Wednesday, December 24, 2025
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स्वामी दयानंद ने सनातन धर्म के अन्दर व्याप्त अन्धविश्वास एवं पाखण्ड को किया दूर : आचार्य स्वदेश

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  • वी आर आई में मनाई गई स्वामी दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयन्ती
  • स्वामी दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर हुआ व्याख्यान

वृंदावन। वृंदावन शोध संस्थान में शनिवार को स्वामी दयानंद सरस्वती की 20 वीं जयन्ती के अवसर पर ‘‘स्वामी दयानंद सरस्वती व्यक्तित्व एवं कृतित्व’’ विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान के मुख्य वक्ता आचार्य स्वदेश, अध्यक्ष विरजानंद ट्रस्ट, मथुरा ने कहा कि स्वामी दयानंद ने सनातन धर्म के अन्दर व्याप्त अन्धविश्वास एवं पाखण्ड को दूर किया। उन्होंने मथुरा में साढ़े तीन वर्ष रहकर स्वामी विरजानंद से शिक्षा प्राप्त की थी। स्वामी विरजानंद ने उनसे गुरू दीक्षा में आर्य धर्म के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया था। उन्होंने अपने जीवन में अछूत उद्धार, गोरक्षा, संस्कार, हिन्दी का प्रचार-प्रसार एवं क्रांतिकारी आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया। उन्होंने सभी उपस्थित विद्यार्थियों से आत्मचिंतन, गायत्री जप करने एवं जातिवाद से दूर रहने के लिए कहा। कार्यक्रम अध्यक्ष आचार्य विपिन बिहारी, मंत्री, आर्यवीर दल, उत्तरप्रदेश ने बताया कि वेदों का ज्ञान समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए है। स्वामी दयानंद ने तर्क एवं विज्ञान पर आधारित शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बाल विवाह, विधवा विवाह एवं बलि परम्परा आदि का विरोध किया। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान नरम एवं गरम दल की परम्परा के स्वतंत्रता सेनानियों के वे प्रेरणा स्त्रोत थे। तत्पश्चात् ब्रज संस्कृति संग्रहालय की क्यूरेटर ममता कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानवता है और स्वामी दयानंद का जीवन हमारे लिए आदर्श है। उनके जीवन मूल्यों को हमें अपने जीवन में धारण करना चाहिए।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ स्वामी दयानंद सरस्वती के चित्रपट पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। अतिथियों का स्वागत संस्थान के प्रशासनाधिकारी रजत शुक्ला ने पटुका ओढ़ाकर किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन संस्थान के वरिष्ठ शोध एवं प्रकाशन सहायक डॉ. करूणेश उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में श्रीरामकृष्ण विवेकानंद जूनियर हाईस्कूल के 21 एवं परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर के 19 छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम में दोनों विद्यालयों के शिक्षकगण यथा-गोपाल शरण शर्मा, सीमा शर्मा, आशीष कुमार श्रीवास्तव, अवधेश कुमार सिंह, सत्येन्द्र तौमर, अभिषेक पाण्डे आदि उपस्थित रहे।

मथुरा। श्रीमज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक, मान स्तम्भ प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ अंतर्गत ऋषभ ब्रह्मचर्याश्रम जैन इंटर कालेज में मंत्र आराधना, नित्यमह,पूजा एवं जन्म कल्याणक पूजा, हवन, आचार्य श्री के मंगल प्रवचन आदि कार्यक्रम अयोजित हुए

धार्मिक महोत्सव में रजनीश जैन एडवोकेट, अवनीश जैन, महावीर प्रसाद जैन एडवोकेट, राजीव जैन गुड्डू, राजीव जैन राजू , जयप्रकाश जैन कुम्हेर वाले, मुनीश जैन, संजय जैन, अजित जैन, अशोक छाबड़ा, आशीष जैन, पीयूष जैन, प्रदीप जैन, मुनीश जैन, विशेष जैन, अभिनव बाहुबली जैन ने आयोजन की व्यवस्थाएं कीं। जैन इंटर कालेज के स्टाफ ने भक्त सेवा की बागडोर संभाली। जैन सिद्ध क्षेत्र 84 में प्रबंध कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सेठ विजय कुमार, वर्तमान अध्यक्ष राहुल सेठ ने महाराज श्री वसुनन्दी सहित सभी मुनियों, साध्वियों की सेवा व्यवस्थाएं कीं।
आयोजन में स्थानीय के साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया।

अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की ब्रज प्रदेश संरक्षक/मार्गदर्शक सहित कार्यकारिणी का गठन

संरक्षक/मार्गदर्शक में प्रमुख रूप से गोवर्धन रंगाचार्य बालक स्वामी, मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज, नाभा पीठाधीश्वर जगतगुरु सुतीक्ष्ण दास महाराज, महामंडलेश्वर कृष्ण बलराम दास महाराज, हेमकांत शरण देवाचार्य, महंत राधाकांत गोस्वामी, जगद्गुरु रामेश्वर आचार्य , पूर्व विधायक हुकम चंद तिवारी, पूर्व विधायक श्यामसुंदर शर्मा, राधेश्याम शरण देवाचार्य, बृज प्रदेश अध्यक्ष पं बिहारी लाल वशिष्ठ‌ एवं महामंत्री संगठन राजेश पाठक ने संरक्षक मंडल एवं कार्यकारिणी में महामंत्री, उपाध्यक्ष, मंत्री सहित संपूर्ण ब्रज प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी है कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि ब्रज प्रदेश महामंत्री पं आशीष चतुर्वेदी, प्रदेश प्रवक्ता पं श्याम शर्मा एवं उपाध्यक्ष के रूप में पं राम निहोर शास्त्री, राज नारायण गौड़, डॉ आशीष मिश्रा, मेघ श्याम गौतम, मुरारी लाल शर्मा, रामदेव शास्त्री, डॉ केशवाचार्य , अशोक गोस्वामी, मुनेश गौतम, आचार्य कृष्ण बलराम , गोकुल नगर पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित, बृजमोहन दुबे, सुरेषाचार्य, इंजी, राजकुमार शर्मा , हीरालाल शर्मा, कपिल आनंद चतुर्वेदी, ब्रजेश दत्त भारद्वाज को नियुक्त किया गया है।
वहीं मंत्री के रूप में मुरारी लाल शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, करुणा शंकर द्विवेदी, राजेंद्र उपाध्याय, विमल कृष्ण गोस्वामी, अमर बिहारी पाठक, अनिल भारद्वाज, प्रदीप गोस्वामी, राकेश पाठक, संजय लवानिया, वीरेंद्र शर्मा, सतीश चंद्र शर्मा, श्याम बिहारी पालीवाल, को नियुक्त किया है बाबा कर्मयोगी को ब्रज धर्माचार्य परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
आगामी 23 फरवरी को स्नेह बिहारी मंदिर में दोपहर 2:00 अभिनंदन समारोह आयोजित कर सभी को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे तथा विराट विप्र संसद आयोजित किए जाने की घोषणा की जाएगी।

जीएलए में नवाचार से कृषि को बेहतर बनाने का दिया प्रशिक्षण

  • जीएलए के कृषि संकाय ने आयोजित किया ‘कृषि उत्सव‘ कार्यक्रम

मथुरा : किसानों से देश खडा है, किसानों से यह धरा है, किसानों की बात जरूरी है, किसानों में हिम्मत पूरी है। इसी बात को ध्यान में रखकर जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कृषि विज्ञान संकाय के द्वारा ‘कृषि उत्सव‘ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जीएलए के आसपास गांवों के सैकड़ों किसान पहुंचे और उन्नत किस्म की फसलों की जानकारी ली।

विदित रहे कि विश्वविद्यालय का कृषि विज्ञान संकाय अपने अथक प्रयासों के कारण जाना जाता है। किसानों के हित में अपने अथक प्रयासों को लेकर आगे बढ़ रहा जीएलए कृषि संकाय ने एक कार्यक्रम के तहत अपने आसपास के किसानों को एकजुट कर कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य वक्ता के रूप में पद्मश्री सम्मानित जगदीश प्रसाद पारीक से रूबरू कराया।

पारीक ने कृषि से जुडे विभिन्न नवाचारों के बारे मे जानकारी दी। उन्होंने कई ऐसे नवाचारों के बारे मे बताया जिनके उपयोग से कम लागत में अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

उन्होने किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ बताये एवं प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा कम लागत वाली पॉली हाउस की संरचना से किसानों को अवगत कराया। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभा के अनुभव साझा करते हुए किसानों से कृषि में नवीन तरीकों को अपनाने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि दुनियां भर में कई छोटे किसान आज भी उसी तरह खेती करते हैं जैसे उनके पूर्वज हज़ारों साल पहले करते थे। पारंपरिक खेती के तरीके कुछ लोगों के लिए कारगर हो सकते हैं, लेकिन नई पद्धतियां कई लोगों को पैदावार, मिट्टी की गुणवत्ता और प्राकृतिक पूंजी के साथ-साथ खाद्य और पोषण सुरक्षा में काफी सुधार करने में मदद कर सकती हैं। इसी दौरान मौके पर आझई एवं अकबरपुर के किसानों ने मुख्य वक्ता से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे।

संकाय के शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने भी मुख्य वक्ता से प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की।
संकाय के डीन डा. सुरेन्द्र सिंह सिवाच ने कहा कि जीएलए के कृषि संकाय ने किसानों के हित के लिए तमाम प्रयास किए हैं। गांव-गांव पहुंचकर कृषि विज्ञान संकाय की टीम किसानों से मिलकर उनकी समस्या जानकर उन पर रिसर्च करती है। इसके बाद ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को उनकी समस्या के समाधान पर विचार विमर्श कर समाधान पेश करती है। कार्यक्रम के अंत में डीन ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह् भेंट किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक डा. भूमि सुथार सहित संकाय के शिक्षकों का सहयोग सराहनीय रहा।

जीएलए में स्वयं-एनपीटीईएल पर हुई कार्यशाला

  • कार्यशाला में बोले मुख्य अतिथि एनपीटीईएल इंजीनियरिंग और प्रबंधन विषयों का सबसे बड़ा ई-भंडार

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से स्वयं-एनपीटीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी इनहैंस्ड लर्निंग) पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक परिवर्तनकारी कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विद्यार्थियों को इन प्लेटफार्मों द्वारा पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों, प्रमाणपत्रों और कौशल विकास के अवसरों की जानकारी दी।

विश्वविद्यालय में स्वयं-एनपीटीईएल पर आयोजित कार्यशाला में आईआईटी कानपुर से प्रो. जयदीप दत्ता बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। साथ ही आईआईटी कानपुर से रिसोर्स पर्सन लालती दत्ता, अल्पना दीक्षित, रुपाली सिंघल एवं जीएलए विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, पुस्तकालाध्यक्ष एवं स्पोक पर्सन डा. राजेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

तत्पश्चात् मुख्य अतिथि डा. जयदीप दत्ता ने कहा कि एनपीटीईएल विश्वविद्यालय स्तर के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) विषयों के लिए एक भारतीय ई-लर्निंग मंच है। एनपीटीईएल इंजीनियरिंग, बुनियादी विज्ञान और चयनित मानविकी और प्रबंधन विषयों में पाठ्यक्रमों की दुनिया में सबसे बड़ा ई-भंडार है। छात्रों का फोकस अपने विषय पर होना चाहिए, नौकरी का गोल तो अपने आप पूरा हो जायेगा। छात्र अपने आप को किसी एक डिग्री में बांध कर न रखें। उन्होंने तकनीकी आधारित शिक्षा पर बात करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में छात्र एक साथ कई सर्टिफिकेट ले सकते हैं, जो उन्हें उनके करियर में तरक्की देते हैं।

सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पुस्तकालाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने बताया कि स्वयं-एनपीटीइएल कोर्सेस 2019 से जीएलए विश्वविद्यालय में डिजिटल प्लेटफार्म पर संचालित है, जिसमें अभी तक हजारों छात्र विभिन्न विषयों में नेशनल टॉप रैंकिंग में शामिल रहे हैं। कार्यशाला में 2024 के चुनिंदा मेधावी छात्रों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।

डा. राजेश ने बताया कि जीएलए गत वर्ष से प्रदेश में पहले स्थान पर और राष्ट्रीय स्तर पर 7वें स्थान के साथ ‘एएए‘ उच्चतम श्रेणी के संस्थानो की श्रंखला में शामिल है।

आईआईटी कानपुर से कार्यशाला में पहुंची रिसोर्स पर्सन लालती दत्ता ने बताया कि स्वयं भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया कार्यक्रम है, जिसे शिक्षा नीति के तीन मुख्य सिद्धांतों पहुंच, समानता और गुणवत्ता को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्लेटफार्म का उद्देश्य उन छात्रों तक पहुचना हैं, जो डिजिटल माध्यम से उच्च गुणात्मक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।

डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक कार्यक्रम में स्वयं-एनपीटीईएल पाठ्यक्रमों के क्रेडिट एवं शैक्षणिक रिकॉर्ड को एनईपी 2020 शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत एकीकृत किया गया है। कार्यक्रम मेंं लगभग 1200 छात्रों ने हिस्सा लिया और नयी जानकारियों से रूबरू हुए। कार्यक्रम के समापन पर प्रबंधन संकाय निदेशक प्रो. अनुराग सिंह ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया। धन्यवाद ज्ञापित डा. श्वेता गुप्ता ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. ऋषि अग्रवाल एवं सभी पुस्तकालय स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को उच्च वेतनमान पर मिली नौकरी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ मैनेजमेंट और कामर्स के विद्यार्थियों को एड टेक कंपनी लर्निंग रूट्स ने अपने यहां उच्च वेतनमान पर चयनित किया है। संस्कृति विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
कंपनी के अधिकारियों ने संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंच कर तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया के बाद पहले चरण में बीबीए के दो विद्यार्थियों लोकेश और कार्तिक उपाध्याय को उच्च वेतनमान का आफर लेटर प्रदान किया। संस्कृति विवि प्लेसमेंट सेल के सीनियर मैनेजर आनंद तिवारी ने बताया कि एडटेक उद्योग में 8 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, अनुभवी पेशेवरों ने 94,800 से अधिक व्यक्तियों को उनके सपनों को साकार करने में मदद की है। कंपनी पेशेवरों को उनकी रुचियों और जुनून के आधार पर सही पाठ्यक्रम खोजने में मदद करते हैं। कंपनी द्वारा विभिन्न स्तरों और संस्थाओं के विद्यार्थियों को सही पाठ्यक्रम और उनके भविष्य को सही दिशा में निर्धारित करने में मदद करती है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीएम चेट्टी ने विद्यार्थियों के उच्च वेतनमान पर चयनित होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि हालांकि विवि की प्रमुख सोच यही है कि विद्यार्थी अपना स्वयं का उद्यम खड़ा करें और उद्यमी बनें लेकिन अच्छी कंपनियों में रोजगार पाने के लिए भी विवि मजबूत भूमिका अदा करता है। विद्यार्थियों ने बताया कि इस चयन के पीछे विवि की शिक्षा और शिक्षकों का परामर्श बहुत काम आया है। प्रो चेट्टी ने बताया कि विवि द्वारा लगातार विश्वस्तरीय कंपनियों के साथ एमओयू किए जा रहे हैं। इन एमओयू के माध्यम से विद्यार्थियों को उद्योग जगत की व्यवहारिक जानकारियां और नए कौशल के बारे में कंपनियों में आवश्यक प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त होता है।

आरआईएस के बच्चों ने कला-विज्ञान प्रदर्शनी में दिखाया हुनर

  • अतिथियों और अभिभावकों ने विद्यार्थियों की कल्पनाशीलता को सराहा
  • विजेता छात्र-छात्राओं को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में कक्षा छठवीं से नवीं एवं ग्यारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने विषयों से सम्बन्धित ज्ञानवर्धक एवं आकर्षक मॉडल बनाकर अपनी प्रतिभा और हुनर की बानगी पेश की। प्रदर्शनी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) नवप्रीत कौर एवं प्रो. (डॉ.) सुषमा ने किया।
बुधवार सुबह से ही कला और विज्ञान प्रदर्शनी को लेकर राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं में विशेष उत्साह और उमंग देखी गई। इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने अपनी बौद्धिक क्षमता का शानदार परिचय देते हुए न केवल आकर्षक मॉडल बनाए बल्कि अतिथियों को प्रदर्शनी के दौरान अपने-अपने मॉडलों के बारे में जानकारी भी दी। विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण वाटर डिस्पेंसर, इलेक्ट्रिक बेल, पोर्टेबल मोबाइल चार्जर, हाइड्रॉलिक लिफ्ट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्रेन, रूम हीटर, वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्लांट, विंडमिल, आइडेंटिफिकेशन ऑफ कंडक्टर, पिनहोल कैमरा, टेलीस्कोप, लावा लैम्प, सिम्पल मैग्नेटिक ट्रेन, इलेक्ट्रोलायसिस, हाइड्रोलिक जेसीबी, बज वायर गेम, माइक्रोस्कोप, इलेक्ट्रिक स्विंग, कलीडोस्कोप, पेरिस्कोप, सोलर सिस्टम, रेन डिटेक्टर, अल्कोहल डिटेक्टर, वैक्यूम क्लीनर, प्यूरीफायर, ब्लूटुथ डिवाइस, पोर्टेबल चार्जर, रोबोटिक कार, हाइड्रोलिक ब्रिज, ह्यूमन हार्ट, हीमोडायलिसिस इत्यादि मॉडल रहे।
कला प्रदर्शनी की बात करें तो इसके अंतर्गत छात्र-छात्राओं ने लोक-कला, छवि-चित्र, कम्पोजिशन, वस्तु-चित्र और प्रकृति-चित्रों को सुंदर व आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों ने उन्हें जल रंग, पेंसिल रंग, एक्रेलिक एवं पोस्टर रंगों के माध्यम से पूर्ण किया। विज्ञान एवं कला का अद्भुत संगम एक ही छत के नीचे देखकर अतिथि ही नहीं अभिभावक भी अभिभूत हो गए। निर्णायक मंडल में उपस्थित डॉ. नवप्रीत कौर एवं डॉ. सुषमा ने सारे मॉडल्स एवं चित्रों का निरीक्षण करने के बाद सभी विद्यार्थियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। अतिथिद्वय ने कहा कि प्रत्येक मॉडल छात्र-छात्राओं की शानदार कल्पनाशीलता तथा बच्चों के दिमाग को बढ़ावा देने के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अंत में उन्होंने प्रदर्शनी में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं के बौद्धिक प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी युग में इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण मानसिक विकास के लिए जरूरी हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि कला और विज्ञान एक ही पेड़ की शाखाएँ हैं, वे जिज्ञासा को प्रेरित करने के साथ कल्पना को बढ़ावा देती हैं। प्रदर्शनी में ढेरों प्रोजेक्ट दिखाए गए, जिन्होंने न केवल कल्पना को आकर्षित किया बल्कि वैश्विक चुनौतियों का भी संदेश दिया।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह प्रदर्शनी छात्र-छात्राओं की बौद्धिक कुशलता तथा कई दिनों की मेहनत का सुफल है। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं की रचनात्मकता, नवाचार और कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्र-छात्राओं के रचनात्मक विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है तथा उनकी रचनात्मक प्रतिभा का अन्वेषण होता है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट मॉडल तैयार करने तथा विजेता-उपविजेता का पारितोषिक हासिल करने के लिए बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रदर्शनी की इस सफलता में विज्ञान एवं कला संकाय के शिक्षकों की विशेष भूमिका रही।

मथुरा – 39वीं मंडलीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा का किया प्रदर्शन

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मथुरा जनपद में 39वीं मंडलीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का मंगलवार को आयोजन हुआ। बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित मंडलीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता मथुरा के स्वर्गीय मोहन पहलवान स्टेडियम गणेशरा पर किया गया, जिसमें मंडल भर के विभिन्न जनपदों से आए खिलाड़ियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी एवं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ऐश्वर्या लक्ष्मी के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त के द्वारा शिक्षा की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान बालक बालिका वर्ग में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में मथुरा आगरा मैनपुरी फिरोजाबाद जिलों से आए खिलाड़ियों ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में दौड़, लंबी कूद, कबड्डी, खो-खो, गोला फेक, ऊंची कूद, तस्तरी फेक, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, जूडो, कुश्ती जैसे खेलों की प्रतियोगिता आयोजित की गई।सिंगल बैडमिंटन प्रतियोगिता में मैनपुरी के अमन कुमार ने जीत दर्ज कर मेडल प्राप्त किया।

जीएल बजाज में एआर लेंस क्रिएशन पर कार्यशाला आयोजित

  • संवर्धित वास्तविकता शिक्षा में कई उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम
  • हैकविदइंडिया कम्युनिटी के गठन से मिलेगा नवाचार को बढ़ावा

मथुरा। संवर्धित वास्तविकता (एआर) आपकी कक्षा में कई तरह के उद्देश्यों की पूर्ति कर सकती है। यह रोमांचक तकनीक वास्तविक दुनिया के ऊपर आभासी सामग्री की परतें बनाती है, जिससे छात्र-छात्राओं को पूरी तरह से नए तरीके की सामग्री से रूबरू होने का अवसर मिलता है। यह बातें मंगलवार को जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, मथुरा में “हैकविदइंडिया कम्युनिटी” के सहयोग से एआर लेंस क्रिएशन पर आयोजित विशेष कार्यशाला में मुख्य वक्ता छवि गर्ग (सह-संस्थापक, भारत एक्सआर एवं एरिएक्सा पार्टनर, स्नैप एआर) ने प्राध्यापकों के साथ ही छात्र-छात्राओं को बताईं।
सुश्री गर्ग ने बताया कि जब कक्षा में संवर्धित वास्तविकता लाने का फैसला किया जाए तो यह भी सुनिश्चित करें कि आप सीखने को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह भी सुनिश्चित करें कि गतिविधियां आपके सीखने के उद्देश्य से जुड़ी हों तथा छात्र-छात्राओं के समक्ष पेश करने से पहले तकनीक का परीक्षण किया गया हो। उन्होंने कहा कि संवर्धित वास्तविकता (एआर) सीखने के अनुभवों को बढ़ा सकती है और रोजमर्रा के पठन-पाठन को भी ऊर्जावान बना सकती है। कार्यशाला में अतिथि वक्ता ने छात्र-छात्राओं को ऑगमेंटेड रियलिटी की मूलभूत जानकारी प्रदान करने के साथ ही उन्हें इंटरेक्टिव एआर लेंस डिजाइन करने की व्यावहारिक जानकारी भी दी। छवि गर्ग की विशेषज्ञता से छात्र-छात्राओं को एआर डेवलपमेंट की बारीकियों से अवगत होने का मौका मिला तथा इस उभरती तकनीक की असीम सम्भावनाओं की जानकारी भी मिली।
इस कार्याशाला में ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी के बीच अंतर स्पष्ट किया गया। साथ ही, नई तकनीकों में एआर, वीआर तथा एमआर के विस्तार और उनके फायदों के बारे में जानकारी दी गई। इतना ही नहीं कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को स्नैप लेंस के उपयोग, एआर लेंस के कार्य और उसकी विशेषताओं से भी अवगत कराया गया। इस दौरान छा-छात्राओं को स्नैप एआर टूल्स का उपयोग करके कस्टम फ़िल्टर प्रभाव बनाने की प्रक्रिया समझाई गई।
आयोजन को ज्ञानवर्धक बनाने के लिए भारत के सबसे बड़े हैकविदइंडिया समुदाय के प्रतिनिधि आदित्य सिंह और हार्दिक सिंह ने छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव साझा किए और सफल हैकाथॉन भागीदारी के लिए उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि हैकविदइंडिया भारत का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली हैकाथॉन समुदाय है। नवाचार, सहयोग और सीखने को बढ़ावा देने के मिशन के साथ हैकविदइंडिया देश भर में तकनीक के प्रति उत्साही, डेवलपर्स और रचनात्मक समस्या-समाधानकर्ताओं के लिए एक केंद्र बन गया है।
सत्र का समापन एक इंटरेक्टिव प्रश्नोत्तरी के साथ हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं को एआर टेक्नोलॉजी और उसके अनुप्रयोगों पर गहराई से चर्चा करने का अवसर मिला। इस पहल का उद्देश्य कॉलेज में एक मजबूत डेवलपर कम्युनिटी का निर्माण करना है, जो नई तकनीकों के क्षेत्र में सीखने और नेटवर्किंग को बढ़ावा देगा। कार्यक्रम का संचालन फैकल्टी कोऑर्डिनेटर ऋचा मिश्रा और स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर शिवम कुशवाह (बी.टेक, तृतीय वर्ष) द्वारा किया गया। प्राध्यापक संजीव कुमार सिंह ने अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका स्वागत किया। अंत में इंजीनियर ऋचा मिश्रा ने सभी का आभार माना।

टैलेंट फिएस्टा 2025 : रचनात्मकता और ज्ञान का एक भव्य उत्सव

  • सारंग हाई इम्पैक्ट स्कूल में आयोजित हुआ टैलेंट फिएस्टा 2025
  • विभिन्न स्कूलों के लगभग 200 छात्रों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा

वृंदावन। चैतन्य विहार स्थित सारंग हाई इम्पैक्ट स्कूल में आयोजित टैलेंट फिएस्टा 2025 में विभिन्न स्कूलों के लगभग 200 छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में निदेशक खुशबू सोढ़ी, मार्तंड उपाध्याय और प्रिंसिपल अंजू मल्होत्रा ​​और इस्कॉन मंदिर वृंदावन के अध्यक्ष पंचगौड़ा दास प्रभु ने लोगों को भगवद गीता पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया और जीवन के बहुमूल्य सबक बताए।
उत्सव में युवा दिमाग में कलात्मक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई विविध गतिविधियाँ शामिल थीं। प्रतियोगिताओं में ड्राइंग और पेंटिंग, आर्ट और क्राफ्ट, सुलेख, कहानी सुनाना, श्लोक जप, एकल वाद्य प्रदर्शन, ओलंपियाड (विज्ञान, गणित, सामान्य ज्ञान और अंग्रेजी भाषा) को शामिल किया गया था।
अपनी असाधारण प्रतिभाओं के सम्मान में, दो आयु समूहों में प्रत्येक श्रेणी में तीन विजेताओं को सम्मानित किया गया। 6 से 9 वर्ष और 10 से 14 वर्ष। इसके अतिरिक्त तीन असाधारण बहुमुखी प्रतिभा वाले बच्चों अक्षिता शुक्ला, मृदुल सोढ़ी और अन्वी उपाध्याय को विशेष पुरस्कार दिए गए। जिसमें एक साइकिल, एक टैबलेट और एक स्कूटर शामिल है। विजेताओं के लिए अन्य पुरस्कार भी उनकी संबंधित प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सावधानीपूर्वक चुने गए थे।
कर्सिव राइटिंग में अभय शर्मा, पार्थ सैनी और वंशिका दास (10 से 14 वर्ष), अक्षिता शुक्ला, पुरुषोत्तम, शिवरंजिनी (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। ड्रॉइंग और पेंटिंग में स्तुति यादव, रुक्मणी बंसल और पीहू (10 से 14 वर्ष), पुरुषोत्तम, अक्षिता शुक्ला, रौनक (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। आर्ट एंड क्राफ्ट में नव्या अग्रवाल, खनक सिंह और नैना सैनी (10 से 14 वर्ष), त्रिनव सिंह और युविका सिंह (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा स्टोरी टेलिंग में दिव्यांशी, अध्वय और हिमांशु (10 से 14 वर्ष), राध्या और आराध्या भारती (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इसके बाद सोलो इंस्ट्रूमेंटल परफॉर्मेंस में पार्थ, सुप्रिया, मृदुल, नव्या, पावनी (10 से 14 वर्ष), आद्या (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा श्लोक जाप में पावनी, अन्वी, ऋषिका (10 से 14 वर्ष), राध्या, कृष्णा बब्बर और भव्यश्री (6 से 9 वर्ष) ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। अंत में ओलंपियाड में विजेता क्रमशः मृदुल सोढ़ी, विष्णु यादव, अर्नव शुक्ला (10 से 14 वर्ष), हार्दिक, नित्या गुप्ता और अक्षिता शुक्ला (6 से 9 वर्ष) रहे।
प्रत्येक प्रतिभागी छात्र को ज्ञान और सीखने की भावना को बढ़ावा देने के लिए भगवद गीता की एक प्रति भेंट की गई। कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ।
मुख्य अतिथि एचजी पंच गौड़ा प्रभु दास ने एक प्रेरक संबोधन दिया।
टैलेंट फिएस्टा 2025 ने सफलतापूर्वक एक ऐसा माहौल बनाया, जिसमें युवा प्रतिभाओं का जश्न मनाया गया, बौद्धिक जिज्ञासा को बढ़ावा दिया गया और सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित किया गया। इस आयोजन ने सभी उपस्थित लोगों पर अमिट छाप छोड़ी तथा आने वाले वर्षों में इसके और भी शानदार आयोजन का वादा किया।