Tuesday, December 16, 2025
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राजीव इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने स्पोर्ट्स मीट में दिखाया दमविजेता छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित

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जीवन में कुछ समय खेलों को अवश्य दें विद्यार्थीः मनीष शर्मा
मथुरा। खेल, शैक्षिक अनुभव का अभिन्न हिस्सा हैं। खेल शरीर और मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेलों से जोश-जुनून के साथ अनुशासन, समर्पण और टीमभावना का विकास होता है लिहाजा प्रत्येक विद्यार्थी को अपने दैनिक जीवन में कुछ समय खेलों को अवश्य देना चाहिए। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल के एनुअल स्पोर्ट्स मीट-2025 के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि मनीष शर्मा असिस्टेंट डिप्टी फॉरेस्ट ऑफीसर ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
असिस्टेंट डिप्टी फॉरेस्ट ऑफीसर श्री शर्मा ने मशाल प्रज्वलित कर स्पोर्ट्स मीट का शुभारम्भ करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि नियमित खेल गतिविधियां छात्र-छात्राओं के मनोबल को ऊंचा रखती हैं, जिससे उनका आत्मसम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि जब छात्र-छात्रा किसी खेल में भाग लेते हैं, तो वे कठिनाइयों का सामना करना सीखते हैं। यह कौशल न केवल खेल के मैदान में बल्कि अकादमिक मामलों में भी उनकी मदद करता है।
शारीरिक शिक्षकों लक्ष्मीकांत, लोकपाल सिंह राणा, निशांत, वोमेश, राहुल, संजय, सृष्टि आदि की देखरेख में हुए वार्षिक खेल महोत्सव मे विभिन्न आयु वर्ग के विद्यार्थियों ने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं ने रस्साकशी, लम्बीकूद, गोलाफेंक, दौड़, फुटबॉल, बॉस्केटबाल, रिले रेस आदि में जहां दमखम दिखाया वहीं छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने बैलेंसिंग रेस जैसी आकर्षक प्रतियोगिताओं में अपना कौशल दिखाते हुए मेडल जीते। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर स्पोर्ट्स मीट-2025 में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
स्कूल की प्राचार्या प्रिया मदान ने अतिथि स्वागत के बाद कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल प्रत्येक छात्र-छात्रा के सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स मीट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं पर शारीरिक शिक्षक नजर रखेंगे ताकि वे भविष्य में स्कूली खेलों में और बेहतर प्रदर्शन कर विद्यालय का गौरव बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि खेल सामाजिक मेलजोल को बढ़ावा देते हैं तथा इससे उनमें एक-दूसरे की मदद करने का महत्व समझ में आता है, जो उनकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता को भी बढ़ाता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, विद्यालय के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने स्पोर्ट्स मीट में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को बधाई देते हुए कहा कि जीत-हार से कहीं जरूरी खेलना है। खेलों से तन-मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ आज खेल के क्षेत्र में भी अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजन होने चाहिए ताकि प्रत्येक विद्यार्थी तरोताजा रहकर अपनी शिक्षा और लक्ष्य हासिल कर सके। पारितोषिक वितरण समारोह का संचालन लक्ष्य अग्रवाल और प्रियांशी शर्मा ने किया।
चित्र कैप्शनः एनुअल स्पोर्ट्स मीट-2025 का शुभारम्भ और पारितोषिक वितरण करते मुख्य अतिथि असिस्टेंट डिप्टी फॉरेस्ट ऑफीसर मनीष शर्मा। अन्य चित्र में मैदान में दमखम दिखाते खिलाड़ी और उत्साहवर्धन करते छात्र-छात्राएं।

संस्कृति इंडस्ट्री टेक कानक्लेव को मिली बहुउद्देशीय सफलता

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चित्र परिचय़ः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में मंथन इंडिया: इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 के सेशन में अपने-अपने क्षेत्र की जानकारी देते विशेषज्ञ वक्ता।

मथुरा। मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में मंथन इंडिया: इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 के चरणबद्ध सेशनों में जहां एक ओर इनोवेशन मॉडल, फंडिंग के तरीके, मार्केट एक्सेस स्ट्रैटेजी और नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए उपलब्ध पॉलिसी सपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया गया तो वहीं एक सेशन भविष्य की वर्कफोर्स क्षमताओं को बनाने और एग्री-टेक में तरक्की को तेज़ करने में उभरती टेक्नोलॉजी की बदलाव लाने वाली भूमिका पर फोकस था।
मंथन का महत्वपूर्ण दूसरा सेशन ‘स्टार्ट-अप इनोवेशन – भारत के टेक एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम’ को बढ़ावा देने से जुड़ा हुआ था। इस सेशन में एक्सपर्ट्स का एक जाना-माना पैनल, जिन्होंने भारत के तेज़ी से बढ़ते स्टार्ट-अप इकोसिस्टम पर बात की। चर्चा में इनोवेशन मॉडल, फंडिंग के तरीके, मार्केट एक्सेस स्ट्रैटेजी और नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए उपलब्ध पॉलिसी सपोर्ट शामिल थे। इस सेशन में टेन एक्स ग्रोथ सोल्युशन की फाउंडर सुश्री रुचिता अग्रवाल, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) जैव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की सीनियर मैनेजर डा. प्राची कौशिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग(डीएसटी) के प्रोजेक्ट कंसल्टेंट मनु अहूजा, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज(एनएएसएससीओम) रीजनल हेड अंकित सिन्हा जैसे जाने माने विशेषज्ञ वक्ताओं ने विद्यार्थियों को विस्तार से समझाया कि इनोवेशन, टेक्नोलाजी और पालिसी भारत उद्यमी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक साथ काम करते हैं।
तीसरे सेशन में एग्री-टेक इनोवेशन में रीस्किलिंग, अपस्किलिंग और एआई-रेडी वर्कफोर्स बनाने में कैसे मदद करते हैं। यह सेशन भविष्य की वर्कफोर्स क्षमताओं को बनाने और एग्री-टेक में तरक्की को तेज़ करने में उभरती टेक्नोलॉजी की बदलाव लाने वाली भूमिका पर केंद्रित था। चर्चा एआई-ड्रिवन स्किल डेवलपमेंट के महत्व, खेती में डिजिटल टूल्स के इंटीग्रेशन और तेज़ी से बदलते जॉब मार्केट में लगातार सीखने की ज़रूरत पर केंद्रित थी। इस सेशन को आईआईटी रुड़की के गोल्ड मेडलिस्ट आटोमोटिव एक्सपर्ट प्रभात खरे, फ्रेटबाक्स के फाउंडर आशीष गुप्ता, बायर क्राप साइंस लिमिटेड, रेगुलेटरी एडवोकेसी और साइंटिफिक अफेयर्स के विशेषज्ञ पीजे सुरेश, इंडिया मार्ट के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट अविनाश जैसे दिग्गजों ने अपने संबोधन से विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। उनके नज़रिए ने भारत के भविष्य के विकास के लिए ज़रूरी टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और ह्यूमन कैपिटल डेवलपमेंट के मेल पर ज़ोर दिया।
मंथन इंडिया इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 ने इनोवेशन और स्किल-बेस्ड एजुकेशन के लिए एक कैटलिस्ट के तौर पर संस्कृति यूनिवर्सिटी के इरादों को फिर से जाहिर किया। सरकारी विभागों के साथ-साथ इंडस्ट्री और अकादमी के एक्सपर्ट्स की एक्टिव भागीदारी के साथ, इस कॉन्क्लेव ने विद्यार्थियों को आइडिया, कोलेबोरेशन और स्टार्ट-अप ग्रोथ के लिए एक प्रभावशाली प्लेटफॉर्म दिया।

वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने किया तीन दिवसीय शैक्षिक व ऐतिहासिक भ्रमण

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वृंदावन। आज के समय में पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ नवांकुरों व नई पीढ़ी के ज्ञान में वृद्धि, परियोजनात्मक कार्य कौशल व ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी देना, वर्तमान समय की मांग है।
इसी क्रम में मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भारत के प्रसिद्ध राज्य पंजाब के प्रसिद्ध स्थलों का तीन दिवसीय भ्रमण का आनंद लिया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक जीवन का अनुभव प्रदान करना था।
छात्रों ने प्रधानाचार्य कृति शर्मा व महाप्रबंधक पुण्य प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में पंजाब चंडीगढ़ की अपनी इस यात्रा में जलियांवाला बाग भारत-पाक विभाजन संग्रहालय, स्वर्ण मंदिर अटारी बग्गा बॉर्डर, रॉक गार्डन, लेक, दुर्गायाना टेंपल आदि स्थलों का अवलोकन किया। छात्रों के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकों ने भी इस भ्रमण में अपनी सहभागिता प्रदान की व छात्रों को प्रत्येक स्थान के महत्व के बारे में जानकारी दी। छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और नई जानकारियाँ प्राप्त कीं।
अपने इस भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि विद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष हमें किसी न किसी शैक्षिक, ऐतिहासिक, धार्मिक भ्रमण पर जाते रहे हैं तथा इससे हमारे ज्ञान में अभिवृद्धि होती है। यह भ्रमण उनके लिए रोचक, शिक्षाप्रद और यादगार रहा। इसके लिए समस्त छात्र-छात्राओं ने विद्यालय प्रबंधन को धन्यवाद दिया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य ने कहा कि छात्रों का इस प्रकार की शैक्षिक, ऐतिहासिक व मनोरंजनात्मक यात्रा से बच्चों का ज्ञान, आत्मविश्वास और सामाजिक अनुभव बढ़ता है। महाप्रबंधक पुण्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि युवा मन के जोश उल्लास और उमंग को बरकरार रखने के लिए इस तरह की यात्राएं उनके स्वस्थ मस्तिष्क के लिए अति आवश्यक होती है। इस यात्रा में विद्यालय परिवार से हेमलता वर्मा, रितु शर्मा, मुस्कान वर्मा, निधि गोर, ऋतिक अग्रवाल, सत्येंद्र चौधरी, स्प्राइट सिसोदिया आदि मौजूद रहे।

संस्कृति विवि में लिया स्टार्टअप और इनोवेशन को मजबूत बनाने का संकल्प

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में चुने हुए स्टार्टअप को दी गई निधि का चेक प्रदान करते मंचासीन अतिथि।
“मंथन इंडिया: इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025”
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा अपने संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में मंथन इंडिया: इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 का ऐतिहासिक आयोजन किया गया। इस मंथन में पॉलिसीमेकर्स, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, इनोवेटर्स, एकेडेमिक्स और नए एंटरप्रेन्योर्स को भारत के इनोवेशन और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ लाया गया। कॉन्क्लेव ने रिसर्च को बढ़ावा देने, इंडस्ट्री कोलैबोरेशन को बढ़ावा देने और फ्यूचर के लिए तैयार वर्कफोर्स बनाने के लिए स्किल डेवलपमेंट को मज़बूत करने के विश्वविद्यालय के संकल्प को बढ़ावा दिया गया।
मंथन की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मंथन में मौजूद भारत सरकार के साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट (डीएसटी) के डॉ. सी. एस. यादव ने ने भारत के स्टार्ट-अप और इनोवेशन लैंडस्केप को मज़बूत करने के मकसद से की गई खास राष्ट्रीय कोशिशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों और मौजूद श्रोताओं को यह भी बताया कि उनका विभाग स्टार्टअप और नवोन्मेष को कैसे सहयोग करता है। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के इंडस्ट्री और इंटरनल ट्रेड प्रमोशन डिपार्टमेंट(पीआईआईटी) की सुश्री शिप्रा लवानिया ने आत्मनिर्भर भारत पर एक बहुत ही जानकारी भरा वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने देसी इनोवेशन की अहमियत और शुरुआती स्टेज के स्टार्ट-अप के लिए डीपीआईआईटी रजिस्ट्रेशन के फ़ायदों के बारे में बताया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने एक मज़बूत एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट बनाने, शुरुआती स्टेज के स्टार्ट-अप्स के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने के लिए असरदार स्ट्रेटेजी अपनाने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने युवा इनोवेटर्स को अपनी यात्रा में अडैप्टेबल, सॉल्यूशन-ओरिएंटेड और पर्पस-ड्रिवन बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंथन की शुरुआत संस्कृति विवि के कुलपति प्रो.डा. एम. बी. चेट्टी के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने इस पहल के पीछे के विज़न को बताया और एकेडमिक एक्सीलेंस को इंडस्ट्री से जुड़ी लर्निंग के साथ जोड़ने के संस्कृति यूनिवर्सिटी के मिशन पर रोशनी डाली। कार्यक्रम का विशेष क्षण चुने हुए स्टार्ट-अप को ₹11 लाख का शुरुआती इग्निशन ग्रांट देना था, जिससे संस्कृति यूनिवर्सिटी का शुरुआती स्टेज के इनोवेटर्स को सपोर्ट करने और उनकी एंटरप्रेन्योरशिप की यात्रा को तेज़ करने का कमिटमेंट और भी साफ़ हो गया।
कार्यक्रम संस्कृति विवि के इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. गजेंद्र सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ खत्म हुआ, जिन्होंने कॉन्क्लेव को शानदार सफलता बनाने के लिए जाने-माने स्पीकर्स, इंडस्ट्री पार्टनर्स, स्टार्ट-अप फाउंडर्स और पार्टिसिपेंट्स का आभार व्यक्त किया।

चार दिवसीय शैक्षिक भ्रमण से लौटे राजीव एकेडमी के एमबीए विद्यार्थी

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हिमाचल के पर्यटन स्थलों में उठाया एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय पर्यटन स्थल कसोल में नए लोगों और नए वातावरण के बीच चार दिन तक एडवेंचर गतिविधियों का लुत्फ उठाते हुए वहां की संस्कृति और खान-पान की जानकारी हासिल की। “एडवेंचर कम एज्यूकेशन टूर” से लौटे विद्यार्थियों पूजा सैनी, फैजान खान, अभिषेक, अंशिका, विदित, पुण्य अग्रवाल, निहारिका गौर, प्राची सक्सेना, रजत सिंह आदि ने इसे अपने जीवन का यादगार लम्हा बताया।
चार दिवसीय एडवेंचर कम एज्यूकेशन टूर में छात्र-छात्राओं ने हिमालय की सुरम्य घाटियों, पार्वती वैली की प्राकृतिक खूबसूरती, स्थानीय संस्कृति, पहाड़ी जीवनशैली तथा एडवेंचर गतिविधियों का अनुभव हासिल किया। छात्र-छात्राओं ने कसोल के प्रमुख स्थानों का भ्रमण करने के साथ-साथ स्थानीय कैफ़े में हिमाचली व्यंजनों का भी स्वाद लिया। पार्वती नदी के किनारे शांत व स्वच्छ वातावरण में समय बिताने के बाद छात्र-छात्राओं ने छलाल, तोश और खीरगंगा जैसे प्रसिद्ध हाइकिंग स्थलों तक ट्रेक कर पर्वतीय प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत अनुभव भी प्राप्त किया।
चार दिवसीय इस टूर में विद्यार्थियों ने अनेक दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। पहले दिन मनाली के दर्शनीय स्थलों तो दूसरे दिन जोगिनी वॉटरफॉल, सोलंग वैली और प्रसिद्ध अटल टनल के सौंदर्य ने छात्र-छात्राओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीसरे दिन छात्र-छात्राएं मनाली से कसोल होते हुए छलाल ट्रेक के लिए रवाना हुए, जहां के प्राकृतिक वातावरण ने उन्हें सीखने का नया दृष्टिकोण प्रदान किया।
चौथे दिन विद्यार्थियों ने कसोल के लोकल स्थलों का भ्रमण किया। संकाय सदस्यों ने बताया कि छात्र-छात्राओं के लिए यह टूर मनोरंजन के साथ ही नेतृत्व क्षमता, समूह समन्वय, अनुकूलनशीलता और वास्तविक जीवन कौशल को विकसित करने का माध्यम साबित हुआ। इस टूर में विद्यार्थियों को सामूहिक जिम्मेदारी, धैर्य, सकारात्मक सोच और समस्या समाधान कौशल को मजबूत करने की सीख मिली।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने चार दिवसीय शैक्षिक यात्रा की प्रशंसा की। चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि जो बातें छात्र-छात्राएं पुस्तकों से नहीं समझ पाते वे बातें ऐसी शैक्षिक यात्राओं में आसानी से समझ में आ जाती हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण मनोरंजन के साथ ही शिक्षा का अहम हिस्सा है। एज्यूकेशन टूर टीमभावना से रहने और हर चुनौती का सामना करने की सीख देते हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि इस प्रकार की यात्राएं न केवल छात्र-छात्राओं की सीख को समृद्ध करती हैं बल्कि उन्हें नए वातावरण में अन्वेषण करने, संस्कृति को समझने और जीवन कौशल विकसित करने का अवसर भी प्रदान करती हैं। डॉ. भदौरिया ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को कक्षा की सीमाओं से बाहर निकालकर प्रकृति के बीच एक नया और यादगार अनुभव प्रदान करना था, ताकि वे स्वयं को तरोताजा महसूस कर सकें और अपने शैक्षणिक सफर में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकें। उन्होंने छात्र-छात्राओं के अनुशासन, उत्साह और सहभागिता की सराहना की। “एडवेंचर कम एज्यूकेशन टूर” से लौटे छात्र-छात्राओं ने कहा कि यह टूर उनके लिए जीवनभर याद रहने वाला अनुभव है, जिसने उन्हें नए लोगों, नए वातावरण और नई चुनौतियों से रूबरू करवाते हुए सीखने का एक अनोखा अवसर प्रदान किया।
चित्र कैप्शनः हिमाचल प्रदेश की वादियों का शैक्षिक भ्रमण करते राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

जी.एल. बजाज और के.डी. हॉस्पिटल की पहल से ग्रामीण खुश

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शिवाल के ग्रामीणों ने उठाया चिकित्सा शिविर का लाभ
मथुरा। उन्नत भारत अभियान के तहत जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा और के.डी. हॉस्पिटल के संयुक्त प्रयासों से गांव शिवाल में लगाए गए चिकित्सा शिविर में 100 से अधिक मरीजों का विशेषज्ञ चिकित्सकों ने स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें मुफ्त दवाएं वितरित कीं। चिकित्सकों ने ग्रामीणों को साफ-सफाई के साथ ही बदलते मौसम से सावधान रहने की अपील की। अपने गांव में ही निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और दवाएं मिलने से ग्रामीणजन खुश नजर आए।
उन्नत भारत अभियान के समन्वयक प्रो. अजय उपाध्याय ने बताया कि जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा मथुरा जनपद के पांच गांवों को गोद लिया गया है। समय-समय पर यहां स्वास्थ्य शिविर और जनजागरूकता के कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को साफ-सफाई तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में विगत दिवस के.डी. हॉस्पिटल के सहयोग से गांव शिवाल में चिकित्सा शिविर लगाया गया। इस शिविर में चिकित्सकों ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवाएं वितरित कीं। डॉक्टरों ने ग्रामीणों को लगातार बढ़ रही ठंड से बचने की सलाह दी।
चिकित्सकों ने ग्रामीणों को सलाह दी कि भोजन करने से पहले हाथों को जरूर साफ करें तथा बुखार, त्वचा रोग, फाइलेरिया, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों में बिना देर किए चिकित्सकों से परामर्श लें। शिविर के दौरान प्रो. अजय उपाध्याय ने ग्रामीणों को स्वच्छता के महत्व और स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ गांव के समग्र विकास के लिए स्वच्छता अत्यंत आवश्यक है। प्रो. उपाध्याय ने कहा कि स्वच्छता अभियान की सफलता सरकार, सामाजिक संस्थाओं तथा आम नागरिकों की सहभागिता पर निर्भर करती है।
प्रो. तनुश्री गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य शिविर में 100 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर बुखार, क्षय, मलेरिया, कुष्ठ, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग की गई। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मरीजों को निःशुल्क दवाएं वितरित की गईं। प्रो. गुप्ता ने बताया कि बड़ी संख्या में ग्रामीण अपने परिवार के सदस्यों के साथ शिविर में आए। शिविर में उन्हें मौसमी बीमारियों से बचाव तथा अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी गई। जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि स्वस्थ और निरोगी राष्ट्र के लिए ग्रामीणों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। प्रो. अवस्थी ने स्वास्थ्य शिविर में सहयोग के लिए चिकित्सकों, छात्र-छात्राओं तथा अन्य कर्मचारियों की प्रशंसा की।
चित्र कैप्शनः चिकित्सकों से स्वास्थ्य परीक्षण कराते शिवाल गांव के लोग।

राजीव एकेडमी में वित्तीय साक्षरता पर हुई दो दिवसीय वर्कशॉप

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एमबीए विद्यार्थियों को बताए निवेश और बचत के तौर-तरीके
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा में दो दिवसीय वित्तीय साक्षरता पर ज्ञानवर्धक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में ट्रेनर डॉ. पराग गौतम ने एमबीए विद्यार्थियों को वित्त, बचत एवं निवेश की मूल अवधारणाएं बताते हुए शैक्षिक अधिगम और व्यावसायिक वित्तीय साक्षरता के बीच की खाई को पाटने पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान किया।
डॉ. पराग गौतम ने विद्यार्थियों को बताया कि वर्तमान समय में वित्तीय जागरूकता और निवेश ज्ञान, प्रबंधकीय सफलता का अनिवार्य घटक है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को वित्त, बचत और निवेश की मूल अवधारणाओं की जानकारी दी। डॉ. गौतम ने भारतीय प्रतिभूति बाजार की संरचना, वित्तीय सेवाओं के उद्योग में करियर के अवसर, उद्यमिता की सम्भावनाएं, जोखिम प्रबंधन और निवेशक सुरक्षा तंत्र पर भी छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि निवेश केवल धन बढ़ाने का साधन नहीं बल्कि एक अनुशासित प्रक्रिया है, जो दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है।
वर्कशॉप में उन्होंने निवेश रणनीतियों, वित्तीय साक्षरता, निवेश योजनाओं तथा वित्तीय शिक्षा के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाया कि बदलते आर्थिक परिदृश्य में समझदारी से निवेश करना और जोखिम को प्रबंधित करना एक महत्वपूर्ण कौशल है। वर्कशॉप के संवादात्मक सत्र में डॉ. पराग गौतम ने विद्यार्थियों को अपने वित्तीय निर्णयों में सावधानी बरतने, दीर्घकालिक सोच विकसित करने तथा निवेश से जुड़े प्रत्येक कदम को सूझबूझ से उठाने की सलाह दी। डॉ. गौतम ने जोखिम प्रबंधन एवं निवेशक संरक्षण तंत्र से संबंधित व्यावहारिक सुझाव साझा किए, जिससे विद्यार्थियों को वित्तीय साक्षरता के व्यावहारिक पहलुओं की गहरी समझ मिली। दो दिवसीय वर्कशॉप में विद्यार्थियों ने न केवल वित्तीय बाजार की बारीकियों को समझा बल्कि निवेश और बचत से जुड़ी नई रणनीतियां भी सीखीं।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि “यह दो दिवसीय वर्कशॉप विद्यार्थियों के लिए बहुत ज्ञानवर्धक रही। डॉ. पराग गौतम ने वित्तीय क्षेत्र के उन पहलुओं पर प्रकाश डाला, जो विद्यार्थियों के प्रबंधन अध्ययन को वास्तविक उद्योग दृष्टिकोण से जोड़ते हैं। ऐसे सत्र विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक रूप से सक्षम बनाते हैं बल्कि उन्हें कॉर्पोरेट जगत में व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते हैं।”
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “राजीव एकेडमी में सदैव विद्यार्थियों को उद्योग से जोड़ने और उन्हें करियर के लिए तैयार करने के प्रयास किए जाते हैं। ऐसी वर्कशॉप विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, जागरूकता और पेशेवर दृष्टिकोण का विकास करती हैं, जो उनके समग्र व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती हैं।”
राजीव एकेडमी के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने ट्रेनर डॉ. पराग गौतम का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी सदैव अपने विद्यार्थियों को उद्योग आधारित ज्ञान और व्यावहारिक सीख प्रदान करने के लिए तत्पर रहती है। छात्र-छात्राओं ने दो दिवसीय वर्कशॉप को उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्होंने जो सीखा वह शायद पुस्तकों से नहीं सीख पाते।
चित्र कैप्शनः ट्रेनर डॉ. पराग गौतम के साथ एमबीए के विद्यार्थी।

छात्राओं में जगा उत्कृष्टता का संकल्प

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-हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में हुआ लक्ष्य बोध व सप्तशक्ति कार्यक्रम आयोजित

छात्राओं में जगा उत्कृष्टता का संकल्प

-हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में हुआ लक्ष्य बोध व सप्तशक्ति कार्यक्रम आयोजित

वृन्दावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा दशम एवं द्वादश के विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य बोध कार्यक्रम सप्त शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अनिल यदुवंशी डायरेक्टर माउंटहिल अकेडमी व प्रेमापानू प्रधानाचार्य रामकली देवी विद्यालय ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया।
संगीता राय ने लक्ष्य बोध प्रपत्र एवं कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि सामान्य प्रयासों से सामान्य सफलता ही प्राप्त की जा सकती है, परंतु अन्यतम लक्ष्य पाने के लिए लक्ष्य भी अन्यतम ही होना चाहिए। उच्च लक्ष्य सदैव उच्च उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 के लिए आचार्य आचार्यो द्वारा विद्यार्थियों को उनके समग्र आकलन के आधार पर सार्थक एवं यथार्थ लक्ष्य निर्धारित करने हेतु निर्देशित और प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम में प्रारब्धि व अंजलि मण्डल ने विद्यार्थियों की ओर से प्रेरणादायक लक्ष्य गीत प्रस्तुत कर सभी को उत्साहित किया।
मुख्य अतिथि अनिल यदुवंशी ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल परिश्रम ही नहीं, बल्कि कुशल रणनीति भी उतनी ही आवश्यक है। यदि बुनियाद मजबूत न हो तो इमारत की ऊँचाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता। उन्होंने रोचक खेलों और पहेलियों के माध्यम से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि मूलभूत शिक्षा और जीवन मूल्यों की सुदृढ़ नींव ही सफलता का सच्चा आधार है, रामकली विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रेमा पानु ने बालिकाओं व महिलाओं को आत्मसम्मान, सुरक्षा जागरूकता, शिक्षा का महत्व, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक मूल्यों तथा आधुनिक समाज में नारी की भूमिका पर मार्गदर्शन दिया गया।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में कक्षा 10 एवं 12 की छात्राओं ने अपने-अपने परीक्षा लक्ष्यों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। छात्राओं ने अपनी अध्ययन रणनीति, समय प्रबंधन विधियाँ एवं सफलता की योजनाएँ साझा कर अन्य साथियों को भी प्रेरित किया। अभिभावकों के द्वारा प्रश्न पूछकर जिज्ञासा को शांत किया गया । दिव्या गोस्वामी , प्रकृति व सीमा द्विवेदी ने रानी लक्ष्मीबाई , दुर्गावती व अहिल्याबाई होल्कर की भूमिका का निर्वहन किया गया। संचालन संगीता रॉय, लोकेश ,कृष्ण कुमार तिवारी व कुसुम सैनी ने किया।

वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने किया तीन दिवसीय ऐतिहासिक व मनोरंजक भ्रमण

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वृंदावन। आज के समय में पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ नवांकुरों व नई पीढ़ी के ज्ञान में वृद्धि, परियोजनात्मक कार्य कौशल व ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी देना, वर्तमान समय की मांग है। इसी क्रम में मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने तीन दिवसीय भ्रमण का आनंद लिया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक जीवन का अनुभव प्रदान करना था।
वीपीएस के छात्रों ने प्रधानाचार्य कृति शर्मा व महाप्रबंधक पुण्य प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में पंजाब चंडीगढ़ की अपनी इस यात्रा में जलियांवाला बाग, भारत -पाक विभाजन संग्रहालय, स्वर्ण मंदिर अटारी बग्गा बॉर्डर, रॉक गार्डन, लेक, दुर्गायाना टेंपल आदि स्थलों का अवलोकन किया।
छात्रों के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकों ने भी इस भ्रमण में अपनी सहभागिता प्रदान की व छात्रों को प्रत्येक स्थान के महत्व के बारे में जानकारी दी। छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और नई जानकारियाँ प्राप्त कीं।
अपने इस भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि विद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष हमें किसी न किसी ऐतिहासिक, धार्मिक भ्रमण पर जाते रहे हैं तथा इससे हमारे ज्ञान में अभिवृद्धि होती है। यह भ्रमण उनके लिए रोचक, शिक्षाप्रद और यादगार रहा। इसके लिए समस्त छात्र-छात्राओं ने विद्यालय प्रबंधन का आभार जताया l
विद्यालय की प्रधानाचार्य ने कहा कि ऐसे दौरों से बच्चों का ज्ञान, आत्मविश्वास और सामाजिक अनुभव बढ़ता है।

संस्कृति विवि की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुई कृषि के नवोन्मेष की बात

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप जलाकर शुभारंभ करते मुख्य अतिथि लेथब्रिज विश्वविद्यालय, कनाडा के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. दिगवीर एस. जायस, जर्मनी के डा. क्लॉस आदि। साथ में हैं संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी।
“सतत कृषि के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र” पर हुआ मंथन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा प्रबंधन एवं वाणिज्य विभाग के सहयोग से “सतत कृषि के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र” विषय पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने के लिए आवश्यक परिस्थितियों, इनोवेशन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षकों ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को नई सोच, नई खोजों से अवगत कराया। संगोष्ठी में सतत कृषि विकास के लिए नवीन दृष्टिकोणों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि लेथब्रिज विश्वविद्यालय, कनाडा के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. दिगवीर एस. जायस जो कृषि-खाद्य अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर विख्यात अकादमिक हस्ती हैं ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को मज़बूत करने के लिए एक नवाचार-संचालित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पीआई इंडस्ट्रीज एंड एफ्रिन जीएमबीएच, डसेलडोर्फ और बर्लिन, जर्मनी के प्रबंध निदेशक, डॉ. क्लॉस कुंज ने सटीक कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, पुनर्योजी खेती और मूल्य-श्रृंखला संवर्धन में स्टार्टअप के लिए उभरते अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषि-स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग, अनुसंधान-संचालित नवाचार और सहायक नीतिगत ढाँचों के महत्व पर बल दिया।
पीआई इंडस्ट्रीज, मुंबई में कॉर्पोरेट मामलों और स्थिरता (कृषि) के प्रमुख, डॉ. के. एस. त्यागराजन ने भारत के कृषि-रसायन उद्योग के उभरते परिदृश्य पर ज़ोर दिया। उन्होंने पर्यावरणीय नियमों के बढ़ते प्रभाव और किसानों की बढ़ती जागरूकता पर प्रकाश डाला, जो सुरक्षित और अधिक कुशल कृषि आदानों की मांग को आकार दे रहे हैं। डॉ. त्यागराजन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्टार्टअप, विशेष रूप से डिजिटल कृषि उपकरणों और एआई-आधारित समाधानों के माध्यम से, नवाचार के प्रमुख वाहक बन रहे हैं। साथ ही, उन्होंने नियामक जटिलताओं और उच्च अनुसंधान एवं विकास लागत जैसी चुनौतियों की ओर भी इशारा किया। जर्मनी स्थित पीआई इंडस्ट्रीज के ग्लोबल फील्ड डेवलपमेंट लीड (कीटनाशक) डॉ. चक्रधर पाल ने मृदा स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण महत्व पर एक गहन व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि स्वस्थ मृदा टिकाऊ कृषि और दीर्घकालिक उत्पादकता की नींव है। डॉ. पाल ने मृदा क्षरण, अपरदन और कार्बनिक पदार्थों की हानि जैसी चिंताओं पर चर्चा की और मृदा की जीवन शक्ति को बहाल करने के लिए संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन और जैविक समाधानों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. प्रफुल्ल भामरे ने भारत में कीटनाशक पंजीकरण और उससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों को नियंत्रित करने वाले नियामक दिशानिर्देशों पर बात की। उन्होंने अनुमोदन प्रक्रिया में शामिल वैज्ञानिक कठोरता की व्याख्या की और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन के महत्व पर बल दिया। डॉ. भामरे ने नवप्रवर्तकों और कंपनियों से पारदर्शिता, सुरक्षा परीक्षण और अच्छी प्रयोगशाला प्रथाओं (जीएलपी) के पालन को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में नवाचार और वैश्विक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सचिन गुप्ता के निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अत्यंत सफल रहा। डॉ. चेट्टी ने अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और एक शोध-संचालित एवं उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. दिगवीर एस. जयास और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा देवी सरस्वती के आह्वान पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद कृषि संकाय की डीन डॉ. कंचन सिंह ने गर्मजोशी से स्वागत भाषण दिया। डॉ. ज्योति यादव ने विशिष्ट वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सहायक प्रोफेसर डॉ. सतीश चंद के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।