Friday, December 19, 2025
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भूत के साथ लिव इन रिलेशनशिप में थी ये औरत, बताया एक दूसरे से करते थे बेहद प्यार

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कभी ऐसा भी हो सकता है कि काई शख्स दुनिया में है ही नहीं और उसकी प्रमिका मरने के बाद भी उसके भूत बन जाने पर लिव इन रिलेशनशिप में हो। जी हां, ऐसा ही आस्टे्रलिया में एक महिला के साथ ऐसा हुआ है।


आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो दावा करती है कि वह एक भूत के साथ रिश्ते में थी। इतना ही नहीं उन्होंने भूतों के साथ छुट्टियां भी बिताई हैं। महिला यूके की रहने वाली है और उसका नाम नीलम क्षेत्र है। हालांकि इस महिला ने दावा किया है कि वह एक भूत के साथ गंभीर रिश्ते में रही है। हालांकि अब रिश्ता टूट गया है लेकिन वह भूतों के साथ बिताए उन दिनों को सबसे अच्छा मानती है।


दोनों एक दूसरे के प्यार में थे। 2018 में ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद, भूत का रवैया बदल गया। शायद उसे किसी और से प्यार हो गया था। उसके बाद उनका रिश्ता खत्म हो गया। आपको बता दें कि यह महिला पिछले वर्षों के दौरान कई भूतों के संपर्क में रही है, के बारे में वह 12 भूतों से मिली है।

जीएलए के प्रोफेसर की बुक पढ़ेंगे हावर्ड के छात्र

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जीएलए प्रोफेसर की एडिटेबल बुक पहुंची अमेरिका हावर्ड यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी

जीएलए के प्रोफेसर की बुक दंत चिकित्सा रोग निदान के क्षेत्र में होगी कामयाब

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में एक और कामयाबी हासिल की है। यह कामयाबी विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के प्रोफेसर द्वारा दंत चिकित्सा रोगों के हर्बल निदान के क्षेत्र में लिखी गई है। यह किताब स्कोपस इंडेक्स में प्रकाशित होने के साथ-साथ अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पहुंच चुकी है। इस किताब के माध्यम से अमेरिकी छात्र ज्ञान हासिल कर सकेंगे।

किताब के संपादक डॉ. कमल शाह

‘नेचुरल ओरल केयर इन डेन्टल थेरेपी‘ नामक किताब विभिन्न दंत रोगों में प्राकृतिक चकित्सा के दृष्टिकोण पर केन्द्रित है। वर्तमान समय में मौखिक रोग दुनियां भर में एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बनकर खड़ी हुई है। इस पुस्तक के 26 अध्याय मौखिक देखभाल में उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक उत्पादों के रसायन विज्ञान, नैदानिक और प्रीक्लिनिकल पैनोरमा को कवर करते हैं।

जीएलए फार्मेसी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ‘नेचुरल ओरल केयर इन डेन्टल थेरेपी‘ किताब के संपादक डॉ. कमल शाह ने बताया कि उनके द्वारा लिखी गई इस किताब में दंत रोगों के उपचार में औषधीय पौधों के उपयोग के साथ-साथ नए औषधीय पदार्थों के विकास के लिए एथानोफार्मोकोलॉजी के उपयोग एवं दंत चिकित्सा के क्षेत्र में दवाओं के निर्माण से संबंधित है। उन्होंने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय फार्मेसी के छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ यह किताब हावर्ड यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी तक पहुंच गई है। यानि अब इस किताब के माध्यम से अमेरिकी छात्र भी दंत चिकित्सा के क्षेत्र में ज्ञान ले सकेंगे। इसके अलावा यह किताब दांतों के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे रिसर्चर को नई सोच दे रही है।

जीएलए फार्मेसी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी ने कहा कि एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कमल शाह द्वारा लिखी गई किताब विद्यार्थियों को एक नई दिशा देगी, जो अपना कॅरियर फाइटो फार्मास्युटिक्ल्स क्षेत्र में बनाना चाहते हैं।


कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने बताया कि अमेरिकी छात्रों तक जीएलए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा लिखी गई किताब पहुंचना बड़ी कामयाबी है। उन्होंने फार्मेसी के छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि फार्मास्युटिकल्स के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए विश्वविद्यालय में रिसर्च के लिए अच्छी जगह हैं। प्रोफेसरों द्वारा छात्रों को रिसर्च और ऐसी किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

राजीव एकेडमी का बीबीए कोर्स युवाओं को दे रहा उज्ज्वल भविष्य


राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में मिल रहे शत-प्रतिशत जॉब के अवसर

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं की पहली पसंद है। इसकी वजह यहां की उन्नत तकनीक और उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षण व्यवस्था के साथ ही राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में युवा पीढ़ी को मिल रहे शत-प्रतिशत जॉब के अवसर हैं।

राजीव एकेडमी के बीबीए कोर्स में युवाओं की दिलचस्पी पर संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना का कहना है कि आज के व्यावसायिक युग में प्रबन्धन के स्नातकों की मांग लगातार बढ़ रही है। राजीव एकेडमी से इस कोर्स को करने वाले छात्र-छात्राएं ख्यातिनाम कम्पनियों एमेजॉन, वीवो, जैनपैक्ट, बजाज कैपिटल, जस्ट डायल, आईसीआईसीआई, अलीबाबा डॉटकॉम, बार्कलेज, एल.जी., जियो, ईजी पॉलिसी, बाईजूस, पेटीएम, एलएंडटी, टेक महिन्द्रा, एचडीएफसी आदि में सेवाएं दे रहे हैं।

डॉ. सक्सेना का कहना है कि राजीव एकेडमी के बीबीए कोर्स में प्रथम सेमेस्टर से ही छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए श्रेष्ठ प्लेटफार्म तैयार किया जाता है। पीडीपी कक्षाएं लगातार चलाई जाती हैं। इससे युवाओं को साक्षात्कार में बहुत सहायता मिलती है। यहां बीबीए स्तर से ही छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं के माध्यम से औद्योगिक वातावरण और कम्पनियों की आवश्यकताओं की जानकारी मिल जाती है। समय-समय पर विद्यार्थियों को इण्डस्ट्रियल विजिट द्वारा व्यावहारिक एक्सपोजर भी दिया जाता है। ऐसे शैक्षिक वातावरण में समय-समय पर आयोजित होने वाले विशेषज्ञों के व्याख्यान युवाओं को व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने में काफी मददगार साबित होते हैं।

आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि आज के युवाओं में अपार ऊर्जा है। राजीव एकेडमी में उस ऊर्जा को सकारात्मक दिशा प्रदान कर युवाओं को राष्ट्र के विकास की ओर उन्मुख किया जाता है। छात्र-छात्राएं भी मानते हैं कि राजीव एकेडमी में बीबीए में प्रवेश लेने के बाद उन्हें शिक्षा तो मिलेगी ही साथ ही देशी-विदेशी कम्पनियों में उच्च पैकेज पर प्लेसमेंट के अवसर भी मिलेंगे। डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि उच्च व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में राजीव एकेडमी ऐसा संस्थान है जहां की व्यवस्थाएं और शिक्षण तकनीक छात्र-छात्राओं की पहुंच और समझ के अनुरूप नवीनतम हैं। यहां छात्रहित में ऐसी सभी व्यवस्थाओं को और अधिक सरल व उन्नत बनाने की दिशा में भी निरंतर ध्यान दिया जाता है।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजीव एकेडमी से बीबीए के पास आउट सैकड़ों छात्र-छात्राएं अपने देश ही नहीं विदेशों में भी ख्यातिप्राप्त कम्पनियों में उच्च पैकेज पर जॉब कर रहे हैं। इसके अलावा बीबीए पास ऐसे छात्र-छात्राएं भी हैं जो स्वयं का व्यावसायिक संस्थान स्थापित कर पढ़े-लिखे बेरोजगारों को नौकरी दे रहे हैं। यहां के बीबीए कोर्स की विशेषता यह भी है कि अंतिम वर्ष में पहुंचते ही छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में प्लेसमेंट मिल जाता है।

सरदार भगतसिंह पार्क में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने देश के अमर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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मथुरा। देश की आजादी का सपना साकार करने के लिए आज के दिन नो अगस्त को काकोरी रेल कांड की वर्षगांठ पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने मथुरा के शहीर स्मारक सरदार भगत सिंह के साथ अमरशहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर जिले के अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।


सोमवार को सरदार भगत सिंह पार्क में एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोबर ने अमर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर फूलमाला पहनाई। इसके साथ ही देश के अमरशहीदों को नमन किया। एसएसपी के साथ एसपी सिटी एमपी सिंह, सीओ वरुण कुमार और एसओ गोविंद नगर विजय कुमार भी मौजूद थे।


पुलिस मॉडर्न स्कूल के साथ जीआईसी के बच्चों ने देश भक्ति की धुनों को बजाकर अपनी सलामी दी।
एसएसपी ने कहा कि आज हम उन शहीदों को नमन कर रहे है जिन्होंने देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई और अपनी जान न्योछावर करके देशवासियों को आजादी दिलाई। उनकी इस विरासत को हम सभी को आगे तक ले जाना है।

फोटो साभार: टि़्वटर मथुरा पुलिस

अब चंद मिनटों में आप व्हाट्सएप पर मंगवा सकेंगे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, जानिए कैसे

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नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संभावित खतरों को देखते हुए लगभग सभी देशों ने अपने यहां यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। अब ऐसे में सर्टिफिकेट ले जाना भूल गए तो आपको समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने सर्टिफिकेट पाने की राह और आसान कर दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि, अब कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट वॉट्सएप के जरिए बस कुछ ही सेकेंड में प्राप्त किया जा सकेगा। सरकार के इस निर्णय से उन लोगों को सुविधा मिलेगी, जिन्हें कोविन पोर्टल या ऐप से वैक्सीन सर्टिफिकेट हासिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जो व्यक्ति वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट व्हाट्सएप पर प्राप्त करना चाहता है, उसे बस अपने मोबाइल से एक व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजना है। इसके बाद कुछ सेकेंड के अंदर ही उसे वैक्सीन सर्टिफिकेट भेज दिया जाएगा।

ऐस चंद मिनटों में आपके वाट़्सएप पर आ जाएगा कोविड सर्टिफिकेट

स्वास्थ्य मंत्री ने ट्विटर पर जानकारी शेयर करते हुए लिखा कि, सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए +91 9013151515 नंबर को मोबाइल में सेव करना होगा। इसके बाद कोविड सर्टिफिकेट लिखकर इस नंबर पर मैसेज भेजना होगा। जिस नंबर से वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया होगा, उस नंबर पर ओटीपी आएगा। उसे भी वापस व्हाट्सएप के मैसेज बॉक्स में लिखकर भेजना है। इसके बाद चंद सेकेंड में आपका कोविड सर्टिफिकेट आ जाएगा।

घातक डेल्टा वैरिएंट ने बढ़ाईं चिंता, दिल्ली से भेजे सैंपलों में 80 प्रतिशत मिला ये वैरिएंट

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस अभी खत्म नहंी हुआ है। वहीं अब डेल्टा वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में दिल्ली सरकार द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों में से कम से कम 80 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस के डेल्टा संस्करण का पता चला है।

राजधानी के लिए कोविड प्रबंधन नीतियां तैयार करने वाले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने साझा किया कि दिल्ली में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए जुलाई में भेजे गए 83.3 प्रतिशत नमूनों में डेल्टा संस्करण (बी.1.617.2) का पता चला है। जबकि मई और जून में क्रमश: 81.7 प्रतिशत और 88.6 प्रतिशत नमूनों में वैरिएंट पाया गया।अप्रैल में 53.9 फीसदी सैंपल में यह मिला था।

डेटा से यह भी पता चला है कि अब तक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) में संसाधित दिल्ली के 5,752 नमूनों में से 1,689 में डेल्टा संस्करण पाया गया है। 947 नमूनों में अल्फा संस्करण (बी.1.1.7) का पता चला है। अल्फा और डेल्टा दोनों रूपों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा “चिंताजनक वैरिएंट” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

डेल्टा संस्करण की भारत में दिसंबर 2020 में पहचान की गई थी और बाद में 95 से अधिक देशों में इसका पता चला है। यह प्रमुख रूप से घातक दूसरी कोविड लहर के लिए जिम्मेदार था जिसने देश में लाखों लोगों को संक्रमित किया और हजारों लोगों की जान ली। अल्फा वैरिएंट को पहली बार यूके में पिछले साल खोजा गया था।

जब देश आजादी का जश्न मना रहा था, तब ठा.बांकेबिहारी पहली बार स्वर्ण हिंडोला में हुए विराजमान

मथुरा। जब पूरा भारतवासी देश को आजाद होने का जश्न मना रहे थे। उस वक्त वृंदावन के सुप्रसिद्ध बाँकेबिहारी और उनके भक्तों ने भी आजादी का जश्न भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया। जहां देशवासी खुशी से झूम रहे थे वहीं बाँके बिहारी के एक भक्त ने उन्हें स्वर्ण जड़ित हिंडोला अर्पित किया और पहली बार ठा. बांकेबिहारी 15 अगस्त 1947 को स्वर्ण हिंडोला में विराजमान हुए। इसलिए ठा बांकेबिहारी महाराज और देश की आजादी मिलने पर पहले स्वतंत्रता दिवस के बीच गहरा संयोग है।


कलकत्ता के मारवाड़ी सेठ और ठा. बाँकेबिहारी के अनन्य भक्त सेठ हरगूलाल ने जन-जन के आराध्य बांकेबिहारी महाराज के लिए 20 किलो सोना और 100 किलो चांदी से जड़ित विशाल हिंडोला बनवाया। काबिलेगौर बात यह है कि आज से 74 साल पहले ठा. बांकेबिहारी महाराज के हिंडोला के साथ ही बरसाना में राधारानी मंदिर में विराजमान श्रीजी के लिए भी चांदी और सोने का हिंडोला बना था। जिसमें बाँकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी और बरसाना के राधारानी मंदिर में श्रीजी सावन माह में प्रतिवर्ष विराजमान होते हैं।

15 अगस्त पर पहली बार स्वर्ण हिंडोला में विराजे बाँकेबिहारी

वृंदावन के ठा. बांकेबिहारी भी उसी दिन श्रावण मास की हरियाली तीज तिथि के अवसर पर सोने व चांदी से बने अनुपम हिण्डोलों प्रतिवर्ष विरजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। कलकत्ता निवासी और ठाकुरजी के अनन्य भक्त सेठ हरगुलाल बेरीवाला ने स्वतंत्रता दिवस से कुछ दिन पूर्व ही ये हिण्डोले मंदिर प्रशासन को भेंट किए थे। जिन्हें हरियाली तीज के अवसर पर ठाकुरजी की सेवा में प्रयोग किया जाना था और उस दिन संयोग से 15 अगस्त था।

20 किलो सोना व एक कुंतल चांदी से बना हिंडोला

ठाकुरजी के परम सेवक एवं मंदिर के संस्थापक स्वामी हरिदास ने अपने समय में ही झूलोत्सव की परंपरा की शुरुआत कर दी थी, किंतु तब लता-पताओं के बने हिण्डोले में बांकेबिहारी को झुलाया जाता था। हरियाणा के बेरी गांव के मूल निवासी कोलकाता के बेरीवाल परिवार ने 1942 में सोने-चांदी का झूला बनवाने का संकल्प लिया था। सेठ हरगुलाल के वंशज राधेश्याम बेरीवाला बताते हैं कि उनके पिता ठाकुरजी के परमभक्त थे और उनके दर्शन किए बिना अन्न का दाना भी स्वीकार नहीं करते थे। उन्होंने बताया था कि उस जमाने में सोने-चांदी के हिण्डोले बनवाने में 20 किलो सोना व करीब एक कुंतल चांदी प्रयोग की गई थी तथा हिण्डोलों के निर्माण में 25 लाख रुपए की लागत आई थी।

दो साल तक सुखाई गई थी लकड़ी

हिण्डोलों को तैयार करने के लिए बनारस के प्रसिद्ध कारीगर लल्लन व बाबूलाल को बुलाया गया था, जिन्होंने टनकपुर (पिथौरागढ़) के जंगलों से शीशम की लकड़ी मंगवाई। इस लकड़ी को कटवाने के बाद पहले दो साल तक सुखाया गया, फिर हिण्डोलों के निर्माण का कार्य शुरु किया गया। इसके लिए बीस उत्कृष्ट कारीगरों ने लगभग पांच वर्ष तक कार्य किया। तब जाकर हिण्डोलों का निर्माण संभव हो पाया। हिण्डोले के ढांचे के निर्माण के पश्चात उस पर सोने व चांदी के पत्र चढ़ाए गए।

बरसाना के राधारानी मंदिर के लिए भी बनवाया था झूला

मारवाड़ी सेठ हरगुलाल ने इसी प्रकार का झूला बरसाना के राधारानी मंदिर के लिए भी बनवाया। इससे पूर्व उन्होंने भरतपुर के जाट एवं मध्य भारत के मराठा राजाओं द्वारा निर्मित मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया था। वहां भी इसी दिन हिण्डोला डाला गया जिस पर आज भी राधारानी परम्परागत रूप से झूला झूलती हैं।

ठा. बांकेबिहारी मंदिर के सह प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया हरियाली तीज के दिन ठा. बांकेबिहारी स्वर्ण जड़ित हिंडोला में विराजमान होंगे। हरियाली तीज पर लाखों श्रद्धालु स्वर्ण हिंडोला में विराजित बाँकेबिहारी के दर्शन करने के लिए आता है। जिसकी तैयारियों की जा रही है। पिछले वर्ष कोरोन महामारी के कारण भक्तों को ठाकुरजी के विशेष दर्शन नहंीं हो पाए थे। लेकिन इस बार भक्तों को कोविड की गाइड लाइन का पालन करते हुए दर्शन कराए जाएंगे।

यूपी के पुलिस मेहकमा में फेरबदल, 14 आईपीएस के ट्रांसफर, 9 जिलों के कप्तान बदले गए

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लखनऊ। यूपी सरकार ने कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर पुलिस मेहकमा में बड़ा बदलाव किया है। योगी सरकार ने प्रदेश के 9 जिलों के कप्तानों को बदल दिया है। इसके साथ ही कुल 14 आईपीएस अफसरों का सरकार ने तबादला किया है।

इन आईपीएस अफसरों का हुआ तबादला


-आईपीएस विपिन टांडा एसपी बलिया से एसएसपी गोरखपुर बनाए गए हैं।
-आईपीएस राजकरण नैयर डीजीपी मुख्यालय से एसपी बलिया बनाए गए हैं।
-आईपीएस अंकित मित्तल एसपी चित्रकूट से एसपी रामपुर बनाए गए हैं।
-आईपीएस अविनाश पांडे चतुर्थ वाहिनी पीएसी प्रयागराज से एसपी उन्नाव बनाए गए हैं।
-आईपीएस नीरज कुमार जादौन एसपी हापुड से रढ बातपथ बनाए गए हैं।
-आईपीएस निखिल पाठक अप्पर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट कानपुर नगर से एसपी ललितपुर बनाए गए हैं।
-आईपीएस दीपक भूकर अपर पुलिस आयुक्त कानपुर नगर से पुलिस अधीक्षक हापुड़ बनाए गए हैं।
-आईपीएस धवल जायसवाल अपर पुलिस अधीक्षक गंगापार प्रयागराज से एसपी चित्रकूट बनाए गए हैं।
-आईपीएस सुरेश राव कुलकर्णी एसपी उन्नाव से पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय अधिसूचना लखनऊ भेजे गए हैं।
-आईपीएस शगुन गौतम एसपी रामपुर से पुलिस अधीक्षक अधिष्ठान भेजी गई हैं।
-आईपीएस राठौर किरीट के हरिभाई एसपी पीलीभीत से एसपी एलआईयू आगरा भेजे गये हैं।
-आईपीएस अभिषेक सिंह एसपी बागपत एसपी एटीएस लखनऊ बनाए गए हैं।
-आईपीएस प्रमोद कुमार एसपी ललितपुर एसपी लॉ एंड ऑर्डर डीजीपी मुख्यालय भेजे गए हैं।

ब्रज के शिव मंदिरों में उमड़े भक्त, दिनभर रुद्राभिषेक के बाद शाम को सजेंगे बंगला

मथुरा। सावन महीने के तीसरे सोमवार को ब्रज के शिव मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिरों में पहुंचे और गंगाजल, यमुना जल, दूध एवं पंचामृत से अभिषेक किया। हर-हर महादेव के जयकारों से शिवालय गुंजायमान हो गए।


सोमवार प्रात: से ही ब्रज के चार प्रमुख शिव मंदिर बाबा भूतेश्वर, कामेश्वर, चकलेश्वर, गोपेश्वर के साथ-साथ मथुरा के रंगेश्वर, गल्तेश्वर, महावन में चिंताहरण महादेव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। हजारों की संख्या में महिलाएं बच्चे, युवक और बुजुर्ग भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजन करने पहंचे। जयकारों के बीच शिव भक्तों ने दूध, दही, शहद, शक्खर, घृत और गंगाजल, यमुना एवं जल से अभिषेक किया। इसके पश्चात बेलपत्र, आक एवं धतूरा के पुष्पों, चंदन, भाग का भोग अर्पित किया।


मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तजन पूर्ण आस्था के भक्त पूजन कर रहे थे। वहीं मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतार लग रही थी। कतार में लगे भक्त अपनी पूजन के लिए अपनी बार का इंतजार करते देखे गए। मंदिर हर-हर महादेव के जयकारों के गूंज उठा।

मंदिर के पुजारियों ने बताया कि दिनभर भगवान शिव का अभिषेक होने होने के बाद सायंकालीन बेला में हिम शिलाओं यानि बर्फ के बंगला बनेंगे। इसके अलावा पुष्पोंं के बंगला में भगवान शिव विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिरों को गुब्बारों से सजाया जाएगा। उन्होंंने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व। सावन में पूजन करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

नहीं रहे टीवी सीरियल ‘प्रतिज्ञा’ के ‘ठाकुर सज्जन सिंह’, मुंबई के अस्पताल में हुआ निधन

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मुंबई। जाने-माने अभिनेता अनुपम श्याम का सोमवार को निधन हो गया। गुर्दे में संक्रमण के कारण उन्हें पिछले सप्ताह शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कई अंगों के काम करना बंद करने के बाद सोमवार को उनका निधन हो गया। अभिनेता के दोस्त यशपाल शर्मा ने यह जानकारी दी। अभिनेता (63) इन दिनों धारावाहिक ‘मन की आवाज :प्रतिज्ञा’ में काम कर रहे थे। वह फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ और ‘बैंडिट क्वीन’ में भी नजर आ चुके हैं।

श्याम के दोस्त एवं अभिनेता यशपाल शर्मा ने बताया कि वह पिछले चार दिन से उपनगर गोरगांव के ‘लाइफलाइन अस्पताल’ में भर्ती थे। उन्होंने अपने दो भाइयों अनुराग और कंचन की मौजूदगी में अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ चिकित्सकों ने करीब 40 मिनट पहले ही हमें उनके निधन की जानकारी दी। मैं तब उनके भाइयों अनुराग और श्याम के साथ अस्पताल में ही था। उनका शव अब भी अस्पताल में ही है। शव को न्यू डिंडोशी, एमएचएडीए कॉलोनी स्थित उनके घर ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार आज दिन में किया जाएगा।’’

श्याम ने अपने तीन दशक लंबे करियर में ‘सत्या’, ‘दिल से’, ‘लगान’, ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ जैसी कई फिल्मों में काम किया और 2009 में आए धारावाहिक ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’ में उनके ठाकुर सज्जन सिंह के किरदार को समीक्षकों की काफी सराहना भी मिली। वह हाल में ‘मन की आवाज :प्रतिज्ञा’ के दूसरे सीजन के लिए शूटिंग कर रहे थे। अनुराग ने पिछले साल ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि श्याम का डायलिसिस किया जा रहा है। अभिनेता के परिवार ने मनोरंजन जगत के उनके दोस्तों से उनके इलाज के लिए मदद करने का अनुरोध भी किया था।