वृंदावन। छात्रों के चहुंमुखी विकास की प्रक्रिया में सदैव कृतसंकल्पित व तत्पर वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने अपनी प्रतिभा हुनर व योग्यता का परचम लहराकर कई पदकों व स्मृति चिन्ह पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गौरतलब है कि जीएलए विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष ‘सृजन’ नामक अंतर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन होता है। जिसमें वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्र प्रतिभाग करते हैं व अधिकतम सम्मानों पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध करते हैं। इस वर्ष सृजन- 2024 में विद्यालय द्वारा नुक्कड़ नाटक, जिज्ञासा, आलाप , मुद्रा, मंथन, संवाद, क्रीड़ा, कलाकृति आदि विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों ने अपनी श्रेष्ठता साबित कर विद्यालय को गौरवान्वित किया।
जिसमें आलाप समूह गान में प्रथम स्थान व एकल गान में प्रथम रनर अप की ट्रॉफी अपने नाम की। सरगम क्लब से संगीत विभाग की संयोजिका अंजना शर्मा के निर्देशन में आनंद सोनी ने एकल गान में यह सम्मान प्राप्त किया तथा मोहन, शिव, हर्ष, भव्य, जतिन, हिमांशु ने समूह गान में अपनी श्रेष्ठ गायकी से निर्णायकों को रिझाया। वहीं क्रीड़ा प्रतियोगिता के अंतर्गत कराटे में जाह्नवी शर्मा ने प्रथम, कुश शर्मा, कुणाल गौतम व रितिक राठौर ने द्वितीय तथा रितु तिवारी, अर्पित बघेल व अनेका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नटराज क्लब से निधि गोर व सर्वदा वर्मा के निर्देशन में मुद्रा प्रतियोगिता अंतर्गत आशी अग्रवाल ने अर्धनारीश्वर का प्रतिरूप ले शिव व पार्वती के तांडव नृत्य का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सभी दर्शकों व निर्णायकों की तालियां बटोरीं। साथ ही दुर्गेश ने इस नृत्य में सराहनीय भूमिका निभाई व प्रथम स्थान प्राप्त किया। समूह नृत्य में राजस्थानी लोकगीत कालबेलिया की उत्कृष्टतम प्रस्तुति देकर द्वितीय स्थान प्राप्त किया। जिसमें कृति पाठक, श्वेता सिंह, शेरल अग्रवाल, श्वेता सिंह, नंदिनी वर्मा, प्रीति गोला, सृष्टि दास, नंदिनी विश्वास, श्रद्धा अग्रवाल, कामिनी सैनी वैष्णवी शर्मा व दिव्यांशु ने बहुत ही तालबद्ध नृत्य कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। समूह नृत्य में पायल सैनी का निर्देशन भी प्रशंसनीय था। इसी क्रम में मंथन नामक पीपीटी प्रेजेंटेशन में एकता अग्रवाल रित्त्विक अग्रवाल के निर्देशन में ई- शॉपिंग और रिटेलिंग खरीरदारी विषय को लेकर प्रेजेंटेशन तैयार किया गया। जिसमें इन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में गौरांग, आयुष्मान दास, भूमि गुप्ता, शानवी कुलश्रेष्ठ ने शानदार प्रस्तुति दी व शुभम अग्रवाल व गौरांग का योगदान विशेष सराहनीय रहा।
वही’ जिज्ञासा’ विज्ञान प्रोजेक्ट में प्रशांत शर्मा के निर्देशन में’ ब्लाइंड शूज ‘मॉडल को प्रथम स्थान मिला जिसमें खुशी, सुमित, जय ने स्वर्ण पदक हासिल किया। अपने इस मॉडल में छात्रों ने नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में आने वाले कठिनाई को दूर करने हेतु एक ऐसे शूज का निर्माण किया। जिससे कहीं टकराने पर अलार्म बजने पर अपने जीवन को सुरक्षा प्रदान कर सकें।
संवाद प्रतियोगिता अंतर्गत अंग्रेजी विभाग के निर्देशन में सीमा पहुंच रिचा दुबे दिव्या शर्मा व शुभम चौरसिया के निर्देशन में समूह परिचर्या राउंड में कृतिर अग्रवाल ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
छात्रों की अद्वितीय सफलता पर विद्यालय की प्राचार्या कृति शर्मा ने बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही उन्होंने छात्रों और उनके मेंटर्स के प्रयासों की भूरि- भूरि प्रशंसा की।
वीपीएस के छात्र जी एल ए के ‘सृजन- 2024’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हुए सम्मानित
राजीव एकेडमी में वित्तीय शिक्षा पर हुई दो दिवसीय कार्यशाला
- बच्चों को बचपन से ही वित्तीय शिक्षा की जानकारी देना जरूरी
मथुरा। हमारे देश में हर अभिभावक बच्चों के जन्म के साथ ही उसके लिए कई तरह के सपने बुनने लगता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा को सुनिश्चित करने के लिए छोटी-छोटी बचत से लेकर बैंकों में सावधि जमा खाता या फिक्स्ड डिपॉजिट तक के बारे में सोचता है लेकिन कभी भी उसका ध्यान बच्चों की वित्तीय शिक्षा (फाइनेंशियल एज्यूकेशन) पर नहीं जाता। जबकि प्रत्येक बच्चे को यदि बचपन से ही वित्तीय शिक्षा मिले तो वे बड़े होकर स्वावलम्बी बन अपना करियर आसानी से संवार सकते हैं। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के एमबीए विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में सेबी के मान्यता प्राप्त ट्रेनर नवाबुद्दीन ने प्रबंधन के छात्र-छात्राओं को बताईं।
राजीव एकेडमी के एमबीए फाइनेंशियल क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में फाइनेंशियल एज्यूकेशन पर अपने विचार साझा करते हुए रिसोर्स परसन नवाबुद्दीन ने कहा कि हमारे देश के विद्यार्थियों को वित्तीय शिक्षा पर साक्षर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज भी देश की बड़ी जनसंख्या को वित्तीय शिक्षा पर आधी अधूरी जानकारी है। हमारे यहां पढ़-लिखकर धन कमाने का उद्देश्य ही शिक्षित होना माना जाता है। यह आज के युग का कटु सत्य है। रिसोर्स परसन ने छात्र-छात्राओं को बताया कि जब आप एक ही कार्य को लम्बे समय तक करते हैं तो एक्सपर्ट कहलाते हैं। यह हमारे करियर के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि करियर को देखते हुए हमें पहले फाइनेंशियल लिटरेट होना होगा बाद में एक्सपर्ट।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को वित्तीय कौशल जैसे बचत, निवेश और वित्तीय बाजार में करियर बनाने की शिक्षा बहुत आवश्यक है। छात्र-छात्राओं को वित्तीय साक्षरता में सशक्त बनने के लिए उन्हें सक्रिय रूप से अपनी पहुंच का विस्तार करना होगा। इसके अंतर्गत वित्तीय साक्षरता, वित्तीय बाजार में करियर बनाना, शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और विनिवेश कैसे शुरू करें आदि पर फोकस करना होगा। ये स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है।
रिसोर्स परसन ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए तकनीकी विश्लेषण, शेयरों में निवेश के लिए मौलिक विश्लेषण या वित्तीय बाजार में करियर निर्माण जैसे विषयों पर शिक्षण संस्थाओं में और अधिक कार्यशालाओं का निरन्तर आयोजन होना चाहिए। उन्होंने अद्यतन निवेशक शिक्षा, निवेशक शिक्षा कार्यक्रम, एमडीपी कार्यक्रम, सेबी वित्तीय संसाधन व्यक्ति पुनश्चर्या, सेबी वित्तीय संसाधन, व्यक्तियों का पैनलीकरण, पॉकेट मनी, स्कूलों-कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा तथा संकाय विकास पर भी सारगर्भित विचार साझा किए। उन्होंने निवेश की महत्ता एवं वित्तीय निवेश के अवसरों के विषय में भी छात्र-छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी।
एमबीए द्वितीय वर्ष की छात्रा पूर्विका आर्य और गौरी खण्डेलवाल ने कार्यशाला के संचालन में सराहनीय योगदान दिया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में एमबीए के विभाग प्रमुख डॉ. विकास जैन ने रिसोर्स परसन नवाबुद्दीन को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह ने आभार माना।
पानी भरने गई किशोरी से दो दोस्तों ने किया दुराचार
- आरोपितों ने बनाया किशोरी के दुराचार का वीडियो
रिपोर्ट – राघव शर्मा
बरसाना – हैंडपंप पर पानी भरने गई किशोरी के साथ जबरन दो दोस्तों ने मुंह में कपड़ा भरकर दुराचार किया। इस दौरान आरोपियों ने ब्लैकमेल के लिए किशोरी के साथ दुराचार का अशलील वीडियो भी बनाया। घटना के बाद पीड़िता के स्वजनों ने आरोपितों के खिलाफ थाना बरसाना में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं पुलिस ने भी पीड़िता का मैडिकल कराया।
नंदगांव के समीप ब्रिजवारी गांव में 19 नवम्बर कि शाम करीब चार बजे एक किशोरी हैंडपम्प से पानी लेने गई थी। इसी दौरान गांव के पवन व छोटू ने उसे पकड लिया। जिसके बाद श्मशान के पीछे रक्षा में ले जाकर मुंह में कपड़ा बांधकर बारी बारी से दुराचार किया। वहीं भविष्य में ब्लैक करने की नीयत से दुराचार की वीडियो भी बना ली। इस दौरान दुराचार की बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। घटना के बाद किशोरी ने दुराचार की बात अपनी भाभी को बताई। जिसके बाद पीड़िता के स्वजनों ने आरोपितों के खिलाफ थाना बरसाना में मुकदमा दर्ज कराया।
थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया कि पीड़िता कि मां की तहरीर पर दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शीघ्र ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। वहीं पीड़िता का मैडिकल करा दिया गया है।
के.डी. हॉस्पिटल में हुई युवती के आंतों की मुश्किल सर्जरी
- डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम के प्रयासों से बची बबिता की जान
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा बाबूगढ़, वृंदावन, मथुरा निवासी बबिता (25 वर्ष) पत्नी कैलाश के लिए भगवान साबित हुए। डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम ने तीन स्टेज में संक्रमण के चलते बबिता की फटी आंतों की मुश्किल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया। अब बबिता पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसे छुट्टी दे गई है।
जानकारी के अनुसार कोई तीन माह पहले बाबूगढ़, वृंदावन, मथुरा निवासी बबिता (25 वर्ष) पत्नी कैलाश को गम्भीर अवस्था में के.डी. हॉस्पिटल लाया गया, उसकी आंतें फटी हुई थीं तथा पेट में संक्रमण फैल चुका था। उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने सीटी स्कैन कराई। सीटी स्कैन से उसकी बीमारी का पता चला, इतना ही नहीं वह ढाई माह के गर्भ से भी थी। युवती की गम्भीर स्थिति को देखते हुए परिजनों को तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई।
परिजनों की स्वीकृति मिलने के बाद डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम ने सबसे पहले सर्जरी के माध्यम से बबिता के पेट की सफाई कर संक्रमण खत्म किया। आंतों की स्थिति बहुत खराब होने की वजह से उन्हें बाहर निकाला गया तथा बच्चेदानी की भी सफाई की गई। सर्जरी के माध्यम से मरीज को सबसे पहले खतरे से बाहर निकाला गया उसके तीन महीने बाद बाहर निकाली गई आंतों को यथास्थान शिफ्ट किया गया। इस सर्जरी को मेडिकल भाषा में लैपरोटॉमी कहा जाता है। सर्जरी में डॉ. मुकुंद मूंदड़ा का सहयोग डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. अपूर्वा डी, डॉ. सिद्धार्थ वर्मा, डॉ. आशीष माधवन तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. जयेश ने दिया। बबिता को कुछ दिन गहन चिकित्सा इकाई में रखने के बाद, पूरी तरह से स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई।
डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि यह काफी मुश्किल सर्जरी थी। मरीज को यहां लाने में भी काफी विलम्ब हुआ। जब उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया उस समय उसकी स्थिति काफी नाजुक थी। ऐसे ऑपरेशन प्रायः तीन स्टेज में ही किए जाते हैं। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सक तथा टेक्नीशियन हैं इसलिए यहां मुश्किल से मुश्किल सर्जरी आसानी से सम्भव हो पाती है। कैलाश ने पत्नी बबिता की जान बचाने के लिए के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सकों तथा प्रबंधन का आभार माना। कैलाश का कहना है कि वह पूरी तरह निराश हो गए थे लेकिन डॉ. मूंदड़ा के प्रयासों से ही बबिता की जान बच पाई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए डॉ. मूंदड़ा और उनकी टीम को बधाई दी।
जागरूकता ही नशे से समाज और राष्ट्र को बचा सकती हैः एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय
- शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप है नशाः पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण बिसेन
- के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई नशामुक्त भारत अभियान पर संगोष्ठी
मथुरा। नशा एक सामाजिक बीमारी है, इस बीमारी से हमें और आपको न केवल अपने आपको बचाना है बल्कि जागरूकता के माध्यम से समाज तथा राष्ट्र को भी सुरक्षित करना है। नशा शरीर के लिए जहां खतरनाक है वहीं समाज में बढ़ते अपराधों का भी मुख्य कारण है। नशा मुक्त-अपराध मुक्त समाज की स्थापना के लिए हम सभी को मिलकर कदम उठाने होंगे तभी नशामुक्त भारत अभियान की यह मुहिम सार्थक होगी। उक्त उद्गार शुक्रवार को मथुरा पुलिस तथा के.डी. मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मद्यनिषेध शिक्षात्मक प्रतियोगिता और संगोष्ठी में एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय ने एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। संगोष्ठी शुभारम्भ से पूर्व प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण सिंह बिसेन का स्वागत किया।
एसएसपी श्री पांडेय ने मेडिकल छात्र-छात्राओं को नशे के खिलाफ सजग रहने की अपील की तथा कहा कि नशे की शुरुआत शौक से होती है और यही शौक एक दिन अभिशाप बन जाता है। उन्होंने कहा कि आप लोग लैम्प की तरह जलते हुए समाज को जागरूकता के माध्यम से नशे से बचा सकते हैं। श्री पांडेय ने कहा कि सरकार व पुलिस प्रशासन का प्रयास है कि नशा मुक्त अभियान से अधिक से अधिक लोग जुड़ें ताकि नशा मुक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
इस अवसर पर नोडल अधिकारी मिशन शक्ति तथा पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण सिंह बिसेन ने कहा कि पुलिस मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करती है मगर लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने तथा इस अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के लिए जन सहयोग अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन किसी भी प्रकार से हितकारी नहीं है। नशे के कारण लोगों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि नशे से ग्रस्त व्यक्ति अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। समाज में पनप रहे अपराधों का कारण नशा ही है।
डॉ. राघवेन्द्र सिंह (साइकोलॉजिस्ट) ने छात्र-छात्राओं को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी मानसिक दबाव से निजात पाने के लिए नशे का शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल समय, शरीर तथा परिवार की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है। इस अवसर पर यूनीसेफ से जुड़े सैय्यद इमरान कादरी ने कहा कि नशा मुक्त समाज बनाने के लिए आमजन को पूरी तरह सहयोग करना चाहिए ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। नशे के खिलाफ चलाई जा रही इस मुहिम में सामाजिक संस्थाओं तथा युवाओं की अहम भागीदारी सुनिश्चित कर समाज को नशामुक्त किया जा सकता है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के उप चिकित्सा अधीक्षक तथा विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि आज के समय में नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं नशे के लिए युवा नशीली दवाओं तथा इंजेक्शन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं जोकि बहुत ही खतरनाक है। डॉ. उपदेश सिंह ने कहा कि भारत जैसे युवाओं के देश को नशामुक्त होने की जरूरत है तभी हम एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।
संगोष्ठी में डॉ. रवनीत सिंह ने पंजाब में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर विस्तार से प्रकाश डाला वहीं डॉ. एलिस, हेमंत शांडिल्य तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं के बीच नशे से जुड़ी एक क्विज प्रतियोगिता कराई गई, जिसे छात्रों की टीम ने जीता। अंत में सभी विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्राधिकारी छाता आशीष कुमार शर्मा, प्रभारी निरीक्षक छाता संजय कुमार त्यागी तथा मिशन शक्ति से जुड़े राजकमल आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गौरव सिंह ने किया।
यातायात माह के अंतर्गत वाहन चालकों को किया गया जागरूक
यातायात जागरूकता माह के अंतर्गत महुअन टोल प्लाजा फरह पर मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया ।
ट्रैफिक एव परिवहन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में टोल से गुजरने वाले ट्रक,बस,टेम्पो और छोटे कमर्शियल वाहनों के ड्राइवरों का स्वास्थ्य चैकअप कराया गया। उपस्थित मेडिकल टीम द्वारा चैकअप के उपरान्त आवश्यकतानुसार वाहन चालकों को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी। कैम्प में उपस्थित यातायात पुलिसकर्मीयो द्वारा ड्राइवरों और आमजनों को सड़क पर चलने तथा वाहन चलाते समय बरती जाने वाले यातायात नियमों की जानकारी दी गई। उन नियमों को स्वंय पालन करने, अपने परिवार के सदस्यों से पालन कराने तथा अपने पडोस के लोगो को जागरूक करने के प्रति जागरूक किया गया । इस दौरान कमर्शियल वाहनों पर रिफलेक्टर टेप भी लगाया गया।
इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक यातायात मनोज कुमार यादव, एआरटीओ प्रवर्तन मनोज प्रसाद वर्मा,मेडिकल टीम सहित एनएचएआई प्रोजेक्ट हेड अंजनी कुमार एव यातायात प्रभारी निरीक्षक शौर्य कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का क्वांटिनुआ किड्स में हुआ चयन
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के बीपीटी और एमपीटी के विद्यार्थियों को बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े प्रसिद्ध केंद्र क्वांटिनुआ किड्स हास्पिटल्स ने अपने यहां अच्छे वेतनमान पर नौकरी देने के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है।
कैंपस प्लेसमेंट के लिए संस्कृति विवि में कंपनी से आए अधिकारियों ने बताया कि क्वांटिनुआ किड्स हास्पिटल्स (विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों में न्यूरोथेरेपी का केंद्र) एक अनुसंधान निर्देशित, समग्र केंद्र है, जो चिकित्सकीय पर्यवेक्षित उपचार, प्रारंभिक हस्तक्षेप कार्यक्रम और विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों के लिए सहायता प्रदान करता है। यह केंद्र अपने तरीके से अनोखा है क्योंकि यह एक ही छत के नीचे सभी वैज्ञानिक रूप से सिद्ध, व्यक्तिगत उपचार प्रदान करता है जो विशेष बच्चों के लिए आवश्यक हैं। सभी बच्चों के लिए समान दर्जा देने वाली इस कंपनी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विशिष्ट रूप से सक्षम बच्चों को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने में कोई बाधा न आए और उन्हें सीखने और बढ़ने और एक सार्थक और संतुष्ट जीवन जीने का हर अवसर मिले। कंपनी द्वारा बच्चों को प्रेमपूर्ण, सहानुभूतिपूर्ण और घरेलू शिक्षण वातावरण प्रदान करके, उनके माता-पिता को उनकी पालन-पोषण की यात्रा में मार्गदर्शन और समर्थन के माध्यम से सशक्त बनाने का काम करती है।
संस्कृति प्लेसमेंट सेल के हेड जय वर्धन नगाइच एवं साफ्टस्किल ट्रेनर जयकांत तिवारी ने बताया कि कंपनी के एचआर सेल के अधिकारियों ने संस्कृति विवि के बीपीटी और एमपीटी के पांच-पांच बच्चों का चयन किया है। चयन त्रिस्तरीय प्रक्रिया के उपरांत किया गया। संस्कृति विवि की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए चयनित सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
बलदेव रजवाहा की सफाई कराई या आफत टराई, पानी आने के बाद डर के साये में रहेंगे किसान
- आखिर किसानों मांग की और निरीक्षण करने के लिए एक बार भी क्यों नहीं आ रहे अधिशासी अभियंता
- किसानों से बोले रहे जेई जो अधिशासी अभियंता कहेंगे वो करेंगे
बलदेव : निचली मांट ब्रांच गंग नहर से निकलने वाले बलदेव रजवाहा की बीते दिनों सफाई कराई गई है। सफाई ऐसी है कि बैक साइड पटरियां खुद बयां कर रही हैं कि वह कमजोर हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने एक बार भी निरीक्षण करने की नहीं सोची। जबकि खेतों में किसानों की रबी की फसल दिखाई देने लग गयी है।
किसानों के खेत में सरसों, आलू और रबी की फसलें दिखाई देने लग गयी हैं। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के अधिकारी अभी तक चेते नहीं हैं। बलदेव रजवाहा की बीते दिनों जिस प्रकार सफाई कराई गई है, उसमें झोल ही झोल हैं। बैक साइड की पटरियां देखने पर बयां करती हुईं देखी जा सकती हैं कि वह कितनी कमजोर हालात में हैं। पटरी सीमेंट उखड़ कर अलग हो गया है। खडैरा गांव के समीप बीते माह पटरी टूट गयी, जिससे ज्वार की फसल जलमग्न हो गयी थी। किसान बोरों में मिट्टी भरकर जैसे-तैसे पार पायी। इसके बावजूद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे ठीक कराना उचित नहीं समझा। आज मिट्टी के बोरे में बैक साइड की टूटी पटरी की तरफ लगे हैं।
किसान वीरेन्द्र कहते हैं कि क्या यह मिट्टी के बोरे लंबे समय तक चलेंगे। रजवाहा में पानी आने के बाद यह कमजोर हो जायेंगे पानी फिर से खेतों रिसने लगेगा और आलू की फसल को नुकसान की आशंका है। अधिकारियों से इस ओर ठीक से ध्यान देने की जरूरत है। जब सफाई कराई गई तभी इस पर काम होना था, लेकिन नहीं। आधे अधूरे काम को छोड़कर किसानों को लॉलीपॉप पकड़ायी गयी है। इससे ऐसा साबित होता है कि रजवाहा की सफाई कराई है या आफत टराई है।
किसान श्रीराम बौहरे कहते हैं कि किसानों के हित सरकारें काम कर रही हैं, लेकिन अधिकारी उसे आईना दिखाना चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं हैं तो किसानों को मांगों को और उनको सुगम रास्ता देने में क्या आपत्ति है।

