Monday, December 29, 2025
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संस्कृति विवि में प्रवेश लेने वालों को विद्वानों ने बताया आगे बढ़ने का तरीका

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मैमोरियल हाल में सत्र 2024 -25 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम ‘दीक्षारंभ 2024’ का विधिवत शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि ग्रुप कमांडर पी.एस. सांगवान ने विद्यार्थियों अब्राहम लिंकन, लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को संवारने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह समय है कि आप लोग दुनिया में सफल व्यक्तियों की जीवनियां पढ़ें, उनसे प्रेरणा लेकर अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाएं। उन्होंने बताया कि आपके लिए कठिन परिश्रम ही तरक्की का एकमात्र रास्ता है। अपना समय सोशल मीडिया पर न गवाएं, उसका उपयोगी लाभ उठाएं। ब्रिगेडियर पीएस सांगवान ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब हमारा लक्ष्य स्पष्ट होता है तो हमें उसको पाने में समस्या नहीं आती। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी चुनौतियों का डटकर सामना करें और अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रहें। विशिष्ठ अतिथि कैप्टेन रजत पांडेय ने छात्रों को राष्ट्र धर्म का पालन करने एवं मिट्टी से जुड़ कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को दिन की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं धरती माँ को प्रणाम कर करें। भारतीय ज्ञान, वेशभूषा, परम्परा को अपनाएं। उन्होंने बदलते समय में कृषि के महत्व को बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र ऐसा है जिसके द्वारा न केवल आप समाज की सेवा बल्कि देश की सेवा भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में अनुसंधान करने की बहुत गुंजाइश है, अनुसंधान का कार्य आप कर सकते हैं। आप शिक्षा को अपना हथियार बनाएंगे तो हर मोर्चे पर जीत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों कोनियमित किताब पढ़ने, सोशल मीडिया की झूठी खबरों से सावधान रहने के लिए प्रेरित किया और सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं ।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि के दो दिवसीय ‘दीक्षारंभ 2024’ कार्यक्रम में उपस्थित नवीन सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी एवं कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक।


विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों से अपने आप को पहचानने की आवश्यकता पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं जो उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर पा रहे हैं। आप अपने मार्ग का सही चुनाव करें। माता-पिता को अपनी सफलता से गर्व करने का मौका दें। आपकी सफलता सिर्फ आपके लिए ही महत्वपूर्ण नहीं होती आपके शिक्षण संस्थान, परिवार, समाज और देश के लिए भी गर्व का विषय बनती है। विद्यार्थियों को नए-नए आइडियाज पर काम करना चाहिए। अपने गुरुओं से मार्गदर्शन लेना चाहिए। अपने काम का एक रोडमैप स्वयं बनाएं और उसपर चलते हुए सभी चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल करें। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी एवं अन्य संसाधनों का प्रयोग करे, योग एवं व्यायाम को नित्य करे तथा भारतीय संस्कृति का पालन करें।
विवि के कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी ने नए विद्यार्थियों को संस्कृति विश्वविद्यालय की सोच और लक्ष्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आपने जिस संस्थान में प्रवेश लिया है उसकी सोच आपको अच्छा प्रोफेशनल बनाने के साथ एक संस्कारिक नागरिक बनाने की है। उन्होंने विद्यार्थियों से विवि द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का भरपूर लाभ लेकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्रुप कमांडर पी.एस. सांगवान, विशिष्ठ अतिथि कैप्टेन रजत पांडेय, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी, ग्रुप कमांडर के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन से हुआ।

जीएलए में खेल दिवस पर हुआ खेलों का आयोजन

मथुरा। मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस एवं खेल दिवस के उपलक्ष्य में जीएलए जीएलए विश्वविद्यालय में क्रॉस कंट्री दौड़ एवं चैस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 200 महिला एवं पुरुष प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

कोच भूपेन्द्र कुमार मिश्रा के अनुसार क्रॉस कंट्री दौड़ प्रतियोगिता को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया, जिसमें बालक एवं बालिका वर्ग स्टाफ में महिला एवं पुरुष वर्ग में प्रतिभागियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। बालक वर्ग में देवेश प्रथम, शिवम द्वितीय, अनिल तृतीय, नरेंद्र कुमार चतुर्थ, बालिका वर्ग में वैष्णवी प्रथम, गर्वी द्वितीय, सोनिया तृतीय स्थान पर रही।

स्टाफ पुरूष वर्ग में अशोक प्रथम, दिनेश द्वितीय, मोहित तृतीय, महिला वर्ग में रितु जाट प्रथम, सुमन द्वितीय, बीना तृतीय स्थान पर रही। सभी विजेता खिलाड़ियों को ट्रॉफी मेड़ल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।

प्रतियोगिता के पूर्व में कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. हिमांशु शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रतियोगिता की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की।
चैस कोच राहुल उपाध्याय के अनुसार चैस प्रतियोगिता में लगभग 80 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
इस मौके पर साहिल, स्पोर्टस इवेंट कोऑर्डिनेटर कोच अमित कुमार शर्मा, आकाश कुमार, श्याम नारायण राय, शैलेश कुमार शर्मा, आशीष कुमार राय, दीपक उपाध्याय, हरिओम शुक्ला, रितु जाट, सौरभ गुप्ता आदि रहे।

हैकाथॉन प्रतियोगिता में आरआईएस के छात्र-छात्राओं ने दिखाई प्रतिभा, निर्णायकों ने होनहारों को ट्रॉफी व सर्टिफिकेट प्रदान कर बढ़ाया हौसला

मथुरा। भारतीय शिक्षा प्रणाली तेजी से बढ़ते डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक परिवर्तनकारी दौर से गुजर रही है। छात्र-छात्राएं किताबी ज्ञान के साथ ही सूचना क्रांति के बदलाव को न केवल महसूस कर रहे हैं बल्कि उसे आत्मसात करने में भी रुचि दिखा रहे हैं। सूचना क्रांति में छात्र-छात्राओं की रुचि और बौद्धिक क्षमता के मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हैकाथॉन प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के लगभग 66 दलों ने अपनी काबिलियत दिखाई।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुई हैकाथॉन प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने अपने-अपने गेम्स, ऐप्स तथा वेबसाइटों के माध्यम से भविष्य की राह दिखाई। छात्र-छात्राओं के बौद्धिक मूल्यांकन के लिए तीन ग्रुप बनाए गए। पहले ग्रुप में कक्षा 6 एवं 7, दूसरे ग्रुप में कक्षा 8 एवं 9 तथा तीसरे ग्रुप में कक्षा 10 से 12 तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया। तीन-तीन विद्यार्थियों के लगभग 66 दलों ने कोडिंग प्रोग्रामों के माध्यम से अपना हुनर दिखाया। अंत में निर्णायक मंडल में शामिल जीएलए यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसरों डॉ. नीरज वार्ष्णेय एवं डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह ने प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली टीमों की न केवल घोषणा की बल्कि विजेता होनहारों को ट्रॉफी व सर्टिफिकेट प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया।
फर्स्ट कैटेगरी में द गेम शेपर्स की नम्रता, रोनिका एवं प्राणवी विजेता, कंसोल कमांडो के समृद्धि राजपूत,काव्या देव शर्मा एवं आदित्य अग्रवाल प्रथम रनर अप तथा डीवीएस कोडिंग के यदुवर, श्रेयश एवं दक्षराज द्वितीय रनर अप रहे। सेकेंड कैटेगरी में पिंकी ब्लाइंड्स के शौर्य गर्ग, श्रेया गर्ग एवं उत्कर्ष यादव विजेता, बिजनेट के हरमनदीप सिंह प्रणित जैन एवं अग्रिम अग्रवाल प्रथम रनर अप तथा वनीला जेएस के आरव सोनी, अभिनव सिंह एवं कार्निक मंगल द्वितीय रनर अप रहे।
थर्ड कैटेगरी में ट्रोन एआई के कृष्णा चतुर्वेदी, कर्षित अग्रवाल एवं मुकुंद अग्रवाल विजेता, मेगाडोम्स के अश्वत दीक्षित, वेदांश प्रकाशन एवं तेजस अरोड़ा प्रथम रनरअप, टेक टाइटंस के केशव अग्रवाल, दिव्य गर्ग एवं योग्य गोयल सेकेंड रनर अप रहे। प्रतियोगिता के सफल संचालन में विद्यालय के कम्प्यूटर शिक्षकों अम्बिका जैन, प्रिया सेठ तथा रोहित का विशेष योगदान रहा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से प्रतिभा में निखार आता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस प्रतियोगिता में सहभागिता करने वाले सभी छात्र-छात्राएं बधाई के पात्र हैं, जो विजेता नहीं बन सके उन्हें निराश नहीं होना चाहिए, वह परिश्रम जारी रखें, निश्चित ही आगे चलकर वह भी विजयी होंगे।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थियों के मानसिक विकास के लिए इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाना आवश्यक है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज के डिजिटल युग में सीखने को बहुत कुछ है। समय के साथ चलना है तो कोडिंग आदि की जानकारी प्रत्येक विद्यार्थी को होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी जितनी प्रतिभाशाली होगी, हमारा देश उतनी ही जल्दी प्रगति करेगा।
विद्यालय की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने उपस्थित अतिथियों का आभार मानते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को आगे आने का अवसर देना है।

संत का एक साल

विजय गुप्ता की कलम से

     मथुरा। हमारे जिलाधिकारी संत शैलेंद्र कुमार सिंह को यहां आऐ पूरा एक वर्ष हो चुका है। पिछली जन्माष्टमी से एक दिन पूर्व ही इन्होंने चार्ज लिया था। अब बात आती है कि ये तो अधिकारी हैं संत कैसे हो गए? संत महात्मा या साधु सन्यासी तो वे होते हैं जो गेरुआ वस्त्र पहने हों। गले में रुद्राक्ष की मोटी सी माला और माथे पर चंदन का लेप तथा बीच में मोटी सी बिंदी हो। इसके अलावा खोपड़ी घोट-मोट अथवा लंबी-लंबी जटाऐं हों।
     हां साधु संत का स्मरण आते ही कुछ ऐसी ही छवि दिमाग में उभरती है। लेकिन वस्तु स्थिति ऐसी नहीं कि संतों की वेरिफिकेशन सिर्फ इसी रूप में हो। संत तो पेंट, शर्ट और धोती कुर्ता में भी हो सकते हैं और संत दिखने के लिए दुनिया भर का स्वांग रच कर संत रूप में शैतान भी हो सकते हैं। हो सकते क्या ज्यादातर ऐसे ही हैं। इन ढोंगी पाखंडियों की भीड़ में सच्चे संत तो इक्का दुक्का ही होंगे।
     अब मूल मुद्दे पर आता हूं। कहने का मतलब है कि मथुरा जनपद का यह सौभाग्य है कि जिलाधिकारी के रूप में ग्रहस्थ के एक दुर्लभ संत मिले हैं और उन्होंने अपना एक वर्ष पूरा कर लिया है। इनका लगभग एक वर्ष का कार्यकाल और शेष है रिटायर होने में। ईश्वर, योगी आदित्यनाथ और परम पूज्य देवराहा बाबा के परम प्रिय शिष्य संत शैलजा कांत जी की कृपा रही तो शायद सेवा निवृत्ति का विदाई समारोह मथुरा में ही होगा।
     मैं संत शैलेंद्र कुमार जी को तभी से जानता हूं जब ये मथुरा के सिटी मजिस्ट्रेट थे। उसी समय मैंने महसूस किया कि यह कोई विलक्षण व्यक्ति हैं। उनकी ईमानदारी, सज्जनता, सरलता, दयालुता और कर्मठता आदि हर किसी का दिल जीत लेती हैं। जब ये मथुरा से पदोन्नत होकर अलीगढ़ के ए.डी.एम. बनकर गए तब उनके साथ हृदय विदारक घटना घटी यानी इन्हें पत्नी वियोग सहना पड़ा। शुभचिंतकों ने इनसे बहुत कहा कि दूसरी शादी कर लो किंतु इन्होंने दो टूक मना कर दिया। मुझे याद है कि मैंने भी फोन करके दूसरी शादी करने के लिए कहा पर इन्होंने साफ इनकार कर दिया।
     इनका मानना था कि यदि मैं दूसरी शादी कर लूंगा तो दोनों छोटे-छोटे बच्चों के साथ न्याय नहीं हो पाएगा। भरी जवानी में त्याग की ऐसी दुर्लभ भावना रखने वाला इंसान संत से भी अधिक ऊंचाई रखने वाला ही होगा। एक और बात जो इनके त्यागी तपस्वी और विरक्त जीवन की झलक दिखाने वाली मुझे पता चली है। हालांकि यह किसी अधिकृत सूत्र से नहीं बल्कि स्टाफ में होने वाली कानाफूंसी वाली चर्चा से छनकर आई है।
     अलीगढ़ में उनके यहां एक महिला फॉलोअर कार्यरत थी जो अति सुंदर थी। पत्नी वियोग के बाद इन्होंने बड़ी विनम्रता के साथ उससे कहा कि आप कहीं दूसरी जगह कम तलाश लो, जब तक दूसरा काम न मिले तब तक यदि कुछ आर्थिक मदद की जरूरत हो तो बता देना। उस महिला ने आर्थिक मदद नहीं ली और उसी दिन से काम छोड़ दिया तथा शैलेंद्र जी ने उसकी जगह एक अन्य व्यक्ति को रख लिया। बताने की जरूरत नहीं है कि इसके पीछे इनका कितना बड़ा संतत्व था। इस घटनाक्रम की मैंने इनसे पुष्टि नहीं की क्योंकि ये साफ मना कर देते कि भाई साहब इसे छापना मत यह निजी बात है। किसी के निजी जीवन की बातों को सार्वजनिक करना अपराध की श्रेणी में आता है। यह जानते हुए भी मैं अपराध कर रहा हूं, इसके लिए मैं शैलेंद्र जी से क्षमा मांगता हूं। मेरा उद्देश्य इनके अंदर मौजूद एक दिव्य पुरुष की छवि से लोगों को रूबरू कराना है। ईश्वर इन्हें शतायु करें तथा हमेशा सुख शांति इनके इर्द-गिर्द बनी रहे।

जीएल बजाज शिक्षण समूह में आध्यात्मिक विकास कार्यक्रम “गोविंदा आला रे” का भव्य आयोजन

ग्रेटर नॉएडा स्थित जीएल बजाज शिक्षण समूह के सेंटर ऑफ स्पिरिचुअलिटी के द्वारा इस्कॉन मंदिर नॉएडा के सहयोग से आध्यात्मिक विकास कार्यक्रम “कृष्ण जन्माष्टमी-गोविंदा आला रे” का आयोजन किया। हिंदू धर्म के प्रिय देवता और पूज्य प्रभु देवाजी के जन्मोत्सव के जश्न में संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल, सीईओ कार्तिकेय अग्रवाल और जीएलबीआईएमआर की निदेशक डॉ. सपना राकेश ने फूल, दूध और मिष्ठान चढाकर उनका अभिषेक किया। कार्यक्रम में कॉलेज के छात्रों को अपने आध्यात्मिक तत्वों, उनके उद्देश्य और अर्थ की गहरी समझ को जानने का अवसर मिला।

इस्कॉन, ग्रेटर नोएडा के प्रभारी और लाइफ कोच एवं मोटिवेशनल स्पीकर एचजी अतुल कृष्ण प्रभु ने छात्रों को भगवान श्रीकृष्ण के शिक्षाशास्त्र को व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस्कॉन के कलाकारों और कॉलेज के छात्रों ने कृष्ण के जीवन और महाकाव्य की कहानियों को दर्शाते हुए आत्मा को प्रश्नता देने वाले भजन प्रस्तुत किए। विशेष रूप से इस्कॉन कलाकारों ने दही हांडी तोड़ने के समारोह के साथ-साथ गोपियों के साथ कृष्ण के दिव्य नृत्य का चित्रण भी किया। अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया गया, इस दौरान एक आध्यात्मिक आभा का वातावरण फैल गया। कार्यक्रम में छात्रों के साथ-साथ अध्यापकों और अन्य कर्मचारीयों ने बढ़चड कर भाग लिया।

एनआईआरएफः जीएलए का फार्मेसी विभाग तीसरी बार उच्च पायदान पर

  • एनआईआरएफ रैकिंग में जीएलए फार्मेसी विभाग ने पाया 53वां स्थान

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च ने एनआईआरएफ रैकिंग में देश भर के फार्मेसी संस्थानों में 53वीं रैंक हासिल की है। पिछले तीन वर्षों से फार्मेसी विभाग उच्च पायदान की श्रेणी में दर्ज है।

संस्थान के निदेशक प्रो. अरोकिया बाबू ने बताया कि पूरे देश में हजारों फार्मेसी संस्थान हैं, उनमें से सरकारी, अर्द्ध सरकारी, प्राइवेट कॉलेजों सहित सैकड़ों संस्थानों ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन किया। उन्होंने बताया कि विगत 3 वर्षों से जीएलए विश्वविद्यालय का इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च उत्तर प्रदेश राज्य को गौरवान्वित कर रहा है और हमेशां उच्च पायदान पर वर्चस्व बनाए हुए है। इससे पहले वर्ष 2022 में 69, 2023 में 54 तथा 2024 में 53वीं रैंक हासिल की है।

आईक्यूएसी निदेशक डा. विशाल गोयल ने बताया कि सतत मार्गदर्शन से ही टीम वर्क के द्वारा विश्वविद्यालय ने यह उपलब्धि हासिल की है। फार्मेसी के अलावा जीएलए विश्वविद्यालय ने मैनेजमेंट केटेगरी में देश के करीब 7500 मैनेजमेंट इंस्टीटूशन्स में जीएलए इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट देश के सर्वश्रेष्ठ 125 संस्थानों में शुमार है। जिसने मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में 101-125 रैकिंग बैंड में जगह बनाई है। साथ ही देश के एक हजार 114 विश्वविद्यालयों में जीएलए विश्वविद्यालय 150 संस्थानों में बेहतर है। जिसने 100-150 रैंक बैंड हासिल की है। यह रैंक टीचिंग लर्निंग रिसोर्स, रिसर्च एवं प्रोफेशनल प्रैक्टिस, आउट कम रिसोर्स, आउट रीच एवं इनक्ल्यूविटी एवं प्रीयर परसेक्शन के तहत हासिल हुई है।

बड़ी उपलब्धि पर प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि आगामी वर्षों में जीएलए विश्वविद्यालय और बेहतर प्रदर्शन के आधार पर और उच्च श्रेणी की रैंक हासिल करेगा। यह उपलब्धि भी विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व की बात है।

डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों और शिक्षकों के बेहतर शोध कार्यों ने इस रैंकिंग तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी ने सभी के कठिन परिश्रम को सराहा और आगामी वर्षों में बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।

संसद में धर्माचार्यों को मिलना चाहिये 10 प्रतिशत आरक्षण – देवकीनंदन ठाकुर

वृन्दावन। संसद में संत-धर्माचार्यों को भी उचित स्थान मिलना चाहिये। जिससे भारत की संस्कृति अनुरूप नियम-कानून बनाकर देश में सनातनी विचारों का सम्मान बचाया जा सके। इसके लिये सभी राजनैतिक दलों को प्रयास करने चाहिये।
देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने श्रीमद्भागवत प्रवचन के दौरान यह माँग उठाते हुये सनातन धर्म के अनुयायियों से इस मुहिम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बतायी।
छटीकरा मार्ग स्थित ठा श्री प्रियाकान्तजू मंदिर में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में बोलते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भारत सनातनियों का देश है। सनातन धर्म विश्व में मंगल की कामना करता है। लेकिन सनातनी अपने ही यहाँ कई मोर्चों पर दूसरी विचारधाराओं से घिरे हुये हैं। विधर्मी सनातन धर्म के विरूद्ध अपने मनमाने निर्णय लागू करवाने में सफल रहते हैं।

शनिवार को उन्होंने कहा कि संसद में हर समाज से प्रतिनिधि आरक्षित हैं। इसी तरह साधु-संत-धर्माचार्य समाज के भी 50-55 प्रतिनिधि होने चाहिये। जिससे हम आगे की पीढ़ी के लिये भारत की सनातन संस्कृति और संस्कारों को सुरक्षित रख सकें। इसके लिये हर स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व मीडिया सेे बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में लिव-इन-रिलेशन, नया एडल्ट्री कानून लागू हो गया, समलैंगिक विवाह हेतु कानून की पैरवी करने वाले मौजूद हैं । जबकि गौ हत्या, धर्म-परिवर्तन, ईशनिंदा जैसे विषयों पर राष्ट्रीय कानून बनाने की आवश्यकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ाने वाले कम हैं । इसके लिये संसद में सही-गलत बताने वाले धर्माचार्य होने चाहियें जो कानूनों को सनातन की कसोटी पर कस सकें ।
गौरतलब है कि संसद में धर्माचार्यों के आरक्षण के समर्थन में पूर्व काँग्रेसी प्रमोद कृष्णम एवं अन्य धर्माचार्य भी आगे आये हैं।

वी.पी.एस. में छाई जन्माष्टमी की घटा

वृंदावन। धोरेरा स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में जन्माष्टमी के पावन पर्व पर कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्री कृष्ण के भजन “श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी” के साथ किया गया। जिसमें संपूर्ण विद्यालय प्रांगण में बच्चों व शिक्षकों को भक्ति रस में डूबो दिया। कक्षा एल के जी के बालकों द्वारा नृत्य प्रस्तुति राधा कृष्ण को समर्पित भजन द्वारा की गई। कक्षा चतुर्थ के बच्चों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर नंदोत्सव तक की भूमिका पर आधारित लघु नाटिका कि मंचन किया गया जो कि बहुत आकर्षण का केंद्र रही थी।


बच्चों ने राधा कृष्ण की आकर्षक पोशाक को धारण कर अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी बच्चों की प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। ऐसा लग रहा था मानो हर जगह राधा कृष्ण के स्वरूप ही हो। कक्षा 9 से 12वीं के बच्चों द्वारा (दही हांडी) मटकी फोड़ प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई। जिसमें बच्चों ने बहुत हर्ष उल्लास का आनंद लिया। प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को इस का महत्व बताया। कहा कि पूरी दुनिया में कृष्ण जैसा पुत्र नहीं और मित्र भी नहीं है। जिन्होंने दुनिया को सत्कर्म पर चलने की राह दिखाई। इस दौरान समस्त वी पी एस परिवार उपस्थित रहा। 6 से 12 तक की कक्षाओं में भी जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। जिसमें विशेष आकर्षण का केंद्र रहा’ दधि हांडी ‘की प्रस्तुति। जिसमें कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों और छात्राओं ने बहुत ही उत्साह पूर्वक इस उत्सव का लुफ्त उठाया। संगीत विभाग के निर्देशन में श्री कृष्ण की जन्मोत्सव की बधाइयां गाई गई, श्याम सदन द्वारा प्रार्थना सभा को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया समस्त पारिकर गोविंदा आला रे के शोर से गूजायमान हो उठा। कार्यक्रम के सफल संयोजन में भारत भूषण उपाध्याय पंकज चौहान शिवानी सिंह शालू अग्रवाल जूही मिश्रा आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की छात्राओं ने दिलाई प्रतिभा

सरस्वती विद्या मंदिर, एटा में प्रान्तीय खेलकूद कबड्‌डी व शतरंज प्रतियोगिता का हुआ था आयोजन

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की छात्राओं ने सरस्वती विद्या मंदिर, एटा में आयोजित प्रान्तीय खेलकूद कबड्‌डी व शतरंज प्रतियोगिता आयोजित हुई थी। जिसमें अंडर-19 शतरंज प्रतियोगिता में आराध्या, नन्दिनी, सोनिया, लकिता, ईशिका ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कबड्‌डी प्रतियोगिता में अंडर-17 की टीम वंशिका, आस्था, कृष्णा, कृतिका, वैष्णोदेवी, गौरी, कीर्ति, श्रृष्टि, दीपिका, आकृति, अंजलि व अंडर-14 की टीम ज्योति, ऐश्वर्या, खुशी, मोना, गौरी, नन्दिनी, गीतांजलि, सुहानी, ऋतु, गुंजन ने प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने कौशल का परिचय दिया। शतरंज टीम अंडर -17 हिमानी ,कोयल, सनिका , अपूर्वा,साक्षी अंडर -14 रूही गौतम, सुप्रिया, आन्या, राशि व रीवा ने द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया । कबड्डी की टीम अंडर – 19 हर्षिता, वंदना ,गुंजन , ज्योति , सोनिया, समृद्धि, राधिका, नंदिनी , मोहिनी, दुलारी, शालिनी, भारती ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।छात्राओं ने बेहतरीन टीम वर्क व रणनीति से अपनी विरोधी टीम को हराया।
वहीं शतंरज प्रतियोगिता में छात्राओं ने अपनी बुद्धिमता का परिचय देते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रथम स्थान प्राप्त छात्राएँ क्षेत्रीय प्रतियोगिता हेतु सरस्वती विद्या मंदिर, शिकारपुर , सहारनपुर में प्रतिभागिता करेंगी।
छात्राओं की सफलता में विद्यालय आचार्या रागिनी आजाद, सुनील सिंह, कुसुम सैनी, मेघा गौतम का सहयोग रहा।
प्रधानाचार्य डॉ० अंजू सूद ने कहा कि यह जीत सभी छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है व विद्यालय के खेल व शैक्षणिक वातावरण को और भी समृद्ध करती है। कठिन परिश्रम व जोश के साथ आने वाली प्रतियोगिताओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करें।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबन्ध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, विश्वनाथ गुप्ता, रेखा माहेश्वरी, उमेश चंद शर्मा, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा आदि ने विजयी छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दी।

राजीव एकेडमी के चार एमबीए छात्रों को जस्ट डायल में मिली जॉब, उच्च पैकेज पर मिले सेवा के अवसर से छात्र और अभिभावक खुश

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के चार एमबीए छात्रों को देश की नम्बर वन लोकल सर्च इंजन कम्पनी जस्ट डायल में उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर मिला है। शिक्षा पूरी करने से पूर्व मिले इस शानदार आफर से छात्र ही नहीं अभिभावकों में भी खुशी है।
संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट विभागाध्यक्ष डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही में एमबीए के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित किए गए प्लेसमेंट सेशन से काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। प्लेसमेंट सेशन में कम्पनी जस्ट डायल के पदाधिकारियों ने एमबीए के छात्र-छात्राओं का कई तरह से बौद्धिक मूल्यांकन करने के बाद उनका साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार के बाद एमबीए के अभिषेक त्यागी, हरिमोहन शर्मा, कुलदीप कुमार तथा कुंवर पाल चौधरी को उच्च पैकेज पर आफर लेटर प्रदान किए गए।
आफर लेटर देने से पहले अधिकारियों ने बताया कि जस्ट डायल भारत की नम्बर वन इण्टरनेट प्रौद्योगिकी कम्पनी है जो फोन, वेबसाइट और मोबाइल एप पर भारत में विभिन्न सेवाओं के लिए जानी जाती है। कम्पनी मोबाइल एप पर भारत में कई प्रकार की सेवाओं के लिए स्थानीय खोज प्रदान करती है। ये स्थानीय सर्च इंजन है जो मोबाइल, वेबसाइट, वेबसाइट एप्स (एण्ड्रायड), आईओएस, टेलीफोन और टैक्स्ट एमएमएस जैसे कई प्लेटफार्म के माध्यम से पूरे भारत में उपयोग कर्ताओं को स्थानीय खोज से सम्बन्धित सेवाएं प्रदान करती है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने चयनित छात्रों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डॉ. अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि भारत की नम्बर वन लोकल सर्च इंजन कम्पनी में विद्यार्थियों को करिअर शुरू करने का अवसर प्राप्त होना काफी सुखद अवसर है। प्रारम्भ में ही प्रतिष्ठित कम्पनी में कार्य करने का अवसर मिलने का अर्थ है कि यह छात्र भविष्य में काफी आगे जा सकते हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने चयनित छात्रों का आह्वान किया कि वे प्राप्त अवसर का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि विविधतापूर्ण कार्य वातावरण में काम करने का अलग ही आनंद होता है। डॉ. सक्सेना ने कहा कि जॉब कोई भी हो उसमें अपनी काबिलियत से ही आगे बढ़ा जा सकता है। डॉ. सक्सेना ने कहा कि राजीव एकेडमी की छात्र-छात्राओं को उच्चकोटि की प्रबंधन शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता ही उनके सपनों को साकार करने में मददगार साबित हो रही है। डॉ. सक्सेना का कहना है कि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद हमारे विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त शानदार प्लेसमेंट इसका प्रमाण है।