Thursday, August 14, 2025
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सीडीओ ने जल संचयन को लेकर अधिकारियों संग की बैठक

मथुरा। मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा कार्यालय कक्ष में जलशक्ति अभियान के दौरान/ वर्षा जलसंचयन के सम्बन्ध मे सम्बंधित जिलास्तरीय अधिकारीगण के साथ बैठक आयोजित की गई।संबंधित विभागध्यक्ष को जलसंरक्षण के कार्यों(मेढबँधी, समतलीकरण, खेत तालाब निर्माण )को पूर्ण कराने,मनरेगा से तालाब खुदाई कराने,रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने एवं जलशक्ति से नारी शक्ति थीम के अंतर्गत जनजागरूकता अभियान चलाने,एवं भुगर्भ जल अधिनियम का उल्लंघन करने वाले उपभोगताओं पर कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया ।बैठक मै सहायक अभियंता लघु सिंचाई , उपायुक्त मनरेगा, जिला पंचायतराज अधिकारी, एवं ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे ।मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी संबंधित को सभी कार्य समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए ।उक्त बैठक मै समस्त खंड विकास अधिकारियों द्वारा वीसी के माध्यम से प्रतिभाग किया गया

ये धन कुबेर सांप बनकर लहराते फिरेंगे

 मथुरा। पुराने जमाने में लोग मटकों में भरकर सोना चांदी आदि जमीन में गाढ़ देते थे। कभी-कभी ऐसा भी होता कि वे उनका उपयोग नहीं कर पाते और मर जाते। भले ही वे मर जाते किंतु उनकी आत्मा उन्हीं मटकों के इर्द-गिर्द भटकती रहती। अक्सर ऐसे भी मामले सुनने में आते रहे हैं कि वे सांप बनकर उन मटकों की रखवाली करते हैं। जमाना बदल चुका है। अब मटकों या अन्य बर्तनों में सोने चांदी को जमीन में नहीं गाढ़ा जाता। अब तो बैंकों में रुपए जमा रहते हैं या सोने चांदी को घरों में रखा जाता है। रकम को जमीन जायदाद आदि में खपाया जाता है। व्यापार या ब्याज पर उठाने का भी विकल्प होता है।
 अब मैं सीधे मतलब की बात पर आता हूं। मेरा मानना यह है कि धन दौलत जमीन जायदाद आदि में अत्यधिक आसक्ति वालों को सर्प योनि मिलती है और ये धन पिपासु सांप बनाकर अपने आलीशान घरों, प्रतिष्ठानों या बैंकों के इर्द-गिर्द लहराते फिरते हैं और मन ही मन कहते हैं कि यह हमारी कोठी है, यही हमारा बैंक है जिसमें हमारी अपार राशि जमा है। अपने प्रतिष्ठानों की भी फेरी लगाते रहते हैं। 
 होता क्या है कि जब उनकी औलाद या अन्य परिजन इन्हें देखते हैं तो शोर मचाते हैं कि "सांप आ गया सांप आ गया" और सब लोग चारों तरफ से घेराबंदी करके या तो मार डालते हैं या पड़कर कहीं बहुत दूर जंगल या नदी आदि में पटकवा के देते हैं। इसमें उनकी भी कोई गलती नहीं क्योंकि उन बेचारों को क्या पता कि यह हमारा बाप है, बाबा है या अन्य परिजन है। तब ये धन कुबेर अपना माथा पीटते हैं कि देखो इनके लिए ही तमाम पाप पुण्य करके धन संपत्ति को एकत्र किया और ये ही हमें मार रहे हैं। तब इन्हें अपने कुकर्मों का बोध होता है। ऐसे लोगों की सबसे ज्यादा निकृष्ट कौम वह है जो बेईमानीं यानी तरह-तरह की धोखाधड़ी से धन संचय करके मौज मारते हैं और बाद में मर जाते हैं। जब ईश्वरीय इंसाफ होगा तब उनकी जो दुर्गति होगी उसकी कल्पना की जा सकती है। भगवान हम सभी को ऐसी सद्बुद्धि दें कि "मैं भी भूखा न रहूं और साधु भी भूखा ना जाय" बस इससे ज्यादा मत देना वर्ना हमारी भी मति मारी जाएगी और फिर सांप बनाकर लहराने की नौबत पक्की।

संस्कृति विवि के छात्र ने कराते चैंपियनशिप में जीता गोल्ड


मथुरा. मथुरा में हुई यूपी स्टेट कराते चैंपियनशिप में विभिन्न जिलों से सेंकड़ों खिलाडियों ने भाग लिया. दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में मथुरा जिले से 51 खिलाडियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया.
प्रतियोगिता में मथुरा जिले के खिलाडियों ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले संस्कृति विश्विद्यालय के छात्र दिव्यम सिंह ने गोल्ड मेडल जीत कर अपने विश्विद्यालय का नाम रौशन किया. बताते चलें कि दिव्यम संस्कृति विश्विद्यालय में संस्कृति स्कूल ऑफ फैशन डिजाइनिंग का छात्र है। दिव्यम के इस शानदार प्रदर्शन पर फैशन डिजाइनिंग की शिक्षिका शिल्पा सहित विवि के सभी शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।

छात्र-छात्राओं को दी नवीनतम दंत चिकित्सा उपचार की जानकारीके.डी. डेंटल कॉलेज में डॉ. शालू महाजन ने साझा किए अनुभव


मथुरा। दंत चिकित्सा उपचार के क्षेत्र में बहुत तेजी से प्रगति हो रही है। तकनीक, उपचार और रोगी देखभाल में सुधार के साथ डिजिटल टूल्स, 3डी प्रिंटिंग तथा एआई के उपयोग ने दंत चिकित्सा उपचार को अधिक सटीक, कुशल और रोगी के लिए आरामदायक कर दिया है, यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में मुरादाबाद से आईं जानी-मानी एंडोडोंटिस्ट एवं इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन ने बीडीएस एवं एमडीएस के छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. शालू महाजन ने भावी दंत चिकित्सकों को बताया कि मौजूदा समय में दांतों के क्षय को रोकने के लिए सिल्वर नाइट्रेट और फ्लोराइड वार्निश के प्रयोग के साथ तकनीक का उपयोग अधिक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग न केवल दंत उपचार को बेहतर बनाता है बल्कि समायोजन की बार-बार की आवश्यकता को भी कम करता है। डॉ. महाजन ने बताया कि नियमित दंत चिकित्सा देखभाल में दंत परीक्षण, पेशेवर सफाई, फ्लोराइड अनुप्रयोग और दंत सीलेंट जैसे निवारक उपचार शामिल होते है
डॉ. शालू महाजन ने टॉप 10 मंत्रा ऑफ सक्सेसफुल प्रैक्टिस पर चर्चा करते हुए भावी दंत चिकित्सकों को न केवल उचित व प्रभावशाली प्रैक्टिस के बारे में बताया बल्कि लेटेस्ट तकनीक से इलाज के फायदे पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के साथ रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लेटेस्ट तकनीक का महत्व साझा किया और बताया कि यदि वह मिनिमली इनवेसिव तकनीक से आरसीटी करेंगे तो मरीजों को ज़्यादा लम्बे समय तक अपने ही मजबूत दांतों से खाने में मदद मिलेगी और मरीज अपने दांतों को बिना कैप के आसानी से लम्बे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
डॉ. शालू ने भावी दंत चिकित्सकों को वाइटल पल्प थेरेपी की जानकारी देते हुए कहा कि इससे बिना दर्द के नसों को बचाते हुए ट्रीटमेंट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वाइटल पल्प थेरेपी से मरीज को बिना दर्द व कम खर्च में एक ही सिटिंग में अपने दांतों को बचाने का मौका मिलता है। उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सक अब रोगी के स्वास्थ्य और उपचार आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दंत चिकित्सा में मुंह की स्वच्छता, उचित आहार तथा नियमित जांच को तरजीह दी जा रही है। इतना ही नहीं उन्नत दर्द प्रबंधन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है ताकि रोगी को उपचार के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
डॉ. महाजन ने कहा कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हुए ये बदलाव दंत चिकित्सकों को बेहतर उपचार प्रदान करने, रोगियों को अधिक आरामदायक और कुशल सेवा प्रदान करने तथा मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। कार्यशाला का समापन छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर किया गया। इस अवसर पर के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने एंडोडोंटिस्ट एवं इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि कार्यशाला में उन्होंने जो कुछ भी सीखा है, उसकी प्रैक्टिस जरूर करें। डॉ. लाहौरी ने कहा कि चिकित्सा उपचार में लगातार प्रैक्टिस का बहुत महत्व है। दो दिवसीय कार्यशाला के संचालन में डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज गौर, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. जुही, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि का अहम योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन के साथ डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं।

पत्रकारऔरपुलिसदोनोंकीकैटेगरीएक

 मथुरा। पुरानीं कहावत है कि पुलिस वालों की दोस्ती और दुश्मनीं दोनों ही ठीक नहीं। मेरी नजर में यही स्थिति अब पत्रकारों की है। जहां तक हो सके इनसे दूर रहना चाहिए। यह नस्ल अब इतनी बिगड़ चुकी है कि पत्रकार शब्द आते ही लोग भले ही ऊपरी तौर पर सम्मान दें किंतु अंदर ही अंदर घृणा करते हैं।
 औरों की बात तो दूर रही मैं खुद पत्रकार होते हुए भी पत्रकार बिरादरी से नफरत करता हूं। इसका कारण सभी लोग जानते हैं। मेरे निवास पर लगे बोर्ड को देखकर जब कभी कोई बाहरी पत्रकार खुश होकर मुझसे मिलने की इच्छा रखता है तथा हमारे कर्मचारी से कहकर मुझे बुलवाता है और कहता है कि मैं भी फलां जगह का पत्रकार हूं सोचा आपसे मुलाकात कर लूं। मैं भी थोड़ा दिखावटीपन से कहता हूं कि बड़ा अच्छा किया आपने बताइए मेरे लायक क्या सेवा है? किंतु मन ही मन अपना माथा ठोक लेता हूं कि क्या मुसीबत आ गई। इसके बाद अपनी व्यस्तता का हवाला देकर तिड़ी लगाकर ऊपर घर में आ जाता हूं।
 एक छोटा सा उदाहरण भी देता हूं लगभग 25-30 वर्ष पहले मथुरा रिफाइनरी में एक जनसंपर्क अधिकारी थे, अजीत पाठक बाद में वे ट्रांसफर होकर गुजरात रिफाइनरी में चले गए। कुछ दिन बाद उन्होंने मुझे फोन किया कि हमारे एक परिचित पत्रकार हैं वे मथुरा आ रहे हैं, आपसे मिलेंगे यदि इन्हें कोई समस्या हो तो मदद कर देना। मैंने अनमने मन से कह दिया कि ठीक है। उसके एक-दो दिन बाद वे पत्रकार महाशय आए और पहले तो उन्होंने किसी धर्मशाला या होटल में कोई सस्ता सा कमरा दिलवाने का काम बताया, जो मैंने कर दिया। उसके बाद फिर आए और बोले कि खाना पीना बनाने के लिए राशन की दुकान से कंट्रोल रेट पर कैरोसिन दिलवा दो। वह भी मैंने एक परिचित राशन वाले से दिलवा दिया। इसके बाद दो-चार दिन बीतने के बाद फिर आ गए कि वह तो समाप्त हो गया और दिलवा दो। वह भी मुझे दिलवाना पड़ा। मतलब यह की बाजार में कुछ ज्यादा पैसे देकर मिट्टी का तेल खरीदने के, वह जंतु पिस्सू की तरह मेरा खून चूसने आ जाता। चूंकि मेरे अजीत पाठक से मधुर संबंध थे इस वजह से मैंने उसमें झाड़ नहीं लगाई तथा खून का घूंट पीकर रह गया।
 जब हम छोटे-छोटे से थे तब चुनावी दिनों में जनसंघी लोग बच्चों से नारे लगवाते कि  कांग्रेस की क्या पहचान लु. गुं. बे. और यही काम कांग्रेसी जनसंघियों के लिए कराते। बच्चों को मेहनताने में झंडी बिल्ले और एक-एक पैसा या अधन्ना मिल जाता। अधन्ना दो पैसों का होता था। कायदे से देखा जाए तो अब यह पदवी पत्रकारों को मिलनीं चाहिए। सभी को नहीं इक्का दुक्का ईमानदार और सच्ची पत्रकारिता करने वाले भी हैं जैसे मैं।
 मुझ में और अन्य पत्रकारों में फर्क सिर्फ इतना है कि मैं हमेशा एक पैर से खड़ा रहता हूं, जैसे ही मौका मिलता है क्षण भर के लिए दूसरे पैर को जमीन पर टिकाना और काम तमाम होते ही फिर एक पैर वाली पोजीशन में आ जाना। कहने का मतलब है कि काम बड़ी सफाई से होता है यानी आम के आम और गुठलियों के दाम अर्थात हर्द लगे ना फिटकरी रंग चोखा ही चोखा। अंत में राज की बात और बतादूं कि प्याज के छिलकों पर मुसलमान बनना मेरी डिक्शनरी में नहीं। अब बताये कोई कि मुझसे ज्यादा चतुर और शातिर दिमाग इंसान इस पत्रकार बिरादरी में और कोई है क्या?

संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का प्रसिद्ध कंपनियों में हुआ चयन

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हाल ही में अपनी प्रतिभा के दम पर देश और दुनियां की प्रसिद्ध कंपनियों में नौकरियां हासिल की हैं। विवि प्रशासन ने इन सभी विद्यार्थियों के चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं हैं।
बी टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हरिओम शर्मा ने कठिन चयन प्रक्रिया में लगातार सफलता हासिल करते हुए ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में उच्च वेतनमान पर नौकरी हासिल की है। इसी प्रकार एमबीए की छात्रा दीपांजलि द्विवेदी का हाइक एजुकेशन एड टेक में उच्च वेतनमान पर चयन हुआ है। बीसीए ऐआई के छात्र नमन चतुर्वेदी को एसैनचर ने उच्च वेतनमान पर अपनी कंपनी के लिए चयनित किया है। एमबीए की छात्रा रिया गुप्ता को पेटीएम ने अपनी कंपनी ने उच्च वेतनमान पर नौकरी दी है।
संस्कृति विश्वविद्यालय की बीबीए की छात्रा रहीं आकांक्षा चतुर्वेदी ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए इण्डियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के मध्यप्रदेश राज्य कार्यालय में जूनियर बिजनेस असिस्टेंट पद हासिल किया है।
विद्यार्थियों की इस शानदार सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्विद्यालय की सीईओ श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने कहा है कि विवि के विद्यार्थियों की सफलता का श्रेय विद्यार्थियों के माता पिता और विश्विद्यालय के शिक्षकों की उस टीम को जाता है जिसने अपने अथक परिश्रम से विद्यार्थियों को इस योग्य बनाया। ये सभी विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं।

1- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करते एमएलसी योगेश नौहवार, साथ हैं उनकी पत्नी चेतना चौधरी।

मुख्यमंत्री योगी से मिले एमएलसी योगेश नौहवार, विकास कार्यों के लिए दिए कई प्रस्ताव नौहझील।

क्षेत्रीय विकास कार्यों को गति देने के लिए विधान परिषद सदस्य योगेश नौहवार ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने मांट विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। एमएलसी ने अपने गृह जनपद मथुरा में संचालित तमाम जरूरी परियोजनाओं को लेकर बात रखी। उन्होंने बताया कि मांट विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश लोग खेती किसानी पर ही निर्भर हैं। ऐसे में यहां कृषि मंडी होना अति आवश्यक है। एमएलसी ने नौहझील ब्लॉक क्षेत्र में नवीन कृषि मंडी बनवाने की मांग भी रखी। सीएम योगी को दिए गए प्रस्तावों में एमएलसी योगेश नौहवार ने मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे आईटी-हब बनाने व मांट विधानसभा क्षेत्र में गांव से गांव को जोड़ने वाली दस बड़ी सड़कों को बनवाने की मांग रखी है। इसके अलावा उन्होंने चार पुलों का निर्माण व दो दर्जन से ज्यादा सड़कों की मरम्मत कराने की मांग रखी है। जिनको जल्दी ही स्वीकृति मिल सकती है। सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान एमएलसी योगेश नौहवार की पत्नी चेतना चौधरी भी साथ रहीं।

मांट में बनें पांच नई नगर पंचायत: नौहवार
एमएलसी योगेश ने सीएम योगी से मुलाकात के दौरान मांट विधानसभा क्षेत्र में पांच नई नगर पंचायत बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कस्बा नौहझील, शेरगढ़, सुरीर, मांट व सोनई नगर पंचायत बनने के सभी मानकों को पूरा करतीं हैं लेकिन आज भी ग्राम पंचायत हैं। इनको नगर पंचायत बनाने की मांग एमएलसी ने रखी

राजीव एकेडमी के बी.ई-कॉम के 26 विद्यार्थियों ने भरी उड़ानउच्च पैकेज पर जॉब मिलने से छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर

मथुरा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के 26 बी.ई-कॉम के विद्यार्थियों ने ऊंची उड़ान भरी है। इन छात्र-छात्राओं की तकनीकी तथा बौद्धिक क्षमता से प्रभावित होकर कैम्पस प्लेसमेंट को आईं विभिन्न कम्पनियों ने इन्हें उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर प्रदान किया है। इस सफलता से छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर व्याप्त है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी सफल छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. विकास जैन ने बताया कि प्लेसमेंट की त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात प्लेसमेंट को आई अलग-अलग कम्पनियों ने बी.ई-कॉम के 26 छात्र-छात्राओं को उच्च पैकेज पर ऑफर लेटर प्रदान किए। चयनित विद्यार्थियों में प्रियांशी वार्ष्णेय (लर्निंग रूट, जारो एज्यूकेशन, सेलेरियस) लक्ष्य शर्मा, यश प्रताप सिंह (हाइक एज्यूकेशन), विशाल मित्तल (लर्निंग शाला), नैना गौतम (कॉगजेण्ट), अभय माथुर, अक्षरा माहेश्वरी, आसिफ खान, दिग्विजय सिंह, दिव्या वार्ष्णेय, गौरव सिंह (वैको बाइनरी व कोफोर्ज), मोहम्मद फैज (वैको बाइनरी), विदित (इनरजायर), अमित शर्मा, अनन्त सिंह डागुर, आयुषी पाण्डेय, हरेकृष्णा तिवारी, कोमल गुप्ता, कृष्ण गोपाल, मोहम्मद जीशान, नकुल रूहेला, प्रहलाद पाण्डेय, प्रांजल यादव, रिजवान कुरैशी (कैब बाजार), हर्षित दीक्षित (एच.डी.बी. फायनेंस व सैलेरियस) तथा शिव शर्मा (एच.डी.बी. फायनेंस) शामिल हैं। डॉ. जैन ने बताया कि बी.ई.कॉम के विद्यार्थियों को कैम्पस में आई 38 कम्पनियों द्वारा 44 ऑफर लेटर दिए गए जिसमें अधिकतम पैकेज रुपये 8.58 लाख का
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी में प्रत्येक व्यावसायिक कोर्स में गुणवत्तायुक्त अध्ययन की व्यवस्थाएं होने से छात्र-छात्राओं को लगातार सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलता रहता है। यही वजह है कि यहां के विद्यार्थी उच्च पैकेज के प्लेसमेंट क्रेक कर न केवल अपना करियर संवारते हैं बल्कि अपने अभिभावकों की उम्मीदों को भी पूरा करते हैं। उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजीव एकेडमी से गुणवत्तायुक्त शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यार्थी कारपोरेट जगत में अपनी धाक जमा रहे हैं।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी में व्यावसायिक कोर्सों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हर नया अपडेट प्रदान कर उन्हें उच्च पैकेज पर जॉब मुहैया कराने का हरसम्भव प्रयास किया जाता है। डॉ. भदौरिया ने बताया कि यहां व्यावसायिक कोर्स की हर एक्टिविटी इण्डस्ट्रियल विजिट, पीडीपी कक्षा, लैब इण्टर्नशिप, समर इण्टर्नशिप, डिबेट, गेस्ट लेक्चर, वर्कशॉप, सेमिनार तथा अन्य इलेक्ट्रानिक साधनों द्वारा विद्यार्थियों को स्वर्णिम पायदान की ओर अग्रेसित किया जाता है। यही वजह है कि यहां के विद्यार्थी लगातार सफलता हासिल कर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
चित्र कैप्शनः विभिन्न कम्पनियों में चयनित राजीव एकेडमी के बी.ई-कॉम के छात्र-छात्राएं।

जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है सच्ची शिक्षा : डॉ अजय शर्मा-समर कैंप में छात्रों ने किया शारीरिक प्रतिभा का प्रदर्शन-परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय ग्रीष्म शिविर का हुआ समापन

वृंदावन। गौशाला नगर स्थित परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे पांच दिवसीय ग्रीष्म शिविर का समापन रविवार को हुआ। जिसमें छात्रों ने समर कैंप में सीखे गए गुरों का प्रदर्शन कर खूब तालियां बटोरीं।

मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षाविद एवं श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ अजय शर्मा ने कहा कि सच्ची शिक्षा जीवन के अनुभवों से प्राप्त होती है और जीवन के अनुभव कक्षा से बाहर निकल कर लिए जाते हैं, क्योंकि कक्षा में हम विषय के सैद्धांतिक स्वरूप को समझते हैं पर कक्षा से बाहर की दुनिया हमें नवीन प्रयोगों के लिए प्रेरित करती है। समर कैंप इसी प्रकार का प्रयोग है जो छात्रों को नवीन अनुभवों से जोड़ता है।
बालकों ने पांच दिवसीय शिविर में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त ज्ञान का मंचीय प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम मल्लखंभ के प्रशिक्षक ललित और सुजल के निर्देशन में छात्रों ने मल्लखंभ पर शानदार तरीके से योगासन और मीनार इत्यादि का प्रदर्शन किया। जिसने अभिभावकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।ताइक्वांडो प्रशिक्षक कौशल जोशी के निर्देशन में छात्रों ने मार्शल आर्ट में आत्मरक्षा के लिए प्रयुक्त विभिन्न दांवपेचों को सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया। एरोबिक्स की प्रशिक्षिका मीरा सिंह के निर्देशन में छोटे छोटे बालकों द्वारा संगीत की धुन पर प्रस्तुत शारीरिक व्यायाम की सभी दर्शकों द्वारा विशेष प्रशंसा की गई। योगाचार्य गगन शर्मा के निर्देशन में छात्रों ने विभिन्न योगासन और प्राणायाम की विभिन्न स्थितियों का बड़ी स्पष्टता व सटीकता पूर्वक प्रदर्शन किया। वेणुवादक गोपाल शर्मा एवं ऋषभ शर्मा के निर्देशन में 40 से अधिक छात्रों ने सस्वर सुमधुर वंशी वादन प्रस्तुत किया। शिविर संयोजक प्रधानाचार्य विपिन शर्मा ने कहा कि इस ग्रीष्म शिविर में पांच दिन तक बालकों ने अपने घर से दूर किंतु अपने आचार्य गणों के मध्य पूर्णता आत्मीय और घरेलू वातावरण में जो समय व्यतीत किया है, वह उनके विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों का एक अविस्मरणीय हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा किया गया यह अभिनव प्रयोग कई अर्थों में महत्वपूर्ण है और इसके बहुआयामी दूरगामी परिणाम छिपे हुए हैं। जिनका प्रभाव आगामी दिनों में बालकों के क्रियाकलाप एवं कार्य व्यवहार में भी प्रकट होगा। शिविर के प्रधान संचालक रविन्द्र सिंह ने बताया कि शिविर में सूर्य नमस्कार, योग आसन, ताई क्वाँडो, मलखम्ब और एरोविक्स के अभ्यास द्वारा शारीरिक सुदृढ़ता का महत्व समझाया गया। वहीं वेणु वादन, शैक्षिक भ्रमण, मंदिर दर्शन आदि
से बालकों को सांस्कृतिक जीवन मूल्यों से जोड़ा गया।
समर के कैंप के दौरान कराई गई विभिन्न गतिविधियों में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रों में भैया जतिन कौशिक, शौर्य, श्रेष्ठ, धार्मिक एवं नरेंद्र सिसोदिया ने इंग्लिश रन में, तनिष्क रावत, प्रतीक ने, इंग्लिश स्लोगन राइटिंग में और ऋषभ पाराशर, हर्ष अग्रवाल, वैभव, सरस, समर, रविराज, नवीन ने मेंटल रन में , अभिषेक वर्मा, मुकुल चौधरी, गौरव चौधरी, नवीन अग्रवाल ने मैथ्स रन में तथा संदीप पोइट्री राइटिंग में विशेष स्थान प्राप्त किया। जिन्हें विद्यालय प्रबंधन द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत किया गया। प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि इस ग्रीष्म शिविर की सफलता में यह सिद्ध कर दिया है कि जब एक समूह के रूप में सभी लोगों का विचार और चिंतन एकात्म भाव से किसी कार्य में जुड़ जाता है तो उस कार्य की सफलता असंदिग्ध रहती है। समापन समारोह का संचालन भी कैंप में प्रतिभाग कर रहे शिवांश यादव, गर्वित गुप्ता ने किया। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर छाता के प्रधानाचार्य शशांक तिवारी, प्रबंध समिति कोषाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, उपप्रधानाचार्य ओमप्रकाश शर्मा, शिविर संचालक ललित गौतम, अरुण दीक्षित, राहुल शर्मा, शैलेन्द्र गोयल, राहुल गोस्वामी, योगेश अग्रवाल, मनोज वार्ष्णेय, सुरभि चरन सोनी, लवली शर्मा, अर्चना, गिरीश तोमर, ब्रज मोहन, सुजान सिंह, अमित चौधरी, राजेश कुमार, अनिल यादव, नवीन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

चित्र परिचय: संस्कृति विवि और अनरियल एज एजुकेशन के मध्य हुए समझौते को प्रदर्शित करते अनरियल एज के संस्थापक मणिगंदन मंजूनाथन, यूनीकौशल की संस्थापक श्रीमती मृदुला त्रिपाठी और संस्कृति विश्विद्यालय की ओर से मनीष मिश्रा, डिप्टी रजिस्ट्रार और डॉ. गजेंद्र सिंह, सीईओ, संस्कृति इनक्यूबेशन।

मथुरा। अनरियल एज संस्कृति विश्वविद्यालय में चार करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक अनरियल इंजन लैब और ग्रीन स्क्रीन स्टूडियो स्थापित करेगा।

संस्कृति यूनिवर्सिटी ने अनरियलएज एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन और यूनीकौशल के साथ मिलकर अत्याधुनिक, उद्योग-संरेखित कार्यक्रम- इंटरएक्टिव और रियल-टाइम 3डी (अनरियल इंजन जनरलिस्ट) में एमबीए और इंटरएक्टिव और रियल-टाइम 3डी (अनरियल इंजन जनरलिस्ट) में बीबीए शुरू करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस रणनीतिक गठबंधन के हिस्से के रूप में, अनरियलएज यूनिवर्सिटी में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा, जिसमें 4 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक अनरियल इंजन लैब और ग्रीन स्क्रीन स्टूडियो होगा। यह सुविधा छात्रों को मजबूत तकनीकी सहायता और गहन, व्यावहारिक शिक्षण अनुभव प्रदान करेगी।

इस समझौता ज्ञापन पर अनरियलएज एजुकेशन के संस्थापक मणिगंदन मंजूनाथन, यूनीकौशल की संस्थापक श्रीमती मृदुला त्रिपाठी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। संस्कृति विश्विद्यालय की ओर से मनीष मिश्रा, डिप्टी रजिस्ट्रार और डॉ. गजेंद्र सिंह, सीईओ, संस्कृति इनक्यूबेशन सेंटर मौजूद रहे।

यह सहयोग विशेषज्ञ सलाह, हाइब्रिड लर्निंग और 100% प्लेसमेंट सहायता प्रदान करके अकादमिक-उद्योग अंतर को पाटने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य छात्रों को गेमिंग, एनीमेशन, AR/VR और इमर्सिव मीडिया तकनीकों में भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करना है।
अनरियल इंजन, एक विश्व-अग्रणी 3 डी निर्माण प्लेटफ़ॉर्म है, जो छात्रों को गेमिंग, फ़िल्म, आर्किटेक्चर और अन्य क्षेत्रों में करियर और उद्यमशीलता के अवसरों से सशक्त बनाएगा। अपने उच्च-निष्ठा दृश्यों, क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म विकास क्षमताओं, सहज ज्ञान युक्त इंटरफ़ेस और ब्लूप्रिंट विज़ुअल स्क्रिप्टिंग के साथ, अनरियल इंजन डिजिटल नवाचार की अगली लहर का नेतृत्व करने के लिए शिक्षार्थियों को तैयार करता है।