Tuesday, December 16, 2025
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के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में हैंड्स-ऑन वर्कशॉप आयोजित

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बच्चों के दांतों के गलत संरेखण को न करें नजरंदाजः डॉ. दीपेश प्रजापति
मथुरा। बच्चों में दांतों का गलत संरेखण (टेढ़े-मेढ़े दांत) एक आम समस्या है, जो आनुवांशिकी, अंगूठा चूसना, मुंह से सांस लेना या दूध के दांतों के जल्दी गिरने जैसे कारकों से होती है। यह अक्सर बड़े होने पर अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में ऑर्थोडोंटिक उपचार (ब्रेसेस या अलाइनर्स) की आवश्यकता होती है, इसलिए दंत चिकित्सक से नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य की समस्याओं से बचा जा सके। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, मथुरा में आयोजित हैंड्स-ऑन वर्कशॉप में मुख्य वक्ता डॉ. दीपेश प्रजापति ने भावी दंत चिकित्सकों और फैकल्टी सदस्यों को बताईं।
डॉ. दीपेश प्रजापति ने “फ़्यूचर रेडी पीडियाट्रिक प्रैक्टिस-अनलॉकिंग अलाइनर थेरेपी फॉर किड्स” विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि बच्चों में दांतों के संरेखण की समस्याएं आम हैं। ये उनके दांतों के आपस में जुड़ने और उनके मुंह के विकास को प्रभावित कर सकती हैं। संरेखण की कुछ सबसे आम समस्याओं में टेढ़े-मेढ़े दांत, उनके बीच गैप और काटते समय दांतों का ठीक से न मिलना शामिल हैं। ये समस्याएं, जिन्हें मैलोक्लुजन कहा जाता है, आनुवंशिकी, दंत रोगों और अंगूठा चूसने जैसी मौखिक आदतों के कारण हो सकती हैं।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि बचपन में ही ऑर्थोडोंटिक उपचार शुरू करने के कई लाभ हैं। इससे बच्चे की मुस्कान और चेहरे की बनावट में सुधार आ सकता है, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। शुरुआती उपचार में अक्सर सरल तरीकों का इस्तेमाल होता है और बाद में जटिल प्रक्रियाओं की ज़रूरत कम हो जाती है। इस अवस्था में बच्चे आमतौर पर बेहतर सहयोग करते हैं, जिससे प्रक्रिया आसान हो जाती है। साथ ही समस्याओं का जल्दी समाधान करने से आगे चलकर दांत निकालने या जबड़े की सर्जरी जैसी गम्भीर समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। कुल मिलाकर, जल्दी उपचार शुरू करने से बच्चे के मौखिक स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक परिणाम बेहतर होते हैं।
डॉ. प्रजापति ने बताया कि पारम्परिक ब्रेसेस वर्षों से पसंदीदा समाधान रहे हैं, लेकिन आधुनिक दंत चिकित्सा ने एलाइनर्स को अधिक आरामदायक और विवेकपूर्ण विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है लिहाजा बच्चों की प्रभावी मौखिक देखभाल के लिए सही एलाइनर चुनना बेहद जरूरी है। यह व्याख्यान आधुनिक क्लीनिकल प्रैक्टिस से जुड़ी नवीनतम जानकारियों, स्पष्ट अवधारणाओं और आवश्यक व्यावहारिक सुझावों से परिपूर्ण रहा। हैंड्स-ऑन सत्र ने प्रतिभागियों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन में सीखे गए तकनीकी कौशलों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया, जिससे सीखने की प्रक्रिया और सशक्त हुई।
सीडीई की सफलता में कमेटी सदस्य डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज गौड़, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. राजीव एवं डॉ. जूही का महत्वपूर्ण योगदान रहा। सीडीई में विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल गुप्ता, डॉ. अजय नागपाल एवं डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने रिसोर्स परसन डॉ. दीपेश प्रजापति का आभार मानते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विकास, कौशल वृद्धि और व्यावसायिक उत्कृष्टता को नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करते हैं।
चित्र कैप्शनः रिसोर्स परसन डॉ. दीपेश प्रजापति के साथ संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने फहराया अपनी मेधा का परचम

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एमबीबीएस 2023 की सेकेंड प्रोफेशनल परीक्षा में शत-प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण
35 छात्र-छात्राओं ने पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी में हासिल की विशेष योग्यता
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज मथुरा ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एमबीबीएस 2023 सत्र के छात्र-छात्राओं ने अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा आयोजित सेकेंड प्रोफेशनल परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता हासिल कर अपनी मेधा का परचम फहराया है। एमबीबीएस परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता हासिल करने वाले 35 छात्र-छात्राओं ने पैथोलॉजी, फार्माकोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में विशेष योग्यता हासिल कर ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।
एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की इस शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने इसे बड़ी उपलब्धि मानते हुए सभी विभागाध्यक्षों और प्राध्यापकों को हार्दिक बधाई दी तथा सफलता के इस क्रम को निरंतर बनाए रखने का आह्वान किया। प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं की इस सफलता पर कॉलेज प्रबंधन द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
सम्मान समारोह में सभी विभागाध्यक्षों ने जहां केक काटकर खुशी का इजहार किया वहीं प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. परिणीता सिंह, विभागाध्यक्ष फार्माकोलॉजी डॉ. आशुतोष सिंह तथा विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. वरुणा गुप्ता का पुष्प-गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। प्राचार्य डॉ. अशोका ने प्राध्यापकों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सफलता छात्र-छात्राओं की लगन और मेहनत के साथ ही आप लोगों के कुशल मार्गदर्शन से ही मिली है। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस 2023 सत्र के छात्र-छात्राओं ने प्रथम प्रोफेशनल परीक्षा में भी शत-प्रतिशत सफलता हासिल की थी।
डॉ. अशोका ने कहा कि एक दशक में ही प्रदेश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में के.डी. मेडिकल कॉलेज का शुमार होना हम सबके लिए गौरव की बात है। डॉ. अशोका ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज का परीक्षा परिणाम जहां शत-प्रतिशत रहा वहीं पैथोलॉजी में 13, फार्माकोलॉजी में 17 तथा माइक्रोबायोलॉजी में पांच छात्र-छात्राओं ने विशेष योग्यता हासिल कर इस खुशी में चार चांद लगा दिए। यशी अग्रवाल ने पैथोलॉजी में 82.67 प्रतिशत, जतिन अग्रवाल ने फार्माकोलॉजी में 81 प्रतिशत तथा राजीव सिंह ने माइक्रोबायोलॉजी में 79.33 प्रतिशत अंकों के साथ अंकतालिका में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने सभी प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल चाहते हैं कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को क्वालिटी की शिक्षा मिले। के.डी. मेडिकल कॉलेज से छात्र-छात्राएं सिर्फ डिग्री लेकर नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक बनकर निकलें। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक सफलता खुशी देती है लेकिन हमें निरंतर कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह ने कहा कि मेडिकल शिक्षा पास करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी एक अच्छा चिकित्सक बनना भी है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं शिक्षा को बोझ न समझें बल्कि कक्षा में नियमित जाएं तथा प्राध्यापकों के बताए रास्ते पर चलकर अपने सपनों को साकार करें। सम्मान समारोह में सभी विभागाध्यक्षों ने छात्र-छात्राओं की सफलता पर अपने-अपने अनुभव साझा किए।
चित्र कैप्शनः केक काटते हुए विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. परिणीता सिंह साथ में हैं प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल। दूसरे चित्र में प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह के साथ प्राध्यापकगण।

बजाज जनरल इंश्योरेंस में चयनित हुए राजीव एकेडमी के नौ विद्यार्थी

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छात्र-छात्राओं ने सफलता का श्रेय संस्थान की उच्चस्तरीय शिक्षा प्रणाली को दिया
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए, बीबीए और बी.ईकॉम के छात्र-छात्राओं ने अपनी कुशाग्रबुद्धि और कौशल से प्रतिष्ठित बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड में उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर हासिल किया है। इन विद्यार्थियों ने अपनी लगन, तैयारी, संचार कौशल और व्यावसायिक समझ के बल पर साक्षात्कार प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर यह उपलब्धि हासिल की है।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही में बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के कैम्पस ड्राइव में संस्थान के एमबीए, बीबीए और बी.ईकॉम के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था। इस कैम्पस ड्राइव में विद्यार्थियों ने विभिन्न चरणों (एप्टीट्यूड टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू) में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। चयन प्रक्रिया के दौरान कम्पनी प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों की विश्लेषण क्षमता, समस्या-समाधान कौशल, बिजनेस कम्युनिकेशन और जोखिम प्रबंधन की समझ की सराहना करते हुए पंकज कुमार (एम.बी.ए.), तमन्ना खान (एम.बी.ए.), आयशा हसन (बी.बी.ए.), लक्ष्मी शर्मा (बी.बी.ए.), मोनू शर्मा (बी.बी.ए.), सौरभ शर्मा (बी.बी.ए.), शांकी भदौरिया (बी.बी.ए.), अभिषेक शर्मा (बी.ईकॉम) तथा लोकेश शर्मा (बी.ईकॉम) को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।
डॉ. विकास जैन का कहना है कि राजीव एकेडमी छात्र-छात्राओं को न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करती है बल्कि उन्हें उद्योग की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करने के लिए निरंतर कार्य करती है। नियमित प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, औद्योगिक भ्रमण और करियर गाइडेंस सेशन विद्यार्थियों को वास्तविक कॉर्पोरेट दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाते हैं। बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड की जहां तक बात है यह भारत की प्रमुख, विश्वसनीय और तेजी से विकसित हो रही निजी बीमा कम्पनियों में से एक है।
यह बजाज फिनसर्व लिमिटेड की सहायक कम्पनी है, जो देश की सबसे बड़ी और विविधीकृत वित्तीय सेवा कम्पनियों में शामिल है। यह कम्पनी मोटर, स्वास्थ्य, गृह बीमा जैसे पारम्परिक क्षेत्रों के साथ-साथ पेट इंश्योरेंस, वेडिंग इंश्योरेंस, साइबर इंश्योरेंस, इवेंट प्रोटेक्शन और ग्रामीण बीमा जैसे क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करती है। 2001 में स्थापित यह कम्पनी आज भारत के लगभग 1500 शहरों और कस्बों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी चयनित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों की मेहनत, संकल्प और सही दिशा में किए गए प्रयासों का परिणाम है।
डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी हमेशा अपने विद्यार्थियों को आधुनिक उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करने का प्रयास करती है। यह उपलब्धि न केवल चयनित विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह दर्शाती है कि राजीव एकेडमी लगातार ऐसे सक्षम, प्रतिभाशाली प्रोफेशनल तैयार कर रही है, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल से सफलता प्राप्त कर रहे हैं। चयनित विद्यार्थियों ने कहा कि संस्थान में नियमित रूप से आयोजित मॉक इंटरव्यू, गेस्ट लेक्चर, इंडस्ट्री विज़िट और स्किल-डेवलपमेंट सत्रों से उन्हें तैयारी में मदद के साथ करियर को नई दिशा मिली है।
चित्र कैप्शनः कैम्पस ड्राइव में छात्र-छात्राओं को बजाज जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड की कार्यप्रणाली से अवगत कराते पदाधिकारी, दूसरे चित्र में छात्रा का साक्षात्कार लेते कम्पनी प्रतिनिधि।

संस्कृति विवि में एनसीसी कैडेट ने दिखाया जोश और जुनून

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चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय में 78वें एनसीसी डे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कैडेट को उनकी रैंक प्रदान करते अधिकारी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में 78वां एनसीसी डे बड़े गर्व और जोश के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट ने एनसीसी का झंडा फहराया और मार्च पास्ट करते हुए गार्ड आफ आनर दिया। कार्यक्रम के दौरान एनसीसी के प्रभारी और अन्य अधिकारियों के अलावा संस्कृति विवि की एनसीसी यूनिट ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. डॉ. एम. बी. चेट्टी का एनसीसी के जवानों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कैडेट्स ने अनुशासन, सहयोग और मार्चपास्ट की महारत दिखाते हुए शानदार गार्ड ऑफ ऑनर दिया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सम्मान, ड्यूटी और एकता के प्रतीक झंडा फहराया गया। कुलपति प्रो. चेट्टी ने कैडेट्स के परिश्रम की तारीफ करते हुए उन्हें समर्पण के साथ सेवा करते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आपकी लगन और समर्पण की मैं प्रशंसा करता हूं। मेहनत हम सभी को समृद्ध बनाती है और हमारी नींव को मज़बूत बनाती है। एनसीसी कैडेट्स को अपनी मेहनत के फल के लिए कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। एनसीसी के जवानों ने पूरे जोश के साथ, कई मौकों पर देश का नाम रोशन किया है।
इस मौके पर सांस्कृति गतिविधियों का भी आयोजन किया गया। देशभक्ति और एनसीसी के मूल्यों जुड़ी हुई गतिविधियां देशभक्ति से ओतप्रोत थीं। कैडेट्स के बीच एक फ्रेंडली लेकिन कॉम्पिटिटिव कबड्डी मैच भी ऑर्गनाइज़ किया गया, जिससे इस मौके पर स्पोर्ट्समैनशिप और टीमवर्क की भावना समाविष्ट थी। कार्यक्रम के दौरान, चुने हुए कैडेट्स को उनके अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता और शानदार प्रदर्शन के आधार पर रैंक्स दिए गए। इस मौके पर अतिथिय़ों के अलावा स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा. डीएस तोमर, रजिस्ट्रार मिश्रा, एडमिनिस्ट्रेशन रामपाल आदि मौजूद रहे। सेरेमनी रिफ्रेशमेंट और एक ग्रुप फोटोग्राफ के साथ खत्म हुई।

संस्कृति के स्कूल आफ एजूकेशन विभाग ने एड्स के प्रति किया जागरूक

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चित्र परिचयः संस्कृति स्कूल आफ एजूकेशन की टीम आरपीएल इंटरनेशनल स्कूल, छाता में एचआईवी,एड्स के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ एजुकेशन विभाग द्वारा आरपीएल इंटरनेशनल स्कूल, छाता में विश्व एड्स दिवस को लेकर जागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान के तहत छात्रों और समाज के लोगों को एचआईवी और एड्स के प्रति फैली भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया और गलतफहमियां दूर की गईं। अभियान के दौरान संक्रमित लोगों के प्रति हमदर्दी और आत्मविश्वास बढ़ाने का संदेश दिया गया।
स्कूल ऑफ़ एजुकेशन के डीन डॉ. रैनू गुप्ता के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम स्कूल ऑफ़ एजुकेशन के असिस्टेंट प्रोफेसर देवांशु सिंह और डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने विद्यार्थियों और लोगों को जानकारी परक संबोधन दिये। उन्होंने एचआईवी, एड्स को जानने, इसको फैलने से रोकने और बचाव के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही लोगों को इस बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए एक प्रति सहयोगी माहौल की ज़रूरत के महत्व पर ज़ोर दिया। इस कार्यक्रम में बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीएड के विद्यार्थियों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ भागीदारी की। इन विद्यार्थियों में रिया, प्रिया, संजना, नंदनी, अतुल, प्रियांशु, प्रवीण, ऋषिता, मुस्कान, राधा, खुशबू, पूजा और हेमंत आदि शामिल रहे। विद्यार्थियों ने इस महत्वपूर्ण अभियान में पूरी सक्रियता से भाग लिया। स्वयं सीखा और जागरूकता बढ़ाने में विशेष सहयोग दिया।
आरपीएल इंटरनेशनल स्कूल छाता के प्रिंसिपल अजय दीक्षित ने जागरूकता फैलाने और स्वास्थवर्धक आदतों को बढ़ावा देने में शिक्षा की भूमिका पर ज़ोर दिया। इस अभियान में “कम्युनिटीज़ लीड करें” थीम पर ज़ोर दिया गया, जो स्टिग्मा से लड़ने और इनक्लूसिविटी को बढ़ावा देने के लिए मिलकर कोशिश करने को बढ़ावा देता है। विद्यालय के प्राचार्य अजयदीक्षित ने संस्कृति यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ एजुकेशन के द्वारा किए गए इस जागरूकता कार्यक्रम जानकारी देने वाला और सहयोगी समाज के निर्माण में प्रमुख भूमिका निबाहने वाला कार्यक्रम बताकर प्रशंसा की।

राजीव एकेडमी में फिनटेक इनोवेशन्स पर हुआ अतिथि व्याख्यान

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डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वित्तीय प्रबंधन से रूबरू हुए एमबीए विद्यार्थी
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के प्रबंधन विभाग द्वारा “फिनटेक इनोवेशन्स: वित्तीय परिदृश्य में बदलाव” विषय पर आयोजित अतिथि व्याख्यान में रिसोर्स पर्सन सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के वाणिज्य एवं वित्तीय अध्ययन विभाग के प्रो. (डॉ.) कृति भास्वर सिंह ने एमबीए के छात्र-छात्राओं को तेजी से बदलती वित्तीय दुनिया, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आधुनिक तकनीक और कॉर्पोरेट सेक्टर की आवश्यकताओं की विस्तार से जानकारी दी।
रिसोर्स पर्सन प्रो. कृति ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज वित्तीय जगत में नवाचारों ने पारम्परिक ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया है। फिनटेक, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, एम्बेडेड फाइनेंस, ब्लॉकचेन, डिजिटल करेंसी, रियल-टाइम पेमेंट्स, ओपन बैंकिंग, वित्तीय समावेशन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों ने वित्तीय सेवाओं के स्वरूप को पूरी तरह परिवर्तित कर दिया है। उन्होंने बताया कि फिनटेक के उदय ने वित्तीय सेवाओं को प्राप्त करने की प्रक्रिया को न केवल सरल बनाया है बल्कि इसे अधिक तेज, सुरक्षित और सुलभ भी बनाया है।
प्रो. कृति ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज डिजिटल पेमेंट्स, यूपीआई, ऑनलाइन बैंकिंग, वॉलेट, ऑटोमेटेड फाइनेंशियल कंसल्टेशन और क्रिप्टोकरेंसी जैसे नवाचारों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बड़े बदलाव को जन्म दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि फिनटेक स्टार्टअप और टेक कम्पनियां किस प्रकार ऐसे नए वित्तीय मॉडल विकसित कर रही हैं, जो पारम्परिक आर्थिक ढांचे को चुनौती देते हुए वित्तीय सेवाओं को आम लोगों तक अधिक कुशलता से पहुंचा रहे हैं।
व्याख्यान के दौरान उन्होंने साइबर सुरक्षा और डिजिटल लेन-देन में गोपनीयता की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फिनटेक के तेज विस्तार के साथ सुरक्षा जोखिम भी बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने ब्लॉकचेन की संरचना, क्रिप्टो मार्केट की व्यवहारिकता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में डिजिटल सम्पत्तियों की भूमिका पर महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किए। इंटरेक्टिव सत्र के दौरान प्रो. कृति ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान कर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि ऐसे सत्र विद्यार्थियों के करियर विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि ये उन्हें वास्तविक उद्योग की जरूरतों और आधुनिक तकनीक आधारित वित्तीय प्रणालियों को समझने में मदद करते हैं। निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अतिथि व्याख्यान की प्रशंसा करते हुए कहा कि फिनटेक वर्तमान वित्तीय परिदृश्य का सबसे तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त कर विद्यार्थी एक मजबूत करियर दिशा प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. भदौरिया ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों को केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि वास्तविक उद्योग अनुभव और बाजार आधारित ज्ञान भी प्रदान किया जाए, जिससे वे प्रतिस्पर्धी दुनिया में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। आर.के. एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने व्याख्यान को उपयोगी बताते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे विशेषज्ञों के मार्गदर्शन का न केवल लाभ उठाएं बल्कि करियर को लेकर जो सपने देखे हैं, उन्हें भी पूरा करें। यह गेस्ट लेक्चर विद्यार्थियों के ज्ञान, दृष्टिकोण और करियर उन्मुख सोच को नई दिशा प्रदान करने वाला साबित होगा।
चित्र कैप्शनः अतिथि वक्ता प्रो. (डॉ.) कृति भास्वर सिंह के साथ एमबीए के छात्र-छात्राएं।

गीता शोध संस्थान में समाज गायन, अठारह अध्याय-अठारह श्लोक की संगीतमय प्रस्तुतियां

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श्रीमद भागवत गीता की आज संसार में सर्वव्यापी स्वीकारोक्ति

-श्री गीता एक अध्यात्मिक विज्ञान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

वृंदावन। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा वृंदावन में संचालित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में दो दिवसीय गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया।
प्रथम दिवस गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के प्रशिक्षु छात्र व छात्राओं ने अठारह अध्याय-अठारह श्लोक कार्यक्रम अंतर्गत संगीतमय प्रस्तुति दी।
मणिपुर की रंग निकेतन सोसाइटी की ओर से गीता विद्वान अमरजीत सिंह ने गीता की सर्वव्यापी स्वीकारोक्ति विषय पर व्याख्यान में कहा कि गीता ग्रन्थ को किसी एक धर्म विशेष से नहीं बांधा जा सकता। इस ग्रंथ में सभी समस्याओं का हल है। ये मानव को जीने का रास्ता बताती है।
भक्ति वेदांत सोसाइटी सिंगापुर के अध्यक्ष अनुकम्पन दास ने संगीतमयी गीता गीत कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
अतिथियों का स्वागत गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रो. दिनेश खन्ना और ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा. उमेश चंद्र शर्मा ने किया। पुरातत्वविद चंद्रू रमेश ने मथुरा के पुरातत्व संपदा के उत्खनन कराए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। जयंती के प्रथम दिवस का संयोजन व समन्वयन गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार का रहा।
मोक्षदा एकादशी के उपलक्ष्य में दूसरे दिन श्री गीता-एक अध्यात्मिक विज्ञान विषय पर संगोष्ठी के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।
श्री गीता एक अध्यात्म विज्ञान विषयक संगोष्ठी में गौरांग इंस्टीट्यूट फॉर वैदिक एजुकेशन (Give) के संस्थापक वृंदावन चंद्र दास ने गीता के गूढ रहस्यों को सरलता से समझाया। प्रारंभ में अतिथि स्वागत गीता शोध संस्थान वृंदावन के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना ने किया। ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा जी ने अंत में आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में सत्यप्रकाश शर्मा, साहित्यकार कपिल देव उपाध्याय, महेश चंद्र शर्मा, मधु ठाकुर, संध्या मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किए।
साथ ही मुकेश व मयूर कौशिक ने गीता पर हवेली संगीत (समाज गायन) की प्रस्तुति दी। मधु ने श्रीमद्भागवत गीता का वह ग्रंथ भेंट किया जिसे हिन्दी, संस्कृत व अंग्रेजी में भावार्थ सहित पढ़ा जा सकता है।

जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को दी बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की जानकारी

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बौद्धिक सम्पदा अधिकार आपके कार्यों का सुरक्षा कवचः पूजा कुमार
मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के अनुसंधान एवं विकास सेल द्वारा बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पूजा कुमार ने संकाय सदस्यों तथा छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के महत्व और उनके संरक्षण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से आपके द्वारा किए गए कार्यों की सुरक्षा होती है।
अतिथि वक्ता पूजा कुमार पंजीकृत पेटेंट एजेंट और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप फैसिलिटेटर हैं, और इनके पास लगभग 15 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार ऐसे कानूनी अधिकार हैं, जो किसी व्यक्ति या संस्था को उनकी बौद्धिक रचनाओं जैसे कि आविष्कार, साहित्यिक, कलात्मक कार्य, डिजाइन, प्रतीक, नाम और छवियों पर विशेष सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके प्रमुख प्रकारों में पेटेंट है, जो आविष्कारों की रक्षा करता है। पूजा कुमार ने कहा कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार कॉपीराइट साहित्य, संगीत, फिल्म और सॉफ्टवेयर जैसे कार्यों को संरक्षित करता है। इतना ही नहीं ट्रेडमार्क ब्रांड नाम, लोगों या प्रतीक की भी सुरक्षा करता है।
मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ पूजा कुमार ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क तथा औद्योगिक डिजाइन जैसे विषयों को सरल भाषा में समझाते हुए बताया कि शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए अपने नवाचारों को कानूनी सुरक्षा देना बहुत जरूरी है। पूजा कुमार का व्याख्यान सभी प्रतिभागियों के लिए उपयोगी एवं प्रेरणादायक रहा।
अतिथि व्याख्यान से पहले संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने मुख्य अतिथि पूजा कुमार का स्वागत करते हुए कहा कि इस व्याख्यान का उद्देश्य संकाय सदस्यों और शोधार्थियों के बीच आईपीआर के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। प्रो. अवस्थी ने आईपीआर के बढ़ते महत्व, अनुसंधान एवं नवाचार में उसकी अहम भूमिका और आज के समय में इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) को उन विचारों, आविष्कारों और रचनात्मक अभिव्यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है जिनके आधार पर आमजन सम्पत्ति का दर्जा देने को तैयार है। प्रो. अवस्थी ने बताया कि विज्ञान स्नातकों के लिए आईपीआर क्षेत्र में अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। युवा पीढ़ी इस क्षेत्र में पेटेंट विश्लेषक, पेटेंट इंजीनियर, पेटेंट डॉकिंग अधिकारी, आईपी अटॉर्नी, पेटेंट एजेंट और पेटेंट लेखक या ड्राफ्टर बन सकती है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. वी.के. सिंह ने मुख्य वक्ता को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका बहुमूल्य मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। अंत में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजीव कुमार सिंह और डॉ. वजीर सिंह ने मुख्य अतिथि, विभागाध्यक्ष तथा सभी संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्राओं को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की जानकारी देते हुए मुख्य अतिथि पूजा कुमार।

संस्कृति विवि और गीता शोध संस्थान के मध्य हुआ महत्वपूर्ण एमओयू

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में गीता शोध संस्थान और विवि के मध्य हुए एमओयू को प्रदर्शित करते संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, गीता शोध संस्थान के निदेशक दिनेश खन्ना, संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चन्द्र शर्मा जी, संस्थान के कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार और गीता प्रचारक महेश चंद्र शर्मा, ब्रज कला केंद्र के विष्णु गोयल।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय और गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी वृंदावन के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ। संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार मनीष मिश्रा और गीता शोध संस्थान के निदेशक दिनेश खन्ना ने इस समझौता पत्र(एमओयू) को अपने हस्ताक्षर कर अंतिम रूप दिया।
इस समझौते के अनुसार गीता शोध संस्थान की ओर से ब्रज संस्कृति, रासलीला तथा गीता के पठन-पाठन पर संयुक्त रूप से कार्य किया जाएगा। भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप भविष्य में रासलीला के मंचन एवं नाट्य प्रस्तुतियों हेतु संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। गीता पर होने वाले शोध कार्य, शोध प्रबंध (थीसिस) तथा अकादमिक परियोजनाएँ दोनों संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जाएँगी। दोनों संस्थानों के बीच शिक्षण- प्रशिक्षण, शिक्षकों का आदान-प्रदान तथा अकादमिक विशेषज्ञता का परस्पर सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा। ब्रज की संस्कृति, कला एवं पारंपरिक विधाओं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु दोनों संस्थान मिलकर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र–छात्राओं का गीता शोध संस्थान में शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा। वे यहाँ आयोजित गोष्ठियों, व्याख्यानों एवं अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसी प्रकार संस्कृति विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं विद्वान भी गीता शोध संस्थान वृंदावन में गतिविधियों में सहभागिता करेंगे।
इस समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता और गीता शोध संस्थान के निदेशक दिनेश खन्ना ने कहा कि यह समझौता ब्रज की संस्कृति, कला और परंपराओं के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समझौते के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चन्द्र शर्मा जी, संस्थान के कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार और गीता प्रचारक महेश चंद्र शर्मा, ब्रज कला केंद्र के विष्णु गोयल भी उपस्थित रहे।

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने दिखाया कौशल

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नेशनल फार्मेसी सप्ताह में पेश किए मनमोहक कार्यक्रम
जन जागरूकता कार्यक्रमों के साथ खेल गतिविधियों में लिया हिस्सा
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी मथुरा में उत्साह और उमंग के बीच नेशनल फार्मेसी सप्ताह मनाया गया। नेशनल फार्मेसी सप्ताह में छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जहां सभी का दिल जीता वहीं खेल के मैदानों में अपने शानदार खेल कौशल से सभी की वाहवाही लूटी। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने नेशनल फार्मेसी सप्ताह के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विजेता-उप विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर उन्हें शाबासी दी।
64वें नेशनल फार्मेसी सप्ताह के तहत छात्र-छात्राओं ने जहां कॉलेज परिसर में सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया वहीं अन्य विद्यालयों में जन जागरूकता अभियान चलाकर फार्मेसी की उपयोगिता समझाई। नेशनल फार्मेसी सप्ताह में शिक्षकों के दिशा-निर्देशन में प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया गया। स्वास्थ्य शिविर में छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
एक सप्ताह तक चले विविध कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं की सबसे अधिक उत्सुकता खेल गतिविधियों में देखी गयी। छात्र-छात्राओं ने आपसी सद्भाव के बीच वॉलीबॉल, कबड्डी, शतरंज, लम्बीकूद, बैडमिंटन, शॉटपुट, टग ऑफ वॉर, आर्म रेसलिंग, लेमन रेस, थ्री लेग रेस आदि में जहां दमखम दिखाया वहीं रंगोली कम्पटीशन, पोस्टर एवं रील मेकिंग प्रतियोगिताओं में फार्मेसी की महत्ता प्रदर्शित की।
खेलों की जहां तक बात है बी फार्मा चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं ने वॉलीबॉल, टग ऑफ वॉर और बैडमिंटन में जलवा दिखाया वहीं बी फार्मा तृतीय वर्ष के छात्र ने लम्बीकूद में विजेता होने का गौरव हासिल किया। बी फार्मा द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने कैरम, थ्री लेग रेस, लेमन रेस, शतरंज प्रतियोगिता में जहां जलवा दिखाया वहीं बी फार्मा प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने शॉटपुट, आर्म रेसलिंग तथा डी फार्मा प्रथम वर्ष की टीम ने रंगोली में प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी विजेता-उप विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जहां सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होता है वहीं लीडरशिप का भाव भी पैदा होता है। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने विजेता तथा उप विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी प्रत्येक विद्यार्थी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास और करिअर निर्माण को प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष संस्थान द्वारा नेशनल फार्मेसी सप्ताह मनाया जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे फार्मेसी की आवश्यकता को जन-जन को समझाएं तथा जो लोग गम्भीर समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें फार्मासिस्ट की सलाह पर ही दवा का प्रयोग करने की सलाह दें।
नेशनल फार्मेसी सप्ताह की सफलता में प्रो. (डॉ.) मयंक कुलश्रेष्ठ, आर.के. चौधरी, डॉ. नीतू सिंह, सुनम साहा, विभा, ब्रजनंदन दुबे, मनु शर्मा, डॉ. विवेक, प्रतीक्षा राजौरिया, डॉ. आकाश गर्ग, सोनल बंसल, ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, पवन पांडेय, कुलदीप सिंह, सुरेंद्र शर्मा, लक्ष्मीकांत, अविनाश मिश्रा, बृजेश शर्मा आदि का सराहनीय योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्राओं के साथ नेशनल फार्मेसी सप्ताह का शुभारम्भ और समापन करते संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा।