Friday, December 26, 2025
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कातिलों के कातिल यारों के यार बड़े ही जीदार

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। इनकी दोस्ती कातिलानी, इनकी दुश्मनी कातिलानी, इनकी नजर कातिलानी इनकी हर अदा में कातिलाना पन समाया हुआ है। और तो और उम्र को गच्चा देने के मामले में भी ये बड़े ही कातिल हैं। इन्होंने रेखा और हेमा मालिनी तक को पीछे धकेल रखा है। जीवन की सत्तर सीढियों तक पहुंच कर भी सत्रह वालों तक को जमीन सुंघाने की कुब्बत रखते हैं।
     नाम है इनका महेश पाठक दूसरा उपनाम है “नानू”। नानू नाम पर बटन दबाते ही इनकी जन्मपत्री खुल जाती है। ना ये एम.पी. हैं, न एम.एल.ए. और ना ही मिनिस्टर पर अपनी निराली अदाबाजी के कारण इनसे भी आगे बहुत कुछ हैं। इनका सबसे निराला अंदाज है “जब प्यार किया तो प्यार किया जब नफरत की तो नफरत की, इनका सिद्धांत है आपको ना मानें ताके बाप को ना मानें”।
     अब इनके बारे में ज्यादा बताने जताने की कोई जरूरत नहीं। दुनियां वाले जानते हैं कि महेश पाठक कौन है? और क्या उसकी क्षमताएं हैं? बस इतना जरूर कहूंगा की बचपन से लेकर अब बुढ़ापे तक। क्षमा करें मैं बुढ़ापा गलत लिख गया। भूल सुधार करते हुए बुढ़ापे की जगह सत्तर सीढ़ी चढ़ने तक किए देता हूं। यानी पांच  छः दशकों से इन्होंने अपना झंडा फहरा रखा है वह मथुरा के इतिहास में बेमिसाल है। हर वर्ष की तरह कंस का मेला आ गया। कंस को मारने वालों की अगुवाई लंबे समय से कर रहे हैं। कंसों के वध के तो ये पुराने शौकीन हैं ही।
     अंत में एक बात और कह कर लेखनी को विराम देता हूं कि इनके यहां पित्रों की बड़ी जबरदस्त मानता है। शायद पित्र भक्ति की शक्ति ही इनके साथ रहती है। इनकी पित्र भक्ति को मेरा सलाम।

सनातन धर्म संसद के लिये हुआ भूमि पूजन, किया सुंदरकाण्ड का पाठ

  • भागवत कलशों के साथ 15 को निकलेगी सनातन यात्रा
  • 16 नवम्बर को सनातन धर्म संसद में जुटेंगे देशभर के संत और सनातनी
  • सनातन बोर्ड के गठन को लेकर देवकीनंदन महाराज ने बुलाई है सनातन धर्म संसद

वृंदावन/दिल्ली । 16 नवम्बर को होने वाली सनातन धर्म संसद’l के लिये भूमि पूजन कर धर्मध्वजा स्थापित की गयी है । ध्वजपूजन पश्चात सुन्दर काण्ड का पाठ किया गया । विशाल आयोजन के लिये बड़ी संख्या में कारीगर पण्डाल एवं मुख्य मंच बनाने में लगे हैं । धर्म संसद से पूर्व सनातन न्यास फाउन्डेशन के अध्यक्ष देवकीनंदन महाराज भागवत सनातन यात्रा निकालेंगे। वहीं 16 नवम्बर को बड़ी संख्या में देशभर से संत-कथाकार एवं सनातनी दिल्ली पहुँचेगें ।
आपको बताते चलें कि देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज द्वारा वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड के गठन, श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण जैसे विषयों के साथ सनातन धर्म पर हो रहे कुठारघातों पर रणनीति तय करने के लिये संत-कथाकार एवं सनातन धर्मालम्बियों की एक सनातन धर्म संसद बुलाई गयी है ।
रविवार को पश्चिमी घोंडा दिल्ली में करतार नगर के सामने यमुना खादर चौथा-पांचवां पुस्ता रोड स्थित आयोजन स्थल पर महामंण्लेश्वर संत नवल किशोर दास महाराज, महामंडलेश्वर पाताल पुरी, वेद मूर्ति नंद महाराज एवं अन्य गणमान्य लोगों के साथ आयोजन समिति सदस्यों ने भूमि पूजन कर धर्म ध्वजा स्थापित की । समिति सदस्यों ने सुंदर काण्ड का पाठ कर आयोजन की सफलता की कामना की । प्रचार-प्रसार के लिये ई-रिक्शा को हरी झण्डी दिखायी ।
सनातन न्यास फाउन्डेशन के सचिव विजय शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि न्यास के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज 15 नवम्बर को सनातन यात्रा निकालेंगे । 16 को सनातन धर्म संसद का आयोजन होगा, जिसमें देशभर से संत-कथाकार सनातन बोर्ड की आवश्यकता पर अपने विचार रखेंगे । इसके पश्चात 17 से 23 नवम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा। कहा कि आयोजन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं । विशाल पण्डाल एवं मंच के लिये एमपी, हरिद्वार, आगरा से 250 से अधिक कारीगर कार्य कर रहे हैं । आयोजन की व्यवस्थाओं एवं प्रचार-प्रसार के लिये 5 हजार कार्यकर्ता बनाये गये हैं ।
इस कार्यक्रम में अवधेश दास महाराज, वेद व्यास शास्त्री, क्षेत्रीय विधायक अजय महावर एवं निगम पार्षद छाया गौरव शर्मा, पार्षद रेखा रानी, शैलेश सिंघल, शेरा राम भादू , मुकेश पाण्डेय, भू प्रकाश शर्मा, सूरज बंसल, वीर सिंह, नीरज एवं आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

तीन वन परिक्रमार्थियों को वितरित किया हलवा पूड़ी का प्रसाद

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  • भक्तिभाव में सेवा करने से होती है आनंद की अनुभूति : विवेक

मथुरा : कार्तिक मास गोपाष्टमी के पर्व पर एनके ग्रुप परिवार ने तीन वन एवं पंचकोसी परिक्रमार्थियों को पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए प्रसाद वितरित किया। परिक्रमार्थियों को प्रसाद में एनके ग्रुप के निदेशक एवं जीएलए विश्वविद्यालय के सीएफओ विवेक अग्रवाल ने हलवा पूड़ी का प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर विवेक अग्रवाल ने कहा कि यह अवसर बहुत ही खास है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी जो अक्षया नवमी के नाम से भी जाना जाता है के अवसर पर तीन वन एवं वृंदावन की परिक्रमा को श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ते हैं। उन्होंने बताया कि प्रसाद वितरण के अवसर पर परिक्रमार्थियों का उत्साह देखने लायक था। पूरा परिक्रमा मार्ग हरिनाम संकीर्तन और राधे-राधे के स्वरों से गुंजायमान होता रहा। ऐसे एनके ग्रुप परिवार भक्तिभाव में डूब गया। विदित रहे कि कार्तिक मास के अवसर पर श्रद्धालुओं ने परिक्रमा के दौरान मथुरा में कंकाली देवी मंदिर, भूतेश्वर मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मस्थान, महाविद्या देवी मंदिर, चौमुंडा देवी मंदिर, छटीकरा में गरूण गोविंद मंदिर, वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, राधा बल्लभ मंदिर, गोपेश्वर महादेव मंदिर, निधिवन, टटिया स्था आदि मंदिरों आराध्य प्रभु के दर्शन किए। कुछ श्रद्धालुओं ने सिर्फ वृंदावन और कुछ ने मथुरा की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। प्रसाद वितरण के दौरान एनके ग्रुप परिवार उपस्थित रहा।

छात्रा आभा शर्मा का एस जी एफ आई बुशु प्रतियोगिता में हुआ चयन

  • अखिल भारतीय बुशु प्रतियोगिता में आभा शर्मा प्रथम और दीपिका रही द्वितीय

वृंदावन। 35वीं अखिल भारतीय बुशु प्रतियोगिता सरस्वती विद्या मंदिर, भरतगढ़, दतिया (मप्र) में आयोजित हुई। जिसमें हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय की 2 छात्राओं ने सहभागिता की। प्रथम स्थान पर आभा शर्मा, द्वितीय स्थान पर दीपिका ने स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त किया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में चयनित होने के लिए छात्राओं ने विद्यालय स्तर, जिला स्तर व राज्य स्तर पर अपनी शानदार प्रदर्शन क्षमता का परिचय दिया। छात्राओं ने बुशु के अपने उत्कृष्ट कौशल और कठोर अभ्यास से यह सिद्ध किया कि समर्पण और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने बताया कि प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा आभा शर्मा एस जी एफ आई प्रतियोगिता में दिसम्बर 2024 में दिल्ली में सहभागिता करेंगी।
छात्रा की सफलता में विद्यालय की शारीरिक आचार्य मेघा गौतम का सहयोग रहा।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, विश्वनाथ अग्रवाल, रेखा माहेश्वरी, उमेश चंद शर्मा, कमल खंडेलवाल, भरत शर्मा आदि ने विजयी छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दी एवं आगामी प्रतियोगिताओं के लिए विजयश्री का आशीर्वाद दिया।

ब्रज लोक कला संग्रहालय देख कर समझें ब्रज की संस्कृति : हेमामालिनी

  • छटीकरा-राधाकुण्ड रोड पर खुले ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय देख सांसद हेमा गदगद
  • ऐसी ब्रज संस्कृति को युवा पीढ़ी को समझना एवं संरक्षित रखना चाहिए

वृंदावन। राधाकुण्ड रोड बहुलावन में स्थित ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय को देखने पहुंची सांसद हेमा मालिनी ने संग्रहालय में रखी वस्तुओं को देखा व यहां रखी गयी ब्रज संस्कृति की वस्तुओं के संग्रह में कितना समय व परिश्रम लगा है। जिसे युवा पीढ़ी को समझना चाहिए व इसे वर्षों तक संरक्षित रखा जाना चाहिए। यहां आकर ही ब्रज संस्कृति को सही से जाना व समझा जा सकता है।
सांसद हेमामालिनी के संग्रहालय पहुंचने पर उनका स्वागत डॉ. उमेश चन्द्र शर्मा व कपिल उपाध्याय ने किया। सांसद ने संग्रहालय के मुख्यद्वार पर रखे विशाल बम्व को बजाया। सात अलग-अलग वीथिकाओं में रखी हर वस्तु को उन्होंने देखा व उनके विषय में जानकारी की। ग्वाल संस्कृति का एक मात्र व अनूठा संग्रहालय जिसमें ब्रज संस्कृति की प्राचीन वस्तुओं का संकलन किया गया है तथा आमजन के अवलाकनार्थ इन्हें यहां संरक्षित किया गया है। सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि प्राचीन संस्कृति से आज की युवा पीढी़ को परिचय करना चाहिए यहां संरक्षित कर सुरक्षित रखी गयी प्राचीन वस्तुओं के संग्रह में कितना समय लगा होगा तथा इसके पीछे कितना परिश्रम लगा होगा यह यहां आने पर ही समझा जा सकता है। उन्होंने संग्रहालय की पुस्तिका में अपने विचार लिखते हुए लिखा है कि ब्रज लोक कला एवं शिल्प संग्रहालय, मथुरा में आकर मैं इस खूबसूरत संग्रहालय को देखकर बहुत प्रभावित हुई हूँ। हमारी प्राचीन कला और संस्कृति के विभिन्न रूप को बहुत अच्छी तरह से यहां संरक्षित किया गया है। आने वाली पीढ़ी के लिए इसे वर्षों तक बनाए रखना चाहिए। ताकि वह इसे देख सकें और प्राचीन संस्कृति को समझ सकें। मेरी सभी को शुभकामनाएँ तथा प्यार, आप सभी यहां आकर देखें व आनंद लें।

संकृति विवि में महिला नेताओं और देशभक्तों की जीवनियों पर हुए व्याख्यान

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में मिशन शक्ति फेस-5 के अंतर्गत महिला नेताओं और देशभक्तों की जीवनियों पर एक प्रेरणादायक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और शिक्षकगण शामिल हुए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ, बृजपांत की क्षेत्रीय संयोजक डा मीनाक्षी शर्मा ने महिला लीडर्स व देशभक्तों के जीवनवृत का उल्लेख करते हुए छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. वेराचिल्लई (डीन, SOEIT) ने तकनीकी क्षेत्र में प्रतिभाशाली महिला लीडर्स की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कल्पना चावला को याद किया। डॉ. रीना रानी (नोडल अधिकारी, मिशन शक्ति फेज-5), डॉ. डी.एस. तोमर (डीन, छात्र कल्याण), और डॉ. नीलम कुमारी (प्रॉक्टर) आदि ने भी विचार व्यक्त किये।। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियंका गुप्ता और डॉ. रीना रानी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने बड़ी संख्या में व्याख्यान श्रृंखला में अपनी प्रस्तुति दी। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सचिन गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रदान की।
प्रतिभागियों में मुख्य रूप से पूर्वा गौतम (बीएससी बायोटेक्नोलॉजी), संजना सोलंकी (बीटेक, एआईएमएल), ऋद्धि (बीटेक कंप्यूटर साइंस), आध्या (बीटेक एआईएमएल), सौम्या (बीटेक एआईएमएल) के व्याख्यान प्रभावशाली रहे। संस्कृति विवि की 100 से अधिक छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। विवि प्रशासन द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन डॉ. रीना रानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

सेना से सेवा निवृत होकर घर लौटे सैनिक का राधावेली में जोरदार स्वागत

मथुरा । जिले का बेटा भारतीय सेना में रहकर देश के प्रति अपना कर्तव्य को निभाकर जब वापस अपने घर लौटा तो लोगो की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लोग उसे जुलूस के रूप में घर तक लेकर आए. बाद में ड्रोन से फूल बरसाकर विजेता जैसा स्वागत किया. रास्ते में जगह-जगह साफे बांधे गए. मालाएं पहनाई गई. सेना में नौकरी करने के बाद सेवानिवृत्ति पर लोगो के लाड प्यार को देखकर यह फौजी भी भावुक हो गया और बोला वह यह प्यार और सम्मान कभी नहीं भुला पाऊंगा
दरअसल भरतपुर जिले के पेगोर गांव निवासी सतीश फौजदार हाल ही में सेना में अपनी नौकरी पूरी करके सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. सतीश फौजदार सेवानिवृत्ति के बाद बृहस्पतिवार को जब अपने घर लौटे तो लोग बेहद खुश हुए.ड्रोन से पुष्प वर्षा कर सतीश फौजदार का भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान फौजदार जब बाईपास चौराहे पहुंचे तो उन्हें राधा वैली निवासी एवं मित्रगण लेने पहुंचे. बाद में वहां से गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में उन्हें लेकर राधा वैली रवाना हुए. फौजदार को कार में बैठाकर वाहन रैली के रूप में हाइवे से श्री राधा वैली लाया गया.
पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए
इस दौरान वाहनों पर तिरंगा लगाया गया. पूरे रास्ते भारत माता के जयकारे लगाए गए. घर पहुंचने पर अपनी माटी के लाल के स्वागत में लोगो ने पलक-पावड़े बिछा दिए. जगह-जगह पर पुष्प वर्षा के साथ माला पहनाकर और साफा बांधकर स्वागत किया गया. राधा वैली निवासी बोले कि फौजी सतीश फौजदार हमारे लिए न केवल गर्व की अनुभूति का प्रतीक है बल्कि प्रेरणा स्रोत भी हैं. फौजदार की प्रेरणा से आज आस पास के कई युवा देश सेवा के लिए फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं ! सूबेदार सतीश फौजदार ने कहा कि उन्हें यह अपार स्नेह और सम्मान शुरू से ही लोगो से मिलता रहा है. वे पहले भी जब घर आते तो सभी का स्नेह इसी तरह मिलता था.
इसी क्रम में सम्मान समारोह ने उपस्थिति ठा.आर के सिंह यदुवंशी व संस्कृति विश्व विद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी ने कहा कि सैनिक हमेशा निडर रहता है और उसे अपनी जान की परवाह भी नही होती वो हमेशा देश के लिए अपनी जान तक दे देता है। एक सैनिक कभी भी ये नही सोचता की उसके बाद उसके परिवार का क्या होगा। सैनिको की एक और बात उन्हे सभी लोगो से भिन्न बनाती है की सैनिक के बाद उसका बेटा भी सैनिक बने ये एक सैनिक चाहता है।
इस मौके पर विक्रम प्रधान, ठा.आर के सिंह यदुवंशी,किशन चतुर्वेदी,मनमोहन सिंह,रतन चौधरी,प्रताप पहलवान,नितिन ठाकुर, बीडी राणा, जी के मिश्रा,अभिषेक चतुर्वेदी, डॉ राजेश बसेड़ी,ठा.हनु,सूबेदार राजेश सिंह,देवदत्त शर्मा,चौधरी जे पी सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

राजीव एकेडमी में बैंकिंग सेक्टर ट्रेण्ड्स एण्ड सर्विसेज अवेयरनेस पर गेस्ट लेक्चर

  • बैंकिंग क्षेत्र में करियर निर्माण की अपार सम्भावनाएं- ऐश्वर्या चौरसिया

मथुरा। डिजिटल क्रांति से बैंकिंग क्षेत्र को न केवल गति मिली है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। आज की युवा पीढ़ी के लिए बैंकिंग इंडस्ट्री करियर का सर्वोत्तम विकल्प है। इस इंडस्ट्री में न केवल प्राइवेट बल्कि सरकारी जॉब्स के लिहाज से भी करियर के लिए शानदार स्कोप है। बैंकिंग और फाइनेंस की स्किल्स अगर है, तो आप इससे जुड़े कोर्स करके अपना शानदार करियर बना सकते हैं। यह बातें शुक्रवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित गेस्ट लेक्चर में रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया असिस्टेंट मैनेजर आईसीआईसीआई बैंक ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया ने बताया कि अच्छी सैलरी की वजह से बैंकिंग सेक्टर युवाओं में काफी लोकप्रिय है। इस फील्ड के लिए अच्छी बात यह है कि इसमें आने के लिए जरूरी नहीं है कि कॉमर्स के ही छात्र-छात्राएं अपना करियर चुन सकते हैं बल्कि आर्स् तथा साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थी भी बैंकिंग क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। बैंकिंग सेक्टर ट्रेण्ड्स एण्ड सर्विसेज अवेयरनेस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थी बैंकिंग क्षेत्र के बारे में ज्ञान और कौशल अर्जित कर स्वयं को रोजगार के लिए तैयार कर सकते हैं।
ऐश्वर्या चौरसिया ने छात्र-छात्राओं को डिजिटल बैंकिंग के नियमों और सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बिजनेस में बदल रही टेक्नोलॉजी तथा रिवॉल्यूशन के बाद भी केवल एक चीज है, जो हमेशा से स्थिर है, वह है बैंकिंग क्षेत्र में करियर। उन्होंने कहा कि बैंकिंग में आपके पास आकर्षक नौकरियों के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनसे आपको उच्च वेतन और नौकरी की सुरक्षा प्राप्त होती है, लेकिन यदि आपको बैंकिंग में करियर की शुरुआत करनी है तो आपको फाइनेंस, इकोनॉमिक्स, बैंकिंग, कॉमर्स जैसे विषयों से अपनी बैचलर डिग्री पूर्ण करनी होगी तथा उसके बाद बैंक के एक्जाम्स क्रैक करने होंगे।
रिसोर्स परसन ने कहा कि अब वित्तीय सेवाओं के इस्तेमाल के तरीके बदले हैं जिससे राष्ट्रीय ग्रोथ बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज के नए दौर में बैंकिंग क्षेत्र का सम्पूर्ण रूप से डिजिटलाइजेशन हुआ है जिससे प्रबंधन की डिग्री हासिल करने के बाद विद्यार्थी अपना स्वर्णिम करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के बैंक ऐसे अभिनव तकनीकी समाधान लागू कर रहे हैं जो वित्तीय सेवाओं के तरीके चेंज कर रहे हैं। पारम्परिक बैंकिंग सेवाओं से लेकर मोबाइल बैंकिंग, भुगतान, आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंसी और ब्लॉकचेन आधारित समाधानों के इस्तेमाल तक बैंकिंग क्षेत्र ग्राहकों और बाजार की तेजी से बदलती जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल रहा है।
अब कुछ नए रूझान बैंकिंग तकनीक पर हावी हैं। ऑनलाइन बैंकिंग प्रौद्योगिकी को सभी जानते हैं। बैंकिंग डिजिटल लेनदेन, प्रौद्योगिकी व्यय, प्रौद्योगिकी रोजगार, फिनटेक विक्रेताओं का उपयोग, बैंकिंग उद्योग में हाइपर पर्सनलाइजेशन, सम्पूर्ण बैंकिंग उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.), ओपन बैंकिंग, कम कोड या ना कोड प्लेटफॉर्म, बैंकिंग में डिजिटल सुरक्षा प्रणाली, बैंकिंग में रेगटेक, रोबोटिक प्रोसेस आटोमेशन, ब्लॉकचेन, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स आदि का बराबर उपयोग हो रहा है। आज के युवा बैंकिंग सेवाओं की अत्याधुनिक कार्यप्रणाली को समझ कर इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स परसन ऐश्वर्या चौरसिया का आभार माना।

संस्कृति विश्वविद्यालय में महिला सशक्तिकरण पर हुई निबंध प्रतियोगिता

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रदेश द्वारा घोषित मिशन शक्ति चरण-5 के अंतर्गत “महिला सशक्तिकरण पर निबंध लेखन प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। विवि के सभागार में एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्राओं में महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता और आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना था। प्रतियोगिता में बीएससी की छात्रा आर्ची ने प्रथम, बीबीए की छात्रा मंजरी अग्रवाल ने द्वितीय तथा बीएससी एमएलटी की छात्रा इमरा बानो ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
निबंध प्रतियोगिता का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रतिभागियों ने निबंध प्रस्तुत किए, जिसमें महिलाओं के लिए शिक्षा के महत्व, आर्थिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और नेतृत्व के अवसरों जैसे विषयों का पता लगाया गया। यह रिपोर्ट प्रतियोगिता का एक सिंहावलोकन प्रस्तुत करती है, जिसमें प्रमुख विषयों, प्रतिभागियों की भागीदारी और लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के प्रति गहरी समझ और प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने में कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। प्रतियोगिता में संस्कृति विवि के 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में डॉ. डी.एस. तोमर, डीन छात्र कल्याण, संस्कृति विश्वविद्यालय, प्रोफेसर (डॉ.) रीना रानी, सहायक डीन छात्र कल्याण, नोडल अधिकारी, मिशन शक्ति चरण 5 ने प्रतियोगिता के प्रारंभ में विद्यार्थियों को अपने उद्बोधन से जागृत किया। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए और प्रो. (डॉ.) एस. वैराचिलाई, डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और छात्रों को प्रोत्साहित किया। निबंध लेखन के संबंध में सभी दिशानिर्देश प्रो.(डॉ.) रूबी देवी और प्रो.(डॉ.) स्वीटी अहलावत द्वारा दिए गए। निबंध लेखन प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों को महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक रचनात्मक मंच प्रदान किया। प्रतियोगिता ने न केवल उनके लेखन कौशल को निखारा बल्कि आलोचनात्मक रूप से सोचने और विचारों को तार्किक रूप से प्रस्तुत करने की उनकी क्षमता को भी बढ़ाया। प्रस्तुत निबंधों की गुणवत्ता में छात्रों का उत्साह उल्लेखनीय रहा। कार्यक्रम की शुरुआत मिशन शक्ति फेज-5 की नोडल अधिकारी, डॉ. रीना रानी के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई। उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया और महिला सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनके योगदान के लिए सहभागिता प्रमाण पत्र दिए गए। इस आयोजन के सफल संचालन में छात्र समन्वयक यश श्रीवास्तव, पूरवा गौतम, संजना सोलंकी, शिवम अग्रवाल और कैफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन डॉ. रीना रानी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

थनैला बीमारी के लिए टीका विकसित करेगा जीएलए, मिला अनुदान

  • पशुओं के स्तन ग्रंथियों की एक सूजन वाली बीमारी है थनैला, डेयरी उद्योग को होता है भारी नुकसान

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग को उत्तर प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद से 10 लाख रूपए की एक सरकारी वित्त पोषित परियोजना मिली है। इस परियोजना के अन्तर्गत पशुओं में पाये जाने वाली थनैला बीमारी के लिए नया टीका विकसित किया जायेगा।

थनैला डेयरी पशुओं की स्तन ग्रंथियों की एक सूजन वाली स्थिति है, जो दुनिया भर में डेयरी उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाती है। अच्छी तरह से विकसित डेयरी उद्योग वाले देशों में थनैला के कारण रुग्णता 40 प्रतिषत तक हो सकती है। खराब दूध देने वाले पशुओं की तुलना में अधिक दूध देने वाले पशु/नस्लें अधिक संवेदनशील होते हैं। थनैला होने के बाद दूध का उत्पादन काफी कम हो जाता है, जिससे सभी थन प्रभावित होते हैं, तो कुछ पशु कुल दूध उत्पादन क्षमता खो देते हैं। थनैला का दूध फट जाता है और उसे फेंकने के अलावा और कोई उपाय नहीं है। संक्रमित थन हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं और दूध देने वाले पषु जीवन भर के लिए अनुत्पादक हो जाते हैं।

इस परियोजना का नेतृत्व विभाग के डा. स्वरूप कुमार पांडे और दो सह-अन्वेषक डा. अनुजा मिश्रा और डा. जगदीप सिंह सोहल कर रहे हैं। परियोजना के अन्वेषक डा. स्वरूप कुमार पांडे ने बताया कि थनैला (मैस्टाइटिस) के प्रबंधन के लिए टीकों का परीक्षण किया गया है और विकसित देशों में वाणिज्यिक टीके उपलब्ध हैं। भारत में कोई वाणिज्यिक टीका उपलब्ध नहीं है। कुछ दवाएं हैं, लेकिन वह इतनी प्रभावी नहीं जितना होना चाहिए। उनसे लाभ मिलने के दूर-दूर तक कहीं आसार नहीं दिखते। इसके अलावा भारत में किसी आयातित टीके का परीक्षण नहीं किया गया है। इसलिए मैस्टाइटिस वैक्सीन विकसित करने के लिए सिस्टमिक वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण का उपयोग करने की आवश्यकता है। मैस्टाइटिस के नियंत्रण के लिए जन्मजात प्रतिरक्षा को बढ़ाना और सेल मध्यस्थ प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने बताया कि स्तन ग्रंथियों में प्रतिरक्षा प्रणाली की जटिलता को देखते हुए, थनैला के लिए टीके विकसित करते समय प्रणालीगत वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण को लागू करने का प्रस्ताव किया गया है। इस परियोजना में थनैला के खिलाफ बहु-घटकीय टीका विकसित करने के लिए प्रणालीगत वैक्सीनोलॉजी दृष्टिकोण का उपयोग करने का प्रस्ताव है।

डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने पीआई डा. स्वरूप पांडे को बधाई दी और कहा कि सरकार की इसी तरह की परियोजनाएं जीएलए विश्वविद्यालय के शोध को एक नया आयाम प्रदान कर रही हैं। ऐसे ही सरकार द्वारा जारी कई परियोजनाओं पर जीएलए विष्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र मिलकर कार्य कर रहे हैं।

जीएलए के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता और कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने टीम को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य ऐसे ही प्रयासों के लिए प्रेरित किया।