Monday, December 22, 2025
Home Blog Page 19

चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय के दीक्षारंभ-2025 कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि पियूष भाटिया दीप प्रज्ज्वलित करते हुए। साथ में हैं खान सर, विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी।

0

संस्कृति विवि में बोलीं लाइफ कोच, फेल होना असफलता नहीं, मौका
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के दीक्षारंभ-2025 कार्यक्रम में ख्यातिप्राप्त बिजनेस एंड लाइफ कोच पियूष भाटिया ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन में आने वाली तमाम कठिनाइयो पर जीत हासिल करने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि आप चाहें तो अपने जीवन की असफलता को सफलता में आसानी से बदल सकते हैं और अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
अनेक सम्मानों से सम्मानित बिजनेस एंड लाइफ कोच पियूष भाटिया ने अपने जीवन की हकीकतों को बयान करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि फेल होना असफलता नहीं है, यह एक अवसर है। मेरे माता-पिता मुझे डाक्टर बनाना चाहते थे लेकिन में परीक्षा में फेल हो गई। मैंने उससे सबक लिया और अपने जीवन को सफलता की ओर मोड़ दिया। असफलता आपको कंफर्ट जोन सो बाहर निकालती जो आपके जीवन को बनाने के लिए बहुत जरूरी है। दुनिया का बड़े से बड़ा आदमी असफल हुआ है, चाहे वो हमारे देश के राष्ट्रपति रहे कलाम साहब हों या फिर एप्पल के मालिक स्टीव जाब्स ये सब असफल हुए हैं, लेकिन इन लोगों ने अपनी असफलता को अवसर बनाकर सफलता हासिल की।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में अक्सर स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। यह तभी होता है जब हम किसी मसले को डील नहीं कर पाते। किसी मसले के हल करने के लिए आपकी क्षमता बहुत महत्व रखती है। कोई मामला कठिन नहीं होता बल्कि हमको उसे हल करने के लिए अपनी क्षमता कैसे बढ़ाई जाए इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए बहुत जरूरी है कि सबसे पहले हम अपने आप को जानें। हमको हर समय सोचना होगा कि मुझे फेल नहीं होना है। हम अपनी आंतरिक क्षमता को बढ़ाते रहेंगे तो एक दिन बड़ी से बड़ी समस्या का सामना कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने नजरिये को भी बदलना होगा, हमेशा सकारत्मक नजरिया रखने से हम बहुत सारे स्ट्रेस को कम करने में कामयाब हो जाते हैं। सबसे पहले आप अपना सम्मान करना सीखो, दुनिया आपका सम्मान करने लगेगी।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए मन लगाकर पढ़ाई करने का संदेश दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीएम चेट्टी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्कृति विवि की खूबियों के बारे में विस्तार से बताया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ मुख्य अतिथि खान सर, पियूष भाटिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच पर संस्कृति विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्कृति प्लेसमेंट सेल की श्रीमती ज्योति यादव ने किया।

चित्र परिचयः विद्यार्थियों को संबोधित करते देश के लोकप्रिय और सफल शिक्षक फैजल खान। मंच पर मौजूद संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी, लाइफ एंड बिजनेस कोच पियूष भाटिया और संस्कृति विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा।

0

संस्कृति विवि में बोले खान सर, लुक नहीं बुक पर फोकस करो

संस्कृति दीक्षारंभ 2025
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के ‘दीक्षरंभ 2025’ कार्यक्रम में पहुंचे देश के ख्यातिप्राप्त और लोकप्रिय शिक्षक फैजल खान जो अपने स्टूडेंट के बीच खान सर के नाम से जाने जाते हैं, ने नवीन सत्र के और अध्ययनरत विद्यार्थियों को कहा कि लुक में कुछ नहीं रखा है, बुक में फोकस करो। दुनिया पुरुष प्रधान नहीं है, पैसा प्रधान है। आप परीक्षा में कितने परसेंट से पास हुए हैं, उसकी कोई वेल्यु नहीं। वेल्यु स्किल की है। स्किल नहीं तो डिग्री को कोई नहीं पूछेगा।
अपनी सम्मोहक भाषा शैली में उन्होंने हर विद्यार्थी से जुड़ते हुए कहा कि आप अपना समय मोबाइल, दोस्तों की संगत में मत खराब करो। आप उम्र के उस दौर में हो जिसमें आप सबकुछ हासिल कर सकते हो। यह समय अगर बरबाद कर दिया तो आपकी स्थिति एक सूखे बांस जैसी होगी जो मारने पर फट जाता है। यही समय है आप के लचीले बांस जैसे हो जिधर मोड़ोगे उधर मुड़ जाएगा, बाद में यह नहीं मुड़ेगा। थोड़ी ही देर में खान सर विद्यार्थियों से इस कदर जुड़ गए कि उनकी हर नसीहत पर कार्यक्रम में मौजूद हजारों विद्यार्थी तालियां बजाकर उनका साथ देने लगे। खान सर ने कहा कि टीचर आपको उसी तरह से निखारता है जैसे शिल्पकार छैनी, हथोड़े से चोट मारकर साधारण पत्थर को ईश्वर की मूर्ति में बदल देता है। अगर पढ़ने की कैपेसिटी नहीं बढ़ाई तो बाद में पछताना पड़ेगा। यह विद्यार्थी जीवन कभी लौटकर नहीं आएगा। आप देखेंगे कि आपके साथ पढ़ने वाला साथी जो मोबाइल और दोस्तों के चक्कर से दूर रहा सबको रौंदकर कैसे आगे निकल गया। आपका यह समय ही निर्धारित कर देगा कि आपको क्या बनना है।
अपनी सरल और समझ में आने वाली भाषा में खान सर ने कहा कि आप भाग्यशाली हो जो आपके माता-पिता ने बेहतरीन सुविधा संपन्न संस्कृति विश्वविद्यालय में आपको प्रवेश दिलाया। जरा उन गरीब बच्चों के बारे में सोचो जिनको अभाव में पढ़ने का मौका ही नहीं मिल पा रहा। आपको यहां से पढ़ाई पूरी कर संकल्प लेना चाहिए कि मैं अपने जीवन में एक बच्चे को जरूर पढ़ाऊंगा। उन्होंने कहा कि आज देश के 140 करोड़ लोग अपने 280 हाथों को खड़ा कर लें तो भारत को फिर से सौने की चिड़िया बनने से कोई नहीं रोक सकता। रावण को आज कोई नहीं याद रखता लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम को सब पूजते हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे देश में एक विश्वविद्यालय टीचर के लिए भी बने, जिसमें वे अपडेट होते रहें। शिक्षकों को यह समझना होगा कि हम स्वादिष्ट भोजन अगर चम्मच से कराएंगे तो ही उसे बच्चे खाएंगे, करछुल से खिलाएंग तो कौन खाएगा।
उन्होंने बताया कि जब आप किसी योग्य हो जाएं तो समाज को जरूर लौटाएं। मैंने समाज के लिए ब्लड बैंक बनाया, एक कैंसर हास्पिटल बना रहा हूं जिसका प्रयास होगा कि हम कैंसर को फर्स्ट स्टेज पर ही रोक दें। समाज को एक होने की जरूरत है। हमें पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण नहीं करना है हमें अपनी संस्कृति के साथ ही आग बढ़ना और ऊपर उठना है। हमारी संस्कृति सबसे श्रेष्ठ है।
विद्यार्थियों के सवाल और खान सर के मजेदार जवाब
इस बीच विद्यार्थियों द्वारा खान सर से पूछे गए सवालों को संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने खान सर के सामने रखा। एक सवाल के उत्तर में खान सर ने बड़े बेलौस अंदाज में कहा हमारे यहां एजूकेशन और सिस्टम दोनों ही बिगड़े हुए हैं। सरकार को चाहिए और उसकी ड्यूटी है कि अगर कोई डिग्री हासिल करता है तो उसे नौकरी मिले। अगर वह अच्छा नहीं है तो उसने डिग्री कैसे हासिल की, यह सरकार की जिम्मेदारी है। एक अन्य सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि शिक्षा इतनी सरल ढंग से टीचर को देनी चाहिए कि उसक कक्षा की अंतिम पंक्ति में बैठा विद्यार्थी भी कह सके कि जो पढ़ाया है उसमें से कहीं से पूछ लो मैं जवाब दूंगा। अच्छा टीचर वो है जो विद्यार्थियों के बीच अच्छा टीचर कहलाता है। मैंने गरीबी में ठोकर खाकर चला हूं इसलिए जानता हूं कि बच्चों को क्या चाहिए। दुनियां बुलंदियों को देखती है आपके छालों को नहीं।

संस्कृति विश्वविद्यालय खान सर को देगा मानद् उपाधि
दीक्षारंभ कार्यक्रम के मध्य संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने घोषणा करते हुए कहा कि देश में विद्यार्थियों के चहेते और पढ़ाने की विशेष कला के धनी खान सर को अगले वर्ष संस्कृति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। खान सर ने इस सम्मान के लिए संस्कृति विवि और कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता का धन्यवाद किया और विश्वविद्यालय की इस पेशकश को सहर्ष स्वीकर किया।

स्वस्थ शरीर को स्वाद नहीं अच्छा पोषण आहार जरूरीः डॉ. आर.के. अशोकाके.डी. मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजनछात्र-छात्राओं ने बिना आग के पोषण आहार बनाकर दिया स्वस्थ रहने का संदेश

0


मथुरा। इंसान की जीवन शैली के साथ उसका खानपान भी बदल रहा है। लोग अच्छी सेहत की बजाय स्वाद को वरीयता देकर स्वयं को बीमार कर रहे हैं। यह समूचे राष्ट्र के लिए चिन्ता की बात है। पोषण आहार के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से इस समय के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जा रहा है। मंगलवार को मेडिकल छात्र-छात्राओं ने बिना आग के स्वादिष्ट पोषण आहार बनाकर लोगों को स्वस्थ रहने का संदेश दिया तथा निर्णायकों की वाहवाही लूटी।
बिना आग के स्वादिष्ट पोषण आहार प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक डिसेज बनाईं जिनका निर्णायकों ने न केवल स्वाद चखा बल्कि उनकी मुक्तकंठ से सराहना भी की। डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने मेडिकल बच्चों द्वारा बिना आग के तैयार किए गए व्यंजनों की तारीफ करते हुए कहा कि आजकल ज्यादातर लोग जंक फूड और बाहर का खाना पसंद करते हैं, जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। डॉ. अशोका ने पारम्परिक भोजन दाल, चावल, सब्जी और रोटी को स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आहार में लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, इनमें यदि मौसमी फल और सलाद भी शामिल कर लिया जाए तो भोजन संतुलित बन जाता है। डॉ. अशोका ने कहा कि हमें स्वाद से ज्यादा स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने आहार में फल और सब्जियों, प्रोटीन, साबूत अनाज के साथ दूध और दही शामिल करने का सुझाव दिया तथा जंक फूड, अधिक तेल, नमक और चीनी से बचने की सलाह दी।
निर्णायकों डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अम्बरीश कुमार, महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.पी. पांडेय, विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. मंजू पांडेय, विभागाध्यक्ष क्षय रोग डॉ. एस.के. बंसल, विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. प्रणीता जसवंत सिंह, डॉ. गौरीशंकर गोयल आदि ने छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित व्यंजनों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए टीम-बी को विजेता, टीम-सी को उपविजेता तथा टीम-ए को तीसरा स्थान प्रदान करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सभी निर्णायकों ने संतुलित आहार को स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए जरूरी बताया।
विभागाध्यक्ष सामुदायिक चिकित्सा डॉ. अमनजोत कौर चौहान ने बताया कि हम राष्ट्रीय पोषण आहार सप्ताह में विभिन्न माध्यमों से यह संदेश दे रहे हैं कि जीवन में पोषण आहार क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों को संतुलित आहार, सही खानपान की आदतें अपनाने, कुपोषण रोकने और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस साल की थीम ‘ईट राइट फॉर ए बेटर लाइफ’ यानी बेहतर जीवन के लिए सही खानपान अपनाएं है। इसका मतलब पेट भरना नहीं बल्कि सही खानपान पर जोर देना है। उन्होंने कहा कि कम तेल, कम नमक और कम चीनी का उपयोग करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इस अवसर पर डॉ. बिश्वाविनोद सानफुई, डॉ. स्वेता सिंह, डॉ. शुभ्रा दुबे, डॉ. अमन गुप्ता, डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. अंकुर कुमार, राजकुमार, इंद्रेश्वर उपमन्यु आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशांत गुप्ता ने किया तथा आभार डॉ. अमनजोत कौर ने माना।
चित्र कैप्शनः अतिथियों के साथ बिना आग के स्वादिष्ट पोषण आहार प्रतियोगिता के विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राएं।

हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय की छात्राओं ने प्रांतीय बौद्धिक प्रतियोगिता में लहराया परचम

0

-37वीं क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में भी किया उत्कृष्ट प्रदर्शन, जीते पदक

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की 44 छात्राओं ने प्रांतीय बौद्धिक प्रतियोगिता रतनलाल फूल कटोरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर मथुरा में प्रतिभागिता की। जिसमें सभी छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए विद्यालय का मान बढ़ाया। बाल वर्ग से अंत्याक्षरी में कृष्णा, ब्रजकिशोरी, तनु, कथा कथन में पावनी, मूर्ति कला में हिमांशी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। किशोर वर्ग में तात्कालिक भाषण में आस्था ने द्वितीय स्थान, स्वरचित कविता में मुस्कान गौतम, मूर्ति कला में आयशा, लघु नाटक में प्रारब्धि, रितु, चेष्टा, भूमि, भव्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया साथ ही प्रश्न मंच किशोर वर्ग में अनिका पांडे, प्रिया शर्मा, विद्या पांडे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। तरुण वर्ग से तात्कालिक भाषण में तान्या यादव, प्रश्न मंच में अंजलि, वेदिका और लता, लोक नृत्य में शुभांगी, गौरी, यशी, वैष्णवी, वैष्णवी शर्मा, पावनी, सोनिया, अन्नदा, नंदिनी, चिंकी, दीपिका, आशी, धान्या, पावनी, सानवी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विजयी छात्राओं को ट्राफी व प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कृत किया गया। अंत्याक्षरी, कथा कथन, मूर्ति कला, स्वरचित कविता पाठ में प्रथम स्थान पर आने वाली छात्राएं आने वाली क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में सहभागिता करेंगी।
इसके साथ ही 37वीं क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रुड़की, हरिद्वार में 16 छात्राओं ने टेबल टेनिस व योगासन प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की जिसमें अंडर 14 में गोपिका चतुर्वेदी, रिद्धिमा शुक्ला, संध्या कुमारी, अंडर 17 में चंचल, रितिका, सृष्टि, प्राची, अंजली पाठक, रितिका सोनी, अंडर 19 में याचना चौधरी, खुशी कुमारी, खुशी गौतम, अंशु गौड़, तनिष्का अग्रवाल, योगासन अंडर 17 में उन्नति शर्मा, नैंनसी ने प्रतिभागिता कर तृतीय स्थान प्राप्त करते हुए कांस्य पदक प्राप्त किया।
विद्यालय प्रबंध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ गुप्ता, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा, उमेश शर्मा आदि एवं प्रधानाचार्य डॉ. अंजू सूद ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए अपना शुभाशीष प्रदान किया।

राजीव एकेडमी के आठ एमबीए विद्यार्थियों ने भरी ऊंची उड़ानलॉन्च्ड ग्लोबल में नौ लाख रुपये वार्षिक पैकेज पर चयनकरियर निर्माण में राजीव एकेडमी का एक और स्वर्णिम अध्याय

0


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के आठ एमबीए विद्यार्थियों ने शिक्षा क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी लॉन्च्ड ग्लोबल में नौ लाख रुपये वार्षिक पैकेज पर सेवा का अवसर हासिल कर एक नया अध्याय लिखा है। एमबीए (बैच 2024-26) के विद्यार्थियों की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में महत्वपूर्ण कदम है बल्कि संस्थान के निरंतर उत्कृष्ट प्लेसमेंट रिकॉर्ड का भी प्रमाण है।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि अभिषेक, अमीशा शर्मा, देवांशी द्विवेदी, लोकेन्द्र वर्मा, मोहम्मद मोनीश, सैजान खान, शिवांग वर्मा और सुभाष चौधरी को लॉन्च्ड ग्लोबल की प्रोफेशनल टीम का हिस्सा बनने और वास्तविक वैश्विक शिक्षा परिदृश्य से जुड़ने का अवसर प्राप्त होना संस्थान के लिए गौरव की बात है। डॉ. जैन ने बताया कि लॉन्च्ड ग्लोबल शिक्षा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए कार्यरत है। यह कम्पनी छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक यात्रा को वास्तविक दुनिया के अनुभव से जोड़ते हुए उन्हें अकादमिक उत्कृष्टता और व्यावहारिक कौशल का अनूठा संगम प्रदान करती है। कम्पनी की मुख्य सेवाओं में मेम्टरशिप प्रोग्राम है, जिसमें इंडस्ट्री लीडर्स से सीधा मार्गदर्शन और करियर अंतर्दृष्टि दी जाती है। स्टडी अब्रॉड प्रोग्राम छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।
डॉ. जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं का लॉन्च्ड ग्लोबल जैसी प्रतिष्ठित कम्पनी में उच्च पैकेज पर चयन संस्थान की प्रतिबद्धता का सजीव उदाहरण है। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय राजीव एकेडमी द्वारा प्रदान की गई पेशेवर ट्रेनिंग, इंटरव्यू की सटीक तैयारी और समयबद्ध मार्गदर्शन को दिया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि संस्थान ने उन्हें न केवल इंडस्ट्री-रेडी बनाया बल्कि वैश्विक स्तर के अवसरों को आत्मविश्वास से हासिल करने के लिए भी प्रेरित किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी चयनित विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का मिशन छात्र-छात्राओं को केवल शिक्षित करना नहीं बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, सक्षम और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाना है। लॉन्च्ड ग्लोबल में इस स्तर का पैकेज प्राप्त करना, इस दृष्टिकोण की सफलता का प्रमाण है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का यह निरंतर प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड साबित करता है कि संस्थान शिक्षा के साथ-साथ करियर निर्माण और उद्योग से जुड़ाव में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आने वाले समय में संस्थान का लक्ष्य अधिक से अधिक विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों में अवसर उपलब्ध कराना है ताकि वे अपने सपनों को हकीकत में बदल सकें।
चित्र कैप्शनः शिक्षा क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी लॉन्च्ड ग्लोबल में जॉब हासिल करने वाले राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए जीएलए के विवेक सम्मानित

0


वृन्दावन : शास्त्रीय संगीत के सबसे बड़े मंच “स्वामी हरिदास संगीत महोत्सव” में समाजसेवा के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाने वाले जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मुख्य वित्तीय अधिकारी विवेक अग्रवाल को उनके निरंतर उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें गोवर्धन से पधारे संत सियाराम बाबा, समिति सचिव गोपी गोस्वामी एवं समिति के अन्य वरिष्ठ सदस्यों द्वारा भव्य समारोह में प्रदान किया गया।सम्मान प्राप्ति के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए विवेक अग्रवाल ने कहा कि यह मेरे लिए केवल सम्मान नहीं बल्कि एक आशीर्वाद है। मैं संत सियाराम बाबा एवं संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास समिति का आभारी हूँ। यह मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है कि मैं समाज के लिए और अधिक कार्य कर सकूँ। मुझे यह संस्कार एवं समाजसेवा की प्रेरणा मेरे पिता, वरिष्ठ समाजसेवी नारायण दास अग्रवाल से मिली है और मैं उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूँ।” इस सम्मान ने न केवल विवेक अग्रवाल के सामाजिक कार्यों को नई पहचान दी है, बल्कि जीएलए विश्वविद्यालय परिवार के लिए भी यह गौरव का क्षण है।कार्यक्रम के दौरान समिति के जनसंपर्क अधिकारी निखिल भारद्वाज, यतेंद्र सिसोदिया, समिति संरक्षक डॉ. राकेश चतुर्वेदी, वन महाराज कॉलेज के डायरेक्टर अनुपम शर्मा, अनूप शर्मा, अनुपम आचार्य, अतुल श्रीवास्तव, रवि शर्मा, श्रीनाथ गोस्वामी एवं संयोजक अभय वशिष्ठ सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

जीएलए विश्वविद्यालय के डॉ. आलोक को हिसार कृषि विश्वविद्यालय में सम्मानित

0


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. आलोक भारद्वाज को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में “विश्व उद्यमिता दिवस” के अवसर पर सम्मानित किया गया।

इस विशेष कार्यक्रम में देशभर से 100 से अधिक नवाचार-आधारित इकाइयों (स्टार्ट-अप) ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए, जिन्हें एग्री बिज़नेस इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा प्रायोजित तथा भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया तथा भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी प्रदर्शनी स्टॉलों का अवलोकन किया और 22 श्रेष्ठ नवाचार इकाइयों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि नया भारत उद्यमिता की दिशा में तेजी से अग्रसर है, जहां नवाचार से न केवल रोजगार सृजित हो रहे हैं बल्कि कृषि एवं उद्योग के लिए नए उत्पाद भी उपलब्ध हो रहे हैं।

डॉ. आलोक ने अपनी नवाचार इकाई उत्कर्ष टेक्नोवेशन के अंतर्गत ‘जय-गोपाल’ केंचुए की सहायता से वर्मी कम्पोस्ट बनाने की अभिनव तकनीक विकसित की है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा अनुदान की दूसरी किस्त भी प्रदान की गई।
यही नहीं, डॉ. आलोक को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से भी एक शोध परियोजना प्राप्त हुई है। इस परियोजना के अंतर्गत ‘जय-गोपाल’ केंचुए की प्रजाति का उपयोग कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने पर उन्हें पांच लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना तथा उनके बीच जागरूकता बढ़ाना है।डॉ. आलोक ने बताया कि वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है, जिसका सीधा असर फसल उत्पादकता और गुणवत्ता पर पड़ रहा है। जबकि वर्मी कम्पोस्ट तकनीक मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, उसकी संरचना सुधारने और फसलों की पैदावार बढ़ाने में अत्यंत कारगर है। यह केंचुआ मल पोषक तत्वों से भरपूर है और मिट्टी के कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम सहित कई सूक्ष्म पोषक तत्वों को पुनः समृद्ध करता है।

उन्होंने आगे बताया कि ‘जय-गोपाल’ (पेरियोनिक्स सीलेनेसिस) नामक यह केंचुआ प्रजाति 5°से0 से 43°से0 तक के तापमान में सक्रिय रह सकती है। यह गाय के गोबर व जंगली वनस्पतियों को अत्यंत तेजी से जैविक उर्वरक में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि इसे भविष्य की जैविक खेती की आधारशिला माना जा रहा है।जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप गुप्ता ने वर्मी कम्पोस्ट आधारित जैविक खाद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसानों को इसके उपयोग हेतु प्रेरित करना समय की आवश्यकता है। वहीं विभागाध्यक्ष डा. शूरवीर सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल जैविक खेती को प्रोत्साहन देगी बल्कि किसानों के कल्याण हेतु सरकार के प्रयासों को और गति प्रदान करेगी।

संस्कृति विवि में मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुआ ‘दीक्षारंभ 2025’

0

चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ 2025 के अंतर्गत विवि में वृक्षारोपण करते नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में ‘दीक्षारंभ 2025’ का आयोजन विधिविधान के साथ हुआ। मंत्रोच्चार के मध्य हवन से उठी पवित्र ज्वाला की तपिश और हवन सामग्री की सुगंध ने विद्यामंदिर के समस्त वातावरण को सुखद बना दिया। नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एक ओर अनुशासन का पाठ पढ़ाया तो दूसरी ओर उनको बताया कि विवि में उनके अध्ययन के लिए किस तरह की विश्वस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।
दो सितंबर तक चलने वाले इस दीक्षारंभ कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय द्वारा नव प्रवेशित बी.फार्मा, डी.फार्मा और एम.फार्मा प्रथम वर्ष के छात्रों को इंटरैक्टिव सत्रों, कार्यशालाओं और गतिविधियों की एक श्रृंखला के माध्यम से उनकी शैक्षणिक यात्रा के लिए तैयार किया गया। फार्मेसी विभाग के डा. हर्ष भारद्वाज ने नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों को ओरिएंटेशन, प्रेरणा और कौशल पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम द्वारा एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण और छात्रों को आत्मविश्वास और उत्साह के साथ विवि में शिक्षा आरंभ करने के लिए तैयार किया गया। कार्यक्रम में नवीन सत्र के विद्यार्थियों को एसपीआरसी के प्राचार्य डॉ. डी. के. शर्मा, संस्कृति
प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट विभाग की डॉ. अर्पणा, डॉ. एस. पटनायक, डा. कल्पना स्वैन, सिनायक कुमार दुबे, और सुश्री वर्षा स्नेही ने विभिन्न विभागों और खेल, मनोरंजन से जुड़ी जानकारियां दीं। दीक्षारंभ कार्यक्रम के दूसरे दिन नवीन सत्र के विद्यार्थियों को परिसर भ्रमण और प्रयोगशालाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। छात्रों को संस्कृति विश्वविद्यालय के फार्मेसी स्कूल में उपलब्ध शैक्षणिक बुनियादी ढाँचे, प्रयोगशालाओं और सुविधाओं से परिचित कराया गया। कार्यक्रम का समन्वय करने वालों में डॉ. कल्पना स्वैन, सुश्री वर्षा स्नेही, डॉ. संतोष चतुर्वेदी, सुश्री श्रद्धा गौतम, सुश्री सुप्रिया दास शामिल रहीं। इसी के साथ बी.एससी. कृषि, एम.एससी. कृषि विज्ञान एवं कृषि
व्यवसाय प्रबंधन प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों ने प्रयोगशालाओं के अवलोकन के साथ-साथ वृक्षारोपण में भी भाग लिया। विद्यार्थियों को पर्यावरण के महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया। संस्कृति के कृषि विद्यालय की प्रयोगशालाओं के भ्रमण के दौरान उपकरणों और रसायनों के बारे में जानने में विस्तार से जानकारी दी गई।

मथुरा।दिल्ली में कृष्णकुलम स्कूल को मिला ‘बेस्ट स्कूल: एजुकेशनल एक्सीलेंस’ अवॉर्ड।

0

नई दिल्ली/मथुरा। दिल्ली में आयोजित इंडियन स्कूल अवॉर्ड्स (30वां संस्करण) में कृष्णकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को ‘Best School: Educational Excellence’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान विद्यालय की ओर से सचिव ई. दीपक मुकुटमणि ने ग्रहण किया।

कृष्णकुलम ने स्थापना से अब तक सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत रिजल्ट देकर नया कीर्तिमान कायम किया है। खेलों में छात्र-छात्राएँ राज्य स्तर पर पदक जीत रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कई विद्यार्थी राष्ट्रीय सरकारी कार्यक्रमों में एंकरिंग कर चुके हैं तथा भारतीय दूतावासों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।

विद्यालय के पूर्व छात्र अब देश सेवा में भी योगदान दे रहे हैं। कई ने NDA और SSC के माध्यम से सेना व अन्य सेवाओं में प्रवेश लिया है, तो कई आईआईटी व मेडिकल कॉलेजों में दाखिला पाकर तकनीकी व चिकित्सा क्षेत्र में अपना भविष्य संवार रहे हैं।

विद्यालय की शाखाओं का विस्तार अब झारखंड और कोलकाता तक हो चुका है। जूनियर ब्रांच भी शुरू की गई हैं। वहीं, जुलाई 2025 से NH-530B के पूरी तरह चालू हो जाने से मथुरा, हाथरस, वृंदावन और अलीगढ़ से मुख्य शाखा तक पहुँचना आसान हो गया है।

स्कूल में स्काउट्स एंड गाइड्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, आर्ट इंटीग्रेटेड और एक्सपेरिएंशियल लर्निंग जैसी आधुनिक शिक्षण पद्धतियाँ अपनाई गई हैं। इनसे विद्यार्थियों में रचनात्मकता और व्यावहारिक कौशल का विकास हो रहा है।

डायरेक्टर कृष्ण कुमार शर्मा ‘मुन्ना भैया’ ने कहा कि यह सम्मान अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है और पूरे ब्रजमंडल को समर्पित है।
अकादमिक डायरेक्टर पवन इंद्रमणि ने इसे विद्यालय की गुणवत्ता और नवाचार की पहचान बताया।
सचिव ई. दीपक मुकुटमणि ने इसे पूरी टीम और अभिभावकों की मेहनत को समर्पित किया और कहा कि लक्ष्य बच्चों का समग्र विकास है।
प्रधानाचार्य शुभम गोधर ने कहा कि विद्यालय प्राथमिक स्तर से ही मजबूत नींव तैयार कर रहा है और जूनियर ब्रांचेस इसी सोच को आगे बढ़ा रही हैं।

जीएलए विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का इंजन सीज समाधान पर पेटेंट ग्रांट-जीएलए मैकेनिकल इंजीनियरिंग के टेक्निकल मैनेजर और प्रोफेसरों ने किया तकनीकी शोध

0


मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने एक बार फिर तकनीकी शोध और नवाचार के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता का प्रमाण दिया है। विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने इंजन हीटिंग और सीजिंग की समस्या से निपटने के लिए एक नई तकनीक विकसित कर पेटेंट ग्रांट प्राप्त किया है। यह तकनीक “लो ल्यूब्रिकेशन कट ऑफ इंजन” के नाम से जानी जाएगी और आने वाले समय में यह ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।

टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित, डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरीश शर्मा की टीम ने बताया कि लंबे सफर के दौरान अक्सर इंजन के अधिक गर्म होने की समस्या सामने आती है। इसका मुख्य कारण या तो इंजन का सही तरीके से ठंडा न होना होता है या फिर ल्यूब्रिकेशन सिस्टम में खराबी। अगर इंजन के ऑयल का स्तर या उसकी विस्कोसिटी (चिकनाहट) सही न हो तो पिस्टन, सिलेंडर लाइनर, बेयरिंग और अन्य पार्ट्स घर्षण से खराब होने लगते हैं और आखिरकार इंजन सीज हो जाता है।

इस गंभीर समस्या को दूर करने के लिए शोधकर्ताओं ने इंजन में विस्कोसिटी सेंसर, ऑयल लेवल सेंसर और ऑयल प्रेशर सेंसर लगाया। इन सेंसरों को माइक्रोकंट्रोलर से जोड़ा गया है, जिससे वाहन के डैशबोर्ड पर चालक को रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी। न सिर्फ इतना, बल्कि खतरे की स्थिति में बजर और इंडिकेटर बार-बार अलर्ट देंगे। इस तकनीक के माध्यम से चालक समय रहते सावधान हो जाएगा और इंजन को क्षति से बचा पाएगा।

टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित ने बताया कि पूर्व में वह कूलिंग सिस्टम से संबंधित पेटेंट भी पब्लिश करा चुके हैं, और अब यह दूसरा पेटेंट ग्रांट इस बात का प्रमाण है कि जीएलए विश्वविद्यालय लगातार वास्तविक समस्याओं पर शोध करके समाधान प्रस्तुत कर रहा है।

इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. पियूष सिंघल ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा आज जीएलए विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध व नवाचार के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह पेटेंट केवल एक उपलब्धि नहीं है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। इंजन सीजिंग जैसी समस्या आम वाहन चालकों के लिए बेहद कष्टदायक होती है। यदि गाड़ी का इंजन अचानक खराब हो जाए तो न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि सड़क पर जीवन भी खतरे में पड़ सकता है। इस तकनीक के माध्यम से हमारे शोधकर्ताओं ने इस चुनौती का वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत किया है।

यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि जीएलए विश्वविद्यालय केवल किताबों तक सीमित शिक्षा नहीं देता, बल्कि उद्योग और समाज की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शोध करता है। मुझे गर्व है कि हमारे संकाय सदस्य और शोधकर्ता निरंतर ऐसे नवाचार कर रहे हैं जो आने वाले समय में देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देंगे। इस पेटेंट से निश्चित रूप से ऑटोमोबाइल सेक्टर को नया मार्ग मिलेगा और उद्योग जगत के साथ-साथ आम जनता को भी इसका सीधा लाभ होगा।

कुलपति प्रो. अनुप कुमार गुप्ता ने कहा कि आज जिस तरह की तकनीक विकसित की गई है, उससे न केवल वाहन चालकों को राहत मिलेगी बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बड़ा परिवर्तन आएगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में जीएलए विश्वविद्यालय से और भी ऐसे क्रांतिकारी शोध सामने आएंगे जो भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।