वृंदावन। संस्कार भारती वृंदावन इकाई द्वारा अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जन्मशती पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने “अहिल्याबाई होल्कर की राष्ट्रीय उत्थान में भूमिका “
विषय पर विचार व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता गोपाल कृष्ण दुबे ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जन्म शती पूरा देश मना रहा है उनकी प्रजा ने ही उन्हें राजमाता बनाया।उनकी समाज सेवा भारतीय संस्कृति की जो विरासत है उसको संरक्षित करने का जो काम था वह राष्ट्रीय महत्व का ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के महत्व का कार्य था।
विशिष्ट अतिथि रुपेश धनगर ने कहा कि मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान दहेज प्रथा और सती प्रथा क़ो खत्म करने का काम किया। मुख्य अतिथि घनश्याम होलकर ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, न्याय व्यवस्था के नीतिगत प्रबंध किए। रोजगार व्यापार कृषि को बढ़ावा दिया। अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर उमाशंकर राही ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने राष्ट्र के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्र सेवा से बढ़कर कोई और धर्म नहीं है। इसी का परिचय उन्होंने दिया। कवि मोहन लाल मोही ने काव्य के माध्यम से महारानी अहिल्याबाई होल्कर का कृतित्व और व्यक्तित्व रेखांकित किया। कार्यक्रम में अजय अग्रवाल मूर्ति वाले, विनीत अग्रवाल, अखिल अग्रवाल खांड़वाले , हरिदास अग्रवाल, राजीव अग्रवाल गोटे वाले आदि मौजूद रहे। संचालन ब्रज किशोर त्रिपाठी ने किया धन्यवाद ज्ञापन हरिवंश खंडेलवाल ने किया।
राष्ट्रोत्थान को समर्पित महारानी अहिल्याबाई होलकर
जीएलए में साइबर टीम ने दिए डिजिटल फ्रॉड से बचने के टिप्स
- जीएलए के एकेडमिक सक्सेस सेंटर द्वारा आयोजि कार्यक्रम में बोली साइबर क्राइम पुलिस सेल पढ़े-लिखे लोगों के साथ भी हो रहा साइबर फ्रॉड
मथुरा : इस डिजिटल युग में डिजिटिलाइजेशन से एक तरफ लोगों को फायदा भी हो रहा है तो दूसरी तरफ उनके साथ जालसाजी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। ऐसी ही घटनाओं से आमजन को जागरूक करने के लिए साइबर क्राइम पुलिस तो अभियान चला रही रही है। जीएलए विश्वविद्यालय ने भी डिजिटल फ्रॉड अवेयरनैस कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में एएसपी, एसएचओ साइबर क्राइम और सब इंस्पेक्टर ने बचने के बेहतर तरीके बताये।
जीएलए विश्वविद्यालय में डिजिटल फ्रॉड अवेयरनैस कार्यक्रम के दौरान एएसपी गोल्डी गुप्ता ने बताया कि थोड़ी सी जागरूकता आपको किसी भी साइबर हमले से बचा सकती है। बशर्ते आपको किसी के दबाव में नहीं आना है, लालच में नहीं पड़ना है और अपने गोपनीय दस्तावेजों यानी ओटीपी, बायोमेट्रिक वगैरह को साझा नहीं करना है। अगर कहीं गलती होती है तो टोल फ्री नंबर 1930 पर काल करके तुरंत सूचना देना है। नजदीकी साइबर सेल में जाकर रिपोर्ट करानी है।
साइबर क्राइम मथुरा सेल सब इंस्पेक्टर आशीष मलिक और मोहित वर्मा ने महत्वपूर्ण 13 टिप्स डिजिटल अरेस्ट, पाइसिंग, एटीएम क्लोनिंग, स्क्रीन शेयरिंग, एईपीएस फा्रॅड, ऑनलाइन लोन एप, इंश्योरेंस पॉलिसी फ्रॉड, जॉब फ्रॉड, लॉटरी फ्रॉड, ऑनलाइन बेटिंग, क्रिप्टो करेंसी, ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड से बचाव के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी प्रदान की।

उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है, ऐसा कोई नहीं कर सकता। इन बातों पर बिल्कुल भी विश्वास न करें। ई-मेल पर आई कोई अनजान जानकारी पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। इसके अलावा अनजान वेबसाइट पर फोकस न करें। अनजान ई-मेल और वेबसाइट पर अपनी जानकारी बिल्कुल साझा न करें। अपने एटीएम प्रयोग के दौरान किसी भी व्यक्ति से सहायता न लें। एटीएम पर उपस्थित सुरक्षा गार्ड से सिर्फ जानकारी लें अन्यथा बैंक में संपर्क करें। किसी के साथ स्क्रीन शेयर न करें। थर्ड पाटी एप पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। अपने अंगूठे के इंप्रेशन यानि निशान को लॉक करने के लिए आधार वेबसाइट से बायोमेट्रिक लॉक करें। ऑनलाइन लोन एप पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। फोन पर जॉब दिलाने और ऑनलाइन जॉब वालों से सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे ही ढे़रों फॅ्राड से बचने के बारे में साइबर थाना टीम ने जीएलए विश्वविद्यालय परिवार को जानकारी प्रदान की। इस दौरान टीम ने जीएलए परिवार के सदस्यों को मथुरा और आगरा में हुए कई साइबर अपराधों के बारे में जानकारी दी।
साइबर क्राइम थाने के एसएचओ जयवीर सिंह ने बताया कि साइबर सेल टीम लोगों की सुरक्षा के लिए हर समय तत्पर है। इसलिए साइबर क्राइम जैसी घटना घटित होने के बारे में टोल फ्री नंबर अथवा थाने पर जानकारी दें।
कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि मथुरा जिले में साइबर क्राइम की बहादुर टीम ने जीएलए परिवार को साइबर क्राइम से बचने के जो टिप्स दिए हैं, वह वाकई सीखने और सिखाने लायक हैं। जिस प्रकार साइबर टीम जागरूकता और लोगों को डिजिटल फ्रॉड जैसे जंजाल से बचाने का कार्य कर रही है वह वाकई काबिले तारीफ है।
कार्यक्रम में जीएलए शिक्षा संकाय की प्राचार्या एवं एकेडमिक सक्सेस सेंटर की निदेशक प्रो. कविता वर्मा ने कहा कि मथुरा साइबर सेल टीम द्वारा दी गई जानकारी से हम सभी जीएलए परिवार के सदस्यों को बहुत कुछ सीखने को मिला। प्रो. कविता वर्मा और अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. विवेक मेहरोत्रा ने साइबर सेल टीम को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन संकाय की एसोसिएट प्रोफेसर एवं एएससी की असिस्टेंट डायरेक्टर डा. हिमानी सिंह ने किया।
जीएल बजाज के छात्र-छात्राओं के नवाचार को मिला सम्बल
- तीन दिवसीय ‘बिजनेस मॉडल कैनवास’ बूटकैम्प का आयोजन
मथुरा। आज की तेजी से विकसित होती दुनिया में शिक्षा पूरी तरह से नए अनुभवों तथा नए लक्ष्यों की ओर काम कर रही है। हमारे माता-पिता और दादा-दादी जिन कारणों से स्कूल जाते थे, वे अब उन कारणों से मेल नहीं खाते लिहाजा अपने नवाचार में मौलिक बदलाव कर हम सफलता की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं। यह बातें जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित तीन दिवसीय ‘बिजनेस मॉडल कैनवास’ बूटकैम्प में डॉ. पुर्णेंदु शेखर पांडेय ने एमबीए तथा बीटेक के छात्र-छात्राओं को बताईं।
इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) तथा इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सेल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बिजनेस मॉडल कैनवास के उद्घाटन सत्र में निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बूटकैम्प के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि बिजनेस मॉडल कैनवास बूटकैम्प बिजनेस मॉडल कैनवास से जुड़ी जानकारी और ट्रेनिंग देने वाला कार्यक्रम होता है। बिजनेस मॉडल कैनवास एक रणनीतिक योजना उपकरण है। इसका इस्तेमाल बिजनेस मॉडल को समझने और विकसित करने के लिए किया जाता है।
प्रो. अवस्थी ने कहा कि शिक्षा अपने आप में एक बहुस्तरीय शब्द है, इसलिए इसे कैसे बेहतर बनाया जाए, इस बारे में सोचना किसी भी नए विचार, तरीके और तकनीक को शामिल कर सकता है जो सीखने के अनुभव को बढ़ाता है और शिक्षा के परिणामों को बेहतर बनाता है। उन्होंने कहा कि सीखने को परिभाषित करने के जितने तरीके हैं, इस क्षेत्र को बेहतर बनाने और विकसित करने के तरीके भी उतने ही व्यापक हैं। प्रो. अवस्थी ने बताया कि शिक्षा में नवाचार का अंतिम लक्ष्य सभी स्तरों पर छात्र-छात्राओं के सीखने को अधिक व्यक्तिगत, आकर्षक और प्रभावी बनाना है। शिक्षा में नवाचार को अपनाकर, शिक्षक अधिक गतिशील और प्रभावी शिक्षण वातावरण बना सकते हैं जो छात्रों को आज की तेजी से बदलती दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और योग्यता विकसित करने में मदद करते हैं।
जीएल बजाज सेंटर फॉर इनक्यूबेशन एण्ड रिसर्च, ग्रेटर नोएडा के जनरल मैनेजर और इनक्यूबेशन सेंटर के प्रमुख डॉ. पुर्णेंदु शेखर पांडेय ने छात्र-छात्राओं को बताया कि बिजनेस मॉडल कैनवास व्यवसाय के कई डोमेन को सरल और कुशल तरीके से कवर करता है। मॉडल के अंत में आप फर्म या उत्पाद के मूल्य प्रस्ताव, बुनियादी ढांचे, ग्राहकों और वित्त के बारे में जानते हैं। आपकी व्यावसायिक समझ तीव्र गति से बढ़ती है क्योंकि व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों को बहुत ही कम समय में कवर किया जाता है।
यह मॉडल सभी व्यवसायों के लिए अनुकूल है। चाहे वह कोई बहुराष्ट्रीय कम्पनी हो या कोई स्टार्टअप, यह मॉडल उन सभी पर लागू किया जा सकता है। डॉ. पांडेय ने बताया कि पारम्परिक शिक्षा मॉडल केवल कुछ चुनिंदा लोगों के अद्वितीय कौशल और रुचियों की सेवा करते हैं। औसत पाठ्यक्रम छात्र-छात्राओं को वास्तविक दुनिया में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार नहीं करते।
तीन दिवसीय ‘बिजनेस मॉडल कैनवास’ बूटकैम्प डॉ. शशी शेखर, बृजेश कुमार उमर, आईआईसी के संयोजक और फैकल्टी कोऑर्डिनेटर राधा रमण, विवेक भारद्वाज तथा छात्र समन्वयक टीम के सहयोग से अत्यंत सुनियोजित और समन्वित रूप से संचालित किया गया। हिमांशु राठौड़, रौनक शिवहरे, समीक्षा, याज्ञिक शर्मा, अमित सिंह, प्रतीक सिंह, शिप्रा सिंह, राधिका मित्तल आदि ने आयोजन को सुचारु रूप से सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिलाधिकारी के कमिश्नर बनने पर खुशी और गम साथ साथ
विजय गुप्ता की कलम से
मथुरा। मथुरा के दुर्लभ जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह के कमिश्नर बनने पर खुशी और गम साथ-साथ हो रहे हैं। खुशी इस बात की कि जनमानस के प्रिय शैलेंद्र जी अब आगरा के कमिश्नर बनकर जा रहे हैं और गम इस बात का है कि वे अब हम मथुरा वासियों से दूर हो जाएंगे।
ब्रजवासियों को इस बात का संतोष भी है कि शैलेंद्र जी कमिश्नर बनकर कहीं दूर नहीं बल्कि पास में ही जा रहे हैं। वे आगरा के कमिश्नर बन रहे हैं तो मथुरा भी उन्हीं के अंडर में रहेगा तथा उनका आना-जाना तो लगा ही रहेगा। उनके शुभचिंतक तो बहुत दिन से इसी बात की दुआ कर रहे थे कि अगर ये कमिश्नर बनकर जांय भी तो आगरा के ही बने कहीं दूर के नहीं। ईश्वर ने उनकी सुनली वे सुनेंगे भी क्यों नहीं आखिर शैलेंद्र जी भी तो बांके बांके बिहारी और ब्रज की माटी से बेहद प्यार करते हैं।
वैसे देखा जाय तो सामान्यतः किसी भी जिलाधिकारी को प्रमोशन करके उसी मंडल का तुरंत कमिश्नर नहीं बनाया जाता किंतु कहते हैं कि “जापै कृपा राम की होई तापै कृपा करें सब कोई” जब शैलेंद्र जी पर ईश्वर की कृपा और सुबे के मुखिया योगी बाबा की कृपा तथा थोड़ा और आगे चले तो मुखिया जी की नाक के बाल संत शैलजाकांत जी की भी विशेष कृपा तो फिर कौन माई का लाल उन्हें मथुरा से सटे आगरा में ही ऊंचे ओहदे की तैनाती मिलने से रोक पाएगा? ये सब घटनाक्रम परम पूज्य देवरहा बाबा महाराज की कृपा से ही हो रहा है यह भी अकाट्य सत्य है।
सही मायने में देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ शैलजाकांत मिश्र और शैलेंद्र कुमार सिंह तीनों ही संतत्व से लबालब हैं। फर्क इतना है कि योगी जी गेरुआ धारी ब्रह्मचारी हैं और शैलजाकांत मिश्र तथा शैलेंद्र कुमार सिंह भले ही गेरुआ धारी न सही पर मन उनका गेरुआ जैसा ही है। ये ग्रहस्थ के सच्चे संत है। ईश्वर लंबे समय तक इनकी छत्रछाया ब्रजभूमि पर बनाए रखें।
कोसीकलां – दो बाइक सवार बदमाशों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई
गुरुवार एवं शुक्रवार की मध्य रात्रि करीब 2 बजे थाना कोसीकलां पुलिस की 2 शातिर बाइक चोरों के साथ मुठभेड़ हो गयी। मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली लगने से दोनों ही बाइक चोर घायल हो गए। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर उपचार के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने गिरफ्तार हुए चोरों के कब्जे से 2 अवैध तंमचा, 6 कारतूस, 12 मोटरसाइकिल व 7 मोटरसाइकिल कटी हुई बरामद कर बड़ी सफलता प्राप्त की है।
पुलिस ने बताया मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार हुए चोर अनीश पुत्र बाबू काशीराम आवास थाना कोसीकलां एवं आस मोहम्मद पुत्र रफीक निवासी आगरा के रहने वाले है जिनके ऊपर पहले भी कई आपराधिक इतिहास दर्ज है। इस मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक त्रिगुण बिसेन ने जानकारी देते हुए बताया कि काफी दिनों से इन दोनों चोरों की मोटरसाइकिलों को चोरी कर बेचने की सूचना मिल रही थी।
मथुरा – एक लाख का ईनामी मुठभेड़ में गिरफ्तार
मथुरा में थाना हाईवे पुलिस और एसटीएफ नोएडा यूनिट की संयुक्त कार्रवाई में एक लाख रुपये का इनामी बदमाश मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। बदमाश की पहचान मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले के पिपरई थाना क्षेत्र के मुंडरा निवासी कैलाश पारदी के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, बदमाश भरतपुर रोड से गुजर रहा था, जब पुलिस ने अड़ूकी मोड़ के पास उसकी घेराबंदी की।
अपने को घिरा देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इस दौरान बदमाश के पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गया। घायल बदमाश को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कैलाश पारदी कन्नौज में हुई एक डकैती के मामले में फरार चल रहा था।
इस मामले में एडीजी जोन कानपुर ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बदमाश पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पहले से ही चार मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने बदमाश के पास से एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस, दो खोखा कारतूस और 1,265 रुपये की नगदी बरामद की है। पुलिस अब उसके अन्य आपराधिक इतिहास की जांच कर रही है।
संस्कृति विवि के विद्यार्थियों को “एयर फ्लो प्रा.लि.” ने दी नौकरी
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के 19 विद्यार्थियों को वेंटिलेशन उत्पादों को बनाने वाली प्रसिद्ध “एयर फ्लो प्रा.लि.” कंपनी ने अपने यहां अच्छे वेतनमान पर नौकरी देने के लिए चयनित किया है। कैंपस प्लेसमेंट के दौरान विद्यार्थियों के इस चयन पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को बधाई दी है।
कंपनी से आए एचआर विभाग के अनिल त्रिपाठी ने बताया कि “एयर फ्लो” पांच दशकों से अधिक समय से उत्कृष्टता और सफलता के लिए प्रतिबद्ध है। क्षमताओं को बढ़ाने, प्रतिबद्धता को मजबूत करने और गुणवत्ता और नवाचार में विश्वास को मजबूत करने पर कंपनी का ध्यान स्पष्ट रूप से सफल रहा है। कंपनी एयर वेंटिलेशन उत्पादों, एयर टर्मिनल उत्पादों और वायु वितरण उत्पादों के निर्माण, निर्यात और आयात में अग्रणी स्थान रखती है। कंपनी ऐसे उत्पाद बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और नवीनतम विनिर्माण तकनीकों का उपयोग कर रही हैं जो न केवल कुशल हैं बल्कि टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाले भी हैं। कंपनी वेंटिलेशन उत्पादों यानी एक्सियल पंखे, जेट पंखे, प्लग पंखे, सेंट्रीफ्यूगल पंखे, इनलाइन पंखे से लेकर एयर टर्मिनल उत्पाद यानी एचवीएसी ग्रिल्स, डिफ्यूज़र, लूवर्स और डैम्पर्स आदि का उत्पादन करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न उद्योगों के लिए हमारी कंपनी के पास उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।.
संस्कृति प्लेसमेंट सेल के अधिकारी आनंद त्रिपाठी ने बताया कि कंपनी द्वारा संस्कृति विवि बी.टेक. के आकाश मिश्रा, हरीओम शर्मा, इश कुमार पाराशर, दिलीप शर्मा, कुशल पाल, नितीश राघव तथा इंजीनिरिंग डिप्लोमा के दीपक शर्मा, आदर्श जादौन, मोनू, ताजवीर, हरकेश कुमार, दिनेश, देवेश शर्मा,राजेश कुमार, सचिन, अभय, मुकेश, मनोज सिंह, हर्षित राघव को नौकरी दी गई है। विद्यार्थियों के इस चयन पर हर्ष व्यक्त करते हुए विवि की सीईओ डी.मीनाक्षी शर्मा और कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने बधाई दी है। साथ ही उनको कंपनी के साथ मन लगाकर काम करने और विवि का नाम रौशन करने की नसीहत भी दी।
चंद्रप्रकाश सिंह मथुरा के नए जिलाधिकारी होंगे
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह का तबादला हुआ
शैलेंद्र कुमार सिंह कमिश्नर आगरा बनाए गए
कराटे खेल प्रतियोगिताओं से विद्यार्थी सीखते हैं आत्मरक्षा के गुर : विवेक
- एमडीयू रोहतक में आयोजित ऑल इंडिया कराटे प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोले जीएलए के विवेक
मथुरा : महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक, हरियाणा में आयोजित ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कराटे स्पर्धा का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के सीएफओ विवेक अग्रवाल ने किया।
शुभारंभ के दौरान विवेक अग्रवाल ने कहा कि आत्मरक्षा के गुर सीखना एक महत्वपूर्ण कौशल है जो कराटे या अन्य मार्शल आर्ट सीखने से विकसित होता है। जब विद्यार्थियों का असमाजिक तत्वों से होता है, तो कराटे में सीखी गई तकनीकें उन्हें खुद का बचाव करने की क्षमता प्रदान करती हैं। इसके अलावा यह खेल पढ़ाई के साथ-साथ आगे बढ़ने में भी मदद करता है।
इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के खेल निदेशक डा. आरपी गर्ग ने बताया कि ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कराटे प्रतियोगिता में देश 30 यूनिवर्सिटीज से लगभग 950 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। डा. आरपी गर्ग ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस दौरान कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बैकुंठ सिंह तथा महासचिव योगेश कालरा, टेक्निकल डायरेक्टर शिहान जयदेव शर्मा, जीएलए कराटे कोच हरीओम शुक्ला, मथुरा कराटे एसोसिएशन से सोनू निषाद ने उपस्थित रहे।
राजीव एकेडमी में छात्राएं सीख रहीं उद्यमिता के गुर
- 24 दिवसीय वुमेन इण्टरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम
- भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय की अभिनव पहल
मथुरा। महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे 24 दिवसीय इण्टरप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम में छात्राओं को उद्यमिता की गूढ़ बातें बताई जा रही हैं। रिसोर्स परसन विभव दुआ और सौरभ सातिया ने छात्राओं को बताया कि उद्योग के क्षेत्र में सफल होने के लिए मूलभूत आवश्यकता अपनी रुचि अनुरूप इकाई का चयन और उसे कार्यरूप दिया जाना होता है।
नेशनल इन्स्टीट्यूट फॉर इण्टरप्रिन्योरशिप एण्ड स्माल बिजनेस डेवलपमेंट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में न केवल महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है बल्कि छात्राओं की स्किल विकास हेतु तरह-तरह के टिप्स भी बताए जा रहे हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि यह 24 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा महिला उद्यमियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। छात्राएं तथा महिलाएं सैद्धांतिक पढ़ाई के बाद उद्यमी बनकर कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं। ऐसे में उद्यम शुरू करने से पहले या उद्यम को विकसित करने के लिए यदि आवश्यक टिप्स मिल जाएं तो इससे समय के साथ धन का अपव्यय भी नहीं होता। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में महिला उद्यमियों के लिए अपार अवसर हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना और मुद्रा योजना ऐसी ही योजनाएं हैं, जिनमें कम पूंजी में उद्योगों की सफल स्थापना की जा सकती है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि भारत की बेटियाँ, भारत की महिलाएं, पुरुषों की उद्यमिता भागीदारी में अधिक से अधिक प्रतिभाग करते हुए स्वयं के निजी उद्योग स्थापित कर देश की इकानॉमी को शिखर तक पहुंचाने का कार्य करें। रिसोर्स परसन विभव दुआ ट्रेनर (एनआईईएसबीयूडी) ने कहा कि यह स्किल डेवलपमेंट संस्था स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करती है जिसके बैनर तले स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों के रिसर्च बताए जाते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न इंस्टीट्यूटों में छात्राओं को ट्रेनिंग के साथ नए नए टिप्स दिए जाते हैं।
निसवार्ड गवर्नमेंट ऑफ इडिया अंडरटेकिंग से आये ट्रेनर सौरभ सातिया ने कहा कि नए उद्यमियों और स्वयं का उद्यम खड़ा करने वाली युवा महिला उद्यमियों के लिए भारत सरकार के उद्यमिता मंत्रालय द्वारा समय-समय पर दी जा रही ट्रेनिंग बहुत बड़ा प्रयास है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आपको नए समय (आज) के हिसाब से जो टिप्स मिल रहे हैं, वे भविष्य में आपको नया उद्यम शुरू करने व वर्तमान उद्यम को सुचारु रूप से चलाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि नए अपडेट्स ही हैं जिन्हें कोई अन्य उद्यमी आपको कभी भी नहीं बताएगा। नए अपडेट्स और स्किल सुधार से आपका उद्यम विकसित होगा तथा आपको आगे बढ़ने की हिम्मत-साहस प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम में छात्राओं को इण्टरप्रिन्योर बनने के प्रति मोटिवेशन इण्टरप्रिन्योर इकोसिस्टम व्यापार-उद्यमिता के अवसरों की पहचान करना, इम्प्लायबिलिटी स्किल विकसित करना, व्यापार शुरू करने के लिए प्रीप्लान बनाना और बैंक से लोन कैसे प्राप्त करें तथा सोशल मीडिया में डिजिटल साक्षरता द्वारा व्यापार कैसे बढ़ाएं की जानकारी पर स्किल डिलीवर हुए। इसके अलावा उद्यमिता विकास का मैनेजमेंट विभिन्न सरकारी योजनाओं का ज्ञान व उनसे लाभ प्राप्त कैसे करें, अन्य उद्योग व उद्योगपतियों से सकारात्मक नेटवर्क कैसे स्थापित किया जाए, उद्योग आरम्भ करते समय व प्रीप्लान के समय महत्वपूर्ण तथ्य मार्केट सर्वे कैसे करें आदि पर महत्वपूर्ण टिप्स प्रदान किए गए।
नेशनल इस्टीटयूट फॉर इण्टरप्रिन्योरशिप एण्ड बिजनेस डिवैलपमेंट द्वारा उद्यम शुरू करने वाले युवा उद्यमियों को दिए जाने वाले लाभ एवं ऑनलाइन उससे कैसे जुड़े रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर सहायता ली जा सके तथा ऑफ लाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में संस्था से मिलने वाले अनुभवों पर भी रिसोर्स परसन ने विस्तृत चर्चा की व युवा महिला उद्यमियों को कई प्रकार के उद्योग लगाने से सन्बन्धित टिप्स दिये। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने रिसोर्स परसन का स्वागत करते हुए उनका आभार माना।