावा यह खेल पढ़ाई के साथ-साथ आगे बढ़ने में भी मदद करता है।

इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के खेल निदेशक डा. आरपी गर्ग ने बताया कि ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कराटे प्रतियोगिता में देश 30 यूनिवर्सिटीज से लगभग 950 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। डा. आरपी गर्ग ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस दौरान कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बैकुंठ सिंह तथा महासचिव योगेश कालरा, टेक्निकल डायरेक्टर शिहान जयदेव शर्मा, जीएलए कराटे कोच हरीओम शुक्ला, मथुरा कराटे एसोसिएशन से सोनू निषाद ने उपस्थित रहे।

राजीव एकेडमी में छात्राएं सीख रहीं उद्यमिता के गुर

  • 24 दिवसीय वुमेन इण्टरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम
  • भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय की अभिनव पहल

मथुरा। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे 24 दिवसीय इण्टरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम में छात्राओं को उद्यमिता की गूढ़ बातें बताई जा रही हैं। रिसोर्स परसन विभव दुआ और सौरभ सातिया ने छात्राओं को बताया कि उद्योग के क्षेत्र में सफल होने के लिए मूलभूत आवश्यकता अपनी रुचि अनुरूप इकाई का चयन और उसे कार्यरूप दिया जाना होता है।
नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर इण्टरप्रिन्योरशिप एण्ड स्माल बिजनेस डेवलपमेंट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में न केवल महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है बल्कि छात्राओं की स्किल विकास हेतु तरह-तरह के टिप्स भी बताए जा रहे हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि यह 24 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा महिला उद्यमियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। छात्राएं तथा महिलाएं सैद्धांतिक पढ़ाई के बाद उद्यमी बनकर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं। ऐसे में उद्यम शुरू करने से पहले या उद्यम को विकसित करने के लिए यदि आवश्यक टिप्स मिल जाएं तो इससे समय के साथ धन का अपव्यय भी नहीं होता। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में महिला उद्यमियों के लिए अपार अवसर हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना और मुद्रा योजना ऐसी ही योजनाएं हैं, जिनमें कम पूंजी में उद्योगों की सफल स्थापना की जा सकती है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि भारत की बेटियाँ, भारत की महिलाएं, पुरुषों की उद्यमिता भागीदारी में अधिक से अधिक प्रतिभाग करते हुए स्वयं के निजी उद्योग स्थापित कर देश की इकानॉमी को शिखर तक पहुंचाने का कार्य करें। रिसोर्स परसन विभव दुआ ट्रेनर (एनआईईएसबीयूडी) ने कहा कि यह स्किल डेवलपमेंट संस्था स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करती है जिसके बैनर तले स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों के रिसर्च बताए जाते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न इंस्टीट्यूटों में छात्राओं को ट्रेनिंग के साथ नए नए टिप्स दिए जाते हैं।
निसवार्ड गवर्नमेंट ऑफ इडिया अंडरटेकिंग से आये ट्रेनर सौरभ सातिया ने कहा कि नए उद्यमियों और स्वयं का उद्यम खड़ा करने वाली युवा महिला उद्यमियों के लिए भारत सरकार के उद्यमिता मंत्रालय द्वारा समय-समय पर दी जा रही ट्रेनिंग बहुत बड़ा प्रयास है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आपको नए समय (आज) के हिसाब से जो टिप्स मिल रहे हैं, वे भविष्य में आपको नया उद्यम शुरू करने व वर्तमान उद्यम को सुचारु रूप से चलाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि नए अपडेट्स ही हैं जिन्हें कोई अन्य उद्यमी आपको कभी भी नहीं बताएगा। नए अपडेट्स और स्किल सुधार से आपका उद्यम विकसित होगा तथा आपको आगे बढ़ने की हिम्मत-साहस प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम में छात्राओं को इण्टरप्रिन्योर बनने के प्रति मोटिवेशन इण्टरप्रिन्योर इकोसिस्टम व्यापार-उद्यमिता के अवसरों की पहचान करना, इम्प्लायबिलिटी स्किल विकसित करना, व्यापार शुरू करने के लिए प्रीप्लान बनाना और बैंक से लोन कैसे प्राप्त करें तथा सोशल मीडिया में डिजिटल साक्षरता द्वारा व्यापार कैसे बढ़ाएं की जानकारी पर स्किल डिलीवर हुए। इसके अलावा उद्यमिता विकास का मैनेजमेंट विभिन्न सरकारी योजनाओं का ज्ञान व उनसे लाभ प्राप्त कैसे करें, अन्य उद्योग व उद्योगपतियों से सकारात्मक नेटवर्क कैसे स्थापित किया जाए, उद्योग आरम्भ करते समय व प्रीप्लान के समय महत्वपूर्ण तथ्य मार्केट सर्वे कैसे करें आदि पर महत्वपूर्ण टिप्स प्रदान किए गए।
नेशनल इस्टीटयूट फॉर इण्टरप्रिन्योरशिप एण्ड बिजनेस डिवैलपमेंट द्वारा उद्यम शुरू करने वाले युवा उद्यमियों को दिए जाने वाले लाभ एवं ऑनलाइन उससे कैसे जुड़े रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर सहायता ली जा सके तथा ऑफ लाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में संस्था से मिलने वाले अनुभवों पर भी रिसोर्स परसन ने विस्तृत चर्चा की व युवा महिला उद्यमियों को कई प्रकार के उद्योग लगाने से सन्बन्धित टिप्स दिये। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने रिसोर्स परसन का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।

मथुरा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी किया अवकाश घोषित

मथुरा – बेसिक शिक्षा स्कूलों में निदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा किया गया अवकाश घोषित, 16 और 17 तारीख को कक्षा 8 तक के स्कूलों में रहेगा अवकाश, शिक्षकों को आना होगा स्कूल

जीएलए के 250 से अधिक विद्यार्थियों को मिले टेबलेट

  • स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत विद्यार्थियां को मिले टेबलेट
  • जीएलए के कुलपति और कुलसचिव ने विद्यार्थियों को प्रदान किए टेबलेट

मथुरा : उत्तर प्रदेश सरकार की डिजी शक्ति पहल के तहत जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में 250 से अधिक विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित किए गए। जीएलए के कुलपति और कुलसचिव के हाथों से टेबलेट पाकर विद्यार्थी खिलखिलाते हुए नजर आए।

विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित करते हुए कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि काम्पटीशन के इस दौर में सरकार का प्रयास है कि युवा समग्र रूप में सक्षम हों। आज के इस तकनीकी युग में प्रदेश में वितरित किये जा रहे टैबलेट से युवा अपनी पढ़ाई व रोजगार को आगे बढ़ाने में सफल होंगे।

कुलपति ने उत्कृष्ट शिक्षा की सराहना करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी से अपनी बेहतर शिक्षा की आभा बिखेर रहा यह विश्वविद्यालय अब अपनी छाप विदेशों तक छोड़ रहा है और यहां से शिक्षा प्राप्त कर चुके विद्यार्थी भारत देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इस टेबलेट के माध्यम से विद्यार्थी स्वयं सोशल प्लेटफॉर्म को त्यागकर सिर्फ इसे आगे की शिक्षा लेने में बेहतर तरीके से प्रयोग करें। साथ ही इसके माध्यम से अपने परिवारजनों को भी शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करें।

कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आज भी युवा शक्ति के कारण ही हमारा देश बढ़ रहा है। समूचे विश्व में से एक देश ऐसा है जहां सबसे अधिक युवा शक्ति का नेतृत्व है वह भारत है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की जीवनशैली से भी विद्यार्थियों को अवगत कराया।

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दीपक गौड़ ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सरकार की योजना के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के बैनर तले जीएलए विश्वविद्यालय में टेबलेट वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान 250 से अधिक विद्यार्थियों को कुलपति और कुलसचिव ने टेबलेट वितरण किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डा. विवेक मेहरोत्रा ने किया।
इस मौके पर सहप्रशासनिक अधिकारी धर्मेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तपेश भारद्वाज, सुमित, विक्रम सैनी, प्रताप आदि उपस्थित रहे।

रेडियो संस्कृति एफएम 91.2 ने निकाली टीबी उन्मूलन जागरूकता रैली

मथुरा। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, संस्कृति यूनिवर्सिटी के तत्वाधान में रेडियो संस्कृति 91.2 एफएम ने मथुरा जिले के प्रत्येक गाँव में 100 दिनों का जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य गाँववासियों को टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) जैसी गंभीर बीमारी के लक्षण, बचाव, और उपचार के प्रति जागरूक करना है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के छात्रों और रेडियो संस्कृति की टीम ने मथुरा के जमालपुर गाँव में जागरूकता रैली का आयोजन किया। रैली के दौरान गाँव के प्रत्येक क्षेत्र में भ्रमण करते हुए, ग्रामीणों को टीबी के कारणों, लक्षणों, और इससे बचने के उपायों की जानकारी दी गई। साथ ही, इस बीमारी के समय पर उपचार और सरकारी योजनाओं के लाभों के बारे में भी बताया गया।
संस्कृति यूनिवर्सिटी और रेडियो संस्कृति द्वारा आने वाले दिनों में मथुरा जिले के प्रत्येक गाँव में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति स्वस्थ और टीबी-मुक्त जीवन जी सके। ताकि मिलकर टीबी-मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके ।

एथलेटिक्स में जीएलए विश्वविद्यालय बना चैंपियन

  • जीएलए के विद्यार्थियों ने 6 स्वर्ण 6 रजत एवं 5 कांस्य पदक जीतकर ऑल ओवर चैंपियनशिप अपने नाम की

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता आयोजित की गयी। प्रतियोगिता में आगरा, हाथरस, बरेली, फिरोजाबाद, अलीगढ़, कानपुर, एटा, कासगंज, बदायूं, मथुरा आदि से करीब 300 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। जीएलए के विद्यार्थियों ने 6 स्वर्ण, 6 रजत एवं 5 कांस्य पदकों पर कब्जा जमाकर चैंपियनशिप अपने नाम की।

प्रतियोगिता में अंडर 23 बालक वर्ग के 100 मी. में यशराज प्रथम, रिशांक शर्मा द्वितीय, पारस खर्व तृतीय, 200 मी. में यशराज प्रथम, रिशांक शर्मा द्वितीय, भूपेश शर्मा तृतीय, 400 मी. में विनीत शर्मा प्रथम, गोपाल अधाना द्वितीय, कैलाश गुर्जर तृतीय, 800 मी. में घनश्याम प्रथम, अभिषेक द्वितीय, गोपाल तृतीय, 1500 मी. में ऋषभ प्रथम, अभिषेक द्वितीय, आदित्य तृतीय, गोला फेंक में अरमान उपाध्याय प्रथम, दीपांशु द्वितीय, अंकित त्यागी तृतीय, भाला फेंक में गौतम प्रथम, तुषार शर्मा द्वितीय, मयंक शर्मा तृतीय, चक्का फेंक में गौतम प्रथम, यश कुमार द्वितीय, मयंक शर्मा तृतीय, अंडर 23 बालिका वर्ग के 100 मी. में ज्योति प्रथम, परी द्वितीय, तनु तृतीय, 200 मी. में ज्योति प्रथम, परी द्वितीय, कुसुम तृतीय, 400 मी. में राधिका प्रथम, रूबी चौधरी द्वितीय, योग्यता तृतीय, 800 मी. में कुसुम प्रथम, प्रियंका द्वितीय, वैष्णवी तृतीय, 1500 मीटर में कुसुम प्रथम, परी द्वितीय, वैष्णवी तृतीय, भाला फेंक में वंशिका पाल प्रथम, रजनी द्वितीय, सुषमा तृतीय, चक्का फेंक में सृष्टि प्रथम, वंशिका द्वितीय, वंदना तृतीय, गोला फेंक में सृष्टि प्रथम, वैष्णवी द्वितीय, संगीता चौधरी तृतीय, अंडर 17 बालक वर्ग के 100 मी. में दिनेश प्रथम, बॉबी द्वितीय, अंकित तृतीय, 200 मी. में दुष्यंत प्रथम, अमित द्वितीय, सुशील तृतीय, 400 मी. में दुष्यंत प्रथम, अमित द्वितीय, लाल सिंह तृतीय स्थान पर रहे।

एथलेटिक्स कोच भूपेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार जीएलए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में अरमान उपाध्याय गोला फेंक में स्वर्ण, गौतम भाला फेंक और चक्का फेंक में स्वर्ण, सृष्टि चक्का फेंक और गोला फेंक में स्वर्ण, वंशिका भाला फेंक में स्वर्ण चक्का फेंक में रजत, गोपाल 800 मी. में कांस्य 400 मी. में रजत, यस चक्का फेंक में रजत, मयंक चक्का फेंक में कांस्य भाला फेंक में कांस्य, रिशांक 200 मी. में रजत 100 मी. में रजत, पारस 100 मीटर में कांस्य, प्रियंका/उमा भारती ने 800 मी. में रजत पदक हासिल कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया।
सभी विजेता खिलाड़ियों को मेडल सर्टिफिकेट और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया सर्वश्रेष्ठ प्लेयर बालक वर्ग में गौतम, यशराज और बालिका वर्ग में सृष्टि, परी रहे।

जीएलए विश्वविद्यालय के चीफ फाइनेंस ऑफीसर विवेक अग्रवाल ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय मंच प्रदान कर रहा है। विद्यार्थियों को सिर्फ अपना हुनर दिखाने की आवश्यकता है। इस हुनर को जमीं पर दिखाने के लिए विश्वविद्यालय के कोच विद्यार्थियों के साथ विशाल मैदान में खेल के गुर साझा करते हैं। अधिकतर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। जिससे विद्यार्थियों का हुनर सामने निखर आ सके और वह खेल को खेल की भावना से खेलना सीखें।

कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है। इसलिए ऐसे आयोजन विश्वविद्यालय में आयोजित होते रहते हैं। जिला क्रीड़ा भारती, मथुरा, जीसीआई एवं एमएम बिल्डर्स का सहयोग सराहनीय रहा।

इस दौरान क्रीडा भारती के अध्यक्ष कमल किशोर वार्ष्णेय, जीएलए डीन स्टूडेंट वेलफेयर हिमांशु शर्मा, जीएलए खेल विभाग से जेपी सिंह, अमित कुमार शर्मा, राहुल उपाध्याय, रितु जाट, मनु देव आर्य, शैलेश शर्मा, आशीष कुमार राय, सौरभ गुप्ता, का सहयोग सराहनीय रहा। क्रीडा भारती से उपाध्यक्ष मानवेंद्र चौधरी, कोषाध्यक्ष शुभम शर्मा, कीड़ा केंद्र प्रमुख रजत अग्रवाल, उत्तम गोस्वामी, तपेश भारद्वाज, भगवान सिंह पहलवान, एंड्रे बेंजामिन, योगेश राठौर ने संयुक्त रूप से विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया। निर्णायक की भूमिका सत्येंद्र तोमर, सुरेंद्र सिंह, अनूप कुमार ने निभाई।

के.डी. हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जनों ने लौटाई मानिक चंद के पैरों की ताकत

  • सड़क दुर्घटना में टूट गई थी रीढ़ की हड्डी, चली गई थी पैरों की ताकत
  • न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने किया सफल ऑपरेशन

मथुरा। कोई एक माह पहले सड़क दुर्घटना में घायल तथा रीढ़ की हड्डी टूटने से पैरों की ताकत खो चुके मानिक चंद को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में नई जिन्दगी मिली है। न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी ने चलने-फिरने में असमर्थ हो चुके मानिक चंद की रीढ़ का सफल ऑपरेशन कर उसके जीवन में खुशहाली लौटा दी है। मानिक चंद के पैरों की ताकत लौटने से उसका परिवार बहुत खुश है।
ज्ञातव्य है कि कोई एक माह पहले गांव भीम बांगर, मॉट, जिला मथुरा निवासी मानिक चंद (45) पुत्र मुकना राम सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया था। दोनों पैरों की ताकत चले जाने के बाद वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया तथा उसकी लैट्रिन-पेशाब भी अपने आप निकल जाती थी। पहले तो परिजनों ने उसे किसी अन्य अस्पताल में दिखाया लेकिन सुधार नहीं होने पर के.डी. हॉस्पिटल लाए।
यहां न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह तथा डॉ. दीपक चौधरी ने मरीज की एमआरआई कराई जिससे पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी एल-1 टूट गई है, इसी वजह से उसके पैरों की ताकत चली गई है। मरीज की खराब स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी। परिजनों की सहमति के बाद न्यूरो सर्जन डॉ. अवतार सिंह और डॉ. दीपक चौधरी द्वारा मरीज की रीढ़ का ऑपरेशन किया गया जोकि सफल रहा। इस सर्जरी में डॉ. अवतार सिंह एवं डॉ. दीपक चौधरी का सहयोग डॉ. शेख हुसैन, डॉ. धनंजय, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी तथा टेक्नीशियन राजवीर सिंह, देवेन्द्र प्रताप सिंह, संदीप ठाकुर ने किया।
अब मानिक चंद बिना सपोर्ट उठ-बैठ और चल-फिर रहा है तथा उसके पैरों की कमजोरी भी काफी हद तक दूर हो चुकी है। डॉ. अवतार सिंह का कहना है कि माणिक चंद को जब के.डी. हॉस्पिटल लाया गया था तब उसकी स्थिति बहुत खराब थी। सर्जरी के बाद पैरों की ताकत लौटने से वह खुश है, उसका परिवार खुश है इससे हम लोगों को भी खुशी है।
डॉ. दीपक चौधरी का कहना है कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में चूंकि हर तरह की व्यवस्थाएं और सुविधाएं अद्यतन हैं लिहाजा किसी भी तरह का ऑपरेशन बिना दिक्कत के सम्भव है। डॉ. चौधरी का कहना है कि यहां स्पेशलाइज्ड स्पाइनल सर्जरी सेण्टर है, इसलिए अब तक जो भी ऑपरेशन हुए हैं, वे पूरी तरह से सफल रहे हैं। यह खुशी की बात है कि यहां दूसरे शहरों और प्रदेशों के मरीज भी चिकित्सा उपचार को आने लगे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने माणिक चंद की सफल सर्जरी के लिए डॉ. अवतार सिंह एवं डॉ. दीपक चौधरी तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मरीज के स्वस्थ-सुखद जीवन की कामना की है।

भारत सरकार की मदद से संस्कृति विवि में शुरू होंगे नए स्टार्टअप

मथुरा। भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग द्वारा संस्कृति टेक्नोलाजी इंक्युबेशन फाउंडेशन को स्टार्टअप के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये देना स्वीकृत किया है। भारत सरकार ने ये अनुदानित राशि संस्कृति विवि के इंक्युबेशन फाउंडेशन को 15-45 स्टार्टअप को देने के लिए अधिकृत किया है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय के सहयोग से पहले से 10 स्टार्टअप संचालित हैं। हर्ष का विषय है कि भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग द्वारा संस्कृति विश्वविद्यालय को 45 स्टार्टअप शुरू करने के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने बताया कि साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग के द्वारा स्टार्टअप के लिए सेटअप बनाने के लिए पौने चार करोड़ का अनुदान दिया जाएगा वहीं बाकी की धनराशि संस्कृति विवि द्वारा दी जाएगी। प्रो. चेट्टी ने बताया ये सभी स्टार्टअप एग्रीकल्चर और बायो टेक्नालाजी से जुड़े होंगे। स्टार्टअप के लिए प्रपोजल कोई भी दे सकता है। इन सभी प्रपोजल को एक कमेटी के द्वारा जांचा जाएगा। यही कमेटी तय करेगी कि किस स्टार्टअप को शुरू किया जा सकता है। स्टार्टअप के लिए दिए जाने वाले आइडिया टेक्नालाजी, सोशल इम्पैक्ट वाले बिजनेज माडल के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे। स्टार्टअप के लिए प्रस्ताव इनोवेटिव आइडिया वाले प्रोटोटाइप डवलपर के साथ होंगे।
कुलपति प्रो.चेट्टी ने बताया कि तीन साल में 15 से 45 स्टार्टअप संस्कृति टेक्नालाजी इंक्युबेशन फाउंडेशन के द्वारा शुरू किए जाएंगे। संस्कृति विश्वविद्यालय की सोच है कि भारत सरकार की भविष्य की योजनाओं को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने में आगे बढ़कर अपनी भागीदारी की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक देश के युवा या अन्य बौद्धिक नागरिक कुछ नया करने की नहीं सोचेंगे तब तक देश उद्दम के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकता। नए-नए आइडिया तो लोगों के पास रहते हैं लेकिन सही दिशा और सहायता न मिलने के कारण वे निष्फल हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार के सहयोग से संस्कृति विवि इसी कमी को दूर करने में जुटा है।

विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में योगदान देगी जीएलए के प्रोफेसर द्वारा लिखी पुस्तक : नीरज

  • जीएलए के कुलपति और सीईओ ने किया विज्ञान और तकनीक पर लिखी पुस्तक का विमोचन

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के रसायन विज्ञान विभाग ने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। विभाग के उत्कृष्ट प्रोफेसरों ने इस योगदान को तथा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऊर्जा चुनौतियों को संबोधित करने में ईंधन कोशिकाओं की परिवर्तनकारी भूमिका को अपनी कलम के माध्यम से किताबों पर उकेरा है।

“फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रोड मटेरियल्स फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर“ विषय पर जीएलए विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अनुज कुमार द्वारा संपादित पुस्तक का विमोचन जीएलए के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने किया।

पुस्तक का विमोचन करते हुए सीईओ नीरज अग्रवाल ने कहा कि यह पुस्तक न केवल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक होगा, बल्कि यह विज्ञान के क्षेत्र में भी एक बहुमूल्य संसाधन साबित होगी। उन्होंने फ्यूचर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज के क्षेत्र में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया और डा. अनुज कुमार के समर्पण को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना है कि ऐसे समर्पित शोधकर्ता भारतीय समाज और भविष्य के लिए एक मजबूत और स्थिर तकनीकी विकास की दिशा में योगदान दे रहे हैं।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अनुज कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रोड मटेरियल्स फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर“, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऊर्जा चुनौतियों को संबोधित करने में ईंधन कोशिकाओं की परिवर्तनकारी भूमिका पर केंद्रित है।

उन्होंने बताया कि यह पुस्तक शोधकर्ताओं, छात्रों और नीति निर्माताओं के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगी, जो हरित ऊर्जा में नवाचार को बढ़ावा देने वाली अत्याधुनिक सामग्रियों और डिजाइन रणनीतियों का व्यापक ज्ञान प्रदान करेगी।

उन्होंने बताया कि सात पुस्तकों में डॉ. अनुज कुमार मुख्य संपादक के रूप में हैं, जबकि यह एक पुस्तक उनके द्वारा स्वतंत्र रूप से लिखी गई है। ये पुस्तकें विभिन्न प्रमुख विषयों को कवर करती हैं, जिनमें हाइड्रोजेल, कोऑर्डिनेशन कंपाउंड-व्युत्पन्न इलेक्ट्रोकैटलिस्ट्स, इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री के लिए नैनोमटेरियल्स और फ्यूल सेल शामिल हैं। विशेष रूप से फ्यूल सेल पर उनकी पुस्तक “न भविष्यति, न भूतो“ (न अतीत, न भविष्य) की चर्चा ने इस क्षेत्र में उनकी गहरी समझ और अध्ययन को उजागर किया है।

डा. अनुज कुमार ने बताया उनके द्वारा संपादित इस पुस्तक के अलावा भी पिछले सात वर्षों में 282 शोध लेख प्रकाशित किए हैं तथा सात पुस्तकें एडिटेबल हैं, जो उनकी मेहनत और विशेषज्ञता का प्रमाण हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों को बढ़ावा दिया है, जिससे जीएलए विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उनके अनुसंधान और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता ने उन्हें अकादमिक समुदाय में एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया है और उनका काम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर उभरेगा। डा. कुमार का कहना है कि उन्होंने फ्यूल सेल के मौलिक अध्ययन में जो गहराई से खोज की है, वह इस विषय पर पहले कभी नहीं की गई।

पुस्तक विमोचन के अवसर पर रिसोर्स जनरेशन एंड प्लानिंग के डीन प्रो. दिवाकर भारद्वाज, सीसीएएसएस के निदेशक अनिरुद्ध प्रधान, रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक दास तथा विभागीय शिक्षकों द्वारा डा. अनुज कुमार के कार्य को सराहा गया।