Sunday, December 28, 2025
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जीएलए के फार्मेसी विभाग में आयोजित हुई अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

  • जीएलएः अन्तरराष्ट्रीय कॉफ्रेंस में पहुंचे देश-विदेश के विषय-विशेषज्ञ और शोधार्थी

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के फार्मेसी विभाग में दो दिवसीय चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें न केवल भारत के अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी कई विषय-विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।

‘इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजीकल एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज‘ विषय पर आयोजित डीएसटी सर्ब स्पॉन्सॉर्ड अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि डिपार्टमेंट ऑफ़ केमिस्ट्री, मेडिकल कैंप यूनिवर्सिटी सोफिया, बुल्गारिया से डा. एरियाना कोस्टावा, डा. करुप्पैया कन्नन (डेवलपमेंट ऑफिसर, वेल थेरैप्यूटिक्स इंस्टिट्यूट न्यूटन यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका), विशिष्ट अतिथि सेज यूनिवर्सिटी के ऑफिसिएटिंग वाइस चांसलर डा. नीरज उपमन्यु, जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू एवं विभागाध्यक्ष मीनाक्षी बाजपेई तथा अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्व. श्री गणेश श्री लाल अग्रवाल जी के चित्रपट के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

आए हुए विशेष अतिथि प्रो. उपमन्यु ने कहा कि यदि इनोवेशन को वैज्ञानिक तरीके से करें तो वह रिसर्च बन जाती है। डा. एरियाना ने मुख्य अतिथि संबोधन में जीएलए विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के कन्वेनर प्रो. बाबू के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही विशेष आलेख किया कि प्रो. सुभाष त्रिपाठी के कारण ही इस संगोष्ठी में उपस्थित होने का अवसर मिला।

प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कल्पनाशीलता, रचनात्मक और नवाचार के बीच अंतर संबंधों को बहुत तार्किक ढंग से परिभाषित किया। प्रो. अरोकिया बाबू ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का विषय “इनोवेशन इन केमिकल बायोलॉजिकल एंड फार्मास्युटिकल साइंस” के विषय में अवगत कराया। डा. करुप्पैया कन्नन ने अपने शोध के बारे में बताया और कहा कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

इसी प्रकार अन्य वक़्ता इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी, न्यू दिल्ली के डा. आरोकिया अरुलंदु, जीएलए बायोटेक से प्रो. अंजना गोयल, यूसीएसआई यूनिवर्सिटी लंपुर, मलेशिया से डा. माय चुन वाई ने अपने विषय पर व्याख़्यान दिया। सेंटर फ़ॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली से डॉ नीतू सिंह, डिवीज़न ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एंड फार्माकोकॉइनेटिक्स सीएसआईआर, सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डा. प्रभात रंजन मिश्रा, सीमेप लखनऊ से डा. करुना शंकर, नाईपर कोलकाता फार्मेसी संस्थान से प्रो. सुब्रामणिअन नाटेसन एवं प्रो. संजय जाचक, आईआईटी दिल्ली डॉ रवि सिंह ने अपने रिसर्च लेब्स में चल रहीं रिसर्च के विषय में बताया।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रो. शिवा पांडा के नेतृत्व में ऑनलाइन तथा ऑफलाइन पोस्टर एवं ओरल प्रेज़ेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 300 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग कर अपने शोध कार्यों का प्रदर्शन किया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंत में प्रो. अरोकिया बाबू एवं मीनाक्षी बाजपेई ने आए हुए मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देते हुए उनका आभार प्रकट किया तथा विजेता छात्रों को ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डॉ. कमल शाह ने द्वि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का संक्षेप वर्णन किया और बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जामिया हमदर्द, न्यू दिल्ली, गौतम इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मेसी, हिल्स कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, जेएसएस एकेडमी ऑफ़ एजूकेशन, डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी-सागर, दादा साहब बोल पांडे कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी- नागपुर, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पीएसआईटी- कानपुर, आदि कॉलेजों के छात्र-छात्राआें हिस्सा लिया। अंत में आईसीबीपीएस 24 के संयोजक डा. जितेंद्र गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। मंच का संचालन डा. सोनिया सिंह, डा. पूर्णिमा अग्रवाल एवं डा. नीतू अग्रवाल ने किया।

राष्ट्रीय ब्रेन ओ ब्रेन प्रतियोगिता में आरआईएस के विद्यार्थियों का कमाल

  • कैश प्राइज सहित जीती चैम्पियंस ट्रॉफी, चार स्वर्ण और छह रजत पदक जीते
  • मानस सारस्वत को मिली फर्स्ट नेशनल रैंक और 10 हजार नगद पुरस्कार

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने 14वीं राष्ट्रीय ब्रेन ओ ब्रेन प्रतियोगिता में अपनी बौद्धिक क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण, छह रजत पदक सहित चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। प्रतियोगिता में मानस सारस्वत को फर्स्ट नेशनल रैंक प्राप्त करने पर चैम्पियंस ट्रॉफी तथा 10 हजार रुपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। इतना ही चार होनहारों को मेरिट प्रतिभागिता प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
हाल ही में एलाइट न्यू जनरेशन स्कूल में आयोजित 14वीं राष्ट्रीय ब्रेन ओ ब्रेन प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपनी कुशाग्रबुद्धि तथा बौद्धिक क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में 25 सौ से अधिक स्कूलों के 80 हजार से अधिक प्राइमरी एवं जूनियर वर्ग के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने मेंटल मैथ, लॉजिकल एबिलिटी, जनरल नॉलेज,स्पीड हैंडराइटिंग आदि में अपनी मेधा का परिचय देते हुए नेशनल वंडर किड्स चैम्पियन ट्रॉफी, कैश प्राइज, 4 गोल्ड, 6 सिल्वर एवं चार प्रतिभागिता प्रमाण पत्र जीतकर विद्यालय का नाम सम्पूर्ण जनपद और प्रदेश में गौरवान्वित किया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के मानस सारस्वत को फर्स्ट नेशनल रैंक प्राप्त करने के साथ चैम्पियन ट्रॉफी और 10 हजार रुपये का कैश प्राइज प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में सिद्धार्थ सिंह, प्रणिका गर्ग, आशी गर्ग एवं धैर्य खंडेलवाल ने स्वर्ण पदक तो अंशुल सिंह, दर्शिका खंडेलवाल, आशिका गर्ग, हेमांद्री सिंह, आराध्या सारस्वत एवं प्रणवी गर्ग ने रजत पदक तथा जैस्मिन राजपाल, शौर्य चौधरी, तनिष्का चौधरी, इतिका गर्ग ने प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्राप्त किए। इन सभी विद्यार्थियों को ये पुरस्कार इनकी नेशनल रैंक के आधार पर दिए गए।


विगत दिवस खंडेलवाल सेवा सदन में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि गरिमा खरे डिस्ट्रिक डेवलपमेंट ऑफिसर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विजेता विद्यार्थियों को कैश प्राइज, ट्रॉफी, मेडल एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं की शानदार उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक स्पर्धा कुछ सीख देती है लिहाजा जीत-हार की परवाह किए बिना प्रत्येक छात्र-छात्रा को अपनी रुचि अनुरूप प्रतिभागिता करनी चाहिए।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने विजेता होनहारों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। यह खुशी की बात है कि आरआईएस के छात्र-छात्राएं लगातार हर विधा में अपनी काबिलियत दिखाते हुए अपने जनपद और प्रदेश को गौरवान्वित कर रहे हैं। विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने सभी छात्र-छात्राओं को शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

चौमुहां में 17 को होगा विशाल कुश्ती दंगल, कई राज्यों के पहलवान आजमाएंगे जोर

  • 5 लाख 51 हजार व एक बुलट मोटरसाइकिल पर होगी अंतिम कुश्ती

चौमुहां। श्रृष्टि रचियता ब्रह्मा जी की तपोस्थली चौमुहां में विशाल कुश्ती दंगल का आयोजन 17 अक्टूबर को होगा। कुश्ती दंगल में कई राज्यों के नामी गिरामी पहलवान अपने-अपने दावे पेचों की अजमाइसज करेंगे। समाजसेवी कालू पहलवान ने बताया कि चौमुहां में 18 सितम्बर के दिन बृह्मा जी मन्दिर पर लगने वाला मेला एवं कुश्ती दंगल बरसात होने के कारण स्थगित कर दिया गया था। अब 17 अक्टूबर के दिन चौमुहां विशाल कुश्ती दंगल आयोजित किया जा रहा है। कुश्ती दंगल में पंजाब,हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के पहलवान हिस्सा लेंगे। अंतिम कुश्ती पांच लाख 51 हजार रुपए और एक बुलट मोटरसाइकिल पर लड़ी जाएगी। दंगल के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण चौधरी व उनके प्रतिनिधि नरदेव चौधरी होंगे। दंगल कमेटी जोश सोर से तैयारियों में जुटी है।

संस्कृति विवि में डांडिया नाइट, जमकर नाचे विधार्थी

मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय में बड़े जोर शोर के साथ डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। विवि के अधिकारी, कर्मचारियों, छात्र और छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर देर रात तक आनन्द लिया।
डांडिया नाइट की शुरुआत मां दुर्गाजी की आरती के साथ हुई। संस्कृति विश्विद्यालय की सीईओ और विवि के कुलपति प्रो एमबी चेट्टी सहित अन्य अधिकारियों ने विधिविधान के साथ पूजन करके माता की आरती उतारी। इसके साथ ही ढोल नगाड़ों की थाप पर सभी पदाधिकारियों, छात्र छात्राओं ने डांडिया नृत्य शुरू कर दिया। छात्राओं ने परंपरागत परिधान पहनकर गरबा नृत्य किया। गुजरात की गंध बिखेरते गीतों पर छात्र छात्राओं ने एक के बाद एक नृत्य प्रस्तुतियां देकर लोगों का दिल जीत लिया। उत्सव की ये रात नृत्यों से झूम उठी। देर रात तक लोगों ने उत्सव का आनंद लिया।
आयोजन की तायरियों में संस्कृति स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा डीएस तोमर, विधि सिंह,प्रशासनिक अधिकारी विवेक श्रीवास्तव आदि लोगों विशेष सहयोग दिया।

श्रद्धालुओं को भगवद स्वरूप मान कर करें सेवा : रमेश बाबा

  • माताजी गौशाला श्रद्धालुओं को देगी भोजन प्रसाद

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए जन सुविधा केंद्र एवं अतिथि विश्राम गृह में माताजी गौशाला मान मंदिर द्वारा श्री राधा रानी रसोई प्रारम्भ की गयी हैं, जिसका उद्घाटन संत रमेश बाबा और राजेंद्र दास महाराज यात्रियों को प्रसाद बाँट कर किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 14 फरवरी 2021 को 4 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से तैयार किए गए यात्री जनसुविधा केंद्र एवं विश्राम स्थल का लोकार्पण किया गया था। साढ़े तीन साल बाद अब इस भवन में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और प्रसाद देने के उद्देश्य मान मंदिर सेवा संस्थान के प्रकल्प माताजी गौशाला द्वारा श्री राधारानी निशुल्क रसोई का उद्घाटन पद्मश्री प्राप्त संत रमेश बाबा और अग्र – मलूक पीठाधीश्वर डॉ राजेंद्र दास महाराज द्वारा संयुक्त रूप से श्रीजी की पूजा अर्चना और प्रसाद वितरित करके किया गया। इस मौके पर माताजी गौशाला के संचालक ब्रजशरण महाराज ने सभी अतिथियों का दुशाला ओढ़ा कर स्वागत किया।
उद्घाटन के अवसर पर प्रसिद्ध भजन गायक चित्र विचित्र महाराज,, विनोद बाबा के शिष्य पंडित बाबा, भजन गायिका पूर्णिमा यादव, नंदगांव के रमेश चंद्र गोस्वामी, प्रयाग से आये पीयूष पाण्डेय, नृसिंह बाबा, भक्त शरण महाराज, बरसाना थाना प्रभारी अरविन्द निर्वाल, पीतम प्रधान, गोकुलेश कटारा, सुनील सिंह, दूधनाथ यादव, कुंजबिहारी पाण्डेय, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

120 करोड़ की योजनाओं पर काम कर रहा है ब्रज तीर्थ विकास परिषद

  • परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधियों को परिषद के वर्तमान कार्य योजना की दी जानकारी, बजट बढ़ाने का प्रस्ताव
  • वृंदावन में यमुना पार 10 एकड़ में मल्टी लेवल पार्किंग और बनेगी टीएफसी, होगा ट्रैफिक कंट्रोल

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद वर्तमान वित्तीय वर्ष में 120 करोड़ की परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसमें 30 प्रतिशत राशि नई योजनाओं के लिए है जबकि बजट की 70 प्रतिशत राशि क्रियान्वित हो रही योजनाओं के लिए है। मथुरा जनपद तीर्थ क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के साथ पौराणिक महत्व बनाए रखने की अनेक योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। यह जानकारी उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने जनप्रतिनिधियों को दी।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्यालय सभागार में चीनी मिल गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और नगर आयुक्त शशांक चौधरी मौजूद रहे। इस दौरान परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ ब्रज के प्राचीन स्वरूप और संस्कृति को पुनर्जीवित रखने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए कृष्णकालीन 37 वन विकसित किए जाएंगे।
परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप वृंदावन व अन्य स्थलों पर अतिरिक्त पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) और मल्टी लेबल कार पार्किंग स्थल बनाए जा रहे हैं। गोकुल से वृंदावन के मध्य तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए जल मार्ग पर क्रूज चलाए जाने के लिए दो चरणों में यमुना किनारे स्टेशन बनाए जाने हैं। फिलहाल आठ स्टेशन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उक्त परियोजना भारत सरकार द्वारा संचालित कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि वृंदावन में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्तमान में संचालित टीएफसी के विस्तारीकरण का प्रस्ताव है। राधा बिहारी इंटर कालेज बरसाना की जमीन पर 300 लोगों की डोरमेट्री सुविधा वाली एक नई टीएफसी बनाई जा रही है। जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया कि वृंदावन में यमुना पार 10 हेक्टेयर जमीन में मल्टी लेवल कार पार्किंग व टीएफसी बना कर वृंदावन में बढते ट्रैफिक को कम किया जाएगा। यहां सस्पेंशन पुल भी प्रस्तावित हैं, जहां से इलैक्ट्रिक वाहनों से तीर्थयात्री यमुना पार कर बिहारी जी के दर्शन को आ- जा सकेंगे।
गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के सुझाव पर बैठक में वृंदावन में बन रहे ऑडिटोरियम का नाम स्वामी हरिदास ऑडिटोरियम करने की घोषणा की गई। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने परिषद के बजट की बढ़ाने का भी आग्रह किया।
राज्यसभा सांसद तेजवीर सिंह, विधायक पूरन प्रकाश, राजेश चौधरी, ठाकुर मेघ श्याम सिंह, ठा ओम प्रकाश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव और नए प्रस्ताव भी दिए।

के.डी. हॉस्पिटल के चिकित्सा महाशिविर में हजारों मरीज लाभान्वित

  • अब 19 अक्टूबर तक सामान्य वार्डों में भर्ती मरीजों की बेसिक जांचें होंगी मुफ्त
  • अब तक सैकड़ों मरीजों के हो चुके निःशुल्क ऑपरेशन

मथुरा। ब्रजवासियों को स्वास्थ्य लाभ देने की खातिर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर द्वारा दो अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक लगाए गए निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर में अब तक हजारों मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। पिछले 10 दिनों में विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों ने सैकड़ों मरीजों के निःशुल्क ऑपरेशन कर उन्हें नया जीवन दिया है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन ने निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर को 19 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।
के.डी. हॉस्पिटल के निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर में जहां पीड़ितों की सभी तरह की बेसिक जांचें निःशुल्क की जा रही हैं वहीं गम्भीर पीड़ित मरीजों को सम्पूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए भर्ती भी किया जा रहा है। सामान्य वार्डों में भर्ती मरीजों को खाने-रहने तथा बेसिक जांचें और सामान्य दवाएं बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सा शिविर की जानकारी देते हुए डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बताया कि मथुरा एवं उसके आसपास के जिलों के गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने की खातिर के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर प्रबंधन द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया है।


19 अक्टूबर तक चलने वाले चिकित्सा महाशिविर में रोगियों की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांचें और उपचार किया जा रहा है। विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन रोगियों की आंखों, रक्तचाप, शुगर, हार्ट अटैक, सिरदर्द, लकवा, दौरे, मिर्गी, हड्डी रोग, सांस संबंधी रोगों तथा वायरल आदि का परीक्षण और उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। डॉ. अशोका का कहना है कि जनरल वार्डों में भर्ती मरीजों का अल्ट्रासाउंड पूरी तरह से मुफ्त तथा सीटी स्कैन और एमआरआई आधे दामों में की जा रही है।


डॉ. अशोका का कहना है कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक श्री मनोज अग्रवाल के सेवाभावी प्रयासों के चलते ही इस नि:शुल्क स्वास्थ्य महाशिविर का लाभ ब्रजवासियों को मिल रहा है। के.डी. हॉस्पिटल द्वारा लगाए गए निःशुल्क चिकित्सा शिविर की मरीजों ने प्रशंसा की तथा कहा कि क्षेत्र में बहुत से ऐसे लोग हैं जो पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं, ऐसे लोगों के लिए यह शिविर किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने ब्रज क्षेत्र के लोगों से 19 अक्टूबर तक चलने वाले निःशुल्क चिकित्सा महाशिविर का प्रातः नौ से शाम चार बजे तक लाभ उठाने का आग्रह किया है।


आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल का उद्देश्य हर पीड़ित को अच्छी व बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। हम चाहते हैं कि ब्रज के किसी पीड़ित को उपचार के लिए महानगरों की तरफ न भागना पड़े। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है चिकित्सा सेवा सबसे बड़ी मानवीय सेवा है लिहाजा ब्रज क्षेत्र को निरोगी रखने के लिए समय-समय पर के.डी. हॉस्पिटल द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है।

संस्कृति विवि में प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक, श्रद्धांजलि

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में देश प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और अधिकारियों ने विश्वविख्यात उद्योगपति रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दीं।
शोकसभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि पद्मविभूषण रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने देश के विकास में हमेशा आगे बढ़कर काम किया। आधुनिक भारत के निर्माण में उनके योगदान को कभी भूला नहीं जाएगा। उन्होंने सिर्फ टाटा समूह को ही नहीं बल्कि देश के विकास की नींव रखने का काम किया। ऐसी शख्सियत का जाना हमारे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। आज सारा देश उनके निधन पर शोक मना रहा है। उनकी सरलता, सादगी लोगों के दिल में हमेशा बसी रहेगी।
संस्कृति स्टूडेंट वेलफेयर के डीन ने कहा कि शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, हर क्षेत्र में उनकी पहल ने एक गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने बताया कि 8 दिसम्बर 1937 को बम्बई, ब्रिटिश भारत (वर्तमान मुंबई) में जन्मे रतन टाटा, नवल टाटा और सूनी कमिसारिएट के पुत्र थे। जब रतन टाटा 10 वर्ष के थे, तब वे अलग हो गये। इसके बाद उन्हें उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने जे. एन. पेटिट पारसी अनाथालय से उन्हें गोद लिया। टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा ने किया। रतन टाटा ने कैंपियन स्कूल, मुंबई, कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, बिशप कॉटन स्कूल, शिमला और रिवरडेल कंट्री स्कूल, न्यूयॉर्क शहर में शिक्षा प्राप्त की। वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र हैं।
छात्र यश ने रतन टाटा के बताया कि जब जेआरडी टाटा ने 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनके नेतृत्व में टाटा संस की अतिव्यापी कंपनियों को एक समन्वित इकाई के रूप में सुव्यवस्थित किया गया। उनके 21 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राजस्व 40 गुना से अधिक तथा लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर तथा टाटा स्टील को कोरस का अधिग्रहण करने में मदद की, जिससे यह संगठन मुख्यतः भारत-केंद्रित समूह से वैश्विक व्यवसाय में परिवर्तित हो गया। अंत में उपस्थित सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने रतन टाटा के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित कीं।

टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा से मुलाकात मेरे लिए उत्सव था : नीरज

  • प्रमुख उद्योगपति से मुलाकात के वो पल याद कर भावुक हुए जीएलए के सीईओ
  • प्रमुख उद्योगपति के निधन पर जीएलए परिवार ने नम आंखों से जताया शोक

मथुरा : प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा के निधन पर जीएलए विश्वविद्यालय परिवार ने शोक जताया है।

शोक व्यक्त करते हुए जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने कहा कि रतन टाटा जी एक दूरदर्शी प्रमुख उद्योगपति, दयालु आत्मा और असाधारण इंसान थे। इनके जाने के बाद मैं इतना भाव में आ गया हूं कि अभी चार पांच दिन पहले मुंबई में था। वहां टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग में विजिट के दौरान मैंने बडे़ टाटा साहब को देखा, मतलब इन लोगों के लिए नमन और सैल्यूट करने का मन करता है।
रतन टाटा जी के लिए दुनियां आज रो रही होगी। आज भी जिसने टाटा साहब की खबर सुनी होगी, पढ़ी होगी और देखी होगी वह वाकई बहुत परेशान होकर रो रहा होगा।

नीरज ने उनसे मुलाकात के वो भावुक पल के बारे में बताते हुए कहा कि जब रतन टाटा जी मथुरा में नयति हॉस्पीटल के शुभारंभ करने के लिए आए थे तो उस दौरान मैं बाहर था। मुझे ऐसी दयालु सख्शियत से मिलने की इसलिए भी जल्दी थी कि जो मौका मिला है वह कहीं हाथ से न निकल जाए, लेकिन मैं समय पर ही पहुंच गया और उनसे मिला, लेकिन पहली मुलाकात में मेरा मन बिल्कुल भी नहीं भरा। मन में वही बात चल रही थी कि ‘अभी न जाओ छोड़ के कि जी अभी भरा नहीं‘। मैं दोबारा मिला और हाथ मिलाया। उनके हाथ को मैं छोड़ नही रहा था। इस दौरान बस एक बात याद आ रही थी कि ‘इनका प्यार मैं उससे ज्यादा भी नहीं, लेकिन उससे आधा का आधा भी नहीं।

एक बटा अरब वां हिस्सा भी इनकी सोच का और इनकी समझ का मिल जाए तो आनंद हो जाएं। जबकि वह मुझे कुछ नहीं जानते थे, तब भी गुफ्तगु करने की कोशिश की कि इनके साथ बस खड़ा रहूं। क्योंकि उस दौर का उत्सव था मेरे लिए। ऐसे महापुरूष ऐसे दिव्य पुरूष, बहुत कम होते हैं इस सृष्टि पर। उनको जीएलए नमन करता है।

सफलता के लिए समय प्रबंधन की कला में निपुणता जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

  • जीएल बजाज की फ्रेशर्स पार्टी में छात्र-छात्राओं ने जमाया रंग
  • मयंक-अवंतिका तथा यश-हिमानी चुने गए मिस-मिस्टर फ्रेशर

मथुरा। कठोर परिश्रम और सच्ची लगन से जीवन में हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को लक्ष्य छोटे-छोटे तय करना चाहिए तथा धीरे-धीरे बड़े लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए। इससे आसानी से कामयाबी पाई जा सकती है। यही सफलता का मूलमंत्र है। यह बातें बुधवार शाम जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में बीटेक तथा एमबीए फ्रेशर्स पार्टी आरम्भ-2024 में आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। समय प्रबंधन में निपुणता जिसे आ जाती है वह जीवन में आगे बढ़ता रहता है। विद्यार्थी जीवन में अच्छे गुरु का होना भी जरूरी है क्योंकि हम उसी के मार्गदर्शन में अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं। डॉ. अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से अनुशासन में रहते हुए नियमित कक्षाओं में जाने का आह्वान किया तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


मां सरस्वती की आराधना तथा श्रीगणेश वन्दना से शुरू हुई फ्रेशर्स पार्टी में बी.टेक और एमबीए प्रथम वर्ष के साथ-साथ द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं द्वारा रात आठ बजे तक नयनाभिराम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से हर किसी को मंत्रमुग्ध किया गया। छात्र-छात्राओं ने एकल डांस, सोलो सांग, शेरो-शायरी आदि से अपने गुरुजनों तथा साथियों का मनोरंजन किया। फ्रेशर्स पार्टी में जहां पश्चिमी धुनें बजीं वहीं छात्र-छात्राओं ने पंजाबी भांगड़ा, राजस्थानी नृत्य तथा गरबा पर जमकर धमाल मचाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिस्टर एण्ड मिस फ्रेशर्स कार्यक्रम रहा, जिसमें तीन राउंड हुए।
प्रथम राउंड रैम्पवॉक, द्वितीय राउंड टैलेंट तथा अंतिम राउंड में चयनित छात्र-छात्राओं से विविध ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछे गए। अंत में निर्णायकों ने अंडर-ग्रेजुएट स्तर पर बीटेक के मयंक महावर तथा अवंतिका त्रिपाठी को क्रमशः मिस्टर और मिस फ्रेशर चुना। इसी कड़ी में पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर पर एम.बी.ए. के यश गुप्ता तथा हिमानी खत्री को क्रमशः मिस्टर और मिस फ्रेशर चुना गया। संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) नीता अवस्थी ने मिस और मिस्टर फ्रेशर्स को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर मिस और मिस्टर फ्रेशर चुने गए छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए विश्वास दिलाया कि वे अपनी लगन और मेहनत से संस्थान की गरिमा को चार चांद लगाएंगे। कार्यक्रम को अनुशासित तरीके से चलाने में कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिखा गोविल, डॉ. राजीव सिंह आदि के साथ सभी शिक्षकों तथा कर्मचारियों का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिखा गोविल ने सभी का आभार माना।