Monday, December 22, 2025
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संस्कृति विवि में चातुर्मास व्रत व्यास पूजा के दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ महास्वामी पौधे का रोपण करते हुए, साथ में हैं संस्कृति विवि के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता।

संस्कृति विवि में शुरू हुई जगद्गुरु शंकराचार्य की चातुर्मास व्रत व्यास पूजा
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में जगद्गुरु शंकराचार्य का चातुर्मास व्रत व्यास पूजा और संकल्प के साथ शुरू हुआ। यह व्रत सात सितंबर तक चलेगा। संस्कृति विश्वविद्यालय के सुसज्जित परिसर में जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ महास्वामी सनातन धर्म की गौरवमयी परंपरा के अनुसार पिछले 23 वर्षों से प्रतिवर्ष इस व्रत का पालन करते आ रहे हैं। व्रत के शुभारंभ पर जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा विवि के परिसर में पौधारोपण किया गया। यह आयोजन भक्ति, साधना, पर्यावरण संरक्षण, और शिक्षा का एक अनुपम संगम है, जिसमें नित्य नक्षत्र वृक्ष रोपण और प्रति सप्ताह एक हरिशंकरी वृक्ष का रोपण होगा।
बताते चलें कि सनातन धर्म में चातुर्मास (आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक) एक पवित्र अवधि है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में लीन रहते हैं और भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा इस व्रत के लिए विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। यह समय तप, साधना, भक्ति, और आत्मिक शुद्धि के लिए समर्पित है। भक्तों को कीर्तन, भागवत कथा, तुलसी पूजन और नक्षत्र वृक्ष रोपण जैसे अनुष्ठानों में भाग लेकर आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्राप्त होता है।
संस्कृति यूनिवर्सिटी का परिसर, जो इस चातुर्मास व्रत को और अधिक भव्य बनाएगा। इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भक्तजन भाग ले रहे हैं। इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा और अभिषेक, जो आत्मिक शांति प्रदान करने वाला रुद्राभिषेक, सनातन धर्म की गहराईयों को उजागर करने वाले नियमित धार्मिक अनुष्ठान, भक्ति भजन और कीर्तन, संकल्प, प्रतिदिन एक नक्षत्र वृक्ष का रोपण, जो वैदिक परंपरा के अनुसार पर्यावरण संरक्षण और नक्षत्र दोष निवारण में सहायक है, प्रति सप्ताह एक हरिशंकरी वृक्ष (पीपल, बरगद, और आँवला का संयुक्त रूप) का रोपण, जो भगवान शिव और विष्णु की कृपा का प्रतीक है, किया जाएगा। यह आयोजन भक्तों को आत्मिक शांति, सनातन धर्म के प्रति गहन समर्पण, और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का अवसर प्रदान कर रहा है।
संस्कृति यूनिवर्सिटी: शिक्षा और संस्कृति का तीर्थ
संस्कृति यूनिवर्सिटी भारत के अग्रणी निजी विश्वविद्यालयों में से एक है, जो शैक्षिक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। यह विश्वविद्यालय स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, एकीकृत, और डॉक्टरेट स्तर के विविध पाठ्यक्रम प्रदान करता है। अपनी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और उद्योग-आधारित शिक्षण अनुभवों के लिए विख्यात, यह उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ निजी विश्वविद्यालयों में शुमार है। संस्कृति यूनिवर्सिटी न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता का केंद्र है, बल्कि सनातन सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षक भी है, जो इस चातुर्मास आयोजन के माध्यम से और अधिक उजागर हो रहा है।

आर्यन माथुर और स्तुति द्विवेदी को मिली आरआईएस की कप्तानीचयनित सभी पदाधिकारियों ने ली पद और कर्तव्य-निष्ठा की शपथ


मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बुधवार को विद्यार्थी परिषद का गठन किया गया। आर्यन माथुर तथा स्तुति द्विवेदी छात्र-छात्रा वर्ग के कप्तान बने। विद्यार्थी परिषद के गठन कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल कुलभूषण कक्कड़ और प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने माँ सरस्वती पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।
विद्यार्थी परिषद के गठन से पूर्व छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, उसके बाद शानदार नृत्य प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। विद्यार्थी परिषद के चुनावों में कई राउंड पार करने के बाद आर्यन माथुर ने हेड बॉय एवं स्तुति द्विवेदी ने हेड गर्ल का पद अपने नाम किया। इसी तरह अथर्व शर्मा एवं अशिता बंसल को क्रमशः वाइस हेड बॉय एवं वाइस हेड गर्ल की पदवी मिली। इसी तरह अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी छात्र-छात्राओं की नियुक्ति की गई।
रुद्र आरोहण एवं वान्या अग्रवाल को जूनियर वर्ग का हेड बॉय एवं हेड गर्ल चुना गया वहीं राघव शर्मा एवं लावण्या खंडेलवाल को क्रमशः वाइस हेड बॉय एवं वाइस हेड गर्ल चुना गया। सीनियर वर्ग में आशु चौधरी तथा जूनियर वर्ग में जानवी चौधरी को स्पोर्ट कैप्टन की पदवी दी गई। सीनियर वर्ग में माही अग्रवाल एवं जूनियर वर्ग में आस्था जैन को सांस्कृतिक विभाग का हेड बनाया गया। इसके साथ ही आयुष गौतम, अनंत अग्रवाल, यश उपाध्याय एवं जिया को गाँधी, नेहरू, शास्त्री एवं सुभाष हाउस का कैप्टन चुना गया।
विद्यार्थी परिषद के गठन के बाद मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल कुलभूषण कक्कड़ और प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने जहां सभी नव निर्वाचित कप्तानों को बैज प्रदान कर एवं पटका पहनाकर पद एवं कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलाई वहीं शिक्षक मनोज शर्मा ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर वर्षभर की गतिविधियों से परिपूर्ण स्कूल की पत्रिका का विमोचन किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने सभी चयनित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के पदों से जिम्मेदारी का अहसास होता है जोकि उनके भावी जीवन में निखार एवं स्थिरता लाता है। स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने सभी सदनों के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल का उद्देश्य शिक्षा के साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है। हर पद का अपना महत्व है, इस बात को हमेशा ध्यान में रखा जाना जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए विद्यार्थी परिषद की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी पद हो वह विद्यार्थी को कर्तव्य-निष्ठा का बोध कराता है तथा उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल कुलभूषण कक्कड़ को स्मृति चिह्न प्रदान कर उनका आभार माना। कार्यक्रम का संचालन प्रियांशी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के स्पोर्ट्स टीचरों लोकपाल सिंह राणा, निशांत शर्मा, राहुल चौधरी, वोमेश यादव, लक्ष्मीकांत का विशेष योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः विद्यार्थी परिषद के गठन के बाद पदवी हासिल छात्र-छात्राएं मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल कुलभूषण कक्कड़ और प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान के साथ।

जॉब सर्च में एआई की उपयोगिता से रूबरू हुए राजीव एकेडमी के एमसीए विद्यार्थीजॉब मार्केट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मजबूत सहयोगीः दिव्यांक चौहान


मथुरा। एआई-आधारित टूल्स आज की कॉर्पोरेट दुनिया में आवश्यक हो गए हैं। ये टूल्स न केवल जॉब सीकर्स को उनके प्रोफाइल के अनुसार उपयुक्त नौकरियां खोजने में मदद करते हैं बल्कि साक्षात्कार की तैयारी के लिए मॉक इंटरव्यू, बॉडी लैंग्वेज विश्लेषण और परफॉर्मेंस पर फीडबैक भी देते हैं। एआई आज की जॉब मार्केट में एक मजबूत सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा है जो कैंडिडेट की सफलता की सम्भावना को कई गुना बढ़ा सकता है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट मथुरा द्वारा “जॉब सर्च में एआई का उपयोग” विषय पर आयोजित वर्कशॉप में प्रसिद्ध तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान डुकैट (नोएडा) के दिव्यांक चौहान (एआई ट्रेनर एवं विशेषज्ञ, प्रमाणित तकनीकी प्रशिक्षक) ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री चौहान ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कैसे एआई का उपयोग जॉब प्रोफाइल को बेहतर मैच करने, रेज़्यूम बिल्डिंग, कवर लेटर जनरेशन, इंटरव्यू तैयारी और जॉब ट्रैकिंग जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई जॉब एप्लिकेशन ट्रैकिंग और मैनेजमेंट को आसान बनाता है। यह न केवल एप्लिकेशन प्रक्रिया को ऑटोमेट करता है बल्कि जॉब अलर्ट्स मैनेज करने, इंटरव्यू प्रश्नों को समझने और बेहतर कंटेंट जनरेशन में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। संस्थान के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने बताया कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एआई जैसे नवीनतम तकनीकी टूल्स से लैस होना ही एक कुशल प्रोफेशनल के लिए बहुत जरूरी है। डॉ. जैन ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों की तकनीकी समझ को बढ़ाने में सहायक रही।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने वर्कशॉप को उपयोगी बताते हुए कहा कि एआई आज की आवश्यकताओं में शामिल है। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि आज के छात्र-छात्राओं का कौशल भविष्य की जरूरतों के अनुरूप विकसित किया जाना जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को जिस प्रकार की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है, उसमें केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है। उन्हें तकनीकी दक्षता, त्वरित निर्णय क्षमता और एआई जैसे उन्नत टूल्स की जानकारी होना आवश्यक है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि राजीव एकेडमी का सदैव यह प्रयास रहता है कि यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थी सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें बल्कि उन्हें व्यावसायिक और तकनीकी रूप से भी सशक्त किया जाए। एआई आधारित यह वर्कशॉप उसी दिशा में एक पहल है। उन्होंने कहा कि भविष्य की इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए इस प्रकार की स्किल्स अब विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्यता है। डॉ. भदौरिया ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों के आत्मविकास और डिजिटल दक्षता को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी।
चित्र कैप्शनः एमसीए के छात्र-छात्राओं को जॉब सर्च में एआई की उपयोगिता बताते प्रशिक्षक दिव्यांक चौहान।

जीएलए बायोटेक्नोलॉजी का दवा और वैक्सीन विकास में नवाचार की ओर कदम-जीएलए बायोटेक्नोलॉजी विभाग में आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन


जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित “दवा एवं वैक्सीन विकास हेतु नवीनतम तकनीकें और आविष्कार“ विषय पर ऑनलाइन दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। इस सम्मेलन का उद्देश्य दवा और वैक्सीन अनुसंधान में उभरती प्रवृत्तियों और नवाचारों की खोज के लिए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करना है।

सम्मेलन में प्रमुख विषयों में नवोन्मेषी ड्रग डिलीवरी सिस्टम, जैव-प्रौद्योगिकी में प्रगति, नैनोटेक्नोलॉजी और कंप्यूटेशनल टूल्स के माध्यम से दवा व वैक्सीन विकास को गति देने पर चर्चा की गई। कार्यक्रम ने अनुसंधान और उद्योग के बीच की दूरी को पाटने के लिए अंतरविषयक संवाद को प्रोत्साहित किया।

सम्मेलन में अमेरिका, जर्मनी और भारत से 6 ख्यातिप्राप्त कीनोट वक्ताओं ने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें डा. भंवर पुनिया (नेब्रास्का विश्वविद्यालय, अमेरिका), डा. राजेंद्र गुप्ता (ड्रेसडेन तकनीकी विश्वविद्यालय, जर्मनी), डा. समीर तिवारी (जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय, अमेरिका), डा. श्वेता मिश्रा (इलिनॉय विश्वविद्यालय, शिकागो, अमेरिका), प्रो. वसीम ए. सिद्दीकी (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, भारत) और डा. सौरिष राजिंदर कर्माकर (रिलायंस लाइफ साइंसेज़, नवी मुंबई) शामिल रहे।

सम्मेलन में कुल 58 वैज्ञानिक सारांश और 26 ई-पोस्टर प्रस्तुतियां की गईं। आयोजन समिति के डा. स्वरूप के. पांडेय, डा. अनुजा मिश्रा, डा. ज्योति गुप्ता, डा. सुखेन्द्र सिंह, डा. सौरभ गुप्ता एवं पीएचडी शोधार्थी समिक्षा अग्रवाल को आयोजन की सफलतापूर्वक सम्पन्नता हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि दवा और वैक्सीन विकास में नवीनतम तकनीकें और आविष्कार चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं। इन प्रगतियों ने बीमारियों के इलाज और रोकथाम के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नई दवाओं के विकास में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच सहयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उदाहरण के लिए भारत में विकसित की गई नई एंटीबायोटिक “नैफिथ्रोमाइसिन“ दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के इलाज में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। यह दवा वोकहार्ट कंपनी ने स्वदेश में विकसित की है, जिसमें बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआइआरएटी) का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है।

बायोटेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन विकास में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वैक्सीनें देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। उन्होंने बताया कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच सहयोग दवा और वैक्सीन विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सहयोग नई दवाओं और वैक्सीनों के विकास को बढ़ावा देता है और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करता है।

कुलसचिव अशोक कुमार सिंह तथा आयोजन समिति के डा. स्वरूप के. पांडेय ने कहा कि आधुनिक तकनीकों जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग दवा और वैक्सीन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ये तकनीकें नई दवाओं और वैक्सीनों के विकास को तेज और अधिक प्रभावी बना रही हैं। निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच सहयोग और आधुनिक तकनीकों का उपयोग नई दवाओं और वैक्सीनों के विकास को बढ़ावा दे रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।

सम्मेलन को सफल बनाने में डीन आरएंडडी प्रो. कमल शर्मा का विशेष योगदान रहा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भविष्य के दवा और वैक्सीन अनुसंधान में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।

आरआईएस के छात्र-छात्राओं के मॉडलों में दिखी विश्व धरोहर की झलकसामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर प्रदर्शनी में दिखाया बौद्धिक कौशल


मथुरा। छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता और कौशल मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को सामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रदर्शित कर अपनी मेधा का परिचय दिया। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं ने निर्णायकों को अपने-अपने मॉडलों की जानकारी भी दी। इस प्रदर्शनी की थीम विश्व धरोहर की झांकी रही।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि छात्र-छात्राओं के बौद्धिक क्षमता के मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में सामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर पर प्रदर्शनी लगाई गई। विश्व धरोहर की झांकी थीम पर आयोजित प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता की। प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने विश्व प्रसिद्ध स्मारक मोआई स्टैचू, स्टोनहैंज, अंगोर वट, एफिल टॉवर, क्रिस्टो रिडेंटर, ग्रैंड कैनियन, ग्रेट बैरियर रीफ, कोलोजियम हार्बर एट रियोडे जानेरो, ग्रेट वाल ऑफ चाइना, ताजमहल, माचू पिचो, पेट्रा, क्राइस्ट द रिडीमर, ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा, टेम्पल ऑफ आरथेमिस, स्टेचू ऑफ ज्यूस, लाइट हाउस, सौरमंडल, तारामंडल आदि पर अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत किए।
प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि कम्प्यूटर प्रदर्शनी के दौरान छात्र-छात्राओं ने हार्डवेयर का उपयोग करना सिखाया। इतना ही नहीं उन्होंने सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्टोरी एवं गेम बनाकर भी दिखाए। इस प्रदर्शनी को सफल बनाने में सामाजिक विज्ञान तथा कम्प्यूटर के शिक्षकों की अहम भूमिका रही। छात्र-छात्राओं की इस प्रदर्शनी का निर्णायकों प्रो. (डॉ.) सुषमा, डॉ. लारा जैन, प्रो. मोहम्मद जाहिद, असिस्टेंट प्रोफेसर दीपक चौधरी ने अवलोकन करने के बाद प्रस्तुत मॉडलों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। निर्णायकों ने विद्यार्थियों के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आपने अपना शत-प्रतिशत ज्ञान और कौशल दिखाया यही सबसे बड़ी उपलब्धि है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि बचपन से ही छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता, समस्या-समाधान, सहयोग और लचीलेपन को महत्व देने वाली मानसिकता विकसित किया जाना जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को अपने राष्ट्रीय धरोहरों की जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी चुनौतियों और अवसरों से भरी है, ऐसे में छात्र-छात्राओं की स्किल मजबूत करते हुए उनमंि नवाचार के बीज प्रस्फुटित किया जाना बहुत जरूरी है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने प्रदर्शनी में मॉडल प्रस्तुत करने वाले सभी छात्र-छात्राओं की प्रशंसा की। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने बेहतरीन प्रयास जारी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे में विकास की मानसिकता होती है, जरूरत उसे समय से पहचान कर प्रोत्साहित किया जाना है। अंत में प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्राओं के प्रदर्शित मॉडलों का मूल्यांकन करते निर्णायक।

अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स ने मनाया पेपर बैग़ डेपेपर बैग डे पर एनसीसी के 55 कैडेट्स ने पेपर बैग कार्यशाला में प्रतिभाग़ किया।


एनसीसी कैडेट्स ने पेपर बैग डे के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यशाला का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना और क्लाथ व पेपर बैग के उपयोग को बढ़ावा देना था। कार्यशाला की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल वाजपेयी जी के उद्बोधन से हुई जिसमें उन्होंने बताया कि पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए हमें जूट और पेपर से बनी चीजों का प्रयोग करना चाहिए । उन्होंने यह भी बताया कि कागज का भी प्रयोग कम से कम करना चाहिए। कैडेट्स ने स्वंय द्वारा तैयार कलाकृतियुक्त बैग्स पर पर्यावरण, सुरक्षा का संदेश चित्रित किया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कला विभाग की प्रवक्ता डॉ श्यामा ने कैडेट्स को पेपर बैग बनाना सिखाए और उसके उपयोग पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय की एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट डॉ मनोरमा कौशिक ने मुख्य अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापित किया।
सी ओ कर्नल कुलदीप सिंह ने अपने संदेश में एनसीसी कैडेट्स को “नो प्लास्टिक यूज” अभियान चलाने की प्रेरणा दी। कार्यशाला में मुख्य रूप से, पी आई दामोदर घोष, मांडवी राठौर एवं कैडेट्स तनु, अनुष्का,,दीक्षा, निशा सिंह,श्रेया सिंह की भूमिका सराहनीय रही।

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों का दीक्षांत समारोह एक भव्य आयोजन के रूप में सम्पन्न हुआ। अपने जीवन की विशेष उपलब्धि हासिल कर विद्यार्थियों में भारी खुशी छा गई ।

संस्कृति विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय दीक्षांत समारोह में कई देशों के विद्यार्थियों ने डिग्रियां कीं हासिल


संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा ने वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए 10 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एक विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के8 सेमिनार हॉल में दोपहर 2:30 बजे आरंभ हुआ और गरिमामयी परंपराओं, विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों और शैक्षणिक उपलब्धियों का जीवंत संगम बनकर उभरा।समारोह की शुरुआत भव्य शैक्षणिक जुलूस के आगमन से हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, डीन, विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य सम्मिलित हुए। मंच पर सभी गणमान्य अतिथियों के आसीन होने के पश्चात राष्ट्रगान की गरिमामयी प्रस्तुति हुई, इसके पश्चात सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन द्वारा कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया।
डीन अकादमिक
डॉ. रेनू गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज का दिन न केवल हमारे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए, बल्कि संस्कृति विश्वविद्यालय के लिए भी अत्यंत गर्व का क्षण है। विभिन्न देशों से आए इन विद्यार्थियों ने जिस समर्पण और मेहनत से अपनी शिक्षा पूरी की है, वह प्रेरणादायक है। वे जहां भी जाएँगे, हमारे विश्वविद्यालय की छवि को और ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता ने दीक्षांत समारोह का उदघाटन करते हुए कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और वैश्विक मानकों के अनुरूप विकास रहा है। हमारे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी इस लक्ष्य के जीवंत उदाहरण हैं। हमें विश्वास है कि वे अपने-अपने देशों में समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विश्वविद्यालय उन्हें अपना सांस्कृतिक और शैक्षणिक दूत2:30 मानता है।
समारोह के दौरान नामिबिया, म्यांमार, जिम्बाब्वे, तंजानिया, घाना, सूडान सहित कई देशों के 35 विद्यार्थियों को विभिन्न संकायों में डिग्रियाँ प्रदान की गईं। इन विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विज्ञान, नर्सिंग एवं अन्य पाठ्यक्रमों में अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है।
डीन डॉ. विराचल्ली ने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। डीन डॉ. डी.एस. तोमर ने स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंस, डॉ. मनीष अग्रवाल, डीन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड कॉमर्स ने विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। मंच पर डॉ. पाराशर, प्राचार्य स्कूल ऑफ नर्सिंग, रजिस्ट्रार श्री आर. एन. त्रिवेदी, नियंत्रक परीक्षा डॉ. राकेश टंडन, डीन अकादमिक डॉ. रेनू गुप्ता, तथा डीन इंजीनियरिंग डॉ. विराचल्ली की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने समारोह की शोभा को और भी बढ़ाया।
समारोह को भव्य रूप प्रदान करने में विश्वविद्यालय के समर्पित अधिकारियों और कर्मचारियों विवेक श्रीवास्तव, दिलीप सिंह तथा राहुल का भी विशेष योगदान रहा।
समारोह के समापन पर डॉ. विराचल्ली ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, शिक्षकों, और आयोजन से जुड़े सभी कर्मचारियों का हृदय से आभार व्यक्त किया।
समारोह का कुशल संचालन सुश्री ज्योति यादव,सुश्री दिव्या गेहलोत ने किया। इस भव्य आयोजन के मुख्य समन्वयक के रूप में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के समन्वयक दीपक ने अपनी भूमिका अत्यंत कुशलतापूर्वक निभाई। व्यवस्
यह विशेष दीक्षांत समारोह संस्कृति विश्वविद्यालय की उस दृष्टि को दर्शाता है, जिसमें शिक्षा की कोई सीमाएँ नहीं होतीं। विभिन्न देशों, भाषाओं और संस्कृतियों से आए विद्यार्थियों ने एकता, विद्या और प्रगति का जो संदेश दिया, वह आने वाले वर्षों तक प्रेरणा देता रहेगा। इस विशेष दीक्षांत समारोह की रूपरेखा का तानाबाना तैयार करने में डॉ रतीश शर्मा का प्रमुख योगदान रहा

जीएलए पॉलीटेक्निक के 92 प्रतिशत छात्रों को मिली नौकरी


-जीएलए में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान 72 से अधिक कंपनियों में चयनित हुए पॉलीटेक्निक के छात्र
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पॉलिटेक्निक संस्थान ने एक बार फिर से अपने छात्रों की प्रतिभा और योग्यता का लोहा मनवाया है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में आयोजित कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में पॉलीटेक्निक के 92 प्रतिशत छात्रों का चयन 72 से अधिक प्रमुख कंपनियों में हुआ है। यह उपलब्धि संस्थान के लिए एक बड़ी सफलता है और यह प्रदशित होता है कि यहां अपने छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल रही है।

इन कंपनियों में एक्मे क्लीनटेक सॉल्यूशंस, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, ब्लू स्टार, शिकागो ब्रिज एंड आयरन (मैकडरमोट), कोका कोला, डी पाइपिंग सिस्टम्स, गेट्स इंडिया, एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग, एचएलएस एशिया, केवीबी स्टाफिंग सॉल्यूशंस, मैट ब्रेक्स इंडिया, एमटीएंडटी, नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज (एनबीसी बियरिंग्स), नेपच्यून इंडिया, टेकुमसेह प्रोडक्ट्स इंडिया, यूफ्लेक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, यूनिवर्सल एमईपी प्रोजेक्ट्स एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज और विप्रो टेक्नोलॉजीज जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

यूनिवर्सिटी के पॉलिटेक्निक प्राचार्य डा. विकास कुमार शर्मा ने कहा, “हमें अपने छात्रों की इस उपलब्धि पर गर्व है। पॉलीटेक्निक संस्थान में छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे वे उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होते हैं। शिक्षक अपने छात्रों को विभिन्न लैब्स में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें उद्योग में काम करने के लिए तैयार किया जा सके। संस्थान का उद्देश्य डिप्लोमा छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करना है, ताकि वे अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।“

उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए समय-समय पर विभिन्न गतिविधियां वर्कशॉप, गेस्ट लेक्चर, सेमिनार आयोजित की जाती हैं। इन गतिविधियों से छात्रों को नवीनतम तकनीकों और ट्रेंड्स के बारे में जानकारी मिलती है। उद्योग के विशेषज्ञों से छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं और चुनौतियों से निपटने तथा अपने क्षेत्र में नवीनतम विकास और रुझानों के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने कौशल को विकसित कर सकते हैं।

इसके अलावा छात्रों को इंडस्ट्रियल विजिट भी कराई जाती है, जिससे छात्रों को उद्योग की वास्तविक दुनिया का अनुभव मिलता है और वह अपने कौशल को विकसित कर सकते हैं। जिससे अपने करियर में आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।

जीएलए ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ गोयल ने कहा, “छात्रों की इस उपलब्धि से प्लेसमेंट टीम को बहुत खुशी है कि संस्थान अपने छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्हांने बताया कि प्लेसमेंट टीम 2025-26 के छात्रों को रोजगारपरक बनाने में जुट गई है। कंपनियों से लगातार संपर्क में है।

इन लैबों में मिलता है प्रशिक्षण

छात्रों को विभिन्न लैब्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। जिनमें थर्मोडायनामिक्स और हीट ट्रांसफर प्रयोगशाला, द्रव यांत्रिकी प्रयोगशाला, मशीनिंग और विनिर्माण प्रयोगशाला, सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला, रोबोटिक्स प्रयोगशाला, कंप्यूटर एडेड डिजाइन (सीएडी) और कंप्यूटर एडेड विनिर्माण (सीएएम) प्रयोगशाला, माप और मेट्रोलॉजी प्रयोगशाला, यांत्रिक कंपन और नियंत्रण प्रणाली प्रयोगशाला, ऊर्जा रूपांतरण और अक्षय ऊर्जा प्रयोगशाला, ऑटोमोबाइल लैब, कैड कैम लैब शामिल हैं। इन लैब्स में छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे उद्योग में काम करने के लिए तैयार हो सकें।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुई फैकेल्टी डेवलपमेंट पर वर्कशॉपडॉ. अक्षिता बहुगुणा ने योग्यता आधारित शिक्षा पर डाला प्रकाश


मथुरा। योग्यता आधारित शिक्षा एक शिक्षण अधिगम पद्धति है जो छात्र-छात्राओं को परिवेश की परवाह किए बिना अपनी गति से किसी कौशल को सीखने या उसमें निपुणता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह पद्धति छात्र-छात्राओं के अधिगम परिणामों को बेहतर बनाने और विभिन्न अधिगम क्षमताओं को पूर्ण करने में मदद करती है। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में मिलेनियम पब्लिशर्स द्वारा योग्यता आधारित शिक्षा पर आयोजित वर्कशॉप में एमिनेंट स्पीकर, फ्यूचर आइकांस ग्रुप की फाउण्डर एण्ड डायरेक्टर डॉ. अक्षिता बहुगुणा ने शिक्षकों को बताईं।
डॉ. अक्षिता बहुगुणा ने बताया कि योग्यता आधारित शिक्षा एक ऐसी शैक्षिक पद्धति है, जिसमें कौशल, ज्ञान, मूल्यों और दृष्टिकोणों के प्रदर्शन का उपयोग करके सीखने में छात्र-छात्राओं की आयु तथा कक्षा उपयुक्त स्तरों पर मदद मिलती है। यह दृष्टिकोण परिणाम आधारित है तथा शिक्षकों को छात्र-छात्राओं को ज्ञान, मूल्य विकसित करने और डिग्री प्राप्त करने के बाद भी आजीवन शिक्षार्थी बनने में मदद करने में सक्षम बनाता है। सरल शब्दों में योग्यता आधारित शिक्षा की परिभाषा एक शैक्षिक मॉडल है, जो छात्र-छात्राओं के समग्र विकास को प्राथमिकता देती है।
डॉ. बहुगुणा ने बताया कि सैद्धांतिक ज्ञान छात्र-छात्राओं को किसी भी अवधारणा को समझने में मदद कर सकता है, लेकिन वास्तविक दुनिया में उन्हें एक “प्रयासशील” दृष्टिकोण, तीव्र मानसिकता और ऐसे कौशल या योग्यताएं चाहिए जो उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि आज उद्योगों को ऐसे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की आवश्यकता है जो भीड़ में अलग दिख सकें, उनके संगठन के लिए परिसम्पत्ति बन सकें तथा सर्वोत्तम प्रदर्शन कर सकें।
वर्कशॉप में डॉ. अक्षिता बहुगुणा ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षक-शिक्षिकाओं को टीचिंग स्किल्स तथा विद्यार्थियों के साथ तारतम्य बिठाने के तौर-तरीके बताए। उन्होंने कहा कि धैर्य और सहनशीलता के साथ एक शिक्षक विभिन्न अधिगम क्षमता वाले छात्र-छात्राओं को भी एक साथ सिखा सकता है। शिक्षक रियल लाइफ के नए-नए उदाहरण देकर साथ ही विद्यार्थियों से रोल प्ले करवाकर भी उनके सीखने के तरीकों आसान बना सकते हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने वर्कशॉप को सार्थक बताते हुए कहा कि ज्ञान हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। विद्यार्थी कोरे कागज के समान होते हैं जिन्हें सुघड़ सांचे में ढालने का कार्य शिक्षक ही करते हैं। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाना जरूरी है। ऐसी कार्यशालाओं से शिक्षकों को जहां अपडेट होने का मौका मिलता है वहीं शिक्षा में नयापन आने से छात्र-छात्राओं की अध्ययन के प्रति रुचि भी बढ़ती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि ईश्वर ने प्रत्येक विद्यार्थी को कोई न कोई गुण अवश्य दिया है, उस गुण में विस्तार का कार्य एक शिक्षक ही कर सकता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने एमिनेंट स्पीकर, फ्यूचर आइकांस ग्रुप की फाउण्डर एण्ड डायरेक्टर डॉ. अक्षिता बहुगुणा को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः वर्कशॉप में शिक्षक-शिक्षिकाओं को टीचिंग स्किल्स बताते हुए डॉ. अक्षिता बहुगुणा।

जैस्मिन लोकगीत तो निताई चरण शास्त्रीय संगीत में सिरमौरआरआईएस के होनहारों का भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य में जलवा


मथुरा। शिक्षा, खेलकूद ही नहीं राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं सांस्कृतिक गतिविधियों में भी किसी से कम नहीं हैं। ब्रज कला केन्द्र एवं ब्रज संगीत विद्यापीठ द्वारा, मसानी में आयोजित भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता में आरआईएस के छात्र-छात्राओं ने अपनी नयनाभिराम और कर्णप्रिय प्रस्तुतियों से सभी की वाहवाही लूटी। जैस्मिन ने लोकगीत तो निताई चरण ने शास्त्रीय संगीत में पहला स्थान हासिल किया।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि बीते दिनों ब्रज कला केन्द्र मसानी में भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने अपना कौशल और हुनर दिखाया। इस प्रतियोगिता में आरआईएस के विद्यार्थियों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। लोकगीत में जैस्मिन ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जहां विद्यालय का नाम रोशन किया वहीं शास्त्रीय संगीत में निताई चरण ने प्रथम, मानस ने द्वितीय एवं नमन ने तृतीय स्थान प्राप्त कर धाक जमाई।
प्रधानाध्यापिका मदान ने बताया कि हारमोनियम वादन में आरआईएस के छात्र मानस एवं छात्रा आराध्या ने दूसरा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आयोजकों द्वारा सभी विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि छात्र-छात्राओं की इस सफलता में संगीत शिक्षक विशाल सैनी का अहम योगदान है। उन्हीं के कुशल मार्गदर्शन में छात्र-छात्राएं गीत-संगीत की गूढ़ बातें सीखते हुए प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठता सिद्ध कर रहे हैं।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा पढ़ाई की हो या खेल तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की, जिस छात्र-छात्रा में जितना संयम और सीखने की ललक होगी, वह उतनी अधिक सफलताएं हासिल करेगा। डॉ. अग्रवाल ने लोकगीत में प्रथम स्थान हासिल करने वाली जैस्मिन तथा शास्त्रीय संगीत में सिरमौर रहने वाले निताई चरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ स्थान हासिल करना इस बात का सूचक है कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल में प्रत्येक छात्र-छात्रा के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने शानदार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्र-छात्राओं के सम्पूर्ण बौद्धिक विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इसी प्रकार अपनी मेधा और कौशल से कामयाबी हासिल करते हुए अपने स्कूल, जनपद, प्रदेश तथा माता-पिता का गौरव बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
चित्र कैप्शनः भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य प्रतियोगिता के विजेता आरआईएस के छात्र-छात्राएं।