Friday, December 26, 2025
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राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हड्डियों की मजबूती पर दिया जोर

  • के.डी. मेडिकल कॉलेज में भारत में गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस पर हुई मंत्रणा

मथुरा। हड्डियां हमारे शरीर का सपोर्ट सिस्टम होती हैं। ये शरीर को आकार देने के साथ-साथ अंगों का भी बचाव करती हैं। हड्डियों की मजबूती से ही हमारा शरीर गतिशील हो पाता है लिहाजा हमें अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ आहार, व्यायाम तथा सूर्य के प्रकाश का उचित सम्पर्क बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। यह बातें शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में आयोजित भारत में गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस कॉन्क्लेव के छठे संस्करण में देश के जाने-माने चिकित्सकों ने बताईं। कॉन्क्लेव का शुभारम्भ प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डॉ. धनंजय गुप्ता, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया।
लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज में आयोजित गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस कॉन्क्लेव में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया उत्क्रमण पर विस्तार से जानकारी दी। चिकित्सकों ने बताया कि गठिया की समस्या का निदान सिर्फ सर्जरी ही नहीं है बल्कि कुछ दवाओं और इंजेक्शन द्वारा भी समस्या से निजात पाई जा सकती है। कॉन्क्लेव के अध्यक्ष डॉ. धनंजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो हड्डियों को कमजोर बना देती है। इससे मामूली सा गिरने या टकराने पर भी हड्डी टूटने का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। इस बीमारी के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए बहुत से लोगों को तब तक पता नहीं चलता कि उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस है जब तक कि उन्हें फ्रैक्चर न हो जाए। फ्रैक्चर जीवन की कार्यशैली को बदल देता है। ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया के प्रति असावधानी असहनीय दर्द के साथ जीवन भर की विकलांगता दे सकती है, इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस को रोकना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर डॉ. मनीष चतुर्वेदी ने एनआईएचएफडब्ल्यू की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र बदलाव के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने वैकल्पिक दवाइयों तथा स्वस्थ रहने के उपाय बताए। कॉन्क्लेव के आयोजन सचिव डॉ. विक्रम शर्मा ने विशेषज्ञ चिकित्सकों का स्वागत करते हुए कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस के उचित प्रबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा शिक्षा है। हर कोई अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर ऑस्टियोपोरोसिस को विकसित होने से रोक सकता है। कॉन्क्लेव में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि मौजूदा समय में हड्डियों की कमजोरी को बिना सर्जरी दवाओं तथा इंजेक्शन से भी ठीक किया जा सकता है। दवाएं तथा इंजेक्शन रोगी की स्थिति को देखकर प्रयोग में लाना चाहिए।
कॉन्क्लेव में प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमित रे, डॉ. अमित शर्मा (एलएचएमसी नई दिल्ली), डॉ. अनिल जैन (पूर्व डीन यूसीएमएस नई दिल्ली), डॉ. बी.एस. मूर्ति (धर्मशिला नारायना हॉस्पिटल), डॉ. धनंजय गुप्ता, डॉ. धनंजय साबत (एमएएमसी दिल्ली), डॉ. कामरान फारुकी (एम्स दिल्ली) डॉ. मनीष चतुर्वेदी (एनआईएचएफडब्ल्यू नई दिल्ली), डॉ. साहिल बत्रा (एम्स दिल्ली), डॉ. विवेक जांगिरा (एलएचएमसी नई दिल्ली), डॉ. विजय शर्मा (एम्स नई दिल्ली), डॉ. हर्षित जैन आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
कॉन्क्लेव को सफल बनाने में डॉ. अनुज ढींगरा, डॉ. विवेक चांडक, डॉ. प्रतीक अग्रवाल, डॉ. अमित कंसल, डॉ. आशुतोष अग्रवाल, डॉ. संजय त्रिपाठी, डॉ. प्रखर मित्तल, डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. हेमराज सैनी, डॉ. सौरभ वशिष्ट, डॉ. अमित अग्रवाल आदि का अहम योगदान रहा। इस अवसर पर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विभागाध्यक्षों डॉ. अमित कुमार जैन, डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. वी.पी. पांडेय, डॉ. लीना गोयल, डॉ. मंजू पांडेय, डॉ. प्रणीता सिंह आदि ने बाहर से आए सभी चिकित्सकों के विचारों का समर्थन करते हुए उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनन्या ने किया तथा आभार डॉ. विक्रम शर्मा ने माना।

संस्कृति यूनिवर्सिटी में मनाया गया विश्व रेडियोग्राफी दिवस

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ मेडिकल एंड अलाइड साइंसेज द्वारा आयोजित विश्व रेडियोग्राफी दिवस पर रेडियोलाजी पर इस क्षेत्र में प्रगति को लेकर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य की आधुनिक देखभाल में रेडियोलॉजिकल विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए छात्रों, शिक्षकों की एक व्याख्यान प्रतियोगिता हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक विभाग (आरआईटी) में सहायक प्रोफेसर सुश्री नंदिनी व्यास के स्वागत भाषण के साथ हुई। प्रो. नंदनी ने कार्यक्रम की रूपरेखा और विषय संबधी जानकारी दी। उद्घाटन भाषण के बाद मात्रामापी (डोसिमेट्री) में हालिया प्रगति पर सहायक प्रोफेसर आरआईटी नीतीश वर्मा ने श्रोताओं को विकिरण माप और सुरक्षा में अत्याधुनिक अंतर्दृष्टि के महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डी. एस. तोमर ने मौलिक ज्ञान में पेशेवर अभ्यास को आधार बनाने के महत्व पर जोर दिया और छात्रों से अपने संबंधित क्षेत्रों की जड़ों से जुड़े रहने का आग्रह किया। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल विषयों के बीच सहयोग और साझा सीख के मूल्य पर प्रकाश डाला। सहायक डीएसडब्लू डॉ. पी.के. उपाध्याय ने उन चक्रों के बारे में बताया जो हमारे शरीर को जोड़ते हैं और जिनका बहुत गहरा अर्थ है। साथ ही उन्होंने सभी स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों के अंतर्संबंध पर बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक पेशा वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने और व्यापक रोगी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कॉलेज ऑफ एलाइड एजुकेशन एंड हेल्थ साइंसेज मेरठ के सहायक प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार मौर्य इस कार्यक्रम में आनलाइन शामिल हुए। उन्होंने बीएससी रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक के विषय पर व्याख्यान दिया। । उन्होंने रेडियोलॉजी में कैरियर के अवसरों, डायग्नोस्टिक्स में रेडियोलॉजिकल इमेजिंग के महत्व और क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की बढ़ती आवश्यकता पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
संस्कृति यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मनीष मिश्रा, नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉ. केके पाराशर, फिजियोथैरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष चौहान, फिजियोथेरेपी के डॉ. गौरव सरवांग, रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक के एचओडी जगदीश सर, ऑप्टोमेट्री के कार्यक्रम समन्वयक हर्ष ठाकुर और कार्यक्रम की संयोजिका सुश्री नंदिनी व्यास सहित स्कूल ऑफ मेडिकल एंड एलाइड साइंसेज के संकाय सदस्य ने विचार व्यक्त किए। योगेश कौशिक, ऋषभ दुबे, और डॉ. कौशलेंद्र सिंह ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और इसकी सफलता में योगदान दिया।
शैक्षणिक सत्रों के अलावा मौखिक और पोस्टर प्रतियोगिताएँ भी हुईं। मौखिक प्रतियोगिता में बी.एससी. रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक तृतीय सेमेस्टर की छात्रा अंजली शर्मा ने प्रथम, बी.एससी. रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक सेमेस्टर की छात्रा प्रिया ने द्वितीय तथा बी.एससी. रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक तृतीय सेमेस्टर की छात्रा माहिरा सिद्दीकी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में छात्रा वंशिका ने प्रथम, खुशी शाक्य एवं प्रशांत चौहान ने द्वितीय तथा छात्रा रिद्दी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम का समापन रेडियोलॉजिकल इमेजिंग तकनीक के एचओडी डॉ. गौरव सरवांग के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

जीवन जीने की कला सिखाती है भागवत : सुतीक्ष्ण दास

  • ठाकुर सनातन बिहारी के पाटोत्सव का विद्वत संगोष्ठी के साथ हुआ समापन

वृंदावन। ठाकुर सनातन बिहारी जी के पाटोत्सव का आज कार्तिक पूर्णिमा पर हवन यज्ञ, भंडारे एवं विद्वत गोष्ठी के साथ समापन हो गया। नाभा पीठाधीश्वर सुतीक्षण दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि सनातन संस्कार धाम में अनेकों वर्ष से धार्मिक अनुष्ठान एवं सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए गतिविधियां चलती रहती हैं। सनातन बिहारी जी के पावन प्रांगण में जिस प्रकार से संतों एवं ब्राह्मणों समेत अभ्यागत तथा समाज के निम्न वर्ग के व्यक्ति का भी सम्मान किया जाता है। यह सराहना योग्य है। जगतगुरु बलराम दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत व्यक्ति को भागवत तत्व के साथ जीवन जीने की कला सिखाती है समता और एकता का दिव्य संदेश भागवत के माध्यम से भागवत भूषण आचार्य रामविलास चतुर्वेदी प्रदान कर रहे हैं।
महामंडलेश्वर भास्करानंद महाराज ने कहा कि भागवत को सदैव श्रवण करना चाहिए जैसे शरीर की पुष्टि भोजन से होती है ऐसे ही मन की शुद्धता और संतुष्टि भगवान की कथा से होती है। आचार्य कौशिक महाराज ने कहा कि भागवत के माध्यम से सनातन संस्कार धाम सभी संतो को आहुत करके उनका हमेशा सेवा करके अग्रणी स्थान प्राप्त करता है आचार्य बद्रीश महाराज एवं चतुर नारायण महाराज ने कहा कि सनातन बिहारी जी का यह दिव्य प्रांगण सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में सदैव अग्रणी रहा है एवं माया की निवृत्ति हेतु मनुष्य को सदैव आगे बढ़कर अपने कल्याणार्थ काम करना चाहिए।
भागवत भूषण आचार्य राम विलास चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार से आज वृंदावन में प्रदूषण बढ़ता चला जा रहा है यह चिंता का विषय है यमुना की शुद्धि, परिक्रमा की स्वच्छता एवं वृक्षारोपण करने की विशेष आवश्यकता है।
इस अवसर पर मनु श्री जी महाराज, बलराम आचार्य, बिहारी लाल वशिष्ठ, शंकर लाल गोयल, गिरधारी लाल खेतान, जितेंद्र सिंह राणा, आशीष अग्रवाल, श्याम सुंदर मुथरेजा, जितेंद्र शास्त्री, गुलशन चतुर्वेदी, बृजेश चतुर्वेदी, सिद्धार्थ त्रिपाठी, पवन शास्त्री, संदीप शास्त्री, रामकृपाल त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

लाड़लेय ठाकुर संग ब्रजवासियों ने दी परिक्रमा

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाडलेय ठाकुर के साथ सप्तकोसीय परिक्रमा लगाते ब्रजवासी।

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसानाअष्ट सखियों के गांव के ब्रजवासियों ने हर साल की तरह ब्रजोद्धारक ब्रजाचार्य श्रील् नारायण भट्ट जी के लाडलेय् ठाकुर के साथ गुरुवार को राधारानी के अष्ट सखी गांवों की दो दिवसीय सप्तकोसीय परिक्रमा दी। इस दौरान बृजवासियों ने अष्ट सखी गांवों के लीला स्थलों के दर्शन किए।

गुरुवार को दो दिवसीय सप्तकोसीय परिक्रमा का शुभारंभ प्रियाकुण्ड से प्रातः सात बजे श्रील नारायण भट्ट के वंशज ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट व ललितापीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णानन्द भट्ट के अगुवाई में लाडले ठाकुर के साथ भजन कीर्तन के साथ हुआ। अष्टसखी गांवों की ब्रज परिक्रमा प्रिया कुंड से प्रारंभ होकर गुलाब सखी की समाधी स्थल, गोपाल जी मंदिर गाजीपुर, प्रेम सरोवर, प्रेम बिहारी मंदिर, सुदामा कुटी, राम मंदिर, संकेत गांव में स्थित महाप्रभु की बैठक, कत्यानी मंदिर, संकेत बिहारी मंदिर, ठाकुर राधारमण जी मंदिर,

ब्रजेश्वर महादेव, रावल वन, पाडर वन, ब्रह्मचारी बगीचा, डभाला कात्यानी शक्ति पीठ, राधा रानी संखियों संग खेलन लीला स्थली नौवारी चौवारी, (गिर्राज जी के अनुज) गिर्राज गेंदुआ, मुरली के दर्शन करते हुए, रतन कुंड, छोटी कदम खंडी से दर्शन करते हुए, फिसलनी शिला, पुष्कर कूप, छप्पन कटोरा, ऊंचागांव श्रील् नारायण भट्ट जी की समाधि, त्रिवेणी कूप एवं देह कुंड का आचमन करते हुए श्री प्रिया जी की प्रधान सखी ललिता जी के दर्शन करते हुए दाऊजी मंदिर में दर्शन के पश्चात भोग प्रसाद ग्रहण कर विश्राम और उसके बाद प्रवचन का आनद लिया। उसके बाद यात्रा माता मैया दर्शन, सुलौखर, प्रिया कुंड, श्री प्रियेश्वर महादेव एवं हनुमान जी के दर्शन कर, गुलाब सखी, गोपाल जी मंदिर परिक्रमा, प्रेम सरोवर, राधा गोविंद जी, श्री प्रेम बिहारी दर्शन, श्री सुदामा कुटी, अहरी राम दरबार दर्शन करते हुए राणा की प्याऊ स्थित श्री हनुमान जी दर्शन, (रंगीली महल) कीर्ति मंदिर में कीरत माता के दर्शन करते हुए राधारानी मंदिर गेट पर बरसाना सप्तकोषीय परिक्रमा का विसर्जन हुआ। यात्रा में प्रमुख रूप से पीठाधीश्वर गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट, पीठ के प्रवक्ता गोस्वामी घनश्याम राज भट्ट, यात्रा के व्यवस्थापक समाजसेवी क्रांतिकारी पदम् फौजी, गोविंद मुनीम, रोहित भट्ट, गोस्वामी ठाकुर प्रसाद, अरुण भट्ट, सर्वेश भट्ट, गोस्वामी दिनेश नारायण भट्ट, मितुल भट्ट सहित हजारों की संख्या में ब्रजवासी शामिल थे।

दिव्य पर्वतों के दर्शन से यात्री हुए बहुत प्रसन्न

रिपोर्ट – राघव शर्मा

बरसाना राधा रानी ब्रज यात्रा ने भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के साक्षी आदि बद्री के दिव्य पर्वत (नर पर्वत,नारायण पर्वत,मैनाक ,पर्वत,द्रोणाचल पर्वत कंनकाचल पर्वत, त्रिकूट पर्वत ,विंध्याचल पर्वत ,गंध मादन पर्वत, धवल गिरि,)तथा बदरी वन ,तपो वन ,मालती वन ,गंगोत्री यमुनोत्री योग माया मंदिर हर की पौढी हरिद्वार गज ग्राह शिला देव सरोवर आदि लीला स्थलों का दर्शन सभी यात्रियों ने किया ।यहाँ की दिव्य छटा ने सब को मंत्र मुग्ध कर दिया ।सभी यात्री बहुत ही प्रसन्न नज़र आ रहे थे।उन्हें लग रहा था मनों वे उत्तराखण्ड में विचरण कर रहे हों ।पर्वतों की चोटी पर बैठ कर सभी पर्वतों को मान मंदिर के ब्रज दास ने यात्रियों को दिखाया ।इस अवसर पर राधा कान्त शास्त्री ने बताया कि जिन लीला स्थलों के दर्शन आप कर रहे है यह ब्रज के विरक्त संत पद्म श्री रमेश बाबा की जीवन भर की तपस्या का फल है ।पर्वतों के सर्वनाश में लगे सैकड़ों खनन माफियाओं को बाबा ने लंबी लड़ाई के पश्चात यहाँ से भगा दिया था तब कही इनका दर्शन कर पारहे हैं ।उन्होंने कहा कि बाबा की यात्रा पर्यावरण रक्षण में अग्रणी है ।यात्रा के माध्यम से बहुत से आंदोलन किए गए हैं । पर्वतों की रक्षा में कभी कोई दिक्कत आएगी तो सभी यात्री कभी भी किसी भी बड़े आंदोलन में कूद सकते हैं । कल यात्रा पासोपा विलोंद होते हुए केदार नाथ जाएगी ।

संस्कृति विश्वविद्यालय ने मनाया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ एजुकेशन में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री रहे मौलाना अबुल कलाम को याद किया और उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी बताया कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। उनके द्वारा शिक्षा की क्षेत्र में अनेक कार्य किये गए, जिनमें यूजीसी, तकनीकी, जामिआ मिलिया विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना जैसे प्रमुख कार्य भी शामिल हैं।
स्कूल ऑफ़ एजुकेशन की डीन डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के देश भर में सीखने के अवसरों के विस्तार के प्रति उनके समर्पण के बारे में बताया। डॉ. निशा चंदेल ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के महत्व पर प्रभावशाली संबोधन दिया, जिसमें भारत की शैक्षिक नीति पर मौलाना आज़ाद के प्रभाव को दर्शाया गया। डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने छात्रों से शिक्षा को व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की आधारशिला के रूप में महत्व देने पर बल दिया एवं नई तकनीकी के साथ आगे बढ़ने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। इस अवसर पर छात्रों को मौलाना अबुल कलाम आजाद की डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

के.डी. डेंटल कॉलेज में हुई सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिता

  • चिकित्सकों ने बच्चों को बताया दांतों की साफ-सफाई का सही तरीका

मथुरा। आत्मविश्वास से भरी मुस्कान हर किसी को अच्छी लगती है। अच्छी मुस्कान से जहां सौंदर्यबोध में इजाफा होता है वहीं इसके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं। बच्चों अच्छी मुस्कान सिर्फ मोती जैसे चमकते दांतों से ही सम्भव है लिहाजा हमें प्रतिदिन सुबह-शाम दांतों की साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए। यदि हमारे दांत साफ और स्वस्थ हैं तो हम कई बीमारियों से स्वतः ही बच जाएंगे। यह बातें डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के पेडोडोंटिक्स विभाग द्वारा आयोजित सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर मथुरा शहर के जरूरतमंद बच्चों को बताईं।
शहर के जरूरतमंद बच्चों तथा महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. लाहौरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिल्कुल परफेक्ट मुस्कान के साथ पैदा नहीं होता। यदि दांतों की नियमित साफ-सफाई न की जाए तो उनमें दाग-धब्बे बन जाते हैं। यदि हमें अपने दांतों को सफेद मोती की तरह चमकते हुए देखना है तो नियमित रूप से दांतों की सही तरीके से साफ-सफाई करनी चाहिए। डॉ. लाहौरी ने बच्चों को मुंह एवं दांतों की सफाई की सही विधि भी बताई।
विभागाध्यक्ष पेडोडोंटिक्स डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य छोटे बच्चों को दांतों की साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना है ताकि वे कई अनचाही बीमारियों से बच सकें। प्रतिस्पर्धा की संयोजक डॉ. सोनल गुप्ता ने कहा कि जब आपकी मुस्कान में आपके मसूड़ों के ऊतक बहुत ज्यादा दिखाई देते हैं तो इससे आपका समग्र चेहरा खराब दिखता है। कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री आपकी मुस्कान में दिखने वाली खामियों को ठीक करके आपकी प्राकृतिक सुन्दरता को तो निखार सकती है लेकिन हमारी कोशिश हमेशा अपने दांतों की सही देखभाल करने की होनी चाहिए। दांतों की सही देखभाल और साफ-सफाई हमारे स्वस्थ रहने का अचूक मंत्र है।
सबसे अच्छी मुस्कान प्रतिस्पर्धा के दौरान जरूरतमंद बच्चों को दांतों की सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें मुफ्त टूथ पेस्ट और टूथ ब्रश प्रदान किए गए। इतना ही नहीं विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के बीडीएस छात्र-छात्राओं के बीच पेडोडोंटिक्स विषय की क्विज, ओरल स्वास्थ्य को दर्शाती चित्रकला तथा सबसे अच्छी मुस्कान प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
अंत में मुख्य अतिथि और निर्णायक डॉ. मनेष लाहौरी ने सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत करके उनका हौसला बढ़ाया। डॉ. लाहौरी ने पेडोडोंटिक्स विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्र-छात्राओं को दंत चिकित्सा की गूढ़तम बातों को समझने में काफी मददगार होते हैं। अंत में डॉ. सोनल गुप्ता ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग के लिए प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, डॉ. राजीव, डॉ. सुषमा, डॉ. ज्योति आदि का आभार माना।

बलदेव रजवाहा की सिल्ट किसानों के रास्ते पर, अधिशासी अभियंता ने नहीं किया निरीक्षण

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  • दोनों तरफ की पटरियां सिल्ट यानि गंदगी से अटी पड़ीं, अधिशासी अभियंता की अनदेखी में चली जेसीबी
  • अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार को दे दिया पूरा दारोमदार, किसान परेशान

बलदेव : निचली मांट ब्रांच गंग नहर से निकलने वाला बलदेव रजवाहा के समीप खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं। कारण साफ है कि सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता की अनदेखी में जेसीबी ने किसानों के रास्ते को आट कर रख दिया। इस कारण किसान अपने खेतों की तरफ नहीं पहुंचे पा रहे हैं।

बलदेव रजवाहा की सफाई का ठेका बीते दिनों हुआ। ऐसा लगता है जैसे अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार के ऊपर दारोमदार छोड़ दिया। अब अधिकारी की अनदेखी के हालात ये हुए कि जेसीबी ने किसानों के दोनों तरफ के रास्तों को आट दिया। किसान अब इसलिए परेशान हैं कि वह आखिर अपने खेतों तक पहुंचें कैसे। जबकि कईयों बार जेसीबी चालक से रास्ता सुगम बनाने के लिए किसानों आग्रह तक किया, लेकिन उसने एक न सुनी।

इसके बाद किसानों ने अधिशासी अभियंता को फोन तक किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। वाट्सएप के माध्यम से भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब किसान अपनी फसलों की रखवाली के लिए अपने ही खेतों तक पहुंचने में परेशान उठा रहे हैं। स्थिति तो ये है कि दोनों तरफ की पटरियों पर जेसीबी ने सिल्ट डाल दी।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता को फोन किया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

पटरी पर पड़ी गंदगी को समतल करने की मांग

बलदेव रजवाहा की पटरी पर जिस तरफ सड़क नहीं है, उस तरफ की पटरी पर जेसीबी द्वारा रजवाहा की जो गंदगी डाली गई है अगर उसे समतल कर दिया जाय तो भी किसानों के लिए सुगमता हो जायेगी। गंदगी समतल करने के लिए ही जेसीबी चालक से उसी दौरान मांग की थी, लेकिन चालक ने एक नहीं सुनी और न ही किसी अधिकारी ने।

आरआईएस के नौनिहालों ने जंगल सफारी कॉर्निवल का उठाया लुत्फ

  • बाल दिवस पर चाचा नेहरू के कृतित्व और व्यक्तित्व को किया याद

मथुरा। बच्चों की भोली-भाली दुनिया और उनके रंगीन सपनों को शानदार मंच देने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई गई। वर्ष के सबसे बड़े फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल में छात्र-छात्राओं की बहुआयामी प्रतिभा देखने को मिली। बच्चों की इस अनोखी दुनिया का अभिभावकों और शिक्षकों ने भी जमकर लुत्फ उठाया। फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल का शुभारम्भ डॉ. देवेंद्र पाठक प्रिंसिपल एंड डायरेक्टर राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी ने केक काटकर किया।
बाल दिवस एक सामान्य दिन नहीं बल्कि विशेष दिन है, क्योंकि इसी दिन पंडित जवाहर लाल नेहरू का इस धरती पर अवतरण हुआ था। बच्चे चाचा नेहरू को बहुत प्यारे थे, इसीलिए इसे बाल दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। गुरुवार को सुबह से ही राजीव इंटरनेशनल स्कूल का वातावरण उल्लासमय रहा। बाल दिवस के उपलक्ष्य में स्कूल परिसर में ही जंगल सफारी कॉर्निवल का आयोजन किया गया जिसमें बच्चे ही नहीं अभिभावक भी शामिल हुए।
बाल मेले को आकर्षक और मनोरंजक बनाने के लिए छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार की स्टाल्स लगाईं। बाल मेले में हुए मनोरंजक खेल जहां लोगों में कौतूहल पैदा कर रहे थे वहीं नेल आर्ट, निशानेबाजी, वस्त्र परिधान,आर्टिफिशियल ज्वेलरी विभिन्न प्रकार के फूड आइटम आदि की स्टॉल्स ने लोगों को खूब ललचाया। मेले में आए लोगों ने विभिन्न प्रकार के झूलों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जहां आनंद लिया वहीं बच्चों द्वारा बनाई गई आर्ट एंड क्राफ्ट की वस्तुओं एवं पेंटिंग्स की जमकर सराहना की। इतना ही नहीं मेले में आये लोगों ने कॉर्निवल में लगे विभिन्न स्टॉल्स से खरीददारी भी की।
मुख्य अतिथि डॉ. मनेष लाहौरी डीन एंड प्रिंसिपल के.डी. डेंटल कॉलेज तथा डॉ. देवेंद्र पाठक प्रिंसिपल एंड डायरेक्टर राजीव फार्मेसी ने बच्चों के खूबसूरत बाल मेले की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए सभी का उत्साहवर्धन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि यह दिन बच्चों की मासूमियत, खुशियों और उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है। बाल दिवस पर न केवल बच्चों के प्रति समाज की जिम्मेदारियों की याद दिलाई जाती है बल्कि इस दिन को उनके सपनों और आकांक्षाओं को संजोने के संकल्प के रूप में भी देखा जाता है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों को अपने बचपन के अनमोल क्षणों की ओर प्रेरित करते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ इस तरह के मनोरंजक आयोजनों से छात्र-छात्राओं में भाईचारे की भावना पैदा होती है। यह फन फेयर विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था लेकिन अभिभावकों ने जिस तरह इसमें सहभागिता की उससे बाल मेले के आयोजन की सार्थकता ही सिद्ध हुई है। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने फन फेयर जंगल सफारी कॉर्निवल की सफलता के लिए शिक्षकों, छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों का आभार माना। कार्यक्रम के अंत में लकी ड्रा निकाला गया तथा विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।

अच्छी शिक्षा से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव : डॉ अंजू सूद

  • हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में मनाया गया बाल दिवस समारोह
  • बच्चों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोहा

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय में बाल दिवस का उल्लासपूर्वक आयोजन किया गया। यह दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके विशेष प्रेम और स्नेह को समर्पित है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य माने जाते हैं और अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षकों के द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियों से हुई। छोटे बच्चों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। छोटी-छोटी भूमिकाओं के द्वारा शिक्षकों ने भी बच्चों के बचपन को पुनः जीवंत किया और उन्हें अच्छी शिक्षा और नैतिक मूल्यों की सीख दी।
विद्यालय में बाल दिवस का यह आयोजन हर्षोल्लास और जोश के साथ सम्पन्न हुआ। बच्चों ने इस दिन का भरपूर आनंद लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त आचार्यवृंद का सहयोग रहा।

इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ अग्रवाल, उमेश चंद शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने छात्राओं को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद दिया।