Friday, October 10, 2025
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जीएल बजाज में हुई राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण पर चर्चा विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया जरूरी

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मथुरा। भारत के नवाचार परिदृश्य ने सक्रिय सरकारी पहलों, एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और बढ़ते अकादमिक-उद्योग सहयोग के चलते उल्लेखनीय प्रगति की है। लक्षित सुधारों, मज़बूत साझेदारियों तथा उन्नत कौशल विकास के माध्यम से स्थायी चुनौतियों का समाधान कर, भारत वैश्विक नवाचार लीडर के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, मथुरा में “राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से साझा कीं।
कॉर्पोरेट रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित “बिल्डिंग नेशनल इनोवेशन इकोसिस्टम” पैनल चर्चा का संचालन संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने किया। पैनल चर्चा से पूर्व उन्होंने आईटी और एचआर क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल, ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर तथा आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता का स्वागत किया। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने माना कि भारत का नवाचार परिदृश्य उल्लेखनीय रूप से विस्तार ले रहा है।
‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने तकनीकी नवाचार तथा उद्यमिता के लिये अनुकूल वातावरण तैयार किया है। आईआईटी में अनुसंधान पार्कों और उद्योग प्रायोजित प्रयोगशालाओं की स्थापना, अकादमिक अनुसंधान तथा व्यावसायिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को कम कर रही है। फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल ने तकनीकी नवाचार, विचारों के सृजन, स्किल एन्हॉसमेंट और इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना पर विशेष बल दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर ने स्टार्टअप संस्कृति के विकास में कौशल निर्माण एवं कक्षा में सीखी गई थ्योरी के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया वहीं, आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता ने नवीनतम कोडिंग कौशल सीखने और उनका उपयोग करके टिकाऊ स्टार्टअप्स की स्थापना एवं आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्ण प्रश्नोत्तर सत्र से हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं ने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि संस्थान द्वारा इनोवेशन काउंसिल के माध्यम से छात्र-छात्राओं के नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान ने छात्र-छात्राओं के टिकाऊ स्टार्टअप विचारों को समर्थन देने के लिए दो करोड़ रुपये का सीड फंड निर्धारित किया है। कार्यक्रम के अंत में डीजीएम सीआरसी नीरज गर्ग ने सभी अतिथि वक्ताओं का आभार मानते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन छात्र-छात्राओं के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
चित्र कैप्शनः राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में हिस्सा लेने वाले आईटी और एचआर क्षेत्र के विशेषज्ञ।

संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों ने छाता और रान्हेरा में फैलाई साइबर जागरूकता

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संशोधित समाचार
चित्र परिचयः संस्कृति विश्वविद्यालय के पालीटेक्नीक विभाग के विद्यार्थी बैनर लेकर जागरूकता रैली निकालते हुए।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के पॉलिटेक्निक विभाग के विद्यार्थियों द्वारा डिजिटल जागरूकता और साइबर सुरक्षा पर ग्रामीण क्षेत्रों में एक जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के दौरान गावों में कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और लोगों की शंकाओं का भी समाधान किया गया।
यह कार्यक्रम छाता, रन्हेरा गाँव और श्री प्रेम चंद्रावती इंटर-कॉलेज की चहल-पहल भरी गलियों में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों और स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस पहल में डिप्लोमा प्रथम वर्ष के छात्रों राहुल, सचिन, अंकित कुमार, करण सिंह, लखन सिंह, तरुण और निखिल शर्मा द्वारा प्रस्तुत एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने धोखाधड़ी वाले लिंक, ओटीपी शेयरिंग और डिजिटल घोटालों के जोखिमों पर विस्तार से जानकारी दी। श्री प्रेम चंद्रावती इंटर-कॉलेज में, छात्रों जितेंद्र, दिव्यांशु कुमार, नावेद, अनुज उपाध्याय और अंजलि तोमर ने साइबर स्वच्छता और सुरक्षा पर उपयोगी भाषण दिए। इसके बाद स्कूली छात्रों के साथ एक संवादात्मक शंका-समाधान सत्र का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन और संचालन अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर सुश्री शुभ्रा पांडे ने किया और समन्वय अजय अग्रवाल ने किया। पॉलिटेक्निक विभाग के प्राचार्य डॉ. पंकज सारस्वत ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, कि इस कार्यक्रम ने हमारे छात्रों को कक्षा से परे व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया है। डिजिटल सुरक्षा समय की मांग है, और विद्यार्थियों के इस सराहनीय कार्य के लिए उनको बधाई देता हूं।
सुश्री पांडे के नेतृत्व, श्री अग्रवाल के समन्वय और छात्र नेताओं सूरज भारद्वाज, दीपक और तरुण बरोलिया के सहयोग से, इस कार्यक्रम ने न केवल साइबर अपराध के बारे में जागरूकता फैलाई, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक सहभागिता के प्रति संस्कृति विश्वविद्यालय की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।

संस्कृति विवि में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस में साक्ष्य आधार

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चित्र परिचय 2.नर्सिंग टीचर को सम्मानित करते अतिथिगण। साथ में हैं संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर केके पाराशर

मथुरा। संस्कृति स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन इंडिया के तत्वाधान राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में “रोल ऑफ एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिसेज एंड यूज़ ऑफ़ हैल्थ टेक्नोलॉजी इन इम्प्रोविंग पेशेंट्स आउटकम्स” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, सभापति एसटी/एसटी कल्याण संबधी समिति, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला जी, राज्यमंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग उत्तरप्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि मथुरा-वृन्दावन विधायक श्रीकांत शर्मा, विशेष अतिथि डॉ आई क्लेमेंट, श्रीमान सुरेश गौतम ने रोगियों रोगियों के परिणाम में सुधार लाने के लिए साक्षय आधारित प्रथाओं और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के उपयोग की भूमिका पर अपने उपयोगी संबोधन दिए।
इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के मंच पर और मंच पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एम. बी. चेट्टी, एनटीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. फारुख खान, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. पूनम ठाकुर, ऑर्गनिसिंग सेक्रेटरी व प्रदेश अध्यक्ष एनटीएआई प्रो. धीरज पाराशर, डिप्टी ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी मुकुल पाठक, यूनिवर्सिटी डीन डॉ यू. पूंगोड़ी, प्राचार्य के. के. पाराशर भी उपस्थित रहे।
स्पीकर डॉ. स्मृति अरोरा, डॉ. सुषमा कुमारी सैनी, डॉ अनु गौबा ने भी अपने उपयोगी विचार साझा किए। मॉडरेटर प्रो. डॉ प्रिस्चिल्ला सेमसन, श्रीमती आशा यादव, डॉ. अशोक काशीराम शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस दौरान कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2025 में चयनित 22 राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षकों को, टीचर्स रत्न पुरस्कार एवं दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सर्वोत्तम नर्सिंग शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। कांफ्रेस में दूर दराज से आए कुल 310 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।

के.डी. डेंटल कॉलेज में बीडीएस एवं एमडीएस के नए शैक्षिक सत्र का शुभारम्भ

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हवन-पूजन कर लिया अच्छे दंत चिकित्सक बनने का संकल्प
मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में वैदिक मंत्रोच्चार और हवन पूजन के साथ बीडीएस और एमडीएस-2025 के नए शैक्षिक सत्र का शुभारम्भ किया गया। चंद्रोदय मंदिर के विद्वतजनों अनिरुद्ध बलराम प्रभु, अंगद प्रभु, जनक प्रभु ने बीडीएस और एमडीएस के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को हवन-पूजन कराने के बाद भाई-बहन की तरह शांतिपूर्वक शिक्षा ग्रहण कर अच्छे दंत चिकित्सक बनने का संकल्प दिलाया।
नए शैक्षिक सत्र के शुभारम्भ से पहले चंद्रोदय मंदिर के तीनों विद्वतजनों के साथ प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी, सभी विभागाध्यक्षों ने प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेशजी एवं मां सरस्वती के छायाचित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्पार्चन किया। नए शैक्षिक सत्र के शुभारम्भ अवसर पर छात्र-छात्राओं को अनुशासन और मेहनत की सीख दी गई। प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी ने अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए विद्यार्थियों से लगन और मेहनत से शिक्षा ग्रहण करने के साथ पीड़ित मानवता की सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासित जीवन ही इंसान के भविष्य की राह तैयार करता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को भरोसा दिया कि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी।
डॉ. लाहौरी ने कहा कि दंत चिकित्सा केवल चिकित्सा विज्ञान का अंग ही नहीं, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का साधन भी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी को जीवन का मंत्र बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताया कि के.डी. डेंटल कॉलेज शिक्षा संस्थान ही नहीं एक परिवार है। हमारा उद्देश्य बिना किसी दबाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यहां आप लोगों को विषय विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ लेते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने चाहिए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज में प्रत्येक बच्चे को पारिवारिक माहौल देने की कोशिश की जाती है। विद्यार्थी देश का भविष्य हैं और इनको ज्ञानवान तथा संस्कारवान बनाना प्रत्येक शिक्षक की जिम्मेदारी है। डॉ. अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि समय से जागिए, भोजन कीजिए तथा खेलकूद और पढ़ाई कीजिए।
प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने सभी विद्यार्थियों को नए शैक्षिक सत्र की बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री अग्रवाल ने सभी छात्र-छात्राओं से अधिक मेहनत करने, संस्कारित बनने, माता-पिता का सम्मान करने तथा उनकी आज्ञा का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वे न केवल अच्छे डॉक्टर बनें बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बनें।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम में विभागाध्यक्षों डॉ. हस्ती, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. उमेश, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत, डॉ. अनुज तथा प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि ने छात्र-छात्राओं को कॉलेज की विभिन्न गतिविधियों, रिसर्च सुविधाओं और सामाजिक दायित्वों के बारे में जानकारी दी। अंत में बीडीएस के नवागंतुक छात्र-छात्राओं ने पढ़ाई में अधिक ध्यान देने, बेहतर परिणाम प्राप्त करने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
चित्र कैप्शनः ओरिएंटेशन प्रोग्राम में प्राचार्य और डीन डॉ. मनेश लाहौरी, विभागाध्यक्ष और नवागंतुक छात्र-छात्राएं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने दिल्ली में फहराया परचम

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एम्स नई दिल्ली में हरमन सिंह ने टेबल टेनिस में जीते दोहरे खिताब
मिस पल्स-2025 का खिताब दीपिका खण्डेलवाल के नाम रहा
मथुरा। मेडिकल छात्र-छात्राओं के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली में आयोजित ‘पल्स-2025’ में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर, मथुरा के विद्यार्थियों हरमन सिंह चावला और दीपिका खण्डेलवाल ने स्वर्णिम सफलता हासिल कर समूचे ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। हरमन सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर जहां टेबल टेनिस का सिंगल्स और डबल्स का खिताब अपने नाम किया वहीं दीपिका खण्डेलवाल मिस पल्स-2025 चुनी गईं।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली छात्र संघ द्वारा 1973 से राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-सांस्कृतिक तथा खेल उत्सव मनाया जा रहा है। हाल ही में एम्स नई दिल्ली के राष्ट्रीय वार्षिक समारोह ‘पल्स-2025’ में देशभर के मेडिकल कॉलेज के हजारों छात्र-छात्राओं ने पांच दिन तक सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन किया। पल्स-2025 में के.डी. मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने न केवल सहभागिता की बल्कि तीन गोल्ड मेडल जीतकर कॉलेज और ब्रज क्षेत्र का गौरव बढ़ाया।
के.डी. मेडिकल कॉलेज के पैडलर हरमन सिंह चावला ने टेबल टेनिस के एकल और डबल्स खिताब अपने नाम किए। हरमन सिंह ने टेबल टेनिस के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में एम्स नई दिल्ली के गर्वित को सीधे सेटों में 11-6,11-5 तथा 11-8 से पराजित कर फाइनल में जगह बनाई और फाइनल में जीएस हापुड़ मेडिकल कॉलेज के पराग को 4-2 सेटों से पराजित कर खिताब अपने नाम किया। हरमन की सफलता का विजयी रथ यहीं नहीं थमा उन्होंने डबल्स में आयुष (एमएएमसी) के साथ मिलकर पराग और हेमाक्ष की जोड़ी को सीधे सेटों में 4-0 से पराजित कर एक और खिताब अपने नाम किया।
हरमन सिंह चावला की कामयाबी से प्रेरित दीपिका खण्डेलवाल ने भी अपनी प्रतिभा का शानदार आगाज करते हुए रैम्प वॉक, डांस तथा बौद्धिक मूल्यांकन में श्रेष्ठता सिद्ध की। निर्णायकों ने दीपिका के प्रदर्शन को न केवल सराहा बल्कि मिस पल्स-2025 के खिताब से भी नवाजा। समापन समारोह में अतिथियों द्वारा के.डी. मेडिकल कॉलेज के हरमन और दीपिका को गोल्ड मेडल, विजेता ट्रॉफी तथा प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल तथा प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने चिकित्सा क्षेत्र की सबसे बड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने दोनों विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के स्वर्ण जयंती समारोह में स्वर्णिम सफलता हासिल करना यादगार लम्हा है। डॉ. अशोका ने खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में शानदार सफलता हासिल करने वाले हरमन एवं दीपिका की प्रशंसा करते हुए अन्य छात्र-छात्राओं से इनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
चित्र कैप्शनः प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका के साथ स्वर्णिम सफलता हासिल करने वाले हरमन सिंह और दीपिका खण्डेलवाल।

के.डी. हॉस्पिटल को मिली एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड मशीन की सौगात

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ब्रज क्षेत्र की पहली आधुनिकतम मशीन का मरीजों को मिलेगा लाभ
अब फेफड़े और सांस सम्बन्धी बीमारियों की पहचान होगी आसान
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में लगातार आधुनिकतम चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। ब्रज क्षेत्र के लोगों को किसी भी तरह की बीमारी के इलाज के लिए महानगरों की तरफ न भागना पड़े इसके लिए यहां पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। हाल ही में यहां एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड (ईबीयूएस) मशीन लगाई गई है। इस आधुनिकतम मशीन से अब फेफड़े व सांस सम्बन्धी बीमारियों का पता लगाना आसान हो जाएगा। इसके माध्यम से फेफड़ों की बीमारी और कैंसर की भी पहचान आसानी से हो सकेगी।
विभागाध्यक्ष श्वसन चिकित्सा डॉ. एस.के. बंसल ने बताया कि संस्थान के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल चिकित्सा क्षेत्र में बदलाव के पक्षधर हैं। श्री अग्रवाल के प्रयासों से के.डी. हॉस्पिटल में लगाई गई एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड मशीन मथुरा ही नहीं समूचे ब्रज क्षेत्र की पहली मशीन है। उन्होंने बताया कि इस मशीन से अब फेफड़े व सांस सम्बन्धी बीमारियों का पता आसानी से लग जाएगा। इसमें वायुमार्ग की दीवार व आसपास की संरचनाओं को देखने के लिए ब्रोंकोस्कोपी के साथ अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है। इससे 360 डिग्री छवि मिलती है तथा अल्ट्रासाउंड छवियों का उपयोग असामान्य फेफड़े के नोड्यूल या बड़े घाव को देखने के लिए किया जाता है। इसका फायदा यह है कि इससे फेफड़े की बीमारी या फिर कैंसर का पता आसानी से चल जाता है।
डॉ. बंसल का कहना है कि एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड (ईबीयूएस) मशीन चिकित्सा उपचार में न केवल सुरक्षित है बल्कि इसमें खून बहने की आशंका कम रहती है। डॉ. बंसल का कहना है कि एंडोब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड (ईबीयूएस) मशीन रेडियल जांच की नई निदान पद्धति है, जिसका उपयोग ब्रोंकोस्कोपी में किया जाता है। इसमें अन्य उपचारों की तुलना में ईबीयूएस रोगियों में न्यूमोथोरैक्स, इंटरकोस्टल ट्यूब सम्मिलन दर और रक्तस्राव जैसी जटिलताएं सबसे कम हैं।
डॉ. शुभम द्विवेदी (एमडी, इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट) बताती हैं कि ईबीयूएस (एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड) मशीन ब्रोंकोस्कोप से जुड़ी एक उन्नत अल्ट्रासाउंड मशीन है, जिसका उपयोग फेफड़ों और उनके आसपास के लिम्फ नोड्स (लसिका ग्रंथियों) से ऊतक के नमूने लेने और आंतरिक संरचनाओं को देखने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग फेफड़ों के कैंसर, संक्रमण और सूजन सम्बन्धी बीमारियों का निदान करने, उनकी स्थिति का पता लगाने और पारम्परिक सर्जरी के बिना बायोप्सी (ऊतक जांच) करने के लिए किया जाता है।
ईबीयूएस मशीन ब्रोंकोस्कोप के सिरे पर एक अल्ट्रासाउंड जांच यंत्र से जुड़ी होती है, जो ध्वनि तरंगों का उपयोग करके फेफड़ों और लिम्फ नोड्स की उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरें उत्पन्न करती है। यह प्रक्रिया डॉक्टरों को असामान्य क्षेत्रों को देखने में मदद करती है जो एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसे अन्य परीक्षणों में दिखाई नहीं देते। डॉ. द्विवेदी का कहना है कि इस मशीन का उपयोग फेफड़ों के कैंसर के निदान और उसके फैलाव (स्टेजिंग) को रोकने के लिए किया जाता है। इसमें पारम्परिक सर्जरी की तुलना में जोखिम और जटिलताएं कम होती हैं। यह मशीन पारम्परिक इमेजिंग विधियों से दिखाई न देने वाली छोटी-छोटी खामियों का भी पता लगा सकती है।
चित्र कैप्शनः एंडोब्रोन्कियल अल्ट्रासाउंड मशीन के शुभारम्भ अवसर पर श्वसन चिकित्सा विभाग के चिकित्सक व अन्य।

चौमुहां के गांव भरनाकलां में किसानों को एम-पैक्स दिलाई सदस्यता किसान सभा के बैनर तले चला महा सदस्यता अभियानरासायनिक खादों प्रयोग से जल स्रोत प्रदूषित हो रहे, पर्यावरण पर पड़ रहा विपरीत प्रभाव : राजाराम

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चौमुहां । विकासखंड चौमुहां के गांव भरनाकलां में ब्लॉक स्तरीय किसान सभा के बैनर तले एम-पैक्स महा सदस्यता अभियान का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भरनाकलां के नवनिर्वाचित अध्यक्ष पंडित राजाराम शर्मा द्वारा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ उप क्षेत्र प्रबंधक इफको सतबीर सिंह द्वारा अतिथियों एवं उपस्थित किसानों के स्वागत व अभिनंदन के साथ किया गया। उन्होंने किसानों को इफको नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी जैसे नवीन नैनो उर्वरकों के प्रयोग एवं उनके लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। बताया कि नैनो उर्वरकों के प्रयोग से किसानों को कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त होती है तथा इससे मृदा की उर्वरा शक्ति भी सुरक्षित रहती है। साथ ही उन्होंने किसानों को नैनो उर्वरकों की प्रयोग विधि, सावधानियां एवं उनके पर्यावरणीय लाभों के बारे में भी अवगत कराया।सभा में इफको के अन्य उत्पाद जैसे जैव उर्वरक (एनपीके कंसोर्टिया, न्यूट्रॉनस, नैनो जिंक, नैनो कॉपर आदि) के उपयोग एवं फायदों की भी जानकारी दी गई। कहा कि एनपीके कंसोर्टिया में उपस्थित जीवाणु फास्फोरस एवं नाइट्रोजन की उपलब्धता पौधों तक पहुँचाकर मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित राजाराम शर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि “एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान” एक राष्ट्रीय स्तर पर संचालित अभियान है, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को सशक्त बनाना है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़कर समिति को मजबूत बनाएं तथा कृषि क्षेत्र में सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि पारंपरिक रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग से न केवल जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं बल्कि पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में नैनो उर्वरक एक सुरक्षित, टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। कार्यक्रम में जिला सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक चौमुहां द्वारा भी किसानों से एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान से जुड़ने एवं समिति को सशक्त बनाने की अपील की गई। कार्यक्रम में एडीओ (कृषि) श्रीमती अर्चना सिंह, जिला सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक चौमुंहा, इफको उप क्षेत्र प्रबंधक सतबीर सिंह, बी पैक्स साहर सचिव रामबीर सिंह, एसएफए हॉटस्पॉट दुर्गापाल सिंह एवं एमडीई कुलदीप चतुर्वेदी उपस्थित रहे।

संस्कृति विवि में राष्ट्रीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस में साक्ष्य आधार

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चित्र परिचय : संस्कृति विवि में आयोजित राष्ट्रीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस का दीप जलाकर शुभारंभ करते मुख्य अतिथि, सभापति एसटी/एसटी कल्याण संबधी समिति, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते। साथ में हैं मथुरा वृंदावन विधायक श्रीकांत शर्मा।

चित्र परिचय 2.नर्सिंग टीचर को सम्मानित करते अतिथिगण। साथ में हैं संस्कृति नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर केके पाराशर।

मथुरा। संस्कृति स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन इंडिया के तत्वाधान राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में “रोल ऑफ एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिसेज एंड यूज़ ऑफ़ हैल्थ टेक्नोलॉजी इन इम्प्रोविंग पेशेंट्स आउटकम्स” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, सभापति एसटी/एसटी कल्याण संबधी समिति, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती प्रतिभा शुक्ला जी, राज्यमंत्री महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग उत्तरप्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि मथुरा-वृन्दावन विधायक श्रीकांत शर्मा, विशेष अतिथि डॉ आई क्लेमेंट, श्रीमान सुरेश गौतम ने रोगियों रोगियों के परिणाम में सुधार लाने के लिए साक्षय आधारित प्रथाओं और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के उपयोग की भूमिका पर अपने उपयोगी संबोधन दिए।
इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के मंच पर और मंच पर संस्कृति विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एम. बी. चेट्टी, एनटीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. फारुख खान, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मनीष कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. पूनम ठाकुर, ऑर्गनिसिंग सेक्रेटरी व प्रदेश अध्यक्ष एनटीएआई प्रो. धीरज पाराशर, डिप्टी ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी मुकुल पाठक, यूनिवर्सिटी डीन डॉ यू. पूंगोड़ी, प्राचार्य के. के. पाराशर भी उपस्थित रहे।
स्पीकर डॉ. स्मृति अरोरा, डॉ. सुषमा कुमारी सैनी, डॉ अनु गौबा ने भी अपने उपयोगी विचार साझा किए। मॉडरेटर प्रो. डॉ प्रिस्चिल्ला सेमसन, श्रीमती आशा यादव, डॉ. अशोक काशीराम शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस दौरान कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2025 में चयनित 22 राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षकों को, टीचर्स रत्न पुरस्कार एवं दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सर्वोत्तम नर्सिंग शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। कांफ्रेस में दूर दराज से आए कुल 310 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।

के.डी. मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस-2025 सत्र का शुभारम्भ

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पीड़ित मानवता की सेवा ही चिकित्सक का धर्मः डॉ. आर.के. अशोका
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में मेडिकल छात्र-छात्राओं को दी अनुशासन की सीख
मथुरा। एक अच्छे चिकित्सक के रूप में समाज का कल्याण करने के लिए, चिकित्सकों को मरीजों के प्रति करुणा, निष्पक्षता और पेशेवर कौशल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहिए। वे स्वयं के कल्याण का ध्यान रखें, अपने साथी चिकित्सकों का सहयोग करें तथा स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने का प्रयास करें। पीड़ित मानवता की सेवा ही चिकित्सक का धर्म होता है। यह बातें सोमवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने एमबीबीएस-2025 सत्र के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बताईं।
ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गगन दीप सिंह, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव सिंह, शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, विभागाध्यक्ष (महिला एवं प्रसूति रोग) डॉ. वी.पी. पांडेय, विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. मंजू पांडेय, विभागाध्यक्ष पैथालॉजी डॉ. प्रणीता सिंह, विभागाध्यक्ष सामुदायिक चिकित्सा डॉ. अमनजोत सिंह, रजिस्ट्रार विकास अग्रवाल तथा उप महाप्रबंधक मनोज गुप्ता द्वारा मां सरस्वती वंदना के बीच विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती तथा दादी मां कांती देवी के छायाचित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया।
प्राचार्य डॉ. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन में रहकर एक साधारण विद्यार्थी भी सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है। उन्होंने अपने सम्बोधन में सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि वह अपने बच्चे को कुशल चिकित्सक बनाने का सपना देखते हैं तो उनका यह दायित्व है कि उसकी हर गतिविधि पर नजर रखें। डॉ. अशोका ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों को आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के सभी शैक्षिक संस्थानों के साथ ही के.डी. मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियों तथा शैक्षिक और प्रयोगात्मक गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. राजेन्द्र कुमार ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल को ब्रज क्षेत्र में उच्च शिक्षा का जनक माना जाता है। उनके प्रयासों को चेयरमैन के.डी. मेडिकल कॉलेज मनोज अग्रवाल पूरी शिद्दत से फलीभूत कर रहे हैं। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं की चिकित्सा की पढ़ाई के लिए के.डी. मेडिकल कॉलेज के चयन के लिए प्रशंसा की। डॉ. अग्रवाल ने विश्वास दिलाया कि यहां हर बच्चे को संस्कार, शिक्षा और बेहतर करियर मिलेगा। चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं से पूरे मनोयोग से शिक्षण-प्रशिक्षण हासिल कर अपने सपनों को साकार करने का आह्वान किया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज सिर्फ शिक्षा का संस्थान ही नहीं बल्कि एक परिवार है जिसमें प्रत्येक बच्चे को शिक्षा और संस्कार दोनों प्रदान किए जाते हैं। यहां प्राध्यापकों द्वारा प्रत्येक छात्र एवं छात्रा का सही मार्गदर्शन करने के साथ उनमें नैतिक एवं भावनात्मक बदलाव लाने के भी प्रयास किए जाते हैं। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि अनुशासन में रहकर सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें। उप महाप्रबंधक मनोज गुप्ता ने कहा कि के.डी. मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक विद्यार्थी को पारिवारिक माहौल मिलता है। श्री गुप्ता ने अभिभावकों और छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेण्टर को अपना परिवार समझें। संस्थान में किसी भी छात्र-छात्रा को कोई परेशानी नहीं होगी।
उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि के.डी. मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश के निजी चिकित्सा संस्थानों ही नहीं शासकीय चिकित्सा संस्थानों में भी श्रेष्ठतम है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को अनुशासन और चिकित्सकीय नैतिकता की शपथ दिलाई गई। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में सभी विभागाध्यक्षों ने अभिभावकों और नवागंतुक छात्र-छात्राओं को अपने-अपने विभागों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अभि भूषण मिश्रा ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें कुशल चिकित्सक बनने की शुभकामनाएं दीं। आभार डॉ. प्रणीता सिंह ने माना।
चित्र कैप्शनः ओरिएंटेशन प्रोग्राम का दीप प्रज्वलित करते डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण अग्रवाल दूसरे चित्र में मंचासीन अतिथि और उपस्थित अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं।

राजीव एकेडमी के आठ विद्यार्थियों का लर्निंग रूट्स में चयनकरियर निर्माण में नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ाए कदम

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मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के एमबीए, बीबीए, बी.ईकॉम एवं बीसीए के आठ छात्र-छात्राओं का चयन शिक्षा परामर्श और करियर काउंसलिंग की अग्रणी संस्था लर्निंग रूट्स में रुपये 6.06 लाख सालाना के पैकेज पर हुआ है। छात्र-छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय संस्थान में मिली सतत ट्रेनिंग, इंटरव्यू की तैयारी, केस स्टडीज, लाइव प्रोजेक्ट्स और नियमित प्लेसमेंट ड्राइव्स को दिया।
राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि लर्निंग रूट्स एक प्रतिष्ठित शिक्षा परामर्श और करियर काउंसलिंग कम्पनी है, जो विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बेहतरीन बी-स्कूल्स से जोड़ने में मदद करती है। यह संस्था न केवल विद्यार्थियों की तत्काल शैक्षिक जरूरतों को पूरा करती है बल्कि उनके करियर को सही दिशा देने के लिए भी समर्पित है। डॉ. जैन ने बताया कि चयनित विद्यार्थियों में नीतू (एमबीए), दीक्षा तिवारी, मोहित गंगवानी, मुस्कान चौधरी, समीक्षा अग्रवाल, यशस्वी गुप्ता (सभी बीबीए), अंजली अग्रवाल (बी.ईकॉम) और करण दीक्षित (बीसीए) शामिल हैं।
डॉ. जैन ने कहा कि लर्निंग रूट्स जैसी प्रतिष्ठित संस्था में छात्र-छात्राओं का चयन होना, इस बात का प्रमाण है कि राजीव एकेडमी न केवल अकादमिक उत्कृष्टता प्रदान करती है बल्कि विद्यार्थियों को वास्तविक उद्योग अनुभव से भी जोड़ती है। हम लगातार विद्यार्थियों को केस स्टडीज, लाइव प्रोजेक्ट्स, सेमिनार, विशेषज्ञ व्याख्यान और इंडस्ट्री विज़िट्स के माध्यम से प्रशिक्षित करते हैं। यही कारण है कि हमारे विद्यार्थी इंटरव्यू और कॉरपोरेट मूल्यांकन प्रक्रिया में आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। चयनित विद्यार्थियों का कहना है कि राजीव एकेडमी ने उन्हें केवल डिग्री ही नहीं दी बल्कि आत्मविश्वास, संचार कौशल और वास्तविक उद्योग अनुभव भी प्रदान किया, जिसकी बदौलत वे इस उपलब्धि तक पहुंच पाए।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल और निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी चयनित विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि यह उपलब्धि न केवल विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है बल्कि यह संस्थान के उस विज़न को भी दर्शाती है, जिसमें शिक्षा को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखकर उसे उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं से जोड़ा जाता है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों का चयन लर्निंग रूट्स जैसी प्रतिष्ठित संस्था में होना राजीव एकेडमी की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशिक्षण और इंडस्ट्री-उन्मुख ट्रेनिंग का परिणाम है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे विद्यार्थी लगातार ऐसी संस्थाओं में जगह बना रहे हैं, जो शिक्षा और करियर निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। आने वाले समय में हमारा प्रयास रहेगा कि और अधिक विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर प्रदान किए जाएं ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें और समाज तथा राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकें।
चित्र कैप्शनः लर्निंग रूट्स कम्पनी पदाधिकारियों के साथ चयनित छात्र-छात्राएं।