Tuesday, December 23, 2025
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संस्कृति विवि से अब कर पाएंगे 3 डी टेक्नोलॉजी में बीबीए, एमबीए

मथुरा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर भारत में तेजी से आगे बढ़ता संस्कृति विश्विद्यालय विद्यार्थियों के लिए नए नए कोर्सों को अपने पाठ्यक्रमों में शामिल कर रहा है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विवि प्रशासन ने बीबीए और एमबीबीए इन इंटरैक्टिव एंड रियल टाइम 3 डी टेक्नोलॉजी में भी कराने का निर्णय लिया है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमबी चेट्टी ने बताया कि डिजिटल बिजनेस (टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) प्रोग्राम में बीबीए प्रमुख परियोजनाओं, ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप और कंपनियों के साथ लाइव प्रोजेक्ट के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव पर जोर देता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव मिलता है।
यह प्रोग्राम डिजिटल बिजनेस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक रूप से डिज़ाइन किया गया है, जो छात्रों को उभरते हुए व्यावसायिक परिदृश्य में गतिशील भूमिकाओं के लिए तैयार करता है।
एक समग्र दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हुए, पाठ्यक्रम अनुसंधान परियोजनाओं, सेमिनारों, सम्मेलनों और इंटर्नशिप को बढ़ावा देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्र डिजिटल बिजनेस डोमेन में एक व्यापक कौशल सेट विकसित करें।
छात्रों को वास्तविक दुनिया के केस स्टडीज़, उद्योग के दौरे और उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक अतिथि व्याख्यानों से लाभ मिलता है, जिससे व्यावहारिक चुनौतियों और समाधानों की उनकी समझ समृद्ध होती है।
संस्कृति स्कूल ऑफ बिजनेस में आधुनिक स्मार्ट क्लासरूम, एक अच्छी तरह से सुसज्जित एनालिटिक्स लैब, एक व्यापक पुस्तकालय और उन्नत विश्लेषणात्मक उपकरणों सहित अत्याधुनिक सुविधाएँ हैं, जो अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं।
डिजिटल बिजनेस (टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) में बीबीए कार्यक्रम छात्र विनिमय, विदेश में अध्ययन और सेमेस्टर एक्सचेंज कार्यक्रमों के अवसरों के साथ एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है, जो दुनिया भर में यूपीईएस से संबद्ध अग्रणी वैश्विक साझेदार प्रबंधन संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा देता है।
प्रोफेसर चेट्टी ने बताया कि इसी प्रकार एमबीए
कोर्स में छात्रों को एनीमेशन के विभिन्न रूपों से परिचित कराया जाएगा, प्राथमिक परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को एनीमेशन के विभिन्न रूपों और तकनीकों के उत्पादन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। उद्योग से कई प्रमुख वक्ता इंटरैक्टिव कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करने और छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए संस्थान का दौरा करते हैं।
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स जो 3D टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है, छात्रों को इस क्षेत्र में प्रबंधन और व्यावसायिक कौशल विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
संक्षेप में, यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो:
3 डी टेक्नोलॉजी के व्यावसायिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है: इसमें 3 डी एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेम प्रोडक्शन और 3 डी प्रिंटिंग जैसे क्षेत्रों में प्रबंधन, उत्पादन और रणनीति शामिल हो सकती है।
उन्होंने बताया कि यह कोर्स विद्यार्थियों में प्रबंधन कौशल विकसित करता है। छात्र नेतृत्व, टीम प्रबंधन, परियोजना प्रबंधन और व्यावसायिक निर्णय लेने जैसी चीजें सीखते हैं, जो 3 डी टेक्नोलॉजी उद्योग में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस कोर्स में सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक परियोजनाओं का संयोजन हो सकता है, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुभव प्राप्त होते हैं।
उदाहरण के लिए कुछ एमबीए कार्यक्रम 3 डी एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स और गेम प्रोडक्शन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो छात्रों को इन उद्योगों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों के लिए तैयार करते हैं।
कुछ एमबीए कोर्स 3 डी प्रिंटिंग के उदय और इसके व्यावसायिक अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो छात्रों को इस क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए तैयार करते हैं.
कुल मिलाकर, 3 डी टेक्नोलॉजी में एमबीए उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो 3 डी टेक्नोलॉजी उद्योग में प्रबंधन की भूमिका निभाना चाहते हैं और तकनीकी ज्ञान को व्यावसायिक कौशल के साथ जोड़ना चाहते हैं

राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के पांच विद्यार्थियों का उच्च पैकेज पर चयनअनुज शर्मा, केतन और नेहा बने क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में असिस्टेंट प्रोफेसर


मथुरा। ब्रज मण्डल के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के पांच विद्यार्थियों ने अपनी बौद्धिक क्षमता तथा प्राध्यापकों के कुशल मार्गदर्शन में उच्च पैकेज पर बड़ी सफलता हासिल की है। संस्थान के एम.फॉर्मा अंतिम वर्ष के छात्र अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा का चयन क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है वहीं बी.फार्मा अंतिम वर्ष के छात्र पवन वशिष्ठ का चयन श्रीराम हेल्थ केयर कम्पनी बद्दी हिमाचल तथा विशाल कुमार का चयन प्रोस्पेरिटी हेल्थ केयर कम्पनी बद्दी हिमाचल में हुआ है।
संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में हुई प्लेसमेंट प्रक्रिया में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने न केवल हिस्सा बल्कि कम्पनी पदाधिकारियों को ग्रुप डिस्कशन, टेक्निकल असेसमेंट एवं साक्षात्कार में प्रभावित करते हुए शानदार सेवा का अवसर हासिल किया। एम.फॉर्मा अंतिम वर्ष के छात्र अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में जहां असिस्टेंट प्रोफेसर बने वहीं बी.फार्मा अंतिम वर्ष के छात्र पवन वशिष्ठ ने श्रीराम हेल्थ केयर कम्पनी तथा विशाल कुमार ने प्रोस्पेरिटी हेल्थ केयर कम्पनी में सेवा का अवसर हासिल किया। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्थान की बेहतर शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन को दिया। कम्पनी पदाधिकारी आनंद शर्मा तथा चंद्र किशोर ने पवन वशिष्ठ तथा विशाल कुमार के बौद्धिक क्षमता की जमकर प्रशंसा की।
संस्थान के निदेशक प्रो. चोपड़ा ने कहा यह राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के लिए गर्व का क्षण है। इन विद्यार्थियों ने लगातार कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। प्रो. चोपड़ा ने बताया कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड है। यहां अध्ययन करने वाले कई विद्यार्थी जहां राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में सेवारत हैं वहीं दर्जनों पूर्व छात्र-छात्राएं सरकारी पदों पर आसीन हैं। उन्होंने बताया कि कई पूर्व विद्यार्थी प्रदेश के कई जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा, शिक्षक डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, आर.के. चौधरी, सुनम साहा, विभा, प्रतीक्षा राजौरिया, बृजनंदन दुबे, आकाश गर्ग, सोनल बंसल, ऋतिक वर्मा, कुलदीप सिंह, बृजेश शर्मा आदि ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी 1999 से संचालित है। यहां का ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग छात्र-छात्राओं को बदलती शिक्षा प्रणाली के अनुरूप न केवल ढालता है बल्कि रोजगार विकल्पों के लिए हर समय तत्पर रहता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यहां अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राएं निजी कम्पनियों ही नहीं प्रदेशस्तर पर ड्रग इंस्पेक्टर के रूप में सेवाएं देकर संस्थान का गौरव बढ़ा रहे हैं।
चित्र कैप्शनः क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की में असिस्टेंट प्रोफेसर बने अनुज शर्मा, केतन तथा नेहा।

राजीव एकेडमी के 105 एमबीए छात्र-छात्राओं ने भरी उड़ानविभिन्न कम्पनियों में रुपये 10.50 लाख के पैकेज पर मिली जॉब


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए पाठ्यक्रम ने एक बार फिर उत्कृष्ट शिक्षा तथा प्रभावशाली प्लेसमेंट का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस साल यहां के 105 एमबीए छात्र-छात्राओं ने संस्थान के शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता के बलबूते राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल कर करियर की शानदार शुरुआत की है।
संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी प्लेसमेंट के मामले में राजीव एकेडमी की उबलब्धियां शानदार रहीं। इस साल संस्थान के 105 एमबीए विद्यार्थियों का चयन, 194 ऑफर्स, 68 प्रतिष्ठित कम्पनियों का विजिट तथा रुपये ₹10.5 लाख प्रतिवर्ष का पैकेज इस बात का सूचक है कि संस्थान विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में किस हद तक प्रतिबद्ध है। एमबीए विद्यार्थियों को इस वर्ष आईटी, डिजिटल मार्केटिंग, एचआर (मानव संसाधन), फाइनेंस, सेल्स, क्लाउड कम्प्यूटिंग और मार्केट रिसर्च जैसे उभरते क्षेत्रों में शानदार जॉब ऑफर्स मिले।
डॉ. जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान देना नहीं बल्कि उन्हें उद्योग के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि यहां छात्र-छात्राओं को लाइव प्रोजेक्ट्स, केस स्टडीज़, इंटर्नशिप्स और रियल टाइम बिजनेस एक्सपोजर के जरिए तैयार किया जाता है। यही कारण है कि हमारे विद्यार्थी कॉर्पोरेट जगत में आत्मविश्वास के साथ कदम रखते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष चयनित विद्यार्थियों में कई ऐसे नाम हैं जिन्हें एक से अधिक प्रतिष्ठित कम्पनियों से ऑफर मिले। इन भाग्यशाली छात्र-छात्राओं में दिव्या शर्मा (फ्रेश दुनिया), अर्शिता चौधरी (कैब बाजार, एमपी रिसर्च), गरिमा चोपड़ा (बनाओ, समता रिसर्च), गौरी शर्मा (रिलायबल एलाइड सर्विसेस, रियल्टी स्मार्ट्ज), हिमांशी अग्रवाल (संजय गुप्ता एंड एसोसिएट्स, कैब बाजार), काजल शर्मा (इंडियन बीपीओ सर्विसेस, रीफिट ग्लोबल), मानवी चौधरी (इंडिया मार्ट, कोरिज़ो), नंदिनी खंडेलवाल (एमपी रिसर्च वर्क), प्रिया चौधरी (इन्फिनिटी एजुकेशन, जारो एजुकेशन, समता एक्सप्रेस), प्रियांशु अग्रवाल (कैब बाजार, एएनएम मीडिया प्रा.लि.), राधा चौधरी (कैब बाजार, वेंडर्ड), रोहित सिंह बिष्ट (आईसीआईसीआई बैंक, वेंडर्ड), तुषिका अग्रवाल (कैब बाजार, कैब बाजार इंडस्ट्रीज), वीनू शर्मा (कैब बाजार, एमपी रिसर्च), याशिका सिंह (बायोहोमिक्स रियल एस्टेट प्रा.लि., कैब बाजार) शामिल हैं।
इनमें से कई विद्यार्थियों को मानव संसाधन (एचआर), डिजिटल मार्केटिंग, सेल्स एण्ड प्रमोशन, ब्रांड कम्युनिकेशन, क्लाइंट सर्विसिंग, कंटेंट क्रिएशन और बिजनेस डेवलपमेंट जैसे प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स में नियुक्त किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि मार्केटिंग और एचआर जैसे कोर एमबीए क्षेत्रों में राजीव एकेडमी की गुणवत्ता और प्रशिक्षित प्रतिभा की मांग निरंतर बनी हुई है। चयनित विद्यार्थियों ने संस्थान को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी से पढ़ाई करना हमारे जीवन का सबसे अच्छा निर्णय साबित हुआ। यहां हमें समय पर मार्गदर्शन, तकनीकी ज्ञान और इंडस्ट्री की मांग के अनुसार अवसर प्रदान किए गए, जिससे हम लोग आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने विभिन्न कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी की स्थापना का उद्देश्य ही यह था कि शिक्षा को केवल किताबी दायरे में सीमित न रखा जाए बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और स्किल्ड प्रोफेशनल बनाया जाए, जो समाज में बदलाव ला सकें।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी की सफलता की नींव हमारे समर्पित शिक्षकगण, इंडस्ट्रीज से तालमेल और विद्यार्थियों की मेहनत पर टिकी है। हम हर विद्यार्थी को उनके सपनों की उड़ान भरने के लिए आधुनिक संसाधन और प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करते हैं। राजीव एकेडमी का यह प्लेसमेंट रिकॉर्ड यह सिद्ध करता है कि यह न केवल प्रदेश बल्कि देश के अग्रणी मैनेजमेंट शिक्षण संस्थानों में से एक है। यहां का एमबीए पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को सिर्फ नौकरियां ही नहीं देता बल्कि उन्हें नेतृत्व, नवाचार और प्रोफेशनल ग्रोथ का मंच भी प्रदान करता है।
चित्र कैप्शनः विभिन्न कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल करने वाले राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थी।

जीएलएः डेटा साइंस में विद्यार्थियों के लिए रोजगार की संभावनाएं

जीएलए विश्वविद्यालय के बीएससी और एमएससी गणित कोर्स देते हैं रोजगार का एक नया अवसर
डेटा साइंस तेजी से बढ़ रहा है, जो स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों तक के लिए विविध अवसर पैदा कर रहा है। मल्टी नेशनल कम्पनियों में भी इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को रोजगार के अपार अवसर मिल रहे हैं। रोजगार के अपार अवसरों को देखते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में बीएससी और एमएससी गणित के डेटा साइंस में विद्यार्थियों का प्रवेश हेतु अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है

जीएलए विश्वविद्यालय ने गणित, सांख्यिकी और कंप्यूटर विज्ञान की मजबूत समझ के साथ छात्रों के भविष्य के निर्माण हेतु इन पाठ्यक्रमों को मल्टी नेशनल कंपनियों की आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों द्वारा सावधानी पूर्वक तैयार किया गया है। पायथन और आर जैसी महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाओं में महारत हासिल करने से लेकर तर्क कौशल और मात्रात्मक योग्यता को निखारने तक, ये कोर्स डेटा साइंस के लगातार विकसित होते क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक समग्र कौशल सेट का पोषण करते हैं।

पाठ्यक्रम कोऑर्डिनेटर डा. अमित कुमार सारस्वत एवं डा. स्वेता शुक्ला के अनुसार इन कोर्सो का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा देकर उनके जीवन को उन्नत बनाना है। इस पाठ्यक्रम के द्वारा विद्यार्थियों को फेयरलैब्स, इनोडाटा, एनपीसीआइ, एचसीएल टेक्नोलॉजी, डिलॉइट आदि में अच्छे पैकेज के साथ रोजगार की असीम संभावनाएं बनेंगी। इसमें न केवल विद्यार्थियों को एकेडमिक रूप से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है, बल्कि सीएसइआईआर, नेट, गेट तथा जैम जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी लगातार सामने आ रहे हैं।

गणित विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष गोयल के अनुसार यह पाठ्यक्रम डेटा साइंस में वैकल्पिक विशेज्ञता प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि छात्र उद्योग के रुझानों और प्रौद्योगिकियों में सबसे आगे रहें। समर्पित संकाय सदस्यों की एक टीम के नेतृत्व में प्रत्येक पाठ्यक्रम एकेडमिक उत्कृष्टता और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।

प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा, इंडस्ट्रियल विजिट और एनईपी-2020 के साथ संरेखित बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से यह प्रोग्राम कौशल विकास और प्रदर्शन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। कॅरियर की तत्परता पर गहन ध्यान देने के साथ, छात्रों को पर्याप्त प्लेसमेंट अवसरों का लाभ मिलता है, जो उन्हें एक सफल और संतुष्टिदायक पेशेवर यात्रा के मार्ग पर ले जाता है। बीते वर्ष 2024-25 में एमएससी गणित के 3 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट मिला है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हुआ है। बीएससी गणित द्वितीय वर्ष के छात्रों को बैंगलुरु में स्थित कंपनी से इंटर्नशिप के ऑफर मिले हैं जो उनको प्लेसमेंट में सहायक होंगे।

एडमिशन कोऑर्डिनेटर डॉ. विपिन चंद्र दुबे के अनुसार पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी ये प्रोग्राम विद्यार्थियों की पहली पसंद है। अधिक जानकारी के लिए छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर प्रवेश ले सकते हैं।

एआई के व्यावहारिक पहलुओं से रूबरू हुए राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थी30 दिवसीय एआई वर्कशॉप में सीखे तकनीक और मैनेजमेंट के गुर


मथुरा। आज सूचना प्रौद्योगिकी का दौर है, यदि हम तकनीकी दक्षता हासिल कर आगे नहीं बढ़े तो करियर में सफलता हासिल करना हमारे लिए मुश्किल होगा। जब हम किसी कार्य को असम्भव मान लेते हैं, तब हमारे सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है। असम्भव कुछ भी नहीं, मेहनत करके तो देखो। यह सारगर्भित बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा आयोजित 30 दिवसीय एआई वर्कशॉप के समापन अवसर पर रिसोर्स पर्सन दर्शन शर्मा ने एमबीए के छात्र-छात्राओं को बताईं।
एक माह तक चली इस वर्कशॉप में तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञ दर्शन शर्मा ने छात्र-छात्राओं को उद्योग जगत में एआई तकनीक के उपयोग तथा उसके तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं का गहन प्रशिक्षण दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को एआई इन मार्केटिंग, एआई इन एचआर, एआई इन फाइनेंस और एआई इन सप्लाई चेन मैनेजमेंट जैसे प्रमुख विषयों का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया। रिसोर्स परसन ने मिनी प्रोजेक्ट्स के माध्यम से यह सिखाया कि वास्तविक समस्याओं में एआई तकनीक का उपयोग किस प्रकार किया जाता है। इस वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं ने एआई टूल्स और एआई चैटबोट बनाने जैसे विषयों में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण हासिल किया।
वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं के लिए क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित कर उनकी मेधा का मूल्यांकन किया गया। छात्र-छात्राओं ने वर्कशॉप को उपयोगी तथा प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि इससे एआई तकनीक की गहन समझ विकसित करने तथा करियर के नए द्वार खोलने में मदद मिलेगी। संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को तकनीकी और व्यावसायिक दोनों पहलुओं में सक्षम बनाना है। यह एआई वर्कशॉप उन्हें वर्तमान तकनीकी रुझानों से जोड़ेगी तथा उन्हें जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिलाएगी। हमें खुशी है कि इस प्रशिक्षण में छात्र-छात्राओं ने पूरी निष्ठा, उत्साह और जिज्ञासा से भाग लिया। यह पहल छात्र-छात्राओं में समस्या समाधान, नवाचार और तकनीकी सोच विकसित करने में सहायक होगी, जो आगे चलकर उनके पेशेवर जीवन में उपयोगी साबित होगी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने वर्कशॉप को उपयोगी बताया। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि तकनीक और मैनेजमेंट का मेल वर्तमान समय की मांग है। यह वर्कशॉप उस दिशा में एक सशक्त कदम है। हमें विश्वास है कि यह प्रशिक्षण छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की राह दिखाएगा।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि आज के दौर में तकनीकी साक्षरता और व्यावहारिक अनुभव युवा पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है। यह वर्कशॉप छात्र-छात्राओं को बदलते तकनीकी परिवेश में आगे बढ़ने का अवसर देगी। इस प्रशिक्षण से छात्र-छात्राएं न केवल तकनीकी कौशल में पारंगत होंगे बल्कि उद्योग जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाएंगे। यह पहल छात्र-छात्राओं में नेतृत्व, संवाद और तकनीकी समस्या समाधान जैसे बहुमूल्य कौशल विकसित करने में भी सहायक होगी, जो उनके करियर को एक मजबूत आधार प्रदान करेगी।
चित्र कैप्शन। एआई वर्कशॉप के समापन अवसर पर रिसोर्स पर्सन दर्शन शर्मा के साथ एमबीए के विद्यार्थी।

देवराहा बाबा के लाड़ले संत शैलजा कांत का 75 वे वर्ष में प्रवेश

 मथुरा। "कबिरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर" वाले सिद्धांत पर चलने वाले संत शैलजा कांत का 75 वे वर्ष में प्रवेश हो रहा है। 27 जून को जन्मे शैलजा कांत जी को महान संत देवराहा बाबा के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी होने का गौरव प्राप्त है। हम सब बृजवासियों का यह बड़ा सौभाग्य है कि संत शैलजा कांत जैसे दुर्लभ व्यक्तित्व के धनी हमारे मध्य रहकर इस ब्रजभूमि को संवारने में लगे हुए हैं। यह सब विलक्षण संत पूज्य देवराहा बाबा की कृपा का ही परिणाम है। बाबा ने तो उसी समय जब ये मथुरा में पुलिस कप्तान थे, कह दिया था कि बच्चा शैलेश तुमको रिटायर होने के बाद फिर यहीं आना है और इसी मांटी में लोटपोट होकर भगवान श्री कृष्ण की इस जन्मभूमि की सेवा करनी है।
 यह बड़े सौभाग्य की बात है कि भगवान ने पहले तो ऐसे दुर्लभ संत पूज्य देवराहा बाबा महाराज को इस ब्रजभूमि में भेजा जो त्रिकाल दर्शी थे। बाबा की दिव्य शक्ति का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी देह त्याग का दुर्लभ दिन योगिनी एकादशी चुना और पहले ही आश्रम बासियों को बता दिया। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने प्राण ब्रह्म मलंद विधि से त्यागे जिसे आम बोलचाल भाषा में ब्रह्मांड फाड़कर देह त्यागा जाना कहा जाता है। इसमें सिर के बीचों-बीच छोटा सा छिद्र होकर प्राण निकलते हैं। ऐसी दुर्लभ गति शायद ही करोड़ों में किसी को प्राप्त होती होगी। हम सभी के लिए बड़े गौरव की बात यह है कि उस समय बाबा ने अपने परम प्रिय लाड़ले शिष्य शैलजाकांत जी को अपने पास बुलाकर अपने हाथों से अपनी बेशुमार दुर्लभ वस्तुएं जिनमें, उनकी चरण पादुका, मृगछाला, शालिग्राम जी जिनकी बाबा पूजा करते थे आदि सौंप दीं। जिस समय बाबा अपनी देह त्याग रहे थे उस समय उनकी मचान के नींचे संत शैलजा कांत ध्यान मग्न होकर मौजूद थे।
 यह सब बातें सिद्ध करती हैं कि शैलजा कांत जी का स्थान करोड़ों शिष्यों में सबसे ऊपर है। इसीलिए इन्हें बाबा का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है। भले ही ये साधारण रूप में रहकर गृहस्थ जीवन जी रहे हैं। किंतु मनुष्य के रूप में कौन हैं? यह समझ पाना मुश्किल है। इनकी खास बात यह है कि "ना सावन सूखे ना भादों हरे" हमेशा नॉर्मल रहते हैं नपा तुला बोलते हैं और एक-एक शब्द बड़ा ही मर्यादित और सधा बंधा होता है। शांत स्वभाव और स्वाभिमानी जिंदगी इनका गहना है। 
 संत शैलजाकांत जी की सबसे बड़ी गुणवत्ता इनके मन की निर्मलता है। ये अपने से दुश्मनीं मानने वालों का भी बुरा नहीं सोचते "ना काहू से दोस्ती और ना काहू बैर" वाली कहावत इनके ऊपर सटीक बैठती है। मैंने इनके बारे में पाया है कि ये भले ही इंसानों से दोस्ती और दुश्मनी नहीं रखते किंतु अच्छाइयों से तो इनका दोस्ती जैसा गहरा नाता है और बुराइयों से दुश्मनीं जैसी नफरत।
 एक बार मैंने इनसे कहा कि भले ही ऊपरी तौर पर ना किसी से दोस्ती ना किसी से दुश्मनीं रखते हैं किंतु आप दोस्ती भी मानते हैं और दुश्मनीं भी। इस पर इन्होंने पूंछा कि किससे? तब मैंने कहा कि दोस्ती अच्छाइयों से और दुश्मनीं बुराइयों से। इस पर इनका जो उत्तर था वह बड़ा ही चौंकाने वाला था। इन्होंने कहा कि मैं दुश्मनीं तो किसी से नहीं मानता भले ही बुराई क्यों न हो, हां बुराइयों से बचकर रहता हूं। इनका कहना था की दुश्मनीं का भाव आते ही मन में तनाव और अशांति पैदा होती है। इसके अलावा इन्होंने और भी कुछ कहा जो बड़े अच्छे शब्दों में था। वह मुझे याद नहीं। इनका मतलब था की दुश्मनीं करने से हमारी सात्विक विचारधारा क्षीण होकर तामसी पन की ओर बढ़ जाती है, जो अनिष्टकारी है। धन्य हैं संत शैलजा कांत और उससे भी ज्यादा धन्य वह जननी हैं, जिन्होंने इनको न सिर्फ जन्म दिया बल्कि इतने अच्छे संस्कार दिए तथा इससे भी कहीं अधिक धन्य पूज्य देवराहा बाबा हैं जिन्होंने इन्हें ऐसे सांचे में ढाला जो जग को जगमगाये। परम पिता परमात्मा से प्रार्थना है कि ये शतायु हों और घर में शैलजा कांत जन्में और ब्रज में सतयुग का बोल वाला हो। साथ ही हर मोहल्ले में एक विजय कुमार गुप्ता भी जरूर जन्मे ताकि कलयुग का अस्तित्व भी बना रहे।

राजीव एकेडमी के बीसीए, बीएससी (सीएस) के विद्यार्थियों ने भरी उड़ानदोनों ही कोर्स के छात्र-छात्राओं ने हासिल किया उच्च पैकेज पर जॉब


मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीसीए और बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) के छात्र-छात्राएं लगातार अच्छी कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब हासिल कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। बीते सत्र में यहां के विद्यार्थियों को आईटी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, क्लाउड कम्प्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी जैसे तकनीकी क्षेत्र की नेशनल-मल्टीनेशनल कम्पनियों ने उच्च पैकेज पर जॉब ऑफर किए।
राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं की इस शानदार सफलता के पीछे यहां की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उत्कृष्ट प्लेसमेंट तैयारियों को जाता है। इस वर्ष यहां के छात्र-छात्राओं ने रुपये 6.50 लाख के सालाना पैकेज पर नेशनल-मल्टीनेशनल कम्पनियों में जॉब हासिल किए। संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी की उच्चस्तरीय शिक्षा प्रणाली युवाओं की पहली पसंद बन चुकी है। यहां विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया जाता बल्कि उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण, प्रोजेक्ट वर्क, इंटर्नशिप और इंडस्ट्री एक्सपोजर के माध्यम से करियर के लिए पूरी तरह से तैयार किया जाता है। यही कारण है कि यहां के छात्र-छात्राओं को उच्च पैकेज पर जॉब के अवसर मिल रहे हैं।
डॉ. जैन ने बताया कि इस वर्ष उच्च पैकेज पर प्लेसमेंट पाने वाले बी.एससी-कम्प्यूटर साइंस के छात्र-छात्राओं में जतिन सिसोदिया, मानवी शर्मा, खुशी साहू, कीर्ति दास, लकी मिश्रा, प्रियांशी, याचना चौधरी, खुशी रहेजा, ऋतिका जोशी, सागर शर्मा, यश अग्रवाल आदि शामिल हैं। इसी तरह बीसीए में गौरव मेहरानिया, जानकी चौधरी, कपिल व्यास, नेहा शर्मा, राजकमल शर्मा, सोनू पांडेय, जान्हवी गौतम, राशि चौरसिया आदि ने उच्च पैकेज पर जॉब हासिल कर ऊंची उड़ान भरी है। कड़ी मेहनत तथा संस्थान के मार्गदर्शन से यह मुकाम हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं ने कहा कि अब करियर को सही दिशा मिल गई है। अब हमारा सपना साकार हुआ है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में उच्च पैकेज पर चयनित सभी छात्र-छात्राओं को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं बल्कि उनकी स्किल्स को निखार कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में केवल सैद्धांतिक ज्ञान से करियर बनाना सम्भव नहीं है। स्किल डेवलपमेंट, कम्युनिकेशन और टेक्निकल एक्सपर्टीज ही सफलता की कुंजी हैं।
निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं की सफलता में उनके माता-पिता का सहयोग तथा शिक्षकों का मार्गदर्शन सबसे महत्वपूर्ण होता है। यदि हर विद्यार्थी अपने बड़ों और गुरुजनों के मार्गदर्शन पर चले तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि राजीव एकेडमी में प्रवेश के बाद हर छात्र-छात्रा को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ इंडस्ट्री ओरिएंटेड ट्रेनिंग भी दी जाती है। यही कारण है कि यहां के विद्यार्थी लगातार नेशनल-मल्टीनेशनल कम्पनियों में चयनित हो रहे हैं। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का सतत प्रयास है कि हर विद्यार्थी अपने करियर के लक्ष्य को प्राप्त करे तथा अपने परिवार, समाज और राष्ट्र का नाम रोशन करे।
चित्र कैप्शनः नेशनल-मल्टीनेशनल कम्पनियों में चयनित राजीव एकेडमी के बीसीए और बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) के छात्र-छात्राएं।

आर.के. ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों में मना 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवसनिरोगी काया के लिए नियमित करें योगाभ्यासः डॉ. आर.के. अशोका


मथुरा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर, के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी तथा राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को योग गुरुओं के मार्गदर्शन में यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कर 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। संस्थान प्रमुखों ने छात्र-छात्राओं को जीवन में योग की महत्ता बताते हुए कहा कि सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि प्रतिदिन योगाभ्यास कर हम तन-मन से स्वस्थ और प्रसन्न रह सकते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने सभी गुरुजनों तथा छात्र-छात्राओं को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं से योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारा देश ही योग का जन्मदाता है। यहीं से योग पूरी दुनिया में प्रसारित हुआ। आज पूरा विश्व स्वास्थ्य लाभ के लिए योग का सहारा ले रहा है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में यौगिक क्रियाएं स्पोर्स्व आफीसर डॉ. सोनू शर्मा ने कराईं। इस अवसर पर प्राचार्य एवं डीन डॉ. आर.के. अशोका ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें प्रतिदिन यौगिक क्रियाएं करनी चाहिए क्योंकि योग शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि यौगिक क्रियाएं जहां हमें शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करती हैं वहीं इससे हमारा मस्तिष्क तनावमुक्त और शांतचित्त रहता है। डॉ. वी.पी. पांडेय तथा डॉ. राहुल गोयल ने भी नियमित योगाभ्यास से होने वाले फायदे बताए।
के.डी. डेंटल कॉलेज में यौगिक क्रियाएं योग गुरु सौरभ सिंह के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुईं। इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने बताया कि योग आत्मा से परमात्मा का मिलन है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में योग अपनी पहचान बना रहा है, मगर इसके आध्यात्मिक स्वरूप को जानने वाले लोग बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि आज समूची दुनिया योग की महत्ता को मान रही है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि योग को हम जब दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएंगे तभी इसके लाभ महसूस कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर के.डी. डेंटल कॉलेज में हुए योगाभ्यास में विभागाध्यक्ष डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. उमेश, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि ने भी हिस्सा लिया।
जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में यौगिक क्रियाएं योग प्रशिक्षक दर्शना उपाध्याय और स्पोर्ट्स आफीसर लोकेश शर्मा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुईं। रजिस्ट्रार विपिन धीमान, प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सूर्य नमस्कार कर उससे होने वाले फायदे जाने। इस अवसर पर निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि नियमित योगाभ्यास से तनाव कम होता है। योग का प्रभाव तन ही नहीं बल्कि मन पर भी अच्छा पड़ता है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ योगाभ्यास किया। प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हमारा शरीर रोग प्रतिरोधी बन जाता है। हम प्रतिदिन योगाभ्यास कर अपने आपको शांतचित्त रख सकते हैं। तन-मन को स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग से शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता।
चित्र कैप्शनः आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यौगिक क्रियाएं करते प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने योग के लिए किया जागरूक, निकाली रैलियां


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं एनएसएस के छात्र छात्राओं ने योग दिवस के उपलक्ष्य में जनजागरूकता रैली निकाल कर लोगों को योग़ करने के लिए प्रेरित किया। बताते चलें कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सारे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है। संस्कृति विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विद्यार्थियों ने भी छाता स्वास्थ्य केंद्र से हाइवे तक रैली निकाल कर लोगों को योग करने के लिए प्रेरित किया। रैलियों का नेतृत्व कर रहे नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर केके पाराशर, संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा मोहनन ने बताया कि इस वर्ष अंतराष्ट्रीय थीम, योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ, है। उन्होंने कहा कि योग एक ऐसी विद्या है जो तन,मन और आत्मा को
संतुलन में रखती है। योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जो अनुशासन, एकाग्रता और आत्मचिंतन सिखाती है। योग आपके तन को ही नहीं, बल्कि आपके स्वस्थ दिमाग और शांत मन को भी दिशा देता है। यह अंदरूनी ऊर्जा को जाग्रत करता है और आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है।
रैलियों में छात्र, छात्राएं बैनर लेकर नारे लगाते चल रहे थे। साथ ही साथ लोगों को योग करने के फायदे भी बता रहे थे। रैली में प्रोफेसर धीराज पाराशर, असिस्टेंट प्रोफेसर केश चंद्र सिंह,चंद्रप्रकाश सिंह, मृदुल पाठक, रिंकू, अर्जुन सिंह, दिनेश चंद्र आदि शिक्षक भी थे।

जस्टिस वर्मा की बल्ले बल्ले

विजय गुप्ता की कलम से

 मथुरा। पांच पांच सौ रुपये की बेशुमार अधजली गड्डियां बरामद होने वाले जस्टिस वर्मा की तो खूब बल्ले बल्ले हो रही है। पूरे देश के समाचार पत्रों में प्रथम पृष्ठ की सुर्खियां बनकर छाए हुए हैं। देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री संसद और सुप्रीम कोर्ट तक में मामला गर्माने के बावजूद उनकी पूंछ तक नहीं उखाड़ी जा सकी और डंके की चोट पर पद पर बने हुए हैं। मेरा यह दावा है कि भविष्य में भी कोई उनकी पूंछ नहीं उखाड़ पाएगा और डंके की चोट पर मुछ मुंडे होते हुए भी मूंछों पर ताव देते हुए समाज में मौज से रहेंगे और कोई भी उनकी पूंछ तो क्या एक बाल तक नहीं उखाड़ पाएगा।
 हे भगवान हमारे देश का यह कैसा कानून? जज कुछ भी कर लें उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही कर पाना इतना जटिल। गिरफ्तार करके जेल भेजना तो दूर प्राथमिकी तक नहीं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व अन्य कई जिम्मेदार लोगों ने इस मामले में सही सवाल उठाए थे। यह तो एक बानगी है। इससे कल्पना की जा सकती है कि कहां-कहां क्या-क्या हो रहा होगा? सबसे बड़ा वज्रपात तो उन ईमानदार जजों के ऊपर है जो सही मायने में न्यायाधीश कहलाने के हकदार हैं किंतु बेबस होकर सिर्फ खून का घूंट पीने के अलावा और कोई चारा नहीं।
 लोकतंत्र के चारों स्तंभों में सबसे बड़ा स्तंभ न्यायपालिका है। न्यायाधीश का दर्जा भगवान के बाद दूसरा माना जाता है किंतु यह सब क्या हो रहा है? देखकर मन बेहद व्यथित है। हमारे पास भी खून का घूंट पीकर रह जाने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं।