Monday, December 22, 2025
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चित्र परिचयः संस्कृति विवि के छठे दीक्षांत समारोह का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ करते संत और अन्य अतिथिगण।

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चित्र परिचयः आकाश इंस्टीट्यूट के संस्थापक डा. जेसी चौधरी को मानद् उपाधि प्रदान करते कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता।
चित्र परिचयः बालीवुड के प्रख्यात अभिनेता आशुतोष राणा को मानद् उपाधि प्रदान करते कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता।

संस्कृति विवि दीक्षांत समारोह में 2045 विद्यार्थियों को मिली डिग्री
शिक्षाविद् डा. जेसी चौधरी और फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा मानद् उपाधि से सम्मानित
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय का छठवां दीक्षांत समारोह संतों की उपस्थिति में भव्य और दिव्य वातावरण में संपन्न हुआ। विद्यार्थियों के अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप प्राप्त फल के रूप में उनको पदक और उपाधियां प्रदान की गईं। मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और राष्ट्रीयगान की परंपरा को पूर्ण करते हुए दीक्षांत समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह के दौरान संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता द्वारा आकाश इंस्टीट्यूट के संस्थापक, ख्यातिप्राप्त शिक्षक, न्यूमरोलॉजिस्ट डा. जेसी चौधरी और बालीवुड के प्रसिद्ध कलाकार, कवि, लेखक और वक्ता आशुतोष राणा को मानद उपाधि से विभूषित किया। समारोह में लगभग 2045 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इसके साथ ही 20 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री से विभूषित किया गया।
दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने अपने गुरुजनों को धन्यवाद देते हुए कहा कि तीन चीज़ों से एक इंसान को सदैव बच कर रहना चाहिए, आदि, व्याधि और उपाधि क्योंकि बाक़ी दोनों का इलाज हो सकता है पर उपाधि का घमंड अगर हो जाये तो उसका इलाज नहीं है। नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के पूर्व छात्र और हिंदी, तेलुगू और तमिल फ़िल्म में अपने अभिनय का डंका बजा चुके आशुतोष राणा ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता के आभारी हैं जिन्होंने उन्हें इस उपाधि से नवाज़ा और वे ख़ुद को ख़ुशक़िस्मत मानते हैं की उन्हें यह उपाधि संस्कृति विश्वविद्यालय से मिली है।
मानद् उपाधि से सम्मानित प्रख्यात शिक्षाविद्, अनेक पुस्तकों के लेखक डा.जेसी चौधरी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपको मिली यह डिग्री आपकी शिक्षा का अंत नहीं है, यह सच है कि अभी तक आपने जो समय व्यतीत किया वो आपके जीवन का सबसे गोल्डन पीरियड था, असली जिंदगी तो अब शुरुआत है, यह दीक्षा का अंत नहीं है। अभी तो ज़िंदगी शुरू हुई है। ज़िंदगी में जो मिल जाये उससे कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए और अपने लिए हमेशा बेहतर की तलाश करते रहना चाहिए। यदि परमात्मा आपको किसी मुसीबत में डाल रहे हैं तो वे चाहते हैं कि आप उससे जूझ कर कुछ सीखें और अपने भविष्य को उज्जवल बनायें। उन्होंने कहा कि मैं आज भी लगातार कुछ नया सीखने का प्रयास करता हूं, आपको यह प्रयास हमेशा करते रहना है।
संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपको जीवन में कभी हार नहीं माननी है। हमारे सामने कैसी भी चुनौती आए डटे रहना है, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। विवि के कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि हमारे कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता भारत के सबसे कम उमर के कुलाधिपति हैं और उनका लक्ष्य विश्वविद्यालय को सबसे तेज गति से प्रगति करने वाली शिक्षा संस्था के रूप में आगे लेके जाने का है। विश्वविद्यालय में विश्व स्तर की शिक्षा, 25 स्टार्टअप्स और अमेरिका एवं यूके के शिक्षण संस्थानों के साथ महत्वपूर्ण एमओयू साइन हुए हैं। इसरो के यमुना नदी प्रोजेक्ट में भी संस्कृति विश्वविद्यालय मदद कर रहा है।
नैलनाक्ष एस व्यास (आईआईटी कानपुर) ने कहा कि यह दीक्षा का अंत नहीं है, यह तो शिक्षा की शुरुआत है। बस अब आपको ज़िंदगी सिखाएगी। शिक्षा प्रणाली और एआई के उपयोग के बारे में भी छात्रों को बताया। एआईयू के चेयरमैन विनय कुमार पाठक ने बताया कि अध्यापक, अभिभावक और छात्र तीनो छात्र की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। शिक्षा का कोई अंत नहीं होता और दीक्षा जीवन जीने का तरीका है। दीक्षा का प्रयोजन पुरातन है। सुदीप गोयंका(गोल्डी ग्रुप) ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति(डॉ सचिन गुप्ता), प्रति कुलाधिपति राजेश गुप्ता एवं चेयरमैन विज़न ग्रुप के मुकेश गुप्ता को विश्वविद्यालय के ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश की उपाधि से सम्बोधित किया। विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यह सफ़र आपकी ज़िंदगी का सबसे यादगार सफ़र होने वाला है। विश्वविद्यालय के 10000 विद्यार्थियों में से कोई भी कल का कुलपति हो सकता है।
भव्य और दिव्य वातावरण में संपन्न हुए संस्कृति विवि के छठे दीक्षांत समारोह की शुरुआत शैक्षणिक प्रोसेशन से हुई। आगे-आगे चल रहे एनसीसी कैडेट और गुरुकुल के विद्यार्थी इस प्रोसेशन को एक अलौकिक स्वरूप प्रदान कर रहे थे। सुबह से ही कार्यक्रम के लिए छात्रों में डिग्रियां पाने के लिए आतुरता नजर आ रही थी। छात्र कल्याण डीन डॉ धर्मेंद्र एस तोमर ने कार्यक्रम में सभी अध्यापकों, छात्रों एवं अभिभावकों का स्वागत किया।
कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने मंच पर आसीन आशुतोष राणा, अनन्तश्री विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्यजी महाराज, महामंडलेश्वर हेमांगी सखी माँ, पूज्य चिन्मयानंद बापू जी, डॉ नलिनाक्ष एस व्यास आईआईटी कानपुर, शारदा सर्वज्ञ पीठाधीश्वर अनंतश्री स्वामी अमृतानंद देवतीर्थजी, आचार्य मनीष जी(हिम्स चंडीगढ़), डॉ जे सी चौधरी जी (आकाश इंस्टिट्यूट), सुदीप गोयंका (गोल्डी ग्रुप), प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ( चेयरमैन ए आई यू ), डॉ सचिन गुप्ता ( कुलाधिपति संस्कृति विश्वविद्यालय), राजेश गुप्ता प्रति कुलाधिपति संस्कृति विश्वविद्यालय), मुकेश गुप्ता( चेयरमैन विज़न ग्रुप), डॉ एम बी चेट्टी ( कुलपति संस्कृति विश्वविद्यालय), डॉ मीनाक्षी शर्मा ( सीईओ संस्कृति विश्वविद्यालय) का पटुका ओढ़ाकर एवं स्मृतिचिह्न देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्कृति प्लेसमेंट सेल की अधिकारी ज्योति यादव एवं विकास कौशिक ने किया।
21 को मिली पीएचडी की डिग्री
कुलपति प्रो. एमबी चेट्टी ने 21 पीएचडी की उपाधि वाले छात्रों को मंच पर आमंत्रित किया और सभी अतिथियों ने मिलकर उनको उपाधि से नवाज़ा। उसके बाद मास्टर्स वाले 232 छात्रों, उनके बाद 1277 बैचलर्स और 515 डिप्लोमा वाले छात्रों को उनकी उपाधि प्रदान की गई और उन्हें शपथ दिलवायी गई। साथ ही अपने विषय में विशेष दक्षता हासिर करने वाले 45 विद्यार्थियों को गोल्ड, 44 को सिल्वर और 39 विद्यार्थियों को ब्रोंज मेडल देकर सम्मानित किया गया।

संसद भवन बेकार और ऊधमी सांसद तो और भी कंडम

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 मथुरा। नये संसद भवन के फोटो जब-जब में अखबार मैं देखता हूं तब तब मुझे बड़ी झुंझलाहट होती है। इसके अलावा जब मैं संसद के अंदर सांसदों की उद्दंडता वाली खबरें पढ़ता हूं तब तो मुझे इतनी जोर की गुस्सा आती है कि इनकी खोपड़ी से अपनी खोपड़ी बजा डालूं। अब बताता हूं कि संसद भवन बेकार क्यों है? नये संसद भवन को देखते ही ऐसा लगता है जैसे यह कोई ताबूत है।पुराना संसद भवन कितना सुंदर और कितना मजबूत था किंतु मात्र इसलिए उसे रिजेक्ट कर दिया कि यह तो अंग्रेजों का बनाया गया यानी गुलामी का प्रतीक है। चलो ठीक है गुलामी की निशानी मिटादी और देशभक्ति का सेहरा अपने सर बांध लिया।
 अब मैं एक छोटी सी मिसाल बताता हूं। हमारे घर के पास एक रेल का पुल है। जब अंग्रेजों ने उसे बनाया था तब उसकी मियाद 100 वर्ष रखी थी। अब उसे बने हुए 200 वर्ष होने जा रहे हैं किंतु अभी तक उसका बाल बांका तक नहीं हुआ है। उसे भी तोड़कर नया पुल बनाना चाहिए। इसके अलावा एक बात और बताऊं कि हमारे बचपन में इस रेल वाले पुल पर होकर यातायात यानी मोटर, कार, तांगा, रिक्शा आदि सभी निकलते थे, उन्हें बंद कर दिया गया तथा उनके लिए दूसरा नया पुल बनवा दिया गया। अब वह नया पुल बूढ़ा हो चुका है। कई वर्ष पूर्व उसे बंद करके तीसरा एक और नया पुल बनवा दिया। अब उसमें भी फुंसी फोड़े होने लगे हैं तथा कुछ वर्षों के बाद एक और चौथा नया पुल बनेगा। कहने का मतलब है कि हमारे देश में अंग्रेजों की बनाई हुई लाखों चीजें हैं उनकी गुणवत्ता को न देख सिर्फ यह देखना चाहिए कि यह तो गुलामी की निशानियां है और सभी को तोड़ डालना चाहिए।
 अब आता हूं सांसदों की ऊधम बाजी पर। संसद भवन की लोकसभा हो या राज्यसभा अथवा विधानसभायें ही क्यों न हों। इनमें जो कुछ अराजकता होती है वह कितनी शर्मनाक है? ऐसा लगता है कि यह जनप्रतिनिधियों का नहीं अपराधियों का अड्डा है। इनका सबसे अच्छा इलाज तो मेरी नजर में यह है कि पुराने समय की भांति संसदीय कार्यवाही का प्रसारण दूरदर्शन पर बंद कर देना चाहिए। पुराने समय में संसदीय कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं किया जाता था। जिसको संसद की कार्यवाही देखनी हो पास बनवाकर दर्शक दीर्घा से देख सकता था।
 मेरा मतलब यह है कि यह हुल्लड़ बाजी सिर्फ अपना चौखटा चमकाने और अखबारों में नाम छपवाने के लिए ज्यादा होती है। यदि इनका प्रसारण बंद हो जाय तो हुल्लड़ बाजी पर बहुत कुछ विराम लग जाएगा। मैं बार-बार सोचता हूं कि संसद या विधानसभायें देश की जनता का भला करने के लिए होती हैं या अपना भला करने और अराजकता फैलाने के लिए? ऐसे उपद्रवी सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय हो-हो हू-हू करते हैं। मैं यह नहीं कहता कि सभी सदस्य ऐसे होते हैं किंतु कुछ उद्दडी किस्म के लोग पूरे माहौल को बिगाड़ देते हैं।
 मुझे यह कहने में कोई हिझक या झिझक नहीं कि अनेक ऐसे लोग चुनकर संसद या विधानसभाओं में पहुंच जाते हैं, जिन्हें जेल में होना चाहिए। बल्कि कुछ तो फांसी के पात्र भी हैं। हमारे देश में चुनाव की प्रक्रिया और कानून को धता बताकर ये अपराधी नेता बनकर हम लोगों के ऊपर राज करते हैं। एक कहावत है कि दुकानदारी नरमी की और हाकिमी में गरमी की। यदि देश को देशद्रोहियों से बचाना है तो "लातों के भूत बातों से नहीं मानते" वाला फार्मूला ही अपनाना होगा। अब देखना है कि भगवान हमारे देश को उत्तर कोरिया या चीन जैसी हुकूमत कब देंगे? भले ही हम चीन को कोसते रहें किंतु पूरे विश्व में चीन का डंका इसीलिए बजता है क्योंकि वहां देशद्रोहियों को तुरंत गोली से उड़ा दिया जाता है और कोढ़तंत्र जैसी कोई चीज नहीं है।
 यह सब लिखते लिखते मुझे फिर याद आ गई आपातकाल की। चलो माना आपातकाल जुल्म ज्यादतियों का काल था। इसीलिए जनता ने इंदिरा गांधी को नकार कर चारों खाने चित्त कर दिया किंतु फिर दोबारा दो तिहाई से भी ज्यादा प्रचंड बहुमत से जिताकर क्यों सर आंखों पर बैठाया। है किसी के पास कोई जवाब?.......

राजीव एकेडमी में जेडब्ल्यूटी-बेस्ड ऑथेन्टिकेशन पर हुई तकनीकी वर्कशॉपटेक्निकल ट्रेनर ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को दी तकनीकी जानकारी

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मथुरा। प्रमाणीकरण किसी भी वेब एप्लिकेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि यह उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करता है तथा संरक्षित संसाधनों तक पहुंच को नियंत्रित करता है। प्रमाणीकरण की दुनिया में “स्टेटलेस” का अर्थ एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें सर्वर अनुरोधों के बीच कोई सत्र स्थिति बनाए नहीं रखता। स्टेटलेस प्रमाणीकरण प्रणाली में प्रत्येक अनुरोध स्व-निहित होता है और इसमें उपयोगकर्ता या संस्था को प्रमाणित और अधिकृत करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी शामिल होती हैं। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के एमसीए विभाग द्वारा जेडब्ल्यूटी-बेस्ड ऑथेन्टिकेशन (फुल स्टैक डेवलपर) विषय पर आयोजित विशेष तकनीकी कार्यशाला में स्किलयार्ड्स (एक अग्रणी प्रशिक्षण संस्था) के प्रमाणित टेक्निकल ट्रेनर ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को जेडब्ल्यूटी (जेसन वेब टोकन) की संरचना, निर्माण, सत्यापन और सुरक्षित उपयोग की जानकारी भी दी गई। ट्रेनर ने बताया कि जेडब्ल्यूटी तीन भागों—हेडर, पेलोड और सिग्नेचर से मिलकर बनता है और इसका उपयोग वेब एप्लिकेशन में दावे सुरक्षित रूप से व्यक्त करने के लिए किया जाता है। उन्होंने जेडब्ल्यूटी के स्टेटलेस ऑथेन्टिकेशन, स्केलेबिलिटी और सुरक्षा जैसे लाभों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही ट्रेनर ने डेमो के माध्यम से जेडब्ल्यूटी जनरेशन, सिग्नेचर वैलिडेशन और एपीआई में इसके उपयोग की विधियां भी प्रदर्शित कीं। ट्रेनर ने छात्र-छात्राओं को जेडब्ल्यूटी के क्लाइंट-साइड स्टोरेज (लोकल स्टोरेज, कुकीज़ आदि), एपीआई रिक्वेस्ट्स में इसके इंटीग्रेशन और फ्रंटएंड-बैकएंड संचार के सुरक्षा मानकों के बारे में भी जागरूक किया।
संस्थान के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि छात्र-छात्राओं के लिए यह कार्यशाला काफी उपयोगी रही। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक तकनीकी युग में सिर्फ कोडिंग आना पर्याप्त नहीं है बल्कि सुरक्षा मानकों की समझ भी उतनी ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला ने छात्र-छात्राओं की न केवल तकनीकी जानकारी को समृद्ध किया बल्कि उन्हें एक इंडस्ट्री-रेडी प्रोफेशनल बनने की दिशा में भी प्रेरित किया।
आर.के. एजूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल एवं संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कार्यशाला की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की तकनीकी गतिविधियां छात्र-छात्राओं को वर्तमान इंडस्ट्री की मांगों के अनुरूप विकसित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने अपने संदेश में कहा कि राजीव एकेडमी का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं बल्कि छात्र-छात्राओं को समग्र रूप से तकनीकी और व्यावसायिक रूप से सशक्त बनाना है।
डॉ. भदौरिया ने कहा कि जेडब्ल्यूटी जैसी आधुनिक तकनीकों पर आधारित वर्कशॉप से छात्र-छात्राओं को वह ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है जो उन्हें कॉर्पोरेट वर्ल्ड में प्रतिस्पर्धी बनाए रखता है। इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को वेब सिक्योरिटी और यूज़र ऑथेन्टिकेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण ज्ञान से अवगत कराया गया। डॉ. भदौरिया ने कहा कि संस्था भविष्य में भी इस प्रकार के प्रैक्टिकल-ओरिएंटेड तकनीकी विषयों पर वर्कशॉप्स आयोजित करती रहेगी ताकि विद्यार्थी फ्यूचर-रेडी प्रोफेशनल्स के रूप में उभर सकें।

संस्कृति विवि का दिव्य और भव्य दीक्षांत समारोह ….

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मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का भव्य और दिव्य आयोजन विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान में 12 अगस्त को सुबह 10.30 बजे से किया जा रहा है। दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हस्तियों के सानिध्य में होगा। इसके तुरंत बाद सनातन धर्म संवाद आयोजित किया जाएगा जिसमें देश के प्रतिष्ठित संतजन को सुनने का अवसर भी मिलेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस प्रतिष्ठापूर्ण दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के विशेष शैक्षणिक कीर्तिमान स्थापित करने वाले 46 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 44 विद्यार्थियों को रजत पदक और 39 विद्यार्थियों को कांस्य पदक से सम्मानित किया जाएगा। समारोह के दौरान विद्यार्थियों को 21 पीएचडी और स्नातक एवं स्नातकोत्तर करने वाले कुल 2045 विद्यार्थियों को डिग्रियां देकर सम्मानित किया जाएगा। वहीं अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिक्षक, न्यूमरोलॉजिस्ट एवं मेंटर डा. जेसी चौधरी को मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
दीक्षांत समारोह में फिल्म कलाकार, कवि, लेखक एवं वक्ता आशुतोष राणा, अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी सतीशाचार्य, पूज्य दीदी मां साध्वी ऋतंभराजी, पुंडरीक महाराज, पुराण मनीषी कौशिकजी महाराज, चिन्मयानंद बापूजी, सुधांशु जी महाराज, आचार्य मनीष जी ( आयुर्वेद ), जगद्गुरु हिमांगी सखी, आचार्य प्रमोद कृष्णम्, डा. नलिनाक्ष एस व्यासजी, भारतीय विवि संघ के अध्यक्ष एवं कानपुर विवि के कुलपति विनय पाठक, गोल्डी ग्रुप के संदीप गोयनका, शारदापीठ शंकराचार्य अनंतश्री स्वामी अमृतानंद देव तीर्थजी आदि हस्तियां भाग लेने आ रही हैं।

केले के हिंडोले में विराजमान होकर राजाधिराज दिए दर्शन

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पुष्टिमार्ग संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया के श्रावण मास में हिंडोले और घटाओं के कार्यक्रम ठाकुर मंदिर द्वारकाधीश में होते हैं जिनका निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 डॉक्टर वागिश कुमार जी महाराज तृतीय पीठाधीश्वर कांकरोली नरेश जी के द्वारा किए जाते हैं और उनके सफल निर्देशन मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 कांकरोली युवराज वेदांत कुमार जी महाराज एवं सिद्धांत कुमार जी महाराज के द्वारा किया जाता है उसी के तहत रविवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन ठाकुर द्वारिकाधीश जी महाराज केले के हिंडोले में विराजमान हुए
यह क्रम पूरे सावन मास में निरंतर जारी रहा और कल ठाकुर जी का हिंडोले विजय का मनोरथ होगा जिसमे ठाकुर जी सोने चांदी के हिंडोले में विराजमान होंगे और इस आयोजन के बाद सावन की घटा और हिंडोले के उत्सव समाप्त हो जायेंगे।

कान्हा माखन ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स द्वारा रक्षाबंधन का भव्य और उत्साहपूर्ण उत्सव

वृंदावन। कान्हा माखन ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स द्वारा रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर विद्यार्थियों ने एक प्रेरणादायक एवं संस्कारपूर्ण पहल करते हुए जिले के प्रमुख गणमान्य व प्रशासनिक अधिकारियों को राखी बाँधकर अपने स्नेह, सम्मान और कृतज्ञता का भाव प्रकट किया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि सामाजिक एकता और मथुरा की जनता के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
इस सांस्कृतिक आयोजन में ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के वाईस चेयरमैन शैलजाकांत मिश्रा, पारस पार्थ विभाग प्रचारक आरएसएस, मांट क्षेत्र के विधायक राजेश चौधरी, एसएसपी ट्रैफिक मनोज कुमार यादव , कर्नल जी. एस. गिल (भारतीय सेना ) सिटी मजिस्ट्रेट, सीडीओ मनीष मीणा, होमगार्ड कमांडेंट डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह को हस्तनिर्मित रंग-बिरंगी राखियां बांधीं और उनके प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
छात्राओं ने राखी बांधते समय इन सम्मानित व्यक्तियों से मथुरा की जनता के कल्याण, शिक्षा, सुरक्षा, और समग्र विकास के लिए निरंतर प्रयास करने का वचन लिया। इस अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों ने छात्राओं के इस भावनात्मक और सांस्कृतिक पहल की दिल से सराहना की। उन्होंने मथुरा के विकास, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, और सामाजिक उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस अवसर पर कान्हा माखन ग्रुप ऑफ़ स्कूल ने विभिन्न शैक्षिक परिसरों में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और विद्यार्थियों द्वारा अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए राखी बनाने की कला को प्रस्तुत किया गया।
यह आयोजन न केवल रक्षाबंधन के पारंपरिक मूल्यों को जीवंत करने में सफल रहा, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी और नेतृत्व की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के होनहारों ने दिखाया बौद्धिक कौशलयंग एंटरप्रेन्योर्स मीट में तैयार किए नई-नई कम्पनियों के प्रोडक्ट


मथुरा। छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता के मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट का आयोजन किया गया। इसमें वाणिज्य संकाय के 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं ने नई-नई कम्पनियों के प्रोडक्ट तैयार कर अपने बौद्धिक कौशल का परिचय दिया। यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट में 10 समूहों ने हिस्सा लिया तथा विजेता और उप-विजेता समूहों को ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया।
छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता और कौशल मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट में भारत रूट, कलर क्यू, क्रूजी, गोल्डन बर्ड, गुलरू, शिया नोवा, खाताफाई, डॉ रेफ फ्यूल, स्वर्ण चांदी, तुलसी मिंट नामक दस समूहों ने हिस्सा लिया। प्रत्येक समूह के सदस्यों ने एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। विद्यार्थियों ने वेबसाइट के माध्यम से तरह-तरह के प्रोडक्ट बनाए और सर्विस प्रोवाइड करवाई।
सभी समूहों के छात्र-छात्राओं ने पुरानी धरोहर को सहेजना, कलर ब्लाइंडनेस की समस्या का समाधान, ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइड करवाना, विदेशियों को भारतीय संस्कृति के बारे में बताना, फूलों के बेस से अगरबत्ती, धूपबत्ती, इत्र आदि बनाना, शिया बटर से क्रीम, शैम्पू आदि बनाना, एआई के माध्यम से दुकानदारों के अकाउंट खुलवाना, जिम में रेस्टोरेंट खोलकर प्रोटीन की व्यवस्था करना, चांदी पर सोने की पॉलिश कर गहनों को कस्टमाइज करना एवं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाना जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं।
छात्र-छात्राओं के बौद्धिक कौशल का मूल्यांकन अरविंद चौधरी (आनर राधिका स्वीट्स मथुरा) तथा प्रफुल्ल गोयल (आनर प्रज्ञा पब्लिकेशन) ने किया। निर्णायकों ने विद्यार्थियों के वर्क ऑफ रिसर्च एवं प्रजेंटेशन स्किल के आधार पर विजेता तथा उप-विजेता समूहों का चयन किया। यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट में डॉ रेफ फ्यूल समूह को विजेता, खाताफाय समूह को उप-विजेता तथा तुलसी टिंट समूह को तीसरा पुरस्कार प्रदान किया गया। विजेता-उपविजेता विद्यार्थियों को ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। निर्णायकों ने छात्र-छात्राओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जिन्हें इस बार विजेता ट्रॉफी नहीं मिली उन्हें निराश नहीं होना चाहिए। आपने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया यही सबसे बड़ी जीत है। यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट की सफलता में उपासना अग्रवाल, सनी सोलंकी, एकता सिंह, श्वेता गौर आदि का विशेष योगदान रहा।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य ही छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता, समस्या-समाधान, सहयोग और लचीलेपन को महत्व देने वाली मानसिकता विकसित करना है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि 21वीं सदी चुनौतियों और अवसरों से भरी है, ऐसे में छात्र-छात्राओं की स्किल मजबूत करते हुए उनमें नवाचार के बीज प्रस्फुटित किया जाना बहुत जरूरी है। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने प्रयास जारी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे में विकास की मानसिकता होती है, जरूरत उसे समय से पहचान कर प्रोत्साहित किया जाना है। अंत में प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः अतिथियों के साथ यंग एंटरप्रेन्योर्स मीट के विजेता तथा उपविजेता छात्र-छात्राएं।

शिक्षा से शक्ति तक का सफर जीएलए में पावरलिफ्टिंग क्लब की शुरुआत

  • “पावरलिफ्टिंग केवल एक खेल नहीं, बल्कि आत्मनियंत्रण, संतुलित जीवनशैली और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक : विवेक
    जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में खेल संस्कृति को नई ऊर्जा प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय के खेल विभाग द्वारा पावरलिफ्टिंग क्लब का भव्य शुभारंभ अत्यंत उत्साह, गरिमा और परंपरागत विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुआ, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के शारीरिक सशक्तिकरण, आत्मबल वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मक खेलों के प्रति उनकी रुचि को बढ़ावा देना रहा।

इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, मुख्य वित्त अधिकारी विवेक अग्रवाल, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर क्लब का विधिवत शुभारंभ किया गया तथा मां सरस्वती एवं विश्वविद्यालय के प्रेरणा स्रोत पूज्यनीय श्री गणेशी लाल अग्रवाल जी को पुष्पांजलि अर्पित कर धार्मिक परंपराओं के अनुसार समारोह की शुभ शुरुआत की गई। इसके उपरांत क्लब के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण कर उद्घाटन समारोह को औपचारिक पूर्णता प्रदान की गई।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वित्त अधिकारी विवेक अग्रवाल ने कहा कि “पावरलिफ्टिंग केवल एक खेल नहीं, बल्कि आत्मनियंत्रण, संतुलित जीवनशैली और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक है। आज के युग में जब युवा पीढ़ी को अनेक मानसिक एवं सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में इस प्रकार के खेल न केवल शारीरिक ताकत देते हैं, बल्कि अंदर से भी व्यक्ति को मजबूत बनाते हैं। विश्वविद्यालय का यह कदम एक स्वस्थ, सशक्त और अनुशासित युवा निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

उद्घाटन समारोह को आगे संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनुप कुमार गुप्ता ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय ने सदैव विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी है और पावरलिफ्टिंग क्लब का गठन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि वह विद्यार्थियों को मानसिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से सक्षम बनाने वाली होनी चाहिए। पावरलिफ्टिंग जैसे खेल युवाओं में आत्मअनुशासन, आत्मविश्वास, साहस और दृढ़ता का संचार करते हैं। इस क्लब के माध्यम से हमारे छात्र न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का सर्वोत्तम प्रदर्शन कर सकेंगे।”

आयोजन की समस्त रूपरेखा एवं संचालन खेल विभाग के मेंटॉर एवं जिम प्रशिक्षक मनुदेव आर्य के दक्ष नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से अधिकारीगण, शिक्षकगण, कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में खेल प्रेमी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे, जिनकी सक्रिय सहभागिता ने आयोजन को ऊर्जा और प्रेरणा से भर दिया।

उद्घाटन समारोह में डीन स्टूडेंट वेलफेयर डा. हिमांशु शर्मा एवं चीफ वार्डन डा. अंबुज मिश्रा ने विद्यार्थियों को पावरलिफ्टिंग की महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय के शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के साथ-साथ तकनीकी कौशल, नवाचार, स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व विकास को समान महत्व देने की परंपरा का यह आयोजन एक उदाहरण बनकर उभरा है।

पावरलिफ्टिंग क्लब की स्थापना में विद्यार्थियों की उत्साहजनक भागीदारी रही, जिनमें प्रमुख रूप से यशवर्धन शुक्ला (अध्यक्ष), पार्थ शुक्ला (उपाध्यक्ष), हर्ष कौशिक, मुदित चौधरी, आयुष शर्मा, विष्णु, शिवम सिंह, देवेश चौहान आदि छात्रगण की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही, जिनके उत्साह, नेतृत्व और अनुशासन से क्लब को एक मजबूत आधार मिला।

त्यौहार से पहले मिठाई के गोदामों पर छापेमारी

मथुरा।आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश लखनऊ एवं जिलाधिकारी, मथुरा के आदेश के अनुपालन में आगामी रक्षाबन्धन एवं जन्माष्टमी पर्व के दृष्टिगत धीरेन्द्र प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, मथुरा के निर्देशन एवं ज्ञानपाल सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में खाद्य सचल दल द्वारा जनपद मथुरा में अभियान चलाकर कुल 16 खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रहित किये गये। कसाई पाड़ा पाण्डे वाली गली गोवर्धन से खोआ व घेवर, नौहझील से घेवर व बर्फी, कोसीकलां से घेवर व बर्फी, बल्देव क्षेत्र से घेवर एवं राया से सोनपपड़ी व घेवर, दाऊजी की बगीची वृन्दावन से मलाई लड्डू तथा रूकमणी बिहार वृन्दावन से तैयार सब्जी, डीग अड्डा गोवर्धन स्थित डेयरी से खोआ, मंडी चौराहा मथुरा से सरसों का तेल, मसानी लिंक रोड मथुरा से मोतीकंद और नमकीन, यमुना विहार लक्ष्मी नगर से कुल्फी के नमूने संग्रहित किये गये। वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर के सामने स्थित मिठाई की दुकान में अस्वच्छकर दशा में बिक्री हेतु भंडारित लगभग 10 कि0ग्रा0 दूषित पेडे़ नष्ट कराये गये। सचल दल में भरत सिंह, मोहर सिंह कुशवाह, अरूण कुमार, दलवीर सिंह, राम नरेश, धर्मेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह एवं रीना शर्मा सम्मिलित रहीं। संग्रहित किये गये उपरोक्त नमूने विश्लेषण हेतु राजकीय खाद्य प्रयोगशाला प्रेषित किये जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त अग्रिम विधिक कार्यवाही की जायेगी। दिनांक 28 जुलाई 2025 से चलाये जा रहे विशेष अभियान में अभी तक कुल 71 खाद्य एवं पेय पदार्थों के नमूने संग्रहित किये जा चुके हैं। खाद्य एवं पेय पदार्थों विशेषकर-खोआ, पनीर, दुग्ध उत्पाद से निर्मित खाद्य पदार्थ, खाद्य तेल, घी एवं वनस्पति, विभिन्न प्रकार की मिठाईयां व अन्य खाद्य पदार्थ यथा कुट्टू का आटा, बेसन, मैदा आदि में मिलावट पर प्रभावी रोकथाम हेतु विशेष अभियान जन्माष्टमी पर्व तक जारी रहेगा।

हनुमान प्रसाद धानुका ने ताईक्वांडो व वुशु प्रतियोगिता में जीते स्वर्ण पदक

वृंदावन। हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर की छात्राओं ने केशव माधव सरस्वती विद्या मंदिर, ककोड़, बुलन्दशहर में विद्या भारती पश्चिम उप्र क्षेत्र द्वारा आयोजित 37वाँ क्षेत्रीय टूर्नामेंट ताईक्वांडो व बुशु प्रतियोगिता में अपनी सहभागिता की। जिसमें छात्राओं ने 6 स्वर्ण पदक, 8 रजत व 6 कांस्य पदक जीते।
छात्रा अंतरा गुप्ता, संस्कृति आनंद, अदिति भारद्वाज, खुशबू शर्मा, तानिय प्रजापति, आभा शर्मा ने स्वर्ण पदक, परी गोयल, काश्वी गोस्वामी, अजंलि सिंह, रितिका, अर्चना कुमारी, कनक जायस, अनन्या गोला, राधिका वर्मा, दीक्षा शर्मा ने रजत एवं समृद्धि, माधवी शर्मा, राधिका जायस, निहारिका, नन्दिनी कुंतल, दीपिका सिंह ने कांस्य पदक प्राप्त किये।
ताइक्वांडो व वुशु प्रतियोगिता में विजयी छात्राएं सितम्बर माह में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता सरस्वती विद्या मंदिर, झारखण्ड में सहभागिता करेंगी।
छात्राओं की सफलता में खेल प्रशिक्षिक शीतल वशिष्ठ, सुनील सिंह व भावना सिंह का सहयोग सराहनीय रहा।
विद्यालय प्रबंध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी, रेखा माहेश्वरी, विश्वनाथ गुप्ता, कमल खण्डेलवाल, भरत शर्मा, उमेश शर्मा एवं प्रधानाचार्या डॉ. अंजू सूद ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए अपना आशीर्वाद प्रदान किया।