Friday, June 27, 2025
Home Blog Page 12

चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र सिंह यादव कार्यात्मक साक्षरता पर अपना व्याख्यान देते हुए।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ एजूकेशन ने सेमिनार हॉल में “कार्यात्मक साक्षरता: मुद्दे और चुनौतियाँ” पर एक विचारोत्तेजक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया। सत्र में साक्षरता के व्यापक अर्थ पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो वास्तविक जीवन में सशक्तिकरण के लिए एक साधन है, खासकर हाशिए पर पड़े समूहों के लिए।
मुख्य वक्ता, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र सिंह यादव ने जमीनी हकीकत को अकादमिक दृष्टिकोण से जोड़ते हुए एक उपयोगी व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कार्यात्मक साक्षरता पढ़ने और लिखने से परे कैसे होती है। उन्होंने बताया कि कार्यात्मक साक्षरता का मतलब है कि कोई व्यक्ति अपनी दैनिक जीवन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए पढ़ना, लिखना और गणना करना जानता है. इसका मतलब है कि वह अपनी जरूरतों के हिसाब से जानकारी निकाल सके, समझ सके, और उपयोग कर सके, जैसे कि बैंक स्टेटमेंट को समझना या फॉर्म भरना. उन्होंने कहा कि इसमें दैनिक जीवन को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल शामिल हैं, जैसे कि वित्त को संभालना, स्वास्थ्य सेवा की जानकारी को समझना और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँचना। उन्होंने लैंगिक असमानता, डिजिटल बहिष्कार और नीतिगत विसंगतियों जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया और केस स्टडी, सफल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता मॉडल के माध्यम से अपने विचारों को स्पष्ट किया।
कार्यक्रम में संस्कृति विवि की सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने साक्षरता और सामाजिक समावेश पर महत्वपूर्ण चर्चा शुरू करने के लिए स्कूल ऑफ एजुकेशन की सराहना की। डीन डॉ. रैनू गुप्ता, शिक्षकों और छात्रों ने सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। सुश्री ज्योति तोमर ने कार्यक्रम का समन्वय किया। डॉ. सरस्वती घोष ने वक्ता का परिचय दिया, डॉ. अर्चना शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और अनामिका ने एंकर की भूमिका निभाई। छात्र समन्वयक अग्रज, संस्कृति, शशि, शिवा और क्रिश राणा ने कार्यक्रम का सुचारू निष्पादन सुनिश्चित किया।

गजब का कमाल कर गये लालों के लाल लाला किशोरी लाल

 मथुरा। एक महापुरुष थे लाला किशोरी लाल भार्गव, वे मथुरा में बड़े ही अजब गजब का कमाल कर गये। कमालों के बारे में आज की पीढ़ी बिल्कुल अनभिज्ञ है।उनके कमालों की श्रृंखला लंबी है। उस पुराने जमाने में जब अंग्रेजों का शासन हुआ करता था तथा पढ़ाई लिखाई के नाम पर मथुरा नगरी लगभग शून्य सी थी तभी से इन्होंने शिक्षा के मंदिरों व अन्य सामाजिक योगदानों की झड़ी लगा दी।
 लाला किशोरी लाल भार्गव का जन्म 1814 में हुआ था। वे दिल्ली के बहुत बड़े जमींदार थे। उनके पास बेशुमार संपत्ति थी दुर्भाग्य की बात यह कि वे निसंतान थे। उनके गुरु वृंदावन के संत राधा रमण जी महाराज ने आज्ञा दी कि अपनी धन संपत्ति को ब्रजभूमि की सेवा में लगा दो। इसके बाद लाला किशोरी लाल भार्गव ने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए सन 1878 में चौक बाजार स्थित लाल दरवाजे के निकट ठाकुर किशोरी रमण महाराज के मंदिर की स्थापना की। किशोरी रमण मंदिर के नाम में उन्होंने आधा नाम अपने नाम में से और आधा अपने गुरु राधा रमण जी के नाम में से लिया तब हुआ किशोरी रमण। इस मंदिर का उन्होंने एक ट्रस्ट बना दिया। 
 अब उनके कमालों की श्रृंखला शुरू हो गई। मंदिर के बाद उन्होंने किशोरी रमण नाम के विद्यालयों महाविद्यालयों से लेकर मोंटेसरी स्कूलों तक की झड़ी लगा दी। सबसे पहले उन्होंने चौक बाजार स्थित भार्गव गली के सामने आठवीं तक की किशोरी रमण पाठशाला बनाई उसके बाद 1936 में किशोरी रमन इंटर कॉलेज तथा बाद में 1947 में डिग्री कॉलेज व ट्रेनिंग अकादमी की स्थापना की किशोरी रमण डिग्री और इंटर लड़कों का अलग लड़कियों का अलग। 1944 में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु सिलाई कढ़ाई का ट्रेनिंग कॉलेज बनाया इसके अलावा बच्चों के लिए किशोरी रमण मोंटेसरी स्कूल भी बनाया। लाला किशोरी लाल ने जयसिंह पुरा में किशोरी रमण वाटिका की स्थापना भी की। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि सबसे पहले जो किशोरी रमण पाठशाला आठवीं तक की बनाई उसके मैनेजर द्वारकानाथ भार्गव तथा हेड मास्टर रामचंद्र भार्गव और अपने साले लक्ष्मी नारायण भार्गव व सलहज भगवान देवी के साथ "अमरनाथ विद्या आश्रम" की स्थापना गुरुकुल पद्धति के अनुसार की। इसकी जमीन खरीदने में पैसा लाला किशोरी लाल के साले व सलहाज ने लगाया। दरअसल किशोरी लाल जी के साले व सलहज का एक ही बेटा था उसका नाम था अमरनाथ। दुर्भाग्य से वह बालक अल्पायु में चल बसा उसी के नाम पर "अमरनाथ विद्या आश्रम" नाम रखा गया।
 लाला किशोरी लाल भार्गव को अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था और इन सभी मंदिर, वाटिका व शिक्षण संस्थानों की स्थापना के लगभग 6 माह पश्चात वे चल बसे। उन्होंने उस जमाने में जब मथुरा में शिक्षा के नाम पर स्थिति लगभग नगन्य सी थी तब एक से बढ़कर एक अजब गजब के चमत्कारिक कार्य करके अपना नाम अमर कर दिया। यदि यौं कहा जाए कि कृष्ण की नगरी में शिक्षा का अलख उन्होंने ही जगाया तो गलत नहीं होगा। इन सभी शिक्षण संस्थाओं का संचालन किशोरी रमण मंदिर के ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसके प्रबंधक राजीव भार्गव उर्फ गुड्डू भार्गव है।
 लाला किशोरी लाल भार्गव ब्रजभूमि के लिए जो अद्भुत और अलौकिक कार्य कर गए उसके लिए यहां का कण-कण उनका कृतज्ञ रहेगा। भले ही उनकी कोई संतान नहीं थी किंतु लाखों बच्चों ने उनके द्वारा स्थापित शिक्षा के मंदिरों में जो ज्ञान प्राप्त किया उसका कोई मोल नहीं वह अनमोल है। ये लाखों बच्चे उनकी अपनी खुद की संतान से भी बढ़कर हैं। किशोरी लाल जी को भले ही आज के लोग न जानते हों किंतु ब्रजभूमि की रज के कण-कण में वे समाये हुए हैं।

आरआईएस की छात्राओं एंजलि और प्रांजलि ने जीते कांस्य पदकओलम्पिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु तथा साइना नेहवाल को मानती हैं अपना आदर्श

मथुरा। जिला ओलम्पिक एसोसिएशन एवं शटलर एलाइट क्लब मथुरा द्वारा गणेशरा स्पोर्ट्स स्टेडियम मथुरा में आयोजित जिलास्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल की होनहार छात्राओं एंजलि एवं प्रांजलि ने कांस्य पदक जीतकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आयोजकों ने दोनों छात्राओं को मेडल, ट्रॉफी तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, स्कूल हेड प्रिया मदान ने पदक विजेता छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
गणेशरा स्पोर्ट्स स्टेडियम मथुरा में 13 एवं 14 अप्रैल को आयोजित जिलास्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 10 की छात्रा एंजलि ने अण्डर-17 आयुवर्ग तथा कक्षा सात की छात्रा प्रांजलि ने अण्डर-15 आयुवर्ग की एकल स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीते। एंजलि की जहां तक बात है वह इससे पहले लखनऊ में खेल एवं युवा कल्याण विभाग तथा नेशनल स्पोर्ट्स प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित स्टेट बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक जीत चुकी है। होनहार एंजलि और प्रांजलि की पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि है। यह दोनों बहनें ओलम्पिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु तथा साइना नेहवाल को अपना आदर्श मानती हैं। इस प्रतियोगिता में मथुरा जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता करते हुए अपना दमखम दिखाया।
एंजलि-प्रांजलि की बैडमिंटन में शानदार सफलता से खुश आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने दोनों बहनों को बधाई देते हुए, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में खेलों में भी शानदार करियर है। छात्र-छात्राओं को यदि तन-मन से स्वस्थ रहना है तो उन्हें नियमित रूप से किसी न किसी खेल में हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेलना शरीर के लिए ही नहीं मन के लिए भी जरूरी है। छात्र-छात्राएं सफल खिलाड़ी बनकर लोकप्रियता के शिखर को छू सकते हैं।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने दोनों बहनों की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना तथा प्रत्येक छात्र-छात्रा की रुचि के अनुसार उसे अवसर उपलब्ध कराना है। श्री अग्रवाल ने कहा कि खेल अब सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि बेहतरीन करियर भी हैं। खेल के क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं के सामने कई विकल्प होते हैं। वह अपनी पसंद अनुसार अपने विकल्प का चुनाव कर लगन और मेहनत से लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।
स्कूल हेड प्रिया मदान ने कहा कि खेलों से तन-मन दोनों स्वस्थ रहता है। जब हम स्वस्थ होंगे तभी अपने लक्ष्य को सहजता से हासिल कर पाएंगे लिहाजा प्रत्येक छात्र और छात्रा को अपने दैनिक जीवन में किसी न किसी खेल मं जरूर शिरकत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेलों से प्रतिस्पर्धा के साथ ही अनुशासन और नेतृत्व क्षमता भी बढ़ती है।
चित्र कैप्शनः ट्रॉफी तथा प्रशस्ति पत्र के साथ होनहार एंजलि और प्रांजलि।

चित्र परिचय-संस्कृति विवि में डा.भीम राव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते संस्कृति कैप्स के निदेशक डा. रजनीश त्यागी। साथ में डा. डीएस तोमर।

मथुरा। डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर, संस्कृति विश्वविद्यालय के विधि एवं विधिक अध्ययन विद्यालय ने “हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान” विषयक एक विशेष कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के दृष्टिकोण, भारतीय संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका और उनके व्यापक बौद्धिक योगदान पर विचार व्यक्त किए।
कार्यशाला में संस्कृति विवि के विशेषज्ञ वक्ता डॉ. रजनीश त्यागी ने डॉ. भीम राव अंबेडकर के जीवन और विरासत के बारे में अपनी गहरी और सूक्ष्म जानकारी देकर विद्यार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि डा. अंबेडकर प्रतिकूल परिस्थितियों से निकलकर आधुनिक भारतीय इतिहास में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों से एक थे। उन्होंने इस प्रभावशाली व्यक्तित्व की असाधारण यात्रा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि डा. अंबेडकर ने जिन सामाजिक चुनौतियों और प्रणालीगत भेदभाव का सामना कर न्याय और समानता के उच्च दृष्टिकोण को स्थापित किया । डॉ. त्यागी ने डॉ. अंबेडकर की शिक्षा के प्रति अथक खोज पर प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, उनकी बौद्धिक प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बारे में भी विस्तार से प्रकाश डाला। व्याख्यान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में डॉ. अंबेडकर की ऐतिहासिक भूमिका को समर्पित था। डॉ. त्यागी ने संविधान में निहित मूल्यों- स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय- के बारे में विस्तार से बताया और बताया कि कैसे डॉ. अंबेडकर ने उन्हें नए स्वतंत्र भारत के ढांचे में सावधानीपूर्वक पिरोया। उन्होंने मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और बताया कि कैसे डॉ. अंबेडकर की दूरदर्शिता और कानूनी कौशल की स्पष्टता ने एक मजबूत और समावेशी संवैधानिक लोकतंत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, डॉ. त्यागी ने एक अर्थशास्त्री के रूप में डॉ. अंबेडकर के योगदान पर प्रकाश डाला, जो अक्सर उनके राजनीतिक और कानूनी कार्यों से प्रभावित होते हैं। उन्होंने सार्वजनिक वित्त, मौद्रिक नीति और भारतीय रुपये की समस्या जैसे विषयों पर डॉ. अंबेडकर के अग्रणी शोध के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे डॉ. अंबेडकर का आर्थिक विचार आज भी प्रासंगिक हैं, खासकर सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन और समावेशी विकास के संदर्भ में।
कार्यशाला के प्रारंभ में स्टूडेंट वेलफेयर विभाग के डीन डॉ. धर्मेंद्र सिंह तोमर ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के जीवन से जुड़े कई किस्से साझा किए। उनकी टिप्पणियाँ जानकारीपूर्ण और प्रेरक दोनों थीं, जिन्होंने छात्रों पर एक गहरी छाप छोड़ी और उन्हें डॉ. अंबेडकर की स्थायी विरासत पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए डा. रजनीश से अनेक सवाल किए, जिनके उत्तर देकर डा. रजनीश ने उनको संतुष्ट किया। कार्यशाला के समन्वयक संकेत वाजपेयी, सह समन्वयक लव गोस्वामी और छात्र संकाय के सदस्यों ने वक्ताओं को सम्मानित करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। अंत में डा. कमल सिंह धाकड़ के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

मैथ्स ओलंपियाड में वी पी एस के छात्रों ने साबित की उत्कृष्टता

वृंदावन। शैक्षिक गतिविधियों में नित नये आयमों, ऊंचाइयों व कीर्तिमानों को स्थापित करते हुए मथुरा मार्ग स्थित वृंदावन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने एस ओ एफ अंतरराष्ट्रीय मैथ्स ओलिंपियाड- 2024 में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया l छात्रों ने मैथ्स ओलंपियाड में अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय देकर जहां विद्यालय को गौरवान्वित किया वहीं अपने करियर को भी नई दिशा दी। विजयी छात्रों में देवांश सिंह, रुद्रांश अग्रवाल, निखिल अग्रवाल हिमांशी गुलाटी, गौरांग शर्मा को विजयी होने पर स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। विजयी छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय समस्त विद्यालय परिवार व विशेष रूप से गणित विभाग को दिया। विद्यालय परिवार ने समस्त छात्रों को उनकी सफलता के लिए बधाइयां दी। इस अवसर पर गणित विभाग से अशोक सैनी, सर्वदा वर्मा ने छात्रों को इसी प्रकार से शैक्षिक गतिविधियां में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही छात्रों को गणित विषय में रुचि लेने और तार्किक व बौद्धिक क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की खूबियों से रूबरू हुए आरआईएस के विद्यार्थीप्रो. नीता अवस्थी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर साझा किए अपने अनुभव

मथुरा। मौजूदा समय सूचना क्रांति का है। आज जितने भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित हो रहे हैं उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की बड़ी भूमिका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कम्प्यूटर साइंस की ऐसी एडवांस शाखा है, जिसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है ताकि वह इंसानों की तरह सोच सके और फैसले ले सके। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित वर्कशाप में जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
प्रो. अवस्थी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कम्प्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश होती है जिसके आधार पर एक इंसान का दिमाग काम करता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (ए.आई.) के क्षेत्र में करियर की अपार सम्भावनाएं हैं। आज विश्व के 70 फीसदी से अधिक संगठन ए.आई. का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेशेवर सेवाओं और विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान करते हुए उन्होंने कहा कि आज और आगे वाली पूरी शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षण की तकनीकों को फिर से सुधारने, नए सिरे से डिजाइन करने में ए.आई. की महत्वपूर्ण भूमिका है। ए.आई. के प्रयोग से हम अपने रोजमर्रा के जीवन में भी सुधार ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज के समय में ए.आई. के नवाचारों से कई बड़े उद्योग प्रगति की राह पर हैं। ए.आई. के प्रयोग से सुविधाजनक तकनीकों का व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है। ऐसी तकनीकें कारपोरेट जगत में छोटे-बड़े सभी उद्योगों को ए.आई. के माध्यम से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में ए.आई. के माध्यम से हम किसी भी विषय में सटीक पूर्वानुमान लगा सकते हैं।
प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि यदि भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महाशक्ति बनाना है तो हमें अपने कौशल में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ए.आई. स्वास्थ्य सेवा, भवन निर्माण से लेकर शिक्षा, खेलकूद, बैंकिंग, परिवहन आदि क्षेत्रों में क्रांति लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में परिवहन, संचार, उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों पर ए.आई. का बहुत प्रभाव है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अच्छाई और बुराई की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने वर्कशॉप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पर जो भी जानकारी हासिल की है, उस पर लगन और मेहनत से विचार मंथन करें ताकि भविष्य में जॉब सर्च करने में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से परिश्रमपूर्वक अध्ययन करने तथा अपनी नॉलेज को अपडेट रखने की सीख दी। आरआईएस की हेड प्रिया मदान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करने के लिए प्रो. नीता अवस्थी का आभार माना। साथ ही विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे आज की वर्कशॉप से मिली जानकारी का आधार लेकर अपने भविष्य की संरचना तैयार करें।
चित्र कैप्शनः राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी देते हुए प्रो. नीता अवस्थी।

राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं ने नयनाभिराम प्रस्तुतियों से मन मोहा


सिनर्जी 2025 में बही सतरंगी छटा, दिया एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट द्वारा आयोजित दो दिवसीय सिनर्जी 2025 में छात्र-छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुतियों से न केवल समां बांधा बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक झांकियों के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की झलक भी दिखाई। सिनर्जी 2025 का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सरस्वती वंदना के बीच विद्या की आराध्य देवी के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।
सिनर्जी 2025 में जिस तरह छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किए उन्हें देखकर साफ लगा कि इन्होंने अच्छी तैयारियां की हैं। इस अवसर पर निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह शैक्षिक संस्थान का दायित्व है कि वह स्नातक-परास्नातक छात्र-छात्राओं को न केवल किताबी ज्ञान दे बल्कि उनके अंदर छिपी प्रतिभा और टैलेंट को उजागर करने का मंच भी प्रदान करे। डॉ. भदौरिया ने जैसे ही कार्यक्रम के शुभारम्भ की घोषणा की खुले आकाश के नीचे बने भव्य मंच से गीत-संगीत की मधुर धुनें गूँजने लगीं।
रिया, सिद्धि, अनिता, सृष्टि, प्रियांशी ग्रुप द्वारा जहां संगीतमय नृत्य की प्रस्तुति पेश की गई वहीं सृष्टि ने एकल गायन के बीच मनमोहक नृत्य से हर किसी की वाहवाही लूटी। स्टैण्डअप कामेडी में कामेडियन अंजलि और आराधना ने ऐसा समां बांधा कि हर कोई लोटपोट हो गया। निशानी शर्मा की मिमिक्री की भी खूब सराहना हुई। प्रियांशी ग्रुप द्वारा प्रस्तुत कल्चरल डाईवर्सिटी डांस पर देर तक तालियां बजती रहीं। कारपोरेट स्किट और फैशन शो से जहां अलग-अलग राज्यों की झलक दिखी वहीं असमिया नृत्य, भरत नाट्यम, कुचिपुड़ी, कालबेलिया नृत्य आदि की प्रस्तुति से छात्राओं ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। मनमोहक कार्यक्रमों के बीच जैसे ही गुजराती संगीत की धुन बजी छात्राएं स्टेज पर गरबा खेलने लगीं।
सिनर्जी 2025 में सौरभ, धनंजय सोनी, दक्ष मिश्रा, शिवांगी, हिमांशी, दुर्गा, रुचिका गोस्वामी ने जहां मन को छू लेने वाले गीत प्रस्तुत किए वहीं भूमि, रिद्धि, श्रेया शर्मा, दिव्यांशी, शिवांगी, राजन आदि ने अलग-अलग प्रकार के शास्त्रीय गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। अनुष्का ने अपनी शायरी से श्रोताओं की वाहवाही लूटी। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं नेल आर्ट, टी-शर्ट पेंटिंग, मेकअप एण्ड फेस पेंटिंग, काव्य पाठ, मेहंदी प्रतियोगिता, रोल प्ले ड्रामा आदि में भी अपना कौशल दिखाया। छात्र-छात्राओं ने स्पीच एण्ड डिवेट में अपनी बौद्धिक क्षमता तथा वाकपटुता का शानदार नजारा पेश कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को जब सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने का सुअवसर मिलता है तब उनमें उत्साह और उमंग पैदा होती है। इतना ही नहीं ऐसे कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं के बीच सद्भाव बढ़ता है तथा उनकी झिझक दूर होती है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति व कला को संरक्षित रखने के लिए ऐसे आयोजन बहुत जरूरी हैं। उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने राजीव एकेडमी में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि अध्ययन के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, कला, संगीत जैसी पारम्परिक विधाओं में प्रवीण होना अच्छी बात है। अंत में निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सिनर्जी 2025 की सफलता के लिए छात्र-छात्राओं के साथ-साथ सभी प्राध्यापकों व नान एकेडमिक स्टाफ को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी के मिले-जुले प्रयासों से ही इस प्रकार के कार्यक्रम सफल होते हैं।
चित्र कैप्शनः मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर सिनर्जी 2025 का शुभारम्भ करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया साथ में अन्य प्राध्यापक। दूसरे चित्र में छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों को अवलोकन करते हुए निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया व अन्य प्राध्यापक। अन्य चित्रों में कार्यक्रम पेश करते हुए छात्र-छात्राएं।

चित्र परिचयः दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष संस्कृति विवि के प्रतिनिधि को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करते हुए।

संस्कृति विश्वविद्यालय अफ्रीकी विद्यार्थियों को देगा 500 छात्रवृत्तियां

मथुरा। दिल्ली में आयोजित इंडो-अफ्रीका स्कॉलरशिप घोषणा एवं अकादमिक उपलब्धि पुरस्कार समारोह के दौरान, संस्कृति विश्वविद्यालय ने अफ्रीकी छात्रों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के अधिकारी, अफ्रीकी देशों के राजनयिक और अनेक शिक्षाविद उपस्थित रहे।
संस्कृति विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर रतीश कुमार, प्रमुख (वैश्विक साझेदारी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘इंडिया-अफ्रीका साझेदारी’ पहल को आगे बढ़ाते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से भारत-अफ्रीका संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहा है। शिक्षा, सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से हम मिलकर एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं। ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के भारत प्रमुख संजीव सेठ ने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच शैक्षणिक सहयोग वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त बना सकता है। संस्कृति विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी संस्कृति विश्वविद्यालय की इस ऐतिहासिक घोषणा की प्रशंसा करते हुए कहा, “संस्कृति विश्वविद्यालय का यह कदम भारत और अफ्रीकी देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक पुल को मजबूत करेगा। हम विश्वविद्यालय की इस प्रतिबद्धता का हार्दिक स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह पहल दोनों क्षेत्रों के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगी। इस मौके पर ग्लोबल साउथ एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज की ओर से संस्कृति विवि के प्रो. रतीश कुमार प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन ने भारत और अफ्रीकी देशों के बीच बढ़ते सहयोग की एक सशक्त झलक प्रस्तुत की, जिसमें शिक्षा के माध्यम से वैश्विक दक्षिण के भविष्य को आकार देने की परिकल्पना स्पष्ट रूप से दिखाई दी।

के.डी. डेंटल कॉलेज के वार्षिक समारोह में मेधावी और खिलाड़ी सम्मानितमथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने बढ़ाया भावी दंत चिकित्सकों का हौसलापीजी टीम ने जमाया ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा

मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की बुधवार की शाम भावी दंत चिकित्सकों के नाम रही। अवसर था कॉलेज के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का। कॉलेज के आडिटोरियम में उत्साह और उमंग के बीच करतल ध्वनि के बीच लगभग चार घंटे तक चले समारोह में मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल तथा कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी के करकमलों से शैक्षणिक, खेल, सांस्कृतिक तथा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा चैम्पियंस ट्रॉफियां प्रदान कर सम्मानित किया गया। वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का शुभारम्भ विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती वंदना से हुआ।
डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने कॉलेज की सालभर की गतिविधियों की रिपोर्ट पेश करने से पहले मुख्य अतिथि मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग तथा विशिष्ट अतिथि मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल का स्वागत किया। समारोह में छात्र-छात्राओं ने जहां एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर अपने हुनर का रंग जमाया वहीं अतिथियों ने लगभग एक पखवाड़े तक चली खेल गतिविधियों को चलचित्र के माध्यम से देखकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन की दिल खोलकर प्रशंसा क
पुरस्कार वितरण समारोह में पीजी टीम को ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी देने के साथ ही स्पोर्ट्स-स्पर्धा की विजेता ट्रॉफी भी प्रदान की गई। कल्चरल इवेंट की विजेता ट्रॉफी बीडीएस तृतीय वर्ष के नाम रही। ओवरआल बेस्ट खिलाड़ी के पुरस्कार पीजी के डॉ. अपूर्व तथा बीडीएस द्वितीय वर्ष की श्रुति ने जीते। इसी तरह संकाय सदस्यों के बीच हुई विभिन्न खेल स्पर्धाओं में उत्कृष्ट और दमदार प्रदर्शन करने के लिए डॉ. ओमकार तथा डॉ. नेहा को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार से नवाजा गया। इस अवसर पर संस्थान के टॉपर छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग ने अपने सम्बोधन में सभी विजेता-उपविजेता छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हर व्यक्ति जीवन में किसी न किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य तय करता है लेकिन सफलता उसे ही मिलती है जोकि मेहनत करता है। श्री गर्ग ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने कॅरिअर पर पूरी तरह फोकस करें जिससे इस संस्थान से अच्छे डॉक्टर बनकर निकलें। उन्होंने कहा कि खेल जीवन के लिए नितांत जरूरी है। खेलों से न केवल शारीरिक व मानसिक विकास होता है बल्कि व्यक्तित्व का भी विकास होता है। युवा खेलों के माध्यम से समाज को कुरीतियों तथा अनेक प्रकार के व्यसनों से सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपनी ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाने का आह्वान किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों की अच्छे आयोजन के लिए सराहना की। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी दिनचर्या में खेलों को जरूर अहमियत दें ताकि उनका तन और मन स्वस्थ रहे। अंत में डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने संकाय सदस्यों डॉ. विनय मोहन, डॉ. हस्ती कनकेरिया, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. उमेश, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. अनुज गौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया, स्पोर्ट्स आफीसर डॉ. सोनू शर्मा, लोकेश शर्मा, राहुल सोलंकी, लक्ष्मीकांत चौधरी आदि की अच्छे और सफल आयोजन के लिए मुक्तकंठ से प्रशंसा की। डॉ. लाहौरी ने संकाय सदस्यों की खेलों में अभिरुचि और प्रदर्शन की भी सराहना की। कार्यक्रम का संचालन अदिति अग्रवाल एवं अदिति शर्मा ने किया। आभार डॉ. उत्कर्ष ने माना।
चित्र कैप्शनः अतिथियों के साथ ओवरआल चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता पीजी टीम। दूसरे चित्र में मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करने के बाद मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल, कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी तथा अन्य संकाय सदस्य। तीसरे चित्र में मथुरा जिला कारागार अधीक्षक अंशुमन गर्ग का स्वागत करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल साथ में हैं प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी।

उल्टा न पड़ जाए निलंबित डीपीआरओ का स्वागत सत्कार करना

रिश्वत लेने के आरोप में जिला कारागार मेरठ में निरुद्ध निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी के जमानत पर रिहा होते ही उनकी सरपरस्ती में फलफूल रहे अधीनस्थों में खुशी की लहर दौड़ गई। यही नहीं रिहाई के बाद उन्हें लेने के लिए जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत सचिव, प्रधान और ठेकेदार मेरठ पहुंचे।अब मेरठ जिला कारागार के बाहर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।जिन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चा चल रही हैं।
दरअसल 4 फरवरी को डीपीआरओ को रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस लखनऊ की टीम ने गिरफ्तार कर मेरठ जेल भेज दिया था। निचली अदालत से उनकी जमानत निरस्त होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद 3 अप्रैल को उनकी जमानत सशर्त मंजूर कर दी थी। इसी जमानत आदेश के आधार पर मंगलवार शाम को किरन चौधरी को मेरठ जेल से रिहा किया गया।यह खबर उनके लोगो को मिली तो वह मेरठ जेल के बाहर उन्हें रिशीव करने पहुंच गए जहां फूल मालाओं से स्वागत का फ़ोटो वायरल हो रहा है । फ़ोटो में जनप्रतिनिधि ठेकेदार और सरकारी कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं।जो कि जिला छोड़कर वहां पहुंचे हैं।अब इन सरकारी मुलाजिमों के बिना बताए जिला छोड़े जाने के मामले में उच्चाधिकारी संज्ञान ले सकते हैं।निलंबित डीपीआरओ का स्वागत मेरठ जेल के बाहर के साथ साथ यमुना एक्सप्रेसवे और चंद्रपुरी में भी किया गया है।जबकि इनमें शामिल पंचायत सचिव ऐसे हैं जिनकी ड्यूटी अन्य ब्लॉकों में हैं तो वह अपना कार्यक्षेत्र छोड़कर निलंबित डीपीआरओ के स्वागत सत्कार में कैसे पहुंचे,इन्हीं को लेकर राजनेताओं सहित अन्य लोगों के बीच चर्चाओं का दौर चल रहा है।