Wednesday, August 13, 2025
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एनपीटीइएल” राष्ट्रीय रैंकिंग में जीएलए विश्वविद्यालय शिखर पर-जीएलए एनपीटीइएल की राष्ट्रीय रैंकिंग में उतर प्रदेश में प्रथम स्थान और भारत में सातवें स्थान पर


-जीएलए विश्वविद्यालय के छात्रों को शिक्षा और रोजगार के साथ मिल रहे “आईआईटीः स्वयंम-एनपीटीइएल” से कोर्स प्रमाणपत्र के अवसर
मथुरा : विद्यार्थियों के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा पांचवी बार एनपीटीइएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग) राष्ट्रीय रैंकिंग में शिखर की ओर अग्रसर है। इस बार परीक्षा परिणाम के अनुसार जीएलए विश्विद्यालय उतर प्रदेश में प्रथम स्थान और भारत में सातवें स्थान पर पहुंच गया है

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित “स्वयंम प्लेटफार्म” पिछले छह वर्षो में जीएलए विश्वविद्यालय के 50 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों ने एनपीटीइएल लोकल चैप्टर कोर्स करने के लिए पंजीकरण कराया। इनमें से 40 हज़ार से अधिक विद्यार्थी प्रमाणपत्र हासिल कर चुके हैं। इस वर्ष जनवरी से अप्रैल सेशन के लिए 8 हजार 700 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिसमें से 8 हजार विद्याथिर्यों ने सफलता पाई। इनमें 450 टॉपर, 67 गोल्ड, 1791 सिल्वर, 4 हजार 315 को एलीट प्रमाणपत्र हासिल हुआ। 1000 से अधिक छात्र एनपीटीइएल स्टार रहे, जिसमें विषयानुसार रेटिंग में प्रबंधन और बहु-विषयक शामिल हैं।

इस वर्ष मई 2025 में “स्वयंम प्लेटफार्म” ने एनपीटीइएल लोकल चैप्टर रैंकिंग जारी की। इसमें देश में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 200 संस्थानों शामिल हैं। इस सूची में जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा को उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान और भारत में सातवां स्थान हासिल हुआ और जीएलए को शीर्ष 10 एनपीटीइएल लोकल चैप्टर में सबसे उच्चतम रैंकिंग “एएए” के साथ देश के अग्रणी संस्थानो में शामिल किया गया है। यह रैकिंग इस बात का प्रमाण है कि जीएलए विश्वविद्यालय प्रदेश में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर समकक्ष विश्वविद्यालय के समान ही अभियांत्रकी, प्रबंधन, विज्ञान आदि विषयों में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर रहा है।

जीएलए एनपीटीइएल लोकल चैप्टर के समन्वयक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने बताया कि पिछले छह वर्षों में स्वयंम प्लेटफार्म के माध्यम से विभिन्न प्रमाणपत्र कोर्स करने में रूचि दिखाने वाले छात्रों की अगर बात की जाये तो वर्ष 2024 में 16 हज़ार से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था। उन्होंने बताया कि विद्याथियों के लिए उक्त प्लेटफार्म पर उपलव्ध पाठ्यक्रम उनके कौशल और उद्यमिता विकास के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसलिए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको प्रोत्साहित किया जाता है, जिसके फलस्वरूप जीएलए विश्वविद्यालय ने एनपीटीइएल में “एएए” उच्चतम रैंकिंग प्राप्त किया।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि आइआइटी के प्रोफेसरो के द्वारा एनपीटीइएल पर संचालित किये जा रहे कोर्सों में विद्यार्थियों का अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है। इसके अलावा “स्वयंम प्लेटफार्म” पर भी जीएलए विश्वविद्यालय के प्रोफेसरो के रिकार्डेड लेक्चर उपलब्ध हैं। इन रिकार्डेड लेक्चर के माध्यम से विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह सभी कोर्स यूजीसी, एआईसीटीई और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं।

इस उपलब्धि पर जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ नीरज अग्रवाल, सीएफओ विवेक अग्रवाल एवं कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने हर्ष जताते हुए सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के एनपीटीइएल लोकल चैप्टर के समन्वयक टीम को शुभकामनायें प्रेषित कीं।

संस्कृति विवि के छात्र ने नेशनल चैंपियनशिप में भी जीता गोल्ड


मथुरा। जयपुर में हुई सातवीं चैंपियशिप ऑफ चैंपियंस ऑल इंडिया कराते में संस्कृति विश्विद्यालय के छात्र दिव्यम सिंह ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाते हुए गोल्ड मेडल जीता। इससे पूर्व वे उत्तर प्रदेश चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
इस चैंपियनशिप में देशभर से 800 से ज्यादा खिलाड़ियों ने भाग लिया। संस्कृति विश्वविद्यालय में फैशन डिजाइनिंग स्कूल के इस छात्र ने मथुरा जिले का नाम रोशन करते हुए प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को जबरदस्त शिकस्त देकर सोना जीत लिया।
प्रतियोगिता में देशभर से आए खिलाडियों ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते। बताते चलें कि दिव्यम संस्कृति विश्विद्यालय में संस्कृति स्कूल ऑफ फैशन डिजाइनिंग का छात्र है। दिव्यम के इस शानदार प्रदर्शन पर फैशन डिजाइनिंग की शिक्षिका शिल्पा सहित विवि के सभी शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।

ब्रज को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में श्रीकांत शर्मा की पहल: यमुना के स्वामी घाट से बंगाली घाट तक चला सफाई अभियान

मथुरा- ब्रज की पावन भूमि को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से पूर्व ऊर्जा मंत्री और मथुरा-वृंदावन के विधायक श्रीकांत शर्मा ने ‘प्लास्टिक मुक्त मथुरा-वृंदावन’ अभियान का आगाज किया है। इसी क्रम में आज उन्होंने स्वयं यमुना के स्वामी घाट से बंगाली घाट तक चलाया और वृहद सफाई अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने यमुना के घाटों और आसपास के क्षेत्रों से प्लास्टिक कचरे को हटाने पर विशेष जोर दिया।

अभियान के दौरान श्रीकांत शर्मा ने स्थानीय निवासियों, श्रद्धालुओं से इस महत्वपूर्ण पहल में सक्रिय रूप से सहभागिता करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ब्रज की स्वच्छता केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

अभियान का उद्देश्य और महत्व:
यह अभियान ब्रज क्षेत्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यमुना नदी, जो ब्रज की जीवनरेखा है, लगातार प्लास्टिक और अन्य अपशिष्टों से प्रदूषित हो रही है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि नदी के पारिस्थितिकी तंत्र और उसमें रहने वाले जीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, मथुरा-वृंदावन एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। प्लास्टिक कचरे का जमावड़ा न केवल इस क्षेत्र की सुंदरता को कम करता है, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा करता है।

श्रीकांत शर्मा ने अभियान के दौरान कहा, “यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी पवित्र यमुना और ब्रज भूमि को स्वच्छ रखें। प्लास्टिक एक गंभीर समस्या है जो हमारे पर्यावरण को लगातार प्रदूषित कर रही है। हमें सामूहिक रूप से इस चुनौती का सामना करना होगा और प्लास्टिक के उपयोग को कम करके या पूरी तरह से समाप्त करके ‘प्लास्टिक मुक्त मथुरा-वृंदावन’ के लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।”

पूर्व के प्रयास और भविष्य की योजनाएं:

यह पहली बार नहीं है जब श्रीकांत शर्मा ने ब्रज की स्वच्छता के लिए प्रयास किए हैं। पूर्व में भी उन्होंने यमुना घाटों के निरीक्षण और प्लास्टिक मुक्त अभियान को गति देने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यमुना में गिरने वाले नालों को बंद करने पर भी जोर दिया है, हालांकि यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है और इस दिशा में अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
इस अभियान के माध्यम से, श्रीकांत शर्मा न केवल घाटों की तात्कालिक सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि लोगों में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता भी पैदा कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह पहल ब्रज को वास्तव में प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय लोगों और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित होगा।
उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को बंद करें और कूड़े को सही जगह पर ही डालें ताकि मथुरा-वृंदावन की पवित्रता बनी रहे।

प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर बचाए मानव जीवनके.डी. हॉस्पिटल में रक्तदान कर लिया मानव रक्षा का संकल्प


मथुरा। रक्तदान दुनिया का सबसे बड़ा दान है। हमें स्वेच्छा से रक्तदान कर मानव जीवन की रक्षा में अपना योगदान देना चाहिए। रक्तदान से कभी कोई गम्भीर बीमारी नहीं होती इसलिए प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को न केवल रक्तदान करना चाहिए बल्कि दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में पैथालॉजी विभाग द्वारा शनिवार को आयोजित विश्व रक्तदान दिवस पर विभागाध्यक्ष पैथालॉजी एण्ड ब्लड बैंक डॉ. प्रणीता सिंह ने रक्तदाताओं को बताईं।
डॉ. प्रणीता सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन अनमोल है, लिहाजा हमें दूसरों का जीवन बचाने के लिए समय समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने समाज और राष्ट्र को स्वस्थ रखना है तो आबादी की दृष्टि से कम से कम एक फीसदी यूनिट रक्त ब्लड बैंकों में हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। यदि ब्लड बैंकों में रक्त होगा तो किसी गम्भीर बीमारी या आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति में समय से रक्त की कमी को पूरा कर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस साल का थीम रक्त दें, आशा दें: साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं, रखा गया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि रक्त की कमी वालों के लिए इसकी पूर्ति जीवन दान जैसी है। डॉ. अग्रवाल ने रक्तदान के प्रति लोगों की भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा कि शरीर में प्रत्येक तीन महीने में नए ब्लड का निर्माण होता है लिहाजा हर तीन महीने बाद कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से शरीर में कोई कमी नहीं आती। उन्होंने कहा कि रक्त की एक-एक बूंद की कीमत होती है। इसका अहसास हमें तब होता है जब आपात स्थिति में इसकी आवश्यकता होती है।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में रक्तदान को जीवन दान बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को एक-दूसरे के सहयोग के लिए तत्पर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने वाले दूसरे को जिन्दगी देने का पुण्य काम करते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि रक्त किसी कम्पनी में नहीं बनता, इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान जैसे जीवन रक्षक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। श्री अग्रवाल ने रक्तदान के प्रति आस-पास के लोगों को भी जागरूक करने का आह्वान किया।
शिविर में 2024 बैच के मेडिकल छात्रों ने रक्तदान कर मानव जीवन रक्षा का संकल्प लिया। रक्तदान करने वालों में आदित्य कुमार शर्मा, आदित्य रतन श्रीवास्तव, मोहित कुहुक, रोहन चौधरी, रंजीत सैनी, योगेश राजपूत, महेश शर्मा आदि शामिल हैं। इस अवसर पर डॉ. प्रणीता सिंह, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अम्बरीश कुमार, डॉ. निखिल, डॉ. सोनम, डॉ. योगिता, डॉ. शुभम ने रक्तदान कर लोगों की जीवन रक्षा का अनुकरणीय उदाहरण पेश करने वाले रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया। सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक चले शिविर में सहयोग टेक्निकल सुपरवाइजर एच.एस. शेखावत, वीरेश कुमार, एओ अमित शर्मा, दीपक शर्मा, अखिलेश शुक्ला, टेक्नीशियन विजय सिंह, अजय शर्मा, भगत सिंह, पंकज जोशी, नर्सिंग स्टॉफ सुषमा देवी, ललित, कांती देवी आदि ने किया।
चित्र कैप्शनः विश्व रक्तदान दिवस पर के.डी. हॉस्पिटल में रक्तदान करते लोग।

छात्र-छात्राओं ने हासिल की शीतल पेय निर्माण और वितरण की जानकारीजीएल बजाज के विद्यार्थियों ने शीतल पेय कम्पनी का किया शैक्षिक भ्रमण


मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के एमबीए विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ ही उद्योगों के आंतरिक कामकाज और वास्तविक कामकाजी माहौल की जानकारी से रूबरू कराने के लिए शुक्रवार को उन्हें शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया। अपने शैक्षिक भ्रमण में छात्र-छात्राओं ने वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां (मथुरा) में शीतल पेय उत्पादन व बॉटलिंग प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी हासिल की।
डॉ. तनुश्री गुप्ता और स्तुति गौतम के मार्गदर्शन में वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां पहुंचे छात्र-छात्राओं को संयंत्र प्रमुख पंकज गुप्ता ने प्रमुख पेय उत्पादों पेप्सी, माउंटेन ड्यू, 7अप, मिरिंडा आदि के उत्पादन व बॉटलिंग प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को पैकेजिंग, फिलिंग, लेबलिंग, ट्रांसपोर्टेशन, रॉ मटेरियल, कंस्ट्रक्शन आदि के बारे में भी विस्तार से बताया। श्री गुप्ता ने विद्यार्थियों को असेम्बली लाइन से लेकर क्वालिटी कंट्रोल प्रयोगशालाओं तक का विस्तृत भ्रमण करवाया और प्रत्येक प्रक्रिया की बारीकी से जानकारी दी।
इस शैक्षिक भ्रमण पर विद्यार्थियों को बड़े पैमाने पर उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और वितरण प्रक्रिया की गहन जानकारी हासिल हुई। छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्होंने शैक्षिक भ्रमण में यह भी जाना कि जिस पेय पदार्थ को वे बड़े चाव से पीते हैं, उसे किस तरह अत्यधिक शुद्धता के साथ तथा सरकार द्वारा नियत मानकों के तहत तैयार किया जाता है। डॉ. तनुश्री गुप्ता और स्तुति गौतम ने बताया कि इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था। इस भ्रमण में विद्यार्थियों को उद्योग की वास्तविक कार्यप्रणाली, मशीनरी संचालन तथा कार्य संस्कृति का प्रत्यक्ष अनुभव मिला। यह शैक्षणिक यात्रा विद्यार्थियों के सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने में भी उपयोगी सिद्ध हुई।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थियों के करियर निर्माण में शैक्षिक भ्रमण का विशेष महत्व है। इस तरह के भ्रमण के दौरान विद्यार्थी खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते हैं। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं में एक अनुभूति जागृत होती है तथा शिष्टाचार की भावना भी पैदा होती है।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अपने संदेश में कहा कि विद्यार्थी जीवन में शैक्षिक भ्रमण का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि अर्जित ज्ञान के मूल्यांकन और उसकी कमियों का पता छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण के दौरान ही चलता है। शैक्षिक भ्रमण से छात्र-छात्राओं को वास्तविक ज्ञान प्राप्त होता है जोकि जीवन पर्यंत मानस में अंकित रहता है। उन्होंने कहा कि जीएल बजाज में युवा पीढ़ी को नौकरी के पीछे भागने की बजाय स्वावलम्बी बनाने की कोशिश की जाती है।
चित्र कैप्शनः शीतल पेय कम्पनी वरुण बेवरेजेज लिमिटेड, कोसीकलां के मुख्य द्वार पर खड़े जीएल बजाज के विद्यार्थी।

सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों मंदिर, इसीलिये कर रहे ‘सनातन बोर्ड’ की मांग – देवकीनंदन ठाकुरजी बांके बिहारी कॉरीडोर, मंदिर न्यास पर बोले देवकीनंदन महाराज

स्थानीय नागरिकों की भावना अनुरूप हो विकास, परम्परागत सेवा-पूजा की व्यवस्था में न हो बदलाव

कंक्रीट का गलियारा नहीं, तुलसी, लता-पताओं के प्राकृतिक श्रंगार से सजें वृन्दावन के मार्ग

माँस-मदिरा से मुक्त वृन्दावन में बहे स्वच्छ यमुना, तभी वृन्दावन का सही विकास – देवकीनंदन महाराज

वृन्दावन । बांके बिहारी मंदिर कॉरीडोर एवं न्यास गठन पर धर्मगुरू देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का बयान सामने आया है । देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हम शुरू से ही मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सनातन बोर्ड’ बनाकर हिंदु मंदिर एवं तीर्थ स्थलों की व्यवस्था स्थानीय सनातनी भावनाओं के अनुरूप करनी चाहिये । वृन्दावन में कंक्रीट का गलियारा न बने, बल्कि स्थानीय लोगों के सहयोग से तुलसी, लता-पता, वृक्षों से सजा मार्ग बने, जिसमें प्रवेश करते समय वास्तविक वृन्दावन का आभास हो। कहा कि मंदिर दर्शन को आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये व्यवस्था बनाना सरकार और प्रषासन का दायित्व है।
गंगोत्री धाम में भागवत कथा कह रहे देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि बांके बिहारी जी मंदिर की परंपरागत सेवा-पूजा एवं व्यवस्था में बदलाव नहीं होना चाहिये। मुख्य मार्ग चौड़े होने चाहिये लेकिन वृन्दावन का सही मायने में विकास तभी माना जा सकता है जब निर्मल यमुना की जलधारा आने लगे। स्वच्छ यमुनाजल से ठाकुरजी को स्नान कराकर सेवा पूजा की जा सके। ब्रज-वृन्दावन मांस और मदिरा से मुक्त हो जायें।
बुधवार को कथा के दौरान उन्होंने कहा कि तिरूपति मंदिर दुषित प्रसाद मामले के बाद से हम ‘सनातन बोर्ड’ की मांग इसीलिये करते आ रहे हैं कि मंदिरों की पूजा पद्धिति एवं संस्कृति बची रहे। हिंदुओं के मंदिरों पर किसी भी माध्यम से सरकारी हस्तक्षेप न हो। स्थानीय नागरिक जिस तरह का धार्मिक विकास चाहते हैं, सरकार भी वैसा ही कार्य करे।
कुम्भ में ‘सनातन बोर्ड’ के लिये ‘धर्म संसद’ बुलाने वाले देवकीनंदन महाराज ने कहा कि नमाज पढ़वाने के लिये सरकार और प्रशासन सड़क पर भी व्यवस्था करवा देते हैं, इसके लिये ट्रैफिक को कंट्रोल कर डायवर्ट तक कर दिया जाता है। फिर बांके बिहारी जी जैसे मंदिरों में दर्शन को आने वाले यात्रियों के लिये उचित व्यवस्थायें क्यों नहीं बनायी जा सकती ?
मंदिर मार्गों पर बढ़ते जाम पर उन्होंने कहा कि भगवान के दर्शन को पैदल चलकर जाने का शास्त्रीय विधान है । मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर वाहन रोककर पैदल जाना चाहिये। जिससे तीर्थों में स्थानीय नागरिकों को भी परेशानी न हो।

एचपीवी से रूबरू हुए राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के विद्यार्थी

ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का निदान टीकाकरण से ही सम्भवः डॉ. विशाल गुप्ता
मथुरा। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) बहुत ही आम वायरस है जो यौन सम्पर्क के माध्यम से फैलता है। यह वायरस अक्सर बिना किसी लक्षण के रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह जननांग मस्से या कैंसर का कारण बन सकता है। ज्यादातर लोगों का शरीर एक-दो साल के भीतर वायरस से खुद ही छुटकारा पा लेता है। एचपीवी का सही उपचार सिर्फ टीकाकरण है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता डॉ. विशाल गुप्ता ने बताईं।
एमएसडी एड्यूकर कम्पनी एवं राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अतिथि व्याख्यान में डॉ. विशाल गुप्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एचपीवी त्वचा से त्वचा के सम्पर्क में आने से फैलता है। एचपीवी के कई अलग-अलग प्रकार हैं जो आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों में एचपीवी कोई लक्षण पैदा नहीं करता और वायरस अपने आप ही ठीक हो सकता है। एचपीवी किसी भी ऐसे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है जो यौन रूप से सक्रिय है, भले ही उसने केवल एक बार ही यौन सम्पर्क का अनुभव किया हो। डॉ. गुप्ता ने बताया कि अधिकांश लोगों को जीवन में कभी न कभी एचपीवी जरूर होता है। उन्होंने कहा कि एचपीवी से स्वयं को और दूसरों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपीवी को नजरंदाज करना ठीक नहीं, यदि उपचार न किया जाए तो ये ग्रीवा कैंसर, गुदा कैंसर, योनि कैंसर, लिंग कैंसर, ऑरोफरीन्जियल कैंसर का कारण बन सकते हैं। एचपीवी रोग की रोकथाम पर प्रकाश डालते हुए अतिथि वक्ता ने सलाह दी कि यदि कोई व्यक्ति एचपीवी की गिरफ्त में आ गया है तो उसे समय-समय पर अपने डॉक्टर से प्रॉपर डायग्नोसिस करानी चाहिए। डॉ. गुप्ता ने बताया कि एचपी वैक्सीन ह्यूमन पेपिलोमा वायरस से बचाव में काफी कारगर सिद्ध हुई है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें अतिथि वक्ता से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर जो जानकारी मिली है, उस पर विचार मंथन करते हुए सामाजिक जागरण का काम करें। संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा ने अतिथि वक्ता का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्हें एचपीवी की समुचित जानकारी होनी चाहिए। इतना ही नहीं वैक्सीन के विषय में समाज को जागरूक करना भी युवाओं का अहम दायित्व है। प्रो. चोपड़ा ने कहा कि फार्मा का क्षेत्र बहुत बड़ा है, युवा पीढ़ी ज्ञानार्जन कर स्वस्थ समाज और राष्ट्र के संकल्प को पूरा कर सकती है।
परीक्षा नियंत्रक आर.के. चौधरी ने भी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस को लेकर अपने विचार रखे। अतिथि व्याख्यान का संचालन सांस्कृतिक विभाग की अधिकारी प्रतीक्षा राजोरिया, मनु शर्मा, पवन पाण्डेय, कुलदीप सिंह ने किया। डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, सोनम शाह, विभा, बृजनंदन दुबे, आकाश गर्ग, शिवेंद्र कुमार, सोनम बंसल, ऋतिक वर्मा, सौम्यदीप मुखर्जी, अविनाश मिश्रा, बृजेश शर्मा आदि ने कार्यक्रम की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
चित्र कैप्शनः अतिथि वक्ता डॉ. विशाल गुप्ता के साथ राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के संकाय सदस्य, दूसरे चित्र में अतिथि वक्ता को सुनते छात्र-छात्राएं।

बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित सेवायतों को रुक्मिणी विहार में बसाने की योजना

मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने चार बड़े प्लाट चयनित कर ग्रुप हाउसिंग में 350 फ्लैट बनाने की तैयारी

मथुरा। वृंदावन में बिहारीजी कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को बसाने की तैयारी जिला प्रशासन ने कर ली हैँ। 275 प्रभावित परिवारों केब्लिए आवासीय योजना बनाने को रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन का चयन मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया है, जहाँ फ्लैट बनाकर प्रभावित लोगों को मांग के अनुरूप उपलब्ध कराए जाने की योजना है।
वृंदावन में श्रीबाँकेबिहारी जी के दर्शन को आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए
कॉरिडोर निर्माण की दिशा में जिला प्रशासन तेजी से आगे बढ़ रहा है। जहाँ एक तरफ प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए करीब 5.5 एकड़ जमीन का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ इससे प्रभावित परिवारों को बसाने की योजना भी तैयार कर ली गई है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि कॉरिडोर से प्रभावित भू स्वामियों को रुक्मिणी विहार या फिर सुनरख में बसने का विकल्प दिया जाएगा। इन दोनों ही स्थानों पर जमीन का चयन कर लिया गया है। चयनित क्षेत्र में आवासीय योजना के रूप में फ्लैट बनाए जाएंगे। यह कार्य मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बिहारीजी कॉरिडोर के लिए चिन्हित जमीन अधिग्रहण से 275 भवन स्वामी प्रभावित हो रहे हैँ, जिसमें 200 दुकान भी शामिल हैँ। यहाँ प्रभावित इन सभी दुकानदारों को कॉरिडोर में दुकान आवंटित की जाएंगी। साथ ही सभी प्रभावित लोगों को जमीन और भवन के अनुसार मुआवजा भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर से प्रभावित होने वाले परिवारों को एक ही क्षेत्र में बसने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके लिए आवासीय योजना का प्रारूप तैयार कर लिया गया है।
बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित परिवारों के लिए प्रस्तावित आवासीय योजना की जानकारी देते हुए मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि रुक्मिणी विहार आवासीय योजना में चार बड़े प्लाट इसके लिए चयनित किए गए हैँ जहाँ वन और टू बीएचके 325-350 फ्लैट तैयार करने की योजना है। विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एस बी सिंह का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर आसपास के क्षेत्र में जमीन चिन्हित कर प्लेटो की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा सुनरख बांगर में भी करीब साढ़े तीन एकड़ जमीन भी चयनित की गई है। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी विहार में 3924.91 स्क्वायर मीटर, 2844 स्क्वायर मीटर, 1800 स्क्वायर मीटर तथा 1504 स्क्वायर मीटर के प्लाट इस योजना के लिए चयनित किए गए हैँ। जहाँ 325 से 350 फ्लैट तैयार हो जाएंगे। ग्रुप हाउसिंग में यह सभी फ्लैट वन बीएचके और टू बीएचके होंगे। विकास प्राधिकरण के सचिव अरविंद द्विवेदी ने बताया कि बिहारीजी कॉरिडोर से प्रभावित लोगों के लिए प्रस्तावित फ्लैट की योजना का डिजायन भी तैयार कर लिया गया है।वृंदावन में रुक्मिणी विहार योजना में घर बनाना पहली प्राथमिकता है।

एमबीए के जूनियर्स ने सीनियर्स को दी भावभीनी विदाईजीएल बजाज में हर्षोल्लास से दी गई फेयरवेल पार्टी

एमबीए के जूनियर्स ने सीनियर्स को दी भावभीनी विदाई
जीएल बजाज में हर्षोल्लास से दी गई फेयरवेल पार्टी
मथुरा। जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में मंगलवार की शाम हंसी-खुशी, यादों और ढेर सारी अच्छी भावनाओं से भरी हुई थी। फेयरवेल पार्टी में युवा पेशेवरों के जीवंत नयनाभिराम कार्यक्रमों को जहां विदा ले रहे सीनियर्स साथियों की वाहवाही मिली वहीं प्राध्यापकों ने अपने आशीष वचनों से उनमें नई ऊर्जा का संचार किया। फेयरवेल पार्टी का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर किया।
इस अवसर पर प्रो. नीता अवस्थी ने एमबीए की विदा ले रही युवा तरुणाई से कहा कि जब आप कॉलेज से बाहर निकलें तो अपने कर्तव्यों और आचार-विचार से लोगों में यह प्रभाव जरूर डालें कि जी.एल. बजाज में उन्हें शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिले हैं। प्रो. अवस्थी ने अपने सम्बोधन में तेजी से बदलते नौकरी बाजार, तकनीकी प्रगति के प्रभाव और आने वाले वर्षों में उच्च मांग वाले कौशल पर अपनी अंतर्दृष्टि, दृष्टिकोण और ज्ञान साझा किया।
मां सरस्वती की वंदना के बाद छात्र-छात्राओं ने राजस्थानी, पंजाबी, हरियाणवी तथा पाश्चात्य गीत-संगीत के साथ मनमोहक नृत्य से अपने वरिष्ठ साथियों का खूब मनोरंजन किया। इस अवसर पर संस्थान से विदा ले रहे छात्र-छात्राओं की यात्रा को दर्शाने वाला एक वीडियो प्रजेंटेशन भी किया गया। फेयरवेल पार्टी में न केवल विदा लेने वाले वरिष्ठों के लिए जश्न मनाया गया बल्कि अविस्मरणीय यादों का खजाना भी संजोया गया, जिसे आने वाले वर्षों तक संजोकर रखा जाएगा। चूंकि वरिष्ठ नए सफर पर निकल रहे हैं, इसलिए पूरा बैच उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता है। इस अवसर पर विदा ले रहे छात्र-छात्राओं ने भी अपने संस्मरण सुनाए तथा संस्थान की खूबियों पर अपने विचार व्यक्त किए।
फेयरवेल पार्टी की योजना और समन्वय सोनिया चौधरी ने सावधानीपूर्वक किया, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सजावट से लेकर निष्पादन तक हर पक्ष कृतज्ञता और उत्सव की भावना को दर्शाता हो। माहौल खुशी और पुरानी यादों से भरा हो। डॉ. शशि शेखर विभागाध्यक्ष (एमबीए) ने अपने सम्बोधन में विदा ले रहे छात्र-छात्राओं की शिक्षणेत्तर गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक उपलब्धियों, व्यक्तिगत विकास और संस्थागत कार्यक्रमों तथा पहलों में सक्रिय भागीदारी पर प्रकाश डाला। इतना ही नहीं उन्होंने सक्षम पेशेवर और जिम्मेदार विद्यार्थी के रूप में उनके विकास पर गर्व भी व्यक्त किया।
सृष्टि अग्रवाल, लतिका रावत तथा यश गुप्ता ने फेयरवेल पार्टी का जहां जीवंत और आकर्षक संचालन किया वहीं कुकी वार्ष्णेय, प्रिया रावत तथा कनक के जीवंत नृत्य प्रदर्शन ने फेयरवेल पार्टी को चार चांद लगा दिए। फेयरवेल पार्टी में संकाय सदस्यों स्तुति गौतम, रामदर्शन सारस्वत, डॉ. भारती मेघानी, डॉ. शताक्षी मिश्रा आदि ने युवा तरुणाई का जमकर उत्साहवर्धन किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं ने जी.एल. बजाज में जो शिक्षा और संस्कार हासिल किए हैं उनका जीवन में निडरता पूर्वक इस्तेमाल करें।
चित्र कैप्शनः संकाय सदस्यों के साथ फेयरवेल पार्टी का लुत्फ उठाते एमबीए के छात्र-छात्राएं।

सोमवार को मदनमोहन पुत्र फूलचन्द निवासी फ्लेट नं. 181 प्रथमतल राधा सिटी गोवर्धन मथुरा मूलपता ब्रज नगर नियर शिव मन्दिर काका जी की कोठी भरतपुर राजस्थान के द्वारा रेलवे

सोमवार को मदनमोहन पुत्र फूलचन्द निवासी फ्लेट नं. 181 प्रथमतल राधा सिटी गोवर्धन मथुरा मूलपता ब्रज नगर नियर शिव मन्दिर काका जी की कोठी भरतपुर राजस्थान के द्वारा रेलवे स्टेशन मथुरा जं. पर 50000 रूपये गुम हो जाने की सूचना दी गयी। पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा के निर्देश एवं प्रभारी निरीक्षक थाना जीआरपी मथुरा जंक्शन के द्वारा थाना जी.आर.पी. मथुरा जं. पुलिस द्वारा तत्काल प्रयास कर शमरूद्दीन पुत्र स्व. इतवारी निवासी 222/310 सुखदेव नगर सोख रोड कृष्णानगर थाना कोतवाली मथुरा के सहयोग से सर्कुलेटिंग एरिया मथुरा जं. से गुम हुये 50,000/- रूपये बरामद कर पीड़ित मदनमोहन के सुपुर्द किये गये।अपने रूपए पाकर उनके द्वारा थाना जी.आर.पी. मथुरा जं. पुलिस के कार्य की प्रशसा की।