Saturday, December 27, 2025
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जीएलए में आयोजित होगी पैराट्यूबरकुलोसिस पर 16वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

  • जीएलए के बायोटेक विभाग द्वारा 21 से 25 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली संगोष्ठी में जुटेंगे देश-विदेश के वैज्ञानिक

मथुरा : पैराट्यूबरकुलोसिस गौवंश के लिए एक खतरनाक बीमारी बनकर उभरी है। इस बीमारी के जड़ से खात्मा के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का बायोटेक्नोलॉजी विभाग विभिन्न शोधों पर जुटा हुआ है। इसी विषय पर गंभीर चर्चा हेतु 16वीं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 21 से 25 अक्टूबर तक आयोजित की जा रही है। संगोष्ठी देश-विदेश के लिए वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता प्रमुख रूप से शामिल होंगे।

यह पहली बार है जब यह संगोष्ठी भारत देश का प्रतिनिधित्व करते हुए मथुरा के जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित की जा रही है। संगोष्ठी का विषय जैव प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलॉजी, आणविक जीव विज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, जीनोमिक्स, प्रोटिओमिक्स, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पैथोलॉजी, महामारी विज्ञान, निदान, नियंत्रण आदि के क्षेत्रों पर आधारित है। इस संगोष्ठी में जीएलए पहली बार पैराट्यूबरकुलोसिस से ग्रसित गोवंश के स्वास्थ्य की देखभाल और प्रबंधन में वैकल्पिक दवाओं पर सत्र आयोजित कर रहा है।

बायोटेक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने बताया कि पैराट्यूबरकुलोसिस, जिसे जॉन्स रोग के रूप में भी जाना जाता है, जो कि आंतों की एक पुरानी संक्रामक असाध्य जीवाणु जनित बीमारी है। यह बीमारी गोवंश के अतिरिक्त, भेड़, बकरियों, भैंस, ऊंट इत्यादि की उत्पादनशीलता और मवेशियों को प्रभावित करती है। साथ ही माइकोबैक्टीरियम पैराट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण के कारण अन्य जंगली जुगाली करने वाली प्रजातियों नीलगाय, जंगली भैंसा, याक, मिथुन आदि को भी प्रभावित करती है।

उन्होंने बताया कि संगोष्ठी के जीएलए द्वारा आयोजित विभिन्न सत्रों में यह ’संवाद’ कई पुराने तथा युवा शोधकर्ताओं को अपनी शोध प्रस्तुत करने का प्लेटफार्म प्रदान करता है। यह ‘आईसीपी‘ उच्च शिक्षा संस्थानों, व्यवसायों और अनुसंधान केंद्रों, समूहों और व्यक्तियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने, सहयोग को बढ़ावा देने और नेटवर्क समूह बनाने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगी। भारत और एशिया के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों से संकाय, विद्वान, शोधकर्ता और कॉर्पोरेट अधिकारी वर्तमान स्थिति, शोध के सुराग, अनसुलझे प्रश्नों, विचारों और शोध निष्कर्षों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान तथा इस असाध्य रोग पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा करेंगे।

यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह तथा टीम में डॉ. जगदीप सोहल, डॉ. सौरभ गुप्ता, डॉ. स्वरूप पांडे, डॉ. नवभारत मेंथाना एवं जिसका निर्देशन जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता के द्वारा किया जा रहा है।

संगोष्ठी में विभाग के अन्य फैकेल्टी मेंबर्स तथा प्रोजेक्ट एवं पीएचडी स्टूडेंट द्वारा योगदान किया जा रहा है। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, सीईओ नीरज अग्रवाल, सीएफओ विवेक अग्रवाल एवं कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने सम्मेलन के आयोजन की सफलता के लिए विभाग को शुभकामनाएं दीं।

राधा रानी ब्रजयात्रा ने किए चारों गढ़ों के दर्शन

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। ब्रह्माचल पर्वत पर स्थित हैं चार गढ़।इन चारों गढ़ों पर राधा माधव की विभिन्न लीलाएँ हुई हैं ।आज इन्ही लीला स्थलियों का दर्शन राधा रानी ब्रज यात्रा के वैष्णवों ने किए और अपने को कृतार्थ किया।
यात्रा में साथ चल रहे मान मंदिर सेवा संस्थान के कार्यकारी अद्ध्यक्ष राधा कांत शास्त्री ने यात्रियों को संबोधित करते हुए बताया कि सर्व प्रथम आज यात्रा मान गढ़ (मान मंदिर)पर श्री राधा मान बिहारी लाल के दर्शन किए ।मान मंदिर पर राधा रानी रूठ कर बैठी हैं और श्याम सुंदर उनके चरणों में अपना मस्तक रख कर उन्हें मनाते हैं ।मान गढ़ के बाद भानु गढ़ जाकर राधा रानी के दर्शन किए ।मंदिर के सेवायत गोस्वामी आनन्दजी ने मानबिहारी लालजी का स्वागत किया ।बाबा नृसिंह दास ब्रज शरण दास राधा कान्त शास्त्री को श्रीजी की प्रसादी चूनरी उढ़ाई।मंदिर में कीर्तन भजन की धूम मची थी ।श्रीजी मंदिर से कुशल बिहारी मंदिर ,दान गढ़ ,मयूर कुटी ,सँकरी खोर, विलास गढ़ ,रसमंदिर दर्शन करते हुए यात्रा वापस पड़ाव स्थल पर पहुँची।
ब्रह्माजी ने 60000 वर्ष तपस्या की तो भगवान ने उन्हें बरसाना में पर्वत रूप प्रदान किया ।इसी पर्वत पर ब्रह्म जी के मुख के प्रतीक चार गढ़ हैं ।

हर चुनौती कुछ सीख देती हैः लक्ष्मीबाई अवॉर्डी पर्वतारोही प्रिया कुमारी

  • खेलों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं विद्यार्थीः डॉ. आर.के. अशोका
  • के.डी. मेडिकल कॉलेज में एक्जोन-2024 का शुभारम्भ

मथुरा। जीवन में आने वाली चुनौतियों से कभी हार मत मानें क्योंकि हर चुनौती कुछ सीख देती है। जिस तरह से एमबीबीएस की पढ़ाई कठिन होती है, उसी तरह स्पोर्ट्स में भी लगन और मेहनत की जरूरत होती है। खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि स्वस्थ तन-मन का एक बेहतर माध्यम हैं लिहाजा अपना कुछ समय स्पोर्ट्स को जरूर दें इससे आप अपने आपको तरोताजा महसूस करेंगे और जो भी लक्ष्य तय करेंगे उसमें सफलता जरूर मिलेगी। उक्त उद्गार लक्ष्मीबाई अवॉर्डी जानी-मानी पर्वतारोही और साइक्लिस्ट प्रिया कुमारी ने के.डी. मेडिकल कॉलेज के वार्षिक आयोजन एक्जोन-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मेडिकल छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
प्रतियोगिता का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. ए.के. जैन, डॉ. विक्रम शर्मा, उप महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. दुष्यंत, डॉ. अमनजोत, डॉ. राहुल गोयल आदि ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी का स्वागत डीन डॉ. आर.के. अशोका ने किया। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि प्रिया कुमारी ने अपनी संघर्ष यात्रा का जिक्र करते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें, यदि करते भी हैं तो उसे यूज करने के बाद डस्टबिन में जरूर डालें। उन्होंने कहा कि हम जब भी यात्रा करते हैं, हमें नई चुनौतियां मिलती हैं, लेकिन इन्हीं चुनौतियों से हम सीखते हैं और मजबूत बनते हैं। यात्रा से हमें अवसाद जैसी समस्याओं से लड़ने की शक्ति मिलती है।
प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थी जीवन में जितना महत्व शिक्षा का है उतना ही जरूरी खेल भी हैं। स्वस्थ रहने का अर्थ रोगरहित तन का होना ही नहीं बल्कि तनावमुक्त मन का होना भी है। शरीर और मन दोनों का स्वस्थ रहना जीवन में सफलता के साथ आनंदमय जीवन जीने का एक सूत्र है। डॉ. अशोका ने कहा कि खेल हमें समयबद्धता, धैर्य, अनुशासन तथा समूह में कार्य करना सिखाते हैं। उन्होंने सभी टीमों के कप्तानों और प्रतिभागियों को सद्भावना की सीख देते हुए कहा कि यदि हम खेलों का नियमित अभ्यास करें तो अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सकते हैं। उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उठो, जागो और तब तक प्रयास करो जब तक कि सफलता नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा कि एक्जोन ऐसा मंच है जिसमें आपकी रुचि और दक्षता दोनों का मूल्यांकन होता है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी टीमों के कप्तानों तथा प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को अच्छे आयोजन और प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पढ़ाई का महती दायित्व होते हुए भी मेडिकल छात्र-छात्राओं का खेल और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा में उतरना बहुत बड़ी बात है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से सद्भावपूर्ण माहौल में खेलने का आह्वान किया।
21 अक्टूबर तक चलने वाले एक्जोन-2024 में छात्र-छात्राएं दिन में खेलों में अपना दम-खम दिखा रहे हैं वहीं शाम को सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाते हुए अपनी-अपनी टीमों को ओवरआल चैम्पियन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। खेलों का सुचारु संचालन जहां समन्वयक डॉ. राहुल गोयल, स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा, स्पोर्ट्स आफीसर लोकेश शर्मा, स्पोर्ट्स टीचर लोकपाल राणा, स्पोर्ट्स टीचर लक्ष्मीकांत चौधरी, स्पोर्ट्स टीचर रेखा शर्मा आदि के मार्गदर्शन में हो रहा है वहीं सांस्कृतिक गतिविधियां डॉ. अमनजोत की निगरानी में सम्पन्न हो रही हैं। एक्जोन-2024 के शुभारम्भ अवसर पर मशहूर साइकिलिस्ट प्रदीप कुमार सिंह तथा बड़ी संख्या में मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

जीएलए के फार्मेसी विभाग में आयोजित हुई अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

  • जीएलएः अन्तरराष्ट्रीय कॉफ्रेंस में पहुंचे देश-विदेश के विषय-विशेषज्ञ और शोधार्थी

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के फार्मेसी विभाग में दो दिवसीय चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें न केवल भारत के अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी कई विषय-विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।

‘इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजीकल एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज‘ विषय पर आयोजित डीएसटी सर्ब स्पॉन्सॉर्ड अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, मेडिकल कैंप यूनिवर्सिटी सोफिया, बुल्गारिया से डा. एरियाना कोस्टावा, डा. करुप्पैया कन्नन (डेवलपमेंट ऑफिसर, वेल थेरैप्यूटिक्स इंस्टिट्यूट न्यूटन यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका), विशिष्ट अतिथि सेज यूनिवर्सिटी के ऑफिसिएटिंग वाइस चांसलर डा. नीरज उपमन्यु, जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू एवं विभागाध्यक्ष मीनाक्षी बाजपेई तथा अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्व. श्री गणेश श्री लाल अग्रवाल जी के चित्रपट के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

आए हुए विशेष अतिथि प्रो. उपमन्यु ने कहा कि यदि इनोवेशन को वैज्ञानिक तरीके से करें तो वह रिसर्च बन जाती है। डा. एरियाना ने मुख्य अतिथि संबोधन में जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के कन्वेनर प्रो. बाबू के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही विशेष आलेख किया कि प्रो. सुभाष त्रिपाठी के कारण ही इस संगोष्ठी में उपस्थित होने का अवसर मिला।

प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कल्पनाशीलता, रचनात्मक और नवाचार के बीच अंतर संबंधों को बहुत तार्किक ढंग से परिभाषित किया। प्रो. अरोकिया बाबू ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय “इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजिकल एंड फार्मास्युटिकल साइंस” के विषय में अवगत कराया। डा. करुप्पैया कन्नन ने अपने शोध के बारे में बताया और कहा कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

इसी प्रकार अन्य वक़्ता इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, न्यू दिल्ली के डा. आरोकिया अरुलंदु, जीएलए बायोटेक से प्रो. अंजना गोयल, यूसीएसआई यूनिवर्सिटी लंपुर, मलेशिया से डा. माय चुन वाई ने अपने विषय पर व्याख़्यान दिया। सेंटर फ़ॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से डॉ नीतू सिंह, डिवीज़न ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एंड फार्माकोकॉइनेटिक्स सीएसआईआर, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डा. प्रभात रंजन मिश्रा, सीमेप लखनऊ से डा. करुना शंकर, नाईपर कोलकाता फार्मेसी संस्थान से प्रो. सुब्रामणिअन नाटेसन एवं प्रो. संजय जाचक, आईआईटी दिल्ली डॉ रवि सिंह ने अपने रिसर्च लेब्स में चल रहीं रिसर्च के विषय में बताया।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो. शिवा पांडा के नेतृत्व में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पोस्टर एवं ओरल प्रेज़ेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग कर अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंत में प्रो. अरोकिया बाबू एवं मीनाक्षी बाजपेई ने आए हुए मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देते हुए उनका आभार प्रकट किया तथा विजेता छात्रों को ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डॉ. कमल शाह ने द्वि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का संक्षेप वर्णन किया और बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जामिया हमदर्द, न्यू दिल्ली, गौतम इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, हिल्स कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, जेएसएस एकेडमी ऑफ़ एजूकेशन, डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी-सागर, दादा साहब बोल पांडे कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी- नागपुर, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पीएसआईटी- कानपुर, आदि कॉलेजों के छात्र-छात्राआें हिस्सा लिया। अंत में आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डा. जितेंद्र गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मंच का संचालन डा. सोनिया सिंह, डा. पूर्णिमा अग्रवाल एवं डा. नीतू अग्रवाल ने किया।

84 कोस ब्रज यात्रा का पहला दिन लिया संकल्प

  • पंद्रह हजार ब्रज भक्तों ने लिया यात्रा नियम

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। मान मंदिर से प्रारंभ होने वाली राधा रानी वार्षिक ब्रजयात्रा मंगलवार को विधि पूर्वक रूप से प्रारंभ हुई। सभी यात्रियों ने माता जी गौशाला में नियम पूर्वक संकल्प लिया और उसके बाद तुंग विद्या सखी के गांव ढभाला जाकर दर्शन किए।

मान मंदिर के महंत संत रमेश बाबा के द्वारा प्रारंभ की गई राधा रानी वार्षिक यात्रा ने इस बार मंगलवार को नियम संकल्प लिया। करीब 15 हजार यात्री सुबह सात बजे माताजी गौशाला पहुंचे। जहां संत रमेश बाबा ने सबसे पहले मान बिहारी लाल जी और राधा स्वरूप कन्या का पूजन किया। उसके बाद आचार्य महेश चंद्र शास्त्री और सुरेश चंद्र शास्त्री ने सभी यात्रियों को यात्रा के नियमों का संकल्प दिलाया। इस मौके पर संत रमेश बाबा महाराज ने कहा कि ब्रज चौरासी कोस मंडल राधा माधव की नृत्य लीला भूमि है,यह आस्था के साथ दिव्य लीला स्थलियो,पर्वतों, मंदिरों, कुंड सरोवर के दर्शन करें इसे पर्यटन का क्षेत्र न समझे। नियम संकल्प लेने के बाद सभी यात्री ठाकुर जी के डोला के पीछे हरि नाम संकीर्तन करते हुए ढभाला गांव पहुंचे। जहां उन्होंने नौबारी चौबारी,श्याम शिला, रतन कुंड आदि के दर्शन किये। और फिर सभी लोग मस्ती में झूमते हुए अपने पड़ाव पर पहुंचे। भागवताचार्य भक्त शरण महाराज ने दैनिक सतसंग करते हुए सभी ब्रजयात्रियों को ब्रज महिमा सुनाते हुए प्रथम दिवस के दर्शनीयस्थलों का माहात्म्य बताया। यात्रा में प्रमुख रूप से संत रमेश बाबा के साथ राधाकांत शास्त्री नरसिंह दास महाराज, ब्रज दास सुनील सिंह, माधवी शरण, सज्जन शर्मा संजय सिंह आदि प्रमुख रूप से रहे।

देवों में देव महादेव और सेठों में सेठ नारायण सेठ

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। देवों में देव महादेव वाली कहावत तो हम बचपन से सुनते आए हैं किंतु सेठों में सेठ नारायण सेठ वाली बात भले ही किदवंती में न हो किंतु मैं लगभग आधी शताब्दी से देख रहा हूं। देख ही नहीं रहा हूं बल्कि खुद अनुभव भी कर रहा हूं। प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या, अभी खुद व खुद साबित हो जाएगा कि मेरी बात में कितना दम है।
     कुछ दिन पहले की बात है। मेरी नारायण दास जी से फोन पर बात चल रही थी। मैंने उनसे कहा कि सेठ जी बहुत दिन पहले आपने मुझसे कहा था कि जब भी कभी मेरी किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत पड़े तो निसंकोच बता देना। नारायण दास जी ने तुरंत कहा कि हां कहा था। मैंने उनसे कहा कि अब मुझे दस लाख रुपयों की सख्त जरूरत है दे दोगे क्या? वे बोले कि हां दे दूंगा। इस पर मैंने पूछा कि कब आ जाऊं? उन्होंने बगैर क्षण भर की देर किए तपाक से कहा कि अभी आ जाओ। उनके इस जवाब से मैं नतमस्तक हो गया। मैंने उनसे कहा कि सेठ जी आप धन्य है अब आपने मुझे दस लाख दे दिए और मैंने मान लिए कि मेरे पास आ भी गए।
     अब दूसरी घटना जो लगभग 25-30 साल पुरानी है। हमारे एक साथी स्व० विनोद आचार्य की लड़की की शादी जयपुर जाकर होनी थी रुपयों का इंतजाम हो नहीं पा रहा था। जहां से व्यवस्था होनी थी वहां धोखा मिला शादी में मात्र तीन-चार दिन बाकी रह गए। विनोद बाबू बुरी तरह परेशान, मुझसे उनकी यह हालत देखी नहीं गई और मैं भागा भागा नारायण दास जी के पास पहुंचा। सारी बात उन्हें बताई उन्होंने कहा कि शादी में कितने रुपए खर्च होंगे? मैंने कहा कि कम से कम एक लाख होंगे। तथा कुछ मैं तथा हमारे अन्य परिजन कर देंगे।
     नारायण दास जी ने झट से अपनी ड्राज खोली और पचास हजार रुपए निकाल कर मेरे सामने रख दिए। उनकी दरिया दिली देखकर में भावुक हो उठा। उन दिनों पचास हजार रुपए बहुत मायने रखते थे। मैंने उनके प्रति कृतज्ञता का इजहार किया तो वे बोले कि भाई साहब आप कौन से अपने लिए ले जा रहे हो। आप तो परमार्थ के लिए ले जा रहे हो यहां तो चंदे चिट्ठे वालों की लाइन लगी रहती है। कभी-कभी हम यह महसूस करते हैं कि यह पैसा गलत जा रहा है फिर भी ना नहीं कर पाते और मजबूरी में देना पड़ता है, पर आप तो नेक कार्य को ले जा रहे हो, धन्यवाद और कृतज्ञता की क्या जरूरत है।
     अब तीसरी घटना जो उस समय की है जब जी.एल.ए. को विश्व विद्यालय का दर्जा मिला था। विश्वविद्यालय बनने के बाद जी.एल.ए का दैनिक जागरण से डिस्काउंट रेट पर एक पैक्ट हो गया जिसके तहत लगभग एक माह तक 5-6 पेज के विज्ञापन छपवाए गए। इन विज्ञापनों को देखकर मेरे मुंह में लार टपकने लगी किंतु यह सभी विज्ञापन केवल जागरण में छप रहे थे। इसी वजह से पूरे महीने में चुप रहा पर अंत में मेरा धैर्य जवाब दे गया तथा लालच मेरे ऊपर एक प्रेत की तरह सवार हो गया।
     मैं जी.एल.ए. पहुंचा और कहां कि सेठ जी ये सभी विज्ञापन मुझे भी छापने हैं। उन दिनों मैं अकिंचन भारत को देखता था जिसका सर्कुलेशन कम था। नारायण दास जी ने कहा कि शुरुआत में कहते तो कुछ आपको भी दिला देता किंतु अब तो सब खेल खत्म हो चुका है। यदि मैं आपको दे देता हूं तो अनगिनत अखबार वाले मेरी जान को आ जाएंगे, दूंगा तो मुश्किल नहीं दूंगा तो मुश्किल। उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की पर मेरी बुद्धि पर तो पत्थर पड़ गए थे लालच के चक्कर में। मुझे तो यह लग रहा था कि इतने सारे विज्ञापनों का कमीशन ही लाखों में होगा।
     खैर मेरी बेशर्मी के आगे उन्होंने हार मान ली। पहले तो उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपना माथा कसकर दबाया और लगभग आधा मिनट तक चुपचाप कुछ सोचते रहे। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने सामने रखे इंटरकॉम को उठाकर कहा “नीरज तेरे पास वह सीडी है न जिसमें सारे विज्ञापन जो जागरण में छपे हैं, उसे गुप्ता जी के पास भेज देना, वे अकिंचन भारत में छापेंगे। दूसरी ओर से नीरज ने क्या कहा वह तो मुझे पता नहीं किंतु नारायण दास जी बोले कि जो मैं कह रहा हूं वही कर और कुछ मत बोल।
     इसके बाद नारायण दास जी ने मुझसे कहा कि गुप्ता जी अब आप जाओ सीडी आपके पास पहुंच जाएगी। मैं अपने आप को विजेता जैसी स्थिति में समझ रहा था। उस समय मेरी खुशी चरम पर थी। अब क्या होता है कि जैसे ही में जी.एल.ए. से निकलकर घर की ओर बढ़ा तो पता नहीं क्यों मेरी आत्मा ने मुझे धिक्कारा और ऐसा लगा कि मैं कोई अपराध करके जा रहा हूं। मेरे मन में चलने लगा कि मैंने मित्र होकर शत्रुता निभाई है अंदर ही अंदर मुझे ग्लानि होने लगी। घर आते-आते में अपने आपको अपराधी जैसा समझने लगा।
     मैंने घर आते ही फोन उठाया और नारायण दास जी से कहा कि सेठ जी मैं अपने स्वार्थ में अंधा होकर यह सब कर आया। मैं आपका मित्र हूं और आपके साथ शत्रुता जैसा काम कर आया इसके लिए क्षमा करें। अब आपसे मैंने कुछ कहा नहीं तथा आपने कुछ सुना नहीं बात खतम हुई। अब आप नीरज से कह दो कि सीडी मेरे पास न भेजे। सेठ जी हंस कर बोले ठीक है। भगवान की कृपा से मैं बड़े पाप से बच गया। इसके बाद भले ही बात आई गई हो गई किंतु इसी संदर्भ में एक महत्वपूर्ण बात और हुई।
     हुआ यह कि अजय खंडेलवाल भरतपुरिया जो उस समय अमर उजाला में थे, किसी कार्यवश नीरज अग्रवाल के पास गए तथा नीरज जी ने उनसे कहा कि हमारे पापा जी विजय गुप्ता जी को बहुत ज्यादा मानते हैं। अजय ने पूंछा वह कैसे? तब नीरज ने पूरा घटनाक्रम बताया और कहा कि जब गुप्ता जी चले गए तब मैं पापा जी के पास गया और कहा कि आप यह क्या कर रहे हैं? एक तो अकिंचन भारत का सर्कुलेशन कम है, दूसरे सभी अखबार वाले टूट पड़ेंगे। कितना मोटा नुकसान होगा? इसके अलावा टेंशन भी बहुत हो जाएगी। इस पर नारायण दास जी ने नीरज से कहा के “देख नीरज मथुरा में कुछ ही लोग ऐसे हैं जिनसे मैं किसी भी बात के लिए ना नहीं कर सकता।
     अब कोई बताए कि सेठ नारायण दास जैसे बड़े दिलवाला मथुरा में और कोई है क्या? आज के समय में छोटी-छोटी रकम के लिए भाई-भाई का कत्ल कर रहा है, बेटा बाप को गोली से उड़ा रहा है। चारों ओर त्राहिमाम ही त्राहिमाम मच रही है। धन दौलत वाले तो और भी बहुत हैं, किंतु इतने बड़े दिलवाला मथुरा में तो कोई माई का लाल मुझे नजर नहीं आ रहा। इसीलिए मैं कहता हूं कि देवों में देव महादेव और सेठों में सेठ नारायण सेठ।
     बात नारायण दास जी की चल रही है तो उनके बारे में यह बताना भी जरूरी है कि ये केवल धन दौलत के मामले में ही दिलेर नहीं बल्कि पुराने जमाने से ठांय ठू के मामले में भी जीदार रहे हैं। लाइसेंसी रिवाल्वर बगल में लगाकर चलते थे। इन्होंने उस जमाने में ऐसे ऐसे खूंखार लोगों तक से टक्कर ली थी, जिनके मारे पूरा जिला थर्राता था। अच्छों अच्छों की अकल ठिकाने लगाने की कला में माहिर रहे हैं। अकल क्या इससे भी बहुत कुछ आगे जाकर ठिकाने लगाने की कला में भी ये मास्टरमाइंड रहे हैं। भले ही ये न एम.पी. हैं न एम.एल.ए. ना ही पार्टी में कोई बड़ा पद है किंतु इनकी पकड़ मिनिस्टरों से भी अधिक ऊंचाई वाली है। इस बात को सभी जानते हैं। ये ज्यादा बोलते नहीं, सिर्फ लिमिटेड शब्दों का प्रयोग करते हैं, किंतु बिना बोले सामने वाले की बोलती बंद करने की कला में पी.एच.डी. किए हुए हैं। इनके बारे में लिखने को तो बहुत अजब गजब की बातें हैं किंतु लेख बहुत लंबा हो रहा है। अब लेखनी को सुस्ताने दे रहा हूं। इनकी जीदारी और दरिया दिली को मेरा सलाम – नारायण नारायण ।
    

क्रांतिकारी रक्तदान ग्रुप दिलायेगा जरूरतमंदों को निःशुल्क रक्त

चौमुहां। विहिप बजरंग दल व संघ के कार्यकर्ताओं ने खून की कमी से दम दौड़ने वालों के लिए एक अनोखी पहल की है। खून की कमी की वजह से अब किसी व्यक्ति की अकारण मौत नहीं होगी। पहल को साकार करने के लिए रक्तदाताओं ने सोशल मीडिया पर एक ग्रुप बनाने का निर्णय लिया है। विहिप ,बजरंग दल व संघ पदाधिकारियों ने निशुल्क क्रांतिकारी रक्तदान ग्रुप से जुड़ने की अपील भी की है।
इस सम्बंध में चौमुहां ब्लॉक के गांव अकबरपुर निवासी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौमुहां खंड के संपर्क प्रमुख विष्णु हिन्दुस्तानी ने बताया कि उनका ढाबा अकबरपुर में के.डी मेडिकल हॉस्पिटल के सामने है। मरीज के साथ रहने वाले बहुत सारे लोग उनके ढाबा पर बैठकर रोते बिलखते दिखाई देते हैं। पूछने पर बताते हैं, कि हमारे मरीज में खून की कमी है। डॉक्टरों का कहना है कि वगैर खून के उनके मरीज की जान को जोखिम है। वह बताते हैं कि बड़ी मुश्किल से पैसों का इंतजाम कर मरीज का इलाज करा रहे हैं । अब खून देने के लिए कोई तैयार नहीं है। बताया कि कई मरीज तो खून की पूर्ति न होने की वजह से अस्पताल में ही तोड़ देते हैं। बताया कि उनके इस दुख-दर्द को देखकर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से कई लोगों को रक्त देकर उनकी जान बचाई है। लेकर अब हमने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल खंड अकबरपुर प्रखंड चौमुहाँ और गौ रक्षक दल अकबरपुर ,चौमुहाँ ,छाता, जैंत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौमुहाँ खंड की टीमों ने कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक बैठक की और उसमे एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का फैसला लिया गया। कुमर सैन सिसोदिया ने सोशल मीडिया ग्रुप का नाम क्रांतिकारी रक्तदान ग्रुप नाम दिया। और संकल्प लिया गया कि अब हमारे मथुरा में कोई भी भाई-बहन खून की कमी से दम नहीं तोड़ेगा। कहा कि 9719863923,9627994477,9012187297 दिए गए नम्बरों पर फोन करके रक्तवीर उनके ग्रुप से जुड़कर लोगों की जान बचाने में सहयोगी बने। साथ ही जिन्हें रक्त की आवश्यकता हो वह भी इन नम्बरों पर फोन करके निःशुल्क रक्तदान की सेवा ले सकते हैं। चौमुहाँ प्रखंड अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि ये ईश्वरीय कार्य है ऐसे कार्य हर जिले में होने चाहिए। उन्होंने निवेदन किया कि यह मुहिम हर जिले में चलाई जानी चाहिए जिससे कि कोई भी भाई बहन खून की कमी से अकारण काल के गाल में न समाए, हर जरूरतमंद का भला किया जा सके । इस अवसर पर पर राणा वीर बहादुर,धर्मा लंबरदार,सुरेश राठौर,मुरारी राठौर,भरत सिंह प्रधान,लाडला राजपूत,गौरव सिंघल,पवन राजपूत,रोहतास,घनश्याम गौ सेवक,महेश सिसोदिया,शिवजी सिसोदिया,राशन ठाकुर,कन्हैया सिंह,सतीश गौ सेवक,तेज प्रताप डॉ भूप सिंह तोमर,रामबाबू शर्मा,सुदामा गौ सेवक,डॉ करण पवार,नरेंद्र सिसोदिया,हरिमोहन उपाध्याय,परशुराम बघेल,प्रेम ऑटो,सोनू सिंह,अजीत मेडिकल,प्रखंड मंत्री लक्ष्मण सिंह,जिला संगठन मंत्री योगेश पाठक आदि लोग उपस्थित रहे।

वी पी एस के छात्रों ने टेक्नोलॉजी क्षेत्र में करियर की ली जानकारी

  • जीएलए विश्वविद्यालय के तकनीकी विशेषज्ञों ने छात्रों का किया मार्गदर्शन

वृंदावन। शैक्षिक करियर का द्वितीय सोपान कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद हर छात्र अपने करियर को नई दिशा देना चाहता है ताकि वह सफलता की ऊंचाइयों को छू सके। छात्रों को करियर में इस प्रकार के दिशानिर्देश व मार्गदर्शन की अपेक्षा से मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में जीएलए विश्वविद्यालय के तत्वावधान में तकनीकी विभाग द्वारा तकनीकी में भविष्य नामक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय से आए तकनीकी विशेषज्ञों ने विज्ञान वर्ग के समस्त छात्रों का कैरियर उत्तम करियर चुनने का मार्ग भी प्रशस्त किया।
जीएलए विश्वविद्यालय के Droid क्लब द्वारा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की रोमांचक दुनिया पर प्रस्तुति दी और कई परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। जो हमारे दैनिक जीवन में IoT की क्षमता को उजागर करती हैं। व्यावहारिक प्रदर्शनों के माध्यम से बताया कि स्मार्ट सिस्टम बनाने के लिए विभिन्न सेंसर और घटक एक साथ कैसे काम करते हैं। सेमिनार के पहले प्रोजेक्ट में PIR सेंसर, Arduino Uno और एक LED का उपयोग करके मोशन सेंसिंग के माध्यम से यह बताया गया कि यह प्रणाली कैसे काम करती है, सुरक्षा प्रणालियों और स्वचालित प्रकाश व्यवस्था जैसे वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों पर चर्चा की गई। पार्किंग सहायता, रोबोटिक्स और ऑब्जेक्ट डिटेक्शन जैसे अनुप्रयोगों में अल्ट्रासोनिक सेंसर का व्यापक रूप से उपयोग कैसे किया जाता है। साथ ही अल्ट्रासोनिक सेंसर और इसकी कार्यक्षमता पर विस्तृत जानकारी दी।
तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में मुकुल राजपूत ,शुभम वर्मा और तोषित ने छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों की विभिन्न जानकारियां दीं। विद्यालय का प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने कहा कि विद्यालय समय- समय पर छात्र उपयोगी सेमिनार्स का आयोजन करता रहा है। इस तरह के सेमिनार में सम्मिलित होकर छात्र कैरियर संबंधी अपने भ्रम को दूर कर सकते हैं ।
शैक्षिक करियर पर आधारित कार्यक्रम का संचालन कृति अग्रवाल और साक्षी ने किया। साथ ही लवी अग्रवाल, रिचा दुबे, दिनेश, तरुण शर्मा ,अशोक सैनी, प्रियदर्शिनी आचार्य , एकता अग्रवाल ,ऋतिक अग्रवाल आदि का सहयोग रहा।

संस्कृति विवि में मनाया गया सड़क सुरक्षा पखवाड़ा, किया जागरूक

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में मनाए गए सड़क सुरक्षा पखवाड़े के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यार्थियों और शिक्षकों को सड़क पर वाहन चलाते समय, पैदल चलते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने जागरूकता रैली भी निकाली जिसके द्वारा जनसामान्य को भी जागरूक किया गया। वहीं एक कार्यक्रम के मध्य विद्यार्थियों ने यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन करने की शपथ भी ली।
पखवाड़े के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित एक संगोष्ठी में शिक्षकों ने अपने साथ हुई दुर्घटनाओं के अनुभव साझा करते हुए बताया कि यदि यातायात के नियमों का पालन किया जाता तो ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता था। स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डीएस तोमर ने सुझाव देते हुए कहा कि अक्सर हम पैदल चलते समय या वाहन चलाते समय यातायात के मामूली नियमों की अनदेखी कर देते हैं और दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। यदि हम नियमानुसार चलें तो हम इन दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और ऐसी दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
एक अन्य कार्यक्म के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन करने की शपथ ली। वहीं संस्कृति अस्पताल के नेत्र रोग विभाग द्वारा एक शिविर लगाकर विश्वविद्यालय के वाहन चलाने वाले ड्रायवरों के नेत्रों का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण का यह लाभ हुआ कि जिन ड्रायवरों की नेत्रदृष्टि में कमी पाई गई उन्हें चिकित्सकों ने उचित पावर का चश्मा लगाने का सुझाव दिया गया। विश्वविद्यालय के एनसीसी एवं एनएसएस के विद्यार्थियों ने संस्कृति नर्सिंग कालेज के प्राचार्य डा. केके पाराशर ओर अंकित के मार्गनिर्देशन में छाता में बैनर और पोस्टर लेकर एक जनजागरूकता रैली का आयोजन किया। बैनर और पोस्टरों पर लोगों को बताने के लिए यातायात के नियमों के साथ उनको पालन करने की आवश्यकता बताई गई थी। लोगों को जागरूक करने के लिए ये विद्यार्थी नारे भी लगाते चल रहे थे।
सड़क सुरक्षा पखवाड़े की रूप रेखा तैयार करने और इन कार्यक्रमों को असरकारी बनाने के लिए विश्वविद्यालय की सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में विशेष रूप से सहयोग और निर्देश दिए। कार्यक्रमों में एनएसएस प्रोग्राम आफीसर जगदीश, डा.दिजेंद्र की सहभागिता उल्लेखनीय रही।

जीएलए के फार्मेसी विभाग में आयोजित हुई अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

  • जीएलएः अन्तरराष्ट्रीय कॉफ्रेंस में पहुंचे देश-विदेश के विषय-विशेषज्ञ और शोधार्थी

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के फार्मेसी विभाग में दो दिवसीय चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें न केवल भारत के अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी कई विषय-विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।

‘इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजीकल एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज‘ विषय पर आयोजित डीएसटी सर्ब स्पॉन्सॉर्ड अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, मेडिकल कैंप यूनिवर्सिटी सोफिया, बुल्गारिया से डा. एरियाना कोस्टावा, डा. करुप्पैया कन्नन (डेवलपमेंट ऑफिसर, वेल थेरैप्यूटिक्स इंस्टिट्यूट न्यूटन यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका), विशिष्ट अतिथि सेज यूनिवर्सिटी के ऑफिसिएटिंग वाइस चांसलर डा. नीरज उपमन्यु, जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू एवं विभागाध्यक्ष मीनाक्षी बाजपेई तथा अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्व. श्री गणेश श्री लाल अग्रवाल जी के चित्रपट के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

आए हुए विशेष अतिथि प्रो. उपमन्यु ने कहा कि यदि इनोवेशन को वैज्ञानिक तरीके से करें तो वह रिसर्च बन जाती है। डा. एरियाना ने मुख्य अतिथि संबोधन में जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के कन्वेनर प्रो. बाबू के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही विशेष आलेख किया कि प्रो. सुभाष त्रिपाठी के कारण ही इस संगोष्ठी में उपस्थित होने का अवसर मिला।

प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कल्पनाशीलता, रचनात्मक और नवाचार के बीच अंतर संबंधों को बहुत तार्किक ढंग से परिभाषित किया। प्रो. अरोकिया बाबू ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय “इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजिकल एंड फार्मास्युटिकल साइंस” के विषय में अवगत कराया। डा. करुप्पैया कन्नन ने अपने शोध के बारे में बताया और कहा कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

इसी प्रकार अन्य वक़्ता इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, न्यू दिल्ली के डा. आरोकिया अरुलंदु, जीएलए बायोटेक से प्रो. अंजना गोयल, यूसीएसआई यूनिवर्सिटी लंपुर, मलेशिया से डा. माय चुन वाई ने अपने विषय पर व्याख़्यान दिया। सेंटर फ़ॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से डॉ नीतू सिंह, डिवीज़न ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एंड फार्माकोकॉइनेटिक्स सीएसआईआर, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डा. प्रभात रंजन मिश्रा, सीमेप लखनऊ से डा. करुना शंकर, नाईपर कोलकाता फार्मेसी संस्थान से प्रो. सुब्रामणिअन नाटेसन एवं प्रो. संजय जाचक, आईआईटी दिल्ली डॉ रवि सिंह ने अपने रिसर्च लेब्स में चल रहीं रिसर्च के विषय में बताया।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो. शिवा पांडा के नेतृत्व में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पोस्टर एवं ओरल प्रेज़ेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग कर अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंत में प्रो. अरोकिया बाबू एवं मीनाक्षी बाजपेई ने आए हुए मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देते हुए उनका आभार प्रकट किया तथा विजेता छात्रों को ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डॉ. कमल शाह ने द्वि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का संक्षेप वर्णन किया और बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जामिया हमदर्द, न्यू दिल्ली, गौतम इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, हिल्स कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, जेएसएस एकेडमी ऑफ़ एजूकेशन, डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी-सागर, दादा साहब बोल पांडे कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी- नागपुर, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पीएसआईटी- कानपुर, आदि कॉलेजों के छात्र-छात्राआें हिस्सा लिया। अंत में आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डा. जितेंद्र गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मंच का संचालन डा. सोनिया सिंह, डा. पूर्णिमा अग्रवाल एवं डा. नीतू अग्रवाल ने किया।