Thursday, December 18, 2025
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आरआईएस की छात्रा आद्रिका ने फहराया अपनी मेधा का परचम

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विजेता ट्रॉफी के साथ जीता 20 हजार रुपये का नगद पुरस्कार
“यूपीडब्ल्यूकॉन 2025” में पार्किंसन्स के मरीजों के लिए बनाई डिवाइस
मथुरा। प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मसूरी में तकनीक और नवाचार के उत्सव में राजीव इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 12 की मेधावी छात्रा आद्रिका अवस्थी ने पार्किंसंस के मरीजों के लिए डिवाइस बनाकर विजेता ट्रॉफी के साथ ही 20 हजार रुपये का पुरस्कार जीतकर समूचे ब्रज क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। मुख्य अतिथि डॉ. नीरजा गुप्ता वाइस चांसलर गुजरात यूनिवर्सिटी ने विजेता छात्रा को 20 हजार रुपये का चैक, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
विज्ञान, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को मंच देने के उद्देश्य से जेपी रेजीडेंसी मसूरी, (उत्तराखंड) में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय “यूपीडब्ल्यूकॉन 2025” में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की छात्राओं ने अपने तरह-तरह के मॉडलों से महिला वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों को काफी प्रभावित किया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने बताया कि वर्तमान समय में पार्किंसंस रोग के निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण उपलब्ध नहीं है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छात्रा आद्रिका अवस्थी ने पार्किंसंस के मरीजों के लिए डिवाइस तैयार की। इस डिवाइस से पार्किंसंस रोग से पीड़ित व्यक्ति की जीवन शैली आसान हो जाएगी तथा वे किसी भी वस्तु को आसानी से पकड़ पाएंगे तथा अपने आप अपना कार्य करने में सक्षम हो सकेंगे। प्रिंसिपल प्रिया मदान ने कहा कि छात्रा की इस सफलता में साइंस टीचर गीतांजलि यदुवंशी का विशेष सहयोग रहा।
“यूपीडब्ल्यूकॉन 2025” सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्रों, पैनल चर्चाओं और शोध प्रस्तुतियों के माध्यम से महिलाओं की वैज्ञानिक उपलब्धियों, तकनीकी नवाचारों और नेतृत्व के अवसरों पर चर्चा की गई। महिला इंजीनियरों द्वारा तैयार किए गए रोबोटिक्स मॉडल, एआई आधारित सिस्टम, ग्रीन एनर्जी डिवाइस और डिजिटल सॉल्यूशंस की विशेषज्ञों ने जमकर प्रशंसा की। अंत में निर्णायकों डॉ. एस.के. धुरंधर, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, दीपक वासन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, आलोक पांडेय, डायरेक्टर आईआईडीटी, डॉ. नीरजा गुप्ता, वाइस चांसलर गुजरात यूनिवर्सिटी, डॉ. अनुराग गुप्ता, डायरेक्टर एनआईईएलआईटी हरिद्वार, डॉ. अरुण कुमार सिंह आरईसी कन्नौज आदि ने आद्रिका अवस्थी की सोच और डिवाइस की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्रा आद्रिका अवस्थी की प्रशंसा करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह डिवाइस पार्किंसन्स के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह सफलता आद्रिका को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी तथा अन्य छात्राओं को भी नया दृष्टिकोण देगी। श्री अग्रवाल ने कहा कि तकनीक अब सिर्फ पुरुषों की दुनिया नहीं रही। अब महिलाएं भी एआई, क्लॉउड, डाटा साइंस और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
चित्र कैप्शनः “यूपीडब्ल्यूकॉन 2025” में अतिथियों से प्रशस्ति-पत्र और चैक लेते हुए छात्रा आद्रिका अवस्थी।

संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता महेश्वरी हास्पिटल मथुरा की निदेशक डा. अनुराधा महेश्वरी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए।

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संस्कृति विवि में वक्ताओं ने कहा, महिलाएं होंगी स्वस्थ तो देश होगा सशक्त
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में मिशन शक्ति अभियान के तहत संस्कृति स्कूल आफ योग एंड नेचरोपैथी द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय था, ‘स्वस्थ महिला, सशक्त देश’। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आज देश की उन्नति में महिलाओं की बराबर से भागीदारी है। महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तो सशक्त होंगी और महिलाएं सशक्त होंगी तो देश भी मजबूती से आगे बढ़ेगा।
बताते चलें कि मिशन शक्ति अभियान एक विशेष योजना है जो महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है। यह अभियान महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में समान भागीदार बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर केंद्रित है। सरकार की इसी योजना के तहत संस्कृति विश्वविद्यालय में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में ‘स्वस्थ महिला, सशक्त देश’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य वक्ता महेश्वरी हास्पिटल मथुरा की निदेशक डा. अनुराधा महेश्वरी ने कहा कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास की ओर हमें ध्यान देना होगा। विशेष रूप से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने की जरूरत है।
डा. महेश्वरी ने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि आप किसी भी समस्या से विचलित न हों। हो सकता है कि जो समस्या आपको बड़ी लग रही हो और जिसके कारण आप दबाव या निराशा महसूस कर रहे हैं वह उतनी बड़ी न हो। आपको इसका एहसास तब हो जाएगा जब आप अपनी समस्या को अपने परिवारीजन, काउंसलर या फिर अपने शिक्षकों से शेयर करेंगे। उन्होंने कहा कि हर विश्वविद्यालय में पूरा एक सिस्टम होना चाहिए जो समय समय पर विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर उनकी समस्याओं का निराकरण करे। उन्होंने कहा कि युवतियों की स्वावलंबी बनने की शुरुआत घर से होती है। समाज में परिवर्तन आ रहा है लड़कियों पर भी अब उतना ही ध्यान दिया जा रहा है जितना लड़कों पर। देश के विकास के लिए महिलाओं का स्वस्थ और स्वावलंबी होना जरूरी है।
इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों का भी संतुष्टिपूर्ण जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम के दौरान संस्कृति स्कूल आफ योग एंड नेचरोपैथी की विभागाध्यक्ष डा. तनुश्री ने छात्राओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। कार्यक्रम में मौजूद छात्र कल्याण विभाग के डीन डा. डीएस तोमर ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को स्वस्थ और अनुशासित रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की संयोजिका डा. रीना रानी ने अतिथि वक्ता डा. अनुराधा महेश्वरी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन छात्रा काजल जायसवाल ने किया।

परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में बनेगी शिशु वाटिका, भूमि पूजन सम्पन्न

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वृंदावन। गौशाला नगर स्थित परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में नव निर्मित शिशु वाटिका भवन का भूमि पूजन बड़े ही श्रद्धा, उल्लास एवं वैदिक रीति से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ राहुल वशिष्ठ द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य भूमि पूजन एवं पूजा-अर्चना के साथ किया गया। मुख्य अतिथि ने प्रथम ईंट रखकर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
विद्यालय प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि शिशु वाटिका का निर्माण नन्हे भैयाओं के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसमें बच्चों के लिए सुरक्षित, आकर्षक एवं शिक्षणोपयोगी वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। बताया कि शिशु वाटिका में नवीन प्रवेश सत्र 2026-27 से शुरू हो जायेंगे जिसमें कक्षा नर्सरी से पाँच तक की सभी कक्षाओं में संचालन शुरू हो जायेगा।
विद्यालय की इस नवीन पहल की सराहना करते हुए कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा जीवन की मजबूत नींव होती है और शिशु वाटिका इस दिशा में एक अनुकरणीय कदम सिद्ध होगी।
प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए इस शिशु वाटिका के संचालन में पूर्ण सहयोग की बात कही।
इस अवसर पर प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, प्रधानाचार्य विपिन कुमार शर्मा समेत विद्यालय के सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने वर्ल्ड्स ऑफ वंडर में उठाया लुत्फ

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बीसीए की टोली बोली- रोमांच और सीख से भरी रही यह शैक्षिक यात्रा
मथुरा। सीख केवल कक्षा की चार-दीवारों तक सीमित नहीं होती। कभी-कभी सबसे प्रभावी शिक्षा अनुभव, सहभागिता और आनंद के माध्यम से भी मिलती है। इसी बात को ध्यान में रखकर राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के बीसीए छात्र-छात्राओं को देश के प्रमुख एडवेंचर और मनोरंजन स्थलों में से एक नोएडा स्थित वर्ल्ड्स ऑफ वंडर ले जाया गया। वर्ल्ड्स ऑफ वंडर का लुत्फ उठाकर लौटे छात्र-छात्राओं ने बताया कि यह शैक्षिक भ्रमण रोमांच और सीख से भरा रहा।
प्राध्यापकों गौरव गोस्वामी, मयंक दीक्षित तथा हरजीत यादव के मार्गदर्शन में वर्ल्ड्स ऑफ वंडर में छात्र-छात्राओं ने उत्साह और उमंग के बीच वेव पूल में तैराकी, रेन डांस और वाटर स्लाइड्स के रोमांच का आनंद लिया। पार्क की एक विशेष राइड रैपिड रेसर विद्यार्थियों को बहुत अच्छी लगी। प्राध्यापकों ने बताया कि वर्ल्ड्स ऑफ वंडर दिल्ली-एनसीआर का एक प्रसिद्ध मनोरंजन स्थल है, जो अपने विशाल वाटर पार्क, एडवेंचर राइड्स और अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यहां सभी आयु वर्गों के लिए विविध प्रकार की राइड्स उपलब्ध हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ टीमवर्क और उत्साह को भी बढ़ावा देती हैं।
बीसीए विभागाध्यक्ष चंद्रेश दुबे ने बताया कि इस शैक्षिक भ्रमण का मकसद छात्र-छात्राओं को मनोरंजक के साथ उन्हें सीखने और आगे बढ़ने का अवसर देना है। श्री दुबे ने कहा कि शैक्षिक टूर विद्यार्थियों के सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। इस शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने न केवल साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लिया बल्कि टीमवर्क, नेतृत्व और सकारात्मक ऊर्जा के महत्व को भी समझा। छात्र-छात्राओं ने बताया कि यह शैक्षिक यात्रा तनावमुक्त वातावरण में आपसी सामंजस्य और सहयोग की भावना को मजबूत करने का एक बेहतरीन अवसर साबित हुई। विद्यार्थियों ने संस्थान और अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जिसने उन्हें न केवल आनंद दिया बल्कि नई ऊर्जा और प्रेरणा भी प्रदान की।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया, ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने विद्यार्थियों के उत्साह और सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि राजीव एकेडमी हमेशा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि ऐसे अवसर विद्यार्थियों को न केवल मानसिक ताजगी प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें व्यावहारिक सीख, टीम भावना और नेतृत्व कौशल विकसित करने का अवसर भी देते हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने बताया कि इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को कक्षा से बाहर एक यादगार अनुभव देना था, जहां वे आनंद और विश्राम दोनों का अनुभव कर सकें। डॉ. भदौरिया ने कहा कि ऐसे अवसर छात्र-छात्राओं के मानसिक और सामाजिक विकास में सहायक होते हैं। इससे उन्हें टीम भावना, नेतृत्व क्षमता और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर मिलता है।
चित्र कैप्शनः नोएडा के वर्ल्ड्स ऑफ वंडर में राजीव एकेडमी के बीसीए छात्र-छात्राएं।

परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में लक्ष्य बोध कार्यक्रम आयोजित

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लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल परिश्रम ही नहीं, बल्कि कुशल रणनीति भी आवश्यक : वी. के. शर्मा

-छात्रों में जागा उत्कृष्टता का संकल्प

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में कक्षा दशम एवं द्वादश के विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य बोध कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के वाइस प्रेसिडेंट एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर वी. के. शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि के. आर. डिग्री कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के सेवा निवृत्त व्याख्याता राकेश सारस्वत द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया।
सर्वप्रथम प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने लक्ष्य बोध प्रपत्र एवं कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि सामान्य प्रयासों से सामान्य सफलता ही प्राप्त की जा सकती है, परंतु अन्यतम लक्ष्य पाने के लिए लक्ष्य भी अन्यतम ही होना चाहिए। उच्च लक्ष्य सदैव उच्च उपलब्धियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 के लिए आचार्य बन्धुओं द्वारा विद्यार्थियों को उनके समग्र आकलन के आधार पर सार्थक एवं यथार्थ लक्ष्य निर्धारित करने हेतु निर्देशित और प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम में अभिषेक तिवारी ने विद्यार्थियों की ओर से प्रेरणादायक लक्ष्य गीत प्रस्तुत कर सभी को उत्साहित किया।
मुख्य अतिथि प्रो. वी. के. शर्मा ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए केवल परिश्रम ही नहीं, बल्कि कुशल रणनीति भी उतनी ही आवश्यक है। यदि बुनियाद मजबूत न हो तो इमारत की ऊँचाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता। उन्होंने रोचक खेलों और पहेलियों के माध्यम से विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि मूलभूत शिक्षा और जीवन मूल्यों की सुदृढ़ नींव ही सफलता का सच्चा आधार है। विशिष्ट अतिथि राकेश सारस्वत ने स्वामी विवेकानंद के जीवन की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारण के साथ-साथ एकाग्रचित्त अभ्यास भी उतना ही आवश्यक है। जिस प्रकार एकाग्र मन से किया गया कोई भी कार्य सहजता से सिद्ध होता है, उसी प्रकार एकाग्रता से किया गया अध्ययन उत्तम परिणाम देता है। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में कक्षा 10 एवं 12 के छात्रों ने अपने-अपने परीक्षा लक्ष्यों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। छात्रों ने अपनी अध्ययन रणनीति, समय प्रबंधन विधियाँ एवं सफलता की योजनाएँ साझा कर अन्य साथियों को भी प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में विद्यालय के प्रबन्धक, पूर्व वायुयोद्धा शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि अपेक्षाओं को बोझ न मानते हुए सहज भाव से परिश्रम करते रहें। उत्साही रक्त, विचारवान मस्तिष्क, संवेदनशील हृदय और प्रखर पुरुषार्थ ही सफलता का सरलतम सूत्र है।
इससे पूर्व प्रबंधन परिवार की ओर से शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन शर्मा, उप प्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा, कार्यक्रम संयोजक मनोज वार्ष्णेय, ललित गौतम, देवेंद्र गौतम एवं आभास अग्रवाल द्वारा अतिथियों का स्मृति चिह्न एवं उत्तरीय भेंटकर स्वागत किया गया। अभिभावकों की उल्लेखनीय उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को केवल औपचारिक आयोजन न रहने देकर छात्रों एवं अभिभावकों दोनों के लिए प्रेरणास्रोत बना दिया।संचालन राहुल शर्मा ने किया।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दिया स्वस्थ समाज का संदेश

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रान्हेरा के लोगों को वन हेल्थ की अवधारणा से किया जागरूक
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा आईएपीएसएम और आईसीएमआर के निर्देशन में मंगलवार को गांव रान्हेरा में ‘वन हेल्थ अवेयरनेस रैली’ निकाली गई। इस अवसर पर नोडल आफिसर (वन हेल्थ) डॉ. निखिल थोरात ने लोगों को जूनोटिक रोगों तथा पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। वन हेल्थ रैली में सीनियर एवं जूनियर रेजिडेंट्स के साथ बड़ी संख्या में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
वन हेल्थ जागरूकता रैली में रान्हेरा के लोगों को स्वास्थ्य संरक्षण, पर्यावरण संतुलन एवं एकीकृत स्वास्थ्य दृष्टिकोण से संबंधित नारों एवं स्लोगनों के माध्यम से जागरूक किया गया। नोडल आफिसर डॉ. निखिल थोरात ने बताया कि इस जागरूकता अभियान का मकसद इंसानों, जानवरों और पर्यावरण के स्वास्थ्य को जोड़ने वाली ‘वन हेल्थ’ की वैश्विक अवधारणा को बढ़ावा देना है। डॉ. थोरात ने ग्रामीणों को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के ग्रामीण स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम थोड़ी सी समझदारी दिखाकर इंसान, जानवर और पर्यावरण को बचा सकते हैं।
विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन डॉ. अमनजोत कौर चौहान ने अपने संदेश में कहा कि रेबीज, कोविड-19 और एवियन इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए आज चिकित्सा, पशु चिकित्सा और पर्यावरण के क्षेत्र में मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इंसानों, जानवरों और हमारे आसपास के पर्यावरण का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। अगर एक भी चीज बीमार होती है, तो उसका असर दूसरों पर जरूर पड़ता है। डॉ. कौर ने कहा कि वन हेल्थ जागरूकता रैली का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार करना, मानव और पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, जैव विविधता की रक्षा करना तथा स्वच्छ वायु, जल तथा मिट्टी की आवश्यकता पर जोर देना है।
प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने संदेश में कहा कि वन हेल्थ की अवधारणा भविष्य के स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र की आधारशिला है। जिसमें मानव, पशु और पर्यावरण का स्वास्थ्य एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक साझा प्रयास है जो सभी के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा। डॉ. अशोका ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां छात्र-छात्राओं को जनस्वास्थ्य के प्रति उत्तरदायी बनाने के साथ उनमें नेतृत्व भावना का विकास करेंगी।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा, पशु चिकित्सा और पर्यावरण के विशेषज्ञों को मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे हम रेबीज जैसी बीमारियों को रोक सकते हैं। साथ ही कोविड-19 और एवियन इन्फ्लूएंजा जैसी महामारियों से भी बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं। वन हेल्थ रैली में डॉ. निखिल थोरात, डॉ. सुभ्रा दुबे, डॉ. श्वेता सिंह आदि के साथ बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं शामिल थे।
चित्र कैप्शनः गांव रान्हेरा में ‘वन हेल्थ अवेयरनेस रैली’ निकालते चिकित्सक और मेडिकल छात्र-छात्राएं।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों ने किया आगरा के होटल में शैक्षिक भ्रमण

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों का दल शैक्षणिक भ्रमण पर आगरा स्थित ग्रांड मरक्योर(एकोर होटल) में।
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों का एक दल ने ग्रांड मरक्योर(एकोर होटल्स) आगरा का शैक्षिक भ्रमण किया। इस औद्योगिक भ्रमण का उद्देश्य आतिथ्य क्षेत्र के छात्रों को पाँच सितारा होटलों में अपनाई जाने वाले संचालन, सेवाओं और प्रबंधन पद्धतियों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था। इस भ्रमण के दौरान संस्कृति के विद्यार्थियों ने होटल विभागों, अतिथि प्रबंधन प्रक्रियाओं और आतिथ्य उद्योग में अपनाए जाने वाले पेशेवर मानकों के बारे में व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया।
इस दल में संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के 66 छात्र, तीन संकाय सदस्य गगन शर्मा, शुभांगी सक्सेना, और कपिल शर्मा शामिल थे। बीएचएम प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रैंड मर्क्योर (एकोर होटल्स) का एक औद्योगिक दौरा आयोजित किया गया, जिसमें कुल 34 छात्रों ने भाग लिया। इस दौरे का समन्वय और संचालन श्री गगन शर्मा, सहायक प्रोफेसर द्वारा, विभागाध्यक्ष श्री रतीश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। ग्रैंड मर्क्योर (एकोर होटल्स) पहुँचने पर विद्यार्थियों के इस दल का होटल के एचआर मैनेजर सचिन द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सत्र की शुरुआत ग्रैंड मर्क्योर (एकोर होटल्स) के इतिहास, ब्रांड विरासत और सुविधाओं पर एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के साथ हुई। प्रस्तुति के बाद, सुश्री लवीना जैन (एल एंड डी प्रबंधक) और विशाल सिंह ने छात्रों को होटल के विभिन्न विभागों के बारे में बारीकी से जानकारियां दीं। छात्रों ने एक संवादात्मक सत्र में भी भाग लिया जिसमें होटल के अधिकारियों, कर्मचारियों ने अपने पेशेवर अनुभव और परिचालन संबंधी जानकारी विद्यार्थियों से साझा की। छात्रों ने उत्साह के साथ इस शैक्षणिक भ्रमण में में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उन्हें होटल संचालन और उद्योग मानकों के बारे में बहुमूल्य व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ। इस यात्रा का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें एकॉर होटल्स के प्रबंधन और कर्मचारियों के प्रति उनके उत्साही आतिथ्य और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया गया।
संस्कृति स्कूल आफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट के डीन डा. रतिश शर्मा ने बताया कि इस यात्रा ने छात्रों की वास्तविक दुनिया के होटल संचालन और प्रबंधन प्रथाओं की समझ को समृद्ध किया। इसने उन्हें सैद्धांतिक अवधारणाओं को व्यावहारिक अनुप्रयोगों से जोड़ने में भी मदद की, जिससे पेशेवर विकास और भविष्य के उद्योग अनुभव के लिए तत्परता को बढ़ावा मिला। होटल के सचिन, मानव संसाधन प्रबंधक, सुश्री लवीना जैन (प्रबंधन एवं विकास प्रबंधक) और विशाल सिंह को संस्कृति विवि के दल की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

वृंदावन में चित्रों में बोल उठीं श्रीकृष्ण-राधा की 21 लीलाएँ

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उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर-2025 में देश भर से आये चित्रकारों ने कैनवास पर रंगों से चित्रित कीं लीलाएं

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कलाकारों को किया सम्मानित, दूरदर्शन बना रहा डॉक्यूमेंट्री

वृंदावन। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के गीता शोध संस्थान में 01से 03 नवंबर तक आयोजित श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर-2025 में देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने कृष्ण की 21 प्रमुख लीलाओं को चित्रित किया।
रंगों और तूलिकाओं के माध्यम से कलाकारों ने ब्रज संस्कृति और जनजीवन में रची-बसी भक्ति भावना को साकार किया।
समापन समारोह में मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सूरज पटेल ने कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ कृतियों को मुख्यमंत्री कार्यालय में वह भारत सरकार के डाक विभाग कार्यालय में लगाया जाएगा भविष्य में ग्लोबल चित्रांकन शिविर का आयोजन भी होगा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी जी कल के क्षेत्र में कल संरक्षण पर विशेष बल दे रहे हैं
इस अवसर पर डॉ. राजीव द्विवेदी (वृंदावन रिसर्च इंस्टीट्यूट), श्री दिनेश खन्ना (गीता शोध संस्थान), डॉ. उमेश चंद्र शर्मा (ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ), श्री चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार (कोऑर्डिनेटर) तथा दूरदर्शन के कार्यक्रम अधिकारी श्री सत्यव्रत सिंह व इस शिविर कोऑर्डिनेटर सुश्री मोहिनी कृष्ण दासी कथा प्रवक्ता आदि ने चित्रकारों को पटुका पहनाकर सम्मानित किया।
भुज (गुजरात) की अवनी पीयूष सोनी ने कृष्ण के बांसुरी वादन की लीला को चित्रित किया,
मथुरा की प्रीति चौहान और प्रो. पूनम रानी (अलीगढ़) ने कृष्ण की प्रतीक्षा में राधा का भावचित्र बनाया।
कमलेश्वर रासबिहारी (मथुरा) ने रासलीला की छटा साकार की, जबकि कंचन प्रकाश (ग्रेटर नोएडा) ने बिहार की वज्जिका शैली में राधा-कृष्ण प्रेम को चित्रित किया।
अन्य कलाकारों में सुमन डोंगरे (उज्जैन), अलका मनीष पाठक (सीहोर), अलका झा (इंदौर), नेहा (लखनऊ), डॉ. मनोज (आगरा), रिमी पोद्दार (ग्रेटर नोएडा), विनोद कुमार सिंह (लखनऊ), डॉ. कुमुद वाला (कानपुर), पूजा म्हात्रे (मुंबई), रीना सिंह (दिल्ली), डॉ. प्रिंस राज (मेरठ) और चित्रलेखा (आगरा) ने भी अपनी-अपनी कृतियों से भक्ति और कला का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत किया।

भावी चिकित्सकों को दी बदलते वैश्विक दंत चिकित्सा क्षेत्र की जानकारी

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सतत दंत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में डॉ. विशाल गुप्ता ने साझा किए अनुभव
मथुरा। दंत स्वास्थ्य सौंदर्यबोध ही नहीं बल्कि समग्र स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। आप कहीं भी रहते हों दांतों की नियमित जांच, उचित ब्रशिंग और संतुलित आहार के जरिए अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। हम वैश्विक स्तर पर दंत चिकित्सा के परिदृश्य को समझकर, सभी के लिए बेहतर मौखिक स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकते हैं। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में सतत दंत चिकित्सा शिक्षा (सीडीई) कार्यक्रम में जाने-माने दंत चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. विशाल गुप्ता ने बताईं।
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल तथा पीएफए इंडिया सेक्शन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सतत दंत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में डॉ. विशाल गुप्ता ने वैश्विक डेंटल सिनारियो, संक्रमण नियंत्रण, डिजिटल दंत चिकित्सा, हड्डी ग्राफ्टिंग और निर्देशित हड्डी रीजनरेशन (जीबीआर) सहित महत्वपूर्ण विषयों पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को न केवल जानें बल्कि अपने ज्ञान और कौशल में भी इजाफा करें।
डॉ. विशाल गुप्ता एक समर्पित और उत्साही दंत चिकित्सक हैं, जोकि 2008 से ओरल इम्प्लांटोलॉजी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। डॉ. गुप्ता ने के.डी. डेंटल कॉलेज से ही अपनी दंत चिकित्सा की डिग्री पूरी की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने 2009 में “साइनस ऑग्मेंटेशन तकनीकों” पर अपने काम के लिए अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन से स्टूडेंट क्लीनिशियन अवॉर्ड नामक एक प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता। उनका काम इतना प्रभावशाली था कि 2009 में उन्हें अन्य विजेताओं के साथ इंडियन डेंटल एसोसिएशन पत्रिका के कवर पेज पर भी छापा गया।
स्नातक होने के बाद डॉ. विशाल गुप्ता ने अपनी शिक्षा जारी रखी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए), यूएसए और गाइड इंस्टीट्यूट से इम्प्लांट डेंटिस्ट्री में मास्टर क्लीनिशियन वन ईयर प्रोग्राम पूरा किया। डॉ. गुप्ता को दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कई अवॉर्ड मिल चुके हैं, जिनमें आईसीओआई (यूएसए), डब्ल्यूसीओआई (जापान) के फेलो और डिप्लोमेट तथा अंतरराष्ट्रीय दंत चिकित्सा संगठनों के फेलो शामिल हैं।
सतत दंत चिकित्सा शिक्षा (सीडीई) कार्यक्रम में डॉ. विशाल गुप्ता ने छात्र-छात्राओं से वैश्विक दंत चिकित्सा परिदृश्य पर दंत चिकित्सा के वर्तमान परिदृश्य और चुनौतियों पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने रोगी देखभाल में सुधार के तहत संक्रमण नियंत्रण, रबर डैम के उपयोग और उचित केस इतिहास रिकॉर्डिंग पर जोर दिया। डॉ. गुप्ता ने डिजिटल दंत चिकित्सा की प्रगति के साथ अद्यतन रहने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अस्थि प्रत्यारोपण और अस्थि पुनर्जन्म (जीबीआर) में नवीनतम तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर भी चर्चा की। डॉ. गुप्ता ने भावी दंत चिकित्सकों को वैश्विक दंत चिकित्सा पर स्थानीय देखभाल से लेकर वैश्विक प्रभाव तक की जानकारी दी।
सतत दंत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम की सफलता में कमेटी सदस्यों डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज गौर, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. मनीश भल्ला तथा डॉ. जुही दुबे का अहम योगदान रहा। विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत तथा प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि ने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। अंत में मुख्य वक्ता ने प्रमाण-पत्र प्रदान कर छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाया। प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने रिसोर्स परसन डॉ. विशाल गुप्ता का पुष्पगुच्छ भेंटकर आभार माना। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि मेडिकल क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं, ऐसे में छात्र-छात्राओं का अपडेट रहना बहुत जरूरी है।
चित्र कैप्शनः प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी तथा रिसोर्स परसन डॉ. विशाल गुप्ता के साथ छात्र-छात्राएं। दूसरे चित्र में रिसोर्स परसन डॉ. विशाल गुप्ता को पुष्पगुच्छ भेंट करते हुए प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी।

मथुरा। संस्कृति यूनिवर्सिटी के चांसलर सचिन गुप्ता 4 नवंबर को 48 वर्ष के पूरे होकर 49 वे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। सचिन जी प्रतिवर्ष की भांति अबकी बार भी अपना जन्मदिन दिव्यांगों के साथ मनाएंगे। उनकी यह बात लीक से हटकर है।

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 मथुरा। संस्कृति यूनिवर्सिटी के चांसलर सचिन गुप्ता 4 नवंबर को 48 वर्ष के पूरे होकर 49 वे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। सचिन जी प्रतिवर्ष की भांति अबकी बार भी अपना जन्मदिन दिव्यांगों के साथ मनाएंगे। उनकी यह बात लीक से हटकर है।
 सचिन जी कहते हैं कि मैं अपने जन्मदिन पर न केक काटता हूं और न मोमबत्ती जलाकर बुझाता हूं। ये सब चीजें हमारी संस्कृति के विपरीत हैं। हम सभी को अपनीं संस्कृति के अनुरूप चलना चाहिए ना कि विदेशी संस्कृति को अपनाना चाहिए।
 सही मायने में देखा जाए तो सचिन जी की कुछ बातों में यह झलक मिलती है कि ये कुछ खास हैं। इसीलिए लोग कहते हैं कि सचिन गुप्ता बड़े भी हैं और भले भी हैं। आज जब इस संवाददाता ने सचिन जी को उनके जन्मदिन की बधाई दी तब उन्होंने बताया कि संस्कृति यूनिवर्सिटी में अगले कुछ समय में जनता को निशुल्क डायलिसिस की सेवा प्रदान की जाने की व्यवस्था की जा रही है। यह दिसंबर या जनवरी से शुरू हो जाएगी इसका शुल्क नाम मात्र का भी नहीं होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर नंबर लगाए जा सकेंगे। सचिन जी की सेवा भावना अनुकरणींय है ईश्वर उन्हें शतायु करें।