वृंदावन। सपना देखकर उन्हें पूरा करने का जज्बा अगर हो तो कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊंचाई पर चढ़ अपना मुकाम हासिल कर सकता है। इसी उद्देश्य को साकार रूप प्रदान करते हुए वीपीएस की पूर्व छात्रा रहीं नैन्सी गुप्ता ने सी.एम.ए. कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटिंग घोषित नतीजों में फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण कर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने कल अपने CMA फाइनल परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। यह परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए आयोजित की गई थी जो कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग (CMA) के क्षेत्र में अपनी दक्षता और योग्यता साबित करना चाहते थे।
इस परीक्षा के परिणाम में वृंदावन पब्लिक स्कूल की छात्रा ने अग्रणीय स्थान प्राप्त कर विद्यालय ही नहीं अपितु सम्पूर्ण जनपद को गौरवान्वित किया है। अपनी लगन और कड़ी मेहनत से यह अविश्वसनीय मुकाम हासिल किया।
विद्यालय के निदेशक डॉ. ओमजी ने छात्रा की इस अभूतपूर्व सफलता पर उसे बधाई दी। छात्रा ने अपनी इस सफलता के लिए विद्यालय प्रबंधन व समस्त विद्यालय परिवार को श्रेय देते हुए कहा कि मेरी कक्षा 12 तक की प्रारंभिक शिक्षा वृंदावन पब्लिक स्कूल से ही हुई है और गुरुओं ने मेरा जो मार्गदर्शन किया आज उसी के फलस्वरूप मैंने यह सफलता प्राप्त की है।
वी पी एस की छात्रा नैन्सी गुप्ता ने ICAI कीC. M. A परीक्षा में हासिल की अभूतपूर्व सफलता
मथुरा रिफाइनरी में उत्पादकता सप्ताह 2025 का शुभारम्भ
12 से 18 फरवरी तक पूरे देश मे उत्पादकता सप्ताह मनाया जा रहा है। मथुरा रिफाइनरी में भी उत्पादकता सप्ताह का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मथुरा रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख श्री मुकुल अग्रवाल ने रिफाइनरी कर्मियों को सभी क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य करने की शपथ ग्रहण करवाई। यही शपथ अंग्रेज़ी मे श्री वी सुरेश, मुख्य महाप्रबंधक, (तकनीकी सेवाएँ एवं एच एस ई) ने सभी को ग्रहण करवाई। इस कार्यक्रम मे श्री भास्कर हजारिका, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ने स्वागत सम्बोधन दिया और उत्पादकता सप्ताह के महत्व पर प्रकाश डाला| श्री सुधांशु कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) ने निदेशक (रिफाइनरीज़) श्री अरविंद कुमार का संदेश सभी को पढ़कर सुनाया|
सभी को सम्बोधित करते हुए श्री मुकुल अग्रवाल ने कहा कि उत्पादकता विकास और समृद्धि की कुंजी है। इस वर्ष के विषय- “विचारों से प्रभाव तक: प्रतिस्पर्धा स्टार्टअप के लिए बौद्धिक संपदा की सुरक्षा” के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि विचारों के प्रभावशाली उपयोग से बिजनेस और स्टार्ट अप को बढ़ावा मिल सकता है| साथ ही उन्होने कहा कि इस बौद्धिक संपदा की सुरक्षा भी आवश्यक है जिससे विचारों की नकल या चोरी को रोका जा सके और एक- दूसरे के लिए समृद्धि के अवसर बनाए जा सकें|
इस अवसर पर श्री मुकेश शर्मा, महामंत्री, कर्मचारी संघ और श्री रविन्द्र यादव, सचिव, ओफिसर्स एसोसिएशन ने भी सभी को संबोधित किया| 12 से 18 फरवरी, 2025 तक उत्पादकता सप्ताह के दौरान, रिफाइनरी कर्मियों और स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा |
संस्कृति विवि के 16 विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र की प्रसिद्ध कंपनी ने दी नौकरी
मथुरा। कृषि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त फार्मरफेस आर्गेनिक टेक्नोलाजी प्रा.लि. कंपनी ने संस्कृति विश्वविद्यालय के 16 विद्यार्थियों को कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा अपनी कंपनी में नौकरी दी है। भारत की कृषि क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी के अधिकारियों ने कैंपस प्लेसमेंट रिक्रूटमेंट ड्राइव के अंतर्गत संस्कृति विवि के 16 विद्यार्थियों का चयन किया। विश्वविद्यालय की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनकी मेहनत, पढ़ाई के प्रति गंभीरता और लगन की सराहना की है।
कंपनी के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी कृषि के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देती है और एग्रीमार्ट एवं रिसर्च का काम करती है। फार्मरफेस जैविक सब्जियों की खेती और थोक बिक्री के क्षेत्र में काम करने वाली एक अग्रणी कंपनी है जहां किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक, कवकनाशी, कृषि मशीनरी, नवीनतम कृषि तकनीक, बाजार मूल्य के अनुसार सर्वोत्तम फसल चयन प्रदान किया जाता है। एक खिड़की के नीचे वैज्ञानिक सहयोग और बाजार भी। कंपनी अपनी अनुभवी टीम की मदद से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। फार्मरफेस ऑर्गेनिक टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्ट्रार, कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत है। कंपनी बिहार और उत्तर प्रदेश में सब्जी उत्पादन और थोक बिक्री सेवाएँ चला रही है। कंपनी भारत के अधिकांश शहरों में ये सेवाएं प्रदान करने के लिए टीम के साथ काम कर रही है। परियोजना क्षेत्र में कंपनी के पास जैविक सब्जी की खेती के लिए 50 कृषि स्नातक और 20 एमबीए (विपणन) जनशक्ति हैं।
त्रिआयामी चयन प्रक्रिया के बाद संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर, स्कूल आफ बेसिक अप्लाइड साइंसेज, एमबीए एग्री बिजनेस के मोहित सिंह, अमन बघेल, ऋतु अनन्या कश्यप, नवीन कुमार, बायोटेक की छात्रा पूर्वा गौतम, डाली, स्कूल आफ एग्रीकल्चर के छात्र कृष्ण गोपाल पाराशर, कृष्णा, पमाराजू, माधुरी वर्मा, राहुल कुमार, प्रियंका कुमारी, केशव शर्मा, सौरभ कुमार, मोहम्मद अयान उल्ला, प्रकाश कुमार, गुंजन शर्मा को आफर लेटर प्रदान किए गए हैं। विवि के कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी ने चयनित छात्र-छात्राओं को उनके प्लेसमेंट पर बधाई देते हुए कहा कि अपने ज्ञान और कौशल से नियोक्ता कंपनी के विकास में अपना सारा श्रम समर्पित करें। कंपनी की प्रगति ही आपके यश में वृद्धि करेगी।
जो भीड़ में गया वो भाड़ में गया मन चंगा तो कठौती में गंगा
विजय गुप्ता की कलम से
मथुरा। पुराने समय से यह कहावतें चली आ रही हैं कि “जो भीड़ में गया वो भाड़ में गया” और “मन चंगा तो कठौती में गंगा” किंतु इस ओर तो शायद नाम मात्र के लोगों का ही ध्यान है। ज्यादातर लोग तो ठीक उसी प्रकार भाड़ में जाने के लिए व्याकुल रहते हैं, जैसे पतंगा आग में जाने के लिये।
ताजा उदाहरण कुम्भ है। जब देख रहे हैं कि करोड़ों की भीड़ उमड़ी पड़ रही है, तो फिर उस समय क्यों नहीं जाते जब भीड़ का दबाव समाप्त हो जाय और क्या यह जरूरी है कि कुम्भ में जाना ही जाना है? भले ही मरें, गिरें, कुचलें या फिर तमाम तरह की परेशानियां झेलें लेकिन होड़ा होड़ी का ऐसा नशा सवार कि आगा पीछा भला बुरा सोचने की जरूरत नहीं बस एक ही धुन कि चलो कुम्भ में गोता ले आयें।
ऐसा लगता है कि जो कुम्भ में जाकर गंगा यमुना का जल अपने ऊपर छिड़क लेंगे या गोता ले लेंगे वे सीधे भगवान के गौलोक धाम जाएंगे और भगवान सभी को गले लगा कर उनका स्वागत करेंगे। बाकी जो कुम्भ नहीं जाएंगे उनका नर्क में जाना पक्का है।
मेरी समझ में नहीं आता कि ज्यादातर दुनियां वाले अपने दूषित कर्मों को तो छोड़ नहीं रहे और दिखावटी पन में मरे जा रहे हैं। बांके बिहारी मंदिर में ही देख लो रोजाना क्या हाल होता है। मुझे तो आस्था कम नौटंकी ज्यादा दिखाई देती है। मुझे तो पुरी के शंकराचार्य श्रद्धेय निश्चलानंद सरस्वती की यह बात बहुत अच्छी लगी कि आध्यात्म में पिकनिक का तड़का नहीं लगना चाहिए।
मैं ऐसी बातें कह कर यह सिद्ध नहीं कर रहा की कुम्भ जाना, मंदिरों के दर्शन करन या फिर अन्य तीर्थ स्थलों पर जाना अथवा परिक्रमा करना गलत है, किंतु भीड़ में ही क्यों?उछीर मैं क्यों नहीं? गोवर्धन में मुड़िया पूनों को ही ले लो बताने की जरूरत नहीं क्या हाल होता है।
संत रैदास जी भले ही रोजाना गंगा स्नान करने नहीं जाते किंतु गंगा मैया में उनकी श्रद्धा अटूट थी। मन ही मन गंगा जी की आराधना करते और जूते गांठने के अपने कर्म में लगे रहते। जब मौका मिलता तो गंगा स्नान भी कर आते किंतु दिनचर्या में शुद्ध आचरण और ईमानदारी के साथ जूतों के काम में तल्लीन रहते।
गंगा मैया की कृपा नित्य डुबकी लगाने वालों से कहीं ज्यादा उन पर थी। तभी तो रोती बिलखती महिला जिसका सौने का कड़ूला जो गंगा जी में गिर गया उसे उन्होंने चमड़ा भिगोने वाले पात्र कठौती में से निकाल कर दे दिया। भले ही संत रैदास मोची थे किंतु उनके कर्म, उनके विचार आदर्श थे। वे हम ऊंची जाति कहलाने वालों से भी ऊपर की श्रेणी में आते हैं। एक बार मेरी संत शैलजा कांत जी से बातें हो रहीं थीं। उन्होंने कहा कि जाति कर्मणा होती है जन्मना नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि आज यदि रैदास जी होते तो मैं उनके पैर धो-धो कर पीता।
अब वापस असली मुद्दे पर आता हूं। मुझे बिहारी जी, द्वारकाधीश, श्री कृष्ण जन्मभूमि आदि मंदिरों में गए अनेक वर्ष हो गए किंतु इसका कोई मलाल नहीं। अब तो रोजाना जमुना जी की हाजिरी भी घुटनों के कारण नहीं लग पाती भले ही जमुना मैया पास में ही हैं। इसका भी कोई ज्यादा मलाल नहीं। फिर भी जमुना मैया की कृपा इतनी कि कभी-कभी स्वप्न में हाजिरी लग जाती है और छटे छमाहे गोता भी।
अब स्वप्न का एक रोचक और ताजा वाकया बताता हूं। कुछ दिन पहले की बात है मैंने संत शैलजा कांत जी से पूंछा कि आप भी कुम्भ स्नान करने जाओगे क्या? उन्होंने कहा कि हां जाऊंगा। तो मैंने पूछा कि कब जा रहे हो, तो वे बोले कि जब भीड़ कम होगी तब चला जाऊंगा। इसके दो चार दिन बाद मैंने फिर पूछा की कुम्भ हो आए क्या? इस पर उन्होंने कहा कि वहीं जा रहा हूं इस समय रास्ते में हूं कल सुबह स्नान करूंगा।
अगले दिन मुझे स्वप्न में दिखाई दिया कि एक नदी में घुटनों घुटनों पानीं है और काफी लोग उसमें स्नान कर रहे हैं। स्नान करने वालों में मैं स्वयं भी था। मैंने चारों ओर नजर घुमाई तो मंदिरों के ऊंचे ऊंचे गुंबद तथा बड़े-बड़े लोहे के पुल दिखाई दिए। उन पुलों में एक पुल कलकत्ते के हावड़ा पुल जैसी बनावट का भी दिखाई दिया। स्वप्न में ही मैं सोचने लगा कि यहां हावड़ा ब्रिज कहां से आ गया यह कोई कलकत्ता तो है नहीं। फिर और दूर तक नजर गई तो कलकत्ते वाले हावड़ा ब्रिज का भी विराट स्वरूप दिखाई दे गया। इसके बाद मेरी आंख खुल गई यह वाकया ब्रह्म मुहूर्त के समय का था।
इसके बाद मेरे दिमांग में नदी में स्नान और हावड़ा ब्रिज की झलक घूमती रही। मैंने अपना स्वप्न संत शैलजा कांत जी को सुनाया और पूंछा कि क्या कुम्भ में हावड़ा पुल जैसी बनावट का कोई पुल है? इस पर उन्होंने कहा कि हां ऐसा एक पुल है। मैंने उनसे कहा कि फिर तो मैं बड़ा भाग्यशाली हूं जो बगैर इलाहाबाद गये कुम्भ का गोता ले आया। उन्होंने मुझे आशीर्वाद स्वरूप बधाई दी। दो-तीन दिन बाद हमारे बड़े भाई सीताराम जी भी कुम्भ स्नान करके लौटे तब भी मैंने उनसे पूंछा कि वहां आपने कोई ऐसा पुल देखा जो कलकत्ते के हावड़ा पुल जैसी बनावट का हो। उन्होंने भी यही कहा कि हां एक पुल हावड़ा पुल जैसी बनावट का है।
एक बात और बतादूं कि मेरे मन में कुम्भ जाने की कोई लालसा नहीं थी, बल्कि मैं तो कुम्भ जाकर भीड़ बढ़ाने वालों को कोसता रहता था किंतु ईश्वरीय कृपा ऐसी कि कुम्भ स्नान करा दिए। वह भी उसी दिन जब संत शैलजा कांत जी ने स्नान किये। इसे मैं पूज्य देवराहा बाबा महाराज की कृपा का परिणाम मानता हूं कि उन्होंने अपने परम प्रिय शिष्य शैलजा कांत जी की तरह कुम्भ स्नान करा दिया वह भी उसी दिन।
सौ की सीधी एक बात है कि हमें भीड़भाड़ से दूर रहकर तन से अधिक मन को चंगा रख कर परमार्थ की नदी में गोता लगाते रहना चाहिए। यही वेद, शास्त्र, पुराण और सभी धर्म ग्रंथो का सार है।
जीएल बजाज के वैश्विक सम्मेलन में होगा अनुसंधान पर मंथन
- इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में विद्वतजन प्रस्तुत करेंगे 307 शोध पत्र
मथुरा। शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए 13 और 14 फरवरी को जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में इंटेलिजेंट कंट्रोल, कम्प्यूटिंग और संचार पर आईईईई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसी3-2025) में प्रसिद्ध वैज्ञानिक, शिक्षाविद और उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञ तकनीकी प्रवृत्तियों और भविष्य की सम्भावनाओं पर विचार मंथन करेंगे।
आईईईई कॉन्फ्रेंस रिकॉर्ड नम्बर 63308 के तहत मान्यता प्राप्त इस दो दिवसीय वैश्विक सम्मेलन में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, सऊदी अरब, जर्मनी, ग्रीस आदि देशों के अग्रणी शोधकर्ता, शिक्षाविद और उद्योग विशेषज्ञ “नवाचार को अपनाना: अत्याधुनिक विकास की खोज” विषय पर अपने-अपने विचार साझा करेंगे। इस सम्मेलन के लिए 1080 शोध पत्र प्राप्त हुए थे, जिनमें से 307 को स्वीकृत किया गया है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि जीएल बजाज आईसी3- 2025 के माध्यम से वैश्विक स्तर पर नवीनतम तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है, जिससे समाज और उद्योग दोनों को लाभ मिले।
उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने कहा कि इस सम्मेलन में दुनिया भर के विद्वतजन पारम्परिक सीमाओं को लांघकर नियंत्रण प्रणालियों, कम्प्यूटिंग और संचार के क्षेत्र में नई चुनौतियों के समाधान तलाशने पर विचार-विमर्श करेंगे। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भविष्य के तकनीकी नवाचारों और वैश्विक सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा, जिससे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बुद्धिमान नियंत्रण प्रणालियों, अगली पीढ़ी की कम्प्यूटिंग तकनीकों और नवीन संचार प्रणालियों में हो रही प्रगति पर विचार-विमर्श के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करना है। आईसी3- 2025 में प्रतिभागी एआई-आधारित नियंत्रण प्रणालियां, क्लाउड और एज कम्प्यूटिंग नवाचार तथा उभरते संचार नेटवर्क जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। प्रो. अवस्थी ने बताया कि यह सम्मेलन वैश्विक शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के पेशेवरों और शिक्षाविदों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने का एक बेहतरीन मंच साबित होगा।
सम्मेलन समिति के अध्यक्ष डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) डी.एस. चौहान इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि होंगे। सम्मेलन में प्रस्तुत होने वाले शोध-पत्रों में 22 शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के हैं। 12 शोध पत्र एडोबी, एनवीडिया, आईबीएम, अमेजन जैसी शीर्ष कम्पनियों से आए हैं। सम्मेलन समिति के अध्यक्ष डॉ. वी.के. सिंह ने कहा कि आईसी3- 2025 की मेजबानी करना हमारे संस्थान की तकनीकी नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह आयोजन केवल नवीन अनुसंधान को प्रदर्शित करने के लिए नहीं बल्कि उन विचार-विमर्श को बढ़ावा देने के लिए भी है, जो भविष्य की तकनीकी क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
कोसीकलां – दादर एक्सप्रेस से यात्री ने सीट विवाद में यात्री को फेंका
दादर अमृतसर एक्सप्रेस के सामान्य कोच में सीट को लेकर यात्रियों में शनिवार रविवार की मध्य रात्रि दो यात्रियों में विवाद हो गया। गांव कोटवन के समीप एक यात्री को दूसरे यात्री ने धक्का दे दिया। जिससे गाड़ी में कोहराम मच गया। आरपीएफ की टीम ने घायल को गंभीर हालत में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे आगरा के लिए रेफर कर दिया। उधर यात्रियों ने आरोपी युवक को पकड़कर पलवल आरपीएफ के हवाले कर दिया। रात्रि में करीब डेढ़ बजे आगरा से दिल्ली की ओर जाने वाली 11057 दादर अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन के सामान्य कोच में यात्रियों के बीच सीट पर बैठने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस के अनुसार घायल ने बताया कि झगडे़ के बाद युवक ट्रेन के गेट पर जाकर खड़ा हो गया। आरोप है कि जब ट्रेन गांव कोटवन के पास से गुजर रही थी तभी आरोपी युवक ने उसे धक्का दे दिया। जिससे वह गिर कर घायल हो गया।यात्रियों ने युवक के ट्रेन से गिरने की सूचना रेलवे हेल्प लाइन के माध्यम से आरपीएफ को दी। इंस्पेक्टर गिर्राज सिंह, उपनिरीक्षक निति सिंह, हेड कांस्टेबिल उदल सिंह, हरेंद्र सिंह की टीम रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। टीम ने पेट्रोलिंग करके घायल युवक खोज लिया। रेलवे पुलिस आरपीएफ इंस्पेक्टर के अनुसार घायल युवक का नाम असलम बेग 24 वर्ष पुत्र इस्लाम बेग निवासी कश्मीरी गेट नई दिल्ली बताया गया है। सीएचसी प्रभारी गिरेंद्रपाल सिंह ने बताया कि घायल की गंभीर हालत को देखते हुए उसे आगरा रेफर कर दिया गया। उधर ट्रेन में सवार यात्रियों ने घटना को अंजाम देने वाले यात्री युवक को रैलबे की आरपीएफ पलवल के सुपुर्द कर दिया। जो कि विजय पुत्र सोनपाल निवासी गांव कमसरा, हसायन हाथरस का है। आरपीएफ पुलिस ने बताया पूछताछ चल रही है। सूचना के बाद घायल असलम बेग के परिजन अस्पताल पहुंच गए। घटना के बाद से ही आरपीएफ पुलिस में हड़कंप मच गया है। जिसने ट्रेनों में चेकिंग में तेजी शुरू कर दी है।
ब्रज में छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना स्वीटी ब्रज वारियर्स का लक्ष्य
- एमआर ग्रुप की स्वीटी ब्रज वारियर्स की टीम लखनऊ में आयोजित होने वाले टेनिस बॉल टूर्नामेंट में करेगी प्रतिभाग
मथुरा : उड़ने की ठान लो तो आसमां भी कुछ नहीं…जी हां यह पंक्तियां एमआर गु्रप पर सटीक बैठती हैं। ब्रज से शुरूआत कर पूरे देश में स्वीटी सुपारी की महक बिखरने के बाद अब स्वीटी ब्रज वारियर्स ने ब्रजवासियों में छिपी प्रतिभा को निखारने का लक्ष्य का ठाना है।
विदित रहे कि एमआर ग्रुप की टेनिस बॉल क्रिकेट टीम स्वीटी ब्रज वारियर्स की शुरूआत पिछले वर्ष हुई है। टीम और टीम में शामिल खिलाड़ियों से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में आयोजित ‘आगाज‘ कार्यक्रम में एमआर ग्रुप के चेयरमैन सुनील अग्रवाल, प्रबंध निदेशक तथा स्वीटी ब्रज वारियर्स टीम के को-फाउंडर लव कुमार बंसल एवं नंदिनी बंसल अपनी टीम के साथ पहुंचे।
लव बंसल ने छात्र-छात्राओं को स्वीटी ब्रज वारियर्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 13 से 22 फरवरी तक लखनऊ में आयोजित होने जा रही गैलेंट एलएलसीटेन10 में टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है, क्योंकि लीग में अब स्वीटी बाई एमआर ग्रुप की टीम ब्रज वॉरियर्स भी शामिल हो गई है, जिसके मेंटर पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह हैं।
लव बंसल ने कहा कि इस लीग के माध्यम से हम ब्रज मंडल के युवाओं को खेल की भावना के साथ आगे बढ़ने का मंच प्रदान कर रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है भगवान श्रीकृष्ण की नगरी की टीम के कप्तान कृष्णा हैं। लीग का आयोजन करने वाले अमर उजाला और लीजेंड्स लीग क्रिकेट ने हमें यह मौका दिया। हम न केवल खेल के प्रति जुनून के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे, बल्कि मैदान और मैदान के बाहर प्रशंसकों को एक अविस्मरणीय अनुभव देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
मथुरा-वृंदावन का गौरव बढ़ाएगी ब्रज वॉरियर्स
ब्रज मंडल के युवाओं से अपील करते हुए बंसल ने कहा कि मैं सभी युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे इस लीग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और ब्रज वॉरियर्स को विजेता बनाने का संकल्प लें। यह टीम मथुरा और वृंदावन के गौरव को राष्ट्रीय स्तर पर लेकर जाएगी। यह लीग युवाओं को अपने हुनर का प्रदर्शन करने और खेल में एक नई पहचान बनाने का शानदार मौका है।
जीएलए में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल, राधिका अग्रवाल, ब्रज वारियर्स टीम के कप्तान कृष्णा गवाली, उपकप्तान जयदीप डोयला अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे।
जीएलए ग्रेनो कैंपस में एआई और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर हुआ व्याख्यान
ग्रेटर नोएडा : जीएलए यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा ऑफ कैंपस में वेब3 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटावर्स और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर एक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। एआई और ब्लॉकचेन की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया और उभरते तकनीकी परिदृश्य को नेविगेट करने में रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान की।
व्याख्यान में छात्रों को फ्लुगेल्सॉफ्ट समूह के अध्यक्ष और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और एआई में एक सम्मानित सलाहकार हतीबरुआ ने उभरती प्रौद्योगिकियों और उद्यमिता के भविष्य में अपनी गहरी अंतर्दृष्टि से छात्रों और शिक्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अपने मुख्य व्याख्यान के दौरान हातिबरुआ ने उद्योगों को नया आकार देने में एआई और ब्लॉकचेन की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया और उभरते तकनीकी परिदृश्य को नेविगेट करने में रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान की। उनके इंटरैक्टिव सत्र ने छात्रों को नवाचार अपनाने, डिजिटल टूल का लाभ उठाने और विकसित हो रहे वेब3 पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
जीएलए विश्वविद्यालय ऑफ कैंपस के सीएसई विभाग के एसोसिएट प्रमुख डॉ. सुनील शर्मा ने प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप समुदाय में हातिबरुआ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि “उनकी यात्रा ने हमारे छात्रों के बीच नवाचार की भावना को प्रज्वलित किया है और अत्याधुनिक अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।“
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हिमांशु शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम का समापन एक पैनल चर्चा के साथ हुआ, जहां संकाय और छात्रों ने एआई-संचालित बिजनेस मॉडल से लेकर वित्तीय क्षेत्र पर ब्लॉकचेन के प्रभाव तक के विषयों पर हातिबरुआ के साथ बातचीत की।
प्रतिकुलपति प्रो. दिवाकर भारद्वाज ने बताया कि विद्यार्थियों के शिक्षा के साथ विशेषज्ञों के माध्यम से तकनीकी जानकारी मिले इसके लिए ऐसे व्याख्यान आयोजित कराये जा रहे हैं।
सुंदरकांड के साथ सम्पन्न हुआ हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर का आशीर्वाद समारोह
वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में कक्षा 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए एक भावुक और उल्लासपूर्ण आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का प्रारम्भ मुख्य अतिथि आचार्य मृदुल कांत शास्त्री व सिटी कॉर्डिनेटर, सीबीएसई अनिल यदुवंशी
ने माँ सरस्वती के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मृदुल कांत शास्त्री व अनिल यदुवंशी ने संयुक्त रूप से छात्राओं को आशीर्वचन देते हुए कहा कि हमें अपने लक्ष्य और स्वयं को बड़ा बनाना है। सकारात्मक सोच, समय, स्वास्थ्य, स्मरणशक्ति व गुणों में श्रेष्ठ बनना है। शिक्षा सिर्फ परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं होती बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती है।
सुंदरकांड व वैदिक मंत्रोच्चार के पाठ से छात्राओं को परिश्रम, अनुशासन व आत्मनिर्भरता, बल, बुद्धि आदि गुणों को आत्मसात कर हनुमान जी की वंदना की गई। विद्यालय द्वारा छात्राओं को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये। संगीत, नृत्य और कविता पाठ ने पूरे वातावरण को भावनात्मक बना दिया। अनुभव साझा करने के साथ छात्राओं ने विद्यालय में बिताये अपने पुराने दिनों को याद किया। कार्यक्रम का संचालन 11 वीं कक्षा की छात्राओं युविषा गुलाटी, कविता, हर्षिता आदि ने किया।
इस अवसर पर पद्मनाभ गोस्वामी, विश्वनाथ गुप्ता, उमेश शर्मा, रेखा माहेश्वरी, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा, प्रधानाचार्य डॉ अंजू सूद ने छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त होता है : गोविंदानंद
- परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में आयोजित हुआ आशीर्वाद समारोह
- छात्रों ने लगाई वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा
वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर की कक्षा दशम और द्वादश के छात्रों का आशीर्वाद समारोह उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। समारोह के प्रथम चरण में प्रातः काल सभी छात्रों ने मां सरस्वती के चरणों में प्रणाम करके पारंपरिक रूप से वृंदावन धाम की परिक्रमा के लिए प्रस्थान किया विद्यालय के प्रारंभ से ही यह परंपरा रही है। जब कक्षा द्वादश और दशम के विद्यार्थी ठाकुर श्री बांके बिहारी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एवं श्री वृंदावन की अधिष्ठात्री राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री वृंदावन धाम की परिक्रमा लगाते हैं।
विद्यालय के सभी छात्रों ने आचार्य बंधुओं की सद प्रेरणा से ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल की जय घोष के साथ इस परिक्रमा का शुभारंभ किया। इसके पश्चात विद्यालय में आयोजित द्वितीय चरण में अतिथियों की उपस्थिति में आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। सेवा मंगलम संस्थान के अध्यक्ष स्वामी गोविंदानंद तीर्थ ने बालकों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त होता है और स्वस्थ्य शरीर मन और आत्मा का सम्मिलन ही श्रेष्ठ नागरिक का निर्माण करता है।परमज्ञान की आधार भूमि को निर्मित करने वाले आचार्य सदैव आदरणीय और उनके प्रति आस्था रखकर ही विद्यार्थी जीवन के सत्य को प्राप्त कर पाता है।
विद्यालय के प्रबंधक शिवेन्द्र गौतम ने कहा कि राष्ट्र रक्षा का बल हमारे छात्र जीवन में हमारे हृदय में अंकुरित होना ही चाहिए और विद्या भारती विद्यालयों की परंपरा का पालन करते हुए यह शक्ति जो हमारे अंदर प्रसुप्त पड़ी है उसे जागृत करना भी हम सब का दायित्व है। हम एक गौरवशाली परंपरा का आधार हैं और इसे आगे ले जाने का दायित्व भी हमारा है।
आचार्य कपीश्वर कृष्ण ने छात्रों को परीक्षा हेतु आवश्यक सावधानियां बरतने और अपनी तैयारी को अत्यधिक प्रभाव शाली बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए। उप प्रधानाचार्य ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अनुशासन एवं श्रद्धा को हृदय में धारण करते हुए इस परीक्षा रूपी यज्ञ में अपने कर्म की आहुति देंगे तो इसका परिणाम आनंददायक ही प्राप्त होगा। आचार्य देवेंद्र गौतम ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करते हुए स्वागत किया एवं समारोह का संचालन हिंदी विभाग प्रमुख आचार्य रविंद्र पांडे द्वारा किया गया।