Monday, December 29, 2025
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गोपियों का प्रेम सबसे निर्मल,सर्वोच्च और अतुलनीय : शाश्वत आचार्य

  • गोदा विहार मंदिर में गुरुदेव जयंती महोत्सव की धूम

वृंदावन। गोपी गीत श्रीमदभागवत महापुराण के दसवें स्कंध के रास पंचाध्यायी का 31 वां अध्याय है। इसमें 19 श्लोक हैं । रासलीला के समय गोपियों को मान (घमण्ड) हो जाता है। भगवान् उनका मान (घमण्ड) भंग करने के लिए अंतर्ध्यान हो जाते हैं। उन्हें न पाकर गोपियाँ व्याकुल हो जाती हैं। वे बड़े ही दुखी स्वर में श्रीकृष्ण को पुकारती हैं, यही विरह गान गोपी गीत है। इसमें प्रेम के अश्रु, मिलन की प्यास, दर्शन की उत्कंठा और स्मृतियों का रूदन है। भगवद प्रेम सम्बन्ध में गोपियों का प्रेम सबसे निर्मल, सर्वोच्च और अतुलनीय माना गया है।
यह उद्गार श्रीधाम गोदा विहार मंदिर में चल रहे गुरुदेव जयंती महोत्सव अंतर्गत आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास महंत स्वामी शाश्वत आचार्य ने व्यास पीठ से व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विश्व जाल से विमुख होकर, देह, इन्द्रिय, मन, बुद्धि अहंकार आदि से विमुख होकर एकमात्र सर्वाधिष्ठान, सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर प्रभु को ही सम्यक् रूप से प्राप्त हो जाना ही प्रखर प्राप्ति है।
श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि कर्म की प्रकृति आपके द्वारा किये गये कामों में नहीं होती। कर्म का अर्थ है कार्य, लेकिन पिछले कर्मों का संग्रह आपके द्वारा किये गए कार्यों के कारण नहीं है। जिन संकल्पों, मनोवृत्तियों और जिस तरह के मन को आप साथ ले कर चलते हैं, वही आपका कर्म है। उन्होंने कहा कि जो लोग मित्र के दुःख से दुःखी नहीं होते, उन्हें देखने से ही बड़ा पाप लगता है। जिन्हें स्वभाव से ही ऐसी बुद्धि प्राप्त नहीं है, वे मूर्ख हठ करके क्यों किसी से मित्रता करते हैं ? मित्र का धर्म है कि वह मित्र को बुरे मार्ग से रोककर अच्छे मार्ग पर चलावे। उसके गुण प्रकट करे और अवगुणों को छिपावे।
महाराज श्री ने कहा कि श्रुति कह संत मित्र गुन एहा ।। मित्रों को आपसी देने-लेने में मन में शंका नही रखनी चाहिए। मित्र को सदैव अपने बल के अनुसार ही मित्र का सदा हित ही करना चाहिए । विपत्ति के समय तो सदा सौ गुना स्नेह करे। वेद कहते हैं कि संत (श्रेष्ठ) मित्र के गुण (लक्षण) ये है।

इस अवसर पर ब्रजवाला शुक्ला,बजरंग गाड़ोदिया, शकुन्तला आचार्य ,देवेश गोयल , राधेश्याम त्रिपाठी , रेखा त्रिपाठी, अशोक कालिका, गौरवशर्मा, शालिनी शर्मा, राधारमण वशिष्ठ, वंशी तिवारी , ब्रजगोपाल चित्रकार, किशन सिंह चौहान, लक्ष्मीनारायण तिवारी , गोपाल शरण शर्मा आदि उपस्थित थे ।

दंगल कमेटी के अध्यक्ष बने दिनेश परमार

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रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना राधाष्टमी महोत्सव के बाद बरसाना में बूढ़ी लीला महोत्सव का आयोजन होता है। इस दौरान मटकी फोड़ लीला के दौरान बरसाना में विशाल दंगल का आयोजन होता आ रहा है। दंगल में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश से दर्जनों पहलवान भाग लेते है। शुक्रवार को दंगल की कमेटी गठन के लिए कस्बे के चतुर्भुजी आश्रम में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक कि अध्यक्षता नगर पंचायत चेयरमेन प्रतिनिधि पदम फौजी द्वारा की गई। बैठक के दौरान दंगल कमेटी का गठन किया गया। जिसमें दिनेश परमार को अध्यक्ष, रघुवीर यादव को उपाध्यक्ष, गोकलेश कटारा एडवोकेट को सचिव, महेश गौड़ को कोषाध्यक्ष, हरिओम ठाकुर को सह कोषाध्यक्ष, किशन चौहान मीडिया प्रभारी, भोला पहलवान व्यवस्था प्रमुख, हरिओम चौहान को संयोजक, रनवीर ठाकुर को प्रशानिक प्रमुख नियुक्त किया गया। दंगल में अंतिम कुश्ती चेयरमैन प्रतिनिधि पदम फौजी द्वारा दो लाख इक्यावन हजार रुपए की कराई जाएगी। बैठक में मोहन पहलवान, रोहन काका, रमेश ठाकुर, पप्पू परमार, बिहारी आढ़तिया, बुद्धा ठाकुर, राजवीर यादव, राधेश्याम बघेल, महेन्द्र परमार, बच्चू मेंबर, गोविंद मुनीम और नवल ठाकुर आदि उपस्थित थे।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लौटा वकीलों का समूह

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मथुरा। सात सितंबर को प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री सेलम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन को रवाना हुआ लगभग सात सौ वकीलों का समूह शनिवार की प्रातः वापस लौटा। इस दौरान वकीलों ने आंध्र प्रदेश के कई दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। ज्योतिर्लिंग के अलावा इस यात्रा में दुनिया की सबसे बड़ी रामोजी फिल्म सिटी और हैदराबाद में स्थापित देश के सबसे बड़े गणपति के दर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
उल्लेखनीय है कि मथुरा बार एसोसिएशन के सदस्य बड़ी संख्या में हर वर्ष किसी न किसी पर्यटन केंद्र की सैर को जाते हैं। इसी क्रम में इस बार श्रीसेलम (श्री भ्रामराम्बिका मल्लिकार्जुन मंदिर नाम से भी जाना जाता है) नामक ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए गए थे। वकीलों का यह विशाल समूह दो ट्रेनों से सिकंदराबाद स्टेशन के लिए रवाना हुआ। मथुरा बार एसोसिएशन के सदस्य सैंकड़ों की संख्या में तेलंगना एक्सप्रेस और दक्षिण एक्सप्रेस से आंध्रप्रदेश के लिए रवाना हुए थे। इस भ्रमण के दौरान श्रीसेलम ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के अलावा चार मीनार, पाताल गंगा, हुसैन सागर झील, गोलकुंडा किला, चौम्हल्ला पैलेस, सालार जंग म्यूजियम, बिरला विज्ञान म्यूजियम, कुतुब शाही मकबरा, बिड़ला मंदिर, नेहरू प्राणी उद्यान, भ्रमराम्बा देवी मंदिर, साक्षी गणपति मंदिर, रामोजी फिल्मसिटी जैसे अन्य सुंदर स्थानों का भी भ्रमण किया।
हैदराबाद रेलवे स्टेशन के निकट ही दो बड़े होटलों में वकीलों के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। एक होटल में सभी वकीलों ने एकसाथ नाश्ता और भोजन किया जिसकी कुशल व्यवस्था बार मथुरा बार एसोसिएशन की ओर से की गई थी। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन गोपाल सिंह और सचिव गोपाल गौतम आई ने बताया कि हमारी टीम के लोगों ने वकीलों के समूह के लिए सभी प्रकार के इंतजामों के लिए कड़ी मेहनत की और जब भ्रमण निर्विघ्न व सौहर्दपूर्ण वातावरण में पूर्ण हुआ तो सबने राहत की सांस ली। इतनी बड़ी व्यवस्था में फिर भी अगर किसी को कोई दिक्कत या असुविधा हुई हो तो उसके लिए हमारी पूरी टीम क्षमाप्रार्थी है।
जो वकील पहली बार इस भ्रमण में गए उनके लिए यह यात्रा बड़ी उल्लासपूर्ण और सुखद अनुभव साबित हुई।

संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास आविर्भाव उत्सव में भावांजलि देने पहुंचे जाने-माने कलाकार,बोले यहां पर प्रस्तुति देना भगवान की आराधना से कम नहीं

रिपोर्ट – प्रमेंद्र अस्थाना, कैमरा – वैभव भारद्वाज

अखिल भारतीय स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन एवं सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय अखिल भारतीय स्वामी श्री हरिदास संगीत सम्मेलन एवं स्वामी हरिदास संगीत कला रत्न सम्मान समारोह के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक अजय प्रसन्न भजन गायिका विधि शर्मा एवं मलिक ब्रदर्स द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जाएगी सभी कलाकार स्वामी जी के समक्ष भावांजलि अर्पित करने के लिए वृंदावन पहुंच चुके हैं।

प्रख्यात बांसुरी वादक अजय प्रसन्न का कहना है कि बंसी बजैया श्री कृष्ण की नगरी में आकर वह अपने आप को गौरवान्वित और सौभाग्यशाली अनुभव करते हैं वह पिछले कई साल से बांके बिहारी के चरणों में विराजमान होकर बांसुरी वादन की भावांजलि दे रहे हैं यह उनके लिए भगवान का एक बहुत बड़ा आशीर्वाद है। कहा कि बंसी बजैया के सामने बांसुरी बजाना बहुत मुश्किल है। भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से वह बांसुरी की प्रस्तुति देंगे।

भजन गायिका विधि शर्मा ने कहा कि वह गोलोक वासी अतुल कृष्ण गोस्वामी जी के संयोजकत्व में शुरू हुए संगीत सम्मेलन में आती रही है और स्वामी जी को अपनी भावांजलि अर्पित करती हैं इसी भाव के साथ आज वह एक बार फिर स्वामी जी के चरणों में भावांजलि अर्पित कर रही हैं।

भजन गायक प्रशांत मलिक ने कहा कि संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास संगीत के महान गुरु थे उनके आविर्भाव उत्सव पर भजन प्रस्तुति देकर अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं वह अपने भाई के साथ मिलकर स्वामी जी को भावांजलि अर्पित करेंगे। उन्होंने युवा पीढ़ी से शास्त्रीय संगीत को एक बार फिर से समझने पर जोर दिया।

बलदेव में 48 घंटे से बिजली गुल, करोड़ों का सब सिस्टम धराशायी

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  • बलदेव में चल रहा करोड़ों का आरडीएसएस का कार्य सब बेकार, फॉल्ट के नाम काटी गयी 48 घंटे लाइट
  • मथुरा डीवीवीएनएल के चीफ इंजीनियर तक पहुंची शिकायत लेकिन सिस्टम के आगे सब बौना

बलदेव : बलदेव नगरी की विद्युत व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गयी है। कोई देखने वाला नहीं है। सरकार की किरकिरी कराने वाले अधिकारी मथुरा जिले की विद्युत व्यवस्था को कैसे लापरवाह तरीके से संभाल रहे हैं यह शायद खुद शासन स्तर पर बैठे यूपीपीसीएल के अफसरों को नहीं पता। यहां तक कि डीवीवीएनएल एमडी भी इसे अनदेखी कर रहे हैं। हाल-बेहाल है। 48 घंटे से यानि दो दिन दो रात से बिजली नहीं है।

कस्बावासियों ने बलदेव जेई से लेकर एसडीओ, एक्शियन, एसई तथा चीफ इंजीनियर तक को 100 से अधिक शिकायतें बलदेव की विद्युत अव्यवस्था के लिए कीं, लेकिन क्या मजाल किसी उच्चाधिकारी ने बलदेव कस्बा की विद्युत अव्यवस्था पर एक नजर तक डाली हो। यही नहीं डीवीवीएनएल एमडी तक सैकड़ों शिकायतें ट्विटर, फेसबुक-ईमेल तथा वाट्सएप एवं फोन कॉल के माध्यम से की गईं, लेकिन पिछले 3 माह से अधिक समय से हाल ए बेहाल है। अब जनता आखिर किससे कहे। 48 घंटे बिजली न मिलने के कारण एमडी तक को फोन खटखटाये गए, लेकिन सब बंद।

एसडीओ, एक्शियन पिछले चार माह से फॉल्ट की समस्या को लेकर जनता के सामने पेश कर देते हैं। आखिर ये कैसे फॉल्ट हैं, जिनसे विद्युत अधिकारी ही छुटकारा पाने में नाकामयाब हो रहे हैं। इसके बावजूद न तो एसडीओ, एक्शियन और न ही एसई ने भगवान बलदाऊजी की नगरी में झांक कर तक नहीं देखा कि आखिर बलदेव वासी जो शिकायत करते हैं वह कहां तक सही है या गलत।

बलदेव के सुधीर अग्रवाल कहते हैं कि वह अब तक यूपीपीसीएल एवं शासन स्तर तक के अफसरों को ई-मेल और वाट्सएप के माध्यम से विद्युत अव्यवस्था का दुखडा कम से कम 100 बार रो चुके हैं, लेकिन क्या मजाल अगर छोटे अधिकारियों ने मामला संज्ञान में नहीं लिया तो चीफ इंजीनियर कार्यालय ने इसे अनदेखा कर दिया।

बलदेव विकास समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पांडेय कहते हैं कि योगी सरकार के बेहतर काम को अगर बुराई मिल रही है तो सिर्फ और सिर्फ जिले में बैठे विद्युत अधिकारियों की भारी लापरवाही, जिसने आज तक बलदेव की तमाम शिकायतों पर एक नजर तक नहीं डाली। उन्होंने कहा कि आरडीएसएस का ये काम नहीं बिल्कुल मरा हुआ सिस्टम काम कर रहा है। आगामी समय में अगर कोई बड़ी विद्युत अव्यवस्था फैली तो 10 तक दिन तक कम से कम लाइट गुल रहेगी। इस प्रकार से आरडीएसएस का काम बलदेव नगरी में हो रहा है, लेकिन सब सिस्टम ही सोया हुआ है।

राजीव एकेडमी में आयात-निर्यात व्यापार में दक्षता कौशल विकास पर हुई कार्यशाला

  • आयात-निर्यात व्यापार के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही पेशेवरों की मांगः अभिकल्प शर्मा

मथुरा। वैश्वीकरण के दौर में आयात-निर्यात उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैश्वीकरण के बढ़ते दायरे के साथ आयात-निर्यात के क्षेत्र में पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। युवा पीढ़ी को यदि इस क्षेत्र में करिअर बनाना है तो उसके अंदर मजबूत बातचीत कौशल, अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून की जानकारी, बाजार के रुझान का विश्लेषण करने तथा अवसरों की पहचान करने में दक्षता होनी चाहिए। यह बातें शुक्रवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में रिसोर्स परसन अभिकल्प शर्मा (मैनेजर-द कोमोडिटी हब) ने बीबीए के विद्यार्थियों को बताईं।
राजीव एकेडमी में स्किल एण्ड कोपेटेंसीज रिक्वायर्ड इन इम्पोर्ट एण्ड एक्सपोर्ट ट्रेडिंग विषय पर बोलते हुए रिसोर्स परसन अभिकल्प शर्मा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि वैश्वीकरण के बढ़ते दायरे के कारण आयात-निर्यात के क्षेत्र में पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ रही है। यह क्षेत्र जॉब चाहने वालों के लिए आकर्षक वेतन के साथ जॉब करिअर का अच्छा विकल्प बन गया है। रिसोर्स परसन ने बताया कि इस क्षेत्र में करिअर बनाने वालों में विनियमन और सांस्कृतिक अंतरों की समझ जरूरी है। श्री शर्मा ने कहा कि जो न्यूकमर्स जल्दी अनुकूलन कर लेते हैं वे फटाफट सीख जाते हैं तथा सफल होते हैं।
रिसोर्स परसन ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि आयात-निर्यात क्षेत्र बेहतर करिअर दे सकता है बशर्ते इस क्षेत्र में कदम रखने के पूर्व आपको आने वाली चुनौतियों पर सोच-विचार करना होगा। इतना ही नहीं वैश्विक बाजार की समझ और वहां मजबूत पकड़ बनानी होगी तभी इस क्षेत्र में बेहतर करिअर निर्माण किया जा सकता है। श्री शर्मा ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान करते हुए कहा कि यह क्षेत्र विकास और सफलता के लिए विविध अवसर प्रदान करता है जिससे न्यूकमर्स को सीमा पार व्यवसाय से जोड़ने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलती है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय विनिमय कानून का ज्ञान, मजबूत वार्तालाप क्षमता, प्रभावी संचार, भाषा दक्षता तथा विश्लेषणात्मक कौशल की बहुत आवश्यकता होती है।
रिसोर्स परसन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आयात-निर्यात क्षेत्र में कई प्रकार के लाभप्रद करिअर निर्माण के मौके हैं। यदि हमें इस क्षेत्र में सफलता हासिल करनी है तो अपने अंदर विशिष्ट कौशल तथा विशेषज्ञता लानी होगी। उन्होंने कहा कि इस उद्योग में पेशेवर वैश्विक बाजारों से जुड़ते हैं तथा अनुपालन और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि समय-समय पर इस क्षेत्र में करिअर निर्माण हेतु सीमा शुल्क दलाल, सामान्य सर्विस, कस्टम ब्रोकर, आयात-निर्यात समन्वयक, व्यापार अनुपालन विशेषज्ञ, अंतरराष्ट्रीय रसद प्रबंधक, आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषक आदि पदों पर सार्वजनिक सेक्टर में भर्तियां निकलती रहती हैं।
इन पदों के लिए आवश्यक क्वालिफिकेशन में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में स्नातक (बीबीए के साथ) तथा आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिग्री (बीबीए सहित) और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विशेषज्ञता के साथ एमबीए की डिग्री मान्य है। उक्त पदों पर सरकारी सेवा के लिए प्रमाण पत्र कोर्स भी चलाये जा रहे हैं। इन प्रमाण पत्र कोर्सों में प्रमाणित अंतरराष्ट्रीय व्यापार पेशेवर (सीआईटीपी), सीमा शुल्क ब्रोकर, लाइसेंस कोर्स एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रमाण पत्र कोर्स शामिल हैं।
रिसोर्स परसन ने कहा कि आयात निर्यात क्षेत्र में विद्यार्थी अपना ज्ञान और एकेडमिक तथा व्यावसायिक योग्यता में दक्षता प्राप्त करने के लिए समय समय पर आनलाइन सेमिनार, वर्कशॉप, व्यापार सबमिट आदि से हेल्प ले सकते हैं। कार्यशाला शुभारम्भ से पूर्व डॉ. विकास जैन (ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट हेड) ने पुष्पगुच्छ प्रदान कर रिसोर्स परसन का स्वागत किया।

तकनीकी दुनिया में साइबर क्राइम सबसे बड़ा खतराः प्रो. त्रिवेणी सिंह

  • जी.एल. बजाज के छात्र-छात्राओं को बताए साइबर क्राइम से बचने के उपाय

मथुरा। आज समूची तकनीकी दुनिया के सामने साइबर क्राइम सबसे बड़ा खतरा है। साइबर अटैक केवल इंसान ही नहीं बल्कि किसी देश तथा वित्तीय संस्थान को भी कंगाल कर सकता है लिहाजा हमें हर पल सावधान रहने की जरूरत है। यह बातें जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा द्वारा आयोजित अरुणोदय कार्यक्रम में साइबर क्राइम सेल के पूर्व पुलिस अधीक्षक तथा फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. त्रिवेणी सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) के संस्थापक प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारत ही नहीं दुनिया भर के देशों की सरकारें तथा सुरक्षा एजेंसियां साइबर क्राइम के बढ़ते दायरे को लेकर चिंतित हैं। देशभर में साइबर कॉप के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधीक्षक (साइबर सेल) प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कहा इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल सबसे गम्भीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि कोई भी निजी जानकारी कम्प्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है।
भारत के राष्ट्रपति के करकमलों से वीरता पुलिस पदक सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जित कर चुके प्रो. त्रिवेणी सिंह ने कहा कि आज के समय में डिजिटल डिटॉक्स यानी डिजिटल योग हर किसी के लिए आवश्यक है। प्रो. सिंह ने बुद्ध के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा कि बुद्ध ने एक बार कहा था “वर्तमान में जियो।” लेकिन लोग हर समय फोन स्क्रॉल कर रहे हैं, जो दुनिया के लिए हानिकारक है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए हानिकारक है। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर का मतलब सभी प्रकार की डिजिटल चीजें हैं। उन्होंने टेलीग्राम को साइबर अपराध का सबसे बड़ा केंद्र बताया और कहा कि वहां से लोगों का डेटा लीक हो रहा है। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं से कहा कि हमेशा अवसरों का लाभ उठाएं तथा बाहरी दुनिया से भागें नहीं। उन्होंने विद्यार्थियों को 5000 साइबर कमांडो की गृह मंत्रालय सेवा के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यह डिजिटल दुनिया है जहां हर चीज किसी भी सर्वर पर रिकॉर्ड की जाती है। हर चीज डिजिटल डोमेन में जाती है। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं को साइबर क्राइम से सुरक्षा के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को साइबर कानून का ज्ञान होना चाहिए। प्रो. सिंह ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें सफलता के लिए अपनी मेहनत का इकोसिस्टम बनाना चाहिए इतना ही नहीं समर्पण और फोकस के लिए अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित होना चाहिए। प्रो. सिंह अपने मिशन “साइबर सेफ उत्तर प्रदेश” पर काम कर रहे हैं। अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. सिंह का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।

मोर कुटी पर फिर से जीवंत हुई मयूर लीला रूठी राधा के लिए कान्हा बने मोर

रिपोर्ट राघव शर्मा

बरसाना राधाष्टमी महोत्सव के बाद गुरुवार को बरसाना में बूढ़ी लीला महोत्सव की शुरुआत हो गईं। ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित मोरकुटी पर राधाकृष्ण के स्वरूपों द्वारा मयूर लीला की गई। मान्यता है कि एक समय कुंवरि राधिका मोरकुटी आई, नृत्य मयूर कौ देख उत्कंठा जाइ। एक बार राधारानी अपनी सखियों के साथ विचरण करती हुई गहवरवन में मोर देखने गई थी। लेकिन वहां एक भी मोर न दिखने पर वो मायूस हो गई। बृषभान नन्दनी को मायूस देख खुद भगवान श्रीकृष्ण मोर का रुप धारण कर नृत्य करने लगे। इस दौरान मोर को नाचता देख राधारानी उसे लड्डू खिलाती है तो तभी उनकी सखिया पहचान जाती है कि खुद श्याम सुंदर मयूर बन के आयौ है ऒर कहती है राधा ने बुलायो कान्हा मोर बन आयो। वहीं स्वामी हरिदास जी द्वारा भी मयूर लीला का वर्णन अपने पदों में कुछ इस प्रकार किया गया। नाचत श्याम मोरन संग मुदित ही श्याम रिहझावत, ऐसी कोकिला अलावत पपैया डेत स्वर ऐसो मेघ गरज मृदंग बजावत। मयूर लीला का मंचन देख श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। राधाकृष्ण के जयकारों से मोरकुटी गूंज उठा।
मोरकुटी स्थल के महंत स्वामी जयदेव दास ने बताया कि मोरकुटी वहीं प्राचीन लीला स्थली है। जहां भगवान श्याम सुंदर द्वापरयुग में राधा के लिए मोर बने थे। आज भी यह लीला भाद्रपद सुदी नवमीं के दिन होती है।

इंद्र का मान मर्दन करने को भगवान श्रीकृष्ण ने रची गोवर्धन लीला : शाश्वत आचार्य

बाल लीलाओं को सुन भावविभोर हुए भक्त

गोदा विहार मंदिर में चल रहा गुरुदेव जयंती महोत्सव

वृंदावन। श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व के अनेक पहलू हैं। वे माँ के सामने रूठने की लीलाएँ करने वाले बालकृष्ण हैं तो अर्जुन को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर कृष्ण। इस व्यक्तित्व का सर्वाधिक आकर्षक पहलू दूसरे के निर्णयों का सम्मान है। कृष्ण के मन में सबका सम्मान है। वे मानते हैं कि सभी को अपने अनुसार जीने का अधिकार है।
यह उद्गार श्रीधाम गोदा विहार मंदिर में आयोजित गुरुदेव जयंती महोत्सव के अंतर्गत चल रही श्रीमद्भागवत सप्ताह कथा ज्ञानयज्ञ के पंचम दिवस महंत स्वामी शाश्वत आचार्य ने व्यक्त किये।
महाराजश्री ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कराते हुए कहा कि कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता। लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है। जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है। जिसको न तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा हो बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने वही लीला की जिससे सभी गोकुलवासी सुखी हुए।
रासलीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण द्वारा सम्पादित रासलीला साधारण लीला नही है। रासलीला को समझने के लिए गोपी भाव से भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करनी होगी।
गोवर्धन लीला को सुनाते हुए महाराजश्री ने कहा कि इंद्र का अभिमान भंग करने के लिए भगवान ने इस लीला की रचना की। श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा करने से इंद्र रुष्ट हो गए। इंद्र ने मेघों को आदेश देकर घनघोर बारिश करवा दी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा अंगुली पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को धारण किया।
इस अवसर पर कथा श्रवण करने आए विप्र महानुभावों ने श्रीमद्भागवत जी एवं गोदा विहार पीठाधीश्वर स्वामी शाश्वत आचार्य का सम्मान पटुका एवं माला पहनाकर किया। सम्मान करने वालों में चंद्र लाल शर्मा, सुरेश चंद्र शर्मा, ब्राह्मण महासभा के मीडिया प्रभारी गोपाल शरण शर्मा, ब्रजेश शर्मा शामिल रहे।

चौमुहां के गांव बसई बुजुर्ग में दीवार गिरने से 15 भेड़-बकरियों की हुई मौत

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चौमुहां। जनपद मथुरा में लगातार हो रही बरसात बेजुबान जानवरों पर भारी पड़ गई। बरसात के कारण चौमुहां के एक गांव में एक किसान की कच्ची दीवार भरभराकर गिर गई। दीवार ने नीचे 15 भेड़ और बकरियां दबकर मर गई। पीड़ित किसान ने जिला प्रशासन से मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की है।
चौमुहां ब्लॉक के गांव बसई बुजुर्ग में लगातार हो रही बरसात से किसान श्रीचंद के बाड़े की कच्ची दीवार भरभराकर गिर गई। बाड़े में रह रही 15 भेड़-बकरियों की दीवार के नीचे दबकर मौत हो गई। सुबह भेड़-बकरियों को मरा हुआ देखकर श्रीचंद का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। श्रीचंद का कहना था कि उसकी 15 भेड़-बकरियां और उनके बच्चों की दीवार के नीचे दबकर मर गई है। वह इन्हीं भेड़-बकरियों के सहारे से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। दैवीय आपदा ने उसका सबकुछ खत्म कर दिया है। वह अब अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे कर पाएगा। पीड़ित श्रीचंद ने जिला प्रशासन से मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने घटना की सूचना थाना शेरगढ़ पुलिस एवं चौमुहां पशु चिकित्सा अधिकारी को दी। सूचना पर पहुचीं शेरगढ़ पुलिस ने घायल हुए भेड़ बकरियों को दीवार के नीचे से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया। वही सूचना के कई घटों बाद तक भी पशु चिकित्सक घटना स्थल पर नहीं पहुचें जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।