Tuesday, August 5, 2025
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निर्विकल्प अपहरण कांड को लेकर आईएमए एकजुट, एसएसपी से मिलेंगे

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मथुरा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठक स्थानीय होटल में हुई। जिसमें डा.निर्विकल्प अग्रवाल अपहरण कांड की निंदा की गई। इस प्रकरण को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को डीएम एवं नवागत एसएसपी से मिलेगा और ज्ञापन सौपा जाएगा।
सोमवार को हुई बैठक में पीड़ित चिकित्सक डा.निर्विकल्प अग्रवाल ने आईएमए सदस्यों को अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी। न्याय एवं सुरक्षा की मांग की। भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो,इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। आईएमए ने घटना की निंदा की। एसो. के अध्यक्ष डा.अनिल कुमार चौहान, सचिव डा.मनोज गुप्ता, संयुक्त सचिव डा.गौरव भारद्वाज आदि ने सभी की सहमति पर निर्णय लिया कि इस प्रकरण को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को डीएम सर्वज्ञराम मिश्र एवं नवागत एसएसपी गौरव ग्रोवर से मिलेगा और उन्हें ज्ञापन सौपा जाएगा।
बैठक में पूर्व अध्यक्ष डा.एसके वर्मन, पूर्व अध्यक्ष डा.मुकेश जैन, डा.बीसी गोयल, डा.डीपी गोयल, डा.प्रकाश अग्रवाल, पूर्व सचिव डा.आशीष गोपाल, डा.बीबी गर्ग, डा.रविकांत, डा.पवन अग्रवाल, डा.रोहित सिंघल, डा.बिजेन्द्र तिवारी, डा.वर्षा तिवारी, डा.ज्योति अग्रवाल, डा.चिरदीप अग्रवाल, डा.अनिल अग्रवाल, डा.अंशुल अग्रवाल, डा.सुधीर कुमार सिंह आदि थे।

जीएलए में हुई आईसीएमपीसी कांफ्रेंस, छात्रों ने सीखे तकनीकी गुर

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मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के बीटेक मैकेनिकल में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘मैटेरियल्स प्रोसेसिंग एण्ड करेक्टराइजेशन‘‘ (आईसीएमपीसी 2020) अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में डीएमआरएल हैदराबाद के साइंटिस्ट एच एवं विशिष्ट अतिथि टीके नंदी ने कहा कि वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भगवान पर विज्ञान से ज्यादा भरोसा करना चाहिए। वह भी किसी भी कार्य को करने से पहले भगवान को याद करते हैं, जिससे कि उनका कार्य सफल हो सके। क्योंकि विज्ञान तो अपना कार्य करता ही है, लेकिन भगवान कृपा से ही हमारी इच्छा शक्ति जाग्रत होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि किसी भी मशीन को इस्तेमाल करने से पहले सुरक्षात्मक उपकरणों का सहारा लेना चाहिए। क्योंकि जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है। हम सभी को मेटेरियल के क्षेत्र में प्रयास करते रहना चाहिए, जिससे हम देश की उन्नति एवं विकास की ओर अग्रसर हो सकें। हमें प्रेक्टीकल ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए न कि थ्योरी पर ही अपना विश्वास जताना चाहिए। उन्होंने अपने डीएमआरएल में चल रहे प्रोजेक्टों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
जेएनयू के प्रो. सुनील पाण्डेय ने वैल्डिंग के क्षेत्र में बताया कि किस प्रकार हम छोटे-छोटे बदलाव करके कुछ बड़ा आउटपुट प्राप्त कर सकते हैं। वैल्डिंग के क्षेत्र में उन्होंने छोटे-छोटे बदलाव करके किस प्रकार पेटेंट प्रकाशित किए हैं। आज के समय में छात्र भी छोटे-छोटे प्रयासों के माध्यम से कुछ ऐसा उपयोगी कार्य करें, जो कि हमारे समाज, देश एवं विदेश के लिए लाभकारी सिद्ध हों।
डीएमएसआरडीइ, डीआरडीओ कानुपर के निदेशक डाॅ. एन ईश्वरा प्रसाद ने कहा कि डाॅ. टीके नंदी के साथ उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ पे्रक्टीकल ज्ञान पर अपना ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि किस प्रकार सभी क्षेत्रों में अपनी ओर से सफल प्रयास करके अपने भारत देश के लिए लाभकर प्रयास किए। उन्होंने छात्रों को अपनी उन्नति की कहानी सुनाकर जागरूक किया।
डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि यहां तो सभी विद्धान बैठे हैं, लेकिन मैं साहित्य से जुड़ा हुआ सभी के सामने अनभिज्ञ हूं, लेकिन मैं उन सभी लाल सेबों में हरा सेब हूं जो सभी को आकर्षित कर लेता है। उन्होंने साहित्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किस प्रकार कुछ ही समय में एक से बढ़कर एक अविष्कार हुए। उन्होंने सभी अविष्कारों को बदलाव में मापते हुए बताया कि किस प्रकार कुछ सेकेंड में ही एक अविष्कार हो जाता है और वह अविष्कार में जीवन बदलाव ला देता है। उन्होंने जीएलए के मैकेनिकल के छात्रों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह भी अपने जीवन में सत्य की ओर अग्रसर होते हुए उन्नति प्राप्त करें।
संबोधन के दौरान जीएलए कुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल, आईआईटी रूड़की के प्रो. डाॅ. विवेक पंचैली, आईआईटी इंदौर के प्रो. आनंद पाण्डेय, ग्रिट इंस्टीट्यूट के प्रधानाचार्य डाॅ. जे प्रवीण, एमएएनआईटी भोपाल के प्रो. जेएल भगोरिया ने भी छात्रों को संबोधित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल एवं एसोसिएट डीन आरएंडडी प्रो. कमल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में अपने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान देने के लिए ऐसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराता रहता है। समापन समारोह के दौरान ग्रीट इंस्टीट्यूट के प्रो. स्वदेश कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया।

871 में से 531 रिसर्च पेपर प्रकाशित

जीएलए के बीटेक मैकेनिकल विभाग में आयोजित तीन दिवसीय मैटेरियल्स प्रोसेसिंग एण्ड करेक्टराइजेशन विषय पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय कांफें्रस में ईरान, ताईवान, चीन, थाईलंैड, साउथ अफ्रीका आदि देशों से करीब 871 रिसर्च पेपर प्राप्त हुए, जिसमें से गुणवत्तापूर्ण 531 रिसर्च पेपर एल्सवेयर के स्कोपस इंडेक्स मेटेरियल्स टुडे में प्रकाशित हुए हैं। गुणवत्तापूर्ण रिसर्च पेपरों की सराहना करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि आज के समय एक से बढ़कर एक रिसर्च पेपर की आवश्यकता है।

व्यापारी ने लगाया रिश्वत का आरोप तब मंडी इंस्पेक्टर ने दी ये सफाई

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नरेंद्र सिंघल

कोसीकला के घंटाघर स्थित लकड़ी का कारोबार करने वाले व्यापारी दिनेश पुत्र सरमन ने मंडी समिति के इंस्पेक्टर उमेश कुमार पर अवैध वसूली कर 10 हजार रुपए वसूलने का आरोप लगाया। बीते दिनों दिनेश पुत्र सरमन कानपुर से एक ट्रक में लकड़ी भरकर लेकर आ रहा था। जिसे मंडी के इंस्पेक्टर उमेश कुमार ने चेकिंग के लिए रोक लिया। कार्यवाही करते हुए इंस्पेक्टर उमेश गाड़ी को मंडी ले आये और चालान काट दिया। व्यापारी दिनेश का कहना था कि 15 हजार वसूल कर 55 सौ रुपये का चालान दिया। सोमवार को लकड़ी व्यापारी के खिलाफ कार्यवाही करने वाले उमेश कुमार इंस्पेक्टर ने आरोप को निराधार बताया औऱ कहा उक्त व्यक्ति वे वजह आरोप लगा कर मुझे फंसाने में लगा हुआ है। उक्त व्यापारी पर लकड़ी का कारोबार करने का लाइसेंस भी नही है। पूर्व मे कई बार व्यापारी को लाइसेंस बनवाने की चेतावनी भी दे चुके है। लेकिन दबंगई के चलते लाइसेंस नही बनवा रहा है।

संदिग्ध परिस्थितियों में युवती की मौत

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महावन थाना क्षेत्र के गांव खानपुर की एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक 20 वर्षीय रीना के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।
पुलिस को सूचना मिली कि एक युवती की फांसी लगने से मौत हो गई है। जिसकी सूचना पर इलाका पुलिस गांव खानपुर पहुंची। परिजनों का कहना था कि मृतका रीना 20 वर्षीय जो कि सुबह खेत पर गई हुई थी वहां से लौट के आई उसको घबराहट हुई इसी दौरान उसकी मृत्यु हो गई। फांसी वाली घटना से मृतका के परिजनों ने इंकार किया।

वीडियोः एक दिन पहले से गायब प्रेमी युगल के शव कुंए में मिले, परिवारों में कोहराम

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राघव शर्मा

बरसाना। सोमवार को थाना बरसाना के गांव कमई में एक सनसनीखेज घटना सामने आई। यहां एक कुएं में प्रेमी युगल के शव मिले। जैसे ही ये खबर गांव में फैली ग्रामीणों का हुजूम लग गया। युवक-युवती बीती शाम से ही अपने घरों से गायब थे। परिजन उनकी तलाश कर रहे थे, सुबह लड़के की मां कंडे थापने गई तो कुएं के पास लड़के की चप्पलें देखीं। कुंए में झांकने पर दोनों के शव देखकर चीख पड़ी। घटना के बाद दोनों ही घरों में कोहराम मच गया है।
परिजनों के मुताबिक युवक योगेश पुत्र रामहरि रविवार की शाम अपने घर से बाहर घूमने के लिए गया था। लेकिन लौट कर नही आया। इधर लड़की खुशबू पुत्री पप्पू भी अपने घर से गायब थी। समझा जा रहा है कि दोनों पहले से ही इस दुनिया को अलविदा कहने का मन बना चुके थे। बताया जाता है कि दोनों में प्रेम प्रसंग चल रहा था। योगेश का लड़की के भाई से दोस्ताना था। ऐसे में दोनों का घरों में आना जाना था। लेकिन परिजनों के अनुसार वे इस सब से अनजान थे। एक दिन पहले ही योगेश के लिए रिश्ता आया। इससे घर में खुशियों का माहौल था। इस घटना के बाद दोनों ही परिवारों में कोहराम मच गया है। ग्रामीणों ने बताया लड़के हाथ में एक सुसाइड नोट भी था लेकिन पुलिस इस बात से इंकार कर रही है। पुलिस आनर किलिंग के बिंदु सहित सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

इस संयोग को जानकर तो ठिठक जाते ट्रंप के भी कदम, ताज का दीदार करने वाले पुतिन, डायना समेत दुनिया की 6 हस्तियों के साथ हो गया कुछ ऐसा

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आगरा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सपरिवार 24 फरवरी को ताजमहल देखने आ रहे हैं। वैसे तो कहा जाता है कि ताजमहल का दीदार करने वालों का प्यार अमर हो जाता है। लेकिन, एक संयोग ऐसा भी है जिसमें दुनिया की छह हस्तियों ने ताजमहल का दीदार किया और कुछ समय बाद वे सभी अपने पार्टनर से अलग हो गए। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही ब्रिटिश राजकुमारी डायना भी शामिल हैं। दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में जो तथ्य दिए गए है वो आपको भी चौंका देंगे।

दुनियाभर की वे हस्तियां जो ताजमहल देखने पहुंचीं

व्लादिमीर पुतिन- 2000 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पत्नी ल्यूडमिला के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे। लेकिन, तीन साल बाद दोनों का तलाक हो गया।

प्रिंसेस डायना- 1992 में ब्रिटिश राजकुमारी डायना भी ताजमहल देखने पहुंची थीं। हालांकि, वे यहां अकेले ही आई थीं। प्रिंस चार्ल्स की गैर-मौजूदगी को लेकर किए गए सवाल पर डायना ने कहा था कि अच्छा होता अगर वो भी यहां होते। दस महीने बाद ही डायना और चार्ल्स के तलाक की खबर ने सभी को चौंका दिया था।

टॉम क्रूज- 2011 में टॉम क्रूज फिल्म ‘मिशन इम्पॉसिबलरू घोस्ट प्रोटोकॉल’ के वर्ल्ड प्रीमियर से पहले भारत पहुंचे थे। हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज, अनिल कपूर के साथ ताजमहल देखने गए थे। वहां से लौटने के बाद 2012 में टॉम क्रूज का उनकी तीसरी पत्नी कैटी होम्स से तलाक हो गया था।

रसेल ब्रांड- 2009 (दिसंबर) में हॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन एक्टर रसेल ब्रांड ताजमहल देखने पहुंचे थे। उनके साथ उनकी गर्लफ्रेंड कैटी पेरी भी आई थीं। यहां से लौटने के बाद दोनों ने शादी भी की, मगर 14 महीनों बाद ही दोनों का तलाक हो गया।

बोरिस बेकर- 2012 में दुनिया के महान टेनिस प्लेयर बोरिस बेकर पत्नी लिली के साथ ताजमहल देखने पहुंचे थे। बाद में इन दोनों का भी तलाक हो गया। बेकर ने 17 साल की उम्र में विंबलडन ग्रैंडस्‍लैम जीता था।

जैकलीन कैनेडी- 1962 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलीन कैनेडी अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहते हुए भारत-पाकिस्तान की गुडविल ट्रिप पर आई थीं। इस दौरान वे ताजमहल देखने भी पहुंची थीं। यहां से लौटने के बाद 1963 में राष्ट्रपति जॉन एफ.कैनेडी की हत्या हो गई और जैकलीन अकेली रह गई थीं।

भवनों को किराए पर देने वाले लोगों की इनकम पर लगेगा सर्विस टैक्स, वाणिज्य कर विभाग करेगा चिंहित

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लखनऊ। अगर आपने बड़े-बड़े व्यावसायिक भवनों को बनवाकर उसे किराए पर चलाने का धंधा कर रखा है तो आप सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाले है। आयुक्त वाणिज्य कर अमृता सोनी ने इस संबंध में सभी जोन प्रभारियों से इस संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार कराते हुए मुख्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।
उन्होंने जोन प्रभारियों को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की बैठक में टैक्स बढ़ाने के दौरान इन बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। इसमें पूछा गया था कि व्यावसायिक भवन बनवाकर उन्हें किराए पर चलवाने वालों से सर्विस टैक्स लेने का क्या प्रावधान है। इसके आधार पर ही आयुक्त वाणिज्य कर ने प्रदेशभर के जोन प्रभारियों को पत्र लिखकर पूछा है कि ऐसे भवन स्वामी जिनके द्वारा अपने भवनों को बड़े-बड़े शोरूम के लिए किराए पर दे दिया गया है क्या उनके द्वारा नियमानुसार सर्विस टैक्स दिया जा रहा है या नहीं।
इस पत्र में कहा गया है कि सप्लाई ऑफ सर्विसेज और सर्विसेज के सप्लायर्स के लिए पंजीकरण कराने की व्यवस्था है। इसके लिए उसे 20 लाख रुपये पंजीकरण शुल्क देना होता है। इसलिए सर्वे करके यह पता लगाया जाए कि उनके यहां करयोग्य व्यावसायिक भवनों की संख्या कितनी है। इसमें कितनों ने पंजीकरण करा रखा है। पंजीकृत व्यक्तियों द्वारा कितना पैसा सालाना जमा किया जा रहा है। व्यवसायिक भवनों में कितने ऐसे है जिनके भवन स्वामियों द्वारा पंजीकरण नहीं कराया गया है। वाणिज्य कर मुख्यालय जोन से सूचना मिलने के बाद इस संबंध में विधिक प्रक्रिया के आधार पर ऐसे भवनों को सर्विस टैक्स के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

आरक्षण और वोट तंत्र ने देश को कोढ़ी जैसा बनाकर रख दिया

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विजय कुमार गुप्ता

मथुरा। देश की प्रगति में सबसे ज्यादा घातक है तो वह है आरक्षण और वोट तंत्र। यह दोनों हमारे देश में घुन व दीमक की तरह लग गए हैं। इन्होंने देश को खोखला करके रख दिया है। जब तक ये दोनों रहेंगे, देश आगे नहीं बढ़ेगा। इन दोनों ने देश की हालत कोढ़ी जैसी कर रखी है। यदि देश की लाज इस समय बचा रखी है तो नरेन्द्र मोदी ने अपने व्यक्तिगत बलबूते पर। यदि राजनैतिक नजरिये से हटकर सोचा जाये तो यह 100 प्रतिशत सही है।
पिछले कुछ समय पूर्व जब संघ प्रमुख श्री मोहन भागवत ने यह कहा कि आरक्षण पर विचार मंथन होना चाहिये। बस इसी बात को लेकर देश में भूचाल सा आ गया। जबकि उन्होंने आरक्षण समाप्त करने की कोई बात नहीं की सिर्फ विचार मंथन की चर्चा की थी।
वोट तंत्र यानी लोक तंत्र बल्कि मैं तो कहूंगा कि यदि जो आज कल हो रहा है, यही लोक तंत्र है तो यह लोक तंत्र नहीं कोढ़ तंत्र है। ऐसा लोक तंत्र किस काम का जो देश द्रोही और जयचंद जैसे गद्दारों को प्रोत्साहित करके वोट प्राप्त करने का अपना उल्लू सीधा करें और फिर भी हम इतरा-इतरा कर कहते हैं कि हमारा लोक तंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोक तंत्र है।
हम लोगों को चीन से सबक लेना चाहिये और सोचना चाहिये कि वह कैसे विश्व की बड़ी ताकत बन गया। वहां देश विरोधी ताकतों को जूते के बल पर रौंद दिया जाता है और हमारे यहां देश विरोधी ताकतों को सर आंखों पर बिठाकर रखा जाता है और उनके जूते चाटे जाते हैं। यही कारण है कि चीन का डंका बज रहा है और हमारा जो हश्र हो रहा है वह सभी के सामने है।
इससे अच्छा तो आपात काल था जब संजय गांधी भले ही तानाशाह बन गए लेकिन उन्होंने तानाशाह बनकर भी पूरे देश को प्रगति की राह पर ला दिया। ट्रेनें समय पर चलने लगी। भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं दिखाई देता था। हालांकि इंदिरा गांधी ने आपातकाल अपने आप को सत्ता में बनाये रखने के लिये लागू किया था। दूसरी ओर यह भी मानना होगा कि भले ही इंदिरा गांधी में लाख कमियां हों किंतु बांग्लादेश बनवाकर पाकिस्तान के दो टुकड़े करने का साहसिक कार्य उन्होंने ही किया।
यह भी सही है कि आपातकाल में ज्यादतियां भी बहुत हुई और उसी का परिणाम सामने आया कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी की भारी दुर्गति हुई वे खुद अपना चुनाव तक हार गये। लेकिन सच्चाई तो सच्चाई है, इसे स्वीकार करने में हिचकिचाना नहीं चाहिये।
आरक्षण को आजादी के बाद कांग्रेस ने 10 साल के लिये यह कहकर लागू किया था कि निचले तबके के लोगों को राहत दी जा सके लेकिन वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने निचले तबके के लोगों की सहानुभूति लेकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने के इरादे से यह चालबाजी खेली थी जिसकी सजा अब पूरा देश भुगत रहा है।
10 वर्ष के नाम पर किया गया आरक्षण अब 100 साल में भी नहीं समाप्त होगा। अब तो आरक्षण का रोग फैल रहा है और हर कौम आरक्षण मांग रही है। आरक्षण के नाम पर अयोग्य व्यक्तियों को योग्यों के ऊपर बैठाकर देश तरक्की करेगा क्या? तांगे में घोड़ों के स्थान पर गधों को प्रमोशन देकर जोत दिया जाये और यह कहा जाये कि इससे गधों का स्तर ऊँचा होगा और वे घोड़ों के समकक्ष हो सकेंगे तो क्या होगा? आप स्वयं समझ सकते हैं।
ठीक यही हाल देश रूपी तांगे का हो रहा है। होना यह चाहिये कि चाहे जिस जाति धर्म या समाज का व्यक्ति हो यदि योग्य है तो वह योग्य है और अयोग्य है तो अयोग्य है। यदि पिछड़े वर्ग के लोगों को उठाना है तो उन्हें पहले योग्य बनायें, फिर वे स्वयं ऊँचे उठ जायेंगे। अयोग्य होते हुए उनके ऊपर आरक्षण का लेबल चिपका कर योग्यता की श्रेणी खड़ा करना देश के साथ गद्दारी है।
पिछड़ा वर्ग तो हर जाति के लोगों में होता है, हर जातियां एवं सम्प्रदाय में तरक्की किये और पिछड़े लोग होते हैं। खास जाति के लोगों को पिछड़ा मान लिया जाना गलत है। क्या संत रैदास अगड़ी जाति के थे? ऐसे एक नहीं अनेक महापुरुष हुए हैं जिनको पूजा जाता है।
सबसे ज्यादा शर्मनाक बात महिला आरक्षण है। महिलाओं को हर जगह आरक्षण देकर सरकारें महिलाओं के साथ भी ज्यादती कर रही है। मान लीजिये कोई महिला सरकारी नौकरी में है और उसे प्रसव होता है। उस अवधि में उसे मातृत्व अवकाश दिया जाता है। ठीक है मातृत्व अवकाश कुछ समय के लिये होता है, फिर उसके बाद बच्चे के लालन-पालन की जिम्मेदारी क्या समाप्त हो जाती है? इस सबसे हटकर एक बात और वह यह कि इन बेचारियों का कार्यालयों में भी किस-किस प्रकार का शोषण होता है, सभी जानते हैं।
महिलाओं को घर जाकर गृहस्थी भी संभालनी, खाना बनाना आदि सब कुछ देखना यानी चैबीसों घंटे खटते ही रहना होता है। पहले कार्यालय फिर घर और घर वाले भी यही चाहेंगे कि मरे या जिये कमाई करके ला। इससे भी बड़ी बात यह है कि उस नवजात के अधिकारों का कितना भयंकर हनन होता होगा जिनके लिये उसका पूरा हक है। बच्चे की परवरिश और उसके सही लालन-पालन में कितनी कटौती होती होगी, यह भी किसी ने सोचा है। माँ तो माँ नवजात बच्चों के लिये कितनी तकलीफ होती होगी? इस ओर भी ध्यान देना होगा। उनके नवजात अधिकार कहां जायेंगे?
एक दूसरा पहलू और देखना होगा, वह यह कि एक घर में तो लड़के, बहू, बेटी यानी पूरा कुनबा नौकरी कर रहा है और दूसरी ओर पड़ौस में ही दूसरा घर है जिसमें कमाने वाला केवल एक ही मुखिया है, उसको रोजगार भी पूरी तरह से नहीं मिल रहा, बेकारी से परेशान है। घर में बच्चों को भरपेट खाना भी नसीब नहीं है।
कहने का मतलब है कि महिलाओं को मुख्यतः घर गृहस्थी में ध्यान देना चाहिये तथा बच्चों की परवरिश व उन्हें अच्छे संस्कारवान बनाना चाहिये। मजबूरी की बात दूसरी है। कमाई करना मर्दों का काम है ना कि औरतों का। इसीलिये उन्हें घरवाली कहा जाता है।
लेकिन अब तो हल बेहाल है। पहले जमाने में औरतों और लड़कियों से काम करना हेय दृष्टि से देखा जाता था। औरतों व लड़कियों को नौकरी या व्यवसाय सिर्फ विपरीत परिस्थितियों में या यों कहिये कि मजबूरी में करना चाहिये। बेरोजगारी का एक मुख्य कारण यह भी है।
देखने में आता है कि ग्राम प्रधान या नगर पालिका अथवा नगर पंचायतों आदि में जिन वार्डों में महिलाओं का आरक्षण होता है, वहां ज्यादातर चुनी हुई महिलायें घर में घुसी रहती हैं और उनके पति या अन्य सदस्य सब कुछ काम करते हैं। महिलाओं से तो सिर्फ हस्ताक्षर कराये जाते हैं। अब तो पुलिस प्रशासन छोड़िये, सेना में भी महिलाओं को भर्ती का फरमान अदालत दे रही है। क्या इनकी शारीरिक संरचना ऐसी है जो युद्ध भूमि में दुश्मन को परास्त कर सकेंगी। महारानी लक्ष्मीबाई आदि वीरांगनाओं के कुछ अपवादों को छोड़कर हमें सच्चाई को स्वीकारना होगा।
सबसे ज्यादा विचारणीय बात यह भी है कि रज पीरियड में महिलाओं को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता होगा? घर भी देखना और कार्यालय अथवा अन्य प्रतिष्ठानों में भी नौकरी करने जाना। क्या सरकार मातृत्व अवकाश के साथ-साथ रजस्वला अवकाश भी देगी? सच बात यह है कि बेचारी इन अबलाओं के साथ कितना अन्याय हो रहा है इसकी किसी को परवाह नहीं, बस वोटों का लोभ इनके लिये दिखावटी सहानुभूति दर्शा रहा है।
अंत में यह भी कहना जरूरी है कि पहले इनके दहेज के लिये उत्पीड़न और फिर बाद में इस प्रकार से इनका शोषण यादि बच्चा पैदा करो, उसे पालो और घर गृहस्थी संभालो तथा ऊपर से कमाई और करके लाओ। हालांकि कुछ लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे तथा दकियानूसी सोच बतायेंगे और तरह-तरह से कुतर्क करेंगे।

5 आईपीएस अफसरों पर कार्यवाही की तलवार, एसआईटी ने पूरी कर ली जांच, ये था पूरा मामला

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एसआईटी ने प्रदेश के पांच आईपीएस अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी कर ली है। एसआईटी अगले हफ्ते अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप सकती है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा भी एसआईटी को कुछ दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं। शिकायतकर्ता ने पेन ड्राइव में सभी डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इसमें दो आईपीएस अफसरों की वायस रिकॉर्डिंग भी है। इसमें ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन की बात कर रहे हैं।
एक जिले के कप्तान ओवरलोड गाड़ियों को पास कराने का सौदा कर रहे हैं। हालांकि ये सभी दस्तावेज एसएसपी गौतमबुद्ध नगर रहे वैभव कृष्ण ने जांच अधिकारी को पूर्व में ही सौंप दिए थे।
ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन मामले की एसआईटी जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो पांचों आरोपी आईपीएस अफसरों को महंगा पड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इनमें से कुछ अफसरों के निलंबन से लेकर विभागीय जांच तक की सिफारिश की जा सकती है।
जिन आईपीएस की शिकायत की गई थी उनमें गाजियाबाद के एसएसपी रहे सुधीर कुमार सिंह, रामपुर के एसपी रहे अजय पाल शर्मा, बांदा के एसपी रहे गणेश साहा और सुल्तानपुर के एसपी रहे हिमांशु कुमार शामिल थे। इसके अलावा कुशीनगर में एसपी रहे राजीव नारायण मिश्रा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

वीडियो: मथुरा को अपराध मुक्त करना पहली प्राथमिकता-एसएसपी

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मथुरा/वृंदावन। मथुरा के नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर अपना चार्ज ग्रहण करने से पूर्व रविवार को विश्वविख्यात ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने ठाकुरजी के दर्शन व पूजा अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
दर्शनों के पश्चात पत्रकारों से मुखातिब हुए नवागत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मथुरा जनपद को अपराध मुक्त करना ही उनकी प्राथमिकता होगी। नियो न्यूज़ से खास बातचीत में एसएसपी ने कहा..