Saturday, December 20, 2025
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विशेषज्ञों ने आरआईएस के विद्यार्थियों को बताईं एआई की खूबियां वर्कशाप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और करियर काउंसिलिंग पर दिया मार्गदर्शन

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मथुरा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हर क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है। एआई ने विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने के साथ ही हमारे रहने और काम करने के तरीके को नया आकार दिया है। मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण में प्रगति के साथ, एआई अधिक बुद्धिमान और सक्षम होता जा रहा है, जिससे इसके निहितार्थ और अनुप्रयोगों के बारे में उत्साह और चिंताएं दोनों बढ़ रही हैं। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में बियोंड मार्क्स बिल्डिंग ए लाइफ एण्ड करियर यू लव विषय पर आयोजित वर्कशॉप में विषय विशेषज्ञों ने बताईं।
वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को कीनोट स्पीकर कुणाल चावला सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वोल्वो कार स्वीडन, स्पेशल गेस्ट स्पीकर तुषार शर्मा, डाटा साइंटिस्ट वेस्टर्न डिजिटल इंडिया एवं राहुल शर्मा ब्रांड मैनेजर मार्केटिंग एट जोश एप का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। विषय विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं को एआई के माध्यम से करियर की सम्भावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कुणाल चावला ने बताया कि एआई का सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ उद्योगों में दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने की इसकी क्षमता है। उन्होंने कहा कि एआई कार्यों को सुव्यवस्थित करता है, जिससे मनुष्य अधिक जटिल और रचनात्मक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
तुषार शर्मा ने बताया कि विनिर्माण से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक, एआई ने प्रक्रियाओं में सुधार करने, त्रुटियों को कम करने और समग्र उत्पादकता को बढ़ावा देने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम की मदद से, एआई सिस्टम बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं, पैटर्न की पहचान कर सकते हैं और इंसानों की तुलना में डेटा-संचालित निर्णय तेजी से ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता बेहतर रोगी देखभाल, निदान और उपचार को सक्षम करके स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में क्रांति ला रही है। एआई एल्गोरिदम सटीक निदान और उपचार योजना बनाने में डॉक्टरों की सहायता के लिए रोगी रिकॉर्ड, प्रयोगशाला परिणाम और चिकित्सा छवियों जैसे चिकित्सा डेटा का विश्लेषण कर सकता है। उन्होंने बताया कि एआई दवा की खोज और जीनोमिक्स अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे वैज्ञानिकों को दवाओं की पहचान करने तथा जटिल बीमारियों में अंतर्दृष्टि उजागर करने में मदद मिल रही है।
राहुल शर्मा ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में व्यक्तिगत और अनुकूली शिक्षण अनुभव प्रदान करके शिक्षा में क्रांति लाने की क्षमता है। एआई एल्गोरिदम शैक्षिक सामग्री और सिफारिशों को तदनुसार तैयार करने के लिए छात्र-छात्राओं के सीखने के पैटर्न और प्राथमिकताओं का विश्लेषण कर सकता है। इंटेलिजेंट ट्यूशन सिस्टम बेहतर शिक्षण परिणामों को बढ़ावा देते हुए छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञों ने लाइफ स्किल्स, सक्सेस बियोंड मार्क्स, पेशन एण्ड स्ट्रैंथ, करियर ऑप्शन आदि विषयों पर भी अपने अनुभव साझा किए। वक्ताओं ने प्रश्नोत्तर संवाद शैली के माध्यम से विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने करियर की सम्भावनाओं को पंख लगा दिए हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हर तकनीक के जहां फायदे हैं वहीं उनके नकारात्मक पहलुओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता। स्कूल की प्रिंसिपल प्रिया मदान ने अतिथि वक्ताओं का बुके एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और करियर काउंसलिंग पर अनुभव साझा करते विषय विशेषज्ञ।

संस्कृति विवि में महिला सशक्तिकरण पर हुई चर्चा

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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में मिशन शक्ति चरण 5.0 के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला रोजगार अधिकारी सुश्री सुगंधा जैन को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित करतीं संस्कृति विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा।


मथुरा। संस्कृति विश्विद्यालय में मिशन शक्ति चरण 5.0 के अंतर्गत, “आत्मनिर्भरता और सरकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी ने राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर ज़ोर दिया। मुख्य अतिथि, जिला रोजगार अधिकारी, सुश्री सुगंधा जैन ने एक सारगर्भित व्याख्यान के साथ उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने छात्राओं को महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए बनाई गई विभिन्न सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तीकरण से जुड़े सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और कानूनी मुद्दों पर संवेदनशीलता और सरोकार व्यक्त किया जाता है। सशक्तीकरण की प्रक्रिया में समाज को पारंपरिक पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक किया जाता है, जिसने महिलाओं की स्थिति को सदैव कमतर माना है। वैश्विक स्तर पर नारीवादी आंदोलनों और यूएनडीपी आदि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने महिलाओं के सामाजिक समता, स्वतंत्रता और न्याय के राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। महिला सशक्तीकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारिरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।
उनके सत्र में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में जागरूकता और महिलाओं के विकास और उद्यमिता को समर्थन देने वाले कई प्रोत्साहन-आधारित कार्यक्रम भी शामिल थे। कार्यक्रम का समापन सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा के विशेष संबोधन के साथ हुआ, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और छात्राओं को समाज में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और नेतृत्व को मजबूत करने वाले कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम से प्रतिभागियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए सरकारी योजनाओं और अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरणा मिली। कार्यक्रम की समनव्यक संस्कृति स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एवं आईटी विभाग की डॉ रीना रानी थी।

चित्र परिचयः संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी।

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संस्कृति विवि में प्रतियोगिताओं के साथ मनाया गया आईईईई दिवस
मथुरा। संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी द्वारा आईईईई (इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रिक्स इंजीनियर्स) दिवस मनाया गया। रचनात्मकता, तकनीकि सोच और संचार कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। दोनों ही प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने बड़ी रुचि के साथ भाग लिया। प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थी पुरुस्कारों से सम्मानित किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी ने आईईईई दिवस के अवसर पर छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच नवाचार, अनुसंधान और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने में आईईईई के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. चेट्टी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे इस तरह के आयोजन युवा इंजीनियरों को रचनात्मक सोच विकसित करने और समाज की बेहतरी के लिए तकनीकी प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड आईटी के शिक्षक डॉ. पंकज गोस्वामी ने बताया कि हर साल मनाए जाने वाले इस दिवस पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स संस्थान के सदस्य दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम और संगोष्ठियाँ आयोजित करते हैं, जिनमें सदस्य तकनीकी विचारों पर सहयोग करते हैं। उन्होंने आईईईई दिवस पर अपने विचार साझा किए और विभिन्न तकनीकी गतिविधियों के आयोजन में संस्कृति आईईईई छात्र शाखा के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने छात्रों को अपने तकनीकी ज्ञान और नेतृत्व कौशल को बढ़ाने के लिए आईईईई के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. गरिमा गोस्वामी ने आईईईई छात्र कोर टीम के बारे में बात की और इस आयोजन को सफल बनाने में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने आईईईई सदस्यता के लाभों का संक्षिप्त परिचय भी दिया और बताया कि कैसे यह छात्रों को कार्यशालाओं, शोध प्रकाशनों और नेटवर्किंग के अवसरों के माध्यम से जुड़ने, सीखने और आगे बढ़ने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं ने प्रतिभागियों को टीम वर्क और विश्लेषणात्मक तर्क को बढ़ावा देते हुए प्रौद्योगिकी, नैतिकता और नवाचार के अंतर्संबंधों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
वाद-विवाद और तकनीकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में, क्या मनुष्यों को अन्य ग्रहों पर उपनिवेश स्थापित करने के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करना चाहिए?, क्या साइबर सुरक्षा उपायों को व्यक्तिगत गोपनीयता अधिकारों पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए?, क्या तकनीकी प्रगति से समझौता किए बिना सतत विकास संभव है? विषयों ने विद्यार्थियों ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। प्रतियोगिताओं के उपरांत निर्णायक मंडल ने बीसीए साइबर सुरक्षा प्रथम वर्ष अनूप दास को प्रथम, बी.टेक. के छात्र यश श्रीवास्तव को द्वितीय व बी.टेक द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रिया देवी को तृतीय स्थान पर चुना। इन तीनों ही विद्यार्थियों को पुरुस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम. बी. चेट्टी के दिशा-निर्देश पर डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी और डॉ. गरिमा गोस्वामी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

मथुरा। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के निर्देशन में खाद की कलाबाजरी रोकने के लिए प्रसाशनिक अफसरों की जिम्मेदारी सौंपी है।जो जगह जगह संचालित दुकानों पर पहुँच उर्वरकों की

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मथुरा। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के निर्देशन में खाद की कलाबाजरी रोकने के लिए प्रसाशनिक अफसरों की जिम्मेदारी सौंपी है।जो जगह जगह संचालित दुकानों पर पहुँच उर्वरकों की बिक्री की हक़ीक़त जान रहे हैं।इसी क्रम में डीएम ने पंडित जी खाद बीज भंडार तारसी, मथुरा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान भंडार के रजिस्टरों में कमियां और खाद की ओवररेटिंग पाई गई।
जिलाधिकारी ने भंडार के रजिस्टरों, भंडारण प्रणाली और गोदाम संचालन की विस्तृत जांच की। उन्होंने ई-पोस मशीन के माध्यम से डिजिटल अभिलेखों की भी पड़ताल की, जिसमें खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के आधार पर खाद वितरण की स्थिति जांची गई।
निरीक्षण में मिली खामियों के बाद जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने जिला कृषि अधिकारी और जिला सहायक निबंधक सहकारी समिति को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने के लिए समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसे निरीक्षणों का उद्देश्य केवल कमियों का पता लगाना नहीं, बल्कि समितियों के संचालन को अधिक दक्ष, पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना है। ओवररेटिंग पाए जाने पर उन्होंने पंडित जी खाद बीज भंडार तारसी का लाइसेंस रद्द करने तथा अन्य खाद बीज भंडारों की भी जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

राजीव एकेडमी के एमसीए विद्यार्थियों ने किया इंडस्ट्रियल विजिटनोएडा स्थित डुकैट कम्पनी में मिला विशेषज्ञों का करियर मार्गदर्शन

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मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के एमसीए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने नोएडा स्थित डुकैट कम्पनी का इंडस्ट्रियल विजिट किया। इस शैक्षिक यात्रा में विद्यार्थियों को उद्योग की वास्तविक प्रक्रियाओं की गहन समझ, आधुनिक तकनीकों की प्रत्यक्ष जानकारी तथा अनुभवी विशेषज्ञों से करियर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
राजीव एकेडमी द्वारा विद्यार्थियों को लगातार सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी कौशल और कॉर्पोरेट संस्कृति की व्यावहारिक जानकारी दिलाने के प्रयास किए जाते हैं ताकि वे उद्योग की नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकी नवाचारों से रूबरू हो सकें। इसी कड़ी में विगत दिनों संस्थान के एमसीए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने नोएडा स्थित डुकैट कम्पनी का इंडस्ट्रियल विजिट किया। इस शैक्षिक भ्रमण में विद्यार्थियों ने सॉफ्टवेयर विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा तथा डाटा साइंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
इस शैक्षिक भ्रमण में सॉफ्टवेयर विकास के सत्र में विद्यार्थियों ने विकास प्रक्रियाओं, प्रोग्रामिंग टूल्स और टीम सहयोग की कार्यप्रणाली को गहराई से समझा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के सत्र में विशेषज्ञों ने एआई के वास्तविक जीवन अनुप्रयोगों, विशेषकर वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्र में इसके उपयोग पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों ने फेस रिकॉग्निशन जैसी तकनीक का लाइव डेमो भी देखा, जिसने उनके उत्साह और जिज्ञासा को और बढ़ाया।
साइबर सुरक्षा से संबंधित सत्र में पेनिट्रेशन टेस्टिंग, क्रिप्टोग्राफिक तकनीकें और वास्तविक साइबर हमलों के केस स्टडीज को प्रस्तुत किया गया। विद्यार्थियों को यह भी समझाया गया कि साइबर सुरक्षा प्रमाण-पत्र आज के समय में कितने महत्वपूर्ण हैं और ये उनके करियर को नई दिशा दे सकते हैं। वहीं डाटा साइंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग के सत्र में छात्र-छात्राओं को डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड टेक्नोलॉजी के व्यावसायिक अनुप्रयोगों से परिचित कराया गया। विद्यार्थियों को न केवल नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई बल्कि उन्हें यह भी सिखाया गया कि कैसे इनका उपयोग विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में किया जा सकता है।
इस विजिट में विद्यार्थियों को इंटरेक्टिव सत्रों में भाग लेने का अवसर मिला, जहां उन्होंने उद्योग विशेषज्ञों से सीधे संवाद किया। विशेषज्ञों ने आईटी उद्योग की नई प्रवृत्तियों, उभरते हुए जॉब रोल्स और स्किल डेवलपमेंट पर विस्तार से चर्चा की। विद्यार्थियों ने भी अपने सवाल पूछे और उनके उत्तर प्राप्त किए। लाइव डेमो सत्रों में विद्यार्थियों ने फेस रिकॉग्निशन सिस्टम और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव हासिल किया। इसके अतिरिक्त करियर चर्चाओं के दौरान आईटी क्षेत्र में सम्भावनाओं, आवश्यक कौशलों और इंडस्ट्री-रेडी बनने के उपायों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि डुकैट की यह विजिट हमारे विद्यार्थियों के लिए एक यादगार अनुभव है। उन्होंने कहा कि कक्षा में सिखाई जाने वाली अवधारणाएं जब वास्तविक उद्योग प्रक्रियाओं के साथ जुड़ती हैं, तो विद्यार्थी न केवल बेहतर ढंग से सीखते हैं, बल्कि अपने करियर को लेकर और अधिक आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं। राजीव एकेडमी का उद्देश्य हमेशा यही रहा है कि विद्यार्थियों को इंडस्ट्री-रेडी बनाया जाए और उन्हें नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया जाए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने छात्र जीवन में शैक्षिक यात्राओं को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे छात्र-छात्राओं को उद्योग की वास्तविकताओं को समझने के साथ नवीनतम तकनीकी जानकारी मिलती है, जोकि जीवन भर उनके काम आती है।
चित्र कैप्शनः डुकैट कम्पनी का इंडस्ट्रियल विजिट करते एमसीए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी।

जीएल बजाज में हुई राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण पर चर्चा विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया जरूरी

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मथुरा। भारत के नवाचार परिदृश्य ने सक्रिय सरकारी पहलों, एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और बढ़ते अकादमिक-उद्योग सहयोग के चलते उल्लेखनीय प्रगति की है। लक्षित सुधारों, मज़बूत साझेदारियों तथा उन्नत कौशल विकास के माध्यम से स्थायी चुनौतियों का समाधान कर, भारत वैश्विक नवाचार लीडर के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, मथुरा में “राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से साझा कीं।
कॉर्पोरेट रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित “बिल्डिंग नेशनल इनोवेशन इकोसिस्टम” पैनल चर्चा का संचालन संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने किया। पैनल चर्चा से पूर्व उन्होंने आईटी और एचआर क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल, ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर तथा आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता का स्वागत किया। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने माना कि भारत का नवाचार परिदृश्य उल्लेखनीय रूप से विस्तार ले रहा है।
‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने तकनीकी नवाचार तथा उद्यमिता के लिये अनुकूल वातावरण तैयार किया है। आईआईटी में अनुसंधान पार्कों और उद्योग प्रायोजित प्रयोगशालाओं की स्थापना, अकादमिक अनुसंधान तथा व्यावसायिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को कम कर रही है। फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल ने तकनीकी नवाचार, विचारों के सृजन, स्किल एन्हॉसमेंट और इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना पर विशेष बल दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर ने स्टार्टअप संस्कृति के विकास में कौशल निर्माण एवं कक्षा में सीखी गई थ्योरी के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया वहीं, आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता ने नवीनतम कोडिंग कौशल सीखने और उनका उपयोग करके टिकाऊ स्टार्टअप्स की स्थापना एवं आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्ण प्रश्नोत्तर सत्र से हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं ने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि संस्थान द्वारा इनोवेशन काउंसिल के माध्यम से छात्र-छात्राओं के नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान ने छात्र-छात्राओं के टिकाऊ स्टार्टअप विचारों को समर्थन देने के लिए दो करोड़ रुपये का सीड फंड निर्धारित किया है। कार्यक्रम के अंत में डीजीएम सीआरसी नीरज गर्ग ने सभी अतिथि वक्ताओं का आभार मानते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन छात्र-छात्राओं के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
चित्र कैप्शनः राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में हिस्सा लेने वाले आईटी और एचआर क्षेत्र के विशेषज्ञ।

संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों ने छाता और रान्हेरा में फैलाई साइबर जागरूकता

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संशोधित समाचार
चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय के पालीटेक्नीक विभाग के विद्यार्थी बैनर लेकर जागरूकता रैली निकालते हुए।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पॉलिटेक्निक विभाग के विद्यार्थियों द्वारा डिजिटल जागरूकता और साइबर सुरक्षा पर ग्रामीण क्षेत्रों में एक जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के दौरान गावों में कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और लोगों की शंकाओं का भी समाधान किया गया।
यह कार्यक्रम छाता, रन्हेरा गाँव और श्री प्रेम चंद्रावती इंटर-कॉलेज की चहल-पहल भरी गलियों में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों और स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस पहल में डिप्लोमा प्रथम वर्ष के छात्रों राहुल, सचिन, अंकित कुमार, करण सिंह, लखन सिंह, तरुण और निखिल शर्मा द्वारा प्रस्तुत एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने धोखाधड़ी वाले लिंक, ओटीपी शेयरिंग और डिजिटल घोटालों के जोखिमों पर विस्तार से जानकारी दी। श्री प्रेम चंद्रावती इंटर-कॉलेज में, छात्रों जितेंद्र, दिव्यांशु कुमार, नावेद, अनुज उपाध्याय और अंजलि तोमर ने साइबर स्वच्छता और सुरक्षा पर उपयोगी भाषण दिए। इसके बाद स्कूली छात्रों के साथ एक संवादात्मक शंका-समाधान सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन और संचालन अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर सुश्री शुभ्रा पांडे ने किया और समन्वय अजय अग्रवाल ने किया। पॉलिटेक्निक विभाग के प्राचार्य डॉ. पंकज सारस्वत ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, कि इस कार्यक्रम ने हमारे छात्रों को कक्षा से परे व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया है। डिजिटल सुरक्षा समय की मांग है, और विद्यार्थियों के इस सराहनीय कार्य के लिए उनको बधाई देता हूं।
सुश्री पांडे के नेतृत्व, श्री अग्रवाल के समन्वय और छात्र नेताओं सूरज भारद्वाज, दीपक और तरुण बरोलिया के सहयोग से, इस कार्यक्रम ने न केवल साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाई, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक सहभागिता के प्रति संस्कृति विश्वविद्यालय की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।

संस्कृति विवि में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस में साक्ष्य आधार

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चित्र परिचय 2.नर्सिंग टीचर को सम्मानित करते अतिथिगण। साथ में हैं संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर केके पाराशर

मथुरा। संस्कृति स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन इंडिया के तत्वाधान राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में “रोल ऑफ एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिसेज एंड यूज़ ऑफ़ हैल्थ टेक्नोलॉजी इन इम्प्रोविंग पेशेंट्स आउटकम्स” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, सभापति एसटी/एसटी कल्याण संबधी समिति, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला जी, राज्यमंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग उत्तरप्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि मथुरा-वृन्दावन विधायक श्रीकांत शर्मा, विशेष अतिथि डॉ आई क्लेमेंट, श्रीमान सुरेश गौतम ने रोगियों रोगियों के परिणाम में सुधार लाने के लिए साक्षय आधारित प्रथाओं और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के उपयोग की भूमिका पर अपने उपयोगी संबोधन दिए।
इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के मंच पर और मंच पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एम. बी. चेट्टी, एनटीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. फारुख खान, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. पूनम ठाकुर, ऑर्गनिसिंग सेक्रेटरी व प्रदेश अध्यक्ष एनटीएआई प्रो. धीरज पाराशर, डिप्टी ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी मुकुल पाठक, यूनिवर्सिटी डीन डॉ यू. पूंगोड़ी, प्राचार्य के. के. पाराशर भी उपस्थित रहे।
स्पीकर डॉ. स्मृति अरोरा, डॉ. सुषमा कुमारी सैनी, डॉ अनु गौबा ने भी अपने उपयोगी विचार साझा किए। मॉडरेटर प्रो. डॉ प्रिस्चिल्ला सेमसन, श्रीमती आशा यादव, डॉ. अशोक काशीराम शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस दौरान कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2025 में चयनित 22 राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षकों को, टीचर्स रत्न पुरस्कार एवं दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सर्वोत्तम नर्सिंग शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। कांफ्रेस में दूर दराज से आए कुल 310 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।

के.डी. डेंटल कॉलेज में बीडीएस एवं एमडीएस के नए शैक्षिक सत्र का शुभारम्भ

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हवन-पूजन कर लिया अच्छे दंत चिकित्सक बनने का संकल्प
मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में वैदिक मंत्रोच्चार और हवन पूजन के साथ बीडीएस और एमडीएस-2025 के नए शैक्षिक सत्र का शुभारम्भ किया गया। चंद्रोदय मंदिर के विद्वतजनों अनिरुद्ध बलराम प्रभु, अंगद प्रभु, जनक प्रभु ने बीडीएस और एमडीएस के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को हवन-पूजन कराने के बाद भाई-बहन की तरह शांतिपूर्वक शिक्षा ग्रहण कर अच्छे दंत चिकित्सक बनने का संकल्प दिलाया।
नए शैक्षिक सत्र के शुभारम्भ से पहले चंद्रोदय मंदिर के तीनों विद्वतजनों के साथ प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी, सभी विभागाध्यक्षों ने प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेशजी एवं मां सरस्वती के छायाचित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्पार्चन किया। नए शैक्षिक सत्र के शुभारम्भ अवसर पर छात्र-छात्राओं को अनुशासन और मेहनत की सीख दी गई। प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए विद्यार्थियों से लगन और मेहनत से शिक्षा ग्रहण करने के साथ पीड़ित मानवता की सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासित जीवन ही इंसान के भविष्य की राह तैयार करता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को भरोसा दिया कि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी।
डॉ. लाहौरी ने कहा कि दंत चिकित्सा केवल चिकित्सा विज्ञान का अंग ही नहीं, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का साधन भी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी को जीवन का मंत्र बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताया कि के.डी. डेंटल कॉलेज शिक्षा संस्थान ही नहीं एक परिवार है। हमारा उद्देश्य बिना किसी दबाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यहां आप लोगों को विषय विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ लेते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने चाहिए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज में प्रत्येक बच्चे को पारिवारिक माहौल देने की कोशिश की जाती है। विद्यार्थी देश का भविष्य हैं और इनको ज्ञानवान तथा संस्कारवान बनाना प्रत्येक शिक्षक की जिम्मेदारी है। डॉ. अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि समय से जागिए, भोजन कीजिए तथा खेलकूद और पढ़ाई कीजिए।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी विद्यार्थियों को नए शैक्षिक सत्र की बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री अग्रवाल ने सभी छात्र-छात्राओं से अधिक मेहनत करने, संस्कारित बनने, माता-पिता का सम्मान करने तथा उनकी आज्ञा का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे न केवल अच्छे डॉक्टर बनें बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बनें।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम में विभागाध्यक्षों डॉ. हस्ती, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. उमेश, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत, डॉ. अनुज तथा प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि ने छात्र-छात्राओं को कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों, रिसर्च सुविधाओं और सामाजिक दायित्वों के बारे में जानकारी दी। अंत में बीडीएस के नवागंतुक छात्र-छात्राओं ने पढ़ाई में अधिक ध्यान देने, बेहतर परिणाम प्राप्त करने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
चित्र कैप्शनः ओरिएंटेशन प्रोग्राम में प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी, विभागाध्यक्ष और नवागंतुक छात्र-छात्राएं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने दिल्ली में फहराया परचम

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एम्स नई दिल्ली में हरमन सिंह ने टेबल टेनिस में जीते दोहरे खिताब
मिस पल्स-2025 का खिताब दीपिका खण्डेलवाल के नाम रहा
मथुरा। मेडिकल छात्र-छात्राओं के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली में आयोजित ‘पल्स-2025’ में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर, मथुरा के विद्यार्थियों हरमन सिंह चावला और दीपिका खण्डेलवाल ने स्वर्णिम सफलता हासिल कर समूचे ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। हरमन सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर जहां टेबल टेनिस का सिंगल्स और डबल्स का खिताब अपने नाम किया वहीं दीपिका खण्डेलवाल मिस पल्स-2025 चुनी गईं।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली छात्र संघ द्वारा 1973 से राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-सांस्कृतिक तथा खेल उत्सव मनाया जा रहा है। हाल ही में एम्स नई दिल्ली के राष्ट्रीय वार्षिक समारोह ‘पल्स-2025’ में देशभर के मेडिकल कॉलेज के हजारों छात्र-छात्राओं ने पांच दिन तक सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन किया। पल्स-2025 में के.डी. मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने न केवल सहभागिता की बल्कि तीन गोल्ड मेडल जीतकर कॉलेज और ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के पैडलर हरमन सिंह चावला ने टेबल टेनिस के एकल और डबल्स खिताब अपने नाम किए। हरमन सिंह ने टेबल टेनिस के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में एम्स नई दिल्ली के गर्वित को सीधे सेटों में 11-6,11-5 तथा 11-8 से पराजित कर फाइनल में जगह बनाई और फाइनल में जीएस हापुड़ मेडिकल कॉलेज के पराग को 4-2 सेटों से पराजित कर खिताब अपने नाम किया। हरमन की सफलता का विजयी रथ यहीं नहीं थमा उन्होंने डबल्स में आयुष (एमएएमसी) के साथ मिलकर पराग और हेमाक्ष की जोड़ी को सीधे सेटों में 4-0 से पराजित कर एक और खिताब अपने नाम किया।
हरमन सिंह चावला की कामयाबी से प्रेरित दीपिका खण्डेलवाल ने भी अपनी प्रतिभा का शानदार आगाज करते हुए रैम्प वॉक, डांस तथा बौद्धिक मूल्यांकन में श्रेष्ठता सिद्ध की। निर्णायकों ने दीपिका के प्रदर्शन को न केवल सराहा बल्कि मिस पल्स-2025 के खिताब से भी नवाजा। समापन समारोह में अतिथियों द्वारा के.डी. मेडिकल कॉलेज के हरमन और दीपिका को गोल्ड मेडल, विजेता ट्रॉफी तथा प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल तथा प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने चिकित्सा क्षेत्र की सबसे बड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने दोनों विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के स्वर्ण जयंती समारोह में स्वर्णिम सफलता हासिल करना यादगार लम्हा है। डॉ. अशोका ने खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में शानदार सफलता हासिल करने वाले हरमन एवं दीपिका की प्रशंसा करते हुए अन्य छात्र-छात्राओं से इनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
चित्र कैप्शनः प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका के साथ स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाले हरमन सिंह और दीपिका खण्डेलवाल।