Monday, December 22, 2025
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राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थियों ने की इंडस्ट्रियल विजिटबहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट की कार्यप्रणाली समझी


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए चतुर्थ सेमेस्टर (बैच 2024-26) के विद्यार्थियों ने हाल ही में अपने शैक्षिक औद्योगिक भ्रमण में बहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट (वरुण बेवरेजेज लिमिटेड) की कार्यप्रणाली की गहन जानकारी हासिल की। ए नॉलेज शेयरिंग ट्रिप से लौटे छात्र-छात्राओं ने अपने इस शैक्षिक भ्रमण को करियर के लिए उपयोगी बताया।
इंडस्ट्रियल विजिट के दौरान विद्यार्थियों ने वरुण बेवरेजेज लिमिटेड की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा। वीबीएल पेप्सिको का भारत में प्रमुख फ्रैंचाइजी पार्टनर है, जो पेप्सी, सेवन अप, मिरिंडा, माउंटेन ड्यू जैसे पेय उत्पादों का उत्पादन, बॉटलिंग और वितरण करता है। विद्यार्थियों को इस दौरान पेप्सिको उत्पादों की उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण, मशीनरी संचालन, पैकेजिंग सिस्टम तथा लॉजिस्टिक्स से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुईं।
पेप्सी प्लांट, वीबीएल की भारत में स्थित कई निर्माण इकाइयों में से एक है, जो तकनीकी दक्षता और संचालन प्रबंधन के लिए जाना जाता है। यह प्लांट विशेष रूप से पेप्सिको ब्रांड के बॉटलिंग संचालन के लिए स्थापित किया गया है और यहां अत्याधुनिक तकनीकों द्वारा उत्पादन कार्य किया जाता है। छात्र-छात्राओं ने वीबीएल की उत्पादन इकाइयों, स्वचालित बॉटलिंग लाइनों, पानी की शुद्धिकरण प्रक्रिया, बोतलों की सफाई, भरने और सीलिंग की प्रक्रिया को करीब से देखा और समझा।
विजिट के दौरान विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि वरुण बेवरेजेज लिमिटेड का कार्य केवल बॉटलिंग तक सीमित नहीं है बल्कि यह कम्पनी मार्केटिंग, वितरण नेटवर्क के प्रबंधन और पूरे पेय व्यापार संचालन में भी सक्रिय रूप से कार्य करती है। विद्यार्थियों ने यह भी जाना कि कैसे वरुण बेवरेजेज लिमिटेड ने भारत और अन्य देशों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया है तथा कैसे इसने हाल के वर्षों में निरंतर वृद्धि और लाभप्रदता हासिल की।
इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने बॉटलिंग इंडस्ट्री का व्यावहारिक ज्ञान अर्जित किया। उन्हें यह अनुभव हुआ कि कैसे एक बड़ी कम्पनी उत्पादन से लेकर अंतिम वितरण तक के कार्य को प्रभावी ढंग से संचालित करती है। इस विजिट से छात्र-छात्राओं को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक अनुभव से जोड़ने का सुअवसर मिला बल्कि उन्हें करियर की सम्भावनाओं को भी समझने में मदद मिली। ब्रज क्षेत्र की वृन्दावन एग्रो इंडस्ट्रीज भी कोका-कोला जैसी कम्पनियों के लिए फ्रैंचाइज़ी बॉटलिंग का कार्य करती है, जिससे यह क्षेत्र एक महत्वपूर्ण बॉटलिंग हब बन चुका है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि ऐसे औद्योगिक भ्रमण विद्यार्थियों के करियर निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र जीवन में केवल किताबी ज्ञान से कार्य नहीं चलता, जब तक हम उसे वास्तविक दुनिया के अनुभव से न जोड़ें। उन्होंने कहा कि वरुण बेवरेजेज जैसे प्रतिष्ठित प्लांट की विजिट से विद्यार्थियों को उत्पादन प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, सप्लाई चेन और कॉर्पोरेट संरचना की जो वास्तविक समझ प्राप्त हुई, उसका उन्हें भविष्य में जरूर लाभ मिलेगा।
चित्र कैप्शनः बहुराष्ट्रीय कम्पनी पेप्सिको के बॉटलिंग प्लांट को देखने गए राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन ने समाज के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का किया सम्मान-यूपीएससी क्लियर करने वाले प्रियांशु अग्रवाल एवं सत्यम चतुर्वेदी का भी सम्मान


मथुरा : अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन, मथुरा द्वारा वैश्य समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया, जिसमें 137 प्रतिभाशालियों का सम्मान किया गया।

एक होटल में आयोजित भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भवन भूषण कमल, अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय संरक्षक अजयकांत गर्ग, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य पदाधिकारी द्वारा महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत दुपट्टा उड़ाकर चौधरी साकेत गर्ग एवं निखिल जैन द्वारा किया गया।

इस अवसर पर कक्षा 10 एवं 12 के साथ ही इस वर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा पास करने वाले, नीट परीक्षा पास करने वाले, विद्यार्थियों के साथ इस वर्ष यूपीएससी परीक्षा क्लियर कर मथुरा का नाम रोशन करने वाले राजीव अग्रवाल के पुत्र प्रियांशु अग्रवाल एवं राकेश चतुर्वेदी के पुत्र सत्यम चतुर्वेदी का भी विशेष स्वागत किया गया।

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि भवन भूषण कमल सदस्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने बच्चों से सम्मान के मोह में ना पड़कर अपने भविष्य को बहुत आगे ले जाने का आवाहन किया।
राष्ट्रीय संरक्षक एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अजयकांत गर्ग ने नौजवान पीढ़ी को देश का आने वाला भविष्य बताते हुए सभी से अपने सुनहरे भविष्य के मिशन में जुट जाने का आह्वान किया।

राकेश चतुर्वेदी ने अपने 40 साल के शिक्षक काल का संस्मरण सुनाते हुए बच्चों को और अधिक मेहनत करने की शिक्षा दी।
इस वर्ष यूपीएससी क्लियर करने वाले प्रियांशु अग्रवाल ने बच्चों को बताया कि किस तरह वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने उसके लिए सभी से कठोर मेहनत करने का आह्वान किया।
इससे पूर्व मंचासीन अतिथियों एवं पदाधिकारियों का स्वागत महानगर महामंत्री राजकुमार अग्रवाल जिला महामंत्री अनुराग मित्तल द्वारा दुपट्टा ओढ़ाकर किया।

महिला शक्ति की सदस्यों का भी स्वागत किया गया एवं कार्यक्रम के लिए उनकी मेहनत को देखते हुए उनको भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सभी बच्चों को माला पहनाकर, सम्मान पत्र देकर एवं उपहार स्वरूप ऑफिस बैग देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों का सम्मान स्मृति चिन्ह देकर जिला अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल, जिला महामंत्री अनुराग मित्तल, महानगर अध्यक्ष अखिल अग्रवाल, महानगर महामंत्री राजकुमार अग्रवाल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्रसिद्ध भजन गायक मनोज शर्मा द्वारा अपने प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम का समापन सह भोज के साथ हुआ। मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह के विशेष सहयोगी जीएलए यूनिवर्सिटी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर एनके गु्रप के निदेशक विवेक अग्रवाल का भी इस अवसर पर स्वागत कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला प्रभारी धीरज गोयल, माधव अग्रवाल, समीक्षा अग्रवाल, गौरव अग्रवाल डिब्बा वाले, राहुल अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, जिला कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, राजकुमार गर्ग, विवेक गर्ग, वैभव गर्ग सौंख, सुधीर गोयल, विनीत गुप्ता, अंकिता गोयल, बबीता अग्रवाल, इशिका गर्ग, मान्यता अग्रवाल, राधा अग्रवाल, लक्ष्मी गर्ग, अंजना अग्रवाल, सीमा गोयल, अनुराधा मित्तल, शिखा बंसल आदि उपस्थित रहे।

यज्ञों में विघ्न डालने का सिलसिला प्राचीन काल से चला आ रहा है

विजय गुप्ता की कलम से

 मथुरा। प्राचीन काल में जब ऋषि मुनि यज्ञ किया करते थे, तब अक्सर असुर उसमें तरह-तरह से विघ्न डालकर अपना धर्म निभाया करते थे। ये कभी-कभी हवन कुंड में धूल मिट्टी कंकड़ पत्थर फेंक जाते, कभी हवन सामग्री को उलट कर बिखेर देते, कभी-कभी तो हवन करने वाले ऋषि मुनि व साधु संतों से भिड़कर उनके साथ धक्का मुक्की और हाथापाई तक कर जाते।
 कहने का मतलब है कि हर अच्छे कार्य में विघ्न डालने का सिलसिला आदिकाल से चला आ रहा है और अनादिकाल तक रहेगा। आसुरी स्वभाव के लोग हर काल में अपना कर्तव्य पूरा करते हैं। आज भी जो कुछ दृष्टिगोचर हो रहा है उससे स्पष्ट है कि देवासुर संग्राम जारी है।
 यह भी सुनिश्चित है कि विजय का सेहरा सुर पक्ष के माथे पर ही बंधेगा और असुर पक्ष हाथ मलता रह जाएगा। मेरा कहने का मतलब तो सिर्फ यह है कि "अभी भी बेटी बाप की है" यज्ञ में बाधक बनने के बजाय आहुतियां डालो और पुण्य के भागी बनो। इसी में तुम्हारी भलाई है। बोल बांके बिहारी लाल की जय

कॉरिडोर का विरोध देवराहा बाबा का विरोध

विजय गुप्ता की कलम से

 मथुरा। बिहारी जी मंदिर के लिए वृंदावन में कॉरिडोर बनाए जाने का विरोध महान संत देवराहा बाबा का विरोध करने के समान है। यह सब घटनाक्रम देवराहा बाबा महाराज की आज्ञानुसार हो रहा है। जिस प्रकार भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के बारे में बाबा ने काफी समय पूर्व कह दिया था कि मंदिर बनेगा और बगैर किसी विघ्न बाधा के सभी की सहमति और भाईचारे के साथ बनेगा तथा हुआ भी ऐसा ही। भले ही उस समय बाबा की इस बात पर किसी को विश्वास नहीं होता था। ठीक उसी प्रकार बाबा ने बहुत पहले ही अपने परम प्रिय शिष्य संत शैलजा कांत को बता दिया था कि रिटायर होने के बाद तुमको पुनः ब्रजभूमि में आकर यहां की मिट्टी में लोटपोट होते हुए भगवान श्री कृष्ण की इस पावन भूमि की सेवा करनी है।
 इस सबसे स्पष्ट होता है कि जो घटनाक्रम हो रहे हैं, वह सभी बाबा की इच्छा और आज्ञानुसार हो रहे हैं। वृंदावन का कॉरिडोर भी उसी का एक भाग है। कोई माने या न माने किंतु यह अकाट्य सत्य है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण की पूरी पटकथा बाबा के दिशा निर्देशन में तय हुई थी तथा केंद्र और प्रदेश की हस्तियां गोपनीय रूप से बाबा के आश्रम पर आकर दिशा निर्देश लेती रहती थीं। आज देवराहा बाबा भले ही सशरीर हमारे मध्य नहीं हैं किंतु उनकी दिव्यात्मा मौजूद है और इस ब्रजभूमि को सजाने संवारने का कार्य अपनी देखरेख में करा रही है। ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। 
 पहले जो विरोध हो रहा था वह अब धीरे-धीरे ठंडा होने लगा है तथा समर्थकों का पलड़ा भारी है। विरोध करने वाले कौन हैं? और उनका क्या उद्देश्य है? इस बारे में टीका टिप्पणी करना उचित नहीं। सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरें सब कुछ कह रही हैं। सवाल यह है कि बिहारी जी को कभी जींस पहनना, कभी उनके हाथ में मोबाइल फोन पकड़ा देना तथा अन्य कई तरह की ऊटपटांग हरकतें करने वाले ही उनके ठेकेदार बन गए हैं क्या?
 धन बल के आधार पर विरोध कराने वालों को यह बात अब अच्छी तरह समझ लेनीं चाहिए कि उनकी भलाई इसी में है कि अब वे शांत होकर वृंदावन धाम की इस पावन भूमि के उत्थान में सहयोगी की भूमिका निभाते हुए बांके बिहारी और देवराहा बाबा की कृपा और आशीर्वाद के भागी बनें। मेरा यह दावा है कि कॉरिडोर तो हर कीमत और हर सूरत में बनेगा, इसे कोई माई का लाल रोक नहीं पाएगा। दैवीय शक्तियों की इच्छानुसार ही सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी विघ्न बाधाओं को दूर करते हुए कॉरिडोर के पक्ष में निर्णय देकर पहले ही रास्ता साफ कर रखा है। समझदार को इशारा काफी है। "ना समझे वो अनाड़ी है"।

चित्र परिचय, संस्कृति विश्विद्यालय के जेबीएम कंपनी में प्लेसमेंट पाने विद्यार्थी अधिकारियों के साथ।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को जेबीएम कंपनी में मिली नौकरी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर कैंपस प्लेसमेंट में देश की प्रतिष्ठित कंपनी जेबीएम में नौकरी हासिल की है। विवि प्रशासन ने इन सभी विद्यार्थियों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं।
संस्कृति विश्वविद्यालय के बी टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रविकांत, सत्यम, आकाश, अमित कुमार सिंह और दिलीप शर्मा ने चयन प्रक्रिया में लगातार सफलता हासिल करते हुए उच्च वेतनमान पर नौकरी हासिल की है।
संस्कृति विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल के वरिष्ठ अधिकारी आनंद कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जेबीएम समूह की कंपनी (एफजेएम सिलेंडर प्राइवेट लिमिटेड) और जेबीएम समूह द्वारा ऑटो कंपोनेंट और सिस्टम, बसें, इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी एग्रीगेट्स, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय, अपशिष्ट से धन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सीएनजी सिलेंडर के विनिर्माण किया जाता है। कंपनी मेसर्स मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और अन्य ओईएम को अपने उत्पादों की आपूर्ति करती है।
विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्विद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि विवि के विद्यार्थियों की सफलता का श्रेय विद्यार्थियों के माता पिता और विश्विद्यालय के शिक्षकों की उस टीम को जाता है जिसने अपने अथक परिश्रम से विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया। ये सभी विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं।

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने फेयरवेल पार्टी में जमाया रंग


आयुष बने मिस्टर फेयरवेल तो खुशी गोयल मिस फेयरवेल चुनी गईं
मथुरा। ब्रज मण्डल के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में मंगलवार की शाम को हर तरफ मस्ती और उल्लास का माहौल रहा। मौका था फेयरवेल पार्टी का, जिसमें बीफार्मा तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपने सीनियर्स को विदाई दी। फेयरवेल पार्टी का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।
मंगलवार की शाम राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के सभागार में बीफार्मा के छात्र-छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रमों के नाम रही। लगभग तीन घंटे चली फेयरवेल पार्टी में बीफार्मा तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने अपने सीनियर्स के सम्मान में एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किए। इस अवसर पर जूनियर छात्र-छात्राओं ने जहां अपने भावुक भाषणों, गीत, नृत्य और मनोरंजक स्क्रिप्ट के माध्यम से अपनी कृतज्ञता तथा प्रशंसा व्यक्त की वहीं सीनियर छात्र-छात्राओं ने अपने जूनियर साथियों से मिले प्यार और स्नेह को दिल से सराहा। विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बजती तालियां दर्शा रही थीं कि इस फेयरवेल पार्टी की यादें इनके दिलोदिमाग में लम्बे समय तक बनी रहेंगी।
छात्र-छात्राओं के ग्रुप डांस ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को एक खास ऊंचाई प्रदान की। तत्पश्चात कार्यक्रम के अगले चरण में बीफार्मा अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने संस्थान में अपने अध्ययनकाल के दौरान हासिल अनुभव जूनियर साथियों के साथ साझा किए। इतना ही नहीं सीनियर्स ने संस्थान में मिले परिवार जैसे माहौल तथा प्राध्यापकों के मार्गदर्शन की जमकर सराहना की। कार्यक्रम के अन्तिम चरण में सभी सीनियर्स को जूनियर्स द्वारा स्मृति चिह्न भेंटकर उनके सुनहरे भविष्य की कामना की गई। अंत में निर्णायकों द्वारा सीनियर छात्र-छात्राओं के परफॉर्मेंस एवं एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर आयुष वर्मा को मिस्टर फेयरवेल तथा खुशी गोयल को मिस फेयरवेल चुना गया।
संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने विदा ले रहे बीफार्मा के छात्र-छात्राओं को कॉलेज का एम्बेसडर मानते हुए हमेशा लगन और मेहनत से अपने लक्ष्य को हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत महत्व है लिहाजा सभी छात्र-छात्राओं को समय का सदुपयोग करते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने चाहिए। उन्होंने कहा कि फेयरवेल जैसी प्रथाएं छात्र-छात्राओं को आपस में जोड़े रखती हैं तथा सीनियर का जूनियर छात्र-छात्राओं से प्रेम बना रहता है। इस तरह के आयोजन से एक सकारात्मक माहौल भी बनता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने बीफार्मा अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे जहां भी रहें अपनी लगन और मेहनत से लोगों का दिल जीतें तथा अपना करियर बनाएं। इस अवसर पर संस्थान के प्राध्यापकों बृजनंदन दुबे, सुनम साहा, विभा, प्रतीक्षा राजौरिया, मनु शर्मा, सोनल बंसल, शिवेन्द्र कुमार, पवन पांडेय, कुलदीप सिंह,ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, अविनाश कुमार मिश्रा, बृजेश शर्मा, आशीष चतुर्वेदी आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर आकाश गर्ग ने किया।
चित्र कैप्शनः प्राध्यापकों के साथ मिस और मिस्टर चुने गए विद्यार्थी।

चिकित्सक जीवन रक्षक तो सीए देश की आर्थिक रीढ़


केडी डेंटल कॉलेज में आरआईएस के विद्यार्थियों देखी चिकित्सकीय कार्यप्रणाली
वाणिज्य संकाय के छात्र-छात्राओं ने सीए कुलदीप अरोड़ा से जाना वित्तीय प्रबंधन
मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने आज चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा चिकित्सक दिवस पर शैक्षिक भ्रमण कर दोनों ही व्यवसायों की जानकारी विशेषज्ञों से हासिल की। विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को बताया कि इन दोनों ही व्यवसायों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। सीए जहां देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूती देते हैं वहीं चिकित्सक हमारे जीवन के अनदेखे रक्षक हैं।
मंगलवार को देशभर में सीए तथा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया गया। इस दिवस की गूढ़तम जानकारी हासिल करने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल के वाणिज्य संकाय के छात्र-छात्राओं ने मथुरा वृंदावन स्थित कुलदीप अरोड़ा एण्ड एसोसिएट्स चार्टेड अकाउंटेंट फर्म का भ्रमण किया। छात्र-छात्राओं ने वहां सीए कुलदीप अरोड़ा से ऑडिटिंग, कराधान, वित्तीय प्रबंधन तथा फॉरेंसिक अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों के विषय में जानकारी हासिल की।
सीए कुलदीप अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एक जुलाई 1949 को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की स्थापना हुई, तब से लेकर प्रतिवर्ष एक जुलाई को सीए दिवस मनाया जाता है। सीए श्री अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को बैंकों, उद्योगों, व्यापारिक इकाइयों, सरकारी संगठनों तथा धार्मिक संस्थाओं आदि के ऑडिट की जानकारी दी। इसी कड़ी में विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल जाकर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की बधाई देते हुए उनसे चिकित्सकीय कार्यप्रणाली की विस्तार से जानकारी हासिल की। डॉ. लाहौरी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि डॉक्टर्स डे एक ऐसा दिन है जो हमें याद दिलाता है कि डॉक्टर्स हमारे जीवन के अनदेखे रक्षक हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर केवल एक पेशा नहीं बल्कि इंसानियत की सबसे बड़ी सेवा है। हर साल डॉक्टर्स के समर्पण और योगदान को सम्मान देने के लिए ही डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हर दिवस का अपना महत्व है लिहाजा प्रत्येक विद्यार्थी को इन दिवसों की महत्ता को समझना चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे भारत के महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में डॉक्टरों को समर्पित है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हर पेशे का अपना महत्व है। डॉक्टर बनना केवल लम्बे समय तक काम करना भर नहीं है। यह भावनात्मक रूप से थका देने वाला भी है। हर दिन वे मानवीय पीड़ा से निपटते हैं। वे प्रतिदिन ऐसी चीजें देखते हैं जिनके बारे में अधिकांश लोग सोचना तक नहीं चाहते। स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा चिकित्सक दिवस पर विशेषज्ञों से जो जानकारी हासिल की है, वह उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
चित्र कैप्शनः के.डी. डेंटल कॉलेज में चिकित्सक दिवस मनाते राजीव इंटरनेशनल के नन्हें-मुन्ने।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मॉडर्न एज्यूकेटर पर हुई कार्यशालाशिक्षक आज्ञा देने की बजाय छात्र-छात्राओं के बनें सलाहकारः बिन्दु सहदेव


मथुरा। शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों तथा तकनीक से अवगत कराने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मैकमिलन पब्लिशर्स द्वारा मॉडर्न एज्यूकेटर (आधुनिक शिक्षक) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एमिनेंट स्पीकर तथा रिनाउंड एज्यूकेशनिस्ट बिन्दु सहदेव ने टीचर्स को मॉडर्न एज्यूकेशनल, मल्टिपल इटेंलीजेंस, करिकुलम डिजाइनिंग एण्ड माइंड मैपिंग, कोर टीचिंग स्किल्स एण्ड क्लास-रूम मैनेजमेंट आदि की विस्तार से जानकारी दी।
शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए बिन्दु सहदेव ने कहा कि शिक्षण का तात्पर्य मनुष्य के ज्ञानात्मक, भावनात्मक एवं क्रियात्मक संस्कारों का समन्वय एवं विकास करना है तथा उसके व्यवहार में परिवर्तन और परिमार्जन लाना है। उन्होंने कहा कि ज्ञान से इच्छा का जागरण होता है तथा इच्छा मनुष्य को क्रियाशील बनाती है। उन्होंने कहा कि व्यवहार में परिवर्तन लाने को ही सीखना या अधिगम कहते हैं। सीखना और सिखाना ही सही मायने में शिक्षण संस्कार है।
बिन्दु सहदेव ने फंडामेंटल लेवल से स्टार्ट करते हुए किस तरह से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की तरफ आगे बढ़ा जाए इसके बारे में शिक्षकों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से इंक्वायरी बेस्ट लर्निंग पर फोकस किया। इतना ही नहीं उन्होंने क्लास रूम को कैसे इफेक्टिव बनाया जाए, कैसे सिलेबस मैनेज किया जाए तथा लेशन प्लान को और प्रभावशाली कैसे बनाया जाए, इन सभी विषयों पर शिक्षकों को जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के अन्तर्मन में समस्त ज्ञान अवस्थित है। आवश्यकता उसे जागृत करने तथा उपयुक्त वातावरण निर्मित करने की है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ऐसा मार्गदर्शक, सहायक और उससे बढ़कर अनुभवी मित्र होता है जिससे विद्यार्थी हर मुश्किल समय में मार्गदर्शन प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की भूमिका आज्ञा देने वाले की अपेक्षा सलाहकार और प्रस्तोता जैसी होनी चाहिए। उसे छात्र-छात्राओं को यह बताना चाहिए कि वे विभिन्न विषयों का मनन किस प्रकार करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षण का दूसरा सिद्धान्त यह है कि मन के विकास में स्वयं उसकी सलाह ली जाए। उन्होंने बताया कि हमें छात्र-छात्राओं को यह प्रेरणा देनी चाहिए कि वह अपनी प्रकृति के अनुसार अपना विकास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक छात्र-छात्रा को पढ़ा या सिखा नहीं सकता। पढ़ने या सीखने की प्रक्रिया तो छात्र-छात्राओं को स्वयं करनी होती है। शिक्षक उसकी सहायता तथा उपयुक्त अवसर एवं वातावरण का निर्माण कर सकता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले इस तरह की वर्कशॉप को उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अन्तरात्मा की इस बात में सहायता करना कि वह अपने अन्तर्मन की अच्छी से अच्छी बात को बाहर लाए तथा उसे किसी उदात्त उपयोग के लिएं पूर्ण बनाए। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि समय-समय पर ऐसी वर्कशॉप आयोजित करने से शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले परिवर्तनों से सभी टीचर्स अवगत होते हैं, जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिलता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने ट्रेनर बिन्दु सहदेव को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका बहुमूल्य समय और ज्ञान देने के लिए आभार माना।
चित्र कैप्शनः शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों की जानकारी देते हुए ट्रेनर बिन्दु सहदेव।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को बड़ी कंपनियों में मिली नौकरी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हाल ही में अपनी प्रतिभा के दम पर देश और दुनियां की प्रसिद्ध कंपनियों में नौकरियां हासिल की हैं। विवि प्रशासन ने इन सभी विद्यार्थियों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं।
संस्कृति विश्वविद्यालय के बी टेक मैकेनिकल डिप्लोमा के छात्र आयुष कुमार ने कठिन चयन प्रक्रिया में लगातार सफलता हासिल करते हुए गुजरात के जामनगर स्थित जेकोन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में उच्च वेतनमान पर नौकरी हासिल की है। इसी प्रकार सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र मोहम्मद अकरम का सऊदी अरेबिया स्थित एआई राशिद ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी में उच्च वेतनमान पर चयन हुआ है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र कासिम का कुवैत स्थित सीजर अल्बाहर अल्मूतवेस्ट होल्डिंग कंपनी ने अपने यहां उच्च वेतनमान पर नौकरी दी है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र अरुण सिंह का चयन जिंदल एल्यूमीनियम लिमिटेड में उच्च वेतनमान पर हुआ है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र अंकित तामरकर को कटारिया ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज,अहमदाबाद ने अपनी कंपनी में उच्च वेतनमान पर नौकरी दी है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के मैकेनिकल डिप्लोमा के छात्र अभिषेक प्रताप रुडी का चयन आर्दी इंजीनियरिंग लिमिटेड किरंदुल, छत्तीसगढ़ में हुआ है।
विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्विद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि विवि के विद्यार्थियों की सफलता का श्रेय विद्यार्थियों के माता पिता और विश्विद्यालय के शिक्षकों की उस टीम को जाता है जिसने अपने अथक परिश्रम से विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया। ये सभी विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं।

संस्कृति विवि ने किया अंतराष्ट्रीय योग दिवस का ऐतिहासिक आयोजन


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ने इस बार अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अभूतपूर्व तैयारियों के साथ मनाया। इसके लिए विवि के विद्यार्थी और शिक्षक पिछले कई दिनों से तैयारियां कर रहे थे। देश की प्रमुख हस्तियों ने विश्विद्यालय के इस ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विवि के विद्यार्थियों, दिव्यांग बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सम्मिलित रूप से योग गुरुओं के निर्देशन में योगाभ्यास किया। इस मौके पर योग प्रशिक्षकों ने योगाभ्यास करने के लाभ बताए और यह भी बताया कि योगाभ्यास करने से कैसे अपने शरीर को निरोग रखा जा सकता है।
विवि प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, संस्कृति नर्सिंग स्कूल के विद्यार्थियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर योग करने के लिए प्रेरित किया। लोगों को जागरूक करने के लिए नारे लिखी तख्तियां लेकर रैलियां निकलीं। योग को घर घर पहुंचने के संस्कृति विश्विद्यालय के संकल्प के साथ किए गए इस प्रयास कि सभी ने खूब प्रशंसा की।
अनन्तश्री विभूषित सदगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को राष्ट्र निर्माण की दिव्य साधना का आरंभ बताते हुए प्रशंसा की और कहा कि दिव्यांगो का इस महोत्सव में भाग लेना सिद्ध करता है कि योग सबके लिए है।
पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण महाराज ने संस्कृति विश्विद्यालय के इस प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय आने वाली पीढ़ी को भी स्वस्थ, जागरूक और संस्कारित करने का भी काम कर रहा है। मथुरा की सांसद डॉ श्रीमती हेमा मालिनी संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए सभी विद्यार्थियों, आचार्यों और नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि योग को दिवस के रूप में न लें बल्कि इसे अपने नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं क्योंकि नियमित योग ही आपके निरोगी जीवन की आधारशिला है।
श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज ने संस्कृति विश्वविद्यालय के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी को योग करना चाहिए। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने संस्कृति विश्विद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी जनकल्याणकारी योजना उनके द्वारा ही बनाई जा सकती है, जिसमें दिव्यागों का भाग लिया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि योग सबके लिए है।

योग और संस्कार संस्कृति विवि की सोच का अभिन्न अंग: डॉ सचिन गुप्ता
मथुरा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संस्कृति विश्विद्यालय के प्रयासों की सराहना करने वाली मशहूर हस्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए विवि के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता ने कहा कि योग भारत की वो अमूल्य निधि है जिसने की सारे विश्व को स्वास्थ्य और संतुलन की राह दिखाई है। योग के नियमित अभ्यास से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। आज की भागमभाग वाली जिंदगी में योग की आवश्यकता और बढ़ जाती है। संस्कृति विश्वविद्यालय में योग पर विशेष ध्यान दिया जाता। इसके अभ्यास से विद्यार्थी अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ रहे हैं और पढ़ाई, खेलकूद और प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय सफलता पा रहे हैं। यही संस्कृति विश्विद्यालय की विशेषता है। आज के दिन हम सबको संकल्प लेना चाहिए और योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।