Friday, September 5, 2025
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गुरुओं के नाम पर गुरु घंटालों की बाढ़-गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी

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विजय कुमार गुप्ता

मथुरा । हिंदूवादी नेता एवं वरिष्ठ भाजपाई गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने कहा है कि आज कल गुरुओं के नाम पर गुरु घंटालों की बाढ़ आई हुई है। इन गुरु घंटालों का ऊपरी जीवन तो सात्विक दिखाई देता है किंतु निजी जीवन राक्षसी है।

श्री चतुर्वेदी ने कहा है कि मैं वृंदावन के कई कथा वाचकों को जानता हूं जो कथा वाचन के शुरु में और कथा वाचन के पश्चात् भी पैग लेते हैं। इनकी अय्याशी किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे वाचाल कथा वाचकों की कथा तक ही सीमित रहें। कथा श्रवण करें और भागवत भक्ति में लीन रहें। बस यहीं तक अपने को बनाये रखें। इनसे ज्यादा लिपटें-चिपटें नहीं।
श्री चतुर्वेदी ने वरिष्ठ साहित्यकार, कवि एवं पत्रकार देवकी नंदन कुम्हेरिया के उस बयान का भी समर्थन किया है जिसमें उन्होंने अंग्रेजियत में लिपटे-चिपटे बाबाओं की पोल खोली है, जो जन्मदिन पर केक काटते हैं, औरतों से माई डियर कहते हैं, सुंदर लड़कियों का चुम्बन कर लेते हैं तथा उन्हें गले से लगाने से भी नहीं चूकते जबकि संत महात्माओं द्वारा महिलाओं को माँ, बहन, बेटी कहकर संबोधित करना चाहिये तथा उनका स्पर्श भी नहीं करना चाहिये। स्वामी नारायण सम्प्रदाय में तो संत महात्मा औरतों की तरफ देखते भी नहीं, उनके सत्संग में महिलायें ओट लेकर बैठती हैं। उन्होंने इसके लिये श्री कुम्हेरिया को फोन करके बधाई दी।
श्री चतुर्वेदी कहते हैं कि धनपतियों के ये बाबा प्रतिवर्ष 31 दिसम्बर व 1 जनवरी के मध्य की रात्रि में जोर शोर से नववर्ष का स्वागत करते हुए खुशी मनाते हैं। उन्होंने कहा है कि हमारा नव वर्ष तो संवत्सर है। संवत्सर पर नव वर्ष का स्वागत करते हुए खुशी मनानी चाहिये जो हमारी संस्कृति के अनुरूप है। पाश्चात्य संस्कृति में ढल जाना भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात करने जैसा है जो उचित नहीं है। हो सकता है आगे चलकर ये क्रिसमस मनाने लग जायें।
अंत में उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो किसी मठ के मठाधीश हो चाहे प्रवचनकर्ता के रूप में हों, अथवा भागवत या अन्य किसी भी कथा वाचक के रूप में हों। वे संत नहीं अभिनेता कहलाने चाहिये। क्योंकि अभिनेताओं का अपनी असल जिंदगी में कोई और रूप होता है और अभिनय की जिंदगी में कोई और रूप। ये ही लोग असली एक्टर हैं।

बाइक सवार युवक को मैक्स ने रौंदा, ग्रामीणों ने पांच घंटे जाम रखा मार्ग, पुलिस ने लिया एक्शन

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मथुरा। गुरूवार की सुबह करीब 7 बजे सन्तोष पुत्र ब्रजबिहारी उर्फ वेदा निवासी बरौली चैथ डीग राजस्थान से रोजाना की तरह अपनी बाइक पर जतीपुरा दूध बेचने जा रहा था कि पूंछरी सीमा में गांठौली बाईपास पर रोड को क्राॅस करते समय डीग की ओर से आ रही मैक्सअप ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद वह काफी दूर तक घसीटता हुआ चला गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर बरौली चैथ के युवक संतोष की मौत के बाद सैकड़ों लोग बाईपास पर पहुंच गये और जगह-जगह अवरोधक डालकर जाम लगा दिया। जाम लगा रहे ग्रामीण ओवरब्रिज व तुरंत स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग कर रहे थे। गांव के लोगों ने बताया कि यहां दो साल के भीतर हादसों में आधा दर्जन लोगों की जान चली गई है। रोड पर न तो कोई संकेतक है और न ही ब्रेकर बनाये हैं। डीग पुलिस की ओर थाना प्रभारी गणपति राम ने बताया कि पांच घंटे हाइवे जाम करने पर उपद्रवी 20 नामजद व 60 से 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जबकि दुर्घटना में मैक्सपिकअप को कब्जे में ले लिया है। मृतक के पिता ब्रजबिहारी ने अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

मथुरा में केडी सहित तीन शिक्षण संस्थान बनेंगे यूनिवर्सिटी, केबिनेट ने कुल 28 यूनिवर्सिटी को दी है मंजूरी, पढ़िए लिस्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए आए 28 प्रस्तावों को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें मथुरा में केडी यूनिवर्सिटी सहित कुल तीन यूनिवर्सिटी शामिल है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्वार्थनाथ सिंह ने बताया कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राज्य के उच्च शिक्षा विभाग को जितने प्रस्ताव मिले, उन सबका परीक्षण करवाया गया। इनमें से 28 प्रस्तावों को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने मंजूर करते हुए पत्र जारी कर दिए हैं। मथुरा में जिन तीन नए निजी विवि को मंजूरी मिली है उसमें केडी यूनिवर्सिटी, केएम विश्वविद्यालय, एसकेएस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी शामिल है।

ये होंगे नए निजी विश्वविद्यालय

मंजूर किए गए निजी विश्वविद्यालयों में केडी यूनिवर्सिटी मथुरा, आईआईएलएम विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, केएम (कृष्ण मोहन) विश्वविद्यालय मथुरा, राधा गोविन्द विश्वविद्यालय चन्दौसी, संभल, फ्यूचर यूनिवर्सिटी बरेली, वरुण अर्जुन यूनिवर्सिटी शाहजहांपुर, नारायण यूनिवर्सिटी कानपुर नगर, आईटीएस यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, बाबू जय शंकर गया प्रसाद यूनिवर्सिटी उन्नाव, शारदा विश्वविद्यालय आगरा, केसीसी यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, केडी यूनिवर्सिटी मथुरा, आरडिअल विश्वविद्यालय मड़िहान, मिर्जापुर, बैक्सिल नेशनल विश्वविद्यालय मुजफ्फरनगर, कैरियर यूनिवर्सिटी लखनऊ, श्रीसिद्धिविनायक यूनिवर्सिटी बरेली, विद्या विश्वविद्यालय मेरठ, एफएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद फिरोजाबाद, ऐवेन्यूज इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फिरोजाबाद, सरोज इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी लखनऊ, राममूर्ति स्मारक यूनिवर्सिटी बरेली, प्रसाद इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी लखनऊ, टीएस मिश्रा विश्वविद्यालय लखनऊ, एचआरआईटी विश्वविद्यालय गाजियाबाद, सरस्वती ग्लोबल यूनिवर्सिटी उन्नाव, युनाइटेड विश्वविद्यालय इलाहाबाद, महात्मा गांधी स्किल एण्ड ओपेन यूनिवर्सिटी उन्नाव, वेदान्ता विश्वविद्यालय मुजफ्फरनगर, एसकेएस इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी मथुरा के प्रस्ताव शामिल हैं।

बाइक सवार युवक को मैक्स ने रौंदा, ग्रामीणों ने लगा दिया जाम

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ये घटना गोवर्धन के गाठोंली बाईपास की है। यहां पूंछरी के निकट गुरूवार को बाइक सवार युवक को मैक्स गाड़ी ने टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। बृहस्पतिवार को सन्तोष पुत्र वेदराम निवासी वरौली चैथ, राजस्थान से दूध लेकर आ रहा था।
इसी दौरान बाईपास को क्रास करते समय डीग की ओर से आ रही मैक्स गाड़ी ने टक्कर मार दी। इस हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंचे लोगों ने सड़क को जाम कर दिया। लोगों का कहना था कि इससे पूर्व कई घटनाएं इस मोड़ पर हो चुकी है। लेकिन पुलिस-प्रशासन दुर्घटनाएं रोकने पर कोई उपाए नहीं करता है।

यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ी हो गई पंचर तो पर्यटकों ने कर दिया हंगामा

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यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार की देर रात कोतवाली सुरीर क्षेत्र के माइल स्टोन 92 पर ट्रैवलर पंक्चर होने पर मलेशिया के पर्यटक भड़क गए। इस दौरान उन्होंने खूब हंगामा किया। सभी लोग नोएडा से आगरा जा रहे थे। मौके पर पहुंची सुरीर पुलिस ने पर्यटकों को शांत कराया।
ट्रैवलर चालक सागर सिंह निवासी करतार नगर, दिल्ली मंगलवार की देररात मलेशिया से घूमने आए चार पुरुष और पांच महिलाओं के दल को आगरा घुमाने के लिए निकला था। जब वह एक्सप्रेसवे से गुजर रहा था तभी 92 माइल स्टोन के पास गाड़ी पंक्चर हो गई। इससे मलेशिया के पर्यटकों ने ट्रैवलर में लात मारकर गुस्से का इजहार किया। वहीं चालक द्वारा स्टेपनी बदलने के दौरान देर होने पर पर्यटक भड़क गए।

पोस्टमार्टम के बाद भी चांदी कारोबारी की मौत का कारण स्प्ष्ट नही, विसरा सुरक्षित

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मथुरा। चांदी गलाई में काम आने वाली घरिया बेचने वाले व्यापारी की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। वीडियोग्राफी के मध्य डॉक्टरों के पैनल से हुए पोस्टमार्टम के बाद विसरा सुरक्षित रखा गया है। बुधवार को गोविंदनगर के सेक्टर जी-वन में गोदाम में व्यापारी मृत मिला था। पुलिस सुरक्षा में व्यापारी का अंतिम संस्कार किया गया।
शहर के मंडी रामदास की गली चैबदारन निवासी नत्थोमल वर्मा (51) पुत्र स्व. डोरीलाल वर्मा चार फरवरी की सुबह सात बजे दूध लेने निकला तो फिर घर नहीं लौटा। पत्नी आशादेवी को चिंता हुई तो बेटे आयुष को पिता को तलाशने के लिए कहा। देरशाम छह बजे गोविंदनगर के सेक्टर जी-वन पर गोदाम पर पहुंचा तो देखा पिता फर्श पर मृत पड़ा हुआ था। पुलिस ने बताया कि व्यापारी के शव का वीडियोग्राफी के मध्य दो डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें मौत का कारण साफ नहीं होने के चलते विसरा सुरक्षित किया गया है। पुलिस सुरक्षा में मोक्षधाम पर व्यापारी का अंतिम संस्कार किया गया है। फिलहाल पुलिस की टीमें जांच में जुटी हुई हैं।

मंडी समिति में जेसीबी ने ढहाए अतिक्रमण, 27 चिंहित जगहों पर चला अभियान

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मथुरा। बुधवार को मंडी अफसरों ने मंडी परिसर में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण पर जेसीबी चलवाई। भारी पुलिस बल व मंडी के सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी के चलते कारोबारी विरोध नहीं कर सके।
मंडी परिसर में 268 कारोबारियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण हटाने को लेकर मंडी प्रशासन ने कारोबारियों को नोटिस दिया और चिन्हांकन किया था। इसके बाद 76 व्यापारियों ने स्वतः ही अपने अतिक्रमण हटा लिए।

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बुधवार दोपहर एक बजे से मंडी प्रशासन के लोगों ने हाईवे व मंडी चैकी पुलिस व मंडी के 20 सुरक्षा गार्ड व मंडी इंस्पेक्टर व कर्मचारियों की मौजूदगी में जेसीबी से अतिक्रमण हटाना शुरू किया। सायं पांच बजे तक जेसीबी से अनाज व फल व सब्जी मंडी में 27 कच्चे, पक्के अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण ढहा दिए गए। इनमें कई कारोबारियों ने दुकानों के पीछे पक्के गोदाम बना रखे थे, उनको भी ढहा दिया। मंडी सचिव सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि बुधवार को 27 अवैध अतिक्रमण हटाए गए हैं। दुकानदारों ने गुरुवार को 12 बजे तक अतिक्रमण हटवाने को समय मांगा है। यदि 12 बजे तक वे नहीं हटाएंगे तो जेसीबी से उसे तोड़ दिया जाएगा।

कान्हा जन्म सुन आई, यशोदा मइया दे दो बधाई……

मथुरा। भक्त मंडल द्वारा माधवपुरी काॅलोनी में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया गया। व्यास गद्दी से आचार्य भगवत स्वरूप महाराज ने भक्तों को प्रभु श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। द्वापर में कंस के आंतक, जेल में बंद देवकी के आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म, वासुदेव का यमुना पार कर नंद बाबा के घर तक उन्हें पहुंचाने की कथा का मार्मिक वर्णन श्रद्धालुओं को आनंदित कर गया। इस बीच संगीत की स्वर लहरियों पर भजनों ने पंडाल को आनंद से सराबोर कर दिया। भावुक भक्तगण सुध बुध खोकर नाचने लगे।

इससे पूर्व श्रीमद भागवत का विधि विधान से पूजन किया गया। व्यास गद्दी पर विराजमान कथावाचक आचार्य भगवत स्वरूप ने इस कथा का महात्तम बताया। कलियुग में श्रीमद भागवत कथा के श्रवण से ही सभी पापों का नाश हो जाता है और मनुष्य वैकुंठ में स्थान पाता है। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर नंदबाबा और माता यशोदा के घर उत्सव मनाया गया। इस दौरान गांव की सखियां माता यशोदा के घर बधाई लेने पहुंची। यहां बधाई गायन हुआ, कान्हा जन्म सुन आई, यशोदा मइया ले लो बधाई, यशोदा जायौ ललना मैं वेदन में सुन आई, गीतों पर महिलाएं थिरकने लगीं। नंदबाबा के स्वरूप ने खुशी में खेल खिलौने लुटाए। गुरूवार को श्रीगिरिराज पूजन की लीला का वर्णन होगा।

मंदिरों एवं संतों द्वारा अपने जन्मदिन पर केक काटना शर्मनाक-देवकी नंदन कुम्हेरिया

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विजय कुमार गुप्ता

मथुरा। सुप्रसिद्ध कवि, साहित्यकार एवं पत्रकार श्री देवकी नंदन कुम्हेरिया ने इस बात पर गहरा रोष व्यक्त किया है कि अब तो मंदिरों और संतों द्वारा भी अपने जन्मदिन पर केक काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक हैं।
87 वर्षीय श्री कुम्हेरिया अपने जमाने की अत्यंत ख्याति प्राप्त हस्ती रहे हैं। वे अत्यंत विद्वान हैं। उन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की है। पिछले कुछ वर्ष पूर्व गिर जाने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी चटक गई थी। इस वजह से वे ज्यादा चल फिर नहीं पाते तथा गोवर्धन स्थित निवास पर ही रहते हैं।
विगत दिवस इस संवाददाता से फोन पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि गुप्ता जी हर क्षेत्र में गिरावट ही गिरावट हो रही है। यहां तक कि जो लोग संतों का आवरण डाले हुए हैं, वे भी अपनी मूल संस्कृति से विमुख होकर पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
श्री कुम्हेरिया जी कहते हैं कि जब धर्म और संस्कृति के ठेकेदार बने ये तथाकथित संत ही अंग्रेजियत का अनुसरण करेंगे और बात-बात में महिलाओं तक से माई डियर-माई डियर करके बात करेंगे तो फिर हमारी संस्कृति धीरे-धीरे नष्ट ही हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि आज कल सच्चे संत तो नाम मात्र के है लेकिन संतों के नाम पर लुगाड़ों की बाढ़ आ गई है।
मजेदार बात तो यह है कि साधु-संतों के नाम पर कुछ नये-नये बाचाल लड़के भी कथा वाचक बनकर इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हो रहे हैं। उनकी बोली भाषा और आंखों में झलकती वासना से स्पष्ट हो जाता है कि ये गाय की खाल में भेड़िये हैं। समय-समय पर अखबारों में छपी खबरों से स्थिति खुद ब खुद स्पष्ट हो जाती है। युवा तो युवा बुजुर्ग साधु वेशधारी लोग भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हैं। वे मौका लगते ही सुंदर लड़कियों का चुम्बन लेने व उनसे आलिंगनबद्ध हो जाने से भी नहीं चूकते। कुम्हेरिया जी की वेदना एक दम सही है।
कुम्हेरिया जी कहते हैं कि पिछले दिनों मैंने अखबार में पढ़ा कि एक मंदिर में केक काटकर जन्मोत्सव मनाया। वे कहते हैं कि हद हो गई, ये सब क्या हो रहा है? केक काटना, फिर मोमबत्ती जलाकर फूंक मारना हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। फूंक मारने पर हवा के साथ थूक के छींटे स्वतः ही निकलते हैं और केक भी झूठा हो जाता है। फिर उस झूठे केक को प्रसाद की तरह बांट कर खाया जाता है।
उनका कहना है कि जन्मदिन पर भजन, कीर्तन, पूजा-पाठ, कथा, हवन आदि होने चाहिए तथा ठाकुर जी को खीर या हलवा आदि मिष्ठान का भोग लगना चाहिये। यह सब पोंगा पंथी गलत है।

जब बाबा ने पलटी मारी

कुम्हेरिया जी ने बातचीत के दौरान एक रोचक किस्सा भी सुनाया। वे कहते हैं कि बात लगभग तीन दशक पुरानी है। जब गोपबंधु पटनायक जिलाधिकारी थे तथा मानसी गंगा में सफाई अभियान जोर-शोर से चल रहा था।
उसी दौरान मैंने जागरण में एक खबर छापी जिसमें कहा था कि मानसी गंगा में अपार खजाना है। उस पर भी नजर रखी जानी चाहिये क्योंकि भरतपुर के राजा महाराजा खासकर राजा मान सिंह जिनका नाम ही मानसी गंगा के नाम पर रखा गया था, अक्सर मुठ्ठी भर-भर कर सोने की अशर्फियां और गिन्नी बीचों-बीच में फैंका करते थे (भेंट स्वरूप चढ़ाते थे)। इसके अलावा सफाई के ठेके में भी घालमेल के कुछ सवाल उठाये।
कुम्हेरिया जी बताते हैं कि इस समाचार के बाद सफाई अभियान में सक्रिय भूमिका अदा कर रहे एक बाबा ने मुझे बुलाया। मेरे जाते ही एकदम गंभीर मुद्रा में पहले पूछा कि यह समाचार किसने लिखा? इस पर मैंने कहा कि महाराज जी मैंने लिखा।
बस इतना सुनते ही बाबा बोले कि मुझे केवल बाबा ही मत समझना, तुम्हें हथकड़ियां डलवा दूंगा। इस पर मैंने भी उसी अंदाज में जबाव दिया कि मैं भी बृजवासी हूँ, मुझे भी ऐरा-गेरा मत समझना, बाबा मैं तुम्हारी धूल कूट दूंगा। बस इतना सुनते ही बाबा एक दम डाउन होकर पलट गऐ और बोले कि अरे मैं तो मजाक कर रहा था। उसके बाद जब-जब कही बाबा किसी कार्यक्रम में मिले तब-तब एकदम गहककर बात करते तथा कहते कि अरे भाई तुम तो हमारे बड़े पुराने स्नेही हो।

बेटे की हत्या का दोष सिद्ध होने पर पिता को उम्रकैद, बस इतनी सी बात पर दीवार में मार दिया था सिर

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पड़ोसी के घर से रोटी मांग कर खाने पर गुस्साए पिता ने अपने छह वर्षीय बेटे को पीट-पीटकर मार डाला था। मामले में एडीजे अष्टम की कोर्ट ने चार वर्ष बाद दोषी पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वारदात 17 मई 2015 में रिफाइनरी क्षेत्र की कॉलोनी गिर्राज वाटिका में हुई। यहां के रहने वाले राजेन्द्र योगी ने अपने छह वर्षीय पुत्र धर्मेन्द्र को पड़ोसी के घर से रोटी मांग कर खाने के बाद गुस्से में न केवल मारपीट की बल्कि उसका सिर दीवार से टकरा दिया था।
इससे उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद वह मौके से भाग गया था। बाद में अभियुक्त के जीजा कुशलपाल ने राजेंद्र योगी के खिलाफ थाना रिफाइनरी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मामले की सुनवाई एडीजे अष्टम के न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत में हुई। इसमें एडीजीसी ऊधम सिंह ने आठ गवाह पेश किये। न्यायालय ने दोषी पिता को आजीवन कारावास तथा एक लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई।