Sunday, December 28, 2025
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कुशल चिकित्सक बन करें पीड़ित मानवता की सेवाः डॉ. आर.के. अशोका

  • के.डी. मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस-2024 सत्र का शुभारम्भ
  • ओरिएंटेशन कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को दी अनुशासन की सीख

मथुरा। चिकित्सक का पेशा चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद हमारा समाज उसे सेवाभाव के लिए भगवान तुल्य मानता है लेकिन यह तभी सम्भव है, जब हम एक अच्छे और कुशल चिकित्सक के रूप में पीड़ित मानवता की सेवा करें। जीवन का हर क्षण अमूल्य है। जो छात्र समय के मूल्य को पहचानते हैं वही सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं। समय का मूल्य भी अनुशासन में रहकर ही समझ में आता है। यह बातें सोमवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने एमबीबीएस के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बताईं।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ आर.के. ग्रुप के महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव सिंह, विभागाध्यक्ष (महिला एवं प्रसूति रोग) डॉ. वीपी पांडेय, विभागाध्यक्ष नेत्र रोग डॉ. अमित कुमार जैन, विभागाध्यक्ष पैथालॉजी डॉ. प्रणीता सिंह तथा उप महाप्रबंधक मनोज गुप्ता द्वारा मां सरस्वती वंदना के बीच विद्या की आराध्य देवी को माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्राचार्य डॉ. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन में रहकर एक साधारण विद्यार्थी भी सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है।
डॉ. अशोका ने अपने सम्बोधन में सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि वह अपने बच्चे को कुशल चिकित्सक बनाने का सपना देखते हैं तो उनका यह दायित्व है कि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखें। डॉ. अशोका ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों को आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के सभी शैक्षिक संस्थानों के साथ ही के.डी. मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियों तथा शैक्षिक और प्रयोगात्मक गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ. अशोका ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल को ब्रज क्षेत्र में उच्च शिक्षा का जनक माना जाता है। उनके प्रयासों को ग्रुप के उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल शिद्दत से फलीभूत कर रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं की चिकित्सा की पढ़ाई के लिए के.डी. मेडिकल कॉलेज के चयन के लिए प्रशंसा की। डॉ. अग्रवाल ने विश्वास दिलाया कि यहां हर बच्चे को संस्कार, शिक्षा और बेहतर करियर मिलेगा। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं से पूरे मनोयोग से शिक्षण-प्रशिक्षण हासिल करने का आह्वान किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि आप लोग यहां से पढ़कर डॉक्टर नहीं अच्छे डॉक्टर बनकर निकलेंगे यही उम्मीद है।
महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज सिर्फ शिक्षा का संस्थान ही नहीं बल्कि एक परिवार है जिसमें प्रत्येक बच्चे को शिक्षा और संस्कार दोनों प्रदान किए जाते हैं। यहां प्राध्यापकों द्वारा प्रत्येक छात्र एवं छात्रा को सही मार्गदर्शन देने के साथ उनमें नैतिक एवं भावनात्मक बदलाव लाने के प्रयास किए जाते हैं। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह सिर्फ अनुशासन में रहकर पढ़ाई पर ध्यान दें। उप महाप्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक विद्यार्थी को पारिवारिक माहौल मिलता है। श्री गुप्ता ने अभिभावकों और छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेण्टर को अपना परिवार समझें। संस्थान में किसी भी छात्र-छात्रा को कोई परेशानी नहीं होगी।
उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के निजी चिकित्सा संस्थानों ही नहीं शासकीय चिकित्सा संस्थानों में भी श्रेष्ठतम है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को अनुशासन और चिकित्सकीय नैतिकता की शपथ दिलाई गई। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में अभिभावकों और नवागंतुक छात्र-छात्राओं ने एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई के लिए के.डी. मेडिकल कॉलेज के चयन पर अपने-अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में सभी विभागाध्यक्षों डॉ. वी.पी. पांडेय, डॉ. गौरीशंकर गोयल, डॉ. के.पी. दत्ता, डॉ. तेजेन्द्र सिंह, डॉ. अमित रे, डॉ. ए.के. जैन, डॉ. प्रणीता सिंह, डॉ. राहुल गोयल आदि ने अपने-अपने विभागों की उपलब्धियां बताते नवागंतुक छात्र-छात्राओं का अनुशासन में रहते हुए लगन और मेहनत से अपना लक्ष्य हासिल करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अभी भूषण मिश्रा ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें कुशल चिकित्सक बनने की शुभकामनाएं दीं। आभार डॉ. प्रणीता सिंह ने माना।

मातृशक्ति दुर्गा बहिनी के द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया

बरसाना में विश्व हिंदू परिषद की मातृशक्ति और दुर्गा वाहिनी के द्वारा दुर्गा अष्टमी व गोष्ठी का कार्यक्रम किया गया जिसमें माताओ और बहनों को समाज में चल रहे धार्मिक घटनाओं से अवगत कराया गया और कैसे हम अपनी धर्म संस्कृति अपने सनातन को बचाएं व समाज में उसके अस्तित्व को बनाए रखें जिससे कि हमारे आने वाली पीढ़ी को यह मिल सके उसके बारे में अवगत कराया गया। माताओं और बहनों को देश में चल रहे सनातन के प्रति षड्यंत्र से अवगत कराया गया और उससे बचने के उन्हें तरीके बताए गए कैसे हमारे परिवार की हमारे देश की हमारे मोहल्ले की माता बहने स्वावलंबी बनी साहसी बने निडर बन और अपने धर्म और संस्कृति के प्रति कट्टर बने यह उन्हें समझाया गया।
कार्यक्रम में पड़ोस की माता बहनों के साथ-साथ स्कूल की बच्चियों की भी सहभागिता रही पूर्ण संख्या सभी को मिलाकर 100 रही सभी ने कार्यक्रम को पूरा सहयोग किया।

वेद लक्ष्यणा गाय चलता फिरता कल्प वृक्ष है : मलूक पीठाधीश्वर

  • माताजी गौशाला में कथा श्रवण करने पहुंचे बज के प्रतिष्ठित

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। राधा रानी की क्रीड़ास्थली मैं चल रही नौ दिवसीय गो भक्तमाल कथा के चौथे दिन व्यासपीठ से मलूक पीठाधीश्वर डॉक्टर राजेंद्र दास महाराज ने गौ माता की महिमा का विभिन्न ग्रंथो और वेदों के आधार पर बड़ा सरस् वर्णन किया। महाराज जी ने बताया कि युगल स्वरूप श्री राधाकृष्ण का प्रेम पुंज ही गौमाता के रूप में प्रकट हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस घर में वेद लक्षणा भारतीय नस्ल की एक गाय है समझो वहां चलता फिरता कल्पवृक्ष उपस्थित है।

रविवार को चतुर्थ दिवस की कथा श्रवण करने के लिए वृंदावन से पीपा पीठाधीश्वर बलराम दास महाराज, नाथद्वारा से सगरिया बाबा, जाटेरी धाम से बिपिन विहारी बाबा, अक्षय पात्र से अनंतवीर्य दास पहुंचे। सभी ने रमेश बाबा और व्यासपीठ पर विराजमान डॉ राजेंद्र दास महाराज का पटुका पहना कर सम्मानित किया, वहीं माताजी गौशाला के महंत ब्रजशरण महाराज व नृसिंह दास बाबा ने सभी अतिथियों का श्रीजी की चुनरी ओढ़ा कर स्वागत किया।

गो भक्तमाल कथा के मध्य महाराज जी ने व्यासपीठ से गौमाता की अनंत महिमा का वर्णन करते हुआ कहा कि गाय प्राण तत्व से उत्पन्न हुई है, सारे संसार का प्राण गौमाता ही है।गाय का नाम ही अग्निहोत्र यानि यज्ञ है।गाय अमृत मयी है। अमृत कि सुगंध से गौमाता प्रकट हुई है। इतना ही नहीं ब्रह्मा जी ने मनुष्य को गाय के रूप में अमृत सुलभ कराया है।
कथा में विशेष रूप से गोविन्द बल्लभ दास जी, बिहारी दास महाराज टटिया स्थान, श्रीनारायण उपाध्याय, रमेश चंद्र गोस्वामी नंदगांव, नंदकुमार गोस्वामी, राधाकांत शास्त्री, गोपेश बाबा, माधवी शरण बाबा, सुनील सिंह उपस्थित रहे।

संस्कार युक्त बच्चे ही समाज और देश का नाम करते हैं रोशन : कार्तिक

  • भारत विकास परिषद् ने आयोजित की राष्ट्रीय समूह गान, संस्कृत गान एवं लोकगीत प्रतियोगिता
  • प्रतियोगिता में हनुमान प्रसाद धानुका विद्यालय की छात्राएं रहीं प्रथम

वृन्दावन। भारत विकास परिषद वृन्दावन शाखा द्वारा राष्ट्रीय समूह गान,संस्कृत गान एवं लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में सम्पन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में नगर के विभिन्न विद्यालयों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया ।
राधा रमन मंदिर के सेवायत आचार्य कार्तिक गोस्वामी ने कहा कि ऐसे संस्कृतिपरक कार्यक्रमों से बच्चों में संस्कार की नींव पड़ती है, और ऐसे संस्कार युक्त बच्चे ही अपने समाज और देश का नाम रोशन करते हैं।
मुख्य अतिथि बसेरा ग्रुप के चेयरमैन राम किशन अग्रवाल ने भारत विकास परिषद की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे देशभक्ति परक कार्यक्रमों से देशभक्ति की भावना का संचार परिषद हमारी युवा पीढ़ी में कर रही है। अध्यक्षता करते हुए पार्षद राधाकृष्ण पाठक ने कहा कि सस्वर एक सूत्र में देशभक्ति गान से बच्चों में देशभक्ति का जज्वा पैदा होता है और देश एवं समाज मे राष्ट्रीय एकता और सदभाव का वातावरण बनता है ।
प्रतियोगिता में हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की छात्राओं ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विजेता की ट्रॉफी प्राप्त की। इस प्रतियोगिता में कान्हा माखन पब्लिक स्कूल, रामकली देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर,सत्या देवी गर्ग सरस्वती विद्या मंदिर , इंडियन पब्लिक स्कूल , परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर ने भाग लेकर सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। विजेता टीम आगामी 17 अक्टूबर को आगरा में आयोजित प्रांतीय प्रतियोगिता में भाग लेगी।
इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष उमेश बंसल , प्रांतीय संयुक्त सचिव मनीष जैन, सचिव दीपक अग्रवाल , कोषाध्यक्ष विमल अग्रवाल आदि उपस्थित थे। निर्णायक की भूमिका लोक सीमा मोरवाल , सचिन ब्रजवासी, प्रिया गोस्वामी ने निभाई। संचालन आकाश शर्मा एवं धन्यवाद ज्ञापन वृन्दावन शाखा अध्यक्ष विनय गोस्वामी ने किया।

मेडिकल छात्र-छात्राओं ने कूची और रंगों के माध्यम से दिखाई कल्पनाशीलता

  • के.डी. मेडिकल कॉलेज में हुई पैथार्ट प्रतिस्पर्धा, विजेता छात्र-छात्राओं को किया पुरस्कृत

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में शनिवार शाम पैथालॉजी विभाग द्वारा आयोजित पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में मेडिकल छात्र-छात्राओं ने शरीर के आंतरिक अंगों में रोग कैसे फैलते हैं, उसे अपनी काल्पनिक कूची और रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया। पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में के.डी. मेडिकल कॉलेज के साथ ही कई अन्य मेडिकल कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लेकर अपनी मेधा का परिचय दिया।
पैथार्ट प्रतिस्पर्धा का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) हरेन्द्र कुमार एस.एन. मेडिकल कॉलेज आगरा, प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार, डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. वी.के. पांडेय, डॉ. मंजू पांडेय, विभागाध्यक्ष पैथालॉजी डॉ. प्रणीता जे. सिंह, डॉ. अम्बरीश कुमार आदि ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। मेडिकल छात्राओं ने सरस्वती वंदना तो एक छात्रा ने मां दुर्गा की स्तुति की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. हरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि शरीर की संरचना और उसकी कार्यविधि की जानकारी होना प्रत्येक मेडिकल विद्यार्थी के लिए अति आवश्यक है क्योंकि डॉक्टर का काम ही उचित निदान पर निर्भर होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कुशल चिकित्सक बनने का आह्वान किया।
डीन डॉ. आर.के. अशोका ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए पैथालॉजी विभाग के आइडियाज की सराहना की। उन्होंने कहा कि मरीज के शरीर के किस अंग में समस्या है या सही कार्य नहीं कर रहा इसके लिए पैथालॉजी का ज्ञान होना जरूरी है। अगर सर्जरी की बात करें तो शल्य चिकित्सक को यह ज्ञान होना अति आवश्यक है कि वह जिस अंग की सर्जरी कर रहा है, उसे कैसे बचाना है, कैसे पहचानना है और पैथालॉजी की जांच के माध्यम से रोग सुनिश्चित करना है। डॉ. अशोका ने सभी प्रतिस्पर्धी छात्र-छात्राओं की कलात्मक क्षमता की मुक्तकंठ से सराहना की।
डॉ. प्रणीता जे. सिंह ने पैथार्ट प्रतिस्पर्धा की जानकारी देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य यह जानना है कि भावी चिकित्सकों को पैथालॉजी की जानकारी है या नहीं। उन्होंने कहा कि माइक्रो स्कोप के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों की विकृत संरचना को सहजता से देखा जा सकता है। प्रतिस्पर्धा में के.डी. मेडिकल कॉलेज के वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 बैच के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिस्पर्धा में 23 ग्रुपों के छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी-अपनी कूची और रंगों के माध्यम से शरीर के आंतरिक हिस्सों में फैलने वाले विभिन्न रोगों को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया गया।
अंत में निर्णायक मण्डल में शामिल प्रो. (डॉ.) हरेन्द्र कुमार, डॉ. आर.के. अशोका, डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. मंजू पाण्डेय, डॉ. वी.पी. पाण्डेय तथा डॉ. प्रणीता सिंह ने सभी ग्रुप प्रतिस्पर्धियों के पोस्टरों को देखने के बाद उनसे कुछ प्रश्न भी पूछे, उसके बाद विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राओं की घोषणा की। अंत में मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य चिकित्सकों द्वारा स्पर्धा में ग्रुप नम्बर आठ (2023 बैच) को विजेता, ग्रुप नम्बर सात (2022 बैच) को उप-विजेता तथा ग्रुप नम्बर 11 और 12 (2022 बैच) को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल करने के लिए मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। पैथार्ट प्रतिस्पर्धा में शिरकत करने वाले छात्र-छात्राओं की कलात्मक क्षमता की उपस्थित विभागाध्यक्षों ने जमकर सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अम्बरीश कुमार ने किया तथा आभार आयोजन समिति की सचिव डॉ. संगीता सिंह ने माना।

उत्तर प्रदेश सरकार भी शीघ्र गौमाता को राज्यमाता का सम्मान दें : राजेंद्र दास महाराज

  • कथा सुनने पहुंचे केबिनेट मंत्री
  • कथा में धूमधाम से हुआ सुरभि प्राकट्य महोत्सव

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना। माताजी गौशाला में चल रहीं गो भक्तमाल कथा में तीसरे दिन उत्तर प्रदेश के केबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण कथा सुनने पहुचे, जहाँ उन्होंने पदम श्री संत रमेश बाबा और मलूक पीठाधीश्वर डॉ राजेंद्र दास महाराज का फूल माला पहना कर स्वागत किया। इस बीच व्यास पीठ से डॉ राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि जैसे महाराष्ट्र सरकार ने गौमाता को राज्य माता का दर्जा दिया है, उसी तरह अब योगी जी महाराज भी उत्तर प्रदेश में भी गौमाता को राज्य माता घोषित करें।
गौमाता की महिमा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा कि गोवश कि उपस्थिति से ही ब्रज ब्रज है। उन्होंने कहा कि बरसाना में रमेश बाबा बहुत बड़ी गौसेवा सेवा कर रहे है, ये सब श्रीजी स्वयं बाबा महाराज के माध्यम से करा रहीं है। गाय से समस्त सृष्टि का पोषण होता है।
गौमाता कि हो रहीं दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि किसान भारत की प्राचीन गौ आधारित कृषि परम्परा को भूल गया, किसानो ने गाय का आश्रय लेना छोड़ दिया, तभी से किसान आत्महत्या करने लगे। धरती को एक तरफ तो माता कहते है, दूसरी तरफ उसी भूमि पर किसान विष डाल रहा है। तभी किसानो की दुर्दशा हो रहीं है। कृषि अमृत की जगह विष युक्त हो गयी। ब्रज के किसानो से आग्रह करते हुए कहा की ब्रजवासी किसान फिर से गौ युक्त कृषि प्रारम्भ कर दे, फिर से खुशहाली दिखने लगेगी।

कथा के मध्य सुरभि प्राकट्य महोत्सव सम्पन्न हुआ, इस दौरान खूब बधाई गायन हुआ और बधाई लुटाई गयी।

कथा में प्रमुख रूप से प्रसिद्ध उद्योगपति जय प्रकाश त्यागी, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मनोज फौजदार, प्रीतम प्रधान, सेवा निवृत न्यायाधीश श्री श्रीनारायण उपाध्याय, ब्रजशरण महाराज,डॉ रामजीलाल शास्त्री, भक्त शरण महाराज, नृसिंह बाबा, राधाकांत शास्त्री, आचार्य सुरेश शर्मा, सुनील सिंह, लोकेश गोस्वामी, सज्जन शर्मा उपस्थित रहे।

ब्रह्मांड की जननी मां अम्बे के नौ रूपों की पूजा का महापर्व है नवरात्रि : डॉ राजीव द्विवेदी

  • मिशन शक्ति अंतर्गत वृंदावन शोध संस्थान द्वारा आयोजित की गई प्रतियोगिताएं
  • विजयी छात्र-छात्राओं को किया गया पुरस्कृत

वृंदावन। वृंदावन शोध संस्थान द्वारा मिशन शक्ति अंतर्गत शारदीय नवरात्रि के अवसर पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भद्रवन, माँट, मथुरा के संयुक्त तत्वावधान में 186 विद्यालयी बच्चों की नौ देवी स्वरूप-सज्जा, देवी लोकगीत गायन प्रतियोगिता, लोकनृत्य एवं लोकगाथा का आयोजन विद्यालय में किया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव द्विवेदी ने कहा कि मिशन शक्ति अंतर्गत संस्थान प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित करता है। नवरात्रि शक्ति की उपासना, आध्यात्मिक ऊर्जा के संचय और ब्रह्मांड की जननी मां अम्बे के नौ रूपों की पूजा का महापर्व है, जो नौ रातों तक चलता है, जिसमें देवी दुर्गा द्वारा सन्निहित दिव्य स्त्री ऊर्जा का उत्सव मनाया जाता है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ विद्यालयी छात्र छात्राओं द्वारा श्री गणेशा, ए गिरि नन्दिनी नृत्य एवं संस्कृत गीत नृत्य वीणावादिनी एवं भवानी अष्टकम् गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम में विद्यालयी छात्र छात्राओं द्वारा देवी के नौ स्वरूपों का नृत्य सहित प्रदर्शन किया गया एवं देवी लोक गीत गायन की प्रस्तुति दी गई। देवी लोक गीत गायन प्रतियोगिता में कक्षा 10 की शिवानी गौतम ने रात को रूको मइया सबेरे चले जाना हेतु प्रथम, कु. मधु ने पवन उड़ा कर ले गई रे माँ की चुनरिया हेतु द्वितीय एवं कु. नेहा ने मैंने मइया सजाई बरसात हो गई हेतु तृतीय स्थान प्राप्त किया। शिवानी राघव, ज्योति, डॉली, लक्ष्मी आदि शेष प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार डॉ. राजीव द्विवेदी, निदेशक, वृन्दावन शोध संस्थान द्वारा प्रदान किया गया।
प्रधानाचार्य अलका तिवारी, नम्रता यादव, डॉ. रोली तिवारी, ज्योति वर्मा, विनीता शर्मा, उषा यादव एवं सुरेन्द्र कुमार ने विद्यालय की ओर से तथा संस्थान से कार्यक्रम समन्वयक ममता कुमारी, उमाशंकर पुरोहित, शिवम शुक्ला एवं रनवीर उपस्थित रहे।

ब्रज हेरिटेज फेस्ट’ में चमकीं वी पी एस की प्रतिभाएं

वृंदावन। शैक्षिक व सह शैक्षिक गतिविधियों के द्वारा छात्रों के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया में मथुरा मार्ग स्थित धौरेरा में वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने पदक, स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र प्राप्त कर विद्यालय को गौरवान्वित किया। गौरतलब है की छटीकरा स्थित चंद्रोदय मंदिर में ब्रज हेरिटेज फेस्ट नामक अंतर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मथुरा के विभिन्न विद्यालयों के प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दर्ज की। साथ ही वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर सहभागिता कर फर्स्ट रनर ट्रॉफी अपने नाम की। जिसमें छात्रों ने वैदिक मंत्र उच्चारण, श्लोक उच्चारण, लोकगीत, लोक नृत्य,वाद्य यंत्र, गायन , शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय नृत्य, हिंदी वाग्मिता, अंग्रेजी वाग्मिता, हिंदी अंग्रेजी हस्त लेखन, भाषण, वैदिक कहानी, कला, चित्रकारी आदि विभिन्न विषयों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सान्त्वना पुरस्कार प्राप्त किये। कक्षा एलकेजी से लोक नृत्य में नव्या, वैदिक मंत्र उच्चारण में नव्या चुग तथा यूकेजी में क्रमशः प्रथम व तृतीय कृष्णा राइम्स में भाविका और युक्ति ने पुरस्कार प्राप्त किया।
इसी क्रम में पेंसिल शेडिंग में कक्षा 4 से आयु मिश्रा ने तृतीय तथा अंग्रेजी हस्त लेखन में कक्षा 5 से प्रज्ञा सक्सेना, हिंदी लेखन में कक्षा 5 से आदित्य पाल ने तीसरा तथा कक्षा 6 से एलोकेशन इंग्लिश में शौर्य कुलश्रेष्ठ ने ग्रीटिंग कार्ड मेकिंग में कृष्ण अरोड़ा ने पुरस्कार प्राप्त किया। लोक गायन में कक्षा 4 से अग्रिमा अग्रवाल ,लोक नृत्य में कक्षा चार से युक्ति शुक्ला, हिंदी लेखन में नीरज बर्मन कक्षा 5 से यूकेजी से निशी गोयल ने सांत्वना पुरस्कार जीते। इसी क्रम में कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों में वाद्य यंत्र में हनी ने प्रथम कक्षा 9 से वैदिक कहानी में नव्या अग्रवाल ने प्रथम आयुष्मान दास ने तथा वाद्य यंत्र संगीत समूह में प्रियांशी बंसल, अदिति शर्मा, काव्या शर्मा समूह गायन में द्वितीय स्थान वहीं संगीत एकल गायन में हिमांशु सोनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
हस्त लेखन अंग्रेजी में हिमांशी गुलाटी ने देती है तथा बाग में ता हिंदी और अंग्रेजी में कक्षा 10 से शालू और उन्नति ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। कक्षा 10वीं 12 से हस्तरेखा अंग्रेजी हिंदी वाग्मिता, वाद्य यंत्र संगीत एकल में क्रमशः मोहन नेपाल , कृर्ति अग्रवाल, पायल सैनी, कनक फौजदार और हर्ष वत्स, गोपेश शर्मा, शिव भारद्वाज, भव्य शर्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा हस्त लेखन में कैलाश चौधरी, रागनी वर्मा कृर्ति पाठक ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। निबंध लेखन में और हस्त लेखन में स्तुति शर्मा ने पुरुस्कार प्राप्त किया बागमिता हिंदी में शानवी कुलश्रेष्ठ ने स्थान प्राप्त किया। हस्त लेखन हिंदी में जानवी सोनी दामोदर परिहार स्तुति वर्षा मनीष भारद्वाज नेवी पुरस्कारों में अपनी दावेदारी सुनिश्चित की।
प्रतियोगिता की सफल संयोजन में हिंदी विभाग से प्रियदर्शनी आचार्य, पार्वती शर्मा, मनोज सारथी, अंग्रेजी विभाग से दिव्या शर्मा, सीमा पाहुजा, रिचा दुबे, संगीत विभाग से अंजना शर्मा व वंदना कौशिक कला विभाग से हेमलता वर्मा और राधिका गॉड ने छात्रों का उचित मार्गदर्शन किया।
साथ ही शालू शर्मा ,पूजा तिवारी, श्वेता राज, दमयंती गोस्वामी, माधुरी शुक्ला, सर्वदा वर्मा, निधि गौड़ आदि का सहयोग सराहनीय रहा। इस अवसर पर प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने छात्रों को बधाई देकर उनका मनोबल बढ़ाया व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

अनुसंधान और शिक्षा के लिए वैश्विक सहयोग अनिवार्यःडा. सचिन

  • अमेरिकी विवि के प्रतिनिधियों ने किया संस्कृति विवि का दौरा

मथुरा। दुनियाभर के विश्वविद्यालयों का संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इसी क्रम में उच्च शिक्षा में अनुसंधान और शैक्षिक अवसरों की खोज के लिए इलिनाय स्प्रिंगफील्ड विवि अमेरिका से एक प्रतिनिधिमंडल का संस्कृति विवि में आगमन हुआ। प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा वैश्विक एकेडमिक सहयोग को बढ़ावा देने के विवि के दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इलिनाय स्प्रिंगफील्ड विवि अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल में डॉ. टायरोन डूले, डीन कॉलेज ऑफ पब्लिक अफेयर्स एंड एजुकेशन, एंड्रयू निकोल, इसी विवि के सीनियर एडवाइजर और प्रोफेसर प्रियांका देव, स्टूडेंट मीडिया की निदेशक शामिल थे। स्वागत समारोह में संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने इस तरह के दौरों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि बदलते समय के साथ इन विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में, सहयोग केवल लाभकारी नहीं बल्कि अनिवार्य है। इन संस्थानों के बीच विचारों का आदान-प्रदान यह सुनिश्चित करता है कि हमारे छात्र न केवल स्थानीय चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हों, बल्कि वैश्विक नेताओं के रूप में उभरें। उन्होंने आगे कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय अपने छात्रों के लिए शोध, इंटर्नशिप और संयुक्त कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक अवसरों का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने संस्कृति विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक सुविधाओं और आतिथ्य की प्रशंसा की। स्टूडेंट मीडिया की निदेशक, प्रोफेसर प्रियांका देव ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय ने हमारे लिए एक स्वागतपूर्ण माहौल बनाया है। यह प्रकार के प्रयास भारतीय छात्रों को विदेशों में बेहतर करियर विकल्प प्राप्त करने में मदद करेंगे, खासकर अमेरिका में, जो अवसरों की भूमि है। प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और छात्रों के साथ गहन बातचीत की। इस दौरान उन्होंने संयुक्त डिग्री कार्यक्रम, शोध सहयोग और छात्र विनिमय की संभावनाओं पर चर्चा की। इस अवसर पर भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आगरा चैप्टर) के सचिव, डॉ. वेद प्रकाश ने छात्रों के वैश्विक अनुभव के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग छात्रों को सीमाओं से परे सोचने और सांस्कृतिक संवेदनशीलता विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।
डीन डॉ. टायरोन डूले ने सार्वजनिक प्रशासन में भारतीय छात्रों के लिए उपलब्ध अवसरों और अमेरिका में अध्ययन करने के लाभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज की बदलती दुनिया में, प्रशासन और सार्वजनिक नीति अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। इन कोर्सों का अध्ययन करके छात्र वैश्विक चुनौतियों का हिस्सा बन सकते हैं और समाज के विकास में योगदान कर सकते हैं। मास मीडिया और संचार के क्षेत्र में प्रोफेसर एंड्रयू निकोल ने छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मास मीडिया आज के समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संचार का अध्ययन करके छात्र समाज के भविष्य को आकार देने में मदद कर सकते हैं।
इस अवसर पर सेंटर फॉर एप्लाइड पॉलिटिक्स के निदेशक डॉ. राजनीश त्यागी ने भारत के विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन से संबंधित सार्वजनिक प्रशासन और नीति के महत्व पर जोर दिया। पूर्व छात्र नेता और राजनेता राहुल चौधरी ने कहा कि विश्व को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक भारतीयों की आवश्यकता है, ताकि वे वैश्विक प्रगति में योगदान कर सकें और दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकें। संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से वैश्विक साझेदारी के प्रमुख प्रो. रतीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय अमेरिका, रूस, ग्रीस, मलेशिया, मालदीव, दुबई और फ्रांस सहित कई देशों के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे वैश्विक सहयोग के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे छात्रों को एक वास्तविक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मिले, जिससे वे वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संयुक्त कार्यक्रमों, अनुसंधान पहलों और छात्र विनिमय अवसरों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। यह दौरा संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों को वैश्विक स्तर पर उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पूर्व प्रो. रतीश कुमार, वैश्विक साझेदारी के प्रमुख, डॉ. डी.एस. तोमर, डीन स्टूडेंट वेलफेयर और जनसंपर्क अधिकारी किशन चतुर्वेदी द्वारा प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

देवराहा बाबा ने पेड़ की एक डाली के चक्कर में राजीव गांधी का कार्यक्रम रद्द कर दिया था

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। एक बार राजीव गांधी महान संत देवराहा बाबा के दर्शन करने को आने वाले थे, किंतु मात्र पेड़ की एक शाखा (डाली) न कटे इसी वजह से बाबा ने खुद ही प्रधानमंत्री राजीव गांधी का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
     घटनाक्रम के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा अधिकारी बाबा की मचान के निकट किसी पेड़ की एक बड़ी डाली को कटवाना चाहते थे, किंतु बाबा ने साफ मना कर दिया और कहा कि यह पेड़ तो हमारा बहुत पुराना मित्र है इससे तो हम रोजाना बतियाते हैं, इसको हाथ भी न लगाना। चूंकि मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था, इसीलिए वे बार-बार बाबा से पेड़ की शाखा को कटवाने की गुहार लगा रहे थे।
     जब वे जिद करने लगे तो बाबा झुंझला उठे और उन्होंने कहा कि चलो अब मैं तुम्हारे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को ही कैंसिल किये देता हूं। जैसे ही बाबा ने यह बात कही उसके कुछ ही समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से रेडियो ग्राम आ गया कि प्रधानमंत्री राजीव गांधी का देवराहा बाबा आश्रम आने का कार्यक्रम फिलहाल टल गया है।
     इसके कुछ दिन बाद राजीव गांधी का कार्यक्रम पुनः बना किंतु अबकी बार सुरक्षा अधिकारियों की हिम्मत उस पेड़ की डाली को कटवाने हेतु कहने तक की नहीं पड़ी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी आऐ और देवराहा बाबा से आशीर्वाद लिया किंतु पेड़ की डाली तो दूर एक पत्ती तक को नहीं तोड़ा गया। इससे पता चलता है कि पेड़ों की महिमा क्या होती है। और पूज्य देवराहा बाबा कितनी अजब गजब की अलौकिक शक्ति के स्वामी थे।
     अब सोचने की बात है कि वृंदावन जैसी पवित्र भूमि में सैकड़ो पेड़ों की रातों-रात हत्या कर डाली पेड़ ही नहीं हजारों पक्षी, मोर, सांप और न जाने कितने जीव जंतु मार डाले गये। प्रख्यात संत प्रेमानंद जी ने ठीक ही कहा है कि ये पेड़ नहीं ये तो समाधिस्थ ऋषि मुनि हैं, जो वृंदावन की पवित्र धरा पर तपस्या में लीन थे। प्रेमानंद जी का यह कथन कि जो-जो लोग इस हत्याकांड में शामिल हैं उनका वंश ही समाप्त होगा एक दम सही है।
     एक और आश्चर्यजनक बात यह है कि “द ब्रज फाउंडेशन” जो कि ब्रजभूमि में हरे भरे वृक्षों व लता पताओं की हिमायत करता था, वह सैकड़ो पेड़ों के इस जघन्यतम  हत्याकांड पर चुप्पी क्यों साधे हुए है? इस मौन व्रत का रहस्य क्या है? इस वीभत्स हत्याकांड को मात्र मूक दर्शक बनकर देखने वाले भी कम अपराधी नहीं हैं। चाहे वे राजनीतिक दल हों या सामाजिक संगठन। ईश्वर की अदालत के कठघरे में खड़े होकर इन्हें भी जवाब देना होगा।