Tuesday, December 16, 2025
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संस्कृति विवि की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुई कृषि के नवोन्मेष की बात

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप जलाकर शुभारंभ करते मुख्य अतिथि लेथब्रिज विश्वविद्यालय, कनाडा के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. दिगवीर एस. जायस, जर्मनी के डा. क्लॉस आदि। साथ में हैं संस्कृति विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी।
“सतत कृषि के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र” पर हुआ मंथन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा प्रबंधन एवं वाणिज्य विभाग के सहयोग से “सतत कृषि के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र” विषय पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने के लिए आवश्यक परिस्थितियों, इनोवेशन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षकों ने संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को नई सोच, नई खोजों से अवगत कराया। संगोष्ठी में सतत कृषि विकास के लिए नवीन दृष्टिकोणों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि लेथब्रिज विश्वविद्यालय, कनाडा के अध्यक्ष एवं कुलपति प्रो. दिगवीर एस. जायस जो कृषि-खाद्य अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर विख्यात अकादमिक हस्ती हैं ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, जलवायु-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को मज़बूत करने के लिए एक नवाचार-संचालित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पीआई इंडस्ट्रीज एंड एफ्रिन जीएमबीएच, डसेलडोर्फ और बर्लिन, जर्मनी के प्रबंध निदेशक, डॉ. क्लॉस कुंज ने सटीक कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, पुनर्योजी खेती और मूल्य-श्रृंखला संवर्धन में स्टार्टअप के लिए उभरते अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषि-स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक सहयोग, अनुसंधान-संचालित नवाचार और सहायक नीतिगत ढाँचों के महत्व पर बल दिया।
पीआई इंडस्ट्रीज, मुंबई में कॉर्पोरेट मामलों और स्थिरता (कृषि) के प्रमुख, डॉ. के. एस. त्यागराजन ने भारत के कृषि-रसायन उद्योग के उभरते परिदृश्य पर ज़ोर दिया। उन्होंने पर्यावरणीय नियमों के बढ़ते प्रभाव और किसानों की बढ़ती जागरूकता पर प्रकाश डाला, जो सुरक्षित और अधिक कुशल कृषि आदानों की मांग को आकार दे रहे हैं। डॉ. त्यागराजन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्टार्टअप, विशेष रूप से डिजिटल कृषि उपकरणों और एआई-आधारित समाधानों के माध्यम से, नवाचार के प्रमुख वाहक बन रहे हैं। साथ ही, उन्होंने नियामक जटिलताओं और उच्च अनुसंधान एवं विकास लागत जैसी चुनौतियों की ओर भी इशारा किया। जर्मनी स्थित पीआई इंडस्ट्रीज के ग्लोबल फील्ड डेवलपमेंट लीड (कीटनाशक) डॉ. चक्रधर पाल ने मृदा स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण महत्व पर एक गहन व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि स्वस्थ मृदा टिकाऊ कृषि और दीर्घकालिक उत्पादकता की नींव है। डॉ. पाल ने मृदा क्षरण, अपरदन और कार्बनिक पदार्थों की हानि जैसी चिंताओं पर चर्चा की और मृदा की जीवन शक्ति को बहाल करने के लिए संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन और जैविक समाधानों के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. प्रफुल्ल भामरे ने भारत में कीटनाशक पंजीकरण और उससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों को नियंत्रित करने वाले नियामक दिशानिर्देशों पर बात की। उन्होंने अनुमोदन प्रक्रिया में शामिल वैज्ञानिक कठोरता की व्याख्या की और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुपालन के महत्व पर बल दिया। डॉ. भामरे ने नवप्रवर्तकों और कंपनियों से पारदर्शिता, सुरक्षा परीक्षण और अच्छी प्रयोगशाला प्रथाओं (जीएलपी) के पालन को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में नवाचार और वैश्विक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सचिन गुप्ता के निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अत्यंत सफल रहा। डॉ. चेट्टी ने अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और एक शोध-संचालित एवं उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की।
संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. दिगवीर एस. जयास और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा देवी सरस्वती के आह्वान पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके बाद कृषि संकाय की डीन डॉ. कंचन सिंह ने गर्मजोशी से स्वागत भाषण दिया। डॉ. ज्योति यादव ने विशिष्ट वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सहायक प्रोफेसर डॉ. सतीश चंद के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

उच्च शिक्षा मंत्री ने दी केडी विश्वविद्यालय के संचालन की अनुमति

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क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप नए कोर्स शुरू होंगेः चेयरमैन मनोज अग्रवाल
मथुरा। ब्रज क्षेत्र में शिक्षा को सुलभ, समावेशी और समकालीन बनाने को प्रतिबद्ध आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। विगत दिवस प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने चेयरमैन मनोज अग्रवाल को केडी विश्वविद्यालय के संचालन की आधिकारिक अनुमति प्रदान की। इस स्वीकृति के साथ केडी विश्वविद्यालय अब अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों, प्रवेश प्रक्रिया और प्रशासनिक कार्यों को निर्धारित मानकों के अनुसार प्रारम्भ कर सकेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी से उच्च शिक्षा में नवाचार और अधोसंरचना विकास को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवा पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। नए विश्वविद्यालयों को अनुमति देने का उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रदान करना और क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसरों का विस्तार करना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केडी विश्वविद्यालय अत्याधुनिक सुविधाओं और नवाचारपूर्ण माहौल के बीच छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएगा।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल ने विश्वविद्यालय प्रबंधन को निर्देश देते हुए कहा कि सभी शैक्षणिक गतिविधियां निर्धारित नियमों, पारदर्शिता और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप संचालित हों। उन्होंने अधोसंरचना विकास, शोध वातावरण और योग्य शिक्षकों की नियुक्ति पर विशेष बल दिया। संचालन अनुमति मिलते ही विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह का माहौल है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने केडी विश्वविद्यालय के संचालन की अनुमति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय का आभार माना। उन्होंने कहा कि यह कदम मथुरा और आसपास के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के नए द्वार खोलेगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचार और अनुसंधान प्रोत्साहन ही केडी विश्वविद्यालय का एकमात्र उद्देश्य होगा।
श्री अग्रवाल ने भरोसा दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने की हर तरह से कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि केडी विश्वविद्यालय में एमबीबीएस, एमडी-एमएस, बीएससी नर्सिंग और जीएनएम जैसे प्रमुख कोर्स संचालित किए जाएंगे। साथ ही क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नए कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। चेयरमैन श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार की इस पहल से ब्रज मण्डल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर संयुक्त सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी और केडी विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. विकास कुमार अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
चित्र कैप्शनः उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल चेयरमैन मनोज अग्रवाल को केडी विश्वविद्यालय के संचालन का अनुमति पत्र प्रदान करते हुए।

शोध क्षेत्र में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की शानदार उपलब्धि

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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्राध्यापकों ने जीते प्रथम पुरस्कार
मथुरा। ब्रज क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी, मथुरा के प्राध्यापकों और छात्रों ने एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी महत्वपूर्ण शोध प्रस्तुतियों से न केवल विशेषज्ञों की वाहवाही लूटी बल्कि प्रथम पुरस्कार जीतकर जनपद का गौरव बढ़ाया। संस्थान की ये उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी किताबी में ज्ञान के साथ साथ शोध के क्षेत्र में भी भावी पीढ़ी को नई दिशा दिखाई जा रही है।
हाल ही में एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के असिस्टेंट प्रोफेसर पवन पांडेय ने रिबामिपाइड दवा, जोकि पेप्टिक अल्सर के उपचार में उपयोगी है, पर शोध कर माइक्रोस्पॉन्ज विकसित किए। इस तकनीक से दवा का प्रभाव शरीर में अधिक समय तक बना रहा और दुष्प्रभावों में भी उल्लेखनीय कमी आई, जिससे गैस्ट्राइटिस के प्रभावी उपचार की दिशा में नई आशा की किरण जगी। प्रो. पांडेय के इस प्रभावी ओरल प्रजेंटेशन को सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। इसी तरह फार्माकोलॉजी विभाग के शिक्षक सौम्यदीप मुखर्जी ने हृदयघात से जुड़ी गम्भीर समस्याओं के निदान पर अपना पोस्टर प्रजेंटेशन कर प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
संस्थान के फार्मास्यूटिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर आकाश गर्ग ने सोरोसिस जैसे जटिल चर्म रोगों पर प्रभावी शोध प्रस्तुत कर निर्णायकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। देखा जाए तो अभी तक इस बीमारी का सटीक निदान उपलब्ध नहीं था। प्रो. गर्ग ने टेट्रा-हाइड्रोकरक्यूमिन को इनसिटू जेल में सम्मिलित कर उसके प्रभावों का अध्ययन किया, जिसके बेहद उत्साहजनक परिणाम प्राप्त हुए। विशेषज्ञों ने जहां शोध की प्रशंसा की वहीं भूपल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र लव ठाकुर ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए ओरल प्रजेंटेशन श्रेणी में तृतीय पुरस्कार हासिल किया।
संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में उपलब्ध अत्याधुनिक शोध सुविधाओं का ही परिणाम है कि हमारे शिक्षक और विद्यार्थी निरंतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। प्रो. चोपड़ा ने शिक्षकों तथा छात्र लव को बधाई देते हुए, इसी तरह अन्य विषयों पर अनुसंधान करने का आह्वान किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी शोधकर्ता शिक्षकों तथा छात्र लव को बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि बदलते शिक्षा परिदृश्य में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाना बहुत जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज तरह-तरह की नई बीमारियां पैदा हो रही हैं, ऐसे में फार्मेसी शिक्षा में शोध को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।
चित्र कैप्शनः संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा के साथ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पुरस्कृत शोधार्थी शिक्षक और छात्र लव।

संस्कृति होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने जेपी होटल का किया शैक्षिक भ्रमण

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चित्र परिचयः आगरा के जेपी होटल के शैक्षिक भ्रमण पर पहुंचे संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों का दल शिक्षकों के साथ।
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों के एक दल ने जेपी होटल आगरा का शैक्षिक भ्रमण किया। इस औद्योगिक भ्रमण का उद्देश्य आतिथ्य क्षेत्र के छात्रों को पाँच सितारा होटलों में अपनाई जाने वाले संचालन, सेवाओं और प्रबंधन पद्धतियों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। इस भ्रमण के दौरान संस्कृति के विद्यार्थियों ने होटल विभागों, अतिथि प्रबंधन प्रक्रियाओं और आतिथ्य उद्योग में अपनाए जाने वाले पेशेवर मानकों के बारे में व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया।
इस दल में संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के 32 विद्यार्थी, दो संकाय सदस्य शुभांगी सक्सेना, और कपिल शर्मा शामिल थे। बीएचएम प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए जेपी होटल आगरा का एक औद्योगिक दौरा आयोजित किया गया, जिसमें कुल 32 छात्रों ने भाग लिया। इस दौरे का समन्वय और संचालन सुश्री शुभांगी सक्सेना, सहायक प्रोफेसर द्वारा, विभागाध्यक्ष रतीश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। जेपी होटल्स पहुँचने पर, समूह का मानव संसाधन प्रबंधक सुश्री यशस्वी चतुर्वेदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सत्र की शुरुआत जेपी होटल्स के इतिहास, ब्रांड विरासत और सुविधाओं पर एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के साथ हुई, जिसे जेपी होटल्स प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य मनु नारंग ने प्रस्तुत किया। दौरे का संचालन सुश्री प्रियंका (फ्रंट ऑफिस असिस्टेंट) और सुश्री अनिकेता (लर्निंग एंड डेवलपमेंट मैनेजर) ने किया। उन्होंने जिन्होंने छात्रों को होटल के विभिन्न विभागों के बारे में मार्गदर्शन दिया। इस दौरान, छात्रों ने अमित (ड्यूटी मैनेजर) और गौरव (रेस्टोरेंट मैनेजर) के साथ एक संवादात्मक सत्र में भाग लिया, जिन्होंने अपने पेशेवर अनुभव और संचालन संबंधी जानकारी साझा की। छात्रों ने पूरे दौरे में बहुत उत्साह दिखाया और सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उन्हें होटल संचालन और उद्योग मानकों के बारे में बहुमूल्य व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ।
इस यात्रा का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें जेपी होटल्स के प्रबंधन और कर्मचारियों के प्रति उनके उत्साही आतिथ्य और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया गया। संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के डीन डा. रतिश शर्मा ने बताया कि इस यात्रा ने छात्रों की वास्तविक दुनिया के होटल संचालन और प्रबंधन प्रथाओं की समझ को समृद्ध किया। इसने उन्हें सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ने में भी मदद की, जिससे पेशेवर विकास और भविष्य के उद्योग अनुभव के लिए तत्परता को बढ़ावा मिला। होटल की मानव संसाधन प्रबंधक, सुश्री यशस्वी चतुर्वेदी आदि को संस्कृति विवि के दल की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

राजीव एकेडमी के पांच एमबीए विद्यार्थियों का बजाज कैपिटल में चयन

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सफलता का श्रेय संस्थान के उच्चस्तरीय शिक्षण-प्रशिक्षण को दिया
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए पाठ्यक्रम के पांच विद्यार्थियों ने उच्चस्तरीय शिक्षण, सतत मार्गदर्शन और उद्योग आधारित प्रशिक्षण प्रणाली की बदौलत प्रतिष्ठित बजाज कैपिटल लिमिटेड में उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर हासिल कर संस्थान का गौरव बढ़ाया है। चयनित विद्यार्थियों में हरेंद्र सिंह, गौरव सोलंकी, गुंजन गुप्ता, राधिका शर्मा और सिमरन शामिल हैं।
संस्थान के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही में बजाज कैपिटल लिमिटेड के पदाधिकारियों ने प्लेसमेंट प्रक्रिया के तहत छात्र-छात्राओं की योग्यता, साक्षात्कार कौशल और प्रबंधन ज्ञान का मूल्यांकन कर उन्हें उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर प्रदान किया। डॉ. जैन ने बताया कि बजाज कैपिटल अपने ग्राहकों को म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस, फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट, बांड्स, पीपीएफ, एनपीएस और अन्य निवेश उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराती है। बजाज कैपिटल की सेवाओं में निवेश परामर्श, वित्तीय उत्पादों का वितरण तथा कॉर्पोरेट रिसोर्स मोबिलाइजेशन जैसी सेवाएं शामिल हैं।
डॉ. जैन ने बताया कि राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट अपने विद्यार्थियों को उद्योग-उन्मुख शिक्षा, करियर मार्गदर्शन और प्रायोगिक अनुभव प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। संस्थान का ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल विद्यार्थियों को कॉर्पोरेट दुनिया की चुनौतियों के अनुरूप तैयार करने हेतु नियमित रूप से मॉक इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट सेशन और सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग प्रदान करता है। यही कारण है कि राजीव एकेडमी के विद्यार्थी देश की प्रतिष्ठित कम्पनियों में निरंतर सेवा के अवसर हासिल कर रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे विद्यार्थी कॉर्पोरेट जगत में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। यह संस्थान की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सतत मार्गदर्शन और विद्यार्थियों की मेहनत का परिणाम है। हमारा लक्ष्य है कि हर विद्यार्थी को ऐसे अवसर प्रदान किए जाएं, जिससे वह न केवल अपने करियर में सफलता प्राप्त करें बल्कि समाज और उद्योग जगत के विकास में भी योगदान दें।
डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी सदैव विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने, उन्हें नवीनतम उद्योग मानकों के अनुरूप तैयार करने और उनके करियर को दिशा देने के लिए समर्पित है। बजाज कैपिटल में यह चयन आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण साबित होगा। इस उपलब्धि ने न केवल चयनित विद्यार्थियों को नई दिशा दी है बल्कि संस्थान के अन्य छात्र-छात्राओं के लिए भी यह एक प्रेरक संदेश दिया कि मेहनत और निरंतर सीखने की भावना से कोई भी लक्ष्य असम्भव नहीं।
चित्र कैप्शनः बजाज कैपिटल लिमिटेड में चयनित एमबीए के छात्र-छात्राएं।

सीबीएसई क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने किया उत्कृष्ठ प्रदर्शन

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छात्रों का राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए हुआ चयन

वृंदावन। प्रतिभा जन्मजात होती है और यदि उसे सही मंच मिलता है तो वह और भी अधिक निखर कर आती है। ऐसे ही भावना से ओतप्रोत होकर तथा बालकों के चहुंमुखी विकास की दिशा में सदैव प्रयासरत मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने सीबीएसई क्षेत्रीय विज्ञान प्रदर्शनी 2025- 26 में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर की सूची में स्थान प्राप्त किया ।
वीपीएस के छात्रों ने अपने उत्साही मार्गदर्शकों के साथ सीबीएसई क्षेत्रीय स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी 25-26 में भाग लिया, जहाँ उन्होंने 160-170 टीमों के बीच विजेता का स्थान प्राप्त किया और उन्हें उत्तर प्रदेश नोएडा क्षेत्र के शीर्ष विद्यालयों में प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।
दिसंबर 2025 में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में वीपीएस को शामिल किया गया है। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों को प्रदर्शित करते हुए एक विज्ञान मॉडल बनाया , जिसमें छात्रों के प्रस्तुतिकरण ने सर्वोच्च सूची में स्थान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । विद्यालय के निदेशक डॉ ओमजी ने छात्रों के नवाचार, बुद्धिमत्ता और उत्कृष्टता की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभाशीष प्रदान किया ।साथ ही मॉडल में सलाहकार व मार्गदर्शक के रूप में सहयोग करने वाली पूरी टीम को राष्ट्रीय स्तर के लिए चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित कीं और कहा कि संपूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों के लाभ प्रतिष्ठित विद्यालयों में ब्रज क्षेत्र से वृंदावन पब्लिक स्कूल का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होना एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।

आरआईएस के बच्चों ने जंगल सफारी कार्निवल का उठाया लुत्फबाल दिवस पर चाचा नेहरू के कृतित्व और व्यक्तित्व को किया याद

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मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को बाल दिवस पर छात्र-छात्राओं ने न केवल सबसे बड़े फन फेयर जंगल सफारी कार्निवल का लुत्फ उठाया बल्कि चाचा नेहरू के कृतित्व और व्यक्तित्व को भी याद किया। बाल दिवस समारोह को यादगार और मनोरंजक बनाने के लिए छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार के स्टाल्स भी लगाए। बाल दिवस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार, डीआईओएस मथुरा रविंद्र कुमार, डीन और प्राचार्य केडी डेंटल कॉलेज डॉ. मनेष लाहौरी तथा स्कूल की प्राचार्या प्रिया मदान ने केक काटकर किया।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन बाल दिवस पर राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं सुबह से ही सेलिब्रेशन को लेकर उत्साहित नजर आए। सबसे पहले बच्चों ने अपने माता-पिता के साथ चाचा नेहरू के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एडीजे ब्रजेश कुमार ने कहा कि बच्चे हमारी दुनिया की धड़कन हैं। उनकी प्यारी हंसी, मासूम सवाल और न खत्म होने वाली मांगें भी हमारे सबसे उदास दिनों को रोशन कर देती हैं।
बाल दिवस पर छात्र-छात्राओं के मनोरंजक खेल ही नहीं नेल आर्ट, निशानेबाजी, वस्त्र परिधान,आर्टिफिशियल ज्वेलरी, फूड आइटम, आर्ट एंड क्राफ्ट की वस्तुएं तथा पेंटिंग्स आदि की अतिथियों ने मुक्तकंठ से सराहना की। अतिथियों को विभिन्न प्रकार के झूले तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी खूब रास आईं। बाल दिवस बच्चों द्वारा लगाई गई स्टॉल्स से लोगों ने जमकर खरीददारी की। कार्यक्रम की थीम जंगल सफारी सभी को बहुत पसंद आई। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा लकी ड्रा के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने बच्चों को बाल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं। देश का भविष्य बच्चों पर ही निर्भर है क्योंकि, यदि बच्चों का अच्छा भविष्य होगा, तो आने वाले समय में भारत का भी बेहतर भविष्य होगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भावी पीढ़ी को महापुरुषों के कृतित्व और व्यक्तित्व की जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसे आयोजन होने चाहिए ताकि भावी पीढ़ी शिक्षा को बोझ न समझे।
स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को बाल दिवस की बधाई देते हुए फन फेयर की सराहना की। श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चे फूल से प्यारे और मोती से सुंदर होते हैं, शरारती बेशक हों, लेकिन मन के सच्चे होते हैं लिहाजा इन बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही महापुरुषों के कृतित्व की जानकारी दिया जाना बहुत जरूरी है।
स्कूल की प्राचार्या प्रिया मदान ने बच्चों को बाल दिवस की बधाई देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं तथा अभिभावकों का आभार माना। उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय थे, नेहरू जी बच्चों को देश का भविष्य मानते थे और हमेशा उनकी शिक्षा, खुशहाली और उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करते रहे। यही वजह है कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।
चित्र कैप्शनः केक काटकर बाल दिवस का शुभारम्भ करते डीन और प्राचार्य केडी डेंटल कॉलेज डॉ. मनेष लाहौरी।

निठारी कांड के हीरो सुरेंद्र कोली का बरी होना स्वागत योग्य

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निठारी कांड के हीरो सुरेंद्र कोली का बरी होना स्वागत योग्य

मथुरा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निठारी कांड के हीरो सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा निरस्त करके उसे बरी करने का जजमेंट दिया जाना स्वागत योग है। बेचारे निर्दोष कोली को इतने लंबे समय तक जेल में व्यर्थ ही रहना पड़ा। यह उसके साथ घोर अन्याय था। 
 मेरा मानना है कि इसकी भरपाई के लिए जिन कन्याओं के साथ बलात्कार करके उनकी जघन्यता पूर्वक हत्या की गई थी, उनके परिजनों पर जुर्माना करके वसूली गई राशि को आदरणींय सुरेंद्र जी को सौंप देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दृष्टिगत रखते हुए कोली जी को जैड श्रेणीं की सुरक्षा भी प्रदान की जानी चाहिए

बाल दिवस पर बच्चों ने किया चाचा नेहरू को याद

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-वृंदावन नर्सरी स्कूल में बच्चों ने दी मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुति

-मेले में बच्चों के लिए किया खेलों का आयोजन

वृंदावन। बच्चे मन के सच्चे होते हैं व उनमें ईश्वर निवास करते हैं। बच्चों की मस्ती, उमंग, उत्साह से वयस्क भी खुद को बच्चा मानकर उनके हमजोली बन जाते हैं तो जीवन स्वर्ग समान लगता है। इसी विचार को साकार रूप प्रदान करते हुए सेवाकुंज स्थित वृंदावन नर्सरी स्कूल में बाल दिवस के उपलक्ष्य में बाल मेला का आयोजन किया गया। मेले का विशेष आकर्षण विद्यालय के ही नन्हे मुन्ने रहे, जिन्होंने मुख्य अतिथि बनकर मेले का शुभारंभ किया। मेले में बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने खेलों का भरपूर आनंद लिया। उनकी खुशी देखने योग्य थी। बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गए। बच्चों ने नृत्य, गीत व चाचा नेहरू की कविताएं प्रस्तुत कीं। जिससे समस्त परिकर करतल ध्वनि से गुंजायमान हो उठा। मेले में बच्चों ने भरपूर उत्साह, आनंद व हर्ष के साथ भाग लिया व अपने बचपन की नादानियों व शैतानियों से सबका मन मोह लिया। विद्यालय के निदेशक शिक्षाविद डॉ ओम जी ने नन्हे -मुन्नों की कला को देख उनका उत्साहवर्द्धन किया तथा बच्चों को बाल दिवस के महत्व से अवगत कराया।

संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने निकाली महिला जागरूकता रैली

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चित्र परिचय-संस्कृति विवि के विद्यार्थी महिला जागरूकता रैली निकालते हुए।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय की एन.एस.एस. इकाई द्वारा मिशन शक्ति चरण 5.0 के अंतर्गत छाता गाँव में महिला जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता एवं उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
बताते चलें महिला जागरूकता रैली एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण के प्रति जागरूक करना है। इन रैलियों में अक्सर छात्राएं, महिला पुलिसकर्मी और स्वयंसेवी संगठन भाग लेते हैं, जो नारे लगाकर, बैनर और तख्तियां लेकर लोगों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और महिलाओं के जीवन में बाधाएं दूर करना है।
रैली की शुरुआत संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर से की गई, जिसमें स्वयंसेवकों ने हाथों में तख्तियाँ लेकर नारे लगाते हुए गाँव की गलियों में भ्रमण किया। “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ”, “महिला सशक्तिकरण देश का गौरव है” जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। इस रैली में विश्वविद्यालय के अनेक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और ग्रामीण महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया।
संस्कृति विवि के नर्सिंग कालेज के प्राचार्य डा. केके पाराशर ने इस मौके पर गांव में लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए लगभग 10 महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, इनमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ केंद्र सरकार की योजना है, सुकन्या समृद्धि योजना, बालिका समृद्धि योजना, सीबीएसई उड़ान स्कीम, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। छात्रों को इस तरह की गतिविधि आयोजित करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आज महिला सभी क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, वे सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, चिकित्सा विभाग और यहां तक कि प्रशासनिक सेवाओं में भी कार्यरत हैं। संस्कृति विवि के स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डा. डीएस तोमर ने देश की कई प्रमुख महिलाओं की ओर से चलाए जा रहे विकासात्मक कार्यक्रमों पर अपने विचारों को प्रस्तुत करने वाले छात्रों को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्वयंसेवकों और कैडेट को समाज की महिलाओं को प्रेरित करने के लिए अपने गांवों के कोने-कोने में शिक्षा प्राप्त करने के लिए महिलाओं को जागरूक करने लिए कहा। रैली में संस्कृति विवि के विद्यार्थियों के अलावा एनएसएस विंग की डा. नीलम, प्रो. डॉली, डा. रीना रानी के अलावा अन्य शिक्षकगण भी मौजूद रहे।