Friday, December 26, 2025
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जीएलए में एमपी की एकल महिला साइकिलिस्ट का हुआ भव्य स्वागत

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  • एमपी की महिला साइकिलिस्ट ने कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में शुरू की साइकिल यात्रा दिल्ली से मथुरा जीएलए पहुंची

मथुरा : जिंदगी में बहुत परेशानियां सामने आती हैं। यह परेशानियां ऐसी होती हैं कि कभी-कभी तो व्यक्ति बिल्कुल अपाहिज हो जाता है, यानि कुछ करने लायक भी नहीं रहता। ऐसे में यही कमजोरी उसको आगे बढ़ने से रोकती है, लेकिन इन परेशानियों से बिल्कुल भी घबराना नहीं है।

यह प्रेरणादायक बातें जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में साइकिल यात्रा शुरू करने वाली एमपी की महिला साइकिलिस्ट आशा मालवीय ने विद्यार्थियों के साथ साझा कीं। साइकिलिस्ट ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 से 2023 तक संपूर्ण भारत में 26 हजार कि.मी. एकल महिला साइकिल यात्रा महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पूर्ण की थी। इसके बावजूद सुकुन नहीं मिला और फिर से ’कारगिल विजय दिवस कि रजत जयंती’ के अवसर पर यात्रा ’कन्याकुमारी से शुरू कर कारगिल पहुंच कर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये सशक्त सेना तथा समृद्ध भारत का संदेश पूरे विश्व को देने की ठानी। यात्रा के दौरान 15 अगस्त को हिम अच्छादित सियाचिन पहुंची तथा भारत के वीर सपूतों को नमन किया। उसके पश्चात 06 सितंबर, 2024 को दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मोटरेबल रोड से होकर वर्तमान में दिल्ली से होते हुए मथुरा पहुंची।

ब्रज की धरा पर पहुंचकर आशा ने यहां माटी को मस्तक से लगाया और जीएलए पहुंचकर विद्यार्थियों से रूबरू हुईं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जीवन में बहुत कठिनाईयां सामने आईं। असफलता भी कई बार हाथ लगी, लेकिन इस दौर में जिद्दी होना जरूरी था। लक्ष्य निर्धारित किया और चल पड़ी। उन्होंने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य तय होना जरूरी है। क्योंकि मन संतुलित नहीं रहता, इसे करना पड़ता है।

इस दौरान कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता से भी आशा मालवीय की मुलाकात हुई। कुलपति ने कहा कि इस दौर में साइकिल से इतनी लंबी यात्रा करना एक कठिन संघर्ष है। यह हमारे वीर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।

इस अवसर पर एसपी सरुक्षा बीबी चौरसिया, जीएलए के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, डा. रोहित अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा, डा. नेहा कुमारी, निहारिका सिंह, छात्रों में माधव, सौभाग्य ने साइकिलिस्ट का स्वागत किया।

के.डी. हॉस्पिटल में हुई बच्चे के जन्मजात विकृति की सफल सर्जरी

  • शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों से मयंक को मिला नवजीवन

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने बरसाना, मथुरा निवासी दिनेश के 10 माह के पुत्र मयंक की जन्मजात विकृति को सर्जरी के माध्यम से ठीक कर उसे नई जिन्दगी दी है। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसे छुट्टी दे दी गई है।
जानकारी के अनुसार कोई 10 माह पहले बरसाना, मथुरा निवासी दिनेश को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। बच्चे के मलद्वार यथास्थान नहीं था, इससे वह परेशान था। दिनेश जन्मजात विकृति से परेशान पुत्र मयंक को लेकर के.डी. हॉस्पिटल के शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला। डॉ. शर्मा ने बच्चे को देखा, जिसका मलद्वार यथास्थान नहीं था। बच्चे का मलद्वार मूत्र मार्ग से जुड़ा होने के कारण बच्चे की सर्जरी कराने का परामर्श दिया गया। दिनेश की स्वीकृति के बाद पहले तो डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा पेट पर मलद्वार बनाकर उसे नया जीवन प्रदान किया गया।
इस प्रक्रिया के लगभग 10 माह बाद डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा बच्चे मयंक की कुछ जांचें तथा एक्सरा कराने के बाद उसका मलद्वार यथास्थान बनाने के लिए सर्जरी की गई। डॉ. शर्मा ने सावधानीपूर्वक रैक्टम को मूत्र मार्ग से अलग कर दोनों मार्ग यथास्थान बनाए। मेडिकल भाषा में इसे रैक्टो यूरेथ्रल फिस्टुला कहते हैं और आपरेशन का नाम पोस्टीरियर सेजाइटल एनो रेक्टोप्लास्टी कहते हैं।
इस सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग सर्जरी रेजीडेंट डॉ. अनुराग ने किया। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा मल-मूत्र की सारी क्रियाएं सामान्य रूप से यथास्थान कर रहा है। बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ होने पर परिजनों ने डॉ. श्याम बिहारी शर्मा और के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार माना। इस सर्जरी पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि ऐसे बहुत कम मामले सामने आते हैं। हजारों बच्चों में एकाध बच्चे को इस तरह की परेशानी होती है, जिसका एकमात्र समाधान सर्जरी ही है। डॉ. शर्मा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में आधुनिकतम सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन होने से मुश्किल से मुश्किल आपरेशन सहजता से हो पाते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्चे की सफल सर्जरी के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए मयंक के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने अपने रचनात्मक कौशल से किया प्रभावित

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की रचनात्मकता, आत्मअभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठे कार्यक्रम पोएट्री स्लैम: ‘वॉयस ऑफ यूथ’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने अपने साहित्यिक कौशल, कविता, विविध दृष्टिकोण और सार्थक कलात्मक संचार की क्षमता का प्रदर्शन कर पुरुस्कार जीते।
कार्यक्रम की शुरुआत एंकर आध्या और अभिषेक द्वारा किए गए गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही विश्वविद्यालय के सभागार में सजे मंच पर विद्यार्थियों ने कविताओं और भावपूर्ण प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। प्रतिभागियों के काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन के साथ ही माहौल कल्पना और भावनाओं की दुनिया में बदल गया, डॉ. डी.एस. तोमर ने कविता के वास्तविक सार को उजागर करते हुए, इसकी सर्वग्राही विशेषता बताई। जयशंकर पांडे ने मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए वास्तविक और रील कविता के बीच अंतर पर विस्तार से प्रकाश डाला। एंकर आध्या और अभिषेक ने पूरे कार्यक्रम में एक आकर्षक और जीवंत प्रवाह बनाए रखते हुए, अपने विचारों को साझा करके माहौल को और समृद्ध किया। संस्कृति विवि के छायाकार निखिल शर्मा ने अपने लेखन से सभी को प्रभावित किया। विशेष आकर्षण साजिद का सहज प्रदर्शन था, जो कविता और स्टैंड-अप कॉमेडी के अपने अनूठे मिश्रण के साथ दर्शकों का दिल जीतने के लिए पर्याप्त साबित हुआ। फ़ोटोग्राफ़ी क्लब ने चित्रांकन के माध्यम से कार्यक्रम को खूबसूरती से कैद करके और इस अवसर पर एक कलात्मक स्पर्श के साथ कार्यक्रम में एक रचनात्मक आयाम जोड़ा। संस्कृति होटल एंड टूरिज्म विभाग के डीन रतीश शर्मा द्वारा परिणाम घोषित किए गए। उन्होंने प्रतिभागियों की असाधारण प्रतिभा की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान ‘आज के कवि’ के रूप में गौरव कुमार, दिन की आवाज़ बने देवांश और आशु, वाइब मेकर के रूप में विनीत पचौरी को चुना गया। प्रस्तुतियों के अनुसार प्रथम स्थान छात्रा भूमिका, द्वितीय प्रियांशु कुमारी और तीसरे स्थान पर छात्र प्रिंस राज कौशिक और श्रद्धा गुप्ता ने कब्जा किया। निर्णायक मंडल में विवि के जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी, डॉ. डी.एस. तोमर (डीन छात्र कल्याण), जयशंकर पांडे, रतीश शर्मा, सुश्री विधि सिंह और निखिल शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक क्लब की उपाध्यक्ष वैष्णवी राणा द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
कार्यक्रम संकाय समन्वयक डॉ. एकता कपूर के साथ इस आयोजन में सांस्कृति क्लब के पदाधिकारी पूर्वा गौतम, वैष्णवी राणा, लव सिकरवार, संजना सोलंकी, दिव्या सिंह, मो.कैफ इरशाद, स्वास्तिका सिंह आदि ने प्रमुख रूप से योगदान दिया।

चिन्मय कृष्ण का संबंध इस्कॉन से हो न हो, सनातन से अवश्य है, हम सनातनी उनके साथ खड़े : देवकीनंदन महाराज

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  • सनातन संत सम्मेलन में गरजे संत ‘ सनातन बोर्ड ‘ लेकर रहेंगे
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर कार्यवाही करे सरकार
  • संत सम्मेलन में हिंदू एकता पर जोर, भविष्य के खतरों पर मंथन

वृंदावन/कानपुर। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार ने अरेस्ट करके जेल में डाल दिया । इस्कॉन संस्था ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया । हम बांग्लादेश सरकार को बता देना चाहते हैं कि चिन्मय कृष्णदास का चाहे इस्कॉन से संबंध हो या न हो लेकिन सनातन से उनका संबंध है। भारतीय सनातनी हिंदुओं की लड़ाई में उनको अकेले नहीं छोड़ेंगे। यह विचार व्यक्त करते हुए धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने सनातन के लिए हिंदू एकता को जरूरी बताया। वे कानपुर में आयोजित सनातन संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे ।
गुरुवार को सनातन न्यास फाउंडेशन द्वारा मोतीझील स्थित कथा प्रांगण में सनातन बोर्ड के लिए संत सम्मेलन आयोजित किया गया। हजारों श्रोताओं से भरे पंडाल में संत, धर्माचार्यों ने सनातनी हिंदुओं के धार्मिक , सामाजिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता को भविष्य में सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होकर सनातन बोर्ड के गठन को जरूरी बताया।
सनातन न्यास के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज ने कहा कि किसी भी देश में हिंदुओं के लिए बोलने वाले व्यक्ति का संबंध भारत के सौ करोड़ हिंदुओं से है। भारत को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर कार्यवाही करनी चाहिए । मंदिर मस्जिद विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुगल आक्रांताओं ने जान बूझकर हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए मंदिरों को तोड़कर उसी स्थान पर मस्जिदें बनाईं। नहीं तो पुराने समय में जगह की कोई कमी नहीं थीं । कहा कि सनातनी स्थलों की सुरक्षा के लिए सनातन बोर्ड बनवाकर रहेंगे ।
सम्मेलन में दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद में रखे गए तीन बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्ति, सनातन बोर्ड का निर्माण, ओर तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट के दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई। वहीं संतों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर चेताते हुए भारत में इस स्थिति से पहले ही संभल जाने का आव्हान किया।
संत सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे पूज्य जगत गुरू मुनीषा आक्षम सहित महामंडलेश्वर उदितानंद , महामंडलेश्वर अरुण पुरी, साध्वी वैदिक शरण, आनंद भारती, साध्वी शतरूपा, स्वामी रामानंद, स्वामी चंद्रानंद, स्वामी मयंक दास, महामंडलेश्वर कृष्ण दास, मधुर महाराज, गोविंद दास महाराज, महामंडलेश्वर गोविंद दास, महामंडलेश्वर देवाचरण देवाचार्य, देवशरण दास महाराज ने अपने विचार रखे ।
मंच संचालन सनातन न्यास फाउंडेशन सचिव विजय शर्मा ने किया।

बर्ड सेंचुरी की तर्ज पर विकसित हो रही जोधपुर झाल

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  • उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा, आगरा और भरतपुर के मध्य 64 हेक्टेयर में कर रहा विकास
  • प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली जोधपुर झाल पर स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की 192 प्रजातियां रिकार्ड
  • संकटग्रस्त सारस क्रेन सहित 30 से ज्यादा प्रजातियों की प्रजनन स्थली, प्रवासी पक्षियों के अनुकूल हेविटाट विकसित

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा, आगरा और भरतपुर के मध्य जोधपुर झाल को बर्ड सेंचुरी के रूप में विकसित करने जा रहा है। फरह के निकट 64 हेक्टेयर् में फैली जोधपुर झाल पिछले कुछ सालों के दौरान देशी विदेशी पक्षियों की पसंद बन गई है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा धर्म नगरी मथुरा और ताज नगरी आगरा आने वाले पर्यटकों के लिए फरह के निकट जोधपुर झाल वेटलैंड विकसित किया जा रहा है। टर्मिनल नहर और सिकंदरा राजवाह के मध्य करीब चार किलोमीटर की परिधि में फैले जोधपुर झाल वेटलैंड के प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित किया जा रहा है। इसके लिए ईको-सिस्टम विकसित किया गया है। प्रवासी पक्षियों के अनुकूल हेविटाट विकसित किए जा रहे है। आवासीय पक्षियों के प्रजनन को बढाने और सुरक्षित करने के लिए लिए झाल में घना जंगल भी तैयार होगा। यहाँ सिविल कार्य फ़रवरी तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद हरित पट्टी विकसित की जाएगी। वहाँ 7 वाटर बॉडी, 13 आइसलेंड और 13 हट के साथ 2200 रनिंग मीटर नेचर वॉक भी विकसित होगी।
शुक्रवार को जोधपुर झाल का निरीक्षण उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास् परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने किया। उन्होंने यहाँ निर्माण कार्य सहित अन्य व्यवस्थाओं को देखा। पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश कुमार शर्मा और पक्षी विशेषज्ञ डा केपी सिंह के सुझाव पर कुछ सुधारात्मक आवश्यक दिशा निर्देश भी कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को दिए। इस मौके पर विकास प्राधिकरण के अभियंतागण भी मौजूद रहे।

पर्यटको के लिए तैयार हो रही सुविधाए…
पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा ने बताया कि जोधपुर झाल पर पर्यटको के लिए प्राथमिक सुविधाए तैयार की जा रही हैँ।
इसमें वाॅच टावर, जैवविविधता के अध्ययन केंद्र , ईको टूरिज्म के लिए स्थानीय युवको को नेचर गाइड की प्रशिक्षण की सुविधा, सेमिनार हॉल, पार्किंग, कैन्टीन और टायलेट आदि शामिल है। इस पर करीब 8.66 करोड़ की लागत आ रही है।

जोधपुर झाल में आने वाले प्रवासी पक्षी
बायोडायवर्सिटो रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डॉ के पी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल वेटलैंड पर स्थलीय व जलीय प्रवासी पक्षी आते हैं। प्रमुख रूप से ग्रेटर फ्लेमिंगो, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉटन पिग्मी गूज, बार-हेडेड गूज, पाइड एवोसेट , नॉर्दर्न शॉवेलर, ब्लैक-टेल्ड गॉडविट, टफ्टिड डक, ब्लूथ्रोट, कॉमन टील, नॉर्दर्न पिंटेल, ग्रेलैग गूज, रूडी शेल्डक, मल्लार्ड, यूरेशियन कूट, यूरेशियन विजन, सिट्रिन वेगटेल , जैकोबिन कूको , यूरेशियन स्पूनबिल, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ब्लिथ रीड वार्बलर, पेंटेड स्टॉर्क, रायनेक आदि प्रमुख हैं।

जोधपुर् झाल् पर् 184 प्रजातियां रिकॉर्ड…
जोधपुर झाल पर 184 प्रजातियों के पक्षियों को किया गया है रिकार्ड जिनमें 142 आवासीय प्रजातियां एवं 50 प्रवासी प्रजातियां दिखती हैं सालभर । जोधपुर झाल पर आईयूसीएन की रेड डेटा सूची के अनुसार लुप्तप्राय और निकट संकटग्रस्त पक्षियों की 15 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें 50 से अधिक प्रजातियाँ जोधपुर झाल पर प्रजनन करती हैं। जिनमें सारस क्रेन, ब्लैक-ब्रेस्टेड वीवर, स्ट्रीक्ड वीवर, बाया वीवर, गोल्डन ओरिओल, वूली-नेक्ड स्टॉर्क, स्ट्रॉबेरी फिंच, सिल्वरबिल, स्कैली ब्रेस्टेड मुनिया, तिरंगी मुनिया, ग्रीन बी-ईटर , इंडियन रोलर, ग्रे हॉर्नबिल, कॉपर स्मिथ बारबेट, ब्लैक फ्रैंकलिन, लेशर विशलिंग डक , पिजेन्ट टेल्ड जैकाना, ब्रोंज बिंग्ड जैकाना, स्पॉट-बिल बतख, ग्रेटर पेंटेड स्नाइप, ग्रे-हेडेड स्वैम्पेन, लिटिल ग्रीव शामिल हैँ।

मथुरा – हजारों लोगों को लील गया एक्सप्रेस-वे का सफ़र

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रिपोर्ट – विनोद शर्मा

ताज नगरी आगरा औऱ नोयडा की दूरी कम करने के लिये बनाया गया यमुना एक्सप्रेस-वे हर वर्ष हादसों का एक्सप्रेस-वे बनता जा रहा है। इस मार्ग पर होने वाले हादसों को लेकर हर कोई चिंतित भी है। जिसका कारण यह है कि इन हादसों में किसी न किसी ने अपने को जो खोया है। जो जिंदगी भर का दर्द दे जाता है। यह एक्सप्रेस-वे 165 किलोमीटर लम्बा है। इस एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो बीते 12 वर्षों में यह एक्सप्रेसवे 1320 लोगों को लील गया। एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न कारणों से 7425 हादसे हो चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा हादसे वाहन चालक को नींद की झपकी आने से हुए माने गये हैं।
यह आँकड़े सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यमुना एक्सप्रेस-वे ऑथिरिटी से माँगी गई सूचना से प्राप्त हुए हैं। 26 मार्च 2024 को आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन को ऑथरिटी की ओर से सूचनाएं उपलब्ध कराई गई थीं, जिसमें वर्ष 2012 से 2023 तक हुए हादसों की वजह वाहन चालकों को नींद की झपकी आना सबसे अधिक माना गया है, जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं कि वर्ष 2023 में 2022 की अपेक्षा 100 हादसे अधिक हुए हैं। वर्ष 2022 में एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटनाओ की सँख्या 311 है, जबकि 2023 में एक्सीडेंट की सँख्या 411 रही, जिसमें 725 लोग घायल हुए और वर्ष 2022 की आंकड़ो पर नजर डालें तो 621 लोग विभिन्न हादसों में घायल हुए थे।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर वर्ष 2021 से लेकर वर्ष 2023 तक घटित हुई दुर्घटनाओं के आंकड़ो पर नज़र डालें तो 7625 हादसे हुए। जिसमें 3364 हादसे वाहन चालक को नीद की झपकी आना माना गया है। तेज़ रफ़्तार के कारण 1304 हादसे हुए बताए गये हैं। इन सभी हादसों में 1320 लोगों की जाने गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक़ 522 लोगों की हादसे में हुई मौत वाहन चालक को झपकी लगने से होना पाया गया है। इसके अलावा 11160 लोग विभिन्न हादसों में घायल भी हुए हैं, जिसमें भी झपकी लगने से घायलों की सँख्या 4181 है और 1819 ओवर स्पीड से हुए हादसों में घायलों की सँख्या बताई गई है।
यमुना एक्सप्रेस-वे ऑथरिटी की ओर से एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये गये। ओवर स्पीड के लिये चालान का प्रावधान किया गया। फिर भी हादसे घटने की बजाय साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं। यह आंकड़े वर्ष 2023 तक के हैं। जबकि 2024 में भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों की सँख्या बढ़ी है और यही हाल रहा तो आँकड़े कम होने की बजाय बढ़ते जाएंगे, इससे बेहतर यही होगा कि इन हादसों को रोकने के लिये सड़क सुरक्षा नीति के तहत प्रशासनिक अफसरों को काम करने की आवश्यकता है।

रैगिंग रोकने शैक्षिक संस्थानों में बने पारिवारिक माहौलः डॉ. पुनीत बत्रा

  • के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में हुई एंटी रैगिंग पर कार्यशाला

मथुरा। रैगिंग समूचे शिक्षा तंत्र के लिए अभिशाप है। इससे जूनियर छात्र-छात्राओं में भय का वातावरण निर्मित होता है तथा वे पूर्ण मनोयोग से पढ़ाई नहीं कर पाते। रैगिंग से छात्र-छात्राओं को बचाने के लिए शैक्षिक संस्थानों में पारिवारिक माहौल बनाया जाना बहुत जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में रैगिंग से बहुत से छात्र-छात्राओं का करिअर बर्बाद हुआ है। उक्त उद्गार शुक्रवार को के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित एंटी रैगिंग कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ. पुनीत बत्रा ने कक्षा प्रतिनिधियों के साथ ही प्रथम वर्ष के स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
डॉ. बत्रा ने बताया कि 2009 में नशे में धुत सीनियर्स द्वारा मारे गए मेडिकल छात्र अमन काचरू के मामले ने रैगिंग विरोधी कानूनों के महत्व को सुर्खियों में ला दिया। अपने 19 वर्षीय बेटे को खोने के बाद अमन काचरू के पिता ने रैगिंग के खिलाफ एक एनजीओ शुरू किया, जोकि स्वयं यूजीसी की रैगिंग विरोधी समिति का हिस्सा थे। डॉ. बत्रा ने बताया कि अमन काचरू की मौत के बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग विरोधी नियमों का सख्ती से पालन किया जाना तय किया। प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान के लिए एंटी रैगिंग स्क्वॉड और एंटी रैगिंग समिति का गठन अनिवार्य कर दिया गया।
मुख्य वक्ता ने बताया कि शारीरिक शोषण का कोई भी कार्य मसलन हिंसा, यौन शोषण, समलैंगिक हमले, शारीरिक क्षति या छात्र-छात्राओं पर किसी तरह का कोई खतरा रैगिंग की ही श्रेणी में आते हैं। उन्होंने रैगिंग के कृत्य में शामिल छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सजा के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। डॉ. बत्रा ने बताया कि यदि कोई छात्र-छात्रा रैगिंग में संलिप्त पाया जाता है तो उसे किसी भी संस्थान में प्रवेश पाने से वंचित कर दिया जाता है। इतना ही नहीं अगर कोई शिकायत करता है तो उसे यात्रा वीजा प्राप्त करने से भी प्रतिबंधित किया जाता है।
डॉ. बत्रा ने कहा कि रैगिंग अन्य अपराधों से भिन्न है क्योंकि इसका उद्देश्य केवल विकृत सुख प्राप्त करना है। उन्होंने सीनियर छात्र-छात्राओं से अपने जूनियर्स के साथ छोटे भाई-बहन जैसा व्यवहार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल-कॉलेजों को छात्र-छात्राओं को परिवारिक माहौल देने की कोशिश करनी चाहिए। यदि किसी भी विद्यार्थी के साथ रैगिंग होती है तो उसे तुरंत कॉलेज की एंटी रैगिंग समिति को बताना चाहिए तथा रैगिंग समिति का भी यह कर्तव्य है कि वह शिकायत करने वाले छात्र या छात्रा की पहचान सुरक्षित और गुप्त रखे। डॉ. बत्रा ने जीवन में विकास और उत्थान के लिए टीम वर्क के महत्व को समझाने वाली एक अद्भुत कहानी के साथ अपनी वाणी को विराम दिया।
प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज पूरी तरह से रैगिंग मुक्त संस्थान है। यहां का एंटी रैगिंग सेल रैगिंग की रोकथाम के साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के स्वस्थ मानसिक विकास के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान कर रहा है। इसका वही उद्देश्य है जो रैगिंग को खत्म करने के लिए एआईसीटीई का है। एंटी रैगिंग सेल का आदर्श वाक्य है ‘टुगेदर, वी फील एट होम’। डॉ. लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज में सभी प्रवेशित छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के लिए रैगिंग विरोधी हलफनामा भरना अनिवार्य है।
डॉ. लाहौरी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य रैगिंग मुक्त परिसर बनाना है ताकि छात्र-छात्राएं पाठ्यचर्या और पाठ्येत्तर गतिविधियों में बिना किसी बाधा के एक साथ आकर अपने शैक्षिक अनुभवों को विकसित कर सकें। अंत में छात्र-छात्राओं को एंटी रैगिंग से बचाव के लिए पुस्तिकाएं प्रदान की गईं। कार्यशाला में डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. उमेश चंद्र प्रसाद, डॉ. सोनल गुप्ता, डॉ. विनय मोहन, डॉ. सुषमा, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया तथा सभी छात्रावासों के वार्डन उपस्थित रहे। अंत में प्राचार्य डॉ. लाहौरी ने डॉ. पुनीत बत्रा को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।

पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक पर पुजारी गौरव तिवारी ने लगाया मंदिर कब्जाने का आरोप

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  • बद्रीनाथ मंदिर कब्जाने के लिए तोड़ी गई मूर्तिया – पुजारी गौरव तिवारी
  • बद्रीनाथ मंदिर के परंपरागत पुजारी का आया बयान

मथुरा के भूतेश्वर स्थित बद्रीनाथ मंदिर पर एक स्थानीय पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक पर जबरन कब्जा किए जाने का आरोप लगा है, ये आरोप और किसी ने नहीं कथित तौर पर मंदिर के परम्परागत पुजारी ने लगाए हैं, गौरव तिवारी नामक युवक का आरोप है कि बद्रीनाथ मंदिर की पूजा पाठ उनके परबाबा राम साहे और बाबा हरि हर ने की है और खुद उन्होंने मंदिर की पूजा पाठ की है इसके दस्तावेज भी उनके पास हैं। आगे गौरव तिवारी ने कहा कि बीते कुछ समय में बद्रीनाथ मंदिर के दावेदारो की लाइन लग गई है और वर्तमान में मंदिर पर एक स्थानीय पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक का कब्जा है जो खुद वहां पुजारी बन के बैठ गया है उसकी मंदिर पर बुरी नजर है और हिंदू संगठनों का वो इसमें सहारा ले रहा है क्योंकि मन्दिर उसके ऑफिस से सटा हुआ है व उसने अपने ऑफिस से सीसीटीवी भी मंदिर के कनेक्ट कर दिए हैं।
गौरव तिवारी ने कहा कि पहले उन्हें वहां से भगाया गया फिर वहां निर्माण शुरू हुआ जिसको हिंदू संगठनों ने रुकवाया फिर उसके बाद असली खेल शुरू हुआ और स्थानीय पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक ने हिंदू संगठनों का सहारा लेकर वहां पर कब्जा कर लिया। गौरव तिवारी का तो यह भी आरोप है कि जब वह मंदिर गये तो पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक ने उन्हें और उनके परिवार को हड़का दिया कई बार यह कहकर वहां से भगा दिया कि जब तुम्हारा पूजा करने का समय आयेगा तुमको बता दिया जाएगा, जबकि उनके पास वह सभी दस्तावेज है जिसके मेरे दादा पर दादा ने मंदिर की सेवा की हुई बिजली का कनेक्शन भी हमारे नाम है उसकी रसीद भी मेरे पास है यहां तक की पर बाबा राम साहे तिवारी का वहां पर मृत्यु होने का मृत्यु प्रमाण पत्र भी है, आगे गौरव तिवारी ने कहा कि मंदिर की मूर्तियां कब्जा के मकसद से तोड़ी गई है और उसके बाद अचानक से 2 महीने में वहां निर्माण और डेटिंग पेंटिंग पोर्टल अभी न्यूज़ के मालिक द्वारा कराना कहीं न कहीं दाल में कुछ काला मिला होना प्रतीत हो रहा है, गौरव तिवारी ने मांग की है कि उनका परिवार बद्रीनाथ मंदिर पर परंपरागत रूप से पूजा पाठ करता हुआ आया है और आगे भी पूजा करता रहे इसके लिए वहां से अन्य लोगों को हटाया जाए।

संस्कृति विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान विशेषज्ञों ने बताई एआई की उपयोगिता

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष सभागार में “भविष्य के व्यवसायों के लिए एआई का लाभ उठाने” पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्टी में उद्योग जगत के लीडर, शिक्षाविदों ने छात्र व्यवसाय के भविष्य को आकार देने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की परिवर्तनकारी क्षमता पर विचार व्यक्त किए और संभावनाओं को बताया। संगोष्ठी के माध्यम से प्रतिभागियों को नेटवर्क बनाने और साथी पेशेवरों के साथ जुड़ने का अवसर मिला।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी(एआई) हमारे जीवन के हर क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला रही है। विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र में इसके असीमित उपयोग को लेकर अनेक प्रयोग हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एआई के माध्यम से उद्योगों को नया आकार दिया जा रहा है और किस प्रकार यह आर्थिक विकास को गति देने और आने वाले दशकों में नए व्यावसायिक अवसर पैदा करने के लिए उपयोगी है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने अपने स्वागत भाषण में शिक्षा और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का संक्षिप्त विवरण दिया और आधुनिक व्यावसायिक प्रथाओं में एआई के महत्व पर प्रकाश डाला। ओएनजीसी त्रिपुरा के प्रबंध निदेशक सानिल नंबूदरीपाद ने अपने उद्घाटन भाषण मं कहा कि संचालन को अनुकूलित करने, उत्पादकता बढ़ाने और सभी क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका है। संगोष्ठी में आईआईटी कानपुर में इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्लानिंग के डीन प्रोफेसर जे. राम कुमार ने व्यापार और उद्योग में एआई की परिवर्तनकारी भूमिका पर अपने दृष्टिकोण साझा किए और पारंपरिक व्यापार मॉडल में क्रांति लाने की इसकी क्षमता को विस्तार से बताया।
नीलसनआईक्यू, शिकागो, यूएसए के कार्यकारी निदेशक मनीष बथवाल ने वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल हो रहीं एआई रणनीतियों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे दुनिया भर के व्यवसाय नवाचार और प्रतिस्पर्धी लाभ के लिए एआई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहे हैं। सेमिनार के उत्तरार्ध में, गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर के प्रोफेसर डॉ. पी.के. सिंह ने कृषि और ग्रामीण व्यापार क्षेत्रों पर एआई के प्रभाव और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को आधुनिक बनाने और दक्षता में सुधार करने में एआई कैसे मदद कर सकती है, बताया।
सेमिनार का समापन संस्कृति विश्वविद्यालय के इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. गजेंद्र सिंह के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सभी वक्ताओं, उपस्थित लोगों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी के दौरान गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान किया गया, जहां विशिष्ट अतिथियों और वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने 511 छात्र-छात्राओं को बांटे स्मार्ट फोन

  • के.डी. मेडिकल कॉलेज के 222 एवं जीएल बजाज के 160 विद्यार्थी लाभान्वित
  • टैबलेटों का सकारात्मक प्रयोग कर छात्र-छात्राएं देश-प्रदेश के विकास में दें योगदान

मथुरा। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत गुरुवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के आडिटोरियम में करतल ध्वनि के बीच 511 छात्र-छात्राओं को प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने स्मार्ट फोन (टैबलेट) वितरित किए। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि इन स्मार्ट फोनों का सकारात्मक प्रयोग करते हुए प्रदेश, देश तथा ब्रजभूमि के विकास में अपना महती योगदान दें। स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुआ।
मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने के.डी. मेडिकल कॉलेज, जीएल बजाज, शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज कोटवन तथा संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बताया कि डिजी शक्ति के तहत डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना शुरू की गई है। मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रत्येक योजना किसी न किसी महान शख्सियत के नाम से इसलिए शुरू की जाती है ताकि छात्र-छात्राएं उनके कृतित्व से प्रेरणा लेकर प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अल्पायु में ही समूची दुनिया में भारत को गौरवान्वित किया था।
मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां देश के विकास को पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त कर उत्तर प्रदेश के विकास को गति दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन टैबलेटों का वितरण प्रदेश के प्रत्येक युवा को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए कर रही है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि हर चीज के दो पहलू होते हैं, सकारात्मक और नकारात्मक। उन्होंने कई धार्मिक, सामाजिक तथा वैज्ञानिक उद्धरणों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को सीख दी।
अंत में उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि चूंकि आप सभी उज्ज्वल भारत का भविष्य हैं लिहाजा इन टैबलेटों का प्रयोग सकारात्मक कार्यों के लिए ही करना उपयुक्त होगा। इस अवसर पर उन्होंने आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल के कृतित्व की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम किए हैं। के.डी. मेडिकल कॉलेज ब्रज के लिए बहुत बड़ी सौगात है।
टैबलेट वितरण से पूर्व के.डी. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार, महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल, जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, डॉ. एस.के. बंसल, डॉ. वीपी पांडेय, डॉ. मंजू पाण्डेय, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. लीना गोयल आदि ने अतिथियों मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, एसडीएम छाता श्वेता चौधरी, जिला सहकारी बैंक के डायरेक्टर नरदेव चौधरी, राजवीर सिंह चौधरी, क्षेत्राधिकारी पुलिस आशीष कुमार शर्मा आदि का पौध भेंटकर स्वागत किया। टैबलेट वितरण कार्यक्रम में के.डी. मेडिकल कॉलेज के 222, जीएल बजाज के 160, संस्कृति विश्वविद्यालय के 79 तथा शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज कोटवन के 50 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अम्बरीश कुमार ने किया तथा टैबलेट वितरण में अंशुमन वर्मा, आयुष गोयल, अंश वार्ष्णेय, दुष्यंत, गिरीश चंद्र, अमरचंद, राधाकृष्ण, अखिलेश शुक्ला, पवन कुमार, विनोद सिसोदिया आदि ने सहयोग दिया।