Monday, December 29, 2025
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एक ऐसे इंसान जिन्होंने अपना भाग्य खुद लिखा

मथुरा। कहते हैं कि इंसान का भाग्य ऊपर वाले के यहां से लिखकर आता है, किंतु एक इंसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना भाग्य खुद व खुद लिखकर इतिहास रचा। इनका नाम है सीताराम गुप्ता उम्र 92 वर्ष इन्होंने अपनी विलक्ष्णताओं से खुद की किस्मत स्वयं निर्धारित करके भारत ही नहीं विश्व में अपनी पताका फहराई और देश का नाम रोशन किया।
     सेठ सीताराम के नाम से विख्यात ये महापुरुष देश की वेश कीमती धरोहर हैं। हो सकता है उनके लिए महापुरुष कहना कुछों को अटपटा लगे किंतु इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद शायद उनकी धारणा बदल जाएगी। इनकी कंपनी का नाम है “स्टार वायर इंडिया” जो बल्लभगढ़ में स्थित है। इस कंपनी की धाक पूरे विश्व में है। एशिया में सबसे पहले बुलेट प्रूफ कार और बुलेट प्रूफ जैकेट इन्हीं की कंपनी ने तैयार की। इनकी कंपनी में हवाई जहाज, रेल तथा सेना के उपयोग में आने वाले तमाम सामान का निर्माण होता है। ब्रह्मोस मिसाइल का पूरा ढांचा इसी कंपनी की देन है।
     इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि चंद्रयान और सूर्ययान आदि अनेक यान जो इसरो द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जाते हैं। उनमें प्रयोग होने वाली अधिकांशतः धातू इन्हीं की कंपनी की देन हैं। और भी अधिक विलक्षण बात यह है कि भारत सरकार द्वारा अपने परमाणु संयंत्रों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं की कंपनी को सौंप रखी है। इसी से पता चलता है कि इनकी कंपनी की साख कितनी जबरदस्त है। अनेक देशों की सरकारें इनकी कंपनी से तमाम साजो समान व उपकरणों को खरीदती हैं। इनकी कंपनी की धाक का मूल कारण है श्रेष्ठतम गुणवत्ता।
     मजेदार बात यह है कि इस सब उपलब्धि के बावजूद ये अपने आपको गुमनाम बनाए हुए हैं। काफी समय पूर्व जब चंद्रयान और सूर्ययान छोड़े गए थे तब इसरो द्वारा इनकी कंपनी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। न सिर्फ देश बल्कि विदेशों तक की बड़ी-बड़ी हस्तियों से इनका संपर्क रहा है। ये अंतर्मुखी स्वभाव के हैं तथा प्रसार प्रचार से एकदम दूर रहने का इनका स्वभाव है।
     यह मेरा सौभाग्य है कि ये मेरे मौसेरे भाई हैं तथा मेरे ऊपर इनका अगाध स्नेह व आशीर्वाद है। इनके पिताजी यानी हमारे मौसा जी मूलतः जयपुर के रहने वाले थे। उनके लोहे के व्यापार को सेठ सीताराम जी ने बखूबी संभाला और आज स्थिति यह है कि इन्हें देश का दूसरा रतन टाटा माना जाता है। इनकी दान वीरता किसी से छिपी हुई नहीं है। सज्जनता इतनी कि पूंछो मत हर किसी को मान देकर चलना इनका स्वभाव है।
     92 वर्ष की उम्र में भी ये प्रातः योग करते हैं तथा दो घंटे के लिए अपने कार्यालय भी जाते हैं, भले ही इन्हें दूसरे का सहारा लेकर चलना पड़ता है। वृद्धावस्था अन्य तरह-तरह की शारीरिक समस्याओं के बावजूद आज भी इनके हौसले बुलंद हैं। फिलहाल इनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। ईश्वर से प्रार्थना है कि इन्हें पूर्ण रूपेण स्वस्थ रखें व शतायु करें।

विजय गुप्ता की कलम से

वी पी एस में बंधी भाई-बहन के अटूट रिश्ते की डोर

वृंदावन। पर्व, उत्सव व त्यौहार आपसी प्रेम और सौहार्द के प्रतीक होते हैं और एक बालक में इन गुणों के विकास में परिवार व विद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसी क्रम में मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल में रक्षाबंधन से पूर्व विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों ने गीत, नृत्य, लघु नाटिका द्वारा भाई-बहन के आपसी प्रेम व अटूट रिश्ते की प्रस्तुतियों से सबको अभिभूत कर दिया।
श्याम सदन द्वारा शालू अग्रवाल तथा जूही मिश्रा के निर्देशन में छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियों से सब की आंखों को नम कर दिया। प्रार्थना सभा का आरंभ संगीत विभाग द्वारा तैयार गीत ‘फूलों का तारों का सबका कहना है’ गीत से हुआ। लघु नाटक द्वारा बहन की रक्षा के वचन का संकल्प लेकर भाइयों ने अपने अभिनय से सबको भावविभोर कर दिया। गायन, अभिनय व नृत्य प्रस्तुतियों में मोक्षदा गोस्वामी, विधि शुक्ला, चाहत शर्मा, हर्ष वत्स ,श्वेता सिंह आदि ने अपनी भावनात्मकता का परिचय दिया।
इस अवसर पर अंजना शर्मा, वंदना कौशिक ,सीमा पाहुजा ,प्रियदर्शनी आचार्य ,हेमलता वर्मा ,सर्वदा वर्मा ,रिचा दुबे, पारुल वार्ष्णेय , निधि गौर आदि मौजूद रहे। संचालन दिशा शर्मा व कीर्ति पाठक ने किया। प्रधानाचार्य कृति शर्मा ने सभी को शुभकामनाएं दीं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने डॉक्टर बेटी को इंसाफ दिलाने भरी हुंकार, नाराज चिकित्सकों ने सरकार से की पूर्ण सुरक्षा की मांग, मामला कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या का

मथुरा। जिस देश में लड़कियों को देवी माना जाता हो, जहां उनकी तुलना मां लक्ष्मी से की जाती हो, उस देश में बीते कुछ हफ्तों में बेटियों के साथ जो कुछ हुआ, वह बेहद शर्मनाक और हैरान करने वाला है। बात कोलकाता में ट्रेनी ड्रॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की हो या फिर उत्तराखंड में नर्स के साथ की गई बदसलूकी की, इन वारदातों के सामने आने के बाद देशभर के चिकित्सक तथा चिकित्सा क्षेत्र जुड़े लोग काफी गुस्से में हैं। शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चिकित्सकों, नर्सेज तथा टेक्नीशियनों ने दो मिनट का मौन रखकर बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए ओपीडी के सामने धरना दिया। डॉक्टर्स ने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा अपनी सेवाएं नहीं देंगे।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं बंद रखने के आह्वान पर शनिवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स भी हड़ताल पर रहे। डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया तथा रैली भी निकाली। आक्रोशित चिकित्सकों ने कहा कि जब तक रेप पीड़िता के परिजनों को इंसाफ नहीं मिल जाता हम लोग चुपचाप नहीं बैठेंगे। डॉक्टर्स ने सरकार से चिकित्सा से जुड़े लोगों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। शनिवार को के.डी. हॉस्पिटल में ओपीडी बंद रही तथा मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने इस अमानवीय कृत्य की निंदा की तथा कहा कि आएदिन चिकित्सकों के साथ हो रही वारदातें समूचे समाज के लिए चिन्ता की बात होनी चाहिए। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यदि चिकित्सक और चिकित्सा से जुड़े लोग ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो स्वस्थ समाज का सपना कैसे साकार होगा।


इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने कहा कि आजादी के साढ़े सात दशक बीत जाने के बाद भी देश में बेटियों का असुरक्षित होना चिन्ता की बात है। जिन चिकित्सकों को हमारा समाज भगवान मानता है, उनके साथ इस तरह की दरिंदगी करने वालों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। डॉ. अशोका ने कहा कि कोलकाता में एक ट्रेनी ड्रॉक्टर बेटी के साथ जो हुआ, उससे साफ है कि चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग आज कतई सुरक्षित नहीं हैं। महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.के. पांडेय ने भरे मन से कहा कि आज जिस तरह से चिकित्सकों के साथ अमानवीय कृत्य हो रहे हैं, उससे किसी की भी बहन-बेटी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती है।
शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता ने कहा कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ जो कुछ हुआ वह कोई पहली और आखिरी वारदात नहीं है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ बीते दिनों जो कुछ हुआ उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मामले की सीबीआई जांच के आदेश हो जाने के बाद भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस लड़की के साथ ये वारदात हुई उसके परिवार को इसकी वजह से जो पीड़ा पहुंची है, क्या उसे हम दूर कर पाएंगे?
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. मंजू पांडेय ने मेडिकल छात्राओं तथा महिला चिकित्सकों का आह्वान किया कि वह निडर बनें तथा अपने आपमें ताकत पैदा करें ताकि इस तरह की वारदातों का डटकर मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह मानवता के खिलाफ किया गया अपराध है। यह काम करने वाली जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे से जुड़ा मामला है। डॉक्टर और नर्स इस बात से चिंतित हैं कि वो अस्पताल में सुरक्षित नहीं हैं, उनके परिवार के लोग भी चिंतित हैं। लोगों को सीबीआई जांच रिपोर्ट का इंतजार है।


विभागाध्यक्ष मनो चिकित्सा डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि यह बेटी अपनी लगन और मेहनत से आगे बढ़ रही थी, जब उसे अपनी मेहनत का सुफल मिलने वाला था, ऐसे में उसके साथ की गई बर्बरता चिकित्सा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे समाज और देश के लिए चिन्ता की बात है। ट्रेनी महिला डॉक्टर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मर्डर से पहले डॉक्टर के साथ रेप की पुष्टि ने समूचे चिकित्सा तंत्र को मुश्किल में डाल दिया है।

कोलकाता रेप काण्ड एवं हुए मर्डर को लेकर जीएम हॉस्पिटल में डाक्टरों ने ओपीडी व समस्त चिकित्सीय सेवाएँ रखी बंद

गोवर्धन छाता नीमगांव कुन्जेरा रोड पर स्थित जीएम हॉस्पिटल ने इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के दिशा निर्देश के अनुसार शनिवार को ओपीडी एवं समस्त चिकित्सीय सेवाएँ बंद रखी गई।जिसमें हॉस्पिटल प्रशाशन और समस्त डाक्टर ने मिलकर इस देशव्यापी हड़ताल में सम्मिलित हुए और मोमबत्ती जलाकर शोक व्यक्त किया है।साथ ही सभी ने मिलकर न्याय की मांग रखी।वहीं जीएम हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर अभिषेक चौधरी ने बताया कि डॉक्टर्स 24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे।यह हड़ताल सुबह 6 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6 बजे तक चलेगी।इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चलती रहेंगी।लेकिन ओपीडी और अन्य सेवाएं बंद रहेंगी इसमे सहभागिता निभाने वाले हॉस्पिटल के सभी डाक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ सम्मिलित है।

रिपोर्टर,राजेश लवानिया

संस्कृति विश्वविद्यालय में मना ‘पुस्तकालय दिवस’, बताई उपयोगिता

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय ‘पुस्तकालय दिवस’ का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया गया। डा. एसआर रंगनाथन की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने पुस्तकालयों के महत्व और शिक्षण संस्थाऩों में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि पुस्तकालय एक बहुत ही उपयोगी मंच है जो सीखने के इच्छुक लोगों को एक साथ लाता है। यह हमें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने में मदद करता है। हम पुस्तकालय से अपनी पढ़ने की आदत विकसित करते हैं और ज्ञान के लिए अपनी प्यास और जिज्ञासा को संतुष्ट करते हैं। यह एक व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि पुस्तकालय शोधकर्ताओं के लिए सूचना के प्रामाणिक और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं। वे पुस्तकालय में मौजूद सामग्री का उपयोग करके अपने शोधपत्र पूरे कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा पुस्तकालय अकेले या समूहों में बिना किसी व्यवधान के अध्ययन करने के लिए एक बेहतरीन जगह है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. के. के. सिंह ने डिजिटल युग में पुस्तकालयों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन ने पुस्तकालयों को और सामर्थ्यवान बना दिया है। आज पुस्तकालयों में सारा संसार मौजूद है और विद्यार्थियों के लिए ये बहुत ही सहज ज्ञान का केंद्र बन गए हैं। संस्कृति विवि के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. बृजेश कुमार वर्मा ने कहा कि पुस्तकालय हमारी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। चूँकि यह एक ऐसी जगह है जहाँ बिलकुल सन्नाटा होना ज़रूरी है, इसलिए कोई भी व्यक्ति एकाग्रता के साथ पढ़ाई कर सकता है। यह हमें अपनी पढ़ाई पर ज़्यादा कुशलता से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। पुस्तकालय हमारी सोच को भी व्यापक बनाते हैं और हमें आधुनिक सोच के प्रति ज़्यादा खुला बनाते हैं।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय लाइब्रेरी एडवाइजरी कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. कंचन कुमार सिंह, निशांत मधुकर, शिवम पचौरी, दीनदयाल, गौरव शर्मा, सुश्री श्रद्धा मिश्रा, सुश्री स्वाति शुक्ला और सुश्री कविता जदौन, राकेश शर्मा (उप पुस्तकालयाध्यक्ष), पवन कुमार (सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष), समस्त पुस्तकालय कर्मचारी जैसे रघुवीर, दशरथ, भगत सिंह, हरीशचंद्र और लोकेश आदि उपस्थित रहे।

दाऊजी मंदिर में स्वर्ण-रजित हिंडोला, दर्शन को उमड़ रहा भक्तों का सैलाब

  • श्रावण मास की एकादशी से रक्षाबंधन तक चलेगा झूला महोत्सव
  • पंद्रह फीट ऊंचे हिण्डोले में दर्पण के माध्यम से झूलते हैं दाऊजी महाराज

बलदेव : श्रावण मास के महीने में झूला झूलने की परम्परा पहले की अपेक्षा कम होती जा रही है, पर देवालयों मे देवताओं को आज भी झूला-झूलाया जाता है। वर्षों से दाउजी मंदिर में हिंडोला उत्सव की अनूठी परंपरा यथावत कायम है। विश्वविख्यात श्री दाऊजी महाराज के मंदिर में सूर्य अस्त होते ही राधे झूलन पधारो, झुक आये बदरा… जैसे सुरमयी आवाजों से दाऊजी मंदिर प्रांगण गूंज उठता है। यह सुरमयी आवाज मंदिर बंद होने तक सुनाई देती है।

श्रावण मास की कृष्ण पक्ष एकादशी की बात ही निराली है, जिसमें कोयल की मीठी कूक, मोर का नृत्य पूरे वेग से बहती यमुना मन को आनंदित कर देती है। ब्रज मंडल में ब्रज के राजा ठाकुर श्रीदाउजी महाराज के मंदिर में हिंडोला उत्सव की झांकियां भक्तों को प्रेम संदेश प्रदान करती हैं। भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलदाऊजी महाराज जिन्हें श्रद्धालु प्रेमवश दाऊजी कहते हैं के झूलना उत्सव की बात ही निराली है। श्रावण मास की एकादशी से रक्षाबंधन तक लाला ठाकुर के स्वरूप को हिंडोले में झूलाकर परंपरा निर्वहन किया जाता है।

बलदेव जी मंदिर में हिंडोला उत्सव की अनूठी परंपरा है। दाऊजी महाराज का विशाल व अत्यन्त मनोहारी विग्रह लगभग आठ फुट उंचा और करीब साढे तीन फुट चौड़ा है। दाउजी महाराज के विशाल विग्रह पर सात नाग भी हैं। विशाल विग्रह को झूला-झुलाना असंभव है। ऐसे में श्रीदाऊजी महाराज के विग्रह के ठीक सामने जगमोहन प्रांगण में हिण्डोला स्थापित किया जाता है। लगभग पंद्रह फुट उंचे हिण्डोले में ठाकुर श्रीदाऊजी महाराज को उनके स्वर्ण जडित दर्पण के माध्यम से झूला-झुलाया जाता है। आरती से पूर्व दर्पण में उनकी छवि को झुलाया जाता है। आरती के पष्चात् उनके मुकुट और मुरली को हिण्डोले में रखा जाता है, जिसमें ठाकुर बलदेवजी की छवि दिखाई देती है।

अनूठी है समाज गायन की परंपरा
बलदेव : श्रावण मास में दाउजी महाराज के झूला-झूलने के साथ-साथ समाज गायन की अनूठी परंपरा है। पण्डा समाज के लोग एकजुट होकर झांझ-मजीरा बजाकर श्रीदाउजी और माता रेवती की समाज गायन करते हैं। इस अवसर पर झांझ-मजीरा की धुन को सुनकर दर्शक भी भाव-विभोर हो उठते हैं, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में दर्शकों की भीड लग जाती है।

एनके ग्रुप ने मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस

  • स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए गर्व और उल्लास का दिन : विवेक

मथुरा : एनके ग्रुप के संस्कार सिटी में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। ग्रुप के निदेशक जीएलए के सीएफओ विवेक अग्रवाल ने ध्वजा रोहण किया।

ध्वजा रोहण करते हुए निदेशक विवेक अग्रवाल ने बताया कि 15 अगस्त 1947 का दिन हर भारतीय के लिए गर्व और उल्लास का दिन है। यह वह दिन है जब हमारे देश ने अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता प्राप्त की। यह दिन हमें उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है जो महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और अन्य अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने किए।

उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने हमें न केवल एक स्वतंत्र राष्ट्र का उपहार दिया, बल्कि हमें एकता, विविधता, और सहिष्णुता की विरासत भी सौंपी। आज, हमें यह सोचना चाहिए कि हम किस प्रकार अपने देश को और भी अधिक सशक्त बना सकते हैं। हमें अपने पूर्वजों के सपनों को साकार करने की दिशा में काम करना चाहिए।

इस अवसर पर देवेन्द्र अग्रवाल, सौरभ कसेरा, पुरोहित जी, मनोज आदि एनके ग्रुप परिवार उपस्थित रहा।

जीएलए में मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस

  • स्वतंत्रता दिवस पर जीएलए में आयोजित हुए रंगारंग कार्यक्रम

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में 78वें स्वतंत्रता दिवस पर कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने ध्वजा रोहण किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से भव्य प्रस्तुति दी।

कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने ध्वजा रोहण के अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम यहां हमारे महान देश भारत की स्वतंत्रता का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। सबसे पहले, उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूँ, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजादी दिलाई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने विद्यार्थियों के शैक्षिक हित में बदलाव के लिए एनईपी लागू किया है। एनईपी के तहत ही हम सभी को आगे बढ़ना है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को रोजगारपरक बनाने के लिए सैकड़ों संस्थानों से एमओयू किए हैं, जो कि निकट भविष्य में विद्यार्थियों को रोजगारपरक बनाने में मदद करेंगे। साथ ही दिग्गज कंपनियां से भी विश्वविद्यालय ने करार किया है।

तत्पश्चात देश भक्ति ‘ए वतन मेरे वतन…, सुनो गौर से दुनियां वालो तथा मां तुझे सलाम गीतों पर जीएलए के नटराज, निनाद एवं व्हिती क्लब के विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। इसके बाद एनसीसी कैडेट्स ने भी झंडे को सलामी दी।

वहीं जीएलए विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय आझई खुर्द में अंशी सिंह एवं दीपांश गोयल, उच्च प्राथमिक विद्यालय आझई खुर्द (प्रथम) में जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं तपेश भारद्वाज, उच्च प्राथमिक विद्यालय जैंत में पुष्कर शर्मा ने ध्वजा रोहण किया। स्कूल कॉर्डिनेटर राहुल अरोडा ने बताया कि स्कूलों बच्चों ने अपनी देश भक्ति गानों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं।

कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने रंगारंग प्रस्तुति देने वालों छात्रों की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन दुवांषी चावला एवं आंचल ने किया।

इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. हिमांशु शर्मा, गौरव शर्मा, सतीश कुमार का सहयोग सराहनीय रहा।

संस्कृति विश्वविद्यालय में उत्साह और उल्लास के साथ मना 78वां स्वतंत्रता दिवस

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में देश के 78वं स्वतंत्रता दिवस शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों और शहीदों को याद किया गया। भारत के अभिमान के प्रतीक तिरंगे झंडे को सलामी दी गई। इस मौके पर विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
संस्कृति विवि के कुलपति डॉ. एमबी चेट्टी ने छात्र छात्राओं व शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए महापुरुषों को याद किया। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वतंत्रता के माइने और महत्व के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. रजनीश त्यागी ने स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों को याद करते हुए कहा कि भावी भारत के निर्माण के लिए राष्ट्रीय महापुरुष महाराणा प्रताप, शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई, पं रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, उधम सिंह, डा अब्दुल कलाम आदि जैसे व्यक्तित्व व चरित्र की पीढ़ी को तैयार करने के लिए प्राथमिक गुरूतुल्य माता-पिता व गुरूओं को विशेष योगदान करना होगा।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता व सीईओ डा. मीनाक्षी शर्मा ने सभी छात्र छात्राओं व शिक्षकों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। हर घर तिरंगा अभियान में सक्रिय योगदान प्रदान करने वाले एन सी सी कैडेट्स मोहित नन्दन, हर्षिता, संजना को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के सभागार में राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन डा. एकता कपूर के नेतृत्व में किया गया। इसमें छात्र मोहित राणा ने अपनी कविता में जालियांवाला बाग में हुए नर संहार से उद्वेलित होकर शहीद ऊधम सिंह के द्वारा सीमा पार जाकर जनरल डायर को उसके ही सरजमीं पर नष्ट नाबूत करने का सजीव चित्रण प्रस्तुत कर भावपूर्ण वातावरण बना दिया।
इसके साथ ही राष्ट्र भक्ति पर छात्र सौरभ, अभिनव, अस्मित आदि के द्वारा गीत गायन तथा छात्रा प्रिया , सोनल , भूमिका आदि के समूह नृत्य की प्रस्तुती को सराहा गया। इस मौके पर संस्कृति नर्सिंग कालेज के प्राचार्य डा. केके पाराशर, डा. मोनिका अबरोल, डा. मोहनन एम, उप कुलसचिव मनीष मिश्रा, विवेक श्रीवास्तव। कार्यक्रम का संचालन डा. दुर्गेश वाधवा ने किया।

आर.के. ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों में हर्षोल्लास से मना स्वतंत्रता दिवस

  • छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किए नयनाभिराम राष्ट्रभक्तिपूर्ण कार्यक्रम

मथुरा। गुरुवार को आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों राजीव इंटरनेशनल स्कूल, राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी, के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर, के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, के.डी. कॉलेज आफ नर्सिंग एण्ड पैरा मेडिकल साइंस, जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में उत्साह और उमंग के बीच ध्वजारोहण कर 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रभक्तिपूर्ण कार्यक्रम पेश करते हुए अमर शहीदों को नमन किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी गुरुजनों, छात्र-छात्राओं तथा कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज पूरा देश आजादी का जश्न उत्साह और उमंग से मना रहा है। इस आजादी के लिये लाखों लोगों ने त्याग-बलिदान किया है। हम आज जो स्वतंत्रता की खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह अनमोल है। इसकी रक्षा करना हर भारतीय का पहला कर्तव्य है। इस दिन हमें राष्ट्र निर्माण, देश के विकास व रक्षा का संकल्प लेने के साथ महात्मा गांधी के सत्य व अहिंसा के सिद्धांतों को जीवन में उतारना जरूरी है।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश आज तेजी से हर क्षेत्र में विकास कर रहा है, यह आजादी बिना कतई सम्भव नहीं था। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। आज हर नागरिक का पहला दायित्व प्रगतिशील सोच के साथ देश को आगे बढ़ाना होना चाहिए। श्री अग्रवाल ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पूर्वजों ने शांति और खुशी की धरती दी है, जहां हम बिना भेदभाव के रह सकते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से राष्ट्रोत्थान का संकल्प लेने का आह्वान किया।
स्वतंत्रता दिवस पर राजीव इंटरनेशनल स्कूल के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने नयनाभिराम देशभक्तिपूर्ण कार्यक्रम पेश किए। स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान ने ध्वजारोहण के बाद अपने संदेश में कहा कि हमें जो आजादी मिली है, उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। के.डी. मेडिकल कॉलेज में ध्वजारोहण के बाद एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक राष्ट्रभक्तिपूर्ण कार्यक्रम पेश किए। इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी का मतलब मौज-मस्ती नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना है।
उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें हर पल, हर क्षण किसी भी आपात स्थिति के लिये तैयार रहना चाहिए। इतना ही नहीं हमें अपने राष्ट्र की सम्प्रभुता अक्षुण्ण रखते हुए उसके विकास के बारे में ध्यान देना चाहिए। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने छात्र-छात्राओं को उन महानायकों के बारे में बताया जिन्होंने राष्ट्र को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने में अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर डॉ. वी.के. पाण्डेय, डॉ. मंजू पाण्डेय आदि ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने ध्वजारोहण के बाद छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि हमें अमर शहीदों ने जो आजादी दिलाई है, उसका सही मकसद तभी पूरा होगा जब हम सब देश के विकास में अपना योगदान देंगे। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में प्रो. नीता अवस्थी, राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना तथा राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक ने ध्वजारोहण कर छात्र-छात्राओं से राष्ट्रचिंतन करते हुए देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाठक ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अधिकाधिक अपनी मातृभाषा का उपयोग करें।
जीएल बजाज मथुरा की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाना पहली प्राथमिकता होती है। अफसोस आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी हम आर्थिक आजादी व सामाजिक न्याय के लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद का जज्बा जापान जैसा ऊंचे दर्जे का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं, लेकिन इस आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने को आज भी त्याग-तपस्या की जरूरत है।