Sunday, October 12, 2025
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चित्र परिचयः संस्कृति विवि में आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि, आईआईआईटी इलाहाबाद (प्रयागराज) के निदेशक डॉ. मुकुल एस. सुताओन दीप प्रज्ज्वलित करते हुए। साथ में हैं संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रो.एमबी चेट्टी, सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा।

संस्कृति विवि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 को लेकर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय अपने संतोष मैमोरियल आडिटोरियम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा करते हुए पाठ्यक्रम डिजाइनिंग और इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को विस्तार से बताया। इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन, विशेष रूप से पाठ्यक्रम विकास के क्षेत्र में विचार-विमर्श करने के लिए प्रख्यात शिक्षाविदों और शिक्षाविदों को एक साथ लाया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि, आईआईआईटी इलाहाबाद (प्रयागराज) के निदेशक डॉ. मुकुल एस. सुताओन ने एनईपी-के अनुसार पाठ्यक्रम डिजाइन के लिए व्यावहारिक रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उच्च शिक्षा में लचीलेपन, विकल्प-आधारित क्रेडिट सिस्टम और व्यावसायिक एवं शोध-उन्मुख शिक्षा के एकीकरण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईआईआईटी, प्रयागराज में एनईपी 2020 के घटकों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम डिजाइन कैसे किया जाता है। उन्होंने आईकेएस पर जोर दिया और बताया कि इसे आधुनिक विज्ञान में कैसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से बहु-विषयक पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार करने का आग्रह किया, जिन्हें छात्र अपनी रुचि के आधार पर चुन सकें।
अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्कृति विवि के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने शैक्षणिक उत्कृष्टता और निरंतर सुधार के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अनेक गुणकारी परिवर्तन समावेशित किये गए हैं। संस्कृति विवि ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव किए हैं और लगातार इस दिशा में काम किया जा रहा है। विशिष्ठ अतिथि, आईआईआईटी इलाहाबाद (प्रयागराज) के डॉ. सतीश कुमार सिंह ने समावेशी एवं बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया। उन्होंने जमीनी स्तर पर इन बदलावों को आगे बढ़ाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्व में रोज़गार परिदृश्य के संदर्भ में एआई के भविष्य पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कई उदाहरण दिए कि कैसे प्रक्रिया में गलत एल्गोरिदम के कारण एआई त्रुटिपूर्ण हो सकता है।
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत रूप से मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. एम.बी. चेट्टी द्वारा स्वागत भाषण और विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रगतिशील शिक्षा सुधारों के प्रति विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण, मिशन और योगदान का एक गहन अवलोकन प्रदान किया। कार्यशाला में संस्कृति विवि की सीईओ डा. श्रीमती मीनाक्षी शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
कार्यशाला के दौरान संवाद सत्र में कार्यान्वयन चुनौतियों और अवसरों पर संवाद और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की बात की गई। इस सत्र में एनईपी ढांचे के तहत नवीन शिक्षण पद्धतियों को अपनाने में संकाय की सक्रिय रुचि परिलक्षित हुई। कार्यक्रम का समापन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी द्वारा दिए गए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

केसरी मखमल के हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज ने दिए दर्शन।

पुष्टिमार्ग संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि श्रावण मास में हिंडोले और घटाओं के कार्यक्रम ठाकुर मंदिर द्वारकाधीश में होते हैं जिनका निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 डॉक्टर वागिश कुमार जी महाराज तृतीय पीठाधीश्वर कांकरोली नरेश जी के द्वारा किए जाते है।
उसी के तहत रविवार को सावन के नवमी शुक्ल पक्ष के दिन ठाकुर द्वारिकाधीश जी महाराज केसरी मखमल के हिंडोले में विराजमान हुए
यह क्रम पूरे सावन मास में निरंतर जारी रहेगा और कल ठाकुर जी विख्यात श्याम घटा (काली घटा) में विराजमान होंगे और इस दौरान तिथि घड़ी और नक्षत्र के हिसाब से सावन में घटाओं के आयोजन होंगे।

राजीव एकेडमी के आठ विद्यार्थियों का कोरिजो में चयनरुपये 6.25 लाख सालाना पैकेज मिलने से विद्यार्थी खुश


करियर निर्माण में राजीव एकेडमी का सुनहरा अध्याय
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के आठ एमबीए तथा बीबीए पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल की है। प्रतिष्ठित एडटेक कम्पनी कोरिजो ने रुपये 6.25 लाख सालाना पैकेज पर संस्थान के छात्र-छात्राओं को सेवा का अवसर प्रदान किया है। आकर्षक पैकेज पर प्रतिष्ठित कम्पनी में चयन से छात्र-छात्राओं में खुशी है।
संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही में एडटेक कम्पनी कोरिजो ने आनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया सम्पन्न की। कम्पनी ने संस्थान के आठ छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता से प्रभावित होकर उन्हें उच्च पैकेज पर सेवा का अवसर प्रदान किया है। चयनित विद्यार्थियों में एमबीए के अमीश प्रताप सिंह, अर्चित अग्रवाल, मानवी चौधरी, सोमी वार्ष्णेय तथा बीबीए के जतिन कुमार, करन सिंह तोमर, कौशल ठाकुर एवं प्राची सिंह शामिल हैं।
डॉ. जैन ने कोरिजो की प्रोफेशनल टीम का हिस्सा बनने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि राजीव एकेडमी का प्रयास युवा पीढ़ी को सदैव उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा करियर मार्गदर्शन प्रदान करना रहा है। उन्होंने कहा कि कोरिजो जैसी कम्पनी में विद्यार्थियों का चयन, हमारी इसी सोच और प्रतिबद्धता का परिणाम है। कोरिजो एक भविष्य-केंद्रित ई-लर्निंग प्रदाता कम्पनी है, जो छात्रों को करियर के लिए तैयार करने हेतु हैंड्स-ऑन इंटर्नशिप, ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और मेंटरशिप जैसी सेवाएं प्रदान करती है।
डॉ. जैन ने बताया कि यह कम्पनी युवा पीढ़ी को इंडस्ट्री-रेडी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। चयनित विद्यार्थियों ने इस सफलता का श्रेय राजीव एकेडमी की व्यावसायिक ट्रेनिंग, साक्षात्कार तैयारी और समयबद्ध मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान ने उन्हें कॉर्पोरेट दुनिया के लिए तैयार किया, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ चयन प्रक्रिया में शामिल हो सके।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने सभी चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का मिशन विद्यार्थियों को केवल पढ़ाना नहीं बल्कि उन्हें इंडस्ट्री रेडी बनाकर आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। कोरिज़ो में यह सफल प्लेसमेंट इसी दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का यह निरंतर प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि संस्थान न केवल शिक्षा बल्कि करियर निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
चित्र कैप्शनः आनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया में हिस्सा लेते राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राएं।

बम्बई हाईकोर्ट के जजों की जय हो

 मथुरा। बम्बई हाई कोर्ट के दो जजों की पीठ द्वारा बड़ा ही दुर्लभ और ऐतिहासिक जजमेंट दिया है। उन्होंने मुंबई महानगर निगम को आदेशित किया है कि जगह-जगह बने कबूतरों को दाना डालने वाले स्थलों पर जो कोई व्यक्ति दाना डाले, उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की जाय और उन पर जुर्माना लगाया जाय। जजों द्वारा यह आदेश स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए दिया है।
 धन्य है ऐसे महान जज जिन्होंने यह आदेश दिया है। मैं न सिर्फ उन जजों का आभार व्यक्त करता हूं बल्कि उन्हें पैदा करके इतने अच्छे संस्कार देने वाले माता-पिताओं को भी सलाम करता हूं। इन जजों का प्रमोशन करके सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया जाना चाहिए। देखने की बात है कि हमारे देश में इतने अच्छे जज भी हैं जो जनता के स्वास्थ्य का इतना ख्याल रखते हैं। अच्छा तो यह होता कि ये जज अपने आदेश में यह भी निर्देशित करते कि बम्बई महानगर निगम शूटरों की भर्ती करके कदम-कदम पर उनकी तैनाती करे ताकि जो भी परिंदा आसमान में उड़ता दिखाई दे, तुरंत ठांय और इंसानों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले धड़ाम से नींचे। यानी न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी।
 मेरा मानना यह है कि दोनों महान जजों के जजमेंट से प्रेरणा लेकर बम्बई वालों को घर-घर में गुलेल और उसके साथ कंचों की व्यवस्था करके रखनी चाहिए। महान जजों की इस जोड़ी और उन्हें पैदा करके इतने अच्छे संस्कार देने वालों की बारंबार जय जयकार हो।

शिशु के लिए मां का दूध अमृत समानः डॉ. आर.के. अशोकाके.डी. हॉस्पिटल में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत हो रहे विविध कार्यक्रम


मथुरा। शिशु के लिए मां का दूध एक सम्पूर्ण आहार होता है। इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व, विटामिन और मिनरल सही मात्रा में मौजूद होते हैं। मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे वह संक्रमण तथा अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहता है। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एक से सात अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं को बताईं।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान है। इतना ही नहीं मां के लिए भी स्तनपान बहुत फायदेमंद होता है। स्तनपान गर्भाशय को उसकी सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करता है तथा प्रसवोत्तर रक्तस्राव के जोखिम को भी कम करता है। साथ ही यह स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है। इतना ही नहीं यह मां और शिशु के बीच भावनात्मक बंधन को भी मजबूत करता है।
डॉ. अशोका ने विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन के लिए शिशु रोग विभाग, महिला एवं प्रसूति रोग विभाग तथा कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए अन्य विभागाध्यक्षों से भी ऐसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया। चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्तनपान न केवल एक शिशु के पोषण का सबसे प्राकृतिक और उत्तम स्रोत है बल्कि यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करता है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह का उद्देश्य स्तनपान के वैज्ञानिक फायदों के बारे में लोगों को बताना है। इसका लक्ष्य एक ऐसा माहौल बनाना है, जहां हर मां बिना झिझक और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चे को दूध पिला सके। उन्होंने कहा कि इस साल की विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 की थीम है ‘स्तनपान को प्राथमिकता दें: स्थायी सहायता प्रणालियों का निर्माण करें’।
महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.पी. पांडेय ने स्तनपान को समाज के भविष्य में एक बेहतर निवेश बताया। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य हर माँ को उचित जानकारी, प्रशिक्षित सलाहकारों से मदद और ऐसा पारिवारिक, चिकित्सीय तथा कार्यस्थल वातावरण सुनिश्चित करना है, जो स्तनपान को प्रोत्साहित करे। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता ने कहा कि स्तनपान केवल शिशु का पोषण ही नहीं बल्कि समाज का दीर्घकालिक स्वास्थ्य निवेश भी है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर कम खर्च होता है, बच्चों की बौद्धिक क्षमता में सुधार आता है, भावी पीढ़ी को बेहतर शुरुआत मिलती है तथा स्वस्थ समाज का निर्माण होता है।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. गौरी शंकर गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे देश में स्तनपान में आ रही निरंतर कमी चिन्ता की बात है। भारतीय माताओं को पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहते हुए अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। डॉ. गोयल ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों से स्तनपान को न केवल बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्वस्थ समाज का संकल्प भी पूरा होगा। उन्होंने माताओं को सलाह दी कि वह नवजात शिशु के जन्म के एक घण्टे के अंदर उसे स्तनपान अवश्य कराएं तथा शहद, पानी या किसी प्रकार की घुट्टी पिलाकर बच्चे के जीवन को संकट में न डालें।
कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अमनजोत कौर ने मौके पर मौजूद महिलाओं को स्तनपान के लाभ, उसके सही तरीके और इससे जुड़ी आवश्यक जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान करवाना शिशु के जीवन की रक्षा करता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए लाभकारी है। डॉ. संध्या लता, डॉ. रिमझिम, डॉ. सोनिका शर्मा, डॉ. अदिति दुबे, डॉ. शालिनी बंसल, डॉ, लीना शर्मा, डॉ. साक्षी अग्रवाल, डॉ. टी. लवानिया रेड्डी, डॉ. मीनल, डॉ. तान्या पुरोहित आदि ने उपस्थित माताओं के सवालों के विस्तार से जवाब दिए। इस अवसर पर लघु नाटिकाओं के माध्यम से भी ग्रामीण माताओं को स्तनपान के लाभ और तरीके बताए गए। विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों ने माताओं को बच्चे को हर दो घंटे में छह माह तक आवश्यक रूप से दूध पिलाने तथा उन्हें बोतल से दूध न पिलाने की सलाह दी। इस अवसर पर उपस्थित माताओं को स्तनपान के महत्व से जागरूक करने के लिए पम्पलेट भी प्रदान किए गए।
चित्र कैप्शनः विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारम्भ करते के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका तथा अन्य विभागाध्यक्ष। दूसरे चित्र में स्तनपान के महत्व को दर्शाते पम्पलेट के साथ प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका एवं अन्य विभागाध्यक्ष।

चित्र परिचयः 1-संस्कृति बिगेस्ट एवर जॉब फेयर में अपने इंटरव्यू के लिए अपनी बारी का इंतजार करते अभ्यर्थियों की भीड़।2-विद्यार्थियों का साक्षात्कार करते कंपनी के अधिकारी।

संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में 1500 विद्यार्थियों को मिले आफर लैटर
दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में उमड़े विद्यार्थी
मथुरा। संस्कृति विवि द्वारा आयोजित संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में दूसरे दिन पांच बजे तक विभिन्न कंपनियों ने लगभग 2500 इंटरव्यू लिए। दो दिन के दौरान लगभग 15 सौ विद्यार्थियों को आफर लैटर या अगले राउंड के लिए सलेक्ट किया गया। अच्छी बात यह थी कि कंपनियों के अधिकारी अभ्यर्थियों के साथ सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए समय के बाद भी ऐंटरटेन कर रहे थे। नौकरी चाहने वाले सैंकड़ों विद्यार्थियों की संस्कृति विवि के प्रति कृतज्ञता आयोजकों के लिए एक सुखद एहसास बन गई। उन अभ्यर्थियों की खुशी देखने लायक थी जिनके हाथ में तीन-तीन कंपनियों के आफर लैटर थे। ऐसा इसीलिए हो पाया कि विद्यार्थियों के लिए एक ही जगह सौ से अधिक कंपनियां मौजूद थीं और वे अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार एक से अधिक कंपनियों में अपना भाग्य अजमा रहे थे।
संस्कृति बिगेस्ट एवर जॉब फेयर में दूसरे दिन एक तरफ तो पहले दिन के साक्षात्कार के परिणाम घोषित हो रहे थे तो दूसरी तरफ पहली बार कंपनियों को इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थियों की लाइन लगी हुईं थीं। हालांकि कंपनियां बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लेने ही आई हुईं थीं, लेकिन योग्यता की परख में उनके द्वारा कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही थी। सबसे अच्छी बात यह थी कि कंपनियों के अधिकारियों ने सफलता न पा सकने वाले अभ्यर्थियों को कुछ सुझाव देकर अपने रिज्युमे को अपग्रेड कर कुछ समय बाद फिर से मौका देने के आश्वासन दिए। अभ्यर्थियों के लिए कंपनियों का ऐसा सहयोगात्मक रवैया एक नया अनुभव था। दूसरे दिन हालात यह हो गए कि इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थियों की लाइन लंबी थी और कंपनियों के अधिकारियों के सामने समय सीमा का संकट। ऐसे में यह सुझाव भी आया कि जॉब फेयर और अधिक दिनों का होना चाहिए। इस संबंध में इस मेगा जॉब फेयर आयोजित कराने वाले संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता और प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता का कहना था कि हमने जैसा सोचा था उससे अधिक हमारे इरादे को संतुष्टि मिली है। नौकरी पाने वाले बच्चों की खुशी ने हम सभी को ऐसा सुखद एहसास कराया है, जिसकी कोई कीमत नहीं।
डा. सचिन गुप्ता का कहना था कि महत्वपूर्ण संख्या नहीं है महत्वपूर्ण है किसी एक बच्चे के भी सपने का साकार होना। यह कितनी बड़ी बात है कि इस जॉब फेयर के माध्यम से सैंकड़ों बच्चे नौकरी पाने में सफल हो गए जो शायद निराश हो चुके थे। उन्होंने कहा कि जब हमारे सामने दूसरे शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने अपनी दुविधा और निराशा का जिक्र किया तभी ऐसा मेगा जॉब फेयर लगाने का मन में विचार आया।
संस्कृति विवि की व्यवस्थाओं से अभिभूत
संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में नौकरियां देने आईं तमाम कंपनियों के अधिकारियों ने खुले मन से संस्कृति विवि की इस सोच के प्रति सराहना व्यक्त की। दो दिन के दौरान जॉब फेयर का संचालन कर रही संस्कृति विवि के विद्यार्थियों की टीम, विवि के प्रशासन और संस्कृति विवि प्लेसमेंट सेल के अधिकारियों द्वारा कंपनियों के अधिकारियों को मिले सहयोग, हास्पिटेलिटी और बेहतरीन इंतजाम की बार-बार तारीफ की गई।
याकोहामा टायर्स के एचआर विभाग से आईं ममता गायकवाड़, जस्ट डायल से शिवम, टेलीपरफार्मेंस से ब्लैक डेविड, टेक महिंद्रा से हर्षा उपाध्याय, समता रिसर्च से गरिमा अरोड़ा, आरके बिजनेस ग्रुप से चंदन उपाध्याय, जेटीइकेटी से मनोज जुग्रान, जेबीएम कंपनी से आए विवेक सूर्यवंशी का कहना था कि संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रयास वाकई बहुत सराहनीय रहा। विवि प्रशासन ने सारी व्यवस्थाएं उच्च श्रेणी की की थीं। सबसे सराहनीय था जॉब फेयर संचालित कर रही विद्यार्थियों की टीम। इस टीम की आवभगत ने हमें जरा भी थकान महसूस नहीं होने दी।
संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर को संचालित कर रही संस्कृति विवि के विद्यार्थियों की टीम ने बताया कि जॉब फेयर में विद्यार्थियों के लगभग 2500 इंटरव्यू हुए। 1500 अभ्यर्थियों को नौकरी के लिए या फिर अगले राउंड के लिए लैटर मिले हैं। लैटर देने वाली कंपनियों में मिल्कमोर, लैंसकार्ट, टेक महिंद्रा, टेलीपरफोरमैन्स, आरके ग्रुप, न्यूएलनबरी वर्क्स, जॉब सीकर, याकोहोमा, हल्दीराम हैं।

नौकरी पाने वालों ने कहा, धन्यवाद संस्कृति युनिवर्सिटी
मथुरा। दूर-दराज से संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में नौकरी पाने वाले विद्यार्थियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। वे खुश होकर बार-बार संस्कृति विश्वविद्यालय को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दे रहे थे।
दिल्ली युनवर्सिटी के छात्र संजू को याकोहोमा टायर्स ने नौकरी दी है। संजू बहुत खुश होकर संस्कृति विवि को धन्यवाद दे रहे हैं। उनका कहना था कि मुझे यहां उम्मीद से ज्यादा मिला। इतनी अच्छी व्यवस्थाएं और याकोहामा में नौकरी, मेरा तो सपना पूरा हो गया। अभ्यर्थी शिवा रावत को आरके ग्रुप ने नौकरी के लिए चयनित किया। शिवा रावत का कहना था कि यह अनौखा जाब फेयर था जहां इतनी सारी कंपनियों में इंटरव्यू देने का मौका मिला और एक अच्छी कंपनी में नौकरी। एक अन्य डिग्री कालेज के छात्र राहुल उपाध्याय को टेक महिंद्रा ने नौकरी दी है। राहुल के लिए यह एक बेहतरीन जाब फेयर था, पूरी तरह से व्यवस्थित। मेरे लिए तो यह सुनहरा अवसर बन गया क्योंकि मुझे यहां टेक महिंद्रा जैसी कंपनी ने आफर लैटर दिया।
मथुरा ही की एक अन्य युनिवर्सिटी के विद्यार्थी देवाशीष सिंह को टेक महिंद्रा ने नौकरी दी है। देवाशीष सिंह ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय आते ही बहुत सकारात्मकता का अनुभव हुआ। विद्यार्थियों की टीम गजब का सहयोग कर रही थी और नियोक्ता कंपनियों का रवैया भी बहुत उत्साहवर्धक था। मैं संस्कृति विवि का शुक्रिया करता हूं, जिसने मुझे यह मौका दिया और मेरा नौकरी पाने का सपना पूरा हुआ। आगरा स्थित एक विश्वविद्यालय के छात्र श्रीगोपाल सिंह का कहना था कि जॉब फेयर बहुत व्यवस्थित था। टेक महिंद्रा ने नौकरी देकर मेर आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाया है। संस्कृति विवि ने विद्यार्थियों को एक बड़ी उम्मीद दी है। अभ्यर्थी साहिल ने कहा कि संस्कृति विवि सिर्फ सपने ही नहीं दिखाता उनको पूरा भी कराता है। साहिल को रिसर्च एंड एनालिसिस डोमिन में नौकरी मिली है। मथुरा की एक अन्य युनिवर्सिटी के छात्र गोपाल धनकर को टेलेपरफार्मेंस ने नौकरी के लिए चयनित किया है। गोपाल का कहना था कि संस्कृति विवि अपने इस प्रयास के लिए पूरे शिक्षा जगत में प्रशंसा की दृष्टि से देखा जा रहा है। ऐसे ही कुछ विचार जाब फेयर में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थी हेमंत, हिमांशु, कुनाल गौतम और अनेक के थे जो फूले नहीं समा रहे थे।

चित्र परिचयः 1-संस्कृति बिगेस्ट एवर जॉब फेयर में जॉब फेयर शुरू होने के बाद तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आतुर विद्यार्थियों की भीड़।2-विद्यार्थियों का साक्षात्कार करते कंपनी के अधिकारी।

संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में मिली नौकरी, खिले चेहरे
मथुरा। संस्कृति विवि द्वारा आयोजित संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में पहले ही दिन 75 विद्यार्थियों ने नौकरी हासिल कर ली। महत्वपूर्ण पक्ष यह रहा कि इन विद्यार्थियों को कई जगह प्रयास करने के बाद भी अभी तक नौकरी हासिल नहीं हो सकी थी। नौकरी हासिल करते ही विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता और प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता की सोच उस समय फलीभूत होती नजर आई जब संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर में पहले ही दिन 75 बच्चों के चेहरे नौकरी पाकर खिल उठे। बताते चलें कि संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और प्रति कुलाधिपति के पास बहुत से ऐसे नौकरी पाने से वंचित रह गए विद्यार्थियों के मामले सामने आ रहे थे। इसी स्थिति को देखकर उनके मन में एक ऐसा बड़ा जॉब फेयर लगाने का विचार आया जिसके द्वारा ऐसे सभी विद्यार्थियों को एक बार फिर से मौका दिया जा सके। बहुत सी बार ऐसा देखने में आया है कि किन्ही परिस्थितियों के कारण विद्यार्थी इंटरव्यू में सफलता हासिल करने से चूक जाते हैं जबकि वे योग्य होते हैं। इसलिए जरूरी है कि उन्हें ये अवसर मिलने चाहिए।
संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर को संचालित कर रही संस्कृति विवि के विद्यार्थियों की टीम ने बताया कि जॉब फेयर में भाग लेने के लिए लगभग डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। संस्कृति विवि में इस मेगा जाब फेयर के लिए विवि के विभिन्न ब्लाक में कंपनियों के लिए 25 डेस्क बनाए गए थे, जहां विद्यार्थियों ने अपने इंटरव्यू दिए। जिसमें से पहले दिन चार सौ से अधिक विद्यार्थियों के इंटरव्यू प्रसिद्ध कंपनियों के अधिकारियों ने लिए हैं। इन कंपनियों में मिल्कमोर, लैंसकार्ट, टेक महिंद्रा, टेलीपरफोरमैन्स, आरके ग्रुप, न्यूएलनबरी वर्क्स, जॉब सीकर, याकोहोमा, हल्दीराम ने आज हुए इंटरव्यू के बाद लगभग 75 विद्यार्थियों को नौकरी के लिए चयनित किया है। बताया गया कुछ कंपनियों ने आज इंटरव्यू के रिजल्ट कल के दिन घोषित करने की बात की है। इस हिसाब से चयनित विद्यार्थियों की संख्या में और इजाफा हो सकता है। वहीं जॉब फेयर में नौकरी पाने वाले विद्यार्थियों ने संस्कृति विवि को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक ही जगह इतनी सारी कंपनियों में नौकरी के सीधे इंटरव्यू का मौका मिलना हम लोगों के लिए बहुत बड़ा मौका था।

दो दिवसीय संस्कृति मेगा जॉब फेयर में पहले ही दिन उमड़ी विद्यार्थियों की भीड़
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा बहुप्रतीक्षित मेगा जाब फेयर के पहले ही दिन समय से पूर्व ही देश के दूर दराज क्षेत्रों से रोजगार पाने का सपना लिये विद्यार्थियों का आगमन होने लगा। संस्कृति विवि के प्लेसमेंट सेल की देखरेख में जॉब फेयर को मैनेज कर रही विद्यार्थियों की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ रोजगार पाने की आशा में आ रहे विद्यार्थियों को उनसे संबंधित विभाग में पहुंचाने में जुटी थी। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विवि प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को एक दिन पहले ही अंजाम दे दिया था। अपने आप में अभूतपूर्व यह वृहद रोजगार मेला अपनी सोच के अनुरूप विद्यार्थियों को उनके सपनों की उड़ान भरने में मील का पत्थर बनता नजर आ रहा है।
संस्कृति बिगेस्ट एवर मेगा जॉब फेयर को संचालित कर रही विद्यार्थियों की टीम ने बताया कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के द्वारा कराए गए रजिस्ट्रेशनों को देखकर हम लोगों को अनुमान था कि हमें एक बड़ी चुनौती का सामना करना है। ये चुनौती थी अभ्यर्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए हमारी टीम ने दर्जनों मीटिंग कीं। बारीक से बारीक परिस्थितियों को संभालने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली। इसका हमें फायदा तब नजर आया जब विद्यार्थियों ने व्यवस्थाओं की सराहना की। जहां दिक्कत आती वहीं संस्कृति प्लेसमेंट सेल के अधिकारी हमें सलाह, सहयोग और निर्देश देने के लिए मौजूद थे। वे हमारे साथ तैयारियों में रात-दिन जुटे भी रहे। सुबह नौ बजे से शुरू होने वाले इस मेगा जाब फेयर में अपनी किस्मत अजमाने विद्यार्थी समय से पहले ही आना शुरू हो गए थे।
संस्कृति विवि के प्लेसमेंट सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जॉब फेयर में भाग लेने के लिए 31 जुलाई को शाम पांच बजे तक डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन करा चुके थे। बताते चलें कि इस मेगा जॉब फेयर के माध्यम से संस्कृति विवि द्वारा देशभर के नौकरी से वंचित रह गए नौजवानों को रोजगार का एक बड़ा मौका दिया जा रहा है। इसके लिए विवि प्रशासन ने लगभग सभी प्लेटफार्म पर इस जाब फेयर की जानकारी प्रचारित की। इतना ही नहीं कालेजों में, इंस्टीट्यूट में और रोजगार कार्यालयों में भी इस जॉब फेयर की जानकारी साझा की है। संस्कृति विवि ने एक समग्र और सर्व कल्याण की भावना के तहत देशभर के सभी पासआउट विद्यार्थियों, जो अभी तक नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं इस जॉब फेयर में आमंत्रित किया है। उद्योग विभाग के स्थानीय अधिकारियों द्वारा भी इस अवसर का लाभ उठाने में रुचि दिखाई है।

नवागंतुक नर्सिंग छात्र-छात्राओं को दी अनुशासन, लगन-मेहनत की सीखके.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस का ओरिएंटेशन प्रोग्राम


मथुरा। नर्सिंग शिक्षा चिकित्सा का ऐसा सेवाभावी अंग है जिसके बिना चिकित्सकीय कार्य असम्भव है। नर्सेज चिकित्सकों और मरीजों के बीच की अहम कड़ी होती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षित नर्सेज तथा योग्य पैरामेडिक्स की देश ही नहीं दुनिया भर में मांग है लिहाजा आप लोग लगन और मेहनत से इस क्षेत्र में अपना करियर बनाएं। यह बातें शुक्रवार को के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन और प्राचार्य डॉ. आर. के. अशोका ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताईं। ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया।
नवागंतुक छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए डॉ. अशोका ने छात्र-छात्राओं को बताया कि नर्सेज और पैरामेडिक्स स्वास्थ्य तथा चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सच कहें तो एक मरीज की सही देखभाल नर्सेज का अहम दायित्व है। इस अवसर पर चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे लगन और मेहनत से पढ़ाई कर अपने सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि चूंकि नर्सिंग स्टाफ मरीज के ज्यादा करीब होता है तथा उनकी देखरेख करता है लिहाजा उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट तथा रोगी के प्रति विनम्र व्यवहार होना चाहिए। डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि मरीज की आधी बीमारी तो नर्सेज के अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है।
निदेशक नर्सिंग शीला एलेक्स ने कहा कि नर्सिंग का क्षेत्र सम्भावनाओं से परिपूर्ण है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस का चयन करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां न केवल किताबी ज्ञान मिलेगा बल्कि प्रयोगात्मक अनुभव हासिल करने के अच्छे से अच्छे अवसर भी मिलेंगे। के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस की प्राचार्य एन.पी. चानू ने सभी नवागंतुक छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह ओरिएंटेशन प्रोग्राम आपके जीवन के अगले स्टेज में पहला और बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित होने वाला है। प्राचार्य चानू ने कहा कि के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस का उद्देश्य युवा और उत्साही छात्र-छात्राओं को अनुशासित, रचनात्मक और एथिकल प्रोफेशनल्स (नैतिक पेशेवर) के रूप में विकसित करना है ताकि वे चिकित्सा के क्षेत्र में नजीर बन सकें। उन्होंने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे यहां अनुशासन में रहकर शिक्षा हासिल करें तथा अपने सेवाभावी कार्यों से चिकित्सा क्षेत्र में नजीर स्थापित करें।
एसोसिएट प्रो. गौरव त्यागी ने अपने सम्बोधन में कहा कि नवागंतुक छात्र-छात्राएं कॉलेज को अपना परिवार मानकर शिक्षा ग्रहण करें। उन्हें कोई परेशानी हो तो उसे जरूर बताएं। उन्होंने कहा कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप शिक्षा के क्षेत्र में जो उच्च मानदंड स्थापित कर रहा है, इसका सारा श्रेय इस ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन श्री मनोज अग्रवाल तथा कार्यकारी निदेशक श्री अरुण अग्रवाल को जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों को वृत्तचित्र के माध्यम से आर. के. एज्यूकेशनल ग्रुप तथा के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस की जानकारी दी।
प्रो. त्यागी ने कहा कि आर.के. ग्रुप का शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान है लिहाजा अनुशासन और मेहनत से छात्र-छात्राएं शिक्षा और प्रशिक्षण हासिल कर अपने सपनों को साकार करें। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कॉलेज के शिक्षक उदयवीर, नीतेश कुमार, दर्शन चतुर्वेदी, हेमंत शर्मा, नितिन, अर्पित, आकांक्षा झा, प्रियंका, ज्योति सिंह सिसोदिया, यती, नरेन्द्र गोस्वामी, अभय शर्मा, लाइब्रेरियन अजीत सिंह, डालचंद गौतम आदि ने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन दर्शन चतुर्वेदी और आकांक्षा झा ने किया। आभार प्राचार्य एन.पी. चानू ने माना।
चित्र कैप्शनः मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करतीं प्राचार्य एन.पी. चानू तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर. के. अशोका। दूसरे चित्र में अतिथियों के साथ नवागंतुक छात्र-छात्राएं।

राजीव एकेडमी के 14 विद्यार्थियों को वाको बाइनरी में मिली जॉब


शानदार अवसर मिलने से छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट, मथुरा के बीबीए, बी.ईकॉम, बीसीए और बीएससी (कम्प्यूटर साइंस) के 14 छात्र-छात्राओं ने प्रतिष्ठित बिजनेस कंसल्टिंग एवं सर्विसेज कम्पनी वाको बाइनरी में शानदार सेवा का अवसर हासिल कर संस्थान का गौरव बढ़ाया है। शिक्षा पूरी करने से पहले मिले इस अवसर से छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों में खुशी का माहौल है।
संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि हाल ही वाको बाइनरी कम्पनी की आनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया में राजीव एकेडमी के 14 छात्र-छात्राओं को उच्च पैकेज पर जॉब हासिल करने में सफलता मिली है। चयनित विद्यार्थियों में अनूप सिंह (बीबीए), दुर्गेश कुमार (बीबीए), मोहम्मद फैज़ (बी.ईकॉम), गौरव मेहरानिया (बीसीए), जानकी चौधरी (बीसीए), कपिल व्यास (बीसीए), नेहा शर्मा (बीसीए), राजकमल शर्मा (बीसीए), सोनू पांडेय (बीसीए), खुशी साहू (बीएससी सीएस), कीर्ति दास (बीएससी सीएस), लकी मिश्रा (बीएससी सीएस), प्रियांशी (बीएससी सीएस), याचना चौधरी (बीएससी सीएस) शामिल हैं।
डॉ. जैन ने बताया कि वाको बाइनरी एक अग्रणी कम्पनी है जो एंड-टू-एंड मैनेज्ड सर्विसेज़, कंसल्टिंग और टैलेंट सॉल्यूशन्स प्रदान करता है। भारत के 150+ से अधिक स्थानों पर अपनी उपस्थिति के साथ, यह कम्पनी डिजिटल कंटेंट ऑपरेशंस, ट्रस्ट एंड सेफ्टी, लीगल एंड कम्प्लायंस, फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, क्लाउड माइग्रेशन, क्वालिटी एश्योरेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, हेल्पडेस्क, बिजनेस इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती है।
डॉ. जैन ने कहा कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि उन्हें उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार व्यावहारिक, तकनीकी और पेशेवर प्रशिक्षण देना है। वाको बाइनरी जैसी अग्रणी कम्पनी में विद्यार्थियों का चयन यह दर्शाता है कि हमारी ट्रेनिंग प्रक्रिया, करियर मार्गदर्शन और इंडस्ट्री एक्सपोजर आज के प्रतिस्पर्धी माहौल के अनुरूप है। चयनित विद्यार्थियों ने अपनी सफलता का श्रेय संस्थान द्वारा प्रदान की गई गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समयबद्ध मार्गदर्शन और प्रशिक्षण अवसरों को दिया। उन्होंने कहा कि राजीव एकेडमी में उन्हें जिस प्रकार से कॉर्पोरेट एक्सपोजर, इंटरव्यू स्किल्स और तकनीकी दक्षता का प्रशिक्षण मिला, उससे वे आत्मविश्वास के साथ साक्षात्कार में शामिल होकर सफलता हासिल कर सके।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल एवं संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी विद्यार्थियों को सिर्फ शिक्षित करने का कार्य नहीं करती बल्कि उन्हें इंडस्ट्री के लिए तैयार कर एक आत्मनिर्भर और योग्य प्रोफेशनल बनाने का भी कार्य करती है। वाको बाइनरी जैसी प्रतिष्ठित कम्पनी में हमारे विद्यार्थियों का चयन इस बात का प्रमाण है कि हम भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। राजीव एकेडमी का यह प्लेसमेंट रिकॉर्ड स्पष्ट करता है कि संस्थान विद्यार्थियों के करियर निर्माण में सिर्फ भागीदार ही नहीं बल्कि उनकी सफलता की मजबूत नींव है।
चित्र कैप्शनः वाको बाइनरी कम्पनी की आनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया में शामिल राजीव एकेडमी के विद्यार्थी।

चित्र परिचयः संस्कृति विवि की वेबिनार में उपस्थित वक्तागण।

संस्कृति विवि की वेबिनार में छात्रों, शिक्षकों के लिए सहकारी अवसरों पर चर्चा

मथुरा। संस्कृति टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन फाउंडेशन और संस्कृति विश्वविद्यालय के एंटरप्रेन्योरियल क्लब के सहयोग से “प्रारंभिक स्तर के उद्यमियों के सशक्तिकरण-छात्रों और शिक्षकों के लिए सहकारी अवसरों का द्वार खोलना” विषय को लेकर माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के माध्यम से नेशनल वेबिनार आयोजित की गई। वेबिनार में विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों के 100 से अधिक छात्रों और संकाय सदस्यों की भागीदारी ने वेबिनार को और महत्वपूर्ण बना दिया।
वेबिनार में भाग ले रहे विषय विशेषज्ञों रितेश डे, कार्यकारी निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई), राजीव शर्मा, कार्यकारी निदेशक, एनसीयूआई, अनंत दुबे, उप निदेशक, एनसीयूआई ने राष्ट्रीय, राज्य, जिला और प्राथमिक स्तर पर सहकारी समितियों की संरचना, सहकारिता के सात सिद्धांत और आंदोलन का नैतिक आधार, सहकारी उद्यमिता को बढ़ावा देने में एनसीयूआई की भूमिका, भारत के सकल घरेलू उत्पाद और ग्रामीण विकास में सहकारी क्षेत्र का योगदान, अमूल, वेरका, सारस्वत बैंक, भुट्टिको, चाय सुट्टा बार, कृभको, इफको, आदि के विषय में विस्तार सहित जानकारी दी। वक्ताओं ने 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस, राज्य-स्तरीय सहकारी विकास पहलों (जैसे, त्रिपुरा) और सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत सरकारी योजनाओं के बारे में भी उपयोगी जानकारियां दीं।
वेबिनार की शुरुआत बीबीए प्रोग्राम के छात्र और एंटरप्रेन्योरियल क्लब के उपाध्यक्ष पारस गुप्ता के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में उभरते उद्यमियों को सहयोग देने में सहकारी समितियों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के डीन, प्रो. (डॉ.) मनीष अग्रवाल ने मुख्य वक्ताओं और प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत करते हुए उद्यमिता शिक्षा में सामाजिक रूप से प्रभावशाली व्यावसायिक मॉडलों को एकीकृत करने के विश्वविद्यालय के उद्देश्य पर ज़ोर दिया।
वेबिनार का आयोजन संस्कृति इंक्युबेशन सेंटर के सीईओ डॉ. गजेंद्र सिंह के निर्देशन में हुआ। वेबिनार में छात्रों और शिक्षकों के लिए साझा अवसरों जैसे सहकारी संस्थानों में इंटर्नशिप और परियोजना कार्य, सफल सहकारी समितियों के अध्ययन दौरे और उद्योग भ्रमण, “द कोऑपरेटर” पत्रिका में योगदान और भारतीय सहकारी समीक्षा (आईसीआर) में शोध पत्र प्रस्तुत करना आदि के बारे में भी बताया गया। वेबिनार के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ। वेबिनार का समापन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के सहायक प्रोफेसर और एंटरप्रेन्योरियल क्लब के समन्वयक डॉ. शांतम बब्बर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।