Monday, December 22, 2025
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फाइनल से पहले पाक खिलाड़ी नदीम ले गया था नीरज चोपड़ा का भाला, रिएक्शन को गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाएं : नीरज

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नई दिल्ली। ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने गुरूवार को कहा कि तोक्यो ओलंपिक के दौरान पाकिस्तान के अरशद नदीम के उनके भाले के इस्तेमाल को लेकर की गयी उनकी टिप्पणी से हुए विवाद से वह दुखी हैं और इसे ‘‘गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाने’’ की विनती की। भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक (तोक्यो में स्वर्ण पदक) दिलाने वाले सेना के 23 साल के भाला फेंक खिलाड़ी ने कहा कि किसी को उनके नाम का इस्तेमाल किसी विवाद को खड़ा करने में नहीं करना चाहिए।

ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय चोपड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, ‘‘ मेरी आप सभी से विनती है कि मेरी टिप्पणियों को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाए। ’’ उन्होंने लिखा, ‘‘खेल हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कुछ भी टिप्पणी करने से पहले खेल के नियम जानना जरूरी होता है। मेरी हालिया टिप्पणी पर लोगों की कुछ प्रतिक्रियायें देखकर बहुत निराश हूं। ’’ उन्होंने ट्विटर पर साझा किये हुए वीडियो में कहा, ‘‘अरशद नदीम ने तैयारी के लिये मेरा भाला लिया था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, यह नियमों के अंदर ही है और कृपया मेरे नाम का इस्तेमाल इस गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये नहीं करें। ’’

चोपड़ा ने हाल में साक्षात्कार में कहा था कि वह सात अगस्त को ओलंपिक फाइनल से पूर्व अपने पहले थ्रो के लिये अपना निजी भाला ढूंढ रहे थे और उन्होंने देखा कि यह नदीम के पास था। नियमों के अनुसार किसी प्रतिस्पर्धी द्वारा अधिकारियों को सौंपा गया भाला कोई भी अन्य प्रतिभागी इस्तेमाल कर सकता है। यह नियम ‘पोल वॉल्ट’ को छोड़कर सभी फील्ड स्पर्धाओं में लागू होता है। चोपड़ा ने फाइनल में नोर्डिक ब्रांड का वालहाला भाले का इस्तेमाल किया था और उन्होंने स्पष्ट किया कि नदीम ने ऐसा करके कुछ भी गलत नहीं किया जो पांचवें स्थान पर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘एक मुद्दा (विवाद) उठ रहा है कि मैंने एक साक्षात्कार में कहा कि फाइनल (सात अगस्त को) में पहला थ्रो करने से पहले मैंने पाकिस्तानी प्रतिभागी अरशद नदीम से भाला लिया। उसका काफी बड़ा मुद्दा बन रहा है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत सरल बात है, हम अपने निजी भाले भी उसमें (भाला रखने के लिये रैक) रखते हैं पर उसको सभी थ्रोअर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह नियम है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। वह (नदीम) भाला लेकर अपने थ्रो की तैयारी कर रहा था। मैंने अपने थ्रो के लिये उससे भाला मांगा। ’’उन्होंने कहा, ‘‘यह इतनी बड़ी बात नहीं है। मुझे बहुत दुख है कि मेरा सहारा लेकर इस बात को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है। आप सभी से विनती है कि ऐसा नहीं करें। खेल सभी को मिलकर चलना सिखाता है।

हम सभी भाला फेंक थ्रोअर आपस में प्यार से रहते हैं, सभी आपस में अच्छे से बात करते हैं तो कोई भी ऐसी बात नहीं कहें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे। ’’ एक पूर्व कोच ने भी चोपड़ा के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोई विवाद नहीं है। ऐसा नहीं है कि आप अपना निजी भाला लेकर आये हो तो कोई इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता। जब आपने इसे जमा कर दिया तो अन्य भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ‘होल्डिंग रैक’ में जो भी भाले होते हैं, कोई भी प्रतिभागी इनका इस्तेमाल कर सकता है। ’’

तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस के बीच हुई डील, एक दूसरे पर नहीं करेंगे हमला

काबुल। तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस गुरुवार को एक दूसरे पर हमला नहीं करने के लिए सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ हमले नहीं करने पर डील हुई है। पिछले दो दिनों में अफगानिस्तान के परवान प्रांत के चरिकर में तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस के दो प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठकें हुई थीं।

सूत्रों के मुताबिक तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस के नेताओं द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान शांति समझौते की घोषणा की जाएगी। अफगानिस्तान के पंजशीर इलाके में तालिबान अभी तक अपना वर्चस्व जमा नहीं पाया है।

तालिबान विरोधी लड़ाकों और पूर्व अफगान सुरक्षा बलों को साथ लेकर नॉर्दर्न अलायंस ने तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। तालिबान ने भी पंजशीर के क्षेत्र को घेरने के लिए अपने लड़ाकों को भेजा हुआ है। दोनों पक्षों ने कहा है कि वे बातचीत के जरिए गतिरोध को हल करने के इच्छुक हैं।

पंजशीर हिंदू कुश पहाड़ों में गहरी संकरी घाटी है, जिसका दक्षिणी सिरा राजधानी काबुल से लगभग 80 किमी उत्तर में है। घाटी में प्रवेश करने का रास्ता काफी छोटा है, इसी कारण भूगोलीय दृष्टि से यहां के सैनिकों को रक्षा में मदद मिलती है। इसी कारण से नॉर्दर्न अलायंस के लड़ाके आसानी से तालिबान पर बढ़त बना लेते हैं।

यह बेहद दुर्गम क्षेत्र है, जिस वजह से इसको यहां की भूलभुलैया कहा जाता है। पंजशीर ऊंचे और नीचे पहाड़ों से घिरी एक घाटी है। यहां तक पहुंचना और निकलना दोनों ही बहुत मुश्किल हैं। तालिबान ही नहीं अमेरिका भी यहां तक नहीं पहुंच सका।

भगवान गणेश के शरीर का प्रत्येक अंग और उनसे जुड़ी चीजों में धार्मिक दृष्टि से छुपा है रहस्य, जानिये

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी महासिद्धि विनायक कहलाती है। इसी दिन से गणपति उत्सव की शुरुआत होती है। इस साल गणेश चतुर्थी का महापर्व 10 सितंबर से शुरु होगा। इस दिन जहां-जहां गणपति की पूजा-आराधना होती है, वहां-वहां पर गणपति के भक्तों के द्वारा लगाया जाने वाला ‘गणपति बप्पा मोरया’ का जयघोष सुनाई देता है।


वेदों और पुराणों के अनुसार श्री गणेशजी आदि-देवता हैं। श्री गणेश जी की पूजा प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति उन्हें अपने भाव से पूजता है। जैसे कोई उन्हें दु:खहरता तो कोई सुखकरता के नाम से पूजता है। गणपति गुणों की खान हैं और उनका शरीर और उनसे जुड़ी हर चीज अपने भीतर कोई न कोई गुण को समाहित किये हुई है।


क्या कहता हैं गणपति का सिर भगवान गणेश जी का सिर हाथी का है। हाथी सभी प्राणियों में सबसे अधिक बुद्धिमान होता है। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि आपको जीवन की ऊंचाई को प्राप्त करना है तो आपको बुद्धिमान होना चाहिए। गणपति के बड़े कान का अर्थ आप सभी ने देखा होगा कि हाथी के कान सूप की तरह होते हैं और सूप का गुण होता है छिलके को फेंक कर अन्न (सत्व) को अपने पास बचाए रखना। कहने का तात्पर्य यह है कि हम बातें सभी की सुनें लेकिन उसमें से अच्छी चीजों का सार लेकर बाकी को छोड़ दें।

गणपति की छोटी आंख श्री गणेश जी की छोटी आंखें मनुष्य को जीवन में सूक्ष्म दृष्टि रखने की प्रेरणा देती हैं। हालांकि गणपति की छोटी आंखें दीर्घदृष्टि की भी सूचक हैं। गणपति की लंबी सूंड़ गणपति की लंबी सूंड़ दूर तक सूंघने में समर्थ है, जो हमें दूरदर्शी होने की सीख देती है। कहने का तात्पर्य है कि हमें दूर का सोच कर चलना चाहिए और किसी भी खतरे को पहले ही सूंघ लेने या फिर कहें अंदाजा लगा लेने का गुण रखना चाहिए। गणपति की लंबा पेट गणपति को लंबोदर भी कहा जाता है। गणपति के पेट के बड़े आकार का अर्थ है कि सबकी सुनी हुई बातों को अपने पेट में रखना चाहिए।

इन राशि पर रहती है मां लक्ष्मी विशेष कृपा, रोजाना करें ये छोटा सा उपाय

ज्योतिषशास्त्र में 12 राशियों का वर्णन है। इन 12 राशियों में से कुछ राशियों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है। वृष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि पर मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उसे जीवन में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। वैसे तो वृष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि पर मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं, लेकिन इन राशियों के जातकों को मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रोजाना श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।


श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख- शांति और समृद्धि आती है।

(श्री लक्ष्मी चालीसा):

॥ सोरठा॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥

श्री लक्ष्मी चालीसा
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा॥1॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दु:ख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दु:ख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास। जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर। मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

कोह गांव में नहीं थम रहा बच्चों की मौतों का सिलसिला, एक और मौत, गांववासियों ने लगाए गंभीर आरोप

विनीत उपाध्याय
मथुरा।
फरह ब्लॉक के कोह गांव में बीमारी से बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को एक और मासूम बच्ची ने बीमारी के चलते दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की दवा और प्रयास दोनों ही नाकाम रहे। पिछले एक पखवाड़े में आठ बच्चों की मौत के बाद गांव में बीमारी को लेकर भय बना हुआ है। गांववासियों को अपनी और बच्चों की चिंता सताने लगी है।


बताया जा रहा है की सुहानी पुत्री अकबर उम्र 8 साल दो तीन दिन से बीमार हो गयी थी सुहानी के पिता ने गाँब मे लग रहे दवाइयो के केम्प से सुहानी को दवा दिला दी थी और उन दवाओं से सुहानी को कोई लाभ नहीं हुआ और बीमारी के चलते आज सुहानी ने दम तोड़ दिया। गांव में बीमारी से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है।
गांववासियों का आरोप है कि स्वास्थ्य शिविर में डॉक्टर जो दवा मरीजों को दे रहे हंै। वह नाकाम हैं।

गांववासियों ने आश्ांका जताई कि नकली दवाइयां मरीजों को दी जा रही है। गांववासियों का यह भी कहना है कि सभी मरीजों को सिर्फ एक ही तरह की दो गोली दे रहे हैं। कोह के लोगों ने घरों को छोड़कर अपने रिस्तेदारों के यहां के घर जाना शुरु कर दिया है। बच्चों की मौत से गांव व आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर धूमधाम से मनेगा 5248 वां श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव

  • भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा
  • जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे मंदिर के पट

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में 5248 वां श्रीकृष्णजन्म महोत्सव मनाया जाएगा। महोेत्सव के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को सजाया जा रहा है। गर्भगृह को कारागार का रुप दिया जा रहा है। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक, मंगला आरती, श्रृंगार आरती और भक्तों को दर्शन के लिए समय निर्धारित किया गया है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में 30 अगस्त सोमवार को जन्म महोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं और परम्पराआें के मध्य मनाया जाएगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाआें का मंचन होगा। जो कि भक्तों की आकर्षण का केन्द्र रहेगा।

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन सोमवार प्रात: शहनाई और नगाड़े बजेंगे। भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान मंत्रोच्चारों के मध्य पुष्पार्चन किया जाएगा। प्रात: दस बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम भागवत भवन मंदिर में श्रीराधाकृष्ण के श्रीविग्रह के समक्ष किया जाएगा। इस दौरान भजन गायिका कीर्ति किशोरी द्वारा भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।

कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे से शुरु होगा। सर्वप्रथम श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन होगा। इसके बाद 1008 कमल पुष्प से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन किया जाएगा। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का प्राकट़्य के साथ ही संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल, नगाड़े, झांझ, मंजीरा और मृदंग बज उठेंगे। भगवान कृष्ण की महाआरती की जाएगी। जो कि रात्रि 12.15 बजे तक होगी।

भगवान कृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। घण्टे-घड़ियाल और शंखध्वनि के मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का स्वागत होगा। चांदी के कमल पुष्प में भगवान का दूध, दही, घी, बूरा, शहर एवं दिव्य औषधि एवं वनस्पतियोंं से अभिषेक किया जाएगा। भगवान का प्रथम जन्माभिषेक स्वर्णमढ़ित चांदी की कामधेनु स्वरुपा गौमाता द्वारा होगा।


भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा। इसके पश्चात 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे। लडडू गोपाल का बड़ी मात्रा में लड्डू एवं मेवा-पाग का भोग लगाया जाएगा। भगवान के भोग लिए कुशल कारीगर एवं भक्तगण रात-दिन स्वादिष्ट लड्डू और मेवा पाग तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मेवे, गौंद, मिगी के लड्डूओं का भोग लगाया जाएगा।

लेखपाल सुरेन्द्र कुमार निलंबित, तहसीलदार महावन को दिए जांच के निर्देश

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मथुरा। एसडीएम महावन ने लेखपाल सुरेन्द्र कुमार को निलंबित कर दिया है। लेखपाल को निलंबन के दौरान महावन के रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। लेखपाल पर दो अलग-अलग मामलों में लापरवाही बरतने और न्यायालय एवं अधिकारियों के आदेश की अवहेलना का आरोप है। एसडीएम द्वारा इस अनुशासनात्मक कार्रवाई में तहसीलदार महावन को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। यह 15 दिनों के अन्दर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।


एसडीएम महावन कृष्णानन्द तिवारी द्वारा जारी निलंबन के आदेश में बताया कि राजस्व निरीक्षक महावन द्वारा 15 अगस्त को जांच रिपोर्ट एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिसमें बताया गया कि लेखपाल सुरेन्द्र कुमार ने 12 अगस्त को ग्राम मंसा खण्ड पटलौनी में चकमार्ग और नाली के मामले में न्यालय के स्टे ऑर्डर के बाजवूद स्थिति में परिवर्तन का प्रयास किया गया। जो कि उच्चाधिकारियों के आदेश के उल्लंघन के साथ न्यायालय के आदेश की अवमानना भी की है।

वहीं लेखपाल सुरेन्द्र कुमार पर दूसरा आरोप है कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका के मामले में नेपाल बनाम उत्तरप्रदेश राज्य में पारित निर्णय में अतिक्रमण मुक्त कार्रवाई करनी थी। लेकिन कार्यवाही न करके अवैधानिक कार्य किया गया। इस तरह की जांच रिपोर्ट के बाद लेखपाल को एसडीएम कृष्णानन्द तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रिंस ने बढ़ाया मथुरा का मान


ओपन नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में जीता सिल्वर मेडल


मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं शिक्षा ही नहीं बल्कि अन्य गतिविधियों में भी बेजोड़ हैं। हाल ही आल इंडिया स्पोर्ट्स एकेडमी (अण्डर द मैनेजमेंट आफ कशीष फाउण्डेशन चैरिटेबल ट्रस्ट) के तत्वावधान में जामा एकेडमी के सहयोग से आयोजित प्रथम ओपन नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में राजीव इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा नौवीं के छात्र प्रिंस सिंह ने सिल्वर मेडल जीतकर खेलों में समूचे बृज मण्डल का मान बढ़ाया है।


स्कूल के शारीरिक शिक्षक गोविन्द सिंह का कहना है कि प्रिंस सिंह ने ओपन नेशनल ताइक्वांडो की अण्डर-14 क्यूरोगी स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता। प्रिंस इससे पहले भी जिला और राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीत चुका है। प्रिंस की इस शानदार सफलता पर आर.के. एज्यूकेशनल हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल, स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान, कशीष फाउण्डेशन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कृष्णजीत सिंह नागर, आल इंडिया स्पोर्ट्स एकेडमी के जिला अध्यक्ष डॉ. रोहित सिंह, आल इंडिया स्पोर्ट्स एकेडमी की जिला सचिव पिंकी वर्मा, आल इंडिया स्पोर्ट्स एकेडमी के कोषाध्यक्ष आरिफ कुरैशी तथा संयुक्त सचिव सलमान कुरैशी आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छात्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


प्रिंस की शानदार सफलता पर खुशी जताते हुए आर.के. एज्यूकेशनल हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि शैक्षिक जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। खेलों से तन-मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में खेल समय की बर्बादी नहीं बल्कि अच्छा करिअर बनाने का माध्यम भी हैं। उन्होंने टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर कोई भी युवा अपने सपनों को पंख लगा सकता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद जो खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर मेडल जीत रहे हैं, उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।

स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजीव इंटरनेशनल स्कूल शिक्षा के साथ ही छात्र-छात्राओं को हर गतिविधि में हिस्सा दिलाकर उनका सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास करता है। श्री अग्रवाल ने प्रिंस की सफलता को समूचे बृज मण्डल के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि मानते हुए कहा कि हर छात्र और छात्रा को कुछ समय खेलों के लिए अवश्य देना चाहिए ताकि वे अपने आपको तरोताजा रख सकें।

चित्र कैप्शनः ओपन नेशनल ताइक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाला प्रिंस और स्कूल की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान व शारीरिक शिक्षक गोविन्द सिंह।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर धूमधाम से मनेगा 5248 वां श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव

  • भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा
  • जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे मंदिर के पट

मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में 5248 वां श्रीकृष्णजन्म महोत्सव मनाया जाएगा। महोेत्सव के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को सजाया जा रहा है। गर्भगृह को कारागार का रुप दिया जा रहा है। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक, मंगला आरती, श्रृंगार आरती और भक्तों को दर्शन के लिए समय निर्धारित किया गया है।


श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में 30 अगस्त सोमवार को जन्म महोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं और परम्पराआें के मध्य मनाया जाएगा। गर्भगृह के बाहरी हिस्से में भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाआें का मंचन होगा। जो कि भक्तों की आकर्षण का केन्द्र रहेगा।

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन सोमवार प्रात: शहनाई और नगाड़े बजेंगे। भगवान की मंगला आरती के दर्शन होंगे। इसके बाद भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान मंत्रोच्चारों के मध्य पुष्पार्चन किया जाएगा। प्रात: दस बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम भागवत भवन मंदिर में श्रीराधाकृष्ण के श्रीविग्रह के समक्ष किया जाएगा। इस दौरान भजन गायिका कीर्ति किशोरी द्वारा भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।

कपिल शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे से शुरु होगा। सर्वप्रथम श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन होगा। इसके बाद 1008 कमल पुष्प से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन किया जाएगा। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का प्राकट़्य के साथ ही संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल, नगाड़े, झांझ, मंजीरा और मृदंग बज उठेंगे। भगवान कृष्ण की महाआरती की जाएगी। जो कि रात्रि 12.15 बजे तक होगी।

भगवान कृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। घण्टे-घड़ियाल और शंखध्वनि के मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का स्वागत होगा। चांदी के कमल पुष्प में भगवान का दूध, दही, घी, बूरा, शहर एवं दिव्य औषधि एवं वनस्पतियोंं से अभिषेक किया जाएगा। भगवान का प्रथम जन्माभिषेक स्वर्णमढ़ित चांदी की कामधेनु स्वरुपा गौमाता द्वारा होगा।

भगवान का जन्माभिषेक रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक होगा। इसके पश्चात 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन होंगे। जन्म के दर्शन रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे। लडडू गोपाल का बड़ी मात्रा में लड्डू एवं मेवा-पाग का भोग लगाया जाएगा। भगवान के भोग लिए कुशल कारीगर एवं भक्तगण रात-दिन स्वादिष्ट लड्डू और मेवा पाग तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मेवे, गौंद, मिगी के लड्डूओं का भोग लगाया जाएगा।

सांसद एवं अभिनेत्री नुसरत जहां बनीं मां, कोलकाता के अस्पताल में दिया बेटे को जन्म

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कोलकाता। बंगाली एक्ट्रेस और तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां, जो पिछले कुछ समय से अपनी पर्सनल जिंदगी में आई उथल-पुलथ को लेकर सुर्खियों में आई थीं, अब मां बन गई हैं। नुसरत ने कोलकाता के अस्पताल में आज सुबह बेटे को जन्म दिया है। उन्होंने अपनी अस्पताल से एक तस्वीर सोशल प्लेटफार्म पर शेयर की थी और खुद के लिए सकारात्मकता की बात की थी। तस्‍वीर के कैप्शन में लिखा है- ‘डर के ऊपर भरोसा. #positivity #morningvibes’ इसके साथ ही उन्होंने एक रेड हार्ट इमोजी भी पोस्ट किया है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक मां-बेटे की हालत स्थिर है। बच्चा 2.9 किलो का है और अभी चिकित्सकीय निगरानी में है। प्रक्रिया में कोई जटिलता नहीं है। जल्द ही उन्हें उनके केबिन में शफ्टि कर दिया जाएगा।

नुसरत जहां ने जून 2019 में बजिनेसमैन निखिल जैन से तुर्की में शादी की थी। इस डेस्टिनेशन वेडिंग की कई तस्वीरें सामने आई थीं। लेकिन एक साल के भीतर ही इनके बीच चीजें बिगड़ीं और दोनों के तलाक की खबरें सामने आईं। ऐसे में नुसरत ने एक बयान जारी कर अपनी शादी को ‘गैरकानूनी’ घोषित कर दिया था। नुसरत ने बयान जारी किया कि वह अलग रह रही हैं और गर्भवती हैं।