Friday, December 19, 2025
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राजीव एकेडमी के बीबीए छात्र-छात्राओं को दिए करियर निर्माण के टिप्स

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ऐश्वर्या भाटिया ने दिखाई कॉलेज जीवन से कॉर्पोरेट जगत तक की राह
मथुरा। आज के प्रतिस्पर्धी दौर में केवल किताबों का ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे कौशल की आवश्यकता है जो उन्हें कॉर्पोरेट संस्कृति में सहजता से ढलने में मदद कर सके। अब सफलता पारम्परिक रैखिक करियर पथ से नहीं बल्कि अनुकूलता, निरंतर सीखने और रणनीतिक पुनर्निर्माण से परिभाषित होती है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा की पूर्व छात्रा तथा टेलस डिजिटल (नोएडा) की रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया ने बीबीए छात्र-छात्राओं को बताईं।
रिसोर्स पर्सन ऐश्वर्या भाटिया ने “कैम्पस से करियर तक: उद्देश्यपूर्ण मार्ग बनाना” विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कॉलेज जीवन से लेकर कॉर्पोरेट जगत तक की यात्रा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से शैक्षणिक ज्ञान और व्यावसायिक दुनिया के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दुनिया में एकमात्र स्थायी चीज़ “परिवर्तन” है। तकनीकी कौशल की “आधी उम्र” पहले से कहीं अधिक कम हो चुकी है, जहाँ कुछ तकनीकी स्किल्स दो-ढाई वर्षों में अप्रासंगिक हो जाती हैं वहीं सॉफ्ट स्किल्स लम्बे समय तक उपयोगी रहती हैं।
आधुनिक जॉब मार्केट को आकार देने वाले रुझानों पर चर्चा करते हुए ऐश्वर्या भाटिया ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव, गिग और फ्रीलांस अर्थव्यवस्था के उदय, डिग्री से कौशल की ओर बदलाव तथा ग्रीन ट्रांज़िशन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने रखा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई की दिशा में नए रोजगार और कौशलों की मांग बढ़ रही है और 2030 तक इससे लगभग 3.4 करोड़ नए रोजगार सृजित हो सकते हैं।
छात्र-छात्राओं को उन्होंने रचनात्मक समस्या समाधान, आलोचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक सोच, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, संवाद और सहयोग कौशल पर बल दिया। साथ ही उन्होंने डिजिटल साक्षरता, एआई साक्षरता और डेटा फ्लुएंसी जैसी तकनीक-केंद्रित स्किल्स पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अनुकूलता और आजीवन सीखना ऐसे “मेटा स्किल्स” हैं जो विद्यार्थियों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। सत्र के दौरान उन्होंने नेटवर्किंग के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग पेशेवरों से मजबूत संबंध बनाना और उनका उपयोग करियर प्रगति में करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस इंटरेक्टिव सत्र से छात्र-छात्राओं ने न केवल आधुनिक नौकरी बाजार की गहरी समझ हासिल की बल्कि व्यावहारिक सुझाव भी प्राप्त किए, जिन्हें वे अपने भविष्य के करियर में सीधे लागू कर सकते हैं।
राजीव अकादमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि ऐसे गेस्ट लेक्चर्स भावी पीढ़ी को इंडस्ट्री-रेडी बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐश्वर्या भाटिया का अनुभव और प्रेरणादायक विचार भावी पीढ़ी को करियर निर्माण की वास्तविकताओं को समझने में जरूर मदद करेंगे। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र-छात्राओं को ऐसे अवसरों का लाभ उठाते हुए अपने कौशल को विकसित करने का आह्वान किया। संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अतिथि वक्ता का बेशकीमती समय और अनुभव प्रदान करने के लिए आभार माना।
चित्र कैप्शनः बीबीए छात्र-छात्राओं को करियर निर्माण की जानकारी देते हुए रिक्रूटमेंट स्पेशलिस्ट ऐश्वर्या भाटिया।

पी डी धानुका विद्यालय ने रचा इतिहास, जीते 24 पदक

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-अखिल भारतीय जूडो, कुश्ती एवं कुराश प्रतियोगिता में जीत दर्ज कर कायम किया रिकार्ड

-कुराश की ऑल ओवर चैंम्पियनशिप पर कब्जा

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा भोपाल स्थित शारदा विहार आवासीय विद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय जूडो, कुश्ती एवं कुराश प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हुए 18 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 24 पदक जीत कर रिकार्ड कायम करते हुए उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की।
खेल विभागाध्यक्ष रविन्द्र सिंह ने बताया कि प्रतियोगिता में विद्यालय से 27 खिलाड़ियों ने प्रतिभागिता की। 800 से अधिक खिलाड़ियों के बीच अपनी श्रेष्ठता दर्शाते हुए अंडर-14 जूडो, अंडर-14 कुराश, अंडर- 17 कुश्ती , और अंडर-19 कुराश की प्रथम और अंडर-17 कुराश की द्वितीय चैंम्पियनशिप जीत कर अनोखा रिकार्ड स्थापित किया। साथ ही कुराश की ऑल ओवर चैंम्पियनशिप पर भी कब्जा जमाया।
अंडर-14 कुराश में कृष्णा उपाध्याय, विवेक कुमार, तनुज चौधरी, लक्ष्मण, देवराज और चेतन ने तथा अंडर-17 कुराश में अवधेश, कुश कुमार, पीयूष कुमार, अंडर-19 में विनीत कुमार, सचिन और प्रांशु ने भिन्न भिन्न वजन वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
अंडर -17 जूडो में आर्यन और अंडर-19 में यशवर्धन ने अपने अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया जबकि कुश्ती अंडर-17 के 60 किलो भार वर्ग में रोहित कुमार ने तथा 110 किलो भार वर्ग में अभिषेक ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर विद्यालय को गौरवान्वित किया।
इनके अतिरिक्त जूडो में विपिन कुमार ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। कुश्ती में विवेक चौधरी ने द्वितीय और तरुण रावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया जबकि कुराश में ऋषभ ने द्वितीय स्थान एवं नरेंद्र व पुनीत ने भिन्न भिन्न भार वर्ग में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर्ता खिलाड़ी एस.जी.एफ.आई. की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विद्या भारती का प्रतिनिधित्व करेंगे।
छात्रों की इस अभूतपूर्व सफलता पर विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से अध्यक्ष पद्मनाभ गोस्वामी, प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम, प्रधानाचार्य विपिन कुमार शर्मा, उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ आचार्य देवेंद्र कुमार गौतम, ललित गौतम, अरूण दीक्षित, लखन कुंतल आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आशीर्वाद प्रदान किया।

जी.एल. बजाज में लगी वी शेयर, वी केयर प्रदर्शनी छात्र-छात्राओं ने दिया समाज में प्रेम और सहयोग का संदेश

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मथुरा। छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ सामाजिक मूल्यों से रूबरू कराने के लिए जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा में “वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का गरीब परिवारों को न केवल फायदा मिला बल्कि उन्होंने इसके लिए संस्थान के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं का आभार भी माना।
“वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी के शुभारम्भ अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति सदा से प्रेम, भाईचारे, सहानुभूति और परस्पर सम्मान की भावना का प्रतीक रही है। हमारे तीज-त्योहार इसी गंगा-जमुनी परम्परा के उज्ज्वल दर्पण हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पर्व अपने भीतर एक गहरा संदेश समेटे होता है। यह हमारे जीवन में नई ऊर्जा, उमंग और आनंद का संचार करते हैं तथा हमें हमारी जड़ों और संस्कृति से जोड़े रखते हैं।
प्रो. अवस्थी ने कहा कि जी.एल. बजाज “वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि कोई वस्तु कभी बेकार नहीं होती। हमें अपने जीवन के हर क्षण को आनंदपूर्वक जीना चाहिए, साथ ही दूसरों की खुशी का माध्यम भी बनना चाहिए। यही भारतीय संस्कृति की सच्ची पहचान है। इस विशेष प्रदर्शनी में संस्थान के प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों ने अपने घरों की वे वस्तुएं रखीं जो उनके लिए भले ही अनुपयोगी रही हों लेकिन कुछ लोगों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुईं। इन वस्तुओं में कपड़े, किताबें, खिलौने, घरेलू सामग्री और कई आवश्यक वस्तुएँ शामिल रहीं।
“वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी का आयोजन संस्थान के एनवायरनमेंट एवं सोशल क्लब तथा आई.आई.सी. के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य समाज में सहयोग, करुणा और दया की भावना को बढ़ावा देना रहा। आयोजकों ने संदेश दिया कि “यहाँ से कुछ न कुछ लेकर जाना अनिवार्य है, चाहे वह वस्तु हो या प्रेरणा।”
इस विशिष्ट प्रदर्शनी के संयोजक सतेन्द्र सिंह और आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि “वी शेयर, वी केयर” प्रदर्शनी संस्थान की निरंतर चलने वाली एक सामाजिक पहल है, जिसे पिछले पाँच वर्षों से सफलता के साथ आयोजित किया जा रहा है। दीपावली के अवसर पर लगने वाली यह प्रदर्शनी अब न केवल विद्यार्थियों बल्कि आसपास के समाज में भी उत्सुकता और आकर्षण का केंद्र बन चुकी है।
कार्यक्रम में छात्र समन्वयक के रूप में प्रिंस गुप्ता, शिवम पाल, विदुषी सिंह और सुकृति मिश्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी विद्यार्थियों ने आपसी सहयोग और टीमभावना से इस प्रदर्शनी को सफल बनाया। “वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी ने न केवल सहयोग, संवेदना और मानवीयता का संदेश दिया बल्कि विद्यार्थियों को यह भी सिखाया कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह समाज की सेवा के भाव से जुड़ी हो। यह प्रदर्शनी संस्थान की सामाजिक प्रतिबद्धता और मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण का सजीव उदाहरण बनी।
चित्र कैप्शनः वी शेयर, वी केयर 6.0” प्रदर्शनी में अपनी आवश्यकता की वस्तुओं का चयन करती ग्रामीण महिलाएं।

दिल्ली से वृंदावन तक सनातन जोड़ पदयात्रा की तैयारी तेज

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-7 को दिल्ली से चलकर 16 नवंबर को पहुंचेगी वृंदावन

-ठाकुर श्री राधा स्नेह बिहारी मंदिर में हुई बैठक

वृंदावन। ठाकुर श्री राधा श्री बिहारी जी मंदिर परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर से आए संत, महंत और श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक में आगामी सनातन जोड़ पदयात्रा की औपचारिक घोषणा की गई, जो 7 से 16 नवंबर तक आयोजित होगी। यह पदयात्रा दिल्ली से वृंदावन तक निकाली जाएगी और इसका उद्देश्य सनातन हिन्दू एकता को सुदृढ़ करना बताया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज के आशीर्वचन और प्रेरणा से इस यात्रा की घोषणा की गई। आयोजन के प्रमुख करन कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि यह यात्रा समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत करने और राष्ट्र को सनातन संस्कृति से जोड़ने का एक महान प्रयास है।
रोहित रिछारिया ने कहा कि आज समय है जब समाज को पुनः अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ने की आवश्यकता है। यह पदयात्रा लोगों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करेगी।
पदयात्रा का शुभारंभ ॐ नमः शिवाय आश्रम, डेरा गाँव, नई दिल्ली से किया जाएगा और 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचकर इसका समापन भव्य धार्मिक अनुष्ठान के साथ होगा।
करन कृष्ण गोस्वामी ने सभी ब्रजवासियों, संतों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस सनातन जोड़ पदयात्रा में बड़ी संख्या में शामिल होकर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के इस संकल्प में सहभागी बनें।
इस अवसर पर उपस्थित भक्तों ने एक स्वर में जय श्री राम के नारे लगाते हुए यात्रा के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।

संस्कृति विवि की छात्राओं को उद्यमी बनने के लिए किया प्रेरित

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के जी ब्लाक स्थित सभागार में विशेषज्ञ वक्ता को सुनते संस्कृति विवि की छात्राएं और शिक्षक ।


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स (एसओएमसी) ने एंटरप्रेन्योरियल क्लब के साथ मिलकर “महिला उद्यमिता” पर एक विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ वक्ता ने कामगार महिलाओं की योग्यताओं पर प्रकाश डालते हुए छात्राओं को प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के दौरान अवान समूह की अवान समूह की लर्निंग एंड डेवलपमेंट प्रमुख सुश्री सुजाता गरिमेला ने आर्थिक विकास को गति देने, नवाचार को बढ़ावा देने और सामाजिक प्रभाव पैदा करने में महिला उद्यमियों की भूमिका पर ज़ोर दिया, साथ ही उन्होंने धन की कमी, सामाजिक बाधाओं और मार्गदर्शन की कमी जैसी चुनौतियों का भी समाधान किया। बताते चलें सुश्री गरिमेला को उच्च शिक्षा में 17 वर्षों से अधिक का अनुभव है और उन्होंने एसआरएम विश्वविद्यालय, जीआईटीएएम विश्वविद्यालय, आईटीएम विश्वविद्यालय, डीआईएटी और आईबीएस सहित प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम किया है।
सुश्री सुजाता ने किरण मजूमदार-शॉ, फाल्गुनी नायर, ऋचा कार और वंदना लूथरा जैसी महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियों से छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने ई-कॉमर्स, एडटेक, सस्टेनेबल फ़ैशन, कृषि उद्यमिता और खाद्य उद्यमों जैसे क्षेत्रों में उभरते अवसरों के साथ-साथ स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसी सरकारी पहलों पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण यह रहा कि संस्कृति विवि की सात छात्राओं ने अतिथि वक्ता के समक्ष अपने व्यावसायिक विचार प्रस्तुत किए, जिन्होंने बहुमूल्य प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन प्रदान किया। कार्यक्रम में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स की लगभग 100 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे सत्र और भी प्रभावशाली और प्रासंगिक हो गया। कार्यक्रम का समापन एसओएमसी के डीन प्रो. (डॉ.) राधा कृष्ण शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। व्याख्यान प्रेरणादायक और संवादात्मक रहा, जिससे छात्राओं को उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरणा मिली।

राजीव एकेडमी में हुई वर्कशॉप, रोहित पाहवा ने साझा किए अनुभव

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बीसीए छात्र-छात्राओं को दिया डेटा साइंस का व्यावहारिक ज्ञान
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के बीसीए छात्र-छात्राओं को रिसोर्स पर्सन रोहित पाहवा ने डेटा साइंस क्षेत्र के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने डेटा साइंस के अनुप्रयोगों और विभिन्न उद्योगों मं इसकी बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डेटा साइंस आज तकनीकी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी स्वास्थ्य, वित्त, ई-कॉमर्स और शिक्षा जैसे लगभग हर क्षेत्र में मांग तेजी से बढ़ रही है।
डुकैट के प्रमाणित प्रशिक्षक और डेटा साइंस विशेषज्ञ रोहित पाहवा ने वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को सांख्यिकी तथा क्षेत्र-विशिष्ट ज्ञान की बुनियादी समझ से भी अवगत कराया। उन्होंने डेटा तैयारी और अन्वेषण के सत्र में विद्यार्थियों को विभिन्न स्रोतों से डेटा संग्रह, उसे साफ करने और गायब मान या बाहरी मान जैसी असंगतियों को संभालने की तकनीकों से भी परिचित कराया। उन्होंने अन्वेषणात्मक डेटा विश्लेषण और वर्णनात्मक सांख्यिकी के जरिए डेटा पैटर्न, संबंधों और वितरणों को समझने की विधियां भी बताईं।
डेटा दृश्यांकन पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार जटिल डेटा को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रोग्रामिंग एवं टूल्स पर आधारित सत्र में रोहित पाहवा ने पायथॉन और आर भाषाओं की मूल बातें सिखाईं। उन्होंने एसक्यूएल का उपयोग करके डेटाबेस क्वेरी तकनीकों को भी विद्यार्थियों को समझाया। इसके अतिरिक्त बिग डेटा तकनीकों की जानकारी देते हुए उन्होंने बड़े पैमाने पर डेटा को संभालने और उसके विश्लेषण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया।
मशीन लर्निंग एवं मॉडलिंग पर विशेष फोकस करते हुए उन्होंने फीचर इंजीनियरिंग की अवधारणा समझाई और बताया कि कैसे फीचर्स का चयन और उनका रूपांतरण मॉडल के प्रदर्शन को बेहतर बना सकता है। उन्होंने सुपरवाइज्ड लर्निंग में वर्गीकरण और प्रतिगमन के एल्गोरिदम की जानकारी दी तथा अनसुपरवाइज्ड लर्निंग के अंतर्गत लेबल-रहित डेटा से पैटर्न खोजने की विधियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने मॉडल मूल्यांकन और ट्यूनिंग की तकनीकों के साथ-साथ मशीन लर्निंग मॉडल्स को प्रोडक्शन वातावरण में डिप्लॉय करने की रणनीतियों पर भी विस्तार से चर्चा की।
रोहित पाहवा ने छात्र-छात्राओं को कौशल प्रदर्शित करने तथा उद्योग में प्रवेश के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने के तरीके भी बताए। उन्होंने नेटवर्किंग, उद्योग विशेषज्ञों से सम्पर्क बनाने और इन संबंधों को करियर विकास में उपयोग करने के महत्व पर भी बल दिया। इसके साथ ही नौकरी आवेदन, साक्षात्कार की तैयारी और कॉर्पोरेट जीवन की शुरुआती चुनौतियों से निपटने के लिए व्यावहारिक सुझाव भी साझा किए।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की बदलती आवश्यकताओं से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है। निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होते हैं। डॉ. भदौरिया ने रिसोर्स पर्सन रोहित पाहवा का आभार मानते हुए कहा कि इस वर्कशॉप से विद्यार्थियों को नई तकनीकों से परिचित होने तथा कॉर्पोरेट संस्कृति को समझने का अवसर मिला।
चित्र कैप्शनः रिसोर्स पर्सन रोहित पाहवा के साथ राजीव एकेडमी के बीसीए विद्यार्थी।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में लगा उच्च शिक्षा संस्थानों का करियर मेलाछात्र-छात्राओं को बताए करियर पथ पर सफल उड़ान भरने के तरीके

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मथुरा। एक स्टूडेंट का करियर पथ उसके घर के अनुभवों और प्रभावों से शुरू होता है तथा अपने सपनों की नौकरी पाने के साथ ही समाप्त हो जाता है। आज के समय में प्रत्येक छात्र-छात्रा अपने पसंद का विषय चुनकर और डिग्री हासिल कर एक अच्छी नौकरी पाना चाहता है लेकिन अधिकतर के पास कोई स्पष्ट योजना नहीं होती। छात्र-छात्राओं को इसी स्पष्ट योजना की जानकारी से अवगत कराने के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में उच्च शिक्षा संस्थानों के करियर मेले का आयोजन किया गया।
करियर मेला-2025 के आयोजन पर राजीव इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या प्रिया मदान ने बताया कि अधिकांश विद्यार्थियों के लिए दसवीं कक्षा एक ऐसा मोड़ होती है, जहां से उनके भविष्य की असली दिशा तय होती है। इसके बाद उन्हें अपनी रुचि, योग्यता और आगे की पढ़ाई के अनुरूप विषयों का चयन करना होता है। अगला महत्वपूर्ण पड़ाव बारहवीं के बाद आता है, जब स्नातक स्तर पर करियर की नींव रखने वाला कोर्स चुनना पड़ता है। उन्होंने बताया कि यही वह समय होता है जब छात्र-छात्राओं को उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
प्राचार्या प्रिया मदान ने बताया कि सही मार्गदर्शन की कमी से भावी पीढ़ी ही नहीं अभिभावक भी परेशान होते हैं। उन्होंने बताया कि करियर मेला-2025 में छात्र-छात्राओं को जहां विभिन्न विषयों की गूढ़तम जानकारी मिली वहीं उन्हें सपनों को साकार करने का सही प्लेटफार्म भी मिला। इस करियर मेले में छात्र-छात्राओं ने देश के जाने-माने शिक्षा संस्थानों की शिक्षा प्रणाली समझने के साथ अपनी भावी योजनाओं का खाका खींचा। करियर मेले में मार्गदर्शन के साथ उनकी करियर के प्रति दुविधा भी दूर की गई।
इस करियर मेले में वोक्सेन विश्वविद्यालय, बेनेट विश्वविद्यालय, शारदा विश्वविद्यालय, एमआईटी-डब्ल्यूपीयू, वीआईटी, महिंद्रा विश्वविद्यालय, एलाइंस विश्वविद्यालय, आरवी विश्वविद्यालय, अवंतिका विश्वविद्यालय, सिल्वर ऑक विश्वविद्यालय, विसलिंग वुड्स इंटरनेशनल चितकारा विश्वविद्यालय, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय, के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय, पी.पी. सवानी विश्वविद्यालय, इकोले इंटुइट लैब, आईआईएलएम विश्वविद्यालय, श्री अरविंदो विश्वविद्यालय, मेडिकैप्स विश्वविद्यालय, कर्णावती विश्वविद्यालय, मंगलायतन विश्वविद्यालय और जेपी इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष संस्थाओं के प्रनिधियों ने छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित करते हुए उनकी करियर सम्बन्धी जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने करियर मेले की प्रशंसा की तथा कहा कि उचित मार्गदर्शन मिलने से छात्र-छात्राएं अपनी रुचि और क्षमताओं के अनुरूप करियर चुनते हैं, अधिक प्रेरित महसूस करते हैं तथा काम में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दीर्घकालिक संतुष्टि प्राप्त करते हैं। संस्थान के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि सही विषय चुनाव से भविष्य की अनिश्चितता का दबाव कम होता है और छात्र-छात्राएं वर्तमान अध्ययन पर बेहतर ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं। इन सबसे हटकर वे अपनी ताकतों और कमजोरियों को भी जान पाते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों को सही राह दिखाने व अभिभावकों को उलझनों से बचाने के लिए ऐसे आयोजन बहुत जरूरी हैं।
चित्र कैप्शनः विभिन्न स्टॉलों में शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से करियर मार्गदर्शन हासिल करते छात्र-छात्राएं।

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को मिला इलेक्ट्रिक वाहनों का व्यवहारिक प्रशिक्षण

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को इलेक्ट्रिक व्हीकल के घटकों के बारे में जानकारी देते आटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल के विशेषज्ञ।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ने ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) और वीई कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के साथ साझेदारी में इलेक्ट्रिक वाहन के व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस प्रशिक्षण सत्र में आयशर मोबाइल ईवी वैन का उपयोग किया गया। पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों ने इस मोबाइल ईवी वैन का बारीकी से और व्यवहारिक दृष्टि से अध्यन कर एक उपयोगी अनुभव हासिल किया।
इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक, जो गतिशीलता के भविष्य को आकार देने वाला एक तेज़ी से विकसित होता क्षेत्र है, का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करके छात्रों की तकनीकी दक्षताओं को बढ़ाना था। विशिष्ट अतिथि एएसडीसी की परियोजना प्रमुख सुश्री कीर्ति ने प्रमुख ईवी घटकों और उनके कार्यों के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बताया जिससे उनको इलेक्ट्रिक वाहनों की मूलभूत संरचना को समझने में मदद मिली।
वीई कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के तकनीकी प्रशिक्षक अज़हरुद्दीन अब्बासी ने व्यावहारिक प्रदर्शन किए और परिचालन प्रोटोकॉल, सुरक्षा प्रथाओं और टिकाऊ एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उभरते रुझानों की व्याख्या की, जिससे छात्रों को उद्योग-उन्मुख मूल्यवान जानकारी मिली। इस अवसर पर बोलते हुए, संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. गजेंद्र सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह पहल संस्कृति विश्वविद्यालय की उद्योग-उन्मुख, कौशल-आधारित शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो यह सुनिश्चित करती है कि छात्र ऑटोमोटिव क्षेत्र की उभरती माँगों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हों।
एएसडीसी और वीई कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के साथ यह सहयोग शैक्षणिक शिक्षा और व्यावहारिक उद्योग आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो नवाचार और रोजगारपरकता को बढ़ावा देने में संस्कृति विश्वविद्यालय की भूमिका को सुदृढ़ करता है।

जोनल स्पोर्ट्स फेस्ट में जी.एल. बजाज के विद्यार्थियों का जलवा

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चार स्वर्ण, तीन रजत सहित जीते कुल सात पदक
मथुरा। हिन्दुस्तान कॉलेज आफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, मथुरा में आयोजित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के जोनल स्पोर्ट्स फेस्ट में जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण, तीन रजत सहित कुल सात पदक जीतकर धाक जमाई।
संस्थान के खेल अधिकारी लोकेश शर्मा ने बताया कि हिन्दुस्तान कॉलेज आफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी, मथुरा में आयोजित एकेटीयू के जोनल स्पोर्ट्स फेस्ट में जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं ने चार स्वर्ण सहित कुल सात पदक जीते। श्री शर्मा ने बताया कि जोनल फेस्ट में संस्थान के छात्रों ने बास्केटबाल में जहां स्वर्णिम सफलता हासिल की वहीं एथलेटिक्स, चेस और बैडमिंटन में भी कमाल का प्रदर्शन किया।
खेल अधिकारी श्री शर्मा ने बताया कि बीटेक (सीएसई) के शिवा गौतम ने चेस में गोल्ड तो वर्षा गौतम ने सिल्वर मेडल जीता। इसी तरह एथलेटिक्स में एमबीए के गौरव गौतम ने 200 मीटर दौड़ में गोल्ड तो 100 मीटर दौड़ और लम्बी कूद में सिल्वर मेडल अपने नाम किए। छात्रों की बैडमिंटन स्पर्धा में बीटेक (सीएसई) के हर्षित थापा, हिमांशु भारद्वाज तथा साहिल सैफी ने गोल्ड मेडल जीतकर संस्थान का गौरव बढ़ाया। पदक विजेता खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय खेल अधिकारी लोकेश शर्मा को देते हुए कहा कि वे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कॉलेज का गौरव बढ़ाएंगे।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, रजिस्ट्रार विपिन धीमान आदि ने जोनल स्पोर्ट्स फेस्ट में शानदार प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए प्रदेश स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दीं। अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। योगीराज भगवान श्रीकृष्ण ने खेल खेल में बहुत सारे संदेश दिए हैं। हम लीलाधर की लीलाओं से बहुत कुछ सीख सकते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि खेलों से तन-मन स्वस्थ रहने के साथ ही अनुशासन की सीख मिलती है लिहाजा प्रत्येक छात्र-छात्रा को शिक्षा के साथ कुछ समय खेलों को अवश्य देना चाहिए।
उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि खेल हमारे दिमाग को स्वस्थ तथा सक्रिय रखने में मदद करते हैं। खेल हमें मजबूत, आत्मविश्वासी और कुशल बनाते हैं। खेल मानसिक एवं शारीरिक विकास के साथ ही चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लिहाजा सभी को प्रतिदिन कुछ वक्त खेलों के लिए भी निकालना चाहिए।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि खेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की कोई भी प्रतिस्पर्धा हो, उसमें जीत-हार तो होती है लेकिन उससे सीख बहुत अच्छी मिलती है। खेलों से जहां सद्भाव बढ़ता है वहीं टीमभावना का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में जो संघर्ष का क्रम है उससे निपटना खेलभावना के आने के बाद सरल हो जाता है।
चित्र कैप्शनः खेल अधिकारी लोकेश शर्मा के साथ जोनल स्पोर्ट्स फेस्ट के पदक विजेता खिलाड़ी।

संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कामगारों को उपहार देकर मनाई दिवाली

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चित्र परिचय: संस्कृति विश्विद्यालय के सभागार में श्रमिकों को पुरस्कार वितरित करतीं छात्राएं।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय विद्यार्थियों ने सेमिनार हॉल में एक भावपूर्ण दिवाली समारोह का आयोजन किया। “हर घर दिवाली” शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के सहायक कर्मचारियों और श्रमिकों के बीच खुशी और उत्सव का उत्साह फैलाना था।
कार्यक्रम के दौरान, छात्रों ने श्रमिकों और कामगारों को उपहार वितरित किए और उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया। इस भावपूर्ण प्रस्तुति ने कामगारों और उनके बच्चों के चेहरों पर मुस्कान ला दी और दिवाली की सच्ची भावना – रोशनी, प्रेम और एकजुटता को उजागर किया।
विवि के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय समुदाय के सभी सदस्यों के प्रति सहानुभूति और दयालुता के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने सहयोगी कर्मचारियों के साथ दिवाली मनाने की पहल करने और एकता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने के लिए छात्रों की सराहना की।
सीईओ डॉ. मीनाक्षी मैम और डीएसडब्ल्यू प्रो. तोमर ने भी दिवाली के महत्व और दान के मूल्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए छात्र परिषद को बधाई दी और सभी को खुशी और सकारात्मकता फैलाते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
समारोह में कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, सीईओ डॉ. मीनाक्षी और छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष (डीएसडब्ल्यू) प्रो. तोमर सर सहित गणमान्य अतिथियों का पारंपरिक रीति-रिवाजों और मालाओं से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक सुश्री छवि शर्मा और छात्र परिषद की टीम, जिसमें अध्यक्ष श्री यश श्रीवास्तव, जाह्नवी और हर्ष शामिल थे, ने किया।
कार्यक्रम का समापन छात्र परिषद द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया गया। यह उत्सव संतुष्टि और आनंद की भावना के साथ समाप्त हुआ, क्योंकि विश्वविद्यालय समुदाय ने पर्दे के पीछे काम करने वालों के लिए दिवाली को और भी उज्जवल बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम किया।